कविता :- 20(41) , सोमवार , अंक - 49, 28/06/2021

साहित्य एक नज़र


कविता :- 20(41)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

साहित्य एक नज़र মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर -

कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका साहित्य एक नज़र ,
उसी का इकाई है मधुबनी से
प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक
पत्रिका মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर ‌।।
आ. ज्योति झा जी है इस पत्रिका के
प्रथम संपादिका ,
उनकी सेवा भावना को देखकर रहा
नहीं गया मनोबल बढ़ाने के लिए
ये दो शब्द लिखा ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(41)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
सोमवार , 28/06/2021
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 49
Sahitya Ek Nazar
28 June 2021 ,   Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर




शुभकामनाएं संदेश -

साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर , संपादिका - आ. ज्योति झा जी एवं सम्मानित साहित्यकार -

माँ सरस्वती , साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई को नमन करते हुए आप सभी को सादर प्रणाम 🙏 । कलकत्ता विश्‍वविद्यालय के बेथुन कॉलेज कोलकाता की छात्रा , हिन्दी, मैथिली भाषा के कवियत्री,  आदरणीया ज्योति झा जी , सम्मानित साहित्यकारों व प्रिय पाठकों को हार्दिक सह बधाई ।।
हमारा पहला मंच विश्‍व साहित्य संस्थान मंच है । जिसका निर्माण कोरोना काल में शनिवार 20 जून 2020  को हुआ रहा , आ. ज्योति झा जी , आ. आशीष कुमार झा जी , आ.  प्रवीण झा जी , गुरु आ. अमिताभ सिंह जी , आ. रोबीन कुमार झा जी ,आ. पूजा गुप्ता जी सम्मानित साहित्यकारों व प्रिय पाठकों के सहयोग से गुरुवार , 25 जून 2020 को साप्ताहिक पत्रिका के रूप में अंक - 1 प्रकाशित किया गया । विश्‍व साहित्य संस्थान मंच बनाने में आ. ज्योति झा जी एवं आ. आशीष कुमार झा जी का अहम भूमिका है ।  अंक - 2 के लिए आ. आशीष कुमार झा जी कोरोना देकर विषय प्रदाता बनें जो 2 जुलाई 2020 गुरुवार को प्रकाशित होने वाला रहा पर हम अन्य मंचों से पद लेने में लग गए इसी लालच के कारण हम
विश्‍व साहित्य संस्थान में एकदम सेवा करना बंद कर दिया ।  लगभग एक साल तक बहुत कुछ सीखने के बाद मंगलवार 11 मई 2021 को बिना किसी के साथ साहित्य एक नज़र, कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका का अंक - 1 प्रकाशित किए , वह भी कई सारे मंचों पर हुए कार्यक्रमों का समाचार बनाकर और आज माँ सरस्वती और आप सभी के आशीर्वाद से सम्मानित रचनाकार अपनी रचनाएं से सहयोग कर रहें है । विश्‍व साहित्य संस्थान पत्रिका की अंक - 2 , विषय कोरोना का प्रकाशित 01 जुलाई 2021 गुरुवार को किया जायेगा , इस पत्रिका का संपादिका पद पर पटना , बिहार के सुप्रसिद्ध कवियत्री आदरणीया डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम " जी को रविवार , 27 जून 2021 को मनोनीत कर साहित्य एक नज़र अंक - 48 में प्रकाशित किया गया । जन्मदाता को कभी भूला नहीं जाता । जी हाँ विश्‍व साहित्य संस्थान ही साहित्य एक नज़र का जन्मदाता है । भले साहित्य एक नज़र लोकप्रिय हो गये है पर विश्‍व साहित्य संस्थान व विश्‍व साहित्य संस्थान के पदाधिकारियों व साहित्यकारों का ही योगदान है । आपलोग जानते ही पिता से आगे बेटा जाता है , और वही बेटा बुढ़ापा में सहारा बनता है । जी हाँ विश्‍व साहित्य संस्थान का साहित्य एक नज़र सहारा व नई ऊर्जा प्रदान किए हैं और करना भी कर्त्तव्य है । हम जो विश्‍व साहित्य संस्थान व विश्‍व साहित्य संस्थान से जुड़े हुए साहित्यकारों व पाठकों के साथ जो व्यवहार किए हमें हिम्मत ही नहीं हो रहा था कि आ. ज्योति झा जी से कुछ सहयोग पाकर साहित्य की सेवा करूँ । 14 जून 2021 , सोमवार को जब हम कर्मभूमि कोलकाता से जन्मभूमि मधुबनी मिथिला बिहार के लिए गंगासागर एक्सप्रेस से चल पड़े , ट्रेन में वॉट्सएप पर आ. ज्योति झा जी से बात हुई बोली हमें भी ई पत्रीका बनाना सीखा दीजिए फिर क्या बोले जरूर सीखायेंगे और ट्रेन में ही साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई का निर्माण कर दिए , आ. ज्योति झा जी को साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई का  संपादिका पद पर बुधवार 23 जून 2021 को मनोनीत करते हुए साहित्य एक नज़र अंक - 44 में प्रकाशित कर दिए । फिर पत्रिका का नाम जनक वाणी , सीता वाणी , मिथिला वाणी और भी नाम विद्वानों द्वारा दिया गया पर आधुनिकता के कारण মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर नाम चयनित किया गया । মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर पत्रिका का मुख्य उद्देश्य यह है अपनी संस्कृति सभ्यता को प्रर्दशित करना जैसे कि जानते हैं मिथिलांचल हमेशा दुनिया को कुछ न कुछ देते ही रहा है - हमारे राजा जनक सीता जैसी पवित्र पुत्री का विवाह भगवान श्रीराम के साथ कर करवाये, महाकवि विद्यापति जैसे भक्त की ये भूमि है जिनकी सेवा भावना को देखकर शिव स्वंय उगना बनकर विद्यापति की सेवा करने आएं थे ।, आधुनिक कबीर कहें जाने वाला नागार्जुन की यह भूमि है । राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की यह जन्मस्थान है । यहाँ की मिथिलाक्षर से ही बांग्ला और उड़िया अक्षर का निर्माण हुआ है । मधुबनी / मिथिला पेंटिंग जिसका विश्‍व में पहचान है उसी पुण्य भूमि से মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक पत्रिका - है , जो 29 जून 2021 मंगलवार को प्रकाशित होने जा रही है । संपादकीय आ. ज्योति झा जी को हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई आप इस पत्रिका के प्रथम संपादकीय है हमें पूर्ण विश्‍वास है कि आप इसी ऊर्जा के साथ माँ हिन्दी और मैथिली की सेवा करेंगे ।

इस पत्रिका में रचनाएं , मिथिला पेंटिंग ( चित्र ) और भी कलाओं को प्रकाशित कर कलाकारों का मनोबल बढ़ाना है और दूसरे क्षेत्रों के रचनाकारों की रचना भी प्रकाशित कर अपना मिथिला भूमि की पहचान बताना है ।।

जय हिन्दी , जय मैथिली , जय साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका

मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका - मंगलवार
आ. ज्योति झा जी

साहित्य एक नज़र মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर -

कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका साहित्य एक नज़र ,
उसी का इकाई है मधुबनी से
प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक
पत्रिका মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर ‌।।
आ. ज्योति झा जी है इस पत्रिका के
प्रथम संपादिका ,
उनकी सेवा भावना को देखकर रहा
नहीं गया मनोबल बढ़ाने के लिए
ये दो शब्द लिखा ।।

✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका


शुभकामनाएं संदेश ( मैथिली )

