साहित्य एक नज़र, कोलकाता , अंक - 459 , कविता - 24(49) , फेसबुक - 3 , शुक्रवार , 12/08/2022

साहित्य एक नज़र, कोलकाता , अंक - 459 , कविता - 24(49) , फेसबुक - 3 , शुक्रवार , 12/08/2022



1.
roshanjha9997@gmail.com
P :- Roshan99

2.
bocwestbengalsikkim20@gmail.com
P:- 04082020

3.
vishshahity20@gmail.com
Gmail :- Wb130699

130699Wb
28/08/2021 


4.
 Biharyuvamadhubani20@gmail.com   , Password:-13072020

5.
roshanjha1301@gmail.com
P:- Rk130699

6.
sahityasangamwb@gmail.com
P :- Wb251020

7. mahilasuraksaswb20@gmail.com
P :- 97roshan

Porabazar FB P, :- 131220
Roshan Kumar Jha
6290640716
P:- 034777
Roshan Kumar Jha
6290640716
P:- 209731b

vishnews@gmail.com , devipunam वाला ईमेल का पता न लगा और नहीं किसी भी twitter account का Roshan Kumar jha , 6290640716 , P:- 629064

27/08/2021 ,

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roshanjha9997@gmail.com
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27/08/2021 ,

16/07/2022 , शनिवार
आएं हम आशीष सर भी राँची से चले गये 18000 पर , मेरा बड़ा बैग ले लिया , बोले भेज देंगे , ये बैग बड़ा बाजार कोलकाता में 600 में खरीदे रहे पूजा पैसा दी रही , पापा खरीदवा दिये, बाबा के बिल्डिंग में बी.के साव मार्केट , मधुबनी चन्द्रा कॉम्प्लेक्स में
पूजा गई नेहा घर मेहंदी लगाने उसके माँ को और नेहा को भी लगाई , नेहा माँ वीडियो कॉल पर बात की बोली आप बोलते थे नेहा को शादी नहीं करेंगे , फिर हम बोले ये गीत - तुम जीत गये इस दिल से , हम हार गये इस दिल से , लाया हूँ प्यार का मौसम
फिर नेहा बात की स्कूल दिखाएं , वह बोली कॉलेज है ।नेहा माँ बोल दी रोशन साड़ी दिया रहा ,
बिडला स्कूल एक ड्राइवर कुछ किया रहा लड़की साथ भाग गया शीश फोड़ दिया रहा , गार्ड बताया ।
कपड़ा, जूता , चादर धोए , पूजा वाला बैग लाल वाला भी ।
20:15 हम आएं मब्बी से सर मेम आए , चन्द्रकांत सर बोले बैठने मेम बोली सर अभी थोड़ा चले जाइए , राज वाला

15/07/2022, शुक्रवार
एम.ए सेमेस्टर - 2 परीक्षा एक ही कक्षा में प्रमोद सर , श्रीकांत सर रहे .

03:55 उठे पूजा का दर्द हो रहा था , नेहा को फोन किये कि डॉक्टर पास चले जान ,
नेहा गई ।
हावड़ा - मेदिनीपुर - 125 किलोमीटर
भाड़ा - 30
संतरागाछी से 12885 से
हावड़ा - आसनसोल - 211 Km
मेदिनीपुर - आसनसोल - 197 Km
चावल , सब्जी खाये - 35 , मछली भी रहा ।
22329

Salboni होकर 2017 में मेडिकल कैम्प सेंट जॉन एम्बुलेंस का , स्टेशन बगल में स्कूल रहा , पहली बार मेदिनीपुर से आसनसोल टिकट लिए 95 लगा
आया रहा टीटी टिकट देखने ।
हम एनसीसी वाला ऊपर पहने रहे प्रमोद सर , श्रीकांत सर एक और सर आये पूछे हम पेशाब करके आएं वे लोग आ रहे थे मेरे डिब्बे में हम तो ऊपर सोकर आये रहे मेदिनीपुर से बाँकुड़ा में
सर अपने पास बुुलाये दोनों सर बिस्कुट दिए , lays 10 वाला दिए बोले रख लो , पूछे कहां हम बोले आसनसोल से मिथिला पकड़ेंगे , सर बोले अब अगला परीक्षा मंगलवार को है न प्रमोद सर पूछे हम बोले हां , समस्तीपुर जा रहे है .
17:56 - आद्रा पहुंचे बोले इधर बैठ जाओ .
दोनों सर हेडफ़ोन लगाये रहे , प्रमोद सर जब स्कूल ज्वाइन किए तो बता रहे थे .
प्रमोद सर बोले ऐसा क्या है जो फाईनल परीक्षा समय गांव जा रहे हो , बोले सर जी को पढ़ाते है , बोले श्रीकांत सर बोले हमें वह कहीं पढ़ाता है , बोले 8000 पर ज्वाइन हुई रही , अभी 11000 दे रहा है एक साल बाद बी.एड करवा देंगे , बोले आगे कैसे क्लास करोगे , बोले कर लेंगे , फिर बोले अच्छा है बता दिया .
प्रमोद सर बर्नपुर घर है श्रीकांत सर का आसनसोल , 4 किलोमीटर का दूर है , प्रमोद सर किसी रेलवे कर्मचारी से फोन पर बात किये ट्रेन खुलेगी या नहीं , सब ट्रेन खड़ी रही .

विभागाध्यक्ष प्रमोद सर हावड़ा से रेल लाइन से लिलुआ आये विश्वभारती पकड़ना रहा .

जेसीडी से देवघर पैदल आ गये रेल लाइन से जो एक सर थे वे जब 8 में थे एक ही ट्रेन थी , बीच में एक छोटा सा स्टेशन रहा वहां कोई कोई ट्रेन रूकती थी , ट्रेन अगले दिन रही .
Jasidih

फिर गंगासागर एक्सप्रेस की बात हुई बोले उसका भी तो मिथिला वाला ही समय है .
हम बोले अब बदल गया 15:45 रहा अभी 17:45 हो गई , वह सर बोले हां - हाँ अभी विधानगर रोड़ में होगी
प्रमोद सर गोरखपुर के है ।
18:51 - दामोदर नदी पार किये
दामोदर स्टेशन पर बहुत देर रूकी
सूचना दिया
19:27 खुली - सर बोले तुम्हारा पकड़ायेगा ट्रेन हम बोले 10 किलोमीटर ही तो है ।
बर्नपुर में सब ट्रेन रुकी रही अंजली आई बोली आप सर बोले इसे बस में चढ़ा दो ।
20:15 पहुंचे ट्रेन मिथिला चली गई .
आसनसोल स्टेशन के बाहर से आये .
अंजली विवेक से बात कर रही थी , हमको भी करायी बात

बलिया सियालदह आयी आसनसोल - 21:50
पहले पीछे रहे 2 डिब्बा रहा 22:19 दोड़ना शुरु किये सामने आये खुल गई दौड़कर पकड़े ।
बरोनी में उठे नीचे सोये रहे .
प्लेटफॉर्म - 4 पर गंगासागर आयी 22:05
समस्तीपुर - 04:45 आ गये , समय - 05:05 का रहा .
06:05 - सिनेमा चौक रोसड़ा पहुँचे ।
रक्सौल की बात हुई बोले भारत नेपाल की सीमा पर है ,
उस सर को बोले ये मेरा सकेंड इयर के छात्र है , समस्तीपुर जा रहा है , बोले इतना दूर , श्रीकांत सर भी बोले क्या बात है प्रमोद सर बोले बाद में बतायेंगे .

14/07/2022, गुरुवार
2000, भाड़ा
1500 - माँ
1000 - हम
500 पूजा पहले वाला 500 + 800 भाड़ा

02:56 - मिथिला बैण्डेल टीटी खड़ा रहा हम बोले एनसीसी खड़ा रखा , फिर पूछे तो बोला चले जाने ।
04:06 - Liluah , 04:26 - घर पचनतला
14/07/2022, गुरुवार
200, दिया बाड़ी वाला दुकान मीरपाड़ा वाला 300+500=800
माँ बोली मधुबनी में दीदी कहलकोअ हे काम करतैय तअ कही आयब जे रूम दो देवैय ।

Ac XXXXXXXX00035401 Debited with Rs.6200.00,14-07-2022 12:19:16. Aval Bal Rs.779.00 CR. Helpline 18001802222.Register for e-statement,if not done.No carΛelessness until there is a cure.Please rate service of branch on a scale of 1 to 5(1 being poor & 5 being excellent.Send PNBFEEDBACK <1...5> to 56161.)-ΛPNBΛ

Dear Customer,The Balance for account Account Number XXXXXXXXXXXXX401 : INR 6979.0,. SMS PNB PROD to 5607040 for detailed product list.UPDATE YOUR EMAILΛID IN ACCOUNTΛ
निकालें 6200 , पंजाब नेशनल बैंक से , फिर हम नितीश सर को फोन किये सर बोले बोलिए रोशन सर हम बोले कि पैसा नहीं आया है फिर सर फोन किसे पैसा रिटर्न हो गया 9940 रहा ।

आज आया ।

बंटी भईया मिले । बोले शादी कर लिया ,

NSS Unit- 1
आवश्यक सूचना
इस ग्रुप में जितने भी विद्यार्थी शामिल हैं वे आकर नये कार्यक्रम पदाधिकारी  डॉ. दीपक त्रिपाठी से सम्पर्क करके अपनी सूचना और उपस्थिति अपडेट करवा लें।
दिनांक : 20.07.2022 तक निश्चित रूप से मिल लें। इसे अति आवश्यक समझें।
इस यूनिट- 1 का नया ग्रुप बनाया जायेगा और जो छात्र सक्रिय हैं उन्हें ही शामिल रखा जायेगा। निष्क्रिय छात्रों को निष्कासित करते हुए उन्हें आगामी समस्त कार्यक्रमों से वंचित कर दिया जायेगा।

सम्पर्क करें :
डॉ. दीपक त्रिपाठी
कार्यक्रम पदाधिकारी, यूनिट -01
हिन्दी-विभाग
मो. - 9415142314

