कविता :- 20(48) , सोमवार , 05/07/2021 , अंक - 56, श्रेष्ठ पत्रकार सम्मान , साहित्य संगम संस्थान

रोशन कुमार झा

कविता :- 20(48)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

परिणाम अच्छा ही होता है -

जो भी करता हूँ
वह अच्छा ही होता है ।
नई मोड़ पर हर कोई
पहले बच्चा ही होता है ।
जो भी करता हूँ
उससे किसी न किसी
का रक्षा ही होता है ,
एक तरफ जय जयकार
तो दूसरे तरफ बदनामी
की शोर मचा ही होता है ।।

इससे बचकर जो आगे बढ़े
वह दिल और दिमाग़ से
सच्चा ही होता है ,
कुछ करना है कुछ करें
वह भी एक नशा ही होता है ।
हार जीत भाई बहन वह
हृदय में बसा ही रहता है ,
जो भी करता हूँ यारों
उसका परिणाम अच्छा ही होता है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(48)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
05/07/2021 , सोमवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 56
Sahitya Ek Nazar
05 July 2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
अंक - 1

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/492215/literature-1-
मात्र :- 15 रुपये

आ. ज्योति झा जी
संपादिका
साहित्य एक नज़र , कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका

आपका अपना
रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक

धन्यवाद
मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/

https://online.fliphtml5.com/axiwx/zpvc/

https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo

https://play.google.com/books/publish/u/2/a/13739093672815267093#list

आओ बारिश गीत विशेषांक , अभिव्यक्ति ,  अंक-62
इस लिंक पर क्लिक करके पढ़ें
https://online.fliphtml5.com/axiwx/blyv/

https://m.facebook.com/groups/1653994421452422/permalink/1845783302273532/

https://youtu.be/K1-IyOGBWz8

घर छोड़ा 4000 गाड़ी वाला लिया । मुंबई गया माँ चाचा राहुल माँ को बोले पूजा पापा कैंसर हो गया है मुंबई जायेगा तो चाचा बोले ऐतई भेज दहक हम कहलियन दू आदमी फंसले छी अखरो फंसेबैय की ।

[05/07, 23:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 धन्यवाद
[05/07, 23:28] सुधीर श्रीवास्तव जी: शुभरात्रि
[06/07, 07:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात 🙏💐

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान
[05/07, 22:20] +91 : 06/07/2021 के अभ्यास

तीन व चारि वर्णक संयुक्ताक्षरक अभ्यासक आठम   दिनक अभ्यास   👇
[05/07, 22:20] +91 : https://youtu.be/oPI4Hx6ZvAY

Ncc -

[04/07, 20:25] +91 : Sir kitna baje se class hoga?
[04/07, 21:03] Ano N. d College: Phone karke puchlo
[04/07, 21:21] +91 : Ok sir.
[04/07, 21:21] +91 943: 10 AM
[04/07, 21:21] : Start
[05/07, 10:00] +91 : To join the meeting on Google Meet, click this link:
https://meet.google.com/tnp-jweo-zcy

Or open Meet and enter this code: tnp-jweo-zcy
[05/07, 10:01] : Only for the 2018 Cadet

[05/07, 21:35] Rahul Jha Jio: Hi
[05/07, 21:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: बोलो

[05/07, 18:57] +91 9925: 15 रुपए क्या acount में paytm करने हैं क्या  sir जी
[05/07, 19:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: वहीं पर सब है आदरणीय श्री गूगल पे पेटिएम
[05/07, 19:06] +91 : जी
[05/07, 19:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/601633040804952/?sfnsn=wiwspmo
[05/07, 20:49] +91 : थैंक्स सर जी, paytm motning में karenge,
[05/07, 20:52] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 कोई बात नहीं

[04/07, 13:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक कहानी छाया सहाय की जुबानी पुस्तिका खरीदने के लिए , लिंक पर क्लिक करें
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मात्र - 100 +  15. 34 रुपये में

✍️ लेखिका - छाया सहाय ( साहित्य एक नज़र )
[04/07, 13:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: दीदी आज की एक नई उपलब्धि
[05/07, 11:08] ज्योति दीदी जी: 👍👌👌
[05/07, 20:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/365510634417195/permalink/601622790805977/?sfnsn=wiwspmo
[05/07, 20:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: मतलब कुछ भी वाह साहित्य संगम संस्थान अब रोशन आने वाला है नहीं
[05/07, 20:47] ज्योति दीदी जी: 😂😂
[06/07, 07:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात 🙏 दीदी जी 🙏💐

[05/07, 12:10] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: जय माँ शारदे

शीर्षक - मेरे हिस्से तो अब तक

मेरे हिस्से तो अब तक भगवन तेरी कृपा आई है
कभी धूप - छाँव कभी ग़म कभी खुशी छाई है
कभी अपने कभी परायों की बेरूखी मेने पाई है
कभी सत्य पर झूठ की परत लोगों ने बिछाई है
सही होते हुए भी सदा खामोशी धारण होती है
जवाब देने का हक वक़्त पर छोड़ना समझदारी है
भगवान ने सदैव सहनशक्ति व हिम्मत बंधाई है
जिंदगी कभी मुश्किल तो कभी आसान होती है
कभी आह तो कभी वाह यही तो दुनियादारी है
अपने भाग्य में जो लिखा स्वीकारना समझदारी है
सदैव हम भलाई करते रहें बहते पानी की तरह
बुराई खुद ही किनारे लग जाएगी कचरे की तरह
जीवन रूपी सागर में अपार संभावनाएं छिपी हैं
बाल्टी भरनी हैं या चम्मच यह तय हमे करना है
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर छुपी है
हम जिसका उपयोग अधिक करेंगे वो उभरती है

कलावती कर्वा
[05/07, 12:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 दीदी जी 🙏
[05/07, 12:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: फोटो भेजिए
[05/07, 13:01] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: धन्यवाद भाई
[05/07, 13:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏 दीदी जी 🙏💐
[05/07, 18:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/cfgm/
[05/07, 18:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏 दीदी जी 🙏💐
[05/07, 18:48] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: वाह भाई आपने रचना प्रकाशित करने के साथ-साथ सम्मान पत्र भी दिया आभारी हूँ आपकी...