माँ सरस्वती , जन्मभूमि मिथिला , मिथिलांचल के संस्कृति , राजा जनक , बहिन सीता , महाकवि विद्यापति , आधुनिक कबीर नागार्जुन , राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर  , मिथिलाक्षर , मिथिला / मधुबनी पेंटिंग , सम्मानित कलमकारों, कलाकारों व साहित्यकारों के कोटि कोटि प्रणाम करैत अछि ।
साहित्य एक नज़र कोलकाता सँ प्रकाशित होवे वाला दैनिक पत्रिका अछि अहि पत्रिका के मधुबनी इकाई अछि जे মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर नाम सऽ साप्ताहिक अछि जे मंगलवार कऽ प्रकाशित हेएत । ऐइ पत्रिका के प्रथम अंक 29 जून 2021 मंगलवार कऽ प्रकाशित हेएत । ऐइ पत्रिका के प्रथम संपादिका कलकत्ता विश्‍वविद्यालय के बेथुन कॉलेज कोलकाता के छात्रा , हिन्दी, मैथिली भाषा के कवियत्री, आदरणीय ज्योति झा जी छेथिन । आ. ज्योति जी आर अहाँ सभ गोटेक कऽ बहुत बहुत शुभकामनाएं , साहित्य एक नज़र  कोलकाता दैनिक , विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी साप्ताहिक - गुरुवार , साहित्य एक नज़र मधुबनी - মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मंगलवार अप्पन पत्रिका अछि । हम आशा करैत अछि कि अहाँ सभ अप्पन अप्पन कला सऽ सहयोग करब ।

धन्यवाद सह सादर आभार 🙏

जय हिन्दी , जय मैथिली , जय साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर , जय मिथिलांचल

अहाँ के अप्पन

✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
साहित्य एक नज़र कोलकाता सँ
प्रकाशित होवे वाला दैनिक पत्रिका

मैथिली - साहित्य एक नज़र 🌅

कलकत्ता सँ प्रकाशित होवे वाला
दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र ,
एखरे इकाई अछि मधुबनी सऽ
प्रकाशित होवे वाला साप्ताहिक पत्रिका
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर ।
आ. ज्योति जी पत्रिका के संपादिका छेथिन ,
साहित्य एक नज़र , विश्‍व साहित्य संस्थान
मधुबनी इकाई मिला क पत्रिका अछि तीन ।।

✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
साहित्य एक नज़र कोलकाता सँ
प्रकाशित होवे वाला दैनिक पत्रिका

मधुबनी इकाई
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/316049233531466/?sfnsn=wiwspmo

लाल वाले खाली जगह में बिहार बोधी

और

हरे वाले खाली जगह में साझा काव्य संकलन
लोहा पैदल गये साईकिल ख़राब रहा , 10000 लगाये
14:50 , लोहा हाई स्कूल में दीवार बनता रहा वहीं अंक - 49 बनाएं , 2 समोसा खाएं - 14 , आये फिर खेत तरफ गये मुन्ना सब रहा मिली के बारे में सब बात किया । एनसीसी के बारे में पूछा ।

[18/06, 07:02] Rajan Jio: Account number : 3835718238
[18/06, 07:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: Branch
[18/06, 07:03] Rajan Jio: Salkia
[18/06, 07:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: Name Rajan Kumar jha
Central Bank Of India
आनंदी जन्मदिन रहा नागदह वाली दादी की पोती की ।
दादी एकतारा गई चावल , गेहूं लाने राहुल कान्हा के गाड़ी से ।


[28/06, 21:47] प्रमोद ठाकुर: बाकी सब ठीक है
[28/06, 21:47] प्रमोद ठाकुर: यू ट्यूब बाला कौन सा
[28/06, 21:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: रचनाकार काव्य पाठ करते हुए वीडियो भेजेंगे उसी को अपलोड करेंगे ।
[28/06, 21:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: सर जी