कक्षा - 5 ,  हिन्दी   , अंक - 80

1. नीचे मेला की चित्र हैै , आप मेला के बारे में पाँच वाक्य लिखिए - 5×2=10
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 7×3=21
क . कविता में कवि किन दिनों की बात कर रहा है ?
ख. रोशनी कितनी कक्षा की छात्रा थी ?
ग. चित्रकला प्रतियोगिता का विषय क्या था  ?
घ. ये पल जाते यहीं ठहर कविता के कवि कौन है ?
ङ. चाचा जी ने बाहर का खाना खाने के क्या नुकसान बताएँ ?
च. हम भारत की बेटी हैं कविता में किन दुश्मनों को मारने की बात की गई होगी और क्यों ?
छ. मोनू के किस बात को सुनकर दादा जी बहुत खुश हुए ?
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 4×3=12
क. भाषा किसे कहते हैं, ये कितने प्रकार के होते हैं - नाम लिखिए
ख. संज्ञा शब्द के जिस रूप से उसके एक या अधिक होने का बोध हो , उसे क्या कहते हैं ?
ग. देवनागरी लिपि में कौन सी भाषा लिखी जाती है ?
घ. राम दिल्ली से आ रहा है - कारक चिन्ह व कारक के नाम लिखिए -
4. ये पल जाते यहीं ठहर कविता की पाँच पंक्तियाँ लिखिए - 1×10
5. स्त्रीलिंग के पुल्लिंग शब्द लिखिए - 5×1=5
______________ - सहेली , ______________ - कवयित्री , ______________ - बेटी , ______________ - कबूतरी , ______________ - सेविका
6. अनुस्वार या चंद्रबिंदु लगाकर ठीक शब्द लिखिए - 5×1=5
अत - __________ , चाद - __________ , मुह - __________ , ठडा - __________ ,अडा - __________
7. खाली स्थान पूर्ति कीजिए- 6×1=6
भूख , टॉफ़ी , चित्रकारी , मदद , शहर , तलवार
क. रोशनी की रुचि __________________ में थी ।
ख. गोलू __________________ पाकर खुशी से उछलने लगा ।
ग. चाचा जी हमें __________________ लगी है।
घ. भारत की बेटियाँ __________________ उठा चुकी है ।
ङ. धीरे - धीरे  __________________ पीछे छूटने लगा ।
च. माँ मैं भी आपकी __________________ करना चाहती हूँ ।
8. सही उत्तर पर ✔️ लगाओ - 6×1=6
क. भारत की बेटियाँ झगड़ालु हैं   [______]
ख. बच्चे चाचा जी के साथ मेला गया था ।  [______]
ग. माँ ने रेशमा को बाज़ार भेजा ।  [______]
घ. कवि को बचपन में भूत का डर रहता था ।  [______]
ङ. भाषा के दो रूप होते हैं ।  [______]
च. रीना को लिखने का शौक था ।  [______]
9.उचित मिलान कीजिए। 5×1=5
क. महराष्ट्र                                पंजाबी
ख. पश्चिम बंगाल                      मलयालम
ग. पंजाब                                  गुजराती
घ. गुजरात                                बांग्ला
ङ. केरल                                   मराठी

AC No - 400010110006294
Branch - kolkata Main
IFSC CODE - BKID0004000
Roshan kumar jha

हिन्दी , कक्षा - 2 , अंक - 80
1. निम्न में से किसी छ: प्रश्नों के उत्तर दीजिए -  6×5=30
क. आसमान सबका एक कैसे है ?
उत्तर
ख. मम्मी राखी किसे बाँधती है ?
उत्तर -
ग. आदमी ने चींटियों को क्या दिया ?
उत्तर -
घ. रोहन सब जगह क्या ढूँढ़ रहा था ?
उत्तर -
ड. सबकी दुनिया एक के कवि कौन है  ?
उत्तर -
च. पूजा ने अपने भाईयों को कैसे बचाया ?
उतर -

छ. भाषा किसे कहते हैं ?
उत्तर -
ज. सर्वनाम किसे कहते हैं ?
उत्तर -
झ. विशेषण किसे कहते हैं ?
उत्तर -

2. खाली स्थान पूर्ति करें - 5×2 =10
एक , चुटकुला , परिश्रम , स्त्रीलिंग , त्योहार
क. आज राखी का ____________ है ।
ख. चींटियों की रानी ने ____________ करना सिखाया ।
ग. रोहन ने पुस्तक में एक ____________ पढ़ रहा था ।
घ. धरती है हम सबकी - ____________।
ड. 'लड़की' शब्द ____________ है ।

3. सही जवाब पर ✔️ पर लगाओ - 5 ×2 =10
क. शाम को शोभित के पापा कहाँ से आएं थे ? -
बैंक ___   स्कूल  ___  शहर ___
ख. पूजा के कितने भाई थे -
चार  ___   तीन ___ दो ____
ग. किसने सभा बुलाई  ?
रानी चींटी ने ____ चींटियों ने  ____  आदमी ने _____
घ. वर्ण के दो प्रकार है -
लिखित - मौखिक ____  स्वर - व्यंजन ____   पढ़ना-लिखना ____
ड. 'अ' है  -
स्वर ____  मात्रा ____   व्यंजन ____
4. विलोम शब्द लिखिए -1 ×5 =5
बड़ा - ___________ , आना- ___________ , दिन-___________ ,
ऊपर-  ___________ , सुखी -___________ ,
5. शब्द लिखो -1 ×5 =5
ध+र+ती = ___________ , रो+ह+न=___________ , चीं+टी= ___________ ,
आ+रा+म= ___________ , चु+ट+कु+ला= ___________ ,
6. पढ़कर नीचे के प्रश्नों के उत्तर दो - 5 × 2 = 10
एक बार बहुत सरदी पड़ी। बरफ़ गिरने लगी । इतनी बरफ़ गिरी कि सब तरफ बरफ़ ही बरफ़ थी । सफ़ेद बरफ़ । पेड़ -  पौधे सब बरफ़ के नीचे दब गए । कई महीनों से सूरज भी नहीं निकला ।

क. एक बार क्या पड़ी ?
उत्तर -
ख. सब तरफ क्या थी ?
उत्तर -
ग. पेड़- पौधे किसके नीचे दब गए ?
उत्तर -
घ. कई महीनों तक क्या नहीं निकला ?
उत्तर -
ड. क्या गिरने लगी ?
उत्तर -

7. सबकी दुनिया एक या राखी का त्योहार आया कविता लिखिए - 1×10 = 10




1. नीचे महात्मा गाँधी और रवींद्रनाथ ठाकुर की चित्र हैं, आप इनके बारे में पाँच वाक्य लिखिए - 1×10= 10
2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर दीजिए - 7×3=21
क. खुशियाँ बाँटें सारे जग को ... कविता के कवि कौन है ?
ख. नदियाँ इठलाकर क्या कहती है ?
ग. अगर छोटा लड़का टहनी को पानी में नहीं तैराता तो क्या होता ?
घ. दिन और रात्रि किसकी रक्षा करते हैं ?
ङ. खरगोश दौड़ते - दौड़ते अचानक रुक क्यों गया ?
च. हाथी गढ़ पर कैसे चढ़ा  ?
छ. बापू ने ऐसा क्यों कहा कि अकेला कैसे पहन लूँ कुरता ?
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 4×3=12
क. भाषा की परिभाषा देते हुए उसके रुपों के नाम लिखिए ।
ख. संज्ञा के जिस रूप से हमें उसके नर या मादा होने का पता चलता है , उसे क्या कहते है ?
ग. वचन के दो भेद हैं नाम लिखिए ।
घ. पवर्ग लिखिए -
3. खुशियाँ बाँटें सारे जग को ... कविता की पाँच पंक्तियाँ लिखिए ।  1×10=10
4. बहुवचन बनाइए - 5×1=5
लड़का - __________ , पाठशाला - __________ , मछली - __________ , स्त्री - __________ , सेना - __________
5. पुल्लिंग के स्त्रीलिंग शब्द बनाइए - 5×1=5
मालिक - __________ , बंदर- __________ , भतीजा- __________ , नौकर- __________ , पुत्र - __________
6. खाली स्थान को भरें -
गड़गड़ाहट , फल - सब्जियाँ , दिन , राष्ट्रपिता , चरण
क. बीरबल एक  ______________ गली से गुज़र रहे थे ।
ख. सारा जंगल तालियों की  ________________ से गूँज उठा ।
ग. हमारे पूर्वज  ______________ खाते थे ।
घ. राहुल ने मौसी के  ______________ स्पर्श किए ।
ङ. बापू को पूरा राष्ट्र  ______________ कहकर बुलाता है ।
7.सही उत्तर पर ✔️ लगाओ - 5×1=5
क. बापू को सबके लिए कुरते  चाहिए थे । [_______]
ख. मौसी ने राहुल को राजा - रानी की कहानी सुनाई । [_______]
ग. एक खिलाड़ी लड़के ने एक पत्थर फेंका । [_______]
घ. कछुए ने खरगोश को नदी पार कराई । [_______]
ङ. भाषा के चार रूप होते हैं । [_______]
8. उचित मिलान कीजिए - 5×1=5
क. देवनागरी             महात्मा गाँधी
ख. संज्ञा                     छात्रा
ग. डंडा                      हिन्दी
घ. छात्र                      सर्वनाम
ङ. मैं                          डंडे




हिन्दी , कक्षा - 3 , अंक - 80
1. गद्यांश पढ़कर नीचे के प्रश्नों का उत्तर दीजिए - 5×2=10

सुनहरी धूप खिली थी । दो नन्हे मेंढक तालाब के किनारे आँखें बंद किए , धूप का आनंद ले रहे थे । अचानक ज़ोर की आवाज़ हुई । मेंढक सहम गए ।
क. कैसी धूप खिली थी ?
ख. मेंढक किसका आनंद ले रहे थे ?
ग. दो नन्हे मेंढक तालाब के किनारे क्या बंद किए हुए थे ?
घ. कौन सहम गए ?
ङ. अचानक क्या हुई ?
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -  6×3=18
क. किरण कविता के रचयिता कौन है ?
ख. रवींद्र का मन किस कारण दुखी हो जाता था ?
ग. मेला कहाँ लगा था ?
घ. किसका जन्मदिन मनाया जा रहा था ?
ङ. " आज मेरी छुट्टी है " - किसने कहा ?
च. बूँदें कहाँ से आती है ?
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 4×3=12
क. संज्ञा किसे कहते है ?
ख. शब्दों के जिस रूप से हम जान पाते हैं कि वह शब्द पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का उसे क्या कहते है ?
ग. वचन के दो भेद होते है - नाम बताइए -
घ. कवर्ग लिखिए -
4. खाली स्थान पूर्ति करें - 5×2 =10
एक , चुटकुला , परिश्रम , स्त्रीलिंग , त्योहार
क. आज राखी का ____________ है ।
ख. चींटियों की रानी ने ____________ करना सिखाया ।
ग. रोहन ने पुस्तक में एक ____________ पढ़ रहा था ।
घ. धरती है हम सबकी - ____________।
ङ. 'लड़की' शब्द ____________ है ।
5. सही जवाब पर ✔️ पर लगाओ - 5 ×2 =10
क. सूर्य के छिपने से क्या हुआ ?
उजाला ___   अँधेरा ___    गरमी ___
ख. बूँदें किसमें भरी होती हैं ?
बादलों में ___   हवा में ____   आसमान में ____
ग. मैना और गौरैया ने क्या किया ?
खाना बनाया ____  नाच दिखाया ____  सफ़ाई की _____
घ. ढोल के पिता ने अपने लिए स्थान कहाँ चुना ?
बड़े झूले के समीप ____  विद्यालय के समीप_____     मंदिर के समीप ____
ङ. कौन बिलकुल सो नहीं पाती ?
बालिका _____   परी _____  किरण ____
6. मात्रा वाले शब्द लिखिए  -1 ×5 =5
ा - ___________ , ि - ___________ , ी - ___________
े - ___________ , ो - ___________
7. सही जवाब पर ✔️ पर लगाओ - 5 ×1 = 5
क. ढोल के पिता ने 'कोलावेरी डी' गीत गाया । [_____]
ख. इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं । [_____]
ग. तोती समझदार थी । [_____]
घ. वचन के चार भेद होते है ? [_____]
ङ. 'राम' व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं । [_____]
7. किरण कविता की पाँच पंक्तियाँ लिखिए - 1×10 = 10