बहुत बहुत धन्यवाद भाई रोशन जी आपके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करती हूँ
💐💐💐💐💐
[05/07, 18:49] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: सुन्दर सम्मान पत्र देकर सम्मानित करने के लिए तहेदिल से हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ
रोशन भाई आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूँ..
[05/07, 18:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद सह स्वागतम् 🙏 दीदी जी 🙏
[05/07, 19:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: कल से अपनी पत्रिका बिक्री भी होने लगी दीदी जी आप लोगों के आशीर्वाद से एक कम्पनी संचालन करती है
[05/07, 19:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंक - 56
साहित्य एक नज़र अंक - 56 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -

https://imojo.in/4m77Yv

मात्र :- 15 रुपये

जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 56
5 जुलाई  2021
सोमवार
आषाढ़ कृष्ण 11 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र -  8 - 10
कुल पृष्ठ -  11

रचना प्रकाशित रचनाकारों के नाम -

1. आ.  डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह जी ,
2. आ. रंजना बिनानी जी - समाचार
3. आ.  कलावती कर्वा जी
4. आ. कृष्ण कुमार महतो जी
5. आ. विनय साग़र जायसवाल जी
6.आ. राम चन्दर आज़ाद जी
7.आ. राजेश "तन्हा" जी
8. आ. राजेश सिंह ( बनारसी बाबू )
9. आ. रोशन कुमार झा
10. आ. कैलाश चंद साहू जी
11. आ. शिवशंकर लोध राजपूत जी ( दिल्ली )

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
113 .  आ.  डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह जी
"सहज़" हरदा मध्यप्रदेश,
114. आ. कलावती कर्वा जी
115. आ. राम चन्दर आज़ाद जी

हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
[05/07, 19:32] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: वाह यह तो बहुत अच्छी खबर है
बहुत बहुत बधाई आपको

आपकी पत्रिका निरन्तर कामयाबी हासिल करे यही प्रभु से प्रार्थना करती हूँ आपके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करती हूँ
💐💐💐💐
[05/07, 19:33] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: 👍🏻👍🏻👍🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
[05/07, 19:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 दीदी
[05/07, 19:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: कम्पनी 15 लेती है 10 हमें देती है । आप लोगों का आशीर्वाद बना रहें बस दीदी जी 🙏💐
[05/07, 19:38] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: भाई बूंद बूंद से घड़ा भरता है

धीरे-धीरे चलते-चलते पहुँचो तुम ऊंचाई पर
संकर आए, आँधी आए डटे रहो अपनी सच्चाई पर
[05/07, 19:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी दीदी जी अभी भी आंधी काम कर रही है पर हम आंधी से हारने वाले में से नहीं है दीदी जी आप लोगों के आशीर्वाद से 🙏💐

बहुत बहुत बधाई भाई
श्रेष्ठ पत्रकार सम्मान
[05/07, 20:21] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: अपनी हिम्मत सदा बनाए रखना
आँधियों को चीर कर आगे बढ़ना
[05/07, 20:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद सह सादर आभार 🙏 दीदी जी ,
[05/07, 20:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: दीदी जी हम तो कुछ सहयोग भी नहीं किए रहें आ. कुमार रोहित रोज़ जी व आ. राजेश कुमार पुरोहित जी समाचार बनाकर दिए रहें ।
[05/07, 20:37] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: आपने प्रकाशित किया यह आपका बड़ा सहयोग है भाई
[05/07, 20:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद दीदी जी 🙏💐

[05/07, 19:02] आ. राजेश पुरोहित जी: ये बहुत सुंदर अंक लगा
[05/07, 19:03] आ. राजेश पुरोहित जी: शानदार कवरेज
[05/07, 19:03] आ. राजेश पुरोहित जी: 🙏🌹
[05/07, 19:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/apzc/
[05/07, 19:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐

[05/07, 12:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/321121292983987/?sfnsn=wiwspmo
[05/07, 12:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां रचनाएं हैं बरसात वाली
[05/07, 16:04] डॉ पल्लवी जी: देखे।मैं अपनी रचना भी यहीं भेज दूं?
[05/07, 16:05] डॉ पल्लवी जी: भाई आपने बुक के लिए बात की थी क्या?
[05/07, 17:18] Roshan Kumar Jha, रोशन: 17000 में 75 कॉपी
[05/07, 17:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक प्रकाशन बोला है अभी और पता लगा रहें है ।
[05/07, 18:03] डॉ पल्लवी जी: शुक्रिया भाई।

[05/07, 10:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[05/07, 18:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/cfgm/
[05/07, 18:47] रोहित रोज़ जी: 👍👍
[06/07, 07:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏

[05/07, 11:44] ज्योति झा जी: किछ रिसपांस ऐल?
[05/07, 11:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: बढ़िया बहिन
[05/07, 11:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: 10 रुपया अप्पन हेएत
[05/07, 11:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: 5 रुपया कम्पनी के
[05/07, 11:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: पत्रिका - 55 दूं जन लेलकीन
[05/07, 11:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: इअ धन सअ बहिन पत्रिका के पंजिकृत करबअ के अछि
[05/07, 11:48] ज्योति झा जी: जी🙏🏼
[05/07, 11:48] ज्योति झा जी: ई त' 10 रू. छैय ने?
[05/07, 11:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां बहिन 4. 72 पैसा कम्पनी जीएसटी
[05/07, 11:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: मिथि लिट्रेचर के एखन नि: शुल्क राख के छैय
[05/07, 12:12] ज्योति झा जी: जी🙏🏼


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kimaya_k (Instamojo)

Jul 5, 2021, 11:31 GMT+5:30

Hello Roshan,

Greetings from Instamojo! 

You just started a new business. Congrats!

Starting a business is no easy task but there's no better place to start than Instamojo.

Instamojo is a simplified payment solution that allows businesses to collect payments via credit cards, debit cards and net banking. Please go through our introductory video https://support.instamojo.com/hc/en-us/articles/208031189-Video-Introducing-Instamojo for more info.

Do let us know if you need anything else. Always happy to help.