[28/06, 07:10] Babu 💓: Good morning jaan
[28/06, 07:10] Babu 💓: Online ho
[28/06, 07:10] Babu 💓: Par good morning nhi bola
[28/06, 07:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Morning Babu
[28/06, 07:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Jaan
[28/06, 07:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Tancen me hu
[28/06, 07:10] Babu 💓: Nhi chahiye good morning
[28/06, 07:10] Babu 💓: Kyu
[28/06, 07:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: Part 3 ka exam from bara raha hai Kolkata me
[28/06, 07:11] Babu 💓: Bolo
[28/06, 07:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya kalu
[28/06, 07:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: Papa jii kaisha hai
[28/06, 07:11] Babu 💓: Nhi jana
[28/06, 07:11] Babu 💓: Hamko milna h
[28/06, 07:12] Babu 💓: Thik h abhi
[28/06, 07:12] Babu 💓: Bolo
[28/06, 07:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[28/06, 07:17] Babu 💓: Gussa ho gye
[28/06, 07:17] Babu 💓: Boliye
[28/06, 07:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya
[28/06, 07:19] Babu 💓: Nhi jane diye to gussa ho gye
[28/06, 07:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi babu
[28/06, 07:20] Babu 💓: Jhut bol rahe ho
[28/06, 07:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Is bar last chance hai Kolkata ka
[28/06, 07:20] Babu 💓: Nhi jana
[28/06, 07:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi
[28/06, 07:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[28/06, 07:20] Babu 💓: Kisi ko bolo bhar dega
[28/06, 07:21] Babu 💓: Nhi to nhi jana h
[28/06, 07:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Wah biometric hota hai
[28/06, 07:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Aadhar card jaisha
[28/06, 07:21] Babu 💓: To nhi jana h
[28/06, 07:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Thik hai
[28/06, 07:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Aur bolo
[28/06, 07:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nasta ban gaya
[28/06, 07:21] Babu 💓: Khush hokar bolo
[28/06, 07:21] Babu 💓: Nhi bolna
[28/06, 07:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ha jaan
[28/06, 07:22] Babu 💓: Pahle khush ho jao
[28/06, 07:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: Hmm bhi milna chshte hai
[28/06, 07:22] Babu 💓: Mere kasam khush ho
[28/06, 07:22] Babu 💓: Sach me babu
[28/06, 07:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: Koi sms nhi na dakh raha hai kuch waisha bolna hao
[28/06, 07:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ha
[28/06, 07:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Tumhari kasam
[28/06, 07:23] Babu 💓: Abhi koi nhi
[28/06, 07:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kush hoi
[28/06, 07:23] Babu 💓: Akele room me h baby
[28/06, 07:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bole to
[28/06, 07:23] Babu 💓: Bahut
[28/06, 07:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Boor chatana hai
[28/06, 07:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Chateagiii too
[28/06, 07:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[28/06, 07:23] Babu 💓: Aao
[28/06, 07:23] Babu 💓: Hu
[28/06, 07:23] Babu 💓: Ek baat puchhe
[28/06, 07:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[28/06, 07:24] Babu 💓: Baby se baat hota h kya aapka
[28/06, 07:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi
[28/06, 07:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kyo
[28/06, 07:24] Babu 💓: Wo aapko block ki h kya
[28/06, 07:24] Babu 💓: Dekh kr batao
[28/06, 07:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi block nhi kiya hai
[28/06, 07:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ab by
[28/06, 07:25] Babu 💓: Ooo
[28/06, 07:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bank jana hai
[28/06, 07:25] Babu 💓: Kyu
[28/06, 07:25] Babu 💓: Ruko to
[28/06, 07:25] Babu 💓: One minute
[28/06, 07:26] Babu 💓: Please
[28/06, 07:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: Tumko block ki hai kua
[28/06, 07:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[28/06, 07:26] Babu 💓: Baby hamko block kr di
[28/06, 07:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: Uska awkat kya hai mera mara muh dakhegi jo ushe ab bath kii
[28/06, 07:27] Babu 💓: Ham to baat bhi nhi kiye h bahut dino se
[28/06, 07:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: By
[28/06, 07:27] Babu 💓: Kuchh bole bhi nhi h ham usko
[28/06, 07:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: Love you jaan
[28/06, 07:27] Babu 💓: Achanak kr di block
[28/06, 07:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: Choroooo
[28/06, 07:27] Babu 💓: Message kiye the fb pe to
[28/06, 07:27] Babu 💓: Jabab nhi di
[28/06, 07:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[28/06, 07:27] Babu 💓: Ok
[28/06, 07:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ab mat karnaa
[28/06, 07:28] Babu 💓: Ok jaan
[28/06, 07:28] Babu 💓: Love you
[28/06, 07:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: Love you jaan
[28/06, 07:28] Babu 💓: Baby
[28/06, 07:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: By
[28/06, 07:28] Babu 💓: Ruko
[28/06, 07:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[28/06, 07:28] Babu 💓: Bank kyu ja rahe ho
[28/06, 07:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: Paissa ma ko bhejana hai
[28/06, 07:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ab rate may karoo baby
[28/06, 07:29] Babu 💓: Ok
[28/06, 07:29] Babu 💓: Ok jaan
[28/06, 07:29] Babu 💓: Bye
[28/06, 08:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[28/06, 08:33] Babu 💓: Kya bolu
[28/06, 08:41] Babu 💓: Soch rhi hu baby ko ham kuchh galat bole nhi aap bhi kuchh galat nhi bole
[28/06, 08:41] Babu 💓: To Etna change kaise ho gye
[28/06, 08:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ohh
[28/06, 08:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi jaan
[28/06, 09:03] Babu 💓: Kya nhi
[28/06, 10:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kaha hoo
[28/06, 11:33] Babu 💓: Ghar me
[28/06, 11:33] Babu 💓: Kya hua
[28/06, 11:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kuch nhi
[28/06, 11:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: Jaan
[28/06, 11:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: Report aaya
[28/06, 12:02] Babu 💓: Aap puja kiye the jaan
[28/06, 12:03] Babu 💓: Kaha ho aap
[28/06, 12:18] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ghar par
[28/06, 12:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ha isi liye late ho Gaya
[28/06, 12:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ab bank jayaga
[28/06, 12:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: Thik ho jayyaga
[28/06, 13:09] Babu 💓: Thanku jaan
[28/06, 13:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo babu
[28/06, 13:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: Khanna khahii
[28/06, 14:03] Babu 💓: Nhi
[28/06, 14:04] Babu 💓: Man nhi h
[28/06, 14:06] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ohh
[28/06, 14:06] Roshan Kumar Jha, रोशन: Report kab aayega
[28/06, 14:09] Babu 💓: Aa gya h
[28/06, 14:09] Babu 💓: Man nhi h baat karne ka mera
[28/06, 14:09] Babu 💓: Abhi
[28/06, 14:09] Babu 💓: Bye
[28/06, 14:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[28/06, 14:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya aaya jaan
[28/06, 14:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ye bata do sirp
[28/06, 14:14] Babu 💓: Negative
[28/06, 14:14] Babu 💓: Bye
[28/06, 14:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक हो जायेंगे
[28/06, 14:15] Babu 💓: Pata na
[28/06, 14:15] Babu 💓: Ek baat puchhe
[28/06, 14:15] Babu 💓: Sach bologe ya jhut
[28/06, 14:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: Pucho jaan
[28/06, 14:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya huwa
[28/06, 14:39] Babu 💓: Aap baby ko kuchh bole the kya
[28/06, 14:39] Babu 💓: Sach bolna
[28/06, 14:42] Babu 💓: Kuchh aisa baat jisse wo bura maan gye hogi
[28/06, 14:42] Babu 💓: Yaad krke boliye
[28/06, 14:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi jaan
[28/06, 14:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ma kasam
[28/06, 15:16] Babu 💓: Ok
[28/06, 16:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: Hii
[28/06, 16:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: Jaan
[28/06, 16:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya kar rahi hoo
[28/06, 17:49] Babu 💓: Nasta kr rhe h jaan
[28/06, 17:50] Babu 💓: Yaha kuchh din or rah jayenge na to pakka mote ho jayenge
[28/06, 17:50] Babu 💓: Mama ji etna kuchh mangwa kr khila rahe h
[28/06, 17:50] Babu 💓: Pet bhi nikal jayega
[28/06, 17:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ohh
[28/06, 17:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kab aawogi
[28/06, 17:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: Achal sms kii rahi
[28/06, 18:21] Babu 💓: Kya
[28/06, 18:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Wahii boli kii puja se bth hoti hai kya
[28/06, 18:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[28/06, 18:27] Babu 💓: Ooo
[28/06, 18:28] Babu 💓: Aapke bina man nhi lag raha h babu
[28/06, 18:28] Babu 💓: Man krta h aapse baat krne ka
[28/06, 18:28] Babu 💓: Miss u jaan
[28/06, 18:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ha jaan
[28/06, 18:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Mera bhi
[28/06, 18:37] Babu 💓: Jhut mat boliye
[28/06, 18:37] Babu 💓: Mujhe pata h aap kaam me busy rehte ho
[28/06, 18:37] Babu 💓: Esliye man lag jata h aapka
[28/06, 18:37] Babu 💓: 😔
[28/06, 18:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi jaan
[28/06, 19:37] Babu 💓: Yes babu
[28/06, 19:46] Babu 💓: 10:30 me baat krte h
[28/06, 19:46] Babu 💓: Ja rahe h chiken banane
[28/06, 19:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok jaan
[28/06, 19:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: Jawoi

शीर्षककविता-6(209)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा  6(209)
आधुनिक गुरु शिष्य का सम्बंध?

मार्ग रोशन है आप अँधेरा करके दीजीए
रास्ता रोक,
बाहर निकलिये निशाना साधा हुँआ है
दुँगा तोक!
नेहा भाव हो या नफरत देख लुँगा क्या
करेंगा कानुन,
प्रमाण पत्र लेकर क्या करूँगा दिखाना तो
है असलियत गुण!
वर्षा हो या तुफान,
मरूँगा मारूँगा पर हटाऊँगा नही होठो
पर से मुस्कान!
मार्ग लम्बा है उस पर चलना सिखाये,
मंजील नजदीक नही दुर दिखाये!
डॉटिये फटकारिये दीजीए ग्यान,
फुरसत नही है तो जाइये कक्षा से बाहर मै
खुद पढ़ँ लुँगा वाटसॉफ फेसबुक भरी
आधुनिक विग्यान!
यह हाल बनाकर रखे है आजकल का विधार्थी,
वाटसॉफ नम्बर मॉगे जाते मैडम से मेम कहॉ
डाटती और मारती!
कक्षा मे डॉटने से धमकाते है मास्टर को,
कहते है मारिये यहॉ बाहर निकलिए
बतलाता हुँ कैसे जायेंगा घर को!
विवश है बेचारा आजकल का मास्टर,
पैसो से मतलब रखते कुछ बोलते नही
रखते विधार्थी से डर!
तो यह है आधुनिक गुरु और शिष्य का
सम्बंध,
अगल मेरा शब्द आप तक पहुँचे तो कोशिश
कीजीए यह व्यवस्था करवाने को बंद!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
28-06-2018 गुरूवार 08:15
मो:-6290640716
Ncc, pmkvy

शीर्षककविता:-6(162)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(162)
ईत्र ओर मित्र

ईत्र और मित्र,
होते पवित्र!
चारो ओर सुगंधता फैलाते ईत्र,
जो जिन्दगी महकाते वह है मित्र!
कॉटे निकालते बोते फुल,
खुशिया लाते दुख द्रदँ करते दुर!
दीपक जलाते दुर करते अँधेरा,
मार्ग रोशन करके दिखाते जिन्दगी की
उज्जवलता भरी सबेरा!
हार जीत ईत्र मित्र,के बिना,
व्यर्थ है जिन्दगी जीना!
तु खुद बन ईत्र,
महकता हुआ ऑचल से हर कोई बन
जायेगा मित्र!
सोच ईत्र के लिए चंदन ओर भी लगते
कई पोधा,
कब हुँआ है मित्रता मे सोदा!
हार हो या जीत,
जो देता साथ वही कहलाता सच्चा मित्र!.
मुसीबत मे देता साथ,
नकामी में करता नही बात!
देता डॉट फटकार,
ईत्र व मित्र के बिना किसका जिन्दगी
हुआ है पार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
12-06-2018 मंगलवार 11:30 फार्म c
Roshan kumar jha
मो:-6290640716 (51\9 कुमार पाड़ा
लेन लिलुआ हावड़ा  711204, pmkvy Liluah Howrah
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047
झौझी मधुबनी बिहार





