कविता :- 20(45) , साहित्य एक नज़र अंक - 53 , शुक्रवार , 02/07/2021, गोलू यहां निमंत्रण
कविता :- 20(45)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कहाँ मैं हार गया -
कहाँ मैं हार गया ,
हाँ हारा हुआ साल गया ।
दूर हुए तो क्या हुआ
आपको क्या लगा
मेरा वह व्यवहार गया ,
वही व्यवहार से मेरा
हार भी हार गया ।।
गिरते उठते
जहाँ तक हुआ
लगातार गया ।
औरों से नहीं मैं
अपनों से हार गया ,
कुछ साथ तो कुछ साथ
छोड़कर इस पार से उस पार गया ,
बदलने दो दुनिया को .
न जाने देंगे ..
नहीं मेरा वह व्यवहार गया ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(45)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
02/07/2021 , शुक्रवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 53
Sahitya Ek Nazar
02 July 2021 , Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साहित्य एक नज़र
https://youtube.com/shorts/SZqpF67YrnA?feature=share
साहित्य संगम संस्थान
रोशन कुमार झा
https://youtu.be/GCdTyK_PQJo
*समूह - 48*
*********
**************************************
*बैच-169*
*(दि• 22.04.2021 सँ दि• 21.07.2021 तक)*
*मिथिला विभूति पं. अजय नाथ झा शास्त्री (संरक्षक) /संस्थापक*
******************
**************************************
*1)उत्कृष्ट संरक्षक श्री कृष्णकान्त झा-8/8/5*.
*2)संरक्षक श्री शंकरनाथ मिश्र-13/122 🔯*
*3)संरक्षक श्री अश्विनी कुमार चौधरी-71/134*
*4)संरक्षक श्री दिलीप कुमार झा -53/157*
**************************************
*************************
*1)श्री जयपाल 100-निर्देशक*
*2)श्री ललित झा 106-निर्देशक*
*************************
******************************
*1)मार्गदर्शक श्री स्वतंत्र कुमार 130*
*2) मार्गदर्शक श्री रितेश कुमार 141*
*3) मार्गदर्शक श्री प्रभाकांत 88*
*4) मार्गदर्शक श्री कमल किशोर सिंह 119*
*****************************
*कक्षा- उच्च वर्ग*
***************
**************************************
*नामांकित सदस्य आओर काल्हिक हाजरी :- 02/07/2021*
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***************
1.रोशन कुमार🅿️
6290640716
2.सुभाष दत्त झा🅿️
3.सोमेश कुमार 🆎3🆑
*************
***********
🅿️उपस्थित
🆎अनुपस्थित
🆑अवकाश
***********
*********************
उपस्थित सदस्य सं०- 02
अनुपस्थित सदस्य सं०- 00
अवकाश पर सदस्य सं०-01
*********************
***********************************
*विद्यालय मे नियमित आ अनुशासित रहब आवश्यक अछि।*
**************
**********************************
मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश(रजि०) त्रैमासिक पत्रिका द्वारा संचालित
*"मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान"*
****************************
साहित्य एक नज़र 🌅
अंक - 54
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/54-03072021.html
कविता :- 20(46) , शनिवार , 03/07/2021 , अंक - 54
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2046-03072021-54.html
अंक - 55
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/55-04072021.html
कविता :- 20(47) ,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2047-04072021-55.html
अंक - 56
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/56-05072021.html
कविता :- 20(48)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2048-05072021-56.html
अंक - 57
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/57-06072021.html
कविता :- 20(49)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2049-06072021-57.html
अंक - 58
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/58-06072021.html
कविता :- 20(50)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2050-07072021-58.html
अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html
कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html
13:01 - Redmi फोन से मेमोरी कार्ड निकालें गांव में रहें गोलू दीपक घर में होम सब होता रहा आज निमंत्रण होम सब हुआ रहा जनरेटर लगा रहा ।
। आनंद परौल में रहा । मोनू से बात किए । आशीष दोस्त बलाईन वाला घर पास मिलैत ट्यूशन झमना टोल पर पढ़वैय छेतीन ।
कल उपेन्द्र काका बात केलकीन गोविंद बी. कॉम कोअ कअ दिल्ली गेल अहाँ कि करैत छी कहलियन हिन्दी आनर्स तृतीय वर्ष कहलकीन बहुत नीक बंगाल सअ हिन्दी आनर्स ।
कल आ. डॉ पल्लवी कुमारी आशीष से बात किया बरसात दिया विषय , आ. पल्लवी बोली आशीष को रोशन जी आपके नम्बर दिए हैं ।