Regards,
Kimaya
Support | Instamojo

Roshan Jha

Jul 5, 2021, 1:15 GMT+5:30

Thanks you sir 🙏💐

On Sun, 4 Jul, 2021, 10:33 Sampad from Instamojo, <support@instamojo.com> wrote:

Hi Roshan Jha,
Welcome to Instamojo!
I'm Sampad, CEO and founder at Instamojo. You signed up for a fast, easy way to collect online payments. That's exactly what we built, so I'm excited to take you through it!
Over the next few weeks, my team and I will reach out to share tips on how other businesses are using Instamojo to scale up. And I'd love to hear from you, just hit 'reply' to tell me what you think.

Sampad Swain
CEO, Instamojo

Need help getting started? Check out our FAQs (https://support.instamojo.com/) or contact us at
support@instamojo.com.

© 2021 Instamojo. All Rights Reserved.
3rd floor, Maa Grace, 12, 7th Cross Road, Koramangala 1A Block, Bangalore - 560034

This email is a service from Instamojo. Delivered by Zendesk

[20P7GV-3EE6]

Hello Roshan Jha,

We want to make sure you're happy with our customer service on the issue you had raised with the subject line Re: Congratulations, you’re in!

Please let us know your feedback by answering one quick question below:

https://support.instamojo.com/requests/566009/satisfaction/new/w1X7Cn9ZAVib8k7SC8dgnOkIT?locale=1&intention=16

Have a great day ahead!

Regards,
Team Instamojo





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Next step: Your bank account has to be verified


Hey there,

 

We hope you are safe and healthy.

 

Are you wondering why you should verify your bank account to get started with Razorpay? This step helps us ensure that the money that you receive from your customers will get deposited only in your linked bank account.

 

As a part of this verification, we will also deposit some micro-amount into your account. Here are the details that we would require to verify your bank account

Bank IFSC code

Bank account number

Your name linked to the account

Let's resume your onboarding and get your bank account verified today!  

Verify My Account

 

Jyotika Agarwal

Onboarding Specialist

If you have any queries, please refer to the Knowledge base

  

Razorpay, Hosur Road, Bengaluru, Karnataka

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Hey roshanjha1301,

 

Email is one communication channel that hasn’t gone into a lockdown ever.

 

Over the last 50 years, quarantine or not, people have been sending and receiving emails for both personal and business use.

Luckily, if you have an Instamojo account, you can take care of the email community using Mailchimp for Instamojo.

Why Use MailChimp for Instamojo:

This app automatically creates lists in your MailChimp account for dropped-off buyers and customers who paid you.

Never miss out on a sale. Reach out to your transacting users and keep them updated.

Convert your dropped-off customers into sales with cart-abandonment emails,

Here’s how it works:


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3rd floor, Maa Grace, 12, 7th Cross Road, Koramangala 1A Block, Bangalore - 560034

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____________

हिन्दी कविता:-12(74)
05-07-2019 शुक्रवार 17:45
*®• रोशन कुमार झा
-:करो तूलना !:-

मैं किया नहीं हूँ, मना
मैं किया नहीं हूँ मना
सच कहो तो एक भी आना!
मैं किया नहीं हूँ मना!

कर सकते हो तुलना
तो करो मुझे भी आता है मुड़ना!
मुड़कर रुकना नहीं मेरा मक़सद
है उड़ना ,
और क्या सुख-दुख सभी को है भूलना!

जो क्षणिक है,
मानो कि रोशन राह का भीख है!
जीत से भी हार से भी सीख है
दुख के बाद सुख
सुख के बाद दुख नज़दीक है!

तो तुलना करो सुख से न दुख से,
और नहीं प्रमुख से!
आमुख से और सम्मुख से!
जो भी करो वह करो अपने मुख से!

तो करो मेरे तुलना,
मैं हूँ परिंदा मेरा काम ही है उड़ना!
तू तो तू
तु सहित जग को है भूलना,
हर एक राह से है मुझे मुड़ना!

उस राह पर जाना है विचार से,
दुख हटाना है कह दो मेरे यार से!
विमुख हो चुका हूँ इस संसार से,
तो तुलना कर दो फ़िलहाल मेरी
हार से!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(74)
05-07-2019 शुक्रवार 17:45
कल सुमन गार्ड NiF-200दिये
D.K 200 और BSNLलिए
31st Bengal Bn Ncc Fortwilliam
Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047

शीर्षककविता:-4(035)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 4(035
जिन्दगी है शराब!?

दुनिया बड़ा खराब है,
जैसे घड़ा से भरा शराब है!
जो पीया वह भी पछताया,
जो नही पीया वह कब नशेबाज में गिनाया!
पीया वही जो नेहा भरी राहो में जख्म से
मजबुर था,
विखरे जो है माला वह भी कभी हरा-भरा
फुल था!
पीया शोक से नही नफरत की राहो से,
उसे कोई पिलाया नही जो पीया वह पीया
अपने बाहो से!
दुनिया बड़ा खराब है,
जैसे की महाभारत का काव्य है!
वर्षा ऑधी तूफान में उदासी से नही होठ
पर मुस्कान के साथ पीया,
हर एक चीज न्योयछावर कर दिया उसके
बदले में कुछ नही लिया!
दिन ही अब बचा चार है,
शराब ही तो गम में जीने की उपचार है!
लगातार उपचार होंने पर बुलाबा आती है
ऊपर से,
यमराज स्वंय ले जाते है उठा कर घर से!
शराब ! शराब ! शराब !
ये दुनिया ही है खराब !?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
24-02-2018शनिवार18:35
Pmkvy Diary-कविता-4(035)
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Roshan kumar jha
Surendranath evening college
Ncc:-31St bn ncc Fortwilliam
kolkata-B India
Reg no:-WB17SDA112047
Pmkvy, E.Rly. Scouts, st john Ambulance (Narasinha Dutt College)

शीर्षककविता:-3(049)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 3(049)
बुझ रही प्रेम के दिये!?