[25/06, 21:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/bgqf/
[28/06, 07:23] ज्योति झा जी: भायजी अहाँक के रचना
[28/06, 07:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात 🙏 बहिन
[28/06, 07:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: भेजैय छी
[28/06, 08:32] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभकामनाएं संदेश ( मैथिली )

माँ सरस्वती , जन्मभूमि मिथिला , मिथिलांचल के संस्कृति , राजा जनक , बहिन सीता , महाकवि विद्यापति , आधुनिक कबीर नागार्जुन , राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर  , मिथिलाक्षर , मिथिला / मधुबनी पेंटिंग , सम्मानित कलमकारों, कलाकारों व साहित्यकारों के कोटि कोटि प्रणाम करैत अछि ।
साहित्य एक नज़र कोलकाता सँ प्रकाशित होवे वाला दैनिक पत्रिका अछि अहि पत्रिका के मधुबनी इकाई अछि जे মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर नाम सऽ साप्ताहिक अछि जे मंगलवार कऽ प्रकाशित हेएत । ऐइ पत्रिका के प्रथम अंक 29 जून 2021 मंगलवार कऽ प्रकाशित हेएत । ऐइ पत्रिका के प्रथम संपादिका कलकत्ता विश्‍वविद्यालय के बेथुन कॉलेज कोलकाता के छात्रा , हिन्दी, मैथिली भाषा के कवियत्री, आदरणीय ज्योति झा जी छेथिन । आ. ज्योति जी आर अहाँ सभ गोटेक कऽ बहुत बहुत शुभकामनाएं , साहित्य एक नज़र  कोलकाता दैनिक , विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी साप्ताहिक - गुरुवार , साहित्य एक नज़र मधुबनी - মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मंगलवार अप्पन पत्रिका अछि । हम आशा करैत अछि कि अहाँ सभ अप्पन अप्पन कला सऽ सहयोग करब ।

धन्यवाद सह सादर आभार 🙏

जय हिन्दी , जय मैथिली , जय साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर , जय मिथिलांचल

अहाँ के अप्पन

✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
साहित्य एक नज़र कोलकाता सँ
प्रकाशित होवे वाला दैनिक पत्रिका
[28/06, 08:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: ✍️ पूजा कुमारी
ग्राम - राजनगर
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी
राष्ट्रीय सेवा योजना
मिथिला / मधुबनी पेंटिंग
[28/06, 08:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: मैथिली - साहित्य एक नज़र 🌅

कलकत्ता सँ प्रकाशित होवे वाला
दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र ,
एखरे इकाई अछि मधुबनी सऽ
प्रकाशित होवे वाला साप्ताहिक पत्रिका
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर ।
आ. ज्योति जी पत्रिका के संपादिका छेथिन ,
साहित्य एक नज़र , विश्‍व साहित्य संस्थान
मधुबनी इकाई मिला क पत्रिका अछि तीन ।।

✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
साहित्य एक नज़र कोलकाता सँ
प्रकाशित होवे वाला दैनिक पत्रिका
[28/06, 08:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: साहित्य एक नज़र মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर -

कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका साहित्य एक नज़र ,
उसी का इकाई है मधुबनी से
प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक
पत्रिका মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर ‌।।
आ. ज्योति झा जी है इस पत्रिका के
प्रथम संपादिका ,
उनकी सेवा भावना को देखकर रहा
नहीं गया मनोबल बढ़ाने के लिए
ये दो शब्द लिखा ।।

✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
[28/06, 08:52] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभकामनाएं संदेश -

साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर , संपादिका - आ. ज्योति झा जी एवं सम्मानित साहित्यकार -

माँ सरस्वती , साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई को नमन करते हुए आप सभी को सादर प्रणाम 🙏 । कलकत्ता विश्‍वविद्यालय के बेथुन कॉलेज कोलकाता की छात्रा , हिन्दी, मैथिली भाषा के कवियत्री,  आदरणीया ज्योति झा जी , सम्मानित साहित्यकारों व प्रिय पाठकों को हार्दिक सह बधाई ।।
हमारा पहला मंच विश्‍व साहित्य संस्थान मंच है । जिसका निर्माण कोरोना काल में शनिवार 20 जून 2020  को हुआ रहा , आ. ज्योति झा जी , आ. आशीष कुमार झा जी , आ.  प्रवीण झा जी , गुरु आ. अमिताभ सिंह जी , आ. रोबीन कुमार झा जी ,आ. पूजा गुप्ता जी सम्मानित साहित्यकारों व प्रिय पाठकों के सहयोग से गुरुवार , 25 जून 2020 को साप्ताहिक पत्रिका के रूप में अंक - 1 प्रकाशित किया गया । विश्‍व साहित्य संस्थान मंच बनाने में आ. ज्योति झा जी एवं आ. आशीष कुमार झा जी का अहम भूमिका है ।  अंक - 2 के लिए आ. आशीष कुमार झा जी कोरोना देकर विषय प्रदाता बनें जो 2 जुलाई 2020 गुरुवार को प्रकाशित होने वाला रहा पर हम अन्य मंचों से पद लेने में लग गए इसी लालच के कारण हम
विश्‍व साहित्य संस्थान में एकदम सेवा करना बंद कर दिया ।  लगभग एक साल तक बहुत कुछ सीखने के बाद मंगलवार 11 मई 2021 को बिना किसी के साथ साहित्य एक नज़र, कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका का अंक - 1 प्रकाशित किए , वह भी कई सारे मंचों पर हुए कार्यक्रमों का समाचार बनाकर और आज माँ सरस्वती और आप सभी के आशीर्वाद से सम्मानित रचनाकार अपनी रचनाएं से सहयोग कर रहें है । विश्‍व साहित्य संस्थान पत्रिका की अंक - 2 , विषय कोरोना का प्रकाशित 01 जुलाई 2021 गुरुवार को किया जायेगा , इस पत्रिका का संपादिका पद पर पटना , बिहार के सुप्रसिद्ध कवियत्री आदरणीया डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम " जी को रविवार , 27 जून 2021 को मनोनीत कर साहित्य एक नज़र अंक - 48 में प्रकाशित किया गया । जन्मदाता को कभी भूला नहीं जाता । जी हाँ विश्‍व साहित्य संस्थान ही साहित्य एक नज़र का जन्मदाता है । भले साहित्य एक नज़र लोकप्रिय हो गये है पर विश्‍व साहित्य संस्थान व विश्‍व साहित्य संस्थान के पदाधिकारियों व साहित्यकारों का ही योगदान है । आपलोग जानते ही पिता से आगे बेटा जाता है , और वही बेटा बुढ़ापा में सहारा बनता है । जी हाँ विश्‍व साहित्य संस्थान का साहित्य एक नज़र सहारा व नई ऊर्जा प्रदान किए हैं और करना भी कर्त्तव्य है । हम जो विश्‍व साहित्य संस्थान व विश्‍व साहित्य संस्थान से जुड़े हुए साहित्यकारों व पाठकों के साथ जो व्यवहार किए हमें हिम्मत ही नहीं हो रहा था कि आ. ज्योति झा जी से कुछ सहयोग पाकर साहित्य की सेवा करूँ । 14 जून 2021 , सोमवार को जब हम कर्मभूमि कोलकाता से जन्मभूमि मधुबनी मिथिला बिहार के लिए गंगासागर एक्सप्रेस से चल पड़े , ट्रेन में वॉट्सएप पर आ. ज्योति झा जी से बात हुई बोली हमें भी ई पत्रीका बनाना सीखा दीजिए फिर क्या बोले जरूर सीखायेंगे और ट्रेन में ही साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई का निर्माण कर दिए , आ. ज्योति झा जी को साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई का  संपादिका पद पर बुधवार 23 जून 2021 को मनोनीत करते हुए साहित्य एक नज़र अंक - 44 में प्रकाशित कर दिए । फिर पत्रिका का नाम जनक वाणी , सीता वाणी , मिथिला वाणी और भी नाम विद्वानों द्वारा दिया गया पर आधुनिकता के कारण মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर नाम चयनित किया गया । মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर पत्रिका का मुख्य उद्देश्य यह है अपनी संस्कृति सभ्यता को प्रर्दशित करना जैसे कि जानते हैं मिथिलांचल हमेशा दुनिया को कुछ न कुछ देते ही रहा है - हमारे राजा जनक सीता जैसी पवित्र पुत्री का विवाह भगवान श्रीराम के साथ कर करवाये, महाकवि विद्यापति जैसे भक्त की ये भूमि है जिनकी सेवा भावना को देखकर शिव स्वंय उगना बनकर विद्यापति की सेवा करने आएं थे ।, आधुनिक कबीर कहें जाने वाला नागार्जुन की यह भूमि है । राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की यह जन्मस्थान है । यहाँ की मिथिलाक्षर से ही बांग्ला और उड़िया अक्षर का निर्माण हुआ है । मधुबनी / मिथिला पेंटिंग जिसका विश्‍व में पहचान है उसी पुण्य भूमि से মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक पत्रिका - है , जो 29 जून 2021 मंगलवार को प्रकाशित होने जा रही है । संपादकीय आ. ज्योति झा जी को हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई आप इस पत्रिका के प्रथम संपादकीय है हमें पूर्ण विश्‍वास है कि आप इसी ऊर्जा के साथ माँ हिन्दी और मैथिली की सेवा करेंगे ।