23:11 आये खाकर 10 रुपया दिया पीला पनी प्लास्टिक में , हम खिलाएं मालदह आम कच्चा रहा बबली बहन मनीषा चंदन बहन जाया जूही रही आम खोजकर दिए कच्चा रहा बोले भी एहने छोअ , मोबाइल और टॉर्च लाल दादी को दिए हम खिलाने लगें हम दीपक राधे भईया के बेटा दीपू मीरा दीदी बेटा छोटा रहा लाल दाई आंगन में खिलाया कचौड़ी सब्जी, खीर आम , लड्डू
मंगनू काका , भविन्द्र चाचा , काली भईया बबलू भईया विद्या काका बेटा 27 ब्रह्माण रहा ।
हम , विनोद भईया , बाबू साहब चाचा , दुर्गेश चाचा एक साथ खाएं हरि चाचा बलन्डा पर
गोलू बोला अंशु नैय ऐलो, दुर्गेश चाचा बेटा एल रहैय
22:21 पूजा फोन की लाल दाई घर में हम फोन बंद कर दिए लखन काका सब खाते रहें ।
खुनिया मर गई उसी का काम क्रिया के लिए आया आनंद का नाना का फोन नम्बर लेने के लिए नहीं रहा ।
[02/07, 12:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहुत नीक 🙏💐
[02/07, 23:47] Ashish: https://youtu.be/SVi3YxF6gTA
[03/07, 00:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: 👍👍👍👍👍
[02/07, 19:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: Papa jii patala gaya hai
[02/07, 22:20] Babu 💓: Jaan
[02/07, 22:22] Babu 💓: Kaha busy ho
[02/07, 23:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sabko kila rahe tha
[02/07, 10:08] डॉ पल्लवी जी: सुप्रभात भाई। 🌻
[02/07, 10:10] डॉ पल्लवी जी: "बरसात"शिर्षक पर सहमति बनी है अगले अंक के लिए।
[02/07, 10:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी कल पोस्टर पोस्ट कर दीजियेगा आज पोस्टर बना देंगे ।
[02/07, 10:36] डॉ पल्लवी जी: ठीक है।
[02/07, 21:35] डॉ पल्लवी जी: भाई कवर पर बारिश का कुछ दृश्य बन सकता है क्या?
[02/07, 21:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी बनायेंगे ।
[02/07, 21:36] डॉ पल्लवी जी: अच्छा लगेगा।
[02/07, 21:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[24/06, 21:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: वाह गुरूजी आप 35 साल के अनुभवी है हम तो बस अभी अभी आएं है , इसी तरह मार्ग दर्शन करते रहिए ।
[02/07, 20:17] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: लिखिए बारिश को आवाज देता एक गीत।
कल ३-७-२०२१ शनिवार की शाम आठ बजे तक इसी पटल पर भेजिए।
साथ ही अपना फोटो भी।
हां रचना स्वरचित और अप्रकाशित की घोषणा लिखना न भूलिएगा।
[02/07, 20:17] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: आप भेजिए अपनी रचना मित्र
[02/07, 20:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 गुरु जी 🙏💐
[01/07, 08:41] +91 : मैं अशोक शर्मा
[01/07, 08:41] +91 : लक्ष्मीगंज
[01/07, 08:41] +91 : कुशीनगर
[01/07, 08:41] +91 : से
[01/07, 08:41] +91 : उ.प्र.
[01/07, 08:41] +91 : 🙏
[02/07, 10:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: बोलिए
[02/07, 10:31] +91 : महोदय,
मैं काव्य रचनाएं लिखता हूँ। अपनी स्वलिखित व मौलिक रचनाओं को आपकी पत्रिका में जगह पाने के लिए प्रार्थना करता हूँ।🙏
[02/07, 10:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/?ref=share
[02/07, 10:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: फेसबुक पर हमलोग पोस्टर देते है वहीं कामेंट बाक्स में भेजिएगा 🙏💐
[02/07, 10:38] +91 : Ok
[02/07, 18:37] +91 : Sir plz approve me so that I can send our creation.🙏
[02/07, 18:37] +91 : At facebook
[02/07, 18:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है देख रहा हूं
[02/07, 18:43] +91 : श्रीमान कॉमेंट बॉक्स को छूने पर participating in public group लिख रहा है, और टाइपिंग नही हो पा रहा है।
[02/07, 18:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: वहां क्लिक कीजिए आदरणीय श्री 🙏
[02/07, 19:42] +91 : अभी भी कॉमेंट बबोक्स में टाइप नह8 हो।पा रहा है
[02/07, 19:54] +91 : Plz 🙏👇
[02/07, 19:54] +: जीवन में धैर्य जरूरी है
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
मानव जीवन मिला भाग्य से ,
अब क्रोध अगन हटाना है।
काँटो पर चल मिलती मंजिल,
बस धैर्य को अपनाना है।
एक एक पग चल करके,
मिलों का सफर कटाना है।
चींटी जैसे धैर्य रखकर,
भारी भरकम बोझ उठाना है।
सारी विपदाएं टल जाती,
जब हो मन में धैर्य अपार।
बंजर को भी जोते धैर्य से,
तो हो हरियाली अपरम्पार।
जब सब अपने साथ छोड़ दें,
दिखे ना कोई जब तुम्हारा,
एक धैर्य अगर साथ रहेगा,
देगा जीवन भर सहारा।
घबराने से होता है क्या,
मुश्किलें और बढ़ जाती हैं।
धैर्य रख , धराने से धैर्य,
महामारी भी मुँह छिपाती है।
--अशोक शर्मा, कुशीनगर ,उ.प्र
[02/07, 19:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[02/07, 19:56] +91 98387: कल की पत्रिका में प्रकाशित करने की विनम्र प्रार्थना🙏
[03/07, 08:17] +91 : Sir, 52 ,53 men to nhi aayi meri rachna.