हिन्दी , कक्षा - 1 , अंक - 80
2. निम्न में से किसी छ: प्रश्नों के उत्तर दीजिए -  6×3=18
क. आमवाला कितना आम लाया ?
उत्तर -
ख. चिड़िया क्या लाई ?
उत्तर -
ग. खिचड़ी कैसी बनी ?
उत्तर -
घ. विशाल ने क्या दिखाया ?
उत्तर -
ड. सीमा क्या लाई ?
उत्तर -
छ. हरा आम और कैसा आम था ?
उत्तर -
3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 4×3=12
क. भाषा किसे कहते है ?
उत्तर
ख. नाम वाले शब्दों को क्या कहते है ?
उत्तर
ग. वचन के दो प्रकार है नाम लिखिए -
उत्तर
घ. विलोम शब्द लिखिए -
छोटा - ____________ , खुला  - ____________
4. चित्र को उसके नाम से जोड़ो - 5×2=10
🥭                     चिड़िया
☂️                     शेर
🦁                 आम
🌹                 छाता
🐦                 गुलाब
5. सही जवाब पर ✔️ पर लगाओ - 5 ×2 =10
क. उड़ा कौन -
टिकट ___   हवाई जहाज ___  बस ___
ख. घर बना -
नरम - नरम ___   बढ़िया ___ कच्चा ____
ग. खिचड़ी किस - किससे बनी ?
चावल और पानी ____ चावल और दाल ____  चावल और दाल _____
घ. आमवाला लाया -
आम ___ अनार ____ सेब ____
ड. काला बादल क्या लाया -
जल लाया ____ आग लाया ____   फल लाया ____
6. आ 'ा'  मात्रा वाला पाँच शब्द लिखिए-1 ×5 =5
___________ , ___________ , ___________ , ___________ , ___________ ,
7. इ 'ि' मात्रा वाला पाँच शब्द लिखिए -1 ×5 =5
___________ , ___________ , ___________ , ___________ , ___________ ,
8. आमवाला आया कविता की 5 पंक्तियाँ  लिखिए - 1×10 = 10

1. गद्यांश पढ़कर नीचे के प्रश्नों के उत्तर दो - 5 × 2 = 10
बंदर 🐒 गरमी से परेशान था । पर क्या करता ? पानी कैसे पीता ? एक ही
तालाब था।
आज वहाँ हाथियों 🐘 का झुंड आया था । झुंड में बड़े - बड़े हाथी थे । कुछ छोटे - छोटे भी हाथी थे।
क. कौन किससे परेशान था ?
उत्तर -
ख. वहाँ कितने तालाब थे ?
उत्तर -
ग. आज वहाँ कौन आया हुआ था ?
उत्तर -
घ. झुंड में कैसे - कैसे हाथी थे ?
उत्तर -
ङ. किसका झुंड आया था - बंदर का या हाथी का ?
उत्तर -

7. आमवाला आया कविता की 5 पंक्तियाँ  लिखिए - 1×10 = 10









4.

VIDYASAGAR UNIVERSITY
MIDNAPORE - 721102
ADMIT CARD
M.A. SEMESTER-II EXAMINATION 2022
SUBJECT : HINDI
Name of the candidate : ROSHAN KUMAR JHA Sex : MALE
Son / Daughter of : SHREESIU JHA
University : VIDYASAGAR UNIVERSITY
Roll : VU/PG/21/05/01-IIS Number : 0033
Regn. No : 00368 Regn.Session : 2021-2022
USIN : 1121101954
Elective CBCS Paper : ENGLISH
LANGUAGE AND COMMUNICATIVE SKILLS(C-ENG 204 )
Signature of the Candidate
Date of Issue :06.07.2022 Controller of Examinations
-------------------------------------------------------------------------
Signature of the Candidate
Declaration by the Candidate :-
I hereby declare that I have filled up the details to the best of my knowledge and I will be solely responsible for the
information provided by me.
Important instructions for Candidates
Bubbles in the OMR sheets are to be filled in carefully with Blue / Black ball point pen only.
Any other colour ball point pen(s) except Black / Blue are strictly prohibited for filling OMR Sheet.
Do not put any strange and stray marks anywhere on the OMR sheet. Multiple marking are invalid.
Do not fold or scratch on the OMR sheet.
Please fill in & bubble your 10 digit USIN No. on the OMR sheet at Semester Exam (Mandatory).
For Old Candidate
Direction for filling Roll No. in OMR sheet: Write your Roll no. as ‘VU/PG/SUB-IVS-0888’ within the specified
box.
For New Candidate
Direction for filling Roll No. in OMR sheet: Write your Roll No. as ‘VU/PG/YEAR/SUB-CODE/STREME-CODE-
IVS-0888’ within the specified box.
The candidate needs to fill in only the Part-A of the OMR Booklet.
See reverse of OMR sheet for details of subject codes and other important instructions before filling
the OMR sheet.
Any kind of unfairmeans in the examination hall may leads to cancellation of candidature.
Writing on the OMR sheet is permitted on the specified area only.



1. निम्न में से किसी दस प्रश्नों के उत्तर दीजिए -  10×3=30
क. किरणों से कौन नहलाता है ?
ख.खुशियाँ बाँटे सारे जग को.. कविता के कवि कौन है ?
ग. बच्चों ने मिट्टी कैसे फेंकी ?
घ. नंदनवन में किस आयोजन की घोषणा हुई ?
ङ. हमारे पूर्वज कहाँ बसे हुए थे ?
च. हमारी नाव चली कविता के कवि कौन है ?
छ. राहुल दशहरे की छुट्टियों में कहाँ गया ?
ज. फलों के वृक्ष कहाँ थे ?
झ. माँ उदय को किसके बारे में बता रही हैं ?
ञ. बापू अपना परिवार किसे मानते थे ?
ट. दिन और रात्रि को किस बात की चिंता थी ?
ठ. बीरबल ने कहाँ से कहाँ तक का रास्ता बनवाया ?

2. किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर दो - 2×5=10

क. संज्ञा किसे कहते है ? संज्ञा को कितने भागों में बाँटा गया है उनके नाम लिखो -
ख. लिंग किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते है उनके नाम लिखिए -
ग. वचन किसे कहते हैं ? ये कितने प्रकार के होते है उनके नाम लिखिए -
मेला कहाँ
2. खाली स्थान पूर्ति करें - 5×2 =10
एक , चुटकुला , परिश्रम , स्त्रीलिंग , त्योहार
क. आज राखी का ____________ है ।
ख. चींटियों की रानी ने ____________ करना सिखाया ।
ग. रोहन ने पुस्तक में एक ____________ पढ़ रहा था ।
घ. धरती है हम सबकी - ____________।
ड. 'लड़की' शब्द ____________ है ।

3. सही जवाब पर ✔️ पर लगाओ - 5 ×2 =10
क. सूर्य के छिपने से क्या हुआ ?
उजाला ___   अँधेरा ___    गरमी ___
ख. बूँदें किसमें भरी होती हैं ?
बादलों में ___   हवा में ____   आसमान में ____
ग. मैना और गौरैया ने क्या किया ?
खाना बनाया ____  नाच दिखाया ____  सफ़ाई की _____
घ. ढोल के पिता ने अपने लिए स्थान कहाँ चुना ?
बड़े झूले के समीप ____  विद्यालय के समीप_____     मंदिर के समीप ____
ड. कौन बिलकुल सो नहीं पाती ?
बालिका _____   परी _____  किरण ____

4. मात्रा वाले शब्द लिखिए  -1 ×5 =5
ा - ___________ , ि - ___________ , ी - ___________
े - ___________ , ो - ___________
5. सही जवाब पर ✔️ पर लगाओ - 5 ×1 = 5
क. ढोल के पिता ने 'कोलावेरी डी' गीत गाया । [_____]
ख. इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं । [_____]
ग. तोती समझदार थी । [_____]
घ. वचन के चार भेद होते है ? [_____]
ड. 'राम' व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं । [_____]

7. खुशियाँ बाँटे सारे जग को ... या हमारी नाव चली कविता लिखिए - 1×10 = 10


VIDYASAGAR UNIVERSITY
MIDNAPORE - 721102
ADMIT CARD
M.A. SEMESTER-II EXAMINATION 2022
SUBJECT : HINDI
Name of the candidate : ROSHAN KUMAR JHA Sex : MALE
Son / Daughter of : SHREESIU JHA
University : VIDYASAGAR UNIVERSITY
Roll : VU/PG/21/05/01-IIS Number : 0033
Regn. No : 00368 Regn.Session : 2021-2022
USIN : 1121101954
Elective CBCS Paper : ENGLISH
LANGUAGE AND COMMUNICATIVE SKILLS(C-ENG 204 )
Signature of the Candidate
Date of Issue :06.07.2022 Controller of Examinations
-------------------------------------------------------------------------
Signature of the Candidate
Declaration by the Candidate :-
I hereby declare that I have filled up the details to the best of my knowledge and I will be solely responsible for the
information provided by me.
Important instructions for Candidates
Bubbles in the OMR sheets are to be filled in carefully with Blue / Black ball point pen o