इस पत्रिका में रचनाएं , मिथिला पेंटिंग ( चित्र ) और भी कलाओं को प्रकाशित कर कलाकारों का मनोबल बढ़ाना है और दूसरे क्षेत्रों के रचनाकारों की रचना भी प्रकाशित कर अपना मिथिला भूमि की पहचान बताना है ।।

जय हिन्दी , जय मैथिली , जय साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
[28/06, 08:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहिन इअ बड़का अछि कष्ट पहुंचाबअ लेल क्षमा चाहैय छी
[28/06, 08:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक पृष्ठ पर एखरा प्रकाशित कोअ देव
[28/06, 08:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: तीनू पत्रिका अछि
[28/06, 09:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक पेज पर इ
[28/06, 09:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंत में इअ दो देब ताकि अगला अंक सअ विज्ञापन आवेए
[28/06, 09:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: अप्पन संपादकीय पृष्ठ पर फोटो शामिल कोअ लेब अप्पन
[28/06, 09:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: इअ अप्पन हिसाब सअ कतोअ लगा लेब
[28/06, 09:26] ज्योति झा जी: ई final नैय छैय
[28/06, 09:27] ज्योति झा जी: तइयौं एक बेर देख लियौं न'
[28/06, 09:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक छैय
[28/06, 09:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहुत नीक 🙏
[28/06, 09:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: अहा कम्प्यूटर सअ करैत छीयैअ ने
[28/06, 09:32] Roshan Kumar Jha, रोशन: संपादकीय पृष्ठ पर अपन फोटो लगाबू सादर आग्रह
[28/06, 09:33] ज्योति झा जी: नैय
[28/06, 09:33] ज्योति झा जी: फॉने स'
[28/06, 09:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: वाह बहुत नीक
[28/06, 09:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: कून ऐप सअ करैत छी
[28/06, 11:37] ज्योति झा जी: MS Word
[28/06, 17:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहिन कीछ सहायता करूं
[28/06, 17:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: अगला अंक के पोस्टर पत्रिका में शामिल कोअ देवैय जैय विषय पर इच्छा हुएअ
[28/06, 19:58] ज्योति झा जी: *"मिथिला के ललना"*
[28/06, 20:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार अहा विषय देलियेए ने
[28/06, 20:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: पोस्टर हम बना दियअ
[28/06, 20:08] ज्योति झा जी: ज' अहाँक के परेशानी नैय हुए त'
[28/06, 20:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहिन एहन बात नैय कहूं
[28/06, 21:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: परसों पोस्ट करब एखरा
[28/06, 21:10] ज्योति झा जी: जी🙏🏼
[28/06, 21:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
( साप्ताहिक पत्रिका )
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका का इकाई
अंक - 2
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
विषय :- *" मिथिला के ललना "*
विधा :- स्वैच्छिक , शब्द सीमा 250 - 300 ,
प्रकाशित होने की दिनांक -  6 जुलाई 2021 , मंगलवार
रचना भेजने का समय - 30 जून 2021 से 4 जुलाई 2021 तक
विषय प्रदाता :- आ . ज्योति झा जी
बिना मतलब के स्पेस रहने पर रचना को पत्रिका में शामिल नहीं किया जायेगा ।

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

आपका अपना

रोशन कुमार झा
संपादक / संस्थापक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र 🌅
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

मधुबनी इकाई अंक - 1
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/316049233531466/?sfnsn=wiwspmo

विश्व साहित्य संस्थान वाणी
अंक - 2 के लिए रचना यहां भेजें -
https://www.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1110843755990877/

अंक - 49 से 53 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo

---------------------------------
[28/06, 21:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: ऐई के साथ बहिन
[28/06, 21:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: पत्रिका के पृष्ठ पर लगा देब बहिऊ
[28/06, 21:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहिन
[28/06, 21:12] ज्योति झा जी: जी
[28/06, 21:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐
[28/06, 21:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐

------
[28/06, 20:24] +91 9667: केशरी सिंह रघुवंशी हंस
[28/06, 20:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी

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[28/06, 10:51] डॉ पल्लवी जी: भाई मेरे कार्य के विवरण से मुझे अवगत करा देंगे।🌺
[28/06, 11:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी आप वहां से रचनाएं हमें भेजिए
[28/06, 11:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप सम्पादकीय में जो कहना चाहती है वह लिखकर भेजिएगा
[28/06, 13:01] डॉ पल्लवी जी: प्रकृति हमारी है।
▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎
प्रकृति वै से ही च ल ती है।
जैसी हमारी मनोवृति होती है।
▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎
  हमने घरों की चहारदिवार ऊंची कर ली~
दिलों में फासले बना लिए !!
कोरोना के रूप में प्रकृति ने घर  बैठा दिया।
लोगों को एक दूसरे से दूर रहने की व्यवस्था कर दी।
▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎
बौनापन  हमारी  वृत्तियों से जीवन-शैली
में उतरता गया।
नस्ल छोटी होते जा रही।
पौधों से मानव तक
प्रकृति बौनापन स्वीकार रही।
▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎
लोग छोटी छोटी बातों पर
एक दूसरे से दूर  हो जाते हैं।
दिलों में दिवारें खड़ी कर देते
अब लगता है
प्रकृति मदद कर रही।
जैसी हमारी मनोवृति
वैसी ही ढल रही।
▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎
सोचने को विवश कर रही
हम कहां जा रहे~
क्या खो दिए?
क्या बचा पाए?
क्या छोङ जाएंगे?
इसके मीमांसा का
अवसर दे रही।
▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎
प्रकृति हमारी है।
हमारी ओर तक रही है।
▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎▪︎
           ✍ डॉ पल्लवी कुमारी"पाम "
[28/06, 13:02] डॉ पल्लवी जी: मैंने यह "कोरोना"के लिए लिखा था।
[28/06, 13:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार
[28/06, 13:03] डॉ पल्लवी जी: संपादकीय के लिए टाइप कर भेजती हूं।
[28/06, 13:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[28/06, 13:03] डॉ पल्लवी जी: बहुत-बहुत आभार। 🙏
[28/06, 13:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐
[28/06, 20:14] डॉ पल्लवी जी: भाई वि सा स वा में पूछे गए प्रश्नो के उत्तर मुझे देना है,या आप देंगे।
[28/06, 20:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: देख रहे है
[28/06, 20:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप भी दें सकतीं हो दीदी जी 🙏
[28/06, 20:30] डॉ पल्लवी जी: शुक्रिया भाई। 🌺
[28/06, 21:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏💐

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[28/06, 18:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[28/06, 18:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: नाम भेजिए 🙏
[28/06, 18:03] Ranjana Binani Jii: रंजना बिनानी
पवन कुमार बिनानी
[28/06, 18:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐

--------
[23/06, 22:04] आ सपना जी: हार्दिक बधाई
[23/06, 22:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद 🙏💐
[28/06, 18:27] आ सपना जी: 👆
जी कहे आदरणीय
[28/06, 18:27] आ सपना जी: विडीओ काल आया है आपका
[28/06, 18:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: क्षमा चाहता हूँ लगा गई गलती से
[28/06, 18:30] आ सपना जी: कोई बात नहीं आदरणीय
[28/06, 18:30] आ सपना जी: मुझे लगा कोई काम न हो।

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व्हाट्सएप स्टेट्स

[28/06, 18:04] कीर्ती जी: आभार आपका महोदय🙏
[28/06, 18:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[28/06, 18:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn

साहित्य एक नज़र 🌅
[28/06, 18:15] +91 : आदरणीय महोदय नमस्कार धन्यवाद भी आप का।
विनोद कुमार सीताराम दुबे
[28/06, 18:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 स्वागतम् 🙏💐
[28/06, 18:23] +91 : धन्यवाद सर

[28/06, 14:30] Achal Puja: Hii
[28/06, 14:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: Boliyaaa
[28/06, 14:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: Achal jii
[28/06, 14:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kaisha hai
[28/06, 14:33] Achal Puja: Ache h
[28/06, 14:33] Achal Puja: Aap Kaise h
[28/06, 14:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: Hm bhi thik hai
[28/06, 15:01] Achal Puja: Oooh
[28/06, 15:01] Achal Puja: Puja se baat Hoti h aapki
[28/06, 15:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kabi kal only WhatsApp
[28/06, 15:53] Achal Puja: Q
[28/06, 15:53] Achal Puja: Oooh
[28/06, 16:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: Mama sab rahata hai
[28/06, 17:25] Achal Puja: Oooh

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रोशन जी सादर नमस्कार इस विशेष का अंक के लिए , कोरोना महामारी से संबंधित अपनी रचना प्रेषित कर रहा हूं आशा है स्थान देंगे

[28/06, 14:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: फेसबुक पर कामेंट बाक्स में भेजिए इसका संपादिका आ. डॉ पल्लवी जी है ।
[28/06, 14:12] साहित्य 06/06: विशेष अंक के लिए*
[28/06, 14:12] साहित्य 06/06: उनकी आईडी भेज दीजिए
[28/06, 14:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1110843755990877/
[28/06, 14:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[28/06, 14:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/1082581332150453/?ref=share
[28/06, 14:15] साहित्य 06/06: कमेंट का ऑप्शन नहीं आ रहा है
[28/06, 14:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: ग्रुप ज्वाइन किए क्या
[28/06, 14:24] साहित्य 06/06: नहीं हो पा रहा है ग्रुप जॉइन
[28/06, 14:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है हम अपलोड कर देंगे
[28/06, 15:13] साहित्य 06/06: आभार व्यक्त करता हूँ 💐🙏
[28/06, 21:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐

[28/06, 12:18] Roshan Kumar Jha, रोशन: Aur batayee
[28/06, 12:19] Neha Wb Writer: Ji
[28/06, 12:19] Neha Wb Writer: Kaun sa paudha hai aap jante ho
[28/06, 12:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi jii
[28/06, 12:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Aapko pata hai
[28/06, 12:20] Neha Wb Writer: Ooo
[28/06, 12:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya
[28/06, 12:20] Neha Wb Writer: Pata hai per confirm hona chahti hun
[28/06, 12:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bataye
[28/06, 12:21] Neha Wb Writer: I think bring Raj
[28/06, 12:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ohh
[28/06, 12:21] Neha Wb Writer: Ayurvedic jadi buti 😀
[28/06, 12:21] Neha Wb Writer: Vahi confirm karna hai
[28/06, 12:21] Neha Wb Writer: Aapke ghar mein  dadi Nani mummy pahchan sakti hai
[28/06, 12:21] Neha Wb Writer: Kya 😀
[28/06, 12:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: Thik hai puchata hu
[28/06, 12:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Pata same hai pull alag hai
[28/06, 12:24] Neha Wb Writer: Ok
[28/06, 12:24] Neha Wb Writer: Thanks you
[28/06, 12:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: Welcome

[28/06, 11:49] प्रमोद ठाकुर: पुस्तक हेतू सम्पर्क -

प्रकाशक
१. लोकोदय प्रकाशन प्रा. लि.
65/44 शंकरपुरी छितवापुर रोड़
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल नम्बर - 9076633657

लेखक
2. रामकरण साहू "सजल"
कमासिन रोड़ नील कंठ पेट्रोल
पम्प के पास, ग्राम-पोस्ट बबेरू
जनपद- बाँदा (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल नम्बर - 8004239966
[28/06, 11:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[28/06, 11:58] प्रमोद ठाकुर: जी धन्यवाद
[28/06, 21:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏💐

[28/06, 08:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏 भाई जी 🙏
[28/06, 08:56] Roshan Kumar Jha, रोशन: आ. ज्योति झा जी बहिन के दो शब्द शुभकामनाएं दो दियोन अप्पन समयनुसार काईल प्रथम अंक प्रकाशित करथिन
[28/06, 09:05] Prabin Bhaiya: 👍
[28/06, 09:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏
[28/06, 21:45] प्रमोद ठाकुर: क्या हाल है सर
[28/06, 21:45] प्रमोद ठाकुर: आगे की कुछ प्लानिंग बताये
[28/06, 21:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: सब ठीक है सर जी अपना बताइए 🙏
[28/06, 21:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: यूट्यूब वाला कार्यक्रम

NDC , NCC31-19 , WhatsApp group
[28/06, 07:52] Ano N. d College: *EBSB VIII with JK and Ladakh Directorate as host being held either First or last week of Jul 21 .*ITS A ALL INDIA CAMP/COC.*

QR for selections :-
1. Not Done EBSB earlier.
2. Second year Cadets.
3. Good *folk Dancer/*Folk Singer*
4. Good in *Quiz on Jk and Ladakh.*
5. Competent to take  *PP presentation* on WB and Sikkim.
6. Good in *English*.
7. Good in *discussions and Debate* in English.

Desired Cadets to make a video in NCC Uniforms for only one Minute of their talent as per QR and fwd in email id abrarahmedalvi93@gmail.com by 1500 hrs tomorrow ie on 28 Jun 21. *No extension of time will be given*
*ONE CADET CAN MAKE MAX TWO VIDEOS ONLY*

WE WILL BE SELECTING ABOUT 15 CADETS(COMBINING BOTH SD AND SW)

BEST WISHES N GOOD LUCK!!!
[28/06, 07:52] Ano N. d College: *Please note folk song/dance will have to be either from WB or from Sikkim only. Hence, folk song/dance will be in  Bangla or our regional language.*
[28/06, 07:52] Ano N. d College: 👆@ all Units. NCC AA. The Dte has asked for the List of all Offrs, PI staff and ANOs serving with the units to be  Associate Members of NCC AA based on criteria mentioned in above msg. It has also asked names of 10 Honorary members/dignitaries  associated with our units and Gp HQ.

I request you all to fwd the list of your associated members and honorary members by emial (2bengalbn @gmail.com) preferably on a excel sheet by 1400h 28 Jun 21.
Format is as under:-
Ser No, No, Rank and Name, Unit, Serving since, (date of commission for ANOs), Remarks.
A few words about the honorary member in the remarks coln.

Regards to all.
[28/06, 07:52] Ano N. d College: Respected TOs  pt for ncc Alumni  association, all GPS are requested to prepare a list of associate members incl all offrs and PI staff posted who have served for at least a year in ncc units,  all ANOs who have served  for atleast five year in ncc , request prepare a list fwd to us on 29 Jun.  All GPs are requested to fwd a min 10 names for honorary members incl dignitaries and person of excellence visiting ncc , regards
[28/06, 07:52] Ano N. d College: 👆You all may fill this form easily on your mobile and send at the earliest.
[28/06, 07:52] Ano N. d College: *👆 Important details to be fwd by all ANOs as per format at the earliest but not later than 1200 hrs tomorrow.*

SER NO,NO,RANK,NAME,UNIT,SERVING SINCE(DATE OF COMMISSION),REMARKS.