जलते प्रेम के दो दीये है,
अंधकार में नही उज्जवलता में ही उसे लिये है!
उसकी सिन्दुर करीब है,
मै मॉग नही सजॉ सकते क्योंकि मै इस वक्त
गरीब है!
जिन्दगी की दो राह है,
असफलता नही सफलता हर किसी की चॉह है!
मॉग सजॉ ली वह किसी से अब रिश्ता दुर है,
अविरान बाग के लिए वह कॉटे तो मेरे लिए
वे शुभ कमल के फुल है!
जो तालाब में खिली थी वर्षा बंसत कड़ी धुप में,
मनमोहित की वे मुझे अपनी मुस्कान भरी रूप में!
चली गयी नेहा भरी राहो में छोड़कर क्या
मेरा तकदीर है,
टुट गये रिश्ते लेकिन अभी भी मेरा
जिन्दा दिल है!
गुजारे एक साथ इसी राहो पर क्या वह अब
लक्षमण रेखा है,
चली जा रही है वह किसी के डोरी में मैने
स्वपना में देखा है!
हर बस्ती,हर घर में मेरे प्यार के निंदा है,
मै आभागा रोशन हुँ छोड़कर चली गयी
वह लेकिन मै अभी भी जिंदा है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
15-01-2018सोमवार21:20 (3!049)
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Chandan institute,Bamangachi
Roshan kumar jha
Ncc,Pmkvy, E.Rly.Scouts, st john
Ambulance (N.D.College, Howrah)

शीर्षककविता;-3(100)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 3(100)
प्यार की मार्ग!?

प्यार में सुगंध हो,
सुगंध से यदि चंदन हो,
चंदन की खुशबु से प्यार निभाने की दम हो!
जो नही निभाये उसे दण्ड हो,
दण्ड से उसके ऑखे बंद हो,
बंद ऑखो से उसके जीवन की गती मंद हो!
प्यार में यही नीती हो,
नीती से यदि कोई प्यार जीती  हो,
जीती हो मगर प्यार की रास मीठी हो!
मीठी रस से नेहा भरी रिश्ता निभाने की दम हो,
दम में यदि हम हो,
वर्षा ऑधी तूफान में भी किसी का प्यार
नही कम हो!
मेरा रोशन मार्ग में होठो पर मुस्कान हो,
मुस्कान से प्राकुति की मुस्कुराहत हो,
मुस्कुराहत से हमे अपने प्यार निभाने की
चाहत हो!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
08-02-2018 गुरूवार 22:45
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Narasinha dutt college St john Ambulance Howrah
Pmkvy Electrician 1283f
Chandan institute
Surendranath evening college kolkata india

शीर्षककविता-6(199)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(199)
तय करो अपना रास्ता!?

जो छुट गया सो छुट गया अब देखो अपना
रास्ता,
क्या नेहा,क्या नफरत किस पर रखुँ आस्ता!
जहॉ मिला धोखा,वही पर मिला मोका,
रिश्ता टुटना ही था हम तो नही पर
वह कहॉ रोका!
वर्षा आयी गयी पतझड़ आयी नव बसंत,
सुर्य की रोशन,चॉदनी रात में ही रिश्ता
टुटी उसी पल को मै समझा था अंत!
छोड़ो निर्णय करो अपना रास्ता,
जाने दो अब,
ये दुनिया ही स्वार्थी है मुसीबत में तो सबके
सब खुशहाली मे याद करते ही कब!
सँघर्ष की राह पर जिससे हम जो गया
हम से रूक,
जिससे रूके हम वह आगे, जो हमसे रूके
वह पीछे कहॉ मुलाकात हुआ दोबारा
यही तो है दुख!
छुटने से पहले ही माने थे खाश,
जो छुट गये से रूक गये हम नही गये
किसी के पास!
लोग अभी भी करते है मेरा तलाश!
अविरान बाग हो या निर्जन वन,
साथ छोड़ दिये सबके सब दुख है पर मै
अभी भी हुँ प्रसन्न!
मै नही लिए किसी का ज्यादा सहारा मै खुद
राह बनाये हटाकर कॉटे और घास,
राज्य का राजन तो बने अभिमान से नही
बनकर दास!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
23-06-2018 शनिवार 10:10
मो:-6290640716
Ncc,pmkvy, E.Rly.Scouts, st john Ambulance,

शीर्षककविता:-7(008)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(008)
जन्म-मरण है चक्र!?

जन्म-मरण है चक्र,
यह नही होता होता नही फर्क!
जन्म लिए हो तो मौत है निश्चत,
चॉहे हम हो या कोई भी मधुर कर्म वचन
बना लो मेरे मित्र!
वरना आये थे खाली जाना भी है हाथ
करके खाली,
नही विश्वास है तो देख लो फुल की डाली,
कल जो फुल था उसे तोड़कर ले गया माली,
नश्वरता की प्रतिक है यह दुनिया सारी!
आज जो है कली वही कल सुर्य के रोशन में
खिलकर बनेंगे फुल,
कल माली भी आज के कली को तोड़ने
के लिए हो जायेंगे मजबुर!
मौत की जंजाल व यमराज की डण्टा से
कहॉ बचे रावण महिषासुर,
सब कुछ जानने के बाद भी मोह-माया में
लिप्त हुँ कोन होगा मेरा जैसा धुर्र!
प्रभु तुम्हारे सिवा कोन करेंगा नकामी
रोशन का दुख का हरण,
जन-जन को कहता हुँ जन्म-मरण की
बंधन से मुक्ति पाना है तो पकड़ लो खुदा
मसीहा प्रभु क्ष्री राम का चरण!
स्वर्ग-नरक,जन्म-मरण की बंधन है चक्र,
कर्म कर पुण्य-पाप का अभी नही मरने
के बाद पता चलेगा फर्क!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
05-07-2018 गुरूवार 09:55
मो:-6290640716
Ncc,E.Rly.Scouts,Pmkvy, st john
Ambulance Howrah (N.D.College)

शीर्षककविता:-7(007)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(007
गुरु की स्थान!