[03/07, 08:19] +91 : धन्यवाद
[03/07, 08:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप कल शाम में दिए और कल ही प्रकाशित हो जायेगी ।
[03/07, 08:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: जल्दीबाजी वाले को मेरे पास स्थान नहीं है साहब माफ कीजिएगा 🙏🙏🙏💐
[03/07, 08:19] +91 7: धन्यवाद
[03/07, 08:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: वहां आप क्लिक कीजिए यहां आपकी अनुरोध आ जायेगी
[02/07, 19:25] आ प्रभात जी: Super 👌👌
[02/07, 19:26] आ प्रभात जी: Very nice
[02/07, 19:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद 🙏 भाई
[01/07, 22:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏💐
[02/07, 18:19] ज्योति झा जी: মিথিLITERATURE के दोसर अंक के प्रकाशित करबाक तीथि आगु बढ़ेबे की?
[02/07, 18:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहिन विषय बदैल दियोअ आर मासिक कोअ दियोअ
[02/07, 18:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: पूर्ण मैथिली
[02/07, 18:32] ज्योति झा जी: मासिक क' दियोअ
[02/07, 18:32] ज्योति झा जी: मुदा विषय नैय बदलियों
[02/07, 18:33] ज्योति झा जी: कियाक की किछ लोग अई पर रचना केने छथिन्ह
[02/07, 18:33] ज्योति झा जी: 🙏🏼
[02/07, 18:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक छैय
[02/07, 18:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: मैथिली रचनाएं लेब बहिन
[02/07, 18:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: अहाके सहयोग के जरूरत विश्व साहित्य संस्थान के छैय
[02/07, 18:36] ज्योति झा जी: 🙏🏼
[02/07, 18:36] ज्योति झा जी: जे सम्भव हेत हमरा पुते से हम करब🙏🏼
[02/07, 18:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: जरूर बहिन
[02/07, 18:37] ज्योति झा जी: अखन तक त' एकोगो नैय अैल अछि
[02/07, 18:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: डॉ पल्लवी जी सअ कीछ होवे भला नैय छैय
[02/07, 18:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जरूर हेएत
[02/07, 18:38] ज्योति झा जी: हम पढ़लौ हुनकर सम्पादकी
[02/07, 18:39] ज्योति झा जी: *सम्पादकीय
[02/07, 18:39] ज्योति झा जी: लेख लागेय छल
[02/07, 18:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंत में जेए लिखने छीय विश्व साहित्य संस्थान के बारे में सेअ हम अप्पन तरफ सअ
[02/07, 18:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: पीएचडी केनेए छैत
[02/07, 18:41] ज्योति झा जी: की कहल जैय
[02/07, 18:41] ज्योति झा जी: ऐहन मनुख के
[02/07, 18:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां बहिन
[02/07, 18:52] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक गो मैथिली ग्रुप में लिंक भेजनोऊ हेअ अप्पन मधुबनी इकाई वाला
[02/07, 19:17] ज्योति झा जी: जी🙏🏼
[03/07, 07:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐
[02/07, 12:16] आ सपना जी: सादर नमन आदरणीय।
मुझे कविता भेजना था प्रकाशन के लिए पर लगता है मैं देरी कर दी है आज?
[02/07, 12:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: भेजिए
[02/07, 12:18] आ सपना जी: जी
[02/07, 12:18] आ सपना जी: मैंने
[02/07, 12:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[02/07, 18:29] आ सपना जी: हार्दिक आभार आदरणीय।
[02/07, 18:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[02/07, 18:44] +91 : आदरणीय महोदय नमस्कार बहुत सुंदर प्रयास है आपका।
विनोद कुमार सीताराम दुबे शिक्षक व हिंदी प्रचारक गुरु नानक इंग्लिश हाई स्कूल एन्ड जूनियर कालेज भांडुप मुंबई महाराष्ट्र
[02/07, 18:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 धन्यवाद सह सादर आभार 🙏
[02/07, 14:23] +91 : Sr ji kavita prakashit hui hai kya?
[02/07, 14:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: फेसबुक पर आज के पोस्टर में भेजिएगा 🙏💐
[29/06, 22:56] +91 : सर जी फ़ेसबुक में कमेन्ट ऑप्सन नहीं आ रहा है।सुरेश लाल श्रीवास्तव, अम्बेडकरनगर, उत्तर प्रदेश
[29/06, 23:06] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[02/07, 20:46] +91 : फेसबुक पर कमेंट बॉक्स न खुलने के कारण व्हाट्सएप पर भेजना मजबूरी हुई।आदरणीय
[02/07, 21:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
19:09 मोनू से बात किए 22 मिनट तक
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हिन्दी कविता:-12(72)
03-07-2019 बुधवार 13:20
*®• रोशन कुमार झा
-:घूम कर नहीं कुछ करके आना!:-
दिल्ली-मुम्बई गया बंगाल-बिहार!