#संपादकीय
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/2250769185099973/?sfnsn=wiwspwa&ref=share

https://drive.google.com/file/d/1Zb-BW79MLjQycy82QVwX5VWod1Dwetmj/view?usp=drivesdk

https://www.facebook.com/groups/820559168735062/permalink/1194987441292231/

किसी कार्यक्रम का होता जब इतना प्रचार-प्रसार
समाचार प्रकाशित होता जब प्रायः हर अखबार
उसे पत्रिका के जरिए संग्रहित करना उत्तम विचार
छापने व छपवाने वालों को भी मिलती खुशी अपार

सतयुग, द्वापर युग से ही हम साहित्य, कला का अद्भुत संगम देखते,सुनते,पढ़ते आ रहे है। कबीर, तुलसीदास, मुंशी प्रेमचंद  महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, नीरज जैसे कई बडे साहित्यकारों की लंबी फेहरिस्त है समयकालनुसार अनेकानेक साहित्यिक संस्थाओं, साहित्यिक गुरूओं ने अनगिनत साहित्यकार देश को दिए उसका हम सभी को अभिमान! आज के दौर की लोकप्रिय लब्धप्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था साहित्य संगम संस्थान का महाकाव्यमेघ वार्षिकोत्सव जबलपुर अविस्मरणीय बन गया है । इतना विशाल कार्यक्रम 200 से अधिक पुस्तकों का विमोचन, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, मानद उपाधि, साहित्य सम्मान, काव्य पाठ और फिर कार्यक्रम का इतना समाचार प्रकाशित किया गया है कि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष आ. राजवीर सिंह मंत्र जी के मन में समाचारों को लेकर संग्रहित करने का विचार आया और यह पत्रिका बनाने का सौभाग्य मुझे मिला, पत्रिका बनाते हुए मुझे अत्यन्त हर्ष की अनुभूति हो रही है व यह हम सभी के लिए गौरवान्वित होने की बात है।
समाचार प्रकाशित कराने वाले सभी महानुभावों को बहुत-बहुत बधाई देती हूँ। आप सभी ने इतने समाचार प्रकाशित किया, कराया जिससे आज यह पत्रिका बनाने की योजना बनी, आप सभी के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करती हूँ।आप सभी साहित्य के क्षेत्र में अपना नाम रोशन करे इन्हीं दुआओं, शुभकामनाओं के साथ हार्दिक बधाई देती हूँ।

समाचारों को संकलित कर पत्रिका के रूप में संग्रहित कर मुझे हार्दिक प्रसन्न्ता हुई है। नया कुछ सीखने का नया अनुभव अपने आप में ही हर्ष व गर्व की अनुभूति हो रही है। संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय राजवीर सिंह मंत्र का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने मुझे यह दायित्व देकर कुछ अच्छा सीखने के लिए प्रेरित किया सादर नमन करती हूँ आपको आदरणीय 🙏

कलावती कर्वा "षोडशकला"

https://drive.google.com/file/d/1Zb-BW79MLjQycy82QVwX5VWod1Dwetmj/view?usp=drivesdk

बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। जब सबने मिलकर जोर लगाया तो सौ से ऊपर समाचार प्रकाशित हुए। समाचार छपते हैं, कोई पढ़ता है कोई नहीं पढ़ता है और वे बासी हो जाते हैं। पर पुस्तक कभी बासी नहीं होती, उसे जब-जब पढ़ा जाता है कुछ नया ही सीखने को मिलता है। इस महाकाव्यमेध वार्षिकोत्सव में न जाने कितने लोगों को नई ऊर्जा और नया जीवन मिला होगा। जिसके समाचार उन पलों की याद दिला जाएंगे। इन्हें पुस्तकाकार कर देने से इसे साहित्य संगम संस्थान ई पुस्तकालय में जाकर जब-जब पढ़ा जाएगा उद्विग्न मन को शांति और सुकून मिलेगा। सर्वाधिक समाचार छपवाने के लिए डॉ राजेश पुरोहित जी को व जिन्होंने एक-दो भी समाचार प्रकाशित कराएं उन सभी साहित्यमित्र-पत्रकारों का कोटिश: आभार। इस पुस्तक को बनाने के लिए स्वत: आगे आने वाली बडी बहन डॉ कलावती करवा दीदी व सहयोगियों का हृदयतल से आभार। विमोचन करने वाले डॉ रतन कुमार शर्मा रत्न जी का अभिनंदनम्। इस पोस्ट के साथ पुस्तक का लिंक भी दे रहा हूँ, जिससे कोई यदि पूरी पुस्तक एक बार में देखना चाहे तो खोलकर देख सकता है। यह संसार की पहली और अनूठी पुस्तक होगी जिसमें सिर्फ समाचार छपे हैं।😀🙏

https://www.facebook.com/groups/820559168735062/permalink/1194987441292231/

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मेरी जीवन में बड़ी हलचल है ,
हलचल में भी तू पल - पल है ।।
पल - पल से भी लगता मुझे डर है ,
डर तो इसकी मंहगाई की खबर है ।।

अब न इंतजार हमें अच्छे दिन की है ,
राह तो देख रहा हूँ मौत की ,
जीना अब न मुमकिन है ।।
मेरी जीवन में बड़ी हलचल है ,
कोई तो बताओ कहाँ मेरा घर है ।।

घर तो है पर घर कैसे जाऊँ ,
जिस पिता ने पढ़ाएं उन्हें क्या बताऊँ ।।
नहीं मैं अनपढ़ , पढ़कर भी न नौकरी ,
नीरस जीवन भी होती कितनी बड़ी ।।
मेरी जीवन में बड़ी हलचल है ,
हलचल में भी अब न वह बल है ।।

19/06/2022 ,
PNR 6831999134 Cancelled,Refunded amount:155 Indian Railway

18/06/2022, शनिवार
राहुल बैग सब लेकर आया संतोष साड़ी फैक्टरी से  , कविता

URGENT NOTICE
    All the students are hereby notified that the school will remain closed on Monday, 20 June 2022 in view of safety concerns during transportation.

    The situation will be reviewed again on Monday & will be notified thereafter. However, the school office will remain open.

BOMIS ROSERA

https://bomisrosera.blogspot.com/2022/06/school-will-remain-closed-on-monday-20.html

https://wbbse.wb.gov.in/Web/PdfViewer?l=MTI4

17/06/2022 , शुक्रवार
आये विद्यासागर विश्वविद्यालय श्रीकांत सर का क्लास रहा विरेचन पढ़ाएं
05:43 घर से निकले 06:35 लोकल से संतरागाछी वहां से 12885 - Aranyak Express सोकर आये बस 6 जन रहा क्लास में
12:39 निकले पैदल आये 13:00 लोकल पकड़े , श्रीकांत सर पूछे नौकरी करते हो बोले हाँ समस्तीपुर में पढ़ाते है ।

फेसबुक पर सारा पोस्ट किये
कल Blogger पर पोस्ट किये
कल पूजा गई रही मीरपाड़ा राजू चाचा बेटी भी

Good Afternoon sir
Mera Kal tak exam hai ,
Hmm Friday ko morning 5 bja
School pahuch  jayangee
7033220052

M.A 2 nd Semester Exam  today , Paper - 202

PNR:6503898088,TRN:13186,DOJ:02-06-22,2S,MBI-BDC,QR CODE URL: http://qr.indianrail.gov.in/q/C503NYP8 Indian Railway
PNR:6205107058,TRN:13021,DOJ:23-06-22,SCH DEP:15:45,2S,HWH-SPJ,ROSHAN KUMAR JHA,D3 70 ,Fare:180 Indian Railway
PNR:6205107058,TRN:13021,DOJ:23-06-22,2S,HWH-SPJ,QR CODE URL: http://qr.indianrail.gov.in/q/C204VVBJ Indian Railway
Bank Name PNB
Account Number 0300001700035401
IFSC Code PUNB0030000
Roshan kumar jha
Dear Customer,The Balance for account Account Number XXXXXXXXXXXXX401 : INR 7207.0,. SMS PNB PROD to 5607040 for detailed product list.UPDATE YOUR EMAILΛID IN ACCOUNTΛ

[29/06, 05:52] Roshan Kumar Jha: Good morning babu
[29/06, 06:52] Puja 😘😘😘: No babu

[29/06, 06:52] Puja 😘😘😘: Or hamko aapse koi Baat nhi krni h
[29/06, 06:53] Puja 😘😘😘: Bye
[29/06, 06:55] Roshan Kumar Jha: sorry jaan
[29/06, 07:01] Puja 😘😘😘: Nhi Sunna h tumhara koi sorry
[30/06, 09:01] Puja 😘😘😘: .
[30/06, 09:17] Roshan Kumar Jha: Good morning babu
[30/06, 09:29] Puja 😘😘😘: Hamse ab Kabhi baat nhi hoga
[30/06, 09:29] Puja 😘😘😘: Only kaam se kaam mtlab rakho
[30/06, 09:29] Roshan Kumar Jha: Ok
[30/06, 09:29] Puja 😘😘😘: Jarurat parega mujhe to hi yaha se call jayega
[30/06, 09:29] Puja 😘😘😘: Maa ke beta ho to wahi jao
[30/06, 09:29] Roshan Kumar Jha: Thik hai
[30/06, 09:30] Roshan Kumar Jha: Tumhara hai
[30/06, 09:30] Puja 😘😘😘: Mere pass aana h to EK hi Rasta h ab
[30/06, 09:30] Puja 😘😘😘: Ya to maa Ko chuno ya hame
[30/06, 09:30] Puja 😘😘😘: Kiske sath rehna h ab
[30/06, 09:45] Puja 😘😘😘: Shadi Ke baad husband ka pahla fraz hota h biwi Ki jarurat ko pura kare
[30/06, 09:45] Puja 😘😘😘: Lekin tum hamesha Mera or bachha kasam jhutha khaya h
[30/06, 09:46] Puja 😘😘😘: Hamesha hamse jhut bola h , tumhara  life नही बर्बाद हुआ मेरा हुआ है तुमसे शादी करके
[30/06, 09:47] Puja 😘😘😘: कौन सा मेरा आज तक जरूरत पूरा किया ही
[30/06, 09:48] Puja 😘😘😘: तुम कभी नही पहचान सकता है ,तुमको तो वो लड़की मिलना चाहिए था जो तुम्हारा खूब पैसा उड़ाए ,गलती से भगवान मेरे साथ नसीब जोड़ दिया
[30/06, 09:49] Puja 😘😘😘: अभी तक आपका पैसा 1000रखा ही है , अच्छे लोगो की कदर नही है तुमको कभी मेरा दर्द नही समझ सकता है तुम
[30/06, 09:50] Puja 😘😘😘: तुम्हारा दिया हुआ हर चीज रखा है दलमोथ लाया था ना वैसे ही रखा ह
[30/06, 09:51] Puja 😘😘😘: मेरा बाप जैसा रखता था वैसे तुम कभी मुझे नही रख सकता है ,अरे  तुम तो मुझे खुश भी नही रखने का कभी कोशिश नही किया ह
[30/06, 09:51] Puja 😘😘😘: छी रौशन
[30/06, 09:53] Puja 😘😘😘: याद करना जाते वक्त बच्चा का कसम खा कर गया था की कभी हमको गाली नही देगा कसम टूटा और तुम दिया
[30/06, 09:54] Puja 😘😘😘: समय मिले तो एक बार खुद में झाक कर देखना की कितना गलत इंसान हो तुम और तुम्हारे साथ कितना दम घुट कर रह रहे है
[30/06, 09:57] Puja 😘😘😘: दूसरी लड़की रहती तो बहुत पहले ही मां से रिश्ता तोड़वा देती पर हम ऐसा नही किए , तुमको खुद समझना चाहिए
[30/06, 09:58] Puja 😘😘😘: मां जरूरी है ना तो आज से मां तुम्हारे साथ रहेगी हम नही रहेंगे
[30/06, 09:59] Puja 😘😘😘: शादी किया ह ना तो निभाओ जरूरत होगा तो कॉल जायेगा अब , दिल से अब कभी प्यार नही करेंगे तुमको
[30/06, 10:00] Puja 😘😘😘: Kal चाची की बेटी के सामने गाली दिया और रुला दिया क्या सोची होगी
[30/06, 10:00] Puja 😘😘😘: छी
[30/06, 10:00] Puja 😘😘😘: नफरत होता है अब तुमसे
[30/06, 10:00] Puja 😘😘😘: Tum hi raho Khush हमेशा
[30/06, 10:02] Puja 😘😘😘: सब कुछ छोड़ के आए तुम्हारे पास और तुम मां को impotant देता है ,और मेरा क्या कुछ नहीं
[30/06, 10:02] Puja 😘😘😘: Raat me ham Bhi bahut kuchh soch liye Roshan Ji
[30/06, 10:03] Puja 😘😘😘: पूरा मैसेज जरूर पढ़ना अपना टाइम निकाल कर
[30/06, 10:03] Puja 😘😘😘: Good bye