गुरु की स्थान,
और कोई नही ले सकता गुरु ही दुनिया
दिखाये वही बनाये नई पहचान!
मार्ग हुए रोशन जब मिले गुरु,
नकामी की अंत ग्यानता की होने लगी
वही से शुरु!
ऑखे खुली जिसमें पडी थी आग्यानता
की धुल,
गुरु की महिमा पाते ही सारे मोह-माया
गये भुल!
जला दिये ग्यान रूपी प्रेम की ऑच,
वही बतलाये जिस संयोग से यह शरीर
बना है वह तत्व है पॉच!
बोले कर मधुर कर्म व्यवहार,
गुरु पिता गुरु मित्र गुरु ही है मेरा असली
क्षुंगार!
जिसे पाने में लगे कई साल,
दिन दोगुना रात चार गुना बढ़े गुरु की
महिमा है अपरम पार!
कैसे वर्णन करूँ लग रहा है शर्म,
धर्म जात-पात नही बतलाये करने को कर्म!
वही दिखाते जहान,
गुरु के आर्शीवाद से ही जो भी बना है बना है महान!
अँधेरा में जलना सीखाये,
मंजिल पर भले हम चढ़े मगर राह गुरु ही
दिखाये!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
05-07-2018वुहस्पतिवार00:01
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc, pmkvy, E.Rly. Scouts, st john Ambulance Howrah Narasinha dutt college
Chandan institute
Roshan kumar jha
Surendranath Evening College




अंक - 56
साहित्य एक नज़र अंक - 56 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -

https://imojo.in/4m77Yv

मात्र :- 15 रुपये

जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 56
5 जुलाई  2021
सोमवार
आषाढ़ कृष्ण 11 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र -  8 - 10
कुल पृष्ठ -  11

रचना प्रकाशित रचनाकारों के नाम -

1. आ.  डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह जी ,
2. आ. रंजना बिनानी जी - समाचार
3. आ.  कलावती कर्वा जी
4. आ. कृष्ण कुमार महतो जी
5. आ. विनय साग़र जायसवाल जी
6.आ. राम चन्दर आज़ाद जी
7.आ. राजेश "तन्हा" जी
8. आ. राजेश सिंह ( बनारसी बाबू )
9. आ. रोशन कुमार झा
10. आ. कैलाश चंद साहू जी
11. आ. शिवशंकर लोध राजपूत जी ( दिल्ली )

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
113 .  आ.  डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह जी
"सहज़" हरदा मध्यप्रदेश,
114. आ. कलावती कर्वा जी
115. आ. राम चन्दर आज़ाद जी

हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

अंक - 56

साहित्य एक नज़र, अंक - 56 खरीदने के लिए धन्यवाद 🙏
पत्रिका पढ़ें यहाँ से -

अंक - 55
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/491566/-55-04-2021

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uuxw/

मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/

https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
अंक - 1

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/492215/literature-1-
मात्र :- 15 रुपये

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 54 से 58 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo
https://online.fliphtml5.com/axiwx/apzc/
https://online.fliphtml5.com/axiwx/cfgm/
अंक - 49 से 53
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 45 - 48
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/314455886983861/?sfnsn=wiwspmo

मधुबनी इकाई अंक - 2
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विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3 के लिए रचना यहां भेजिए -
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-----------------
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 56 , सोमवार
05/07/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 56
Sahitya Ek Nazar
05 July ,  2021 , Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

_________________

रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई

कविता :- 20(46) , शनिवार , 03/07/2021 , अंक - 54

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2046-03072021-54.html


अंक - 55
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/55-04072021.html

कविता :- 20(47) ,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2047-04072021-55.html

अंक - 56
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/56-05072021.html

कविता :- 20(48)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2048-05072021-56.html

अंक - 57
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/57-06072021.html

कविता :- 20(49)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2049-06072021-57.html

अंक - 58
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/58-06072021.html

कविता :- 20(50)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2050-07072021-58.html

अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html

कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html



तृतीय दिवस "नजरिया" के रूप में मनाया गया साहित्य संगम संस्थान का पंचम वार्षिकोत्सव -

साहित्य संगम संस्थान के पांचवें वर्षगांठ पर आयोजित चार दिवसीय काव्य आयोजन का तृतीय दिवस "नजरिया" आ. जयश्रीकांत जी के संचालन में देश के ख्यातिमान अतिथि व साहित्यकारों की दो मौजूदगी में जबरदस्त तरीके से सम्पन्न हुआ। इस भव्य आयोजन के विशिष्ठ अतिथि आ. नरेश द्विवेदी जी, मुख्य अतिथि आ. छगनलाल गर्ग विज्ञ जी, कार्यक्रम अध्यक्ष आ. शैलेंद्र खरे सोम जी ने अपना अमूल्य योगदान दिया। जिसके लिए संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष आ राजवीर सिंह जी ने आप सभी को हार्दिक धन्यवाद प्रेषित करते हुए, बताया कि संस्थान के यह पंचम स्थापना दिवस सच में एक ऐतिहासिक स्थापना दिवस के रूप में याद किया जाएगा, क्योंकि संस्थान के कार्यों की ऐसी गूंज अद्भुत अद्वितीय है। सूत्रों से पता चला कि इस भव्य कार्यक्रम संस्थान की चार इकाइयों व चार शालाओं जिसमें 
राजस्थान इकाई, महाराष्ट्र इकाई, छत्तीसगढ़ इकाई, झारखंड इकाई, छन्दशला, गीत शाला, व्याकरण शाला, सुवास नारी मंच ने हिस्सा लिया व देश के विविध प्रान्तों से करीब 63 साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं तथा तकरीबन 100 से अधिक सहयोगियों व दर्शकों ने मंच का हौसला बढ़ाने के साथ-साथ संस्थान को अपने आशीर्वचनों से कृतार्थ किया। बताया जा रहा है कि चतुर्थ दिवस अर्थात् संस्थान का पंचम स्थापना दिवस पांच जुलाई का कार्यक्रम बेहद ही भव्य होने की संभावना है, जो हिन्दी साहित्य जगत में आभासी मंच का विशालतम व ऐतिहासिक आयोजनों में से एक होगा।

✍️ आ. कुमार रोहित रोज़ जी
कार्यकारी अध्यक्ष
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

Portrait sketch by :शिवशंकर लोध राजपूत (दिल्ली), व्हाट्सप्प no.7217618716
Portrait of :गीतकार, राइटर मशहूर संतोष आनंद जी
यादें : -
सतोष आनंद जी की तस्वीर सम्मान पत्र पर देख कर मुझे अपने स्कूल की याद आ गई में उस समय 10वीं कक्षा मे था सन 1982 की बात है मिंटो रोड़ (नई दिल्ली)मे माता सुंदरी बाल /बालिका हाई स्कूल मे आंनद जी हमारे टीचर थे सुबह बालिकाओं की शिफ्ट थी दोपहर को हम बालकों की सप्ताह के अंत मे बाल सभा होती थी उस समय *क्रांति*फिल्म के गाने लिखे थे आनंद जी ने गाकर सुनाया था बोल इस प्रकार थे.. जिंदगी की टूटे न लड़ी प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी.......सादर नमन संतोष आनंद जी

