कविता :- 20(47) , रविवार , 04/07/2021 , अंक - 55, बलाईन निमंत्रण , Ncc C exam Notice , पत्रिका - 10 रुपये Instamojo
कविता :- 20(47)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
मैं रूकता , मेरा कलम रूकती नहीं ,
मैं तो झुक जाता पर ये सर झुकती नहीं ।।
देख चुका हूँ इस जीवन की राह
अब इससे होने वाला मुक्ति नहीं ,
निभाते रहो कर्त्तव्य ...
कर्त्तव्य निभाते - निभाते थक जाओगे ,
रूक जाओगे
ये कर्त्तव्य कभी चुकती नहीं ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(47)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
04/07/2021 , रविवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 55
Sahitya Ek Nazar
04 July 2021 , Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
धन्यवाद सह सादर आभार 🙏 अभिव्यक्ति मंच व संपादक महोदय आ. डॉ अनिल शर्मा जी 🙏💐
उत्तर प्रदेश ,
बलाईन भोज खाने गये हम मिंटू भईया बेटा बाबू साहब काका साथ कहथिन बापो साथ खाई रसगुल्ला बाप तअ मोगियाआ छोअ गिरने लगा रहा मिंटू भईया बेटा दुर्गेश चाचा कहलकीन बाबू साहब चाचा के अही वाला लक्षण छैय , गोलू दीपक साथ दुर्गेश चाचा एक साथ एक लड़का मनीष फ़ौज में गया है आशीष से पूछे बोला 50 चक्कर हाई स्कूल वाला मैदान में लगा लैय , कोलम में पीलर के लिए दुर्गेश चाचा कहलकीन ट्रैक्टर सअ तोड़ लर गेल छैय , ललित भईया पी क मस्त कहथिन पनीर दियअ बहुत मज़ाक किया । बोला कारगिल युद्ध में पाँव टूट गया मज़ाक में ।
आशीष बोला जे मरलकीन हेअ सीपीआईएम के बहुत बड़ा नेता छैलकीन झण्डा सब लोअ कअ अंतिम यात्रा भेलन , भोज बहुत नीक , सब घी में बना रहा लालमोहन , रसगुल्ला बहुत दिया रहा छत पर खाये , मिंटू भईया बेटा हमर चप्पल रोअ लेलक हम देखियै कहलियै तअ कहलक देखियो हमर कियो लो लेलक हेए मिली पापा भविन्द्र बाबा दोसर के चप्पल लो लेबिह तअ , हम मुन्ना , आशुतोष को पत्रिका के बारे में बताएं बोला कैल सअ हेब बता देब ,
आ. प्रमोद ठाकुर जी फोन किए वहीं समाचार लगाने के लिए बोले आ. राजवीर सिंह मंत्र जी बोला रोशन तो आपका नाम ही हटा दिया बोला कि घर से नेमप्लेट हट जाने से क्या होता है सब प्रकाशन ही करेगा । 17000 में 75 कॉपी देगा । तब ही पूजा फोन कर रही थी हम नहीं उठाएं बलाईन भोज खाने जाते रहे ।
आ. डॉ. अनिल शर्मा जी अभिव्यक्ति वाले फोन किए पहली बार बारिश वाला रचना भेजने ।
रात में हम आनंद मुन्ना , मुन्ना भाई आशुतोष , उसका भाई दो साईकिल रहा पैदल आये बैधनाथ काका साथ
आशुतोष विद्या काका को रात में गोल लागैय छी सर कहरकैय
रात 1:07 लाइन बिजली आया - डाटा - 265 MB
शब्द सुगन्ध क्रमांंक ९ का परिणाम
काव्य कलश परिवार के नवें साप्ताहिक आयोजन शब्द सुगन्ध क्रमांक 9, विषय - बेटियाँ के श्रेष्ठ रचनाकार ये है :--
आ० डॉली सिंह
आ० डॉ वर्षा महेश "गरिमा"
आ० जय हिन्द सिंह 'हिन्द'
आ० रामगोपाल ' प्रयास' गाडरवारा
आ० कुलभूषण सोनी ब्रजवासी
आ० पुष्पेन्द्र सिंह भदौरिया
आ० कमला सिंह
आ० प्रियंका प्रिया
आ० गौतम सिंह अनजान
आ० प्रकाश कुमार खोवाल
आ० अनिरुद्ध कुमार सिंह
आ० ओम प्रकाश "आस"
आ० भागीरथ गर्ग कांटिया
आ० सुरेश सौरभ
आ०. रामेन्द्र कुमार सोनी
आ० अमरनाथ अग्रवाल
आ०. बरनवाल मनोज अंजान मुक्तक
आ०. श्रीमती पूनम गुप्ता गीत
आ० विनीता सिंह चौहान
आ० मधु तिवारी
आ०. फूलचंद्र विश्वकर्मा
आ० डॉ०नवीन दवे मनावत
आ०. रमेश सिंह यादव
आ० रोशन कुमार झा
आ० सुष्मिता कुमारी सूर्य
आ०. दीनदयाल सोनी "स्वर्ण"
आ० ️अजय कुमार पाण्डेय
आ० नितिन गोस्वामी
आ० विनोद निराश , देहरादून
आ० देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"
आ०. सीमा पासवान
आ० अमलेन्दु शुक्ल
आ० कुलदीप आमेटा तिलोली
आ० दीपक कुमार पंकज
आ० मंजू यादव
आ० दशरथ सिंह राठौड़
काव्य परिवार सबके उन्नत भविष्य , उत्तम स्वास्थ्य व माँ शारदे की कृपा सब पर सदा बरसती रहे ,, यह कामना करता है ।।
काव्य कलश परिवार
हिन्दी कविता:-12(73)
04-07-2019 वृहस्पतिवार 15:00
*®• रोशन कुमार झा
-:चलो मनाते है रथ यात्रा !:-
हरे कृष्णा हरे राम,
नाम लूँ सुबह शाम!
राह रोशन होकर बने हर एक काम,
चलो रथ यात्रा मनाने उड़ीसा के जगन्नाथ
पुरी धाम!
देख ले तू पतरा
हट जायेंगी सारी ख़तरा!
भक्ति की बढ़ा मात्रा
चल आज देखने रथ यात्रा!
खायेंगे जलेबी
खिलवायेंगे ग़रीब से भी!
भरी रहेंगी जेबी
इच्छा पूर्ण करेगें सुभद्रा देवी!
रथ यात्रा पर्व नहीं महापर्व है
हिन्दू धर्म पर हमें गर्व है!