कविता :- 20(44)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅
उपकार हो जाएं ...

लोग सोचते है मेरी हार हो जाएं ,
मैं सोचता हूँ , हमसे उनका
उपकार हो जाएं ।।
मुसीबत का वक्त भी पार हो जाएं ,
और न इसी साल हो जाएं ।।

हार सहने के लिए हम तैयार हो जाएं ,
कभी सोचें ही नहीं हमें
किसी से प्यार हो जाएं ।।
दिल की पूजा पाठ भी हुई
बस एक जैसा व्यवहार हो जाएं ,
साथ निभा दूँ वैसा मेरा अख़्तियार हो जाएं ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(44)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
01/07/2021 , गुरुवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 52
Sahitya Ek Nazar
01 July 2021 ,  Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

शीर्षककविता:-7(002)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(002)
तु ही करेंगा अंत प्रभु!!

हे सुख के सागर जग का राम,
तुझे नही अपनाकर घुमे स्त्री संग
मोह-माया की धाम!
बचपना खेल-खेलकर बाकी मोह-माया
से जिन्दगी बीता,
अब याद आया तेरा रे राम,क्योंकि अब
जलने वाला है मेरा चिता!
प्रभु कैसे करोगे मेरा माफ,
तुही अँधेरा से मार्ग रोशन किया तु नही
हम माया की जाल में आकर बदल लिए
अपना हाल जैसे की सॉप!
एक बार भी किये नही प्रभु भक्ति तेरा,
तुही अब पार करेंगा यह अन्तिम
जिन्दगी की अँधेरा!
खुशी-खुशी वक्त गँवा दिये स्त्री भाई पुत्र
के साथ,
प्रभु तेरा अाराधना के लिए कहॉ गये
गंगा यमुना ब्रहमपुत्र घाट!
मोह-माया हास-विलास से जिन्दगी
बीताये प्रभु अब तुही करेंगा अंत,
ब्रहमचर्य का व्रत टुट गया अब कैसे
बनुँ साधु संत!
गये कहॉ मन मन्दिर घुमे पत्नी के साथ
शहर बाजार,
हे कूपानिधान प्रभु राम अब तुही करेंगा
पापी रोशन का उदार!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 रविवार 10:05
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Eastern Railways Scouts Bamangachi

शीर्षकPoem:-6(214)Eng,विषय सामग्री:English Poem Roshan Kumar jha
6(214)Saturday 18:45(30 June 2018)
Life is not last.

Life don't last,
any step life so running to very fast.
I see so understand,
don't  sand make to life Greenland.
so went to world,
life is rain,hot and cold.
give me love and sunlight route,
Life is fruit.
Life is smile and long,
Successful is life,s song.
come here my dear brother and
friends,
safe life is my message so
Place of sends.

०Roshan kumar jha
Surendranath evening college
kolkata india
Mob:-6290640716 saturday 18:45
30 th June 2018
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Pmkvy Liluah Howrah 1283f
Electrician
Donbosco spoken English
Mirpara Bhataonagar
Salkia vikram vidyalaya(Main)
Shree hanuman jute mill hindi
high school Ghusuri
Shree nehru shiksha sadan
Tikiapara
Rajkia madhya vidyalaya nalhi
Madhubani Bihar
Rajkia pratamik vidyalaya Jhonjhee
Madhubani Bihar India

शीर्षककविता:-7(001)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(001)
आई नव महीना जुलाई!?

आई नव महीना जुलाई,
सुनो बहन और भाई!
बीती जुन,
हार नही क्या हासील किया गुण!
प्राय का नही विश्व प्रेम के लिए बहा दो
अपना खुन,
मेरे बात को बड़े घोर ध्यान से सुन!
क्या पाया क्या खोया,
जागकर कुछ हासील किया या सोया!
जो हुँआ छोड़ वह सब,
जो करना है वह कर अब!
हँसते-मुस्कुराते आयी शुभ प्रभात,
छोड़ो बीती हुई बात व गुजरी हुई दिन-रात!
आज दिन रवि,पुर्व दिशा से चमक उठे
विश्व महराज रवि,
नव महीना की शुभकामना दे रहा हुँ
खुशी-खुशी रहीयेंगा आप सभी!
मार्ग रोशन दुर कीजीए अँधेरा,
मै नही कहता कहता आज की सोन्दर्य
भरी सबेरा!
बस कह रहा हुँ इतना,
हार से घबड़ाना नही उस हार को जीतना!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 रविवार09:10
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Pmkvy, Liluah Howrah 1283f
Electrician
Roshan kumar jha
Surendranath evening college
kolkata india
सलकिया विक्रम विधालय मेन

शीर्षककविता:-6(215)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(215)
तुम्हारा वर्षगाठ हो शुभ!?

तुम्हारा वर्षगाठ हो शुभ,
हँसते -मुस्कुराते रहना खुब!
खुशी का दिन हो हजार,
तुम्हे जाने पुरा शहर और बाजार!
वर्षा हो या तुफान,
हमेशा रखना होठो पर मुस्कान!
राह रोशन करना करना नही अँधेरा,
स्वाभिमान की भावना रखना कभी लाना
नही शब्द तेरा और मेरा!
रहोगे प्रसन्न,
हँसना-मुस्कुराना है बहुत बड़ा धन!
नेहा रास भरी वर्षगाठ,
मै क्या दुनिया है तेरे साथ!
नकामी बदनामी से रहना दुर,
हे मेरे मित्र तुम कॉटे नही तुम हो फुल!
तो फैलाओ सुगंधता,
अपने सफलता की कदम व अपना
सोन्दर्य रूप को मत घटा!
मत खोना वही है तेरा असलीयत क्षुंगार,
हे मेरे मित्र तेरे वर्षगाठ के साल हो हजार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार 19:15
30-06-2018
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Pmkvy Liluah Howrah1283f
Electrician
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Chandan institute
(C.Road. Bamangachi)
सलकिया विक्रम विधालय मेन

शीर्षककविता:6(213)1हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(213)1
आज हो गई अंत!?

यही महीना बीती साल नेहा भरी रास की
कर रहा हुँ अंत,
अब हमेशा होठो पर मुस्कान रखना है
क्योंकि अब आयी मेरे अविरान बगिया
में बसंत!
मार्ग रोशन हुआ पहने कई वर्दी अगला
वर्ष ही पहनाये ड्रेस,
ट्रेन भरी यह जिन्दगी है एक तरफा रिश्ता
निभाना वश की बात नही कर रहा हुँ फ्रेश!
सैनिक कवि शिक्षक विधार्थी प्रियतम
मानी आज कर दी गाली ग्लोज,
आज हमे ऐहसास हुँआ अपनी काम की
तलाश में करती रही खोज!
पुजा अाराघना हर मुसीबत में दिये साथ,
मुँह पर मीठी-मीठी बात पीठ पीछे की
अणु बम की तरह अघात!
बनायी पागल गँवार जलायी मेरा पवित्र दिल,
मर जाऊँ पर ऐसा वक्त नही आये कि जाऊँ
तुमसे मिल!
धर्म कर्म वचन ले रहा हुँ तनु वक्ष स्थल से,
शक्ल क्या अधर्म नाम भी नही लिया
करूँगा कल से!
सफल-ए-राह में पुथ्वी अरुण राहूल ग्रह
राज्य का राजन से सामना करते रहे,
क्या बताऊँ दुनिया को हर वक्त तो हम
तेरे लिए दुख द्रर्द ही सहे!
०रोशन कुमार झा (मो:-6290640716)
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
17:05शनिवार30-06-2018
Ncc, pmkvy ,E Rly Scouts
Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager Howrah
पुष्ठ1

शीर्षककविता-6(213)2हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(213)2
पुष्ठ:-2

आशा लगाकर रखे जिस फुल पर अविरान
बाग के भोरा रस चुँस कर चले गये
जल गया मेरा खुशिया का अरमान,

क्या कहुँ हुँ अकेला मार्ग हुँआ रोशन हुँ
प्रसन्न क्योंकि कम से कम मिला तो
सफलता की लिखित प्रमाण!