✍️ शिवशंकर लोध राजपूत ( दिल्ली )

दुबली पतली  सी नर्म नाज़ुक। 

बरसात तो वैसे ही होती है
अब भी अपने गांव में,
दिल याद करता है तुमको
मगर साथअब तुम नहीं होते,
मिट्टी की महक  फूलों सुगंध
सताती है तुम नहीं होते,
आंगन भी  वैसा ही कच्चा
है,यादें हैं तुम नहीं होते,
वो शाम का मंज़र धुँआ भी
शाम का सुंदर तुम नहीं होते,
हरियाली वो खेतों की,धान
की खुशबू तुम नहीं होते,
चांदनी रातें सुहानी और
चाँदका यौवन तुम  नहीं होते,
बरगद भी बूढ़ा सा याद करता
है मगर अब तुम नहीं होते,
दुबली पतली  सी नर्म नाज़ुक
वो काया, अब तुम नहीं होते,
छाओं नीम की ठंडी, औऱ वो
इमली भी,तुम नहीं होते,
महफिलें शादी की सजती हैं
मेहबूब यहां तुम नहीं होते,
बचपन की वो यादें हैं, महक
है ,हल्दी चंदन के उबटन की
दिल धड़कता है मुश्ताक़ याद
करता है तूम नहीं होते,

✍️ डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह
"सहज़" हरदा मध्यप्रदेश,

भूख है तो बना रोटी

भूख है तो जाग
आलस को त्याग
कर कर से कर्म तू
रोटी अपनी खुद कमा ।
प्रतिस्पर्धा का दौर है
भूखों की लम्बी कतार
एक दूसरे को रौंद कर
बस आगे निकल
जाने की चाह ।
अस्तित्व के
लिए संघर्ष कर
जीवन का यही आधार
मिट जायेगा नाम भी
नहीं अगर स्वीकार ।
भूख को जगा अंदर से
बाहर कर प्रतिक्रिया तू
रोजी-रोटी के
लाले पड़े तो क्या ?
स्वावलंबी बन
स्वयं अलख जगा ।
भूख है तो जाग
स्वंय को पहचान
पा सकता है तू सबकुछ
जो जग में है प्राप्य ।
भूख मिटानीं है अगर तो
स्वंय से तू आज लड़
तज आलस को आज जरा तू
फिर से नयी शुरुआत कर ।
भूख आत्मसम्मान की हो
कि हो पेट की आग की
थाली में हो परसन उतना
जितनी तुम्हारे काम की ।
यूं न बरबाद कर रोटी
कितने भूखों की भूख
मिटायेगी ये रोटी
हां भूख है तो बना रोटी ।

✍️ कृष्ण कुमार महतो
फोटो नहीं

ग़ज़ल (प्रकाशनार्थ)

ग़ज़ल

कैसा है रंगे-गर्मीये-बाज़ार देखिये
मायूस सा खड़ा है खरीदार देखिये
हुस्ने-मतला
इतनी है तेज़ वक़्त की रफ़्तार देखिये
मेरी थकन ही बन गई दीवार देखिये
बौना हूँ मैं भी वक़्त के इंसान की तरह
झुक कर ज़रा मुझे मेरे सरकार देखिये
मुँह खोलने की कोशिशें
जब-जब भी हम करें
आ जाता है उधर से तो इंकार देखिये
फैली हुई है तीरगी आँगन में हर तरफ़
सूरज की रौशनी पसे-दीवार देखिये
उठ्ठी नहीं नज़र ही मेरी उसके सामने
कैसे करूँ मैं प्यार  का  इज़हार देखिये
आ जाइये करीब खिला देंगे प्यार से
दो पल में अपनी ज़ीस्त
को गुलज़ार देखिये
गरदन हमारी क्या झुकी
* साग़र * जहां में आज
उठती है हर तरफ़ से ही तलवार देखिये

✍️ विनय साग़र जायसवाल
846,शाहबाद ,गोंदनी चौक
बरेली यूपी पिन-243003
मोबाइल-7520298865
तीरगी-अंधेरा
पसे-दीवार --दीवार के पीछे
बहर-मफऊल फायलात
मुफाईल फायलुन

Group A first.                               
Name - Kriti Somani
D/O - Diwakar Somani
Class -5
Group-A

Group B 1st
Name - Damodar Lahoti. Class - 8 Address - kakra Nokha Bikaner.
Group - B 
Phone number - 8822436251

Video Making : -

Group A
Om Mohata participant 2 - 1st
Chitranshi Pankaj Saboo participant 8 - 2nd
Kriti Somani participant 16 - 3rd
Group B
Aarushi Sarda participant 7 - 1st
Monica Lavish Nimodia participant 3 - 2nd
Aman Bagani participant 10 - 3rd

Drawing : -

Group A
Kriti Somani participant 18 - 1st
Mantr Modani Participant 20 - 2nd
Barsha Maheshwari participant 16 - 3rd
Group B
Damodar Lahoti participant 4 - 1st
Vidhi Baheti participant 5 - 2nd
Ishita Chandak participant 15 - 3rd
Most Viewed :
Rani Sharda
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Mantr Modani