राह रोशन करके बदलते रहना अपना हाल!
राज्य का राजन की तरह रखना विचार,
जा शुभ हो यात्रा तेरा छोड़ने आया हूँ
कोलकाता का स्टेशन शालिमार!
राहुल अरूण ग्रह से लड़ना,
अपना हर इच्छा को भरना!
इच्छा के साथ ही चलना,
सपना में नहीं हक़ीक़त में ही पड़ना!
बस कमाना रुपया दो चार,
वह भी करके ईमानदारी की बाजार!
मिलने आना हर एक साल,
दुख की वेदना बढ़ रही है क्योंकि हूँ
एक ही माँ का लाल!
आँसू है आँख में,दर्द है दिल में,
पानी है नल में आशा रखा हूँ झील में,
जा रहे हो दूर छोड़ने आया हूँ भीड़ में,
आनंद की रास हो हमेशा
तुम्हारे महफ़िल में!
*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(72)
03-07-2019 बुधवार 13:20
सलकिया विक्रम विधालय
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
राहुल कचौरी खिलाया शालीमार मुम्बई
छोड़े Video
22-30 तक लिलुआ टिफिन लाया
3000 दिये राजन मो
कल Driving q(1-107)Twitter FB पर
31st Bengal Bn Ncc#Pmkvy
E.Rly,Scouts
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=318879229001491&id=100026382485434
शीर्षककविता:-7(004),विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(004
तुही प्रभु मेरा सब कुछ?
खुदा मसीहा प्रभु राम व शंकर,
तुही मेरा सब कुछ तुही मेरा अंकल!
मार्ग किया रोशन हम बने कुड़ा कड़कट नाली,
अगल मुझे तुममें समाने का मोका मिल जायें
तो कोन होगा मेरा जैसा भाग्य-शाली!
प्रभु सुन मेरा पुकार,
मै बेघर पक्षी हुँ तु नही करेंगा तो करेंगा कोन
मेरा दुलार!
तुही मेरा विश्वास, तुही मेरा सॉस,
मोह-माया से पीड़ीत हुँ कैसे ऑऊ तेरे पास!
तुही मेरा धन सम्पति तुही मेरा मन,
एक बार बाल रूप में कुष्ण आ जा मेरे
सामने मै देखकर हो जाऊँगा प्रसन्न!
तुही मेरा कागज तुही मेरा कलम,
हे भगवती मॉ सरस्वती कब से विनती कर
रहा हुँ बालक हम!
कर दे दया भर दे स्वर,
मेरा जैसा पापी का समस्या कर दे हल!
तुही मेरा मॉ तुही मेरा पिता,
तुझसे ही जन्म लिया तुझमें ही समाना है
बस जल तो जाये मेरा चिता!
यह शुभ समचार लेकर कब आयेंगे यमराज,
प्रभु तुझमें समाने के लिए पापी रोशन
तैयार है छोड़ सकता है घर
परिवार और समाज!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716मंगलवार01:10
03-07-2018Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager Howrah
Ncc,pmkvy, E.Rly.Scout
अंक - 53
https://online.fliphtml5.com/axiwx/usjk/
अंक - 52
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ucgf/
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uuxw/
अंक - 51
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ruci/
अंक - 50
https://online.fliphtml5.com/axiwx/crej/
मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo
https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/
अंक - 49
https://online.fliphtml5.com/axiwx/phxo/
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 53
2 जुलाई 2021
शुक्रवार
आषाढ़ कृष्ण 8 संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण पत्र - 6 - 7
कुल पृष्ठ - 8
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
108. आ. रीता झा जी
109. आ. रीता मिश्रा तिवारी जी
सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo
सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 54 से 58 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 49 से 53
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 45 - 48
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/314455886983861/?sfnsn=wiwspmo
मधुबनी इकाई अंक - 2
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320660943070295/?sfnsn=wiwspmo
विश्व साहित्य संस्थान वाणी - 1
https://www.facebook.com/groups/978836735882669/permalink/1251279588638381/
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
अंक - 2 के लिए रचना यहां भेजें -
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रोशन कुमार झा
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आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 53 , शुक्रवार
02/07/2021
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 53
Sahitya Ek Nazar
02 July , 2021 , Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्व साहित्य संस्थान वाणी
_________________
रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्व साहित्य संस्थान वाणी
आ. ज्योति झा जी
संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम " जी
संपादिका
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई
पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