अंक - 49
https://online.fliphtml5.com/axiwx/phxo/

अंक - 48
https://online.fliphtml5.com/axiwx/gmxs/

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 49

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716


अंक - 49
28 जून  2021
सोमवार
आषाढ़ कृष्ण 4 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र -   6 - 7
कुल पृष्ठ -  8

मो - 6290640716

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
102. आ. कीर्ती चौधरी जी , उत्तर प्रदेश
103. आ. रामकरण साहू " सजल " जी
( पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र - " पुरूषार्थ ही पुरूषार्थ " - 8 )

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 49 से 53 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 45 - 48
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/314455886983861/?sfnsn=wiwspmo

मधुबनी इकाई
https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/316049233531466/?sfnsn=wiwspmo

विश्व साहित्य संस्थान वाणी
अंक - 2 के लिए रचना यहां भेजें -
https://www.facebook.com/groups/1082581332150453/permalink/1110843755990877/

फेसबुक - 1

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1143407282839491/

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1143408382839381/









फेसबुक - 2

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317733453322771/?sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317732033322913/?sfnsn=wiwspmo

आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 49,  सोमवार
28/06/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 49
Sahitya Ek Nazar
28 June 2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

_________________

बिहार बोधी -  साझा काव्य संकलन

परिचय -
✍️ रामकरण साहू"सजल"
ग्राम-बबेरू ,जनपद - बाँदा , उत्तर प्रदेश , भारत
शिक्षा- परास्नातक
प्रशिक्षण- बी टी सी, बी एड, एल एल बी
संप्रति- अध्यापन बेसिक शिक्षा
सम्पर्क सूत्र-  8004239966

पुरूषार्थ ही पुरूषार्थ " पुस्तक हेतू सम्पर्क -

प्रकाशक
१. लोकोदय प्रकाशन प्रा. लि.
65/44 शंकरपुरी छितवापुर रोड़
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल नम्बर - 9076633657

लेखक
2. रामकरण साहू "सजल"
कमासिन रोड़ नील कंठ पेट्रोल
पम्प के पास, ग्राम-पोस्ट बबेरू
जनपद- बाँदा (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल नम्बर - 8004239966

#साहित्य एक नजर
अंक - 49 से 53
दिनांक- 28/6/2021.
विधा - कविता.
      *
महानायक.

किताबों के पन्नों में दबे नहीं,
सड़कों पर संघर्ष के गीत बना
संघर्ष केवल किया नहीं
संघर्षों को जीया जिसने
वह नायक नहीं महानायक थे.
चम्पारण सत्याग्रही गोवा सेनानी
नरेंद्र देव की अदम्य अनुभूति
आत्मीय बिनोबा कृपलानी के 
अनुज श्रीकृष्ण अग्रज कर्पूरी के
लिमये-दंडवते इनके प्रिय थे
अद्भुत कुशल रणनीतिकार थे.
हमनफस हमनवा लोहिया के
दुर्घर्ष सहकार जयप्रकाश के
संघर्षसूत्र बिहार विप्लव के
'आजाद दस्ता' के कर्णधार थे.
प्रवंचित संसद के प्रतिवाद थे
शोषण-दमन के प्रतिकार थे
आत्मज सैनिक विद्रोह सेनानी 
उमेश झा से उमेश दादा बनकर
सहरसा के मुरादपुर से उभड़े थे

रचनाकार ✍️ - अजय कुमार झा.

यदि चित्र का समायोजन संभव है तो कृपया इसे संलग्न कर अनुग्रहित करें.

स्व. उमेश झा उर्फ उमेश दादा,
ताम्रपत्रधारी समाजवादी स्वतंत्रता सेनानी.

निवेदक - आ. अजय कुमार झा जी

🙏 🌅 💐 🌹 💐

कविता :- 20(41)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

साहित्य एक नज़र মিথি
LITERATURE , मिथि लिट्रेचर -

कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका साहित्य एक नज़र ,
उसी का इकाई है मधुबनी से
प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक
पत्रिका মিথি LITERATURE ,
मिथि लिट्रेचर ‌।।
आ. ज्योति झा जी है इस पत्रिका के
प्रथम संपादिका ,
उनकी सेवा भावना को देखकर रहा
नहीं गया मनोबल बढ़ाने के लिए
ये दो शब्द लिखा ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(41)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
सोमवार , 28/06/2021
✍️ रोशन कुमार झा ,
Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 49
Sahitya Ek Nazar
28 June 2021 ,   Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

____________

ग़ज़ल

जब तलक जख्मों मे गहराई न थी
तब तलक दुश्मन ये पुरवाई न थी|
वक्त का भी दोष कोई था नहीं
साथ में किस्मत ही हरजाई न थी|
दूर थे खुश थे वफा की आश मे
इस कदर  दुश्मन ये तन्हाई न थी|
झूठ से हमसाज थे कुछ आइने
दोस्तो सच क़ी  ही सुनवाई न थी|
एक मुद्दत बाद घर रौशन हुआ
अपनो  को मेरी खुशी भाई न थी|
प्रेम फिर से हारना अच्छा लगा
जीतना  अपनो  से चतुराई न थी|

✍️ डॉ . प्रमोद शर्मा प्रेम
नजीबाबाद बिजनौर

ॐ श्रीवागीश्वर्यै नमः

        कसम
        
कसम है तुम्हारी तुम्हारा रहूँगा,
सदा हाथ तेरा निज कर रखूँगा|
रहेगी सदा तू मेरे दिल में सजकर,
वादे से अपने कभी न हटूँगा||
काँटे अगर तेरी राह पड़े हों,
राह से उनको किनारे धरूँगा|
हर एक हसरत तेरी पूरी होगी,
इसके लिए मैं मेहनत करूँगा||
दुनियाँ तुम्हारी सुंदर सजेगी,
तुम्हारे लिए मैं खुद भी सजूँगा|
कसम तुम भी ले लो सदा मिल रहेंगे,
मग से हमारे नहीं पग हटेंगे||
मुसीबत अगर आ जाएगी मुझ पर,
न मुझसे किनारा कभी तुम करोगी|
सुंदर सलोने सपनों को बुनकर,
पाने को उनको हम मिल जिएंगे||
उड़ाने हमारी सुहानी रहेंगी,
मिलकरके दोनों नभ में उड़ेंगे|
कसम है तुम्हारी तुम्हारा रहूँगा,
सदा हाथ तेरा निज कर रखूँगा||

✍️ गणेश चन्द्र केष्टवाल
मगनपुर किशनपुर
कोटद्वार गढ़वाल उत्तराखंड

# नमन मंच
साहित्य एक नज़र
अंक 49-53 में प्रकाशन हेतु रचना
दिनांक 28-06-21

लोगों को दिखावा
ही पसंद है भाई l
कागज के फूल
ज्यादा बिकते हैं,
असली फूलों की जगह l

      दिल के दर्द

छूपाने को अपने दर्द,
हम जो मुस्कुराते हैं l
उन्हें खुशफमही है,
हम आबाद हुए जाते हैं l
रोज ही एक नया,
तोहमत लगाते हैं l
मेरी ये
खोखली हँसी भी,
उन्हें दिन रात
तड़पाते हैं l
दिखाऊँ
किसको फफोले,
जो अब भी
दर्द दिए जाते हैं l
उन्हें ये शक है,
अपनी शोहरत के
राज छिपा जाते हैं l
अजीब उलझन
में हैं वो,
हम जो इतना
मुस्कुराते हैं l