भला बुरा आज मै भी कहा जुन में ही
बना गुण,रिश्ता का करना था अंत,
वर्षा पतझड़ बीती अब आयी मेरे बगिया
में नव बसंत!
अब जाना है दुर
फुल कहॉ वह तो थी बालु व धुल!
तब पर भी बीता दिये कई साल
न्योयछावर कर दिये थे हर एक क्षुंगार!
फिर भी मेरे प्यार को कहॉ पहचानी
हर वक्त फुसला-फुसला कर पहुँचाती
रही हानी!
आज हो गई रिश्ता खत्म अपनाऊँगा
नही कभी
गलत किये या सही हमे मालुम नही
बतला दीजीए आप सभी!
अब इस जमाने में चॉह कर भी रिश्ता
जोड़ना है नही
पवित्र भारत मॉ की संतान हुँ अकेला हुँ
मॉ की गोद में हँसते-मुस्कुराते जिन्दगी
गुजार लुँगा सही!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार17:05
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no :-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance

शीर्षककविता:-6(212)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(212)
अरमान बढा जब मिला प्रमाण!?

मार्ग रोशन हुँआ तनु वक्ष स्थल नेहा भरी
रास से बढते रहा अरमान,
वर्षा ऑधी तुफान के बावजुद भी मिलते
रहा लिखित प्रमाण,
होठ पर मुस्कान रखकर निकले घर से
बाजार,
राज्य का राजन अरुण, राहुल मंगल ग्रह से
सामना करते रहे लोग मिलते रहे हजार!
भले मै फुल हुँ हिन्दुस्तान बिहार स्थित
मधुबनी के लेकिन जो भी हासील किया हुँ
वह बंगाल कलकता के हावड़ा से!
प्रमाण-पत्र मिलते रहा है पैसो से नही
सैनिक शिक्षक विधार्थी सरकार और
अपनी कला से!
हिन्दी अंग्रेजी,मैथली भोजपुरी भाषा
सीखकर रखा हुँ बंगाली,
अविरान बाग हो झुण्ड में नही अकेले
देखना है दुनिया सारी!
अभी बस नेपाल गुहावाती सालबनी गया
लिलुआ बामनगाछी व मेटियाब्रुज,
दुख द्रर्द तो मिला लेकिन भटके हुए राह
गया सुझ!
वर्ष महीना दिन प्रतिदिन मिलते रहा
लिखित हुई प्रमाण,
सफलता की थाली सँजते गया बढ़ते
रहा अरमान!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार12:05
30-06-2018 Ncc camp m b cerfct
पवन गये! Pmkvy E.Rly sct
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam kolkata-B Reg no- WB17SDA112047

शीर्षककविता:-6(211)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(211)
भुल जाओ वह बाते!?

टुटे हुए रिश्ता,सुखा हुँआ फुल,
कल अविरान बाग में आज उस पर
लगे है धुल!
किस नदी,संमदर मे धोऔगे,
पवितत्रा नही आयेगी कब तक बीती हुई
बातो पर रोऔगे!
बेहतर होगा टुटे हुए रिश्ते को भुल जाओ,
पास आने पर भी दुर जाओ,अब उसे
मत चॉहो!
दोनो को समझो बराबर,
क्योंकि आज नही उसमें सोन्दर्यता थी कल!
खो बैठी नेहा भरी रास,
निर्मल तनु वक्ष-स्थल से जन-जन को
बनायी खास!
है अटल-अचल पर्वत सोन्दर्य नदी
की कमल,
छोड़ उसे जो है अब उसी के साथ चल!
वर्षा पतझड़ भरी बंसत,
रिश्ता कहॉ तक निभाओगे कहॉ है
इसका अंत!
बेहतर होगा भुल जाओ,
द्रर्द होगा पर दिल धड़कन को समझाओ!
मत चिंता में डुबो मार्ग करो रोशन जो करके
गयी अँधेरा,
होठ पर मुस्कान भरो किसकी याद कर
रहे हो जिसका रहने का खुद नही था
घर और डेरा!
पक्षी बनो,नीले आसमान में उड़ो,
जो छुट गयी सो छुट गयी उसे
तन मन से भुलो!
टुटे हुए फुल व पेड़ पर बगिया कब रोया,
एक को खोया दुसरे को बोया बगिया कब
सोया!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
30-06-2018 शनिवार 06:40
मो:-6290640716
Ncc, pmkvy,E.Rly, Scouts
St john Ambulance

[04/07, 05:39] Preeti college: Sir aj parents techer meeting hai na
[04/07, 05:53] Sanjay Sir VU: हां
[04/07, 05:58] Preeti college: Ok sir
[04/07, 17:35] Puja 😘😘😘: Nhi Diya paisa Aaj bhi
[04/07, 17:36] Puja 😘😘😘: Bola h 7 ko niche wali didi usko paisa degi
[04/07, 17:36] Puja 😘😘😘: Tab 7 ko le jana
[04/07, 17:36] Puja 😘😘😘: Bye
[04/07, 18:14] Roshan Kumar Jha: Bth karte hai
[04/07, 18:14] Roshan Kumar Jha: Call karo
[04/07, 18:14] Roshan Kumar Jha: Please
[04/07, 18:30] Puja 😘😘😘: Kabhi nhi ho Sakta h ab
[04/07, 18:30] Puja 😘😘😘: Ham APNA krte h
[04/07, 18:30] Puja 😘😘😘: Aap apna frz pura kro
[04/07, 18:30] Puja 😘😘😘: Par Meri awaj nhi sun sakte ho ab
[04/07, 18:30] Puja 😘😘😘: Kasam Kal hi Kha liye the
[04/07, 18:30] Roshan Kumar Jha: sorry
[04/07, 18:31] Roshan Kumar Jha: plese
[04/07, 18:31] Roshan Kumar Jha: man jawo
[04/07, 18:31] Puja 😘😘😘: Bhai Aaya tha aaka
[04/07, 18:31] Puja 😘😘😘: Raha 3 ghanata
[04/07, 18:31] Puja 😘😘😘: Khana khila diye
[04/07, 18:31] Puja 😘😘😘: Anda roti
[04/07, 18:32] Puja 😘😘😘: Bye
[04/07, 18:32] Roshan Kumar Jha: ohh
[04/07, 21:06] Roshan Kumar Jha: Mera mara muh dakhegi
[04/07, 21:06] Roshan Kumar Jha: Phone karoo
[04/07, 21:06] Roshan Kumar Jha: Please

03/07/2022 , रविवार
सपना देखें माँ पीसा शिवकांत झा फोन किया , बात किये

9064065030 , 8016408083
Zillapublicschool2006@gmail.com









साहित्य एक नज़र, कोलकाता , अंक - 459 , कविता - 24(49) , फेसबुक - 1 , शुक्रवार , 12/08/2022



साहित्य एक नज़र, कोलकाता , अंक - 459 , कविता - 24(49) , फेसबुक - 1 , शुक्रवार , 12/08/2022



शीर्षककविता:-7(009)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(009)
देश के रक्षक तीन भाई,!?

हिन्दुस्तान की सोन्दर्यता की प्रतिक
जल,थल,वायु सेना तीनो भाई है,
अपनो के लिए चंदन दुश्मनो के
लिए कसाई है!
जय क्ष्री राम,जय हिन्द इनके नारा है,
सुरक्षा के लिए इनके पास अणु-परमाणु बम
प्वांइट 22 रायफल,7.62 LMG,SLR ,
ब्रहामोज और भी कई शस्त्र व भाला है!
सुबह में पीटी फिर करने को ड्रिलर है,
तीनो भाईयो को दुश्मनो के सामने वीरता
दिखाने के लिए सवोच्चतम पुरूस्कार चक्र
परमवीर है!
हर एक का मार्ग रोशन देश की मान सम्मान
इनके हाथो में है,
क्या कहुँ दम तो इनके वर्ड़ आफ कंमाड
और हर एक बातो में है!
देश सेवा के लिए तैरकर,उडकर दोड़कर
चलते है!
मारने या वीरगती पाने की भावना रखकर
दुश्मनो से सीना तान कर लड़ते है!
पहनने के लिए जुता डी.एम.एस तीनो
भाई के अलग- अलग वर्दी है,
रहने के बाद भी कहॉ इनके लिए होली ईद दिवाली गर्मी या शरदी है!
मंगल हो या शनि हर दिन सेविंग करते है,
कब घर परिवार समाज से दुर हो जायेंगे
क्योंकि हर दिन युध्द के मैदान में चलते है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत मो:-6290640716
06-07-2018,शुक्रवार 00:05
Ncc

शीर्षककविता:-7(007)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(007
गुरु की स्थान!

गुरु की स्थान,
और कोई नही ले सकता गुरु ही दुनिया
दिखाये वही बनाये नई पहचान!
मार्ग हुए रोशन जब मिले गुरु,
नकामी की अंत ग्यानता की होने लगी
वही से शुरु!
ऑखे खुली जिसमें पडी थी आग्यानता
की धुल,
गुरु की महिमा पाते ही सारे मोह-माया
गये भुल!
जला दिये ग्यान रूपी प्रेम की ऑच,
वही बतलाये जिस संयोग से यह शरीर
बना है वह तत्व है पॉच!
बोले कर मधुर कर्म व्यवहार,
गुरु पिता गुरु मित्र गुरु ही है मेरा असली
क्षुंगार!
जिसे पाने में लगे कई साल,
दिन दोगुना रात चार गुना बढ़े गुरु की
महिमा है अपरम पार!
कैसे वर्णन करूँ लग रहा है शर्म,
धर्म जात-पात नही बतलाये करने को कर्म!
वही दिखाते जहान,
गुरु के आर्शीवाद से ही जो भी बना है बना है महान!
अँधेरा में जलना सीखाये,
मंजिल पर भले हम चढ़े मगर राह गुरु ही
दिखाये!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
05-07-2018वुहस्पतिवार00:01
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc, pmkvy, E.Rly. Scouts, st john Ambulance Howrah Narasinha dutt college
Chandan institute
Roshan kumar jha
Surendranath Evening College

शीर्षककविता:-7(008)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(008)
जन्म-मरण है चक्र!?

जन्म-मरण है चक्र,
यह नही होता होता नही फर्क!
जन्म लिए हो तो मौत है निश्चत,
चॉहे हम हो या कोई भी मधुर कर्म वचन
बना लो मेरे मित्र!
वरना आये थे खाली जाना भी है हाथ
करके खाली,
नही विश्वास है तो देख लो फुल की डाली,
कल जो फुल था उसे तोड़कर ले गया माली,
नश्वरता की प्रतिक है यह दुनिया सारी!
आज जो है कली वही कल सुर्य के रोशन में
खिलकर बनेंगे फुल,
कल माली भी आज के कली को तोड़ने
के लिए हो जायेंगे मजबुर!
मौत की जंजाल व यमराज की डण्टा से
कहॉ बचे रावण महिषासुर,
सब कुछ जानने के बाद भी मोह-माया में
लिप्त हुँ कोन होगा मेरा जैसा धुर्र!
प्रभु तुम्हारे सिवा कोन करेंगा नकामी
रोशन का दुख का हरण,
जन-जन को कहता हुँ जन्म-मरण की
बंधन से मुक्ति पाना है तो पकड़ लो खुदा
मसीहा प्रभु क्ष्री राम का चरण!
स्वर्ग-नरक,जन्म-मरण की बंधन है चक्र,
कर्म कर पुण्य-पाप का अभी नही मरने
के बाद पता चलेगा फर्क!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
05-07-2018 गुरूवार 09:55
मो:-6290640716
Ncc,E.Rly.Scouts,Pmkvy, st john
Ambulance Howrah (N.D.College)

शीर्षककविता-6(199)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(199)
तय करो अपना रास्ता!?