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विश्व साहित्य संस्थान
साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020
विषय प्रदाता :- आ. आशीष कुमार झा
विषय :- कोरोना से संबंधित रचनाएं व चित्र
सूचना :- हर एक रचनाकार एक भाषा में एक ही रचना साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020, चाहे तो वे एक हिन्दी, तो एक मैथिली और भी भाषा में भेज सकते है ।
रचनाएं तीन जगह भेजनी है ।:-
27/06/2020 से 30/06/2020 तक
(1) वॉट्सएप समूह पर
(2) फेसबुक मंच पर कमेंट बॉक्स में दें ।
(3) vishshahity20@gmail.com पर तब ही ई पुस्तिका में प्रकाशित होगी ।
रचना के अंत में
नाम :-
पता :-
मो :-
फोटो :-
के साथ मौलिकता प्रमाण पत्र ज़रूर दे । मौलिकता प्रमाण पत्र इस प्रकार होनी चाहिए, चाहे तो आप इसे ही कॉपी करके भेज सकते है ।
मौलिकता प्रमाण पत्र । :-
-----------------------------------------------------------------------
यह रचना हमारी मौलिक व स्वरचित है, इसे विश्व साहित्य संस्थान से आयोजित अंक-2 जुलाई - 2020 ई पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति प्रदान करता / करती हूं ।।
-----------------------------------------------------------------------
मौलिकता प्रमाण पत्र , आप किसी भी भाषा में दे सकते है, निज भाषा में भी ।
आप लोग भी विषय दें सकते है, विषय देकर आप लोग भी विषय प्रदाता बन सकते है ।
धन्यवाद सह सादर प्रणाम 🙏💐💐💐🙏💐🙏🙏
विश्व साहित्य संस्थान
अंक - 49
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/49-28062021.html
कविता :- 20(41)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2041-49-28062021.html
अंक - 50 , साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
अंक - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/50-1-29062021.html
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मधुबनी - 1
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https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/
कविता :- 20(42)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2042-50-29062021-1.html
अंक - 51
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/51-29062021.html
कविता :- 20(43)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2043-30052021-51.html
अंक - 52 , विश्व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/52-01072021-2.html
http://vishshahity20.blogspot.com/2021/06/52-2-01072021.html
कविता :- 20(44)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2044-01072021-2.html
अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html
कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html
कविता :- 20(39)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2039-26062021-47.html
अंक - 48
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/48-27062021.html
कविता :- 20(40)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2040-27062021-48.html
जन्मदिन की बधाई
बधाई हो बधाई
शुभ घड़ी
है आज आई
01, जुलाई , 2021को
जन्मदिन की बधाई
उत्तरप्रदेश के
गोण्डा जनपद को
पावन आज करा
कायस्थ जाति मे जन्में आप
ध्रुव तारे की तरह चमको हमेशा
बधाई हो बधाई
जन्मदिन की बधाई
साहित्य मे हो निपुण आप
मिला आपको
सम्मान पर सम्मान
आदरणीय सुधीर श्रीवास्तव जी
को बधाई हो बधाई
निरंतर प्रगति करते
रहे जीवन में
बधाई हो बधाई
इस जीवन मे करें नेक काम
खुशियां मिले अपार
हमारी ओर से यही शुभकामनाएं
और बधाई हो बधाई
✍️ शिवशंकर लोध राजपूत
(दिल्ली)
व्हाट्सप्प no. 7217618716
बलात्कार
ज्येठ महीने की थी बात ,
भीषण गर्मी की थी रात।
स्कूल हमारे बंद हुए थे,
थक के हम भी चकनाचूर हुए थे।
मानव रूपी भेड़िया आया,
उस वहसी को तरस ना आया।
मैं छोटी बच्ची लाचारी थी,
घर की प्यारी दुलारी थी।
उस अंधेरी रात मैं चीखी थी,
मांँ बापू कहकर बिलखी थी।
उस भेड़ियों को तरस ना आया,
मैं बच्ची पर तरस ना आया।
मैं एक बच्ची दलित लाचारी,
लोगों के लिए अछूत थी।
मैं उस अंधेरी रात रोई
बिलखी चिखी थी।
उस मानव रूपी भेड़िए ने,
उस रात कहंर बरपाया था।
मांँ मांँ कहते कहते,
उस रात मुझे तड़पाया था।
उस काली अंधेरी रात में ,
मेरे कोमल से जिस्म में।
दानव जैसे दांत गडाया था।
उसे ज्येठ की रात मुझे,
मानवता पे सरम आया था ।
उस अंधेरी रात को चिखते हुए,
हाय माँ हाय पा कहके ,
मैने कैसे रात बिताया था।
मै भी तुम्हारी बहन बेटी हूँ,
कुछ तो मुझपे तरस करो।
मैं एक दलित बेटी हूँ,
कुछ तो खुद पे शर्म करो।
दलित होने पे तुम अछूत मानते,
बलात्कार करते कुछ नही मानते।
ये कैसे इंसान हो तुम ,
इंसान हो या हैवान हो तुम।
✍️ राजेश सिंह
बनारसी बाबू
वाराणसी (उ.प्र.)