एक ही ईश्वर सर्व है
चढ़ाने के लिए ताज़ा दूब कुश फल फूल
और दर्भ है!
*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता:-12(73)
04-07-2019 वृहस्पतिवार 15:00
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
कल राहुल को शालिमार S2 नीचा 4
प्लेटफार्म:-2#200 दिया रोने लगे
बंगाली girl#18030 कुरला एक्सप्रेस
15:00#पैदल हावड़ा 16:10
तारकेश्वर लोकल 16:21#डोराईडैल दिया
आज रथ यात्रा रोबिन भोला पढ़ाना शुरू
Night लिलुआ मे NiF Day Duty
बाट सुमन खिलाये
जुली पुराना घर में 3 बच्चा ट्युशन
बंटी भईया बोले कवि रूप में रहो!
Ncc,Pmkvy
शीर्षककविता:-5(106)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 5(106)
विवेक होती है सत्यता की रेखा से!
सत्य और असत्य की रेखा होती अन्दर
की विवेक से,
यह दुनिया ही चलती है नेहा रास
की देख-रेख से!
स्नेह राह में पहले अपमान बाद में मिलता
है सम्मान,
मिलने के बाद ही कोई भरता है होठो
पर मुस्कान!
सुख भरी है यह आपके जिन्दगी की रेखा,
हकीकत जिन्दगी की रास वही है जो
आपने अपने ऑखो से देखा!
सँभालना है आपका काम,
एक साथ गुजार दीजीऐगा जिन्दगी की
सोन्दर्य भरी शाम!
दुख है द्रर्द है,
प्यार में बहुत बड़ा कद्र है!
स्नेह की रास जाने है आप,
निभा दीजीऐगा साथ मत सोचीयेंगा कि
प्रेम में क्या होती पुण्य तो क्या होती पाप!
मंजील हमेशा आपके राह में जुटे,
खुदा से प्रार्थना है आपके विवेक की
सुख-दुख भरी खुशिया की अरमान की
रेखा कभी नही टुटे!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
18-03-2018रविवार08:44
st john Ambulance Howrah
Narasinha dutt college
मो:-6290640716
विवेक भईया-रेखा
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts
Bamangachi Howrah
Pmkvy,Chandan institute
सलकिया विक्रम विधालय
शीर्षककविता:-5(256)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 5(256)
निशा की विशाल तारा!?
निशा की सोन्दर्य भरी विशाल तारा,
आपके नेहा की उपमा करेंगे दुनिया सारा!
आज ना तो कल,
होठो पर मुस्कान भरो आपका समस्या
दिवस में नही पुर्णिमा भरी निशा में
होंगे हल!
सफलता की वर्षा होगी मार्ग होंगे रोशन,
प्रेम अटल अचल विशाल व पवित्र होता
मत समझीयेगा हीरा कोयला सोदा भरी धन!
उड़ान भरी पंख है आपका दिवस में
नही निशा में,
आपका स्नेह गुँजेगी आज नही तो कल
आकाश पताल में नही चारो दिशा में!
गुजार दीजीऐगा जिन्दगी एक साथ,
खुदा की रहम बना है मत छोड़ीयेंगा
एक-दुसरे का हाथ!
छोटा नही, है विशाल समंदर जैसा सोन्दर्य
भरी पुर्णिमा की निशा,
दुख हो या सुख हमेशा लीजीऐगा उनकी
राहो में हिस्सा!
पवित्र होती रिश्ता की बंधन,
खण्डन मत कीजीऐगा ऐसा सुगंधता
फैलायेंगा वातावरण में जैसे की चंदन!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
19-04-2018 गुरूवार 20:15
मो:-6290640716,9038963720
कविता :-5(256) विशाल-निशा
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Pmkvy, st john Ambulance
शीर्षककविता:-7(006)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(006
अपना हिन्दुस्तान की कुछ शहरे!
अपना हिन्दुस्तान की कुछ शहरे,
विभिन्न नाम से जाने जाते थे पहले!
यही कोलकाता पहले थे भारत के राजधानी
कलकता,
उन्नीस सो ग्यारह में जिसे बिट्रिश सरकार ने
दिया हटा!
राजधानी बने दिल्ली,
बापु,नेता,और भी देशभक्त के जीवन दान से
ही आजादी मिली!
पटना कहलाते थे पाटलिपुत्र,
यही से गुजरी है पवित्र नदी मॉ गंगा यमुना ब्रहमपुत्र!
सीता मातुभुमी वोध्द-गया मिथिला पेंटिग
जो विश्व में मशहुल है चलो घुम कर आ
जाये यार
मधुबनी,मिथिलाचंल तो घुमेंगे ही
संग में घुम लेगे पुरा बिहार!
चाय के बगान पहाड़ देखने चलो असम
सोन्दर्यता में है नही किसी राज्य से कम!
चलो अब देखकर आये है स्वर्ग के प्रतिक काशमीर
जहॉ हमलोगो की रक्षा के लिए निवास करते
नोजावान वीर!
मार्ग हुँआ रोशन चलो घुमने तमिलनाडु
यही दक्षिण भुमी में राम लक्षमण सीता
निवास किये थे जैसे की साधु!
चलो घुम ले गुजरात
गॉधी और मोदी जैसे महानो की है बात!