जो छुट गया सो छुट गया अब देखो अपना
रास्ता,
क्या नेहा,क्या नफरत किस पर रखुँ आस्ता!
जहॉ मिला धोखा,वही पर मिला मोका,
रिश्ता टुटना ही था हम तो नही पर
वह कहॉ रोका!
वर्षा आयी गयी पतझड़ आयी नव बसंत,
सुर्य की रोशन,चॉदनी रात में ही रिश्ता
टुटी उसी पल को मै समझा था अंत!
छोड़ो निर्णय करो अपना रास्ता,
जाने दो अब,
ये दुनिया ही स्वार्थी है मुसीबत में तो सबके
सब खुशहाली मे याद करते ही कब!
सँघर्ष की राह पर जिससे हम जो गया
हम से रूक,
जिससे रूके हम वह आगे, जो हमसे रूके
वह पीछे कहॉ मुलाकात हुआ दोबारा
यही तो है दुख!
छुटने से पहले ही माने थे खाश,
जो छुट गये से रूक गये हम नही गये
किसी के पास!
लोग अभी भी करते है मेरा तलाश!
अविरान बाग हो या निर्जन वन,
साथ छोड़ दिये सबके सब दुख है पर मै
अभी भी हुँ प्रसन्न!
मै नही लिए किसी का ज्यादा सहारा मै खुद
राह बनाये हटाकर कॉटे और घास,
राज्य का राजन तो बने अभिमान से नही
बनकर दास!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
23-06-2018 शनिवार 10:10
मो:-6290640716
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शीर्षककविता;-3(100)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 3(100)
प्यार की मार्ग!?

प्यार में सुगंध हो,
सुगंध से यदि चंदन हो,
चंदन की खुशबु से प्यार निभाने की दम हो!
जो नही निभाये उसे दण्ड हो,
दण्ड से उसके ऑखे बंद हो,
बंद ऑखो से उसके जीवन की गती मंद हो!
प्यार में यही नीती हो,
नीती से यदि कोई प्यार जीती  हो,
जीती हो मगर प्यार की रास मीठी हो!
मीठी रस से नेहा भरी रिश्ता निभाने की दम हो,
दम में यदि हम हो,
वर्षा ऑधी तूफान में भी किसी का प्यार
नही कम हो!
मेरा रोशन मार्ग में होठो पर मुस्कान हो,
मुस्कान से प्राकुति की मुस्कुराहत हो,
मुस्कुराहत से हमे अपने प्यार निभाने की
चाहत हो!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
08-02-2018 गुरूवार 22:45
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Narasinha dutt college St john Ambulance Howrah
Pmkvy Electrician 1283f
Chandan institute
Surendranath evening college kolkata india

शीर्षककविता:-3(049)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 3(049)
बुझ रही प्रेम के दिये!?

जलते प्रेम के दो दीये है,
अंधकार में नही उज्जवलता में ही उसे लिये है!
उसकी सिन्दुर करीब है,
मै मॉग नही सजॉ सकते क्योंकि मै इस वक्त
गरीब है!
जिन्दगी की दो राह है,
असफलता नही सफलता हर किसी की चॉह है!
मॉग सजॉ ली वह किसी से अब रिश्ता दुर है,
अविरान बाग के लिए वह कॉटे तो मेरे लिए
वे शुभ कमल के फुल है!
जो तालाब में खिली थी वर्षा बंसत कड़ी धुप में,
मनमोहित की वे मुझे अपनी मुस्कान भरी रूप में!
चली गयी नेहा भरी राहो में छोड़कर क्या
मेरा तकदीर है,
टुट गये रिश्ते लेकिन अभी भी मेरा
जिन्दा दिल है!
गुजारे एक साथ इसी राहो पर क्या वह अब
लक्षमण रेखा है,
चली जा रही है वह किसी के डोरी में मैने
स्वपना में देखा है!
हर बस्ती,हर घर में मेरे प्यार के निंदा है,
मै आभागा रोशन हुँ छोड़कर चली गयी
वह लेकिन मै अभी भी जिंदा है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
15-01-2018सोमवार21:20 (3!049)
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Chandan institute,Bamangachi
Roshan kumar jha
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Ambulance (N.D.College, Howrah)

शीर्षककविता:-4(035)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 4(035
जिन्दगी है शराब!?

दुनिया बड़ा खराब है,
जैसे घड़ा से भरा शराब है!
जो पीया वह भी पछताया,
जो नही पीया वह कब नशेबाज में गिनाया!
पीया वही जो नेहा भरी राहो में जख्म से
मजबुर था,
विखरे जो है माला वह भी कभी हरा-भरा
फुल था!
पीया शोक से नही नफरत की राहो से,
उसे कोई पिलाया नही जो पीया वह पीया
अपने बाहो से!
दुनिया बड़ा खराब है,
जैसे की महाभारत का काव्य है!
वर्षा ऑधी तूफान में उदासी से नही होठ
पर मुस्कान के साथ पीया,
हर एक चीज न्योयछावर कर दिया उसके
बदले में कुछ नही लिया!
दिन ही अब बचा चार है,
शराब ही तो गम में जीने की उपचार है!
लगातार उपचार होंने पर बुलाबा आती है
ऊपर से,
यमराज स्वंय ले जाते है उठा कर घर से!
शराब ! शराब ! शराब !
ये दुनिया ही है खराब !?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
24-02-2018शनिवार18:35
Pmkvy Diary-कविता-4(035)
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Roshan kumar jha
Surendranath evening college
Ncc:-31St bn ncc Fortwilliam
kolkata-B India
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Pmkvy, E.Rly. Scouts, st john Ambulance (Narasinha Dutt College)

शीर्षककविता:-12(74)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-12(74)
05-07-2019 शुक्रवार 17:45
*®• रोशन कुमार झा
-:करो तूलना !:-

मैं किया नहीं हूँ, मना
मैं किया नहीं हूँ मना
सच कहो तो एक भी आना!
मैं किया नहीं हूँ मना!

कर सकते हो तुलना
तो करो मुझे भी आता है मुड़ना!
मुड़कर रुकना नहीं मेरा मक़सद
है उड़ना ,
और क्या सुख-दुख सभी को है भूलना!

जो क्षणिक है,
मानो कि रोशन राह का भीख है!
जीत से भी हार से भी सीख है
दुख के बाद सुख
सुख के बाद दुख नज़दीक है!

तो तुलना करो सुख से न दुख से,
और नहीं प्रमुख से!
आमुख से और सम्मुख से!
जो भी करो वह करो अपने मुख से!

तो करो मेरे तुलना,
मैं हूँ परिंदा मेरा काम ही है उड़ना!
तू तो तू
तु सहित जग को है भूलना,
हर एक राह से है मुझे मुड़ना!

उस राह पर जाना है विचार से,
दुख हटाना है कह दो मेरे यार से!
विमुख हो चुका हूँ इस संसार से,
तो तुलना कर दो फ़िलहाल मेरी
हार से!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(74)
05-07-2019 शुक्रवार 17:45
कल सुमन गार्ड NiF-200दिये
D.K 200 और BSNLलिए
31st Bengal Bn Ncc Fortwilliam
Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047

कविता :- 20(48)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

परिणाम अच्छा ही होता है -

जो भी करता हूँ
वह अच्छा ही होता है ।
नई मोड़ पर हर कोई
पहले बच्चा ही होता है ।
जो भी करता हूँ
उससे किसी न किसी
का रक्षा ही होता है ,
एक तरफ जय जयकार
तो दूसरे तरफ बदनामी
की शोर मचा ही होता है ।।

इससे बचकर जो आगे बढ़े
वह दिल और दिमाग़ से
सच्चा ही होता है ,
कुछ करना है कुछ करें
वह भी एक नशा ही होता है ।
हार जीत भाई बहन वह
हृदय में बसा ही रहता है ,
जो भी करता हूँ यारों
उसका परिणाम अच्छा ही होता है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(48)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
05/07/2021 , सोमवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 56
Sahitya Ek Nazar
05 July 2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
अंक - 1

कविता :- 20(47)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

मैं रूकता , मेरा कलम रूकती नहीं  ,
मैं तो झुक जाता पर ये सर झुकती नहीं ।।
देख चुका हूँ इस जीवन की राह
अब इससे होने वाला मुक्ति नहीं ,
निभाते रहो कर्त्तव्य ...
कर्त्तव्य निभाते - निभाते थक जाओगे ,
रूक जाओगे
ये कर्त्तव्य कभी चुकती नहीं ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(47)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
04/07/2021 , रविवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 55
Sahitya Ek Nazar
04 July 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
शीर्षककविता:-5(106)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 5(106)
विवेक होती है सत्यता की रेखा से!

सत्य और असत्य की रेखा होती अन्दर
की विवेक से,
यह दुनिया ही चलती है नेहा रास
की देख-रेख से!
स्नेह राह में पहले अपमान बाद में मिलता
है सम्मान,
मिलने के बाद ही कोई भरता है होठो
पर मुस्कान!
सुख भरी है यह आपके जिन्दगी की रेखा,
हकीकत जिन्दगी की रास वही है जो
आपने अपने ऑखो से देखा!
सँभालना है आपका काम,
एक साथ गुजार दीजीऐगा जिन्दगी की
सोन्दर्य भरी शाम!
दुख है द्रर्द है,
प्यार में बहुत बड़ा कद्र है!
स्नेह की रास जाने है आप,
निभा दीजीऐगा साथ मत सोचीयेंगा कि
प्रेम में क्या होती पुण्य तो क्या होती पाप!
मंजील हमेशा आपके राह में जुटे,
खुदा से प्रार्थना है आपके विवेक की
सुख-दुख भरी खुशिया की अरमान की
रेखा कभी नही टुटे!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
18-03-2018रविवार08:44
st john Ambulance Howrah
Narasinha dutt college
मो:-6290640716
विवेक भईया-रेखा
Roshan kumar jha
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सलकिया विक्रम विधालय

शीर्षककविता:-5(256)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 5(256)
निशा की विशाल तारा!?