जय श्री कृष्णा जय महेश 🙏🙏

*स्वास्थ्य एवं पारिवारिक समरसता समिति के तहत गोलाघाट "माहेश्वरी महिला संगठन "द्वारा आज "डेंटल हेल्थ एंड हाइजीन सेमिनार "डॉक्टर प्रबल सूद" बीडीएस एमडीएस द्वारा कराया गया*। इस सेमिनार को एक अनोखे अंदाज में बगाईगांव की सह संयोजिका अमिता करनानी एवं श्यामसुंदर करनानी की सुपुत्री" तन्वी करनानी" बीडीएस की थर्ड ईयर की जो स्टूडेंट है उनके व सहयोगी टीम के द्वारा कराया गया*। पहले एक लिंक के द्वारा बच्चों को हेल्थ एंड हाइजीन पर ड्राइंग कंपटीशन वह वीडियो कंपटीशन करवाया गया। जिसकी लास्ट डेट 25 जून थी। फिर उन ड्राइंग्स व वीडियोस को यूट्यूब पर अपलोड कर मैक्सिमम लाइक व  विवर्स पर भी एक स्पेशल प्राइस रखा गया ।इस तरह हेल्थ के प्रति बच्चों में जागरूकता जगाई गई*। आज जूम प्रांगण में डॉक्टर प्रबल शूद एवं डा. डिंपल अग्रवाल द्वारा सेमिनार आयोजित किया गया ।इसमें ड्राइंग व वीडियो कंपटीशन के  रिजल्ट भी अनाउंस किए गए। और साथ ही बच्चों को ई सम्मान पत्र द्वारा भी सम्मानित किया गया । सम्मान पत्र को बनाने व पूरे सेमिनार के आर्गेनाइजेशन में  आदरणीय मिहिर जी जो इंजीनियरिंग के थर्ड ईयर के स्टूडेंट हैं एवं तन्वी करनानी जो बेंगलुरु इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेंटल साइंस की थर्ड ईयर की स्टूडेंट है,का बहुत बड़ा सहयोग मिला*।
माहेश्वरी महिला संगठन गोलाघाट की अध्यक्षा रंजना बिनानी एवं सचिव विमला काबरा ,इनकी पूरी टीम को  तहे दिल से आभार व्यक्त करती हैं*। इस सेमीनार का सभी बहनों ने भरपूर फायदा उठाया ।और एक घंटा चलने वाला सेमिनार ढाई घंटा तक चला। डॉक्टर साहब ने अपने बहुमूल्य विचारों से सभी को लाभान्वित किया। कोरोना काल में होने वाले "ब्लैक फंगस "के कारणो की जानकारी भी सभी को दी।डॉक्टर प्रबल शूद एवं डॉ डिंपल अग्रवाल को हम  एक बार पुनः:हार्दिक धन्यवाद देते* हैं, *जो उन्होंने अपना बहुमूल्य समय निकाला, और हम सभी को स्वास्थ्य ,वह दांतों  को साफ रखने एवं उससे होने वाली बीमारियों से बचने के उपाय बताए*। *पूर्वोत्तर अध्यक्ष वंदना जी सोमानी एवं माहेश्वरी महिला पत्रिका  की अध्यक्षा सरला जी काबरा पूर्वोत्तर सचिव पूनम जी मालपानी का तहे दिल से आभार व्यक्त  करती हूं, जिन्होंने इस सेमीनार में पधार कर ,इसे सफल बनाया , स्वास्थ्य एवं पारिवारिक समरसता समिति की बगाईगांव की सह संयोजिका अमिता करनानी की सुपुत्री तन्वी करनानी को एक बार पुनः हार्दिक बधाई देते हैं, जिन्होंने इतनी सुंदर सेमिनार का आयोजन कराया। धन्यवाद , स्वास्थ्य एवं पारिवारिक समरसता समिति असम प्रदेश संयोजिका * रंजना बिनानी *

अध्यक्ष-रंजना बिनानी
सचिव-विमला काबरा

कविता-
फिकर नहीं होती है जिनको.....

फिकर नहीं होती है जिनको
,जीने और मर जाने की |
फिकर नहीं होती है जिनको,
कुछ खोने कुछ पाने की |
नहीं कभी ऐसे जन
मुश्किल में घबराया करते हैं ||
सच कहता हूँ ऐसे जन
इतिहास बनाया करते हैं ||
जो समाज के ताने सुनकर
भी परवाह नहीं करते हैं |
जो समाज के ठेकेदारों से
भी तनिक नहीं डरते हैं |
वे समाज से एक दिवस
स्वागत करवाया करते हैं ||
सच कहता हूँ ऐसे जन
इतिहास बनाया करते हैं ||
कलम नहीं जिनकी रूकती
है दहशत के औजारों से |
पर्दाफाश किया करते हैं
अपने सत्य विचारों से |
वे समाज के प्रेरक बन सब
दिल पर छाया करते हैं ||
सच कहता हूँ ऐसे जन
इतिहास बनाया करते हैं ||
जो पर सेवा में अपना
तन ,मन ,धन अर्पित करते हैं |
अत्याचार, अन्याय के

आगे कभी नहीं जो झुकते हैं |
ऐसे जन की गौरव गाथा
कविगण गाया करते हैं ||
सच कहता हूँ ऐसे जन
इतिहास बनाया करते हैं ||
शोषित और उपेक्षित जन
की जो लाठी बन जाते हैं |
निंदा और प्रशंसा को जो
हँसकर गले लगाते हैं |
अपने जीवन के इक पल
को कभी न जाया करते हैं ||
सच कहता हूँ ऐसे जन
इतिहास बनाया करते हैं ||
विपदाओं सम परबत भी
जिनके सम्मुख शर्माते हैं |
जिन्हें देख भय के सागर
भी हाथ मीज पछताते हैं |
वे सत्य अहिंसा और शांति
के पुष्प खिलाया करते हैं ||
सच कहता हूँ ऐसे जन
इतिहास बनाया करते हैं ||

✍️ राम चन्दर आज़ाद
कवि एवम साहित्यकार
अम्बेडकर नगर, उ.प्र.
पिन-224230
मो.8887732665

स्वरचित, मौलिक एवम प्रकाशनार्थ।

ग़ज़ल :-

अपने हाथों से जिसे बनाया
है उसे मिटाऊँ कैसे।
मैं उनकी जिंदगी का
तमाशा बनाऊँ  कैसे।।
खुद से भी बढकर
चाहा है मैंने उसको,
बिना पागल हुये भला
उसे बुलाऊँ कैसे।
वो रकीबों के संग
जश्न मनाने में लगी है,
और मै सोचता रहता हूँ उसके
लिये खुशियाँ लाऊँ कैसे।
वो कहती भी थी अक्सर
कि खुदगर्ज़ है वो,
उस जैसी खुदगर्ज़ी मैं
खुद में लाऊँ कैसे।
ए खुदा तू ही बता कोई
रास्ता उसे भुलाने का,
मेरी रूह की हिस्सेदार
है वो मैं भुलाऊँ कैसे।
दो पल के लिये ही चाहे
हंस दी लव पे उसने,
वो यादगार पल आख़िर
मैं भुलाऊँ कैसे।
वो भटकी हुई है राह
अभी पता है मुझे ,
मैं सोच रहा हूँ बिना ठोकर लगे
उसे वापिस लाऊँ कैसे।