मुम्बई चलो आये घुमकर
यही रहते अभिनेता,अभिनेत्री खिलाड़ी
गायक के दल!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
11:14वुधवार04-07-2018
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[04/07, 19:09] आ प्रभात जी: Ok bhai
[05/07, 00:28] आ प्रभात जी: बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है 👌👌
[05/07, 00:29] आ प्रभात जी: पढने के लिए अब पेमेनट करना पडेगा
[05/07, 00:30] आ प्रभात जी: बहुत सही
[05/07, 00:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 भाई
[05/07, 00:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: ताकि पत्रिका का हमलोग हार्ड कॉपी भी निकाल सके
[05/07, 00:31] आ प्रभात जी: अच्छा
[05/07, 00:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: हम आज खुद खरीदे हैं
[05/07, 00:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद भाई जी 🙏💐
[05/07, 00:31] आ प्रभात जी: अच्छा
[05/07, 00:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[05/07, 00:31] आ प्रभात जी: अच्छा है
[05/07, 00:32] आ प्रभात जी: धीरे-धीरे बहुत कुछ करना है
[05/07, 07:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 शुभ प्रभात 🙏💐
[04/07, 13:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक कहानी छाया सहाय की जुबानी पुस्तिका खरीदने के लिए , लिंक पर क्लिक करें
https://imojo.in/2e4utq
मात्र - 100 + 15. 34 रुपये में
✍️ लेखिका - छाया सहाय ( साहित्य एक नज़र )
[04/07, 13:32] Babu 💓: Nhi puchhna h tumse kuchh bhi
[04/07, 13:32] Babu 💓: Bye
[04/07, 13:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sorry babu
[04/07, 13:36] Babu 💓: Baat mat kro hamse
[04/07, 13:36] Babu 💓: Or sorry bhi mat bolo
[04/07, 13:36] Babu 💓: 😏
[04/07, 13:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sorry
[04/07, 23:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक बार सोचों कौन देता है
[05/07, 00:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: क्यों
[05/07, 07:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sorry
[05/07, 07:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: Babu
[05/07, 07:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Good morning jaan
[04/07, 23:04] +91 995: 🙏🏻क्या प्रकाशन के लिए रचना भेज सकते हैं,
[04/07, 23:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[04/07, 23:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo
[04/07, 23:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां भेजिए 🙏💐
दुबली पतली सी नर्म नाज़ुक। 41
डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह
"सहज़" हरदा मध्यप्रदेश,
[04/07, 23:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[03/07, 07:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐
[04/07, 09:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहिन एक गो सहयोग का सकैछी आशीष भाई के कविता अछि अप्पन समयनुसार टाइप कोअ लेब
[04/07, 09:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: इअ भला हम कोअ लैतोऊ
[04/07, 09:12] ज्योति झा जी: जी
[04/07, 09:32] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद बहिन 🙏💐
[04/07, 21:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहुत नीक वीडियो बहिन
[04/07, 22:01] ज्योति झा जी: 🙏🏼
[04/07, 22:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहिन अप्पन फोटो भेजब
[04/07, 22:40] ज्योति झा जी: कोनौं काज?
[04/07, 22:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: पृष्ठ में लगबअ लेल
[04/07, 22:41] ज्योति झा जी: लागले छैय
[04/07, 22:41] ज्योति झा जी: अैय मे त'
[04/07, 22:52] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां बदलर जैतैय
[04/07, 10:56] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: E फोटो चली sakai ये
[04/07, 10:56] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: Ki
[04/07, 11:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां भाई जी 🙏
[04/07, 11:24] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: 👏🏻
[04/07, 13:28] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: बरसात वाला के लेल ई वाला ऐ।
[04/07, 16:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[04/07, 18:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं भाई जी 🙏
[04/07, 18:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंक - 55
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/491566/-55-04-2021
मात्र :- 15 रुपये
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 55
4 जुलाई 2021
रविवार
आषाढ़ कृष्ण 10 संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण पत्र - 9
कुल पृष्ठ - 10
प्रकाशित रचनाकारों के रचना
1. आ. सपना 'नम्रता' जी - वैवाहिक वर्षगांठ शुभकामना
2. आ. गणेश चन्द्र केष्टवाल जी
3. आ. तबरेज़ अहमद जी ( सम्मान पत्र )
4. आ. डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम जी
5. आ. विनोद कुमार सीताराम दुबे जी
6.आ. अनिता तिवारी जी
7.आ. रीता मिश्रा तिवारी जी
8. आ. तबरेज़ अहमद जी
9. आ. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी ( आलेख )
10. आ. रोशन कुमार झा
11. आ. केशव कुमार मिश्रा जी
12. आ. डॉ देशबन्धु भट्ट जी
हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
[04/07, 18:39] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: ई अहा के स्नेह स संभव भ सकल ये
[04/07, 19:22] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: E ona open nai hetai ki
[04/07, 19:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: नैय भाई जी 🙏 कम्पनी के हाथ में दो देलिए , आफर देने रहेए 10 अप्पन पास हेएत 5 कंपनी पास आई हम खुद खरीदनोऊ हेअ भाई जी 🙏
[04/07, 19:24] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: Ok
[04/07, 19:25] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: ई त नीक विचार ऐ
[04/07, 19:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद भाई जी 🙏💐
[04/07, 22:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: हम आजुक खरीद लेनोऊ
[04/07, 22:02] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: Ok
[04/07, 22:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏
[04/07, 22:02] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: 👏🏻
[04/07, 22:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं 🙏 भाई जी 🙏
[04/07, 18:59] +91 621: नमस्कार
[04/07, 21:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏💐
N.D.College , Ncc WhatsApp group
[04/07, 20:25] +91 : Sir kitna baje se class hoga?
[04/07, 21:03] Ano N. d College: Phone karke puchlo
[04/07, 21:21] +91 : Ok sir.
[04/07, 21:21] +91 : 10 AM
[04/07, 21:21] +91 : Start
[04/07, 20:00] Ranjana Binani Jii: Video Making :
Group A
Om Mohata participant 2 - 1st
Chitranshi Pankaj Saboo participant 8 - 2nd
Kriti Somani participant 16 - 3rd
Group B
Aarushi Sarda participant 7 - 1st
Monica Lavish Nimodia participant 3 - 2nd
Aman Bagani participant 10 - 3rd
Drawing :
Group A
Kriti Somani participant 18 - 1st
Mantr Modani Participant 20 - 2nd
Barsha Maheshwari participant 16 - 3rd
Group B
Damodar Lahoti participant 4 - 1st
Vidhi Baheti participant 5 - 2nd
Ishita Chandak participant 15 - 3rd
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[04/07, 20:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[04/07, 20:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[04/07, 14:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमन 🙏 :- अभिव्यक्ति मंच
विषय :- बारिश को आवाज़ देता गीत
सून लो हम किसानों भाईयों की आवाज़ ,
तुम ही बचाते हो हमारे
घर परिवार की लोक लाज ।
तुम से ही होते अन्न तब है ये समाज ,
हे प्रभु वारिश करवाये आज ।।
वैसे ही कोरोना महामारी से
सब के सब तंग है ,
धन्य हो प्रभु अभी तक
आप मेरे संग है ।।
बिना वारिश के प्रकृति
का खिला सा न रंग है ।
अभी जीतना बहुत
बड़ा जंग है ।
नई रूप लेकर आओ नई अंदाज़ ,
अब देरी मत करो आ जाओ
आज के ही आज ।
हम तो हम खेत भी तुम्हें देखते
सुबह और साँझ ,
अब तो सून लो हम मानवों की आवाज़ ।।
✍️ रोशन कुमार झा
[04/07, 14:41] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: धन्यवाद नमस्कार
[04/07, 14:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 स्वागतम् गुरु जी
[04/07, 18:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंक - 55
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/491566/-55-04-2021
मात्र :- 15 रुपये
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 55
4 जुलाई 2021
रविवार
आषाढ़ कृष्ण 10 संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण पत्र - 9
कुल पृष्ठ - 10
प्रकाशित रचनाकारों के रचना
1. आ. सपना 'नम्रता' जी - वैवाहिक वर्षगांठ शुभकामना
2. आ. गणेश चन्द्र केष्टवाल जी
3. आ. तबरेज़ अहमद जी ( सम्मान पत्र )
4. आ. डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम जी
5. आ. विनोद कुमार सीताराम दुबे जी
6.आ. अनिता तिवारी जी
7.आ. रीता मिश्रा तिवारी जी
8. आ. तबरेज़ अहमद जी
9. आ. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी ( आलेख )
10. आ. रोशन कुमार झा
11. आ. केशव कुमार मिश्रा जी
12. आ. डॉ देशबन्धु भट्ट जी
हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
[04/07, 18:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: ये सिस्टम आज से शुरू कर दिए कुछ साहित्यकारों के कारण गुरु जी 🙏 कुछ लोग व्यवसाय बना लिया रहा पर्सनली रचनाएं भेजते थे अब न फोटो ही नहीं लिंक बस इस तरह के लिंक देंगे खरीदेंगे तब पता चलेगा उन लोगों को इससे अपने पास भी 10 आयेंगे 5 कम्पनी लेंगे
[04/07, 18:54] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: थोड़ी तकनीकी जानकारी कम है मुझे।किसी मित्र से समझूंगा।या फिर आपको ही फोन करुंगा
[04/07, 18:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏🙏 गुरु जी
[04/07, 18:55] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: ठीक किया। अनावश्यक सिरदर्द क्या लेना
[04/07, 18:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां
[04/07, 16:25] डॉ पल्लवी जी: भाई मुझे एक बुक प्रकाशित करवाना है,आप बता सकते हैं कितना खर्च आएगा?