निशा की सोन्दर्य भरी विशाल तारा,
आपके नेहा की उपमा करेंगे दुनिया सारा!
आज ना तो कल,
होठो पर मुस्कान भरो आपका समस्या
दिवस में नही पुर्णिमा भरी निशा में
होंगे हल!
सफलता की वर्षा होगी मार्ग होंगे रोशन,
प्रेम अटल अचल विशाल व पवित्र होता
मत समझीयेगा हीरा कोयला सोदा भरी धन!
उड़ान भरी पंख है आपका दिवस में
नही निशा में,
आपका स्नेह गुँजेगी आज नही तो कल
आकाश पताल में नही चारो दिशा में!
गुजार दीजीऐगा जिन्दगी एक साथ,
खुदा की रहम बना है मत छोड़ीयेंगा
एक-दुसरे का हाथ!
छोटा नही, है विशाल समंदर जैसा सोन्दर्य
भरी पुर्णिमा की निशा,
दुख हो या सुख हमेशा लीजीऐगा उनकी
राहो में हिस्सा!
पवित्र होती रिश्ता की बंधन,
खण्डन मत कीजीऐगा ऐसा सुगंधता
फैलायेंगा वातावरण में जैसे की चंदन!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
19-04-2018 गुरूवार 20:15
मो:-6290640716,9038963720
कविता :-5(256) विशाल-निशा
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kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Pmkvy, st john Ambulance

शीर्षककविता:-7(006)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(006
अपना हिन्दुस्तान की कुछ शहरे!

अपना हिन्दुस्तान की कुछ शहरे,
विभिन्न नाम से जाने जाते थे पहले!
यही कोलकाता पहले थे भारत के राजधानी
कलकता,
उन्नीस सो ग्यारह में जिसे बिट्रिश सरकार ने
दिया हटा!
राजधानी बने दिल्ली,
बापु,नेता,और भी देशभक्त के जीवन दान से
ही आजादी मिली!
पटना कहलाते थे पाटलिपुत्र,
यही से गुजरी है पवित्र नदी मॉ गंगा यमुना ब्रहमपुत्र!
सीता मातुभुमी वोध्द-गया मिथिला पेंटिग
जो विश्व में मशहुल है चलो घुम कर आ
जाये यार
मधुबनी,मिथिलाचंल तो घुमेंगे ही
संग में घुम लेगे पुरा बिहार!
चाय के बगान पहाड़ देखने चलो असम
सोन्दर्यता में है नही किसी राज्य से कम!
चलो अब देखकर आये है स्वर्ग के प्रतिक काशमीर
जहॉ हमलोगो की रक्षा के लिए निवास करते
नोजावान वीर!
मार्ग हुँआ रोशन चलो घुमने तमिलनाडु
यही दक्षिण भुमी में राम लक्षमण सीता
निवास किये थे जैसे की साधु!
चलो घुम ले गुजरात
गॉधी और मोदी जैसे महानो की है बात!
मुम्बई चलो आये घुमकर
यही रहते अभिनेता,अभिनेत्री खिलाड़ी
गायक के दल!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
11:14वुधवार04-07-2018
मो:-6290640716

शब्द सुगन्ध क्रमांंक ९ का परिणाम

काव्य कलश परिवार के नवें साप्ताहिक आयोजन शब्द सुगन्ध क्रमांक 9, विषय - बेटियाँ के श्रेष्ठ रचनाकार ये है :--

आ० डॉली सिंह 
आ० डॉ वर्षा महेश "गरिमा"
आ० जय हिन्द सिंह 'हिन्द'
आ० रामगोपाल ' प्रयास' गाडरवारा
आ० कुलभूषण सोनी ब्रजवासी
आ०  पुष्पेन्द्र सिंह भदौरिया
आ०  कमला सिंह
आ० प्रियंका प्रिया
आ० गौतम सिंह अनजान
आ० प्रकाश कुमार खोवाल
आ० अनिरुद्ध कुमार सिंह
आ० ओम प्रकाश "आस"
आ० भागीरथ गर्ग कांटिया
आ०  सुरेश सौरभ
आ०. रामेन्द्र कुमार सोनी
आ० अमरनाथ अग्रवाल
आ०. बरनवाल मनोज अंजान मुक्तक
आ०. श्रीमती पूनम गुप्ता गीत
आ० विनीता सिंह चौहान
आ० मधु तिवारी
आ०. फूलचंद्र विश्वकर्मा
आ० डॉ०नवीन दवे मनावत
आ०. रमेश सिंह यादव
आ० रोशन कुमार झा
आ० सुष्मिता कुमारी सूर्य
आ०. दीनदयाल सोनी "स्वर्ण"
आ० ️अजय कुमार पाण्डेय
आ० नितिन गोस्वामी
आ०  विनोद निराश , देहरादून
आ०  देवानंद साहा "आनंद अमरपुरी"
आ०.  सीमा पासवान
आ० अमलेन्दु शुक्ल
आ० कुलदीप आमेटा तिलोली
आ०  दीपक कुमार पंकज      
आ० मंजू यादव
आ०  दशरथ सिंह राठौड़
काव्य परिवार सबके उन्नत भविष्य , उत्तम स्वास्थ्य व माँ शारदे की कृपा सब पर सदा बरसती रहे  ,, यह कामना करता  है ।।

काव्य कलश परिवार

कविता :- 20(46)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

बारिश

वारिश की महीना आया है ,
जहाँ देखों पानी ही पाया है ।

घर से निकलने का
मन नहीं करता है ,
वारिश की बूंद भी अभी
तो भारी पड़ता है ।‌।
कोरोना काल है कहाँ पहले
जैसा गाड़ी चलता है ,
न हुए बारिश न होंगे उपज
इसके अलावा कौन पेट भरता है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(46)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
03/07/2021 , शनिवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 54
Sahitya Ek Nazar
03 July 2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

नमन 🙏 :- अभिव्यक्ति मंच

विषय :- बारिश को आवाज़ देता गीत

सून लो हम किसानों भाईयों की आवाज़ ,
तुम ही बचाते हो हमारे
घर परिवार की लोक लाज  ।
तुम से ही होते अन्न तब है ये समाज ,
हे प्रभु वारिश करवाये आज ।।

वैसे ही कोरोना महामारी से
सब के सब तंग है ,
धन्य हो प्रभु अभी तक
आप मेरे संग है ।।
बिना वारिश के प्रकृति
का खिला सा न रंग है ।
अभी जीतना बहुत
बड़ा जंग है ।

नई रूप लेकर आओ नई अंदाज़ ,
अब देरी मत करो आ जाओ
आज के ही आज ।
हम तो हम खेत भी तुम्हें देखते
सुबह और साँझ ,
अब तो सून लो हम मानवों की आवाज़ ।‌।

✍️ रोशन कुमार झा

यह रचना हमारी स्वरचित व अप्रकाशित है ।

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान भाग - 4

कविता :- 20(45)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

कहाँ मैं हार गया -

कहाँ मैं हार गया ,
हाँ हारा हुआ साल गया ।
दूर हुए तो क्या हुआ
आपको क्या लगा
मेरा वह व्यवहार गया ,
वही व्यवहार से मेरा
हार भी हार गया ।।
गिरते उठते
जहाँ तक हुआ
लगातार गया ।
औरों से नहीं मैं
अपनों से हार गया ,
कुछ साथ तो कुछ साथ
छोड़कर इस पार से उस पार गया ,
बदलने दो दुनिया को .
न जाने देंगे ..
नहीं मेरा वह व्यवहार गया ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(45)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
02/07/2021 , शुक्रवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 53
Sahitya Ek Nazar
02 July 2021 ,  Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

हिन्दी कविता:-12(72)
03-07-2019 बुधवार 13:20
*®• रोशन कुमार झा
-:घूम कर नहीं कुछ करके आना!:-

दिल्ली-मुम्बई गया बंगाल-बिहार!
राह रोशन करके बदलते रहना अपना हाल!
राज्य का राजन की तरह रखना विचार,
जा शुभ हो यात्रा तेरा छोड़ने आया हूँ
कोलकाता का स्टेशन शालिमार!

राहुल अरूण ग्रह से लड़ना,
अपना हर इच्छा को भरना!
इच्छा के साथ ही चलना,
सपना में नहीं हक़ीक़त में ही पड़ना!

बस कमाना रुपया दो चार,
वह भी करके ईमानदारी की बाजार!
मिलने आना हर एक साल,
दुख की वेदना बढ़ रही है क्योंकि हूँ
एक ही माँ का लाल!

आँसू है आँख में,दर्द है दिल में,
पानी है नल में आशा रखा हूँ झील में,
जा रहे हो दूर छोड़ने आया हूँ भीड़ में,
आनंद की रास हो हमेशा
तुम्हारे महफ़िल में!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(72)
03-07-2019 बुधवार 13:20
सलकिया विक्रम विधालय
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
राहुल कचौरी खिलाया शालीमार मुम्बई
छोड़े Video
22-30 तक लिलुआ टिफिन लाया
3000 दिये राजन मो
कल Driving q(1-107)Twitter FB पर
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E.Rly,Scouts

शीर्षककविता:-7(004),विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(004
तुही प्रभु मेरा सब कुछ?

खुदा मसीहा प्रभु राम व शंकर,
तुही मेरा सब कुछ तुही मेरा अंकल!
मार्ग किया रोशन हम बने कुड़ा कड़कट नाली,
अगल मुझे तुममें समाने का मोका मिल जायें
तो कोन होगा मेरा जैसा भाग्य-शाली!
प्रभु सुन मेरा पुकार,
मै बेघर पक्षी हुँ तु नही करेंगा तो करेंगा कोन
मेरा दुलार!
तुही मेरा विश्वास, तुही मेरा सॉस,
मोह-माया से पीड़ीत हुँ कैसे ऑऊ तेरे पास!
तुही मेरा धन सम्पति तुही मेरा मन,
एक बार बाल रूप में कुष्ण आ जा मेरे
सामने मै देखकर हो जाऊँगा प्रसन्न!
तुही मेरा कागज तुही मेरा कलम,
हे भगवती मॉ सरस्वती कब से विनती कर
रहा हुँ तेरा बालक हम!
कर दे दया भर दे स्वर,
मेरा जैसा पापी का समस्या कर दे हल!
तुही मेरा मॉ तुही मेरा पिता,
तुझसे ही जन्म लिया तुझमें ही समाना है
बस जल तो जाये मेरा चिता!
यह शुभ समाचार लेकर