✍️ राजेश "तन्हा"
रतनाल, बिशनाह, जम्मू
जे के यू टी -181132

#नमन मंच
#विषय  मांँ बहुत याद आती है आपकी

माँ बहुत याद आती है आपकी

माँ बहुत याद
आती है आपकी,
ना जाने क्यों दिल को
तड़पाती है।
यह नौकरी जैसे
इम्तिहान लगे हैं,
यहां जीना जैसे हराम लगे है,
जैसे हम पर लगाम लगे हैं,
बब्बा की याद आती है ,
उनकी हर कहीं बात
याद आ जाती है ?
माँ यहां की रोटी
बड़ी फीकी लगे हैं।
मांँ तेरी रोटी तो
बड़ी सोंधी लगे है।
मांँ आज एक बात
समझ में आया है।
एक बेटा अपने घर से
कैसे दूर रहने आया है?
माँ घर आंँगन छाजन
बड़े सुहावे है मुझे,
यह शहर‌ के चारों ओर
दीवार बड़े सतावे है मुझे।
माँ घर बार हमें चलाना हैं
ना, आपकी खुशी के लिए
दूर रहना है ना।
बहना की हाथ पीले करने है ना।
अपनी खेत गिरंवी छुड़ाने है ना,
मांँ अपना गांँव कुछ
बदला तो नहीं है?
घर बार आंँगन छाजन
कुछ बदला तो नहीं है?
अपनी गईया कैसी है मांँ?
कक्का की मडई कैसी है मांँ?
माँ जब सोता हूंँ तो
कुछ छन छन बचता है।
मांँ जैसे लगता है

तेरी बहू का चूड़ी बजता है।
मांँ पत्नी की बहुत याद आए हैं?
अपने बाबू की याद मुझे
तड़पाए है माँ
मांँ आप यू रोना ना,
मैं यहां सकुशल हूंँ ना।
तुम अपना आपा खोना ना।
मांँ आपकी खुशी के लिए
कमाता हूंँ।
घर से दूर बैठे मैं आपको
अपनी याद दिलाता हूंँ।
पगार मिलते ही घर आऊंगा।
बहना के लिए नया सूट मैं
लाऊंगा।
माँ तेरी साड़ी फट सी गई है।
बब्बा की लाठी टूट भी गई है
बीवी की चूड़ी लाऊंगा।
बाबू का गंजी लाऊंगा ।
बस अब ना रोना ना।
जल्द ही वापस आऊंगा।

✍️ राजेश सिंह
( बनारसी बाबू )
उत्तर प्रदेश वाराणसी
8081488312

जय माँ शारदे

शीर्षक -

मेरे हिस्से तो अब तक

मेरे हिस्से तो अब तक भगवन तेरी कृपा आई है
कभी धूप - छाँव कभी ग़म कभी खुशी छाई है
कभी अपने कभी परायों की बेरूखी मेने पाई है
कभी सत्य पर झूठ की परत लोगों ने बिछाई है
सही होते हुए भी सदा खामोशी धारण होती है
जवाब देने का हक वक़्त पर छोड़ना समझदारी है
भगवान ने सदैव सहनशक्ति व हिम्मत बंधाई है
जिंदगी कभी मुश्किल तो कभी आसान होती है
कभी आह तो कभी वाह यही तो दुनियादारी है
अपने भाग्य में जो लिखा स्वीकारना समझदारी है
सदैव हम भलाई करते रहें बहते पानी की तरह
बुराई खुद ही किनारे लग जाएगी कचरे की तरह
जीवन रूपी सागर में अपार संभावनाएं छिपी हैं
बाल्टी भरनी हैं या चम्मच यह तय हमे करना है
अच्छाई और बुराई दोनों हमारे अंदर छुपी है
हम जिसका उपयोग अधिक करेंगे वो उभरती है

✍️ कलावती कर्वा

नमन 🙏 :-
साहित्य एक नज़र
परिणाम अच्छा ही होता है -

जो भी करता हूँ
वह अच्छा ही होता है ।
नई मोड़ पर हर कोई
पहले बच्चा ही होता है ।
जो भी करता हूँ
उससे किसी न किसी
का रक्षा ही होता है ,
एक तरफ जय जयकार
तो दूसरे तरफ बदनामी
की शोर मचा ही होता है ।।
इससे बचकर जो आगे बढ़े
वह दिल और दिमाग़ से
सच्चा ही होता है ,
कुछ करना है कुछ करें
वह भी एक नशा ही होता है ।
हार जीत भाई बहन वह
हृदय में बसा ही रहता है ,
जो भी करता हूँ यारों
उसका परिणाम
अच्छा ही होता है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग
कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716,
कविता :- 20(48)
रामकृष्ण महाविद्यालय,
मधुबनी , बिहार
05/07/2021 , सोमवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र
🌅 , अंक - 56
Sahitya Ek Nazar
05 July 2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान /
साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE
, मिथि लिट्रेचर

नमन मंच

ग्रीष्म ऋतु तन मन का राग,
गरमी का जीवन अत्याचार।
बार  बार  बिजली गुल यही
ताप सहकर भी ठंडक नहीं।।
गरम गरम हवा गरम मिजाज
सूखा  कंठ    प्यास    अपार
जीवन हुआ  ताप से बदहाल,
चढ़ा जीवन में घुल गया भार।।
पानी पानी सब करे सुख आधार
, पानी  बिना   नहीं  प्यार संसार
पानी  मिले  तो  जग  मिले,
पूर्ण होता जीवन संसार।।
गरमी  पल पल  बढ़ रही,
सूख  रहे अब  देखो कंठ
बरगद  पीपल भी त्रस्त है
झुलस रहा जग सारा अब
साधु बेचारे क्या करे संत।।
सूरज  देवता  तप रहे तपन
ज्यु आग, मच  रही तबाही।
छाया हुआ चारो ओर संताप
मौसम ली  अंगड़ाई बढ़ रहे
चारों तरफ यहां व्याधि पाप।।

✍️ कैलाश चंद साहू
बूंदी राजस्थान


रोशन कुमार झा



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