' राह '
तुम्हारे हृदय की उत्सुकता
हरदम तलाशती है...।
मेरे हृदय मे अपने होने
का अहसास...।
उतर कर डूव जाना चाहता है,
मन उन अन्नत गहराइयों मैं...।
जहाँ तुम हम वसते हैं.।
और तुम उतर कर देखती हो,
मेरे हृदय में ...वही तस्वीर ।
जो तुम्हें पहली बार देखा था,
मेरे हृदय मे मुस्कराती
नजर आती है।
मेरे हृदय के स्पंदन को,
तुम कान लगाकर सुनती हो ।
तव तुम्हेप्रिय, प्रेमालाप ही,
सुनाई देता है।
मेरी बंद आंखों में तुम,
खुद को ही पाती हो..।
मेरी झील सी गहरी,
आंखों मे डूबकर चुनती हो,
मोती प्रेम के...।
मेरे होठों को अपने होंठों से,
स्र्पश कर,खुद को मुझमें
मिलाती हो...।
तुम्हारे माथे की बिन्दी
मुझे स्नेहामंत्रण देती है
खुद मे उतर जाने के लिए।
तुम्हारे नथुने की वह गर्माहट
मुझे अहसास कराती है...
अपने होने का ...।
हृदय मे उठता अनाहद
प्रेरित करता है एक विन्दु मे
उतर जाने के लिये...।
तुम्हारे हृदय का वह अभ्यस्त से
अधिक उठाव गिराव....
मुझे प्रेरित करता है, तुम मे
खो जाने के लिये, हमेशा हमेशा
के लिये...।
✍️ यू.एस.बरी,
लश्कर, ग्वालियर, म.प्र. Udaykushwah037@gmail.com
जीत ले जो वो दिल रहम है डॉक्टर,
चोट लग जाए तो मरहम है डॉक्टर।
सेवा धर्म ही तुम्हें महान बना दिया,
इंसान से तुम्हें भगवान बना दिया।।
जो उजाला को उजाला नहीं जाना
देकर दान नयन अंशुमान बना दिया ।
चल नहीं सकते थे इक भी पग जो कभी,
तुम पर्वतारोही अरुणिमा महान बना दिया।
जिन परिंदों के पर भी नहीं थे कभी ,
उन्हें पंख दे कर वायुयान बना दिया।
डॉ विधान चंद्र राय देकर सभी अंग दान,
इंसान से डॉक्टर को भगवान बना दिया।
तुम्हें तुम्हारा ये जन्मदिन तुम्हें मुबारक हो
आपके कार्य इंसान से भगवान बना दिया।
आप सभी को डॉक्टर्स डे की
हार्दिक शुभकामनाएं।
✍️ कवि धीरेंद्र सिंह नागा
चिकित्सक तुम धन्य हो
सबकी आशा पूरी करते फिर भी
ख्वाहिश दिल में कुछ न रखते हैं,
जिंदगी से हारे हुए को वापस जिंदगी
में जीतने लेकर आते हैं,
हड्डी पसली एक हुए को जोर-जोर
कर फिर से खड़ा कर पाते हैं।
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे इस
दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
जिसको जग ने बांझ कह काफी
दुख दिए रुसवाईयां दी,
उसकी ढलती उम्र में भी उम्मीद
की लौ कायम रखें।
तरह-तरह के परीक्षण कर नई
प्रणाली से गोद उनके हरे कर दें,
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे
इस दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
रूप किसी का गर दुर्घटना या जलने
से कुरूप हो जाता है,
कुरूप कोई लड़की हो अगर जन्म से
शादी नहीं हो पाता है,
ऐसे ऐसे अनेक कुरूपों का रूप
निखार नया सौंदर्य भर देते हैं।
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे इस
दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
महामारी के इस दौर में, अपने
भी पराए होते जाते हैं,
दो गज की दूरी को बीमार हो
जाने पर मीलों की बनाते हैं।
वैसे बीमारों के बीच रहकर यह
अपनी दिन रात बिताते हैं,
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे
इस दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
नेत्रहीन को जग में नेत्र
लगा रोशनी दिखाते हैं,
हृदय किसी का थक जाए तो नए
हृदय समान चालू करते हैं,