[04/07, 16:27] डॉ पल्लवी जी: 100 पृष्ठ के लगभग।
[04/07, 17:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्ड कॉपी या ई
[04/07, 17:48] डॉ पल्लवी जी: मेरी लिखी कविताओं का संग्रह। टाइप किया हुआ।
[04/07, 17:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: टाइप है न ?
[04/07, 18:07] डॉ पल्लवी जी: हां
[04/07, 18:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: ई में निकालना है या हार्ड कॉपी चाहिए
[04/07, 18:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंक - 55
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/491566/-55-04-2021
मात्र :- 15 रुपये
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 55
4 जुलाई 2021
रविवार
आषाढ़ कृष्ण 10 संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण पत्र - 9
कुल पृष्ठ - 10
प्रकाशित रचनाकारों के रचना
1. आ. सपना 'नम्रता' जी - वैवाहिक वर्षगांठ शुभकामना
2. आ. गणेश चन्द्र केष्टवाल जी
3. आ. तबरेज़ अहमद जी ( सम्मान पत्र )
4. आ. डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम जी
5. आ. विनोद कुमार सीताराम दुबे जी
6.आ. अनिता तिवारी जी
7.आ. रीता मिश्रा तिवारी जी
8. आ. तबरेज़ अहमद जी
9. आ. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी ( आलेख )
10. आ. रोशन कुमार झा
11. आ. केशव कुमार मिश्रा जी
12. आ. डॉ देशबन्धु भट्ट जी
हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
[04/07, 18:15] डॉ पल्लवी जी: अच्छी पहल। 👌
[04/07, 18:15] डॉ पल्लवी जी: दोनो में।
[04/07, 18:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है बात करते है
[04/07, 18:18] डॉ पल्लवी जी: अच्छा, कवर के लिए भी पूछ लीजियेगा।
[04/07, 18:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[04/07, 13:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक कहानी छाया सहाय की जुबानी पुस्तिका खरीदने के लिए , लिंक पर क्लिक करें
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मात्र - 100 + 15. 34 रुपये में
✍️ लेखिका - छाया सहाय ( साहित्य एक नज़र )
[04/07, 13:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: दीदी आज की एक नई उपलब्धि
[03/07, 09:44] Rudra P-2: https://chat.whatsapp.com/GgZyOh14TxU96d1vxS5pJ4
[03/07, 09:44] Rudra P-2: https://chat.whatsapp.com/GgZyOh14TxU96d1vxS5pJ4
Participating in the Online training as Peer Educator (College Student)
Applicant's Name Roshan Kumar Jha
Gender Male
Date of Birth 1999-06-13
Blood Group O+ve
Father's Name Shreestu jha
Name of College Ramakrishna college Madhubani
Name of University/Institute Lalit Narayan Mithila University , Darbhanga
Personal Contact Number 6290640716
Personal Whatsapp Number 6290640716
रेड रिबन क्लब
"हम लायेंगे बदलाव!"
रेड रिबन क्लब के ऑनलाइन प्रशिक्षण में पंजीयन के लिए धन्यवाद्|
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना आपके उज्जवल भविष्य की कामना करती है |
कृपया नीचे दिए गए लिंक की सहायता से सम्बंधित Whatsapp ग्रुप में जुड़े|
रेड रिबन क्लब नोडल पदाधिकारी का ग्रुप :- https://chat.whatsapp.com/BVuTjGNDE0lEYnV9H0Rcvb
रेड रिबन क्लब पियर एडूकेटर (पुरुष) :- https://chat.whatsapp.com/HhQEJ0qyUww5fzC5JTeLXD
रेड रिबन क्लब पियर एडूकेटर (महिला) :- https://chat.whatsapp.com/Jr94yu51YQfBrjSU6Qgcns
किसी भी प्रकार के सहायता के लिए संपर्क करें:- मोबाइल नो. - 8540889894
एच० आई० वी० एवं एड्स से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए डाउनलोड करें :-
NACO AIDS APP - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.naco.nhp
HUM SATHI APP - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.humsathi
अथवा
कॉल करें :- निःशुल्क एड्स हेल्पलाइन :- 1097
एवं
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े :-
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Hi Roshan Jha,
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एक कहानी छाया सहाय की जुबानी , ✍️ लेखिका - छाया सहाय ( साहित्य एक नज़र )
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धन्यवाद 🙏 साहित्य एक नज़र से - एक कहानी छाया सहाय की जुबानी पुस्तिका खरीदने के लिए , ✍️ लेखिका - छाया सहाय ( साहित्य एक नज़र )
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रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
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मात्र - 100 + 15. 34 रुपये में
✍️ लेखिका - छाया सहाय ( साहित्य एक नज़र )
रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
[04/07, 18:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंक - 55
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/491566/-55-04-2021
मात्र :- 15 रुपये
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 55
4 जुलाई 2021
रविवार
आषाढ़ कृष्ण 10 संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण पत्र - 9
कुल पृष्ठ - 10
प्रकाशित रचनाकारों के रचना
1. आ. सपना 'नम्रता' जी - वैवाहिक वर्षगांठ शुभकामना
2. आ. गणेश चन्द्र केष्टवाल जी
3. आ. तबरेज़ अहमद जी ( सम्मान पत्र )
4. आ. डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम जी
5. आ. विनोद कुमार सीताराम दुबे जी
6.आ. अनिता तिवारी जी
7.आ. रीता मिश्रा तिवारी जी
8. आ. तबरेज़ अहमद जी
9. आ. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी ( आलेख )
10. आ. रोशन कुमार झा
11. आ. केशव कुमार मिश्रा जी
12. आ. डॉ देशबन्धु भट्ट जी
हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
[04/07, 18:32] Roshan Kumar Jha, रोशन: क्षमा चाहता हूँ अपनी पत्रिका एक कम्पनी के हाथों चला गया है वहां से आप खरीद सकते है । हम आज खुद खरीदे हैं , ये अपना एक उपलब्धियां ही है
[04/07, 18:41] आ सपना जी: ज़रूर आदरणीय
[04/07, 18:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐
[04/07, 18:45] आ सपना जी: आदरणीय मेरा नंबर बदल चुका है इसमें पुराना वाला डालने पर तो दिख रहा है और नया डालने पर यह आ रहा है
[04/07, 18:46] आ सपना जी: पुराना नंबर है नहीं अब मेरे पास तो ऐसे में कैसे करुँ?