✍️ भुपेन्द्र कुमार भूपी
8860465156
     नई दिल्ली
________

काल के गाल में
समाती ज़िन्दगीयां।
चीख चीत्कार की
आवाज़ें और सिसकियां।
तुम अदृश्य शत्रू से
इंसानियत को रौंदते।
अपनी भयाभय के
वो स्हाय चिह्न छोड़ते।
विष के झागों से भरी,
सारे विश्व को डसती फुवारें।
अपने गरल दन्त से,
दुनियाँ में खड़ी करते
मौत की दीवारें।
ये इंसा का फैलाया ,
है तांडव नर्तन।
हो रहा विश्व का
करुण विवर्तन।
मतकर बेज़ुबानों
का भक्षण।
मतकर प्रकृति
का उल्लंघन।
पाट दिया धरा को,
परमाणू बारूदी
हथियारों से।
आसमां भी पाट दिया,
अंतरिक्ष के अम्बरों से।
प्रकृति की मानव
से जंग जारी है।
ये तो धरा का प्रकोप है,
संभल ये इंसा, अब
आसमां की बारी है।
ये तो कोरोना है,
अभी कितनी और
फैलनी महामारी हैं।

✍️ प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर , मध्यप्रदेश

तू मेरी जिंदगी में इस
कद़र शामिल़ हो गई है,
तुझे चाहकर भी ज़ुदा
न कर पाऊँगा मैं।
यँकी कर मुझपे ए
मेरे हसीन दोस्त,
तेरे बगैर टूटकर
बिख़र जाऊँगा मैं।
तू जान जाना खुद़ ही
मेरे दिल की बात,
जुबाँ से शाय़द ही
कभी कह पाऊँगा मैं।
तुझे देखकर जीने
लगा हूँ जिंदगी मैं,
तू न मिली तो
मर जाऊँगा मैं।
मुमक़िन है पहली
मुहब्बत निभाने में
गलतियाँ हुई हो मुझसे,
तू मेरी दूसरी
मुहब्बत है ए दोस्त
"वादा" है शिद्दत से
निभाऊंगा मैं।
ख़ुद ख़ाक होकर भी रखूंंगा
तेरे लवों पे हँसी काय़म,
तेरी आँखों से कभी अश्क
न बहाऊंगा मैं।

✍️ राजेश " तन्हा "

विश्वासघाती मित्र

हर संभव साथ निभाया तो,
किस कारण मेरा विरोध किया।
मैंने तो मीत तुम्हें समझा,
तुमने क्यों खंजर भोक दिया।।
मित्रता के खातिर तुम आये,
तुमको हिय मे स्थान दिया।
अपने बंधु से बढ़कर भी,
तुम्हें मान-सम्मान दिया।
जब कदम से कदम मिलाया है,
किस बात पे फिर सन्देह किया।।
मैंने तो.....
तुमतो मेरे वो साथी थे,
जिसे घोर प्यार मै करता था।
खुशहाल तेरे संग लम्हें थे,
राहें तेरे संग बिचरता था।
मजबूरी क्या आई ऐसी,
तुमने मुझसे प्रतिशोध लिया।।
मैंने तो....
जितना माँ-बाप को चाहा न,
उससे बढ़कर तुझे प्यार दिया।
यौवन के आधे लम्हें,
मैंने तेरे खातिर वार दिया।
जो तुझपर जान लुटाता था,
उसके खातिर न शोक किया।।
मैंने तो...
घर का दीपक मै था अपने,
तूने मेरे घर अंधियार किया।
पापा की जान स्वयं निकली,
माँ की छाती पर वार किया।
मेरा जीवन व्यर्थ बनाने में,
मित्र तूने सहयोग किया।।
मैंने तो मीत तुम्हें समझा,
तुमने क्यों खंजर भोक दिया।।

✍️  सरिता त्रिपाठी 'मानसी'
सांगीपुर, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र 🌅
विश्‍व साहित्य संस्थान

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई

फेसबुक - 1
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=801926327363443&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo

फेसबुक - 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=360137998871153&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo

साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली )
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली के गौरवशाली पांच वर्ष (5-07-2021)

स्नेह निमंत्रण स्वीकार करो उत्सव में अब आप पधारो🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
https://m.facebook.com/photo.php?fbid=1253944955039757&id=100012727929862&set=a.112831542484443&sfnsn=wiwspmo

वीडियो

https://www.facebook.com/100068603509879/videos/120763650220418/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/zQNqhNv41kI

https://youtu.be/20RKbjrSORE

https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1411337279237337/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1955216687988559/?sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/100068603509879/videos/120933290203454/

https://youtu.be/74ZKEFsCThI

आ.  सरिता सिंह जी गोरखपुर उत्तर प्रदेश
https://youtu.be/SrWRFHka38s
आ. संगीता मिश्रा जी प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/oOMv-fm3z0U

https://youtu.be/jmF43PF0wwU
*प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान*
9. आ. राहुल मिश्रा जी , प्रदेश अध्यक्ष तेलंगाना इकाई
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=348571216694498&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/pvUxR-7qOCg

कोलफील्ड मिरर आसनसोल में प्रकाशित
10/05/2021 ,
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiYw-O_wG7wu-K-nRxZJNqLTx2yup7Tnf7vncuuqA7xy3R4Tg2Ve3od6mVErPwDPwvmG41WI4y65Y4tXqeDGRIUftpcqMxp2xtiow4PWlcNnBzVvSfoW9W6lZ4KxXbYZP2YnW2wXZEofEQ/s2048/CFM+HINDI++++10.06.+2021+5.jpg

साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 30
https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

https://youtu.be/jmF43PF0wwU



https://coalfieldmirror.blogspot.com/2021/06/10-2021-coalfieldmirrorgmailcom.html?m=1


पश्चिम बंगाल

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939031646273730/?sfnsn=wiwspmo

मुख्य मंच :-
https://m.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1399215700449495/?sfnsn=wiwspmo






पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939470836229811/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 49 से 53 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/317105156718934/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/-gxVYTWJQqU

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

https://youtu.be/zQNqhNv41kI

दिनांक - 28/06/2021
दिवस -  सोमवार
#साहित्यसंगमसंस्थान
यूट्यूब संचालक

रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई

अंक - 49

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/49-28062021.html

कविता :- 20(41)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2041-49-28062021.html

अंक - 50 , साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
अंक - 1

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/50-1-29062021.html

कविता :- 20(42)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2042-50-29062021-1.html

अंक - 51
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/51-29062021.html

कविता :- 20(43)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2043-30052021-51.html

अंक - 52 , विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/52-01072021-2.html

http://vishshahity20.blogspot.com/2021/06/52-2-01072021.html

कविता :- 20(44)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2044-01072021-2.html

अंक - 53
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html

कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html

कविता :- 20(39)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2039-26062021-47.html

अंक - 48
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/48-27062021.html

कविता :- 20(40)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2040-27062021-48.html

अंक :- 49, 50, 51, 52, 53,

दिनांक :- 28 जून 2021 से 2 जुलाई 2021

दिवस :- सोमवार से शुक्रवार

एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।

शब्द सीमा - 300 - 350

इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में रचना भेजें , यहां पर आयी हुई रचनाओं में से कुछ रचनाएं को अंक - 49 कुछ रचनाएं को अंक - 50 कुछ रचनाएं को - 51, कुछ रचनाएं को 52 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 53 में प्रकाशित किया जाएगा ।

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका ) गुरुवार

साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
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अंक - 2
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
विषय :- *" मिथिला के ललना "*
विधा :- स्वैच्छिक , शब्द सीमा 250 - 300 ,
प्रकाशित होने की दिनांक -  6 जुलाई 2021 , मंगलवार
रचना भेजने का समय - 30 जून 2021 से 4 जुलाई 2021 तक
विषय प्रदाता :- आ . ज्योति झा जी
बिना मतलब के स्पेस रहने पर रचना को पत्रिका में शामिल नहीं किया जायेगा ।

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
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विषय :- कोरोना से संबंधित रचनाएं व चित्र
विधा :- स्वैच्छिक
शब्द सीमा 250 - 300 ,
प्रकाशित होने की दिनांक :- 01 जुलाई 2021
दिवस :-  गुरुवार
विषय प्रदाता :- आ . आशीष कुमार झा जी

बिना मतलब के स्पेस रहने पर रचना को पत्रिका में शामिल नहीं किया जायेगा ।

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
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