किडनी, लीवरजाने कितने अंग
प्रत्यारोपित कर नवजीवन देते हैं।
ऐसे महामानव सेवा भाव से भरे
इस दुनिया में चिकित्सक कहलाते हैं।
✍️ रीता झा
मन उड़ना चाहता है शीर्षक
आज सवेरा बड़ा उदास है
उससे कहो
सतरंगी खुमार भर लें
अपनी उदासी में
गुब्बारा बन फूल जाए
मन उड़ने का इच्छुक है
कुछ तलाश रहा है
तुम्हारे साथ कोना कोना
अपनी मनोस्थिति को
बारिश बना उड़ेलना चाहता है
सुबह सबेरे
एक गुब्बारा तुम बनो
एक गुब्बारा में बनूं
चलो बसंती चोला पहन
आकाश की सैर करें
हम मित्र हैं
चलो उड़ चले
क्षितिज की ओर
न तुम्हें सुध हो
न मुझे
मकरंद भरा तन मन
मधुमास मनाना चाहता है
खुले आसमान तले
चुहल करना चाहता है
धरती से ऊपर उठकर
हमें देख न पाए कोई
बस हम दोनों
और हमारा , मधुमास
✍️ पूनम शर्मा, मेरठ
लघुकथा - बारिश ✍️ भगवती सक्सेना गौड़
बैंगलोर
रुक्मिणी शाम को आफिस से स्कूटी में लौट रही थी, तभी घनघोर घटा छा गयी और लगा पूरा आसमान पानी के रुप मे बरस जाएगा। कुछ देर एक टिन शेड में इंतेज़ार किया फिर अंधेरा होने से पहले निकलना ठीक समझा। बस थोड़ी ही दूर पर देखा हर तरफ जल ने डेरा जमा लिया है। धीरे धीरे गाड़ी खींचते आगे बढ़ रही थी क्योंकि पानी मे स्टार्ट नही कर पा रही थी।
सारे कपड़े भीग गए और बदन से चिपक गए, किसी तरह आगे बढ़ते गयी। कुछ दूर से चार मनचले लड़के उसका पीछा करने लगे, उल्टी सीधी फब्तियां कसने लगे। फिर भी हिम्मत नही हारी, कदम बढ़ाते गयी। मन को किसी तरह काबू में किया। कुछ दूर पर पानी भरा तो था, पर कुछ कम लग रहा था, छोटे बच्चे जोर जोर से गाने गाकर मस्ती में कूद रहे थे(हुई हुई दबंग दबंग दबंग) रुक्मिणी को इन बच्चों को देखकर आशा की किरण नजर आयी, एक को इशारे से बुलाया, सुनो," मेरी स्कूटी में धक्का मारो, मैं स्टार्ट करती हूं, शायद चल जाये।" और पांचो बच्चो ने आकर रुक्मिणी की सहायता की। स्कूटी चल पड़ी, बारिश भी कम हो गयी थी। उसके पर्स में हमेशा टॉफी रहती थी, उसने बच्चो में बांट दी और गुनगुनाते हुए स्कूटी दौड़ा दी, "बच्चे मन के सच्चे, सारे जग की आंखों के तारे।"
✍️ भगवती सक्सेना गौड़
बैंगलोर
पेशे खिदमत एक ग़ज़ल
गज़ब की कवायत ग़ज़ल लिख रहा हूँ ,
उसे देख उसकी शकल लिख रहा हूँ ।
गज़लकार हर फन कहाँ आज माहिर ,
अक्ल की जियारत नक़ल लिख रहा हूँ ।
हलचल हुई दिल के दरम्यान कोई ,
जलद छोड़कर मैं कमल लिख रहा हूँ ।
सिसकती जवानी बहकती कहानी ,
कहर झोपड़ी पर महल लिख रहा हूँ ।
इस इंसान की तो बंधी आज चुप्पी ,
वहम छोड़कर खुद पहल लिख रहा हूँ ।
पत्थर हुआ घूमता न्याय दर-बदर ,
अन्याय हावी पर "सजल" लिख रहा हूँ ।
✍️ रामकरण साहू "सजल"
बबेरू (बाँदा) उ०प्र०
उठो नारी
तुम्हें अब उठना होगा नारी
क्यों तू हारी, तोड़ चुप्पी अपनी
आवाज़ उठानी होगी
बहुत सह लिया तुमने
अब नहीं सहेगी
बहुत जिया अपनों के लिए
तुम्हें अब अपने लिए भी
जीना होगा....
देखा जाएगा जो भी होगा
यह ख़ुद को सिखा री
ख़ुद को न समझ तू कमज़ोर
बिना तेरे सृष्टि का अस्तित्व
मिट्टी में मिल जाएगा
ज़ोर से कह, मचा शोर
दुर्गा भी तू , चंडी भी तू
ममता की मूरत भी तुझसे री ...
इस धोखे में न रहना तू
तेरी लाज़ बचाने को
कृष्ण बन कोई आएगा
तुझे बचाएगा
बन काली अपनी लाज़
ख़ुद ही बचानी होगी
विश्वास कर तू सब
कुछ करने जोगी
और न बन बावरी.