[04/07, 18:46] आ सपना जी: अगर आपके पास इसका कोई हल हो तो ज़रूर बताएं मुझे
[04/07, 18:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप भारत चयनित कीजिए
[04/07, 18:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: मोबाइल नम्बर पास
[04/07, 18:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप दिल्ली में रहती हो न
[04/07, 18:47] आ सपना जी: नया है
[04/07, 18:47] आ सपना जी: जी
[04/07, 18:48] आ सपना जी: Otp wgera aaya toh puraana numbr nhi hai ab mere pass
[04/07, 18:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: लिंक आप के ईमेल पर आयेगी
[04/07, 18:48] आ सपना जी: Dubara try krti hu meh
[04/07, 18:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: नम्बर से कोई लेना-देना नहीं है
[04/07, 18:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[04/07, 18:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: दो तीन पृष्ठ में आपका है
[04/07, 18:54] आ सपना जी: जी आदरणीय
बाद में देखती हूँ
[04/07, 18:54] आ सपना जी: अब यह समस्या हो गया?
[04/07, 18:55] आ सपना जी: 🥺🥺
[04/07, 18:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: कीजिए
[04/07, 18:56] Roshan Kumar Jha, रोशन: फिर से
[04/07, 21:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/apzc/
[04/07, 22:46] आ सपना जी: हार्दिक आभार आदरणीय
[05/07, 00:43] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 स्वागतम् 🙏💐
अंक - 55
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/491566/-55-04-2021
अंक - 55
https://online.fliphtml5.com/axiwx/apzc/
मात्र :- 15 रुपये
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 55
4 जुलाई 2021
रविवार
आषाढ़ कृष्ण 10 संवत 2078
पृष्ठ - 1
प्रमाण पत्र - 9
कुल पृष्ठ - 10
प्रकाशित रचनाकारों के रचना
1. आ. सपना 'नम्रता' जी - वैवाहिक वर्षगांठ शुभकामना
2. आ. गणेश चन्द्र केष्टवाल जी
3. आ. तबरेज़ अहमद जी ( सम्मान पत्र )
4. आ. डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम जी
5. आ. विनोद कुमार सीताराम दुबे जी
6.आ. अनिता तिवारी जी
7.आ. रीता मिश्रा तिवारी जी
8. आ. तबरेज़ अहमद जी
9. आ. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी ( आलेख )
10. आ. रोशन कुमार झा
11. आ. केशव कुमार मिश्रा जी
12. आ. डॉ देशबन्धु भट्ट जी
13. आ. श्रीमती सुप्रसन्ना झा जी
हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
आओ बारिश गीत विशेषांक
अभिव्यक्ति अंक-62
इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ें
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साहित्य एक नज़र, अंक - 55 खरीदने के लिए धन्यवाद 🙏
पुस्तक पढ़ें यहाँ से
https://online.fliphtml5.com/axiwx/apzc/
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
अंक - 54
https://imojo.in/7LYeKP
अंक - 54
https://online.fliphtml5.com/axiwx/jkqf/
अंक - 52
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ucgf/
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uuxw/
अंक - 51
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ruci/
अंक - 50
https://online.fliphtml5.com/axiwx/crej/
मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo
https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 55
4 जुलाई 2021
रविवार
आषाढ़ कृष्ण 10 संवत 2078
पृष्ठ -
प्रमाण पत्र - 9
कुल पृष्ठ - 10
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
112. आ. तबरेज़ अहमद जी
सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo
सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 54 से 58 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 49 से 53
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 45 - 48
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/314455886983861/?sfnsn=wiwspmo
मधुबनी इकाई अंक - 2
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320660943070295/?sfnsn=wiwspmo
विश्व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3 के लिए रचना यहां भेजिए -
https://m.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1114746008933985/?sfnsn=wiwspmo
धन्यवाद सह सादर आभार
आपका अपना
रोशन कुमार झा
रविवार, अंक - 55
04/07/2021
फेसबुक - 1
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फेसबुक - 2
https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1147390362441183/
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साहित्य एक नज़र
https://youtube.com/shorts/SZqpF67YrnA?feature=share
-----------------
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 55 , रविवार
04/07/2021
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 55
Sahitya Ek Nazar
04 July , 2021 , Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्व साहित्य संस्थान वाणी
_________________
रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्व साहित्य संस्थान वाणी
आ. ज्योति झा जी
संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका
आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम " जी
संपादिका
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई
Happy Anniversary , शुभ वैवाहिक वर्षगांठ
💐🙏🌹🍰🎉🎂💖🎁 🌅
समर्पण का दूसरा भाव हैं आपका रिश्ता,
विश्वास की अनूठी गाथा हैं आपका रिश्ता,
प्यार की मिसाल हैं आपका रिश्ता,
शादी की सालगिरह की ढेर सारी शुभकामनाएं प्रिय बहना और जीजू को।🎂💐🍫🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳🥳
✍️ सपना 'नम्रता'
बरसात
घनघोर घटाएं छाई
मौसम ने ली अंगड़ाई
मंद-मंद ठंढी हवाएं
पानी की बूंदें लेआई
बरसात ने रंग जमाया
चहुंओर पानी ही पानी
ताल तलैया भरे सभी
नदियों ने तुफान मचाया
जलीय जीव में खुशियां छाई
वृक्ष हंसे मुस्कराई घास
पृथ्वी पर हरियाली छाई
सभी जीव-जंतुओं ने
बरखा रानी को किया प्रणाम
✍️ विनोद कुमार सीताराम दुबे
शिक्षक व हिंदी प्रचारक
गुरु नानक इंग्लिश हाई स्कूल
एन्ड जूनियर कालेज भांडुप
मुंबई महाराष्ट्र
Sadar prashit
ग़ज़ल
बड़ा तरस आता है आज के जवानों पर
दर्द की दवा ढूँढे सब दर्द की दुकानों पर|1
क्या गजब ढाती हैआज की तालीमे भी
हाथ मे किताबें हैं....गालियां जबानों पर|2
माँ ही भूखी रहती है कुछ घरों में देखाेगे
पायेंगें क्या जाने से पूजा के ठिकानों पर|3
हर गली तिराहे पर ..हैं दोस्तों खुदा देखो
क्या कहोगे तुम इनके.बेतुके बयानों पर|4
प्रेम यें सहमे परिंदे क्या करें कहाँ जाये
हर तरफ यहाँ जुल्मी बाज हैं उड़ानों पर| 5
✍️ डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम नजीबाबाद
||ॐ श्री वागीश्वर्यै नमः||
मेरा गाँव
हमारे गाँव में आओ, खुशी से झूम जाओगे|
सुहानी वायु के झोंके, यहाँ पर रोज पाओगे
खिलेगा चेहरा तेरा, पड़ेगी धूप जब उस पर|
निराली कांति खेतों की, दिखेगी फूल-पत्तों पर||
हरितिमा को दिशाओं में, निरखने चित्त जाएगा|
चलेगा वो सदा आगे, न पीछे दौड़ पाएगा|
बहारों से भरी बूँदे, गिरेंगी तेज झरनों से|
सुनेगा गीत तू प्यारा, सुनाएगा उदक झरनों से||
वृषों की कंठ की घंटी, अनोखा गीत गाएंगी|
खगों की कूक मीठी भी, मिलन संगीत गाएंगी|
हँसी मीठी सुनेगा तू, युवतियों की लुभाती वो|
सुनो मेरी मनोहारी, धरा सुंदर बुलाती वो||
मनोहारी उषा होती, सुहानी साँझ भी होती|
वनों में और बागों में, हवा भी झूमने आती|
चले न्यारी हँसी की भी, बहारें गाँव-कूचों में|
सभी मिल खेलते बच्चे हमारे गाँव हर घर में||
मनोहर गाँव है मेरा, मधुरता देख लो आकर|
सुरभि माटी सदा देती, करो अनुभव यहाँ आकर|
दिलों में भी धरा में भी, मधुरता ही विलसती है|
मधुर होता यहाँ जीना, मधुरता ही खनकती है||
✍️ गणेश चन्द्र केष्टवाल
मगनपुर किशनपुर
कोटद्वार गढ़वाल उत्तराखंड
सादर नमन 🙏
शीर्षक-
जिंदगी ✍️ अनिता तिवारी
क्या जिंदगी जब मौत
बन जाएगी तब समझोगे
संभालो अपनी जिंदगी यारों
एक बार ही तो मिलती है
बार-बार क्यों मरते हो
खत्म कर दो मरने के
कारणों को जी लो मन भर कर
तोड़ दो जीवन के गलत बंधन को
अपना लो नए नियमों को
खत्म हो जाएगी खुद- ब- खुद
तेरी जिंदगी की बुराइयां
एक बार ही सही
कुछ नया करके देखो
देखो विश्व कैसे आगे बढ़ रहा है
कैसे उन्नति के पथ पर चल रहा है
नित्य नए कीर्तिमान बनाकर
पथ को प्रशस्त कर रहा है
तुम्हें क्या हुआ है
तुम भी कर्णधार बनो
क्या जिंदगी जब मौत
बन जाएगी तब समझोगे
आज नहीं तो कल तुम्हें बदलना ही है
इस जीवन के नियम बदलना ही है
क्यों ना अभी से बदले
क्यों ना नया निर्माण करें
तुम्हें किसने रोका है
जिस ने रोका है वह तो तुम हो
अपने ही आप में विघ्न पैदा मत करो
आगे बढ़ो सफलता इंतजार में है
चुम लो उसे जो इंतजार में खड़ी है
एक बार सफलता को गले
लगा कर तो देखो
एक बार जिंदगी को जी कर के देखो
अपनी बुराइयों को जला दो
अपनी आदतों को बदल दो
जिस पथ पर जाना नहीं छोड़ दो
एक नया घोंसला बना कर तो देखो
लाख जतन कर लिया
अगर कुछ बदल ना पाया
तो तेरे रास्ते में गड़बड़ी है
नए पथ पर जाकर देखो
क्यों बैठे हो हाथ पर हाथ रखकर
किस आस में प्रभु की तरफ देख रहे
अरे वह तो उसी की मदद करता है
जिसने पहल स्वयं की है
ईश्वर को मत छोड़ो
पर अपना हौसला बना कर तो देखो
आज नहीं तो कल तुम्हारा होगा
सफलता अब दूर नहीं
यह सोच अपना कर तो देखो
पीछे मत देखो आगे बढ़ते रहो
अपनी कमजोरियों का कारण
सिर्फ तुमको ही पता है
उन कमजोरियों पर विजय
पाकर तो देखो
बढ़ती उम्र से डरो नहीं
अपनी उम्र जी कर तू है तो देखो
खुद का खुद को बुलंद कर लो
यह दुनिया बड़ी जालिम है
वह इतनी जल्दी तुम्हें ना अपना आएगी
तुम्हें इनको अपनाना होगा
क्या जिंदगी जब मौत
बन जाएगी तब संभलोगे
✍️ अनिता तिवारी
दिल्ली
नमन मंच
साहित्य एक नजर
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बारिश ✍️ रीता मिश्रा तिवारी
ऑफिस से अभी निकल कर थोड़ी दूर गया ही था की आगे सर्कल पर काफी भीड़ देख कर मैंने साइड में गाड़ी लगा उतर कर देखने चला गया कि आखिर भीड़ क्यूं है। पुछने पर किसी ने कुछ नहीं बताया तो मैं भीड़ को चीरता अंदर प्रवेश किया तो देखते ही मेरा दिल भर आया और साथ में गुस्सा भी, कि ये भीड़ तमाशा देखने वालों की लगी है। तभी तेज बारिश शुरू हो गई। लोगोें पर गुस्सा जाहिर करते हुए मैंने उस घायल औरत और उसके नवजात शिशु को उठाया और फौरन हॉस्पिटल ले कर गया डॉक्टर को सारी बातें बताई और इलाज करने को कहा। थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने आकर कहा बच्ची ठीक है पर बच्ची की मां को नहीं बचा सके। बच्ची को लेकर मैं गाड़ी में आकर बैठ कर सोचने लगा कि अब क्या करें। बारिश भी अपनी यौवनवस्था की सीमा पार कर थमने का नाम नहीं ले रही थी। बाहर की तूफान को लांघता आगे तो बढ़ तो गया, पर अंदर उठे तूफानों के सवाल में घिरा घर पहुंचा।बच्ची को गोद में देख पत्नि की सवालिया नजर मेरी ओर टकटकी लगाए खड़ी थी। मैंने अपने इष्ट देव को स्मरण कर सारा वाक्या सुना दिया।जो डर था ठीक उसके विपरीत पत्नि ने मेरी गोद से बच्ची को लपक कर ले लिया और चूमने लगी मेरी बच्ची मेरी बच्ची कहते हुए बीस सालों से सीने में दबी उसकी ममता बच्ची को देख फुट पड़ी । मैंने भी उसकी गोद में बच्ची को उसे प्यार करते देख चैन की सांस लेकर इष्ट देव को धन्यवाद किया ।
✍️ रीता मिश्रा तिवारी
शिक्षिका स्वतंत्र लेखिका
1.7.2021
मैं बादल नहीं जो
बेरुख़ी से गुज़र जाऊंगा
मैं तो बरसात की बारिश की
वो बूँद हूँ जो प्यार बनकर
तुझपर बरस जाऊंगा
तू प्यासी है ज़मीं की तरह
मैं बादल हूँ पागलो की तरह
तू राह तकती है मेरी जैसे
बंज़र ज़मीं हो तू
मैं तुझपर इस तरह प्यार
बरसाता हूँ जैसे मूसलाधार
बारिश की बूँद हूँ मैं
तू बादलो की तरह
मुझसे बेरुख़ी करती है
मैं बरसात की बूंदो की तरह
तुझसे बरस कर
मुहब्बत करता हूँ
जब तुझे अक्सर तन्हाई या
महफ़िल में मेरी याद आती है
तेरी आँखों से मैं ही तो बारिश
की बूंदो की तरह बरसता हूँ
तेरी आँखों में जो ये काजल
है वो मैं ही तो बादल हूँ
तेरी दिल की ज़मीं का तबरेज़
ही तो बरसात सावन और बादल है
✍️ तबरेज़ अहमद
नई दिल्ली बदरपुर
प्रकाशनार्थ
मामकाः पाण्डवाः
मेरे पुत्र (मामकाः)और पाण्डुके पुत्र (पाण्डवाः)-इस मेरे -तेरे मतभेद से या मनभेद से ही राग-द्वेष पैदा हुए, जिससे युद्ध हुआ , महाभारत हुई।धृतराष्ट्र के भीतर पैदा हुए राग-द्वेष का फल यह हुआ कि शत-शत कौरव मारे गए और पांडव शेष बचे रहे।
जैसे दही बिलोने पर मक्खन का जन्म होता है, ऐसे ही मामकाः और पांडवाःके भेद से पैदा हुई महाभारत से अर्जुन के मन में कल्याण की अभिलाषा जाग्रत हुई, जिससे भगवद्गीतारुपी मक्खन निकला।
अर्थात यहां तात्पर्य ये है कि धृतराष्ट्र के मन में हुई हलचल ने महाभारत उत्पन्न की जबकि अर्जुन के मन की हलचल ने गीता को प्रकट किया।
✍️ श्रीमती सुप्रसन्ना झा
जोधपुर, राजस्थान।
भवानीमंडी की बाल कवयित्री शुभांगी शर्मा ने फेसबुक मंच पर किया ऑनलाइन काव्यपाठ -
भवानीमंडी :- अखिल भारतीय साहित्य परिषद भवानीमंडी की सबसे कम उम्र की बाल कवयित्री शुभांगी शर्मा ने दिल्ली की साहित्यिक संस्था ,साहित्य संगम संस्थान के साक्षात्कार संगम फेसबुक पेज पर ऑनलाइन काव्य पाठ के दौरान शुक्रवार शाम 4 बजे से कविताएं सुनाई जिसे देश भर के कई रचनाकारों ने सराहा करते हुए प्रशंसा की। शुभांगी शर्मा ने बताया कि साक्षात्कार संगम फेसबूक पेज पर मेरा साक्षात्कार देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री व संगम सुवास नारी मंच की प्रचार सचिव उमा मिश्रा प्रीति जी ने साक्षात्कार लेते हुए मेरे साहित्य जगत में प्रवेश से लेकर अब तक कि उपलब्धियों के बारे में प्रश्न पूछे। मैंने साक्षात्कार के दौरान ही मेरी कविताएं दोहे जो देशभक्ति , पर्यवरण ,शिक्षा व स्वच्छता सम्बधी विषयों पर आधारित सुनाए। मुझे कई रचनाकारों ने बधाई देते हुए आशीर्वाद दिया है। ये मेरा फेसबुक पर ऑनलाइन काव्य पाठ प्रथम बार हुआ। मैं साहित्य संगम संस्थान से जुड़कर बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। मैं संस्थान के अध्यक्ष महोदय उमा मिश्रा जी को बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ। मुझे कविताएं लिखने की प्रेरणा मेरे पिताजी डॉ. राजेश पुरोहित जी से मिली। कोरोना काल मे अभी मैं कविताएं लिखने में प्रयासरत हूँ।
स्वामी विवेकानंद ( संक्षिप्त आलेख )
मानव को मानवता का स्वस्थ एवं मर्यादित पाठ पढ़ाने वाले, वाणी में अपार शक्ति तथा नेत्रों में सम्मोहनता से संयुत्, मानव समाज के ज्योतिर्मान नक्षत्र, जीवन के प्रारंभिक काल में नरेन्द्र नाम से अभिहीत स्वामी विवेकानंद ने भारत वसुंधरा पर 12 जनवरी 1863 को अपने अवतरण द्वारा अधिवक्ता पिता विश्नाथ और परं धर्म परायणा, वात्सल्यमयी भुवनेश्वरी देवी के दाम्पत्य जीवन को धन्य किया था। ज्ञानता और अज्ञानता के आधार पर सुखमय एवं दुखमय यह लोक में मानवता का वरण करने वाले, अनुपम विवेक शक्ति मण्डित महसपुरुषों का पर सेवा परायण जीवन ही धन्य है, इसे आलोकित व चरितार्थ करने वाले, विश्व मानवता के मसीहा स्वामी विवेकानंद ने अखिल विश्व में भारतीय संस्कृति व सभ्यता की अद्वितीयता का परचम लहराया। सर्वधर्म समभाव की विचारधारा का मिलन केंद्र "मानव धर्म" की महनीयता से सर्व साधारण को बाधित कराने वाले विवेकानंद ने हिन्दू धर्म के विषय में ओजस्विता पूर्ण ढंग से कहा है कि-"मैं एक ऐसे धर्म का अनुयायी होने में गर्व का अनुभव करता हूँ, जिसने संसार को सहिष्णुता, तथा सार्वभौम स्वीकृति दोनों की ही शिक्षा दी।हम लोग सब धर्मों के प्रति केवल सहिष्णुता में ही विश्वास नहीं करते,वरन समस्त धर्मों को सच्चा मान कर स्वीकार करते हैं।" अपने गुरु श्रद्धेय रामकृष्ण परमहंस की महासमाधि के बाद सन्यास लेने वाले नरेन्द्र ने गुरु की आज्ञानुसार मानवता के कल्याणार्थ कार्य साधना में सदैव तत्परता दिखाई।गुरु की इच्छा को इन्होंने अपने जीवन का महाव्रत बनाया।कभी सच्चिदानंद तो कभी विवेकानंद नाम से स्वयं को प्रत्यक्षित कराने वाले नरेंद्र को सर्वप्रथम खेतड़ी नरेश ने विवेकानंद नाम से संबोधित किया था। विश्व के प्रथम सर्वधर्म सम्मेलन (11 सितंबर,1893),जो कि शिकागो में आयोजित हुआ था(8हजार से अधिक अमेरिकी नर-नारियों की प्रतिभागिता)में विवेकानंद के संबोधन के दौरान करतल ध्वनि से सभागार गुंजित हो उठी थी तथा विवेकानंद जी ने लोगों के दिल में अपना पवित्र साम्राज्य कायम कर लिया था।अगले दिन न्यूयार्क के हेराल्ड समाचार में छपा था कि-"सर्वधर्म सम्मेलन में सबसे महान व्यक्तित्व विवेकानंद जी का है।" स्वस्थ समाज निर्माण और दलित मानवता की सेवा में किशोर वय व युवावस्था को पूर्णरूपेण समर्पित करने वाले इस महापुरुष(जिसकी महानता के विषय में जितना भी कहा जाय कम है) ने अपनी जीवन यात्रा 04 जुलाई 1902 ईस्वी को पूरी की थी।
✍️ सुरेश लाल श्रीवास्तव
प्रधानाचार्य
राजकीय उ.मा. विद्यालय
अम्बेडकरनगर, उ. प्र.
9415789969
कविता :- 20(46) , शनिवार , 03/07/2021 , अंक - 54
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2046-03072021-54.html
अंक - 55
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/55-04072021.html
कविता :- 20(47) ,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2047-04072021-55.html
अंक - 56
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/56-05072021.html
कविता :- 20(48)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2048-05072021-56.html
अंक - 57
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/57-06072021.html
कविता :- 20(49)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2049-06072021-57.html
अंक - 58
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/58-06072021.html
कविता :- 20(50)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2050-07072021-58.html
अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html
कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html
कविता :- 20(47)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
मैं रूकता , मेरा कलम रूकती नहीं ,
मैं तो झुक जाता पर ये सर झुकती नहीं ।।
देख चुका हूँ इस जीवन की राह
अब इससे होने वाला मुक्ति नहीं ,
निभाते रहो कर्त्तव्य ...
कर्त्तव्य निभाते - निभाते थक जाओगे ,
रूक जाओगे
ये कर्त्तव्य कभी चुकती नहीं ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(47)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
04/07/2021 , रविवार
Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 55
Sahitya Ek Nazar
04 July 2021 , Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्व साहित्य संस्थान /
साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
* शेर सा जीवन *
दिए की रोशनी बनकर,
जगत में नाम करना है।
बहुत आराम कर बैठे,
चलो कुछ काम करना है।
जिएं तो शेर सा जीवन,
नहीं डर डर के मरना है।
कफन सर बांध के निकला,
जमाने से भी लड़ना है।
लड़ा जिसने भी है जीता,
कभी रन को कभी दिल को।
यदि रण जीत जाएंगे,
बहुत सम्मान पाएंगे।
कभी गर हार भी जाएं,
जगह दिल में बनाएंगे।
दिलों को जीत कर ही तो,
यहां तक साथ आए हैं।
मिला मानव का चोला,
उसी का फर्ज निभाए हैं।
जिएं तो शेर सा जीवन,
नहीं डर डर के मरना है।
दिए की रोशनी बनकर,
जगत में नाम करना है।।
✍️ केशव कुमार मिश्रा
सिंगिया गोठ, बिस्फी,
मधुबनी,बिहार।
" अधिवक्ता " , व्यवहार
न्यायालय दरभंगा।
शीर्षक -
" पहचान "
पहचान हमारी सबसे विशिष्ट
है पूरे विश्व में निराली है
लोहा मानती दुनिया भारत का
सिंह सी चाल मतवाली है।
त्याग तपस्या और बलिदान
ज्ञान की गाथा गाती है दुनिया
वसुधा कुटुम्ब में कल्याण हो
सबका प्रज्ञा इस सोच वाली है ।।
सिखाई विश्व को सुप्रवृत्तियां
सत्कर्म सिखाए हैं सभी
ज्ञान की ज्योति जलाकर विश्व
को दिखाई सत्य की राह भी।
शिष्टाचार और मानव धर्म बताकर
पशुवत् आचरण से बचाया है
भारतीय पहचान हमारी माने जाते
विश्वगुरु थे हम कभी।।
✍️ डॉ देशबन्धु भट्ट
प्रवक्ता संस्कृत
राजकीय इण्टर कॉलेज तोलीसैण
मुखेम टिहरी गढ़वाल
सर्वथा मौलिक, स्वरचित, अप्रसारित एवं अप्रकाशित रचना