रुकना नहीं, झुकना नहीं
तोड़ विवशताओं के बंधन सारे
बस आगे ही बढ़ते जाना है
अपनी मंज़िल को पाना है
कर ख़ुद पर यकीन
अपने सपनों को कर नवीन
अपना सम्मान तुम्हें पाना होगा
अपना गीत गाना होगा
दूसरों के लिए ही तो
जीती रही हो अब तक
ख़ुद के लिए अब जीना होगा
देखा जाएगा जो भी होगा
क्यों तू हारी, सृष्टि की सुंदरता री
मत झुक, मत रूक
उठो नारी तुम्हें अब उठाना होगा।
✍️ सपना "नम्रता"
अंक :- 49, 50, 51, 52, 53,
दिनांक :- 28 जून 2021 से 2 जुलाई 2021
दिवस :- सोमवार से शुक्रवार
एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350
इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में रचना भेजें , यहां पर आयी हुई रचनाओं में से कुछ रचनाएं को अंक - 49 कुछ रचनाएं को अंक - 50 कुछ रचनाएं को - 51, कुछ रचनाएं को 52 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 53 में प्रकाशित किया जाएगा ।
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका ) गुरुवार
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
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संस्थापक / संपादक
साहित्य संगम संस्थान पंचम वार्षिकोत्सव की पूर्व संध्या पर कुछ आवश्यक बातें राष्ट्रीय अध्यक्ष आ. राजवीर सिंह मंत्र जी 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
03 जुलाई 2021 , शनिवार , समारोह के मुख्य अतिथि डॉ वाचस्पति कुलवंत साहब की बायोग्राफी/जीवनी
🙏🌲🙏🌲🙏🌲🙏🌲🙏🌲🙏
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599808267654096/?sfnsn=wiwspmo
आ. भूपेन्द्र कुमार भूपी जी की आहुति पुस्तक का विमोचन राष्ट्रीय अध्यक्ष आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
https://drive.google.com/file/d/121ch1Vkz_GbXK4COz8uw1FhHcDX07jEl/view?usp=drivesdk
🌲🌹जीवेम शरद: शतम् 🌹🌲
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/598959174405672/?sfnsn=wiwspmo
https://youtu.be/Gou1g0F8RO0
काव्य मंच
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599253511042905/?sfnsn=wiwspmo
मनाएं जश्न हम सारा जमाना झूमकर गाये - राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आ. कुमार रोहित रोज़ जी
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599221454379444/?sfnsn=wiwspmo
प्रिय साहित्यकारों,
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1412411335796598/
साहित्य संगम संस्थान संयोजिका - आदरणीया संगीता मिश्रा जी
https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/599250851043171/
साहित्य संगम संस्थान पंचम वार्षिकोत्सव, जोकि दिनाँक 2 जुलाई से शुरू व दिनाँक 5 जुलाई 2021 को खत्म होगा, में आप सभी को आमंत्रित करते हुए हर्षानुभूति हो रही है । कार्यक्रम सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक उक्त चारों तिथि को चालू रहेगा ।
आपकी गरिमामयी उपस्थिति की प्रतीक्षा रहेगी ।
निवेदक,
कविराज तरुण
महासचिव
साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/eKXALjmExDc
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली )
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के गौरवशाली पांच वर्ष (5-07-2021)
📘🙏🌷🙏📘
साहित्य संगम संस्थान
वार्षिकोत्सव
🥁🪘🎺🎹🎤
साहित्य की सौरभ से, सजा है मंच प्यारा,
सुनहरे पांच वर्षों का सजा है रंगीन नज़ारा,
" मंत्र " जी का आकर्षण है, सुरभित गुलाब है सारा,
मंच पर गुंजन है, समक्ष है संगीत का नजारा।
आज के उत्सव को नाम दिया है उत्कर्ष,
ज्योतिजी के शारदा वंदन से होगा स्पंदन,
सूर ताल से कवि गण करेंगे गुणगान,
"पंकज " भी महकेगा, मंथन का है सम्मान।
पंच परमेश्वरी मालाजी, करेगी काव्य पाठ,
राहुलजी, कुलदीपजी, बिखेरेंगे अपना ठाठ,
तेलंगाना इकाई से अनुराधाजी, हर्षिताजी,
देवीदिन जी की शुभकामनाएं, होगा 'उत्तम' का साथ।
उत्तमचंद जैन
हैदराबाद
उपाध्यक्ष तेलंगाना इकाई
९३४६२५५६९४
https://www.facebook.com/100012727929862/posts/1257255988041987/?sfnsn=wiwspmo
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1411337279237337/?sfnsn=wiwspmo
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1955216687988559/?sfnsn=wiwspmo
https://www.facebook.com/100068603509879/videos/120933290203454/
आ. सरिता सिंह जी गोरखपुर उत्तर प्रदेश
https://youtu.be/SrWRFHka38s
आ. संगीता मिश्रा जी प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/oOMv-fm3z0U
https://youtu.be/jmF43PF0wwU
*प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान*
9. आ. राहुल मिश्रा जी , प्रदेश अध्यक्ष तेलंगाना इकाई
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कोलफील्ड मिरर आसनसोल में प्रकाशित
10/05/2021 ,
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पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
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पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
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अंक - 49 से 53
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http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html
आ. अर्चना श्रीवास्तव जी साहित्य संगम संस्थान के 5 बर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मेरी ओर के छोटी-सी प्रस्तुति🙏🌷🙏...
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साहित्य संगम संस्थान दिल्ली
स्वर्णिम पाँच वर्ष की सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
पांच साल बेमिसाल
पंचमोत्सव की हार्दिक बधाई
साहित्य संगम संस्थान
Chhaya Saxena
Uma Mishra
Rohit Kumar
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https://youtu.be/QclxUs5c7P0
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आ. राजेश कुमार पुरोहित जी
- साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
https://youtu.be/nxQxDu0-514
दिनांक - 02/07/2021
दिवस - शुक्रवार
#साहित्यसंगमसंस्थान
यूट्यूब संचालक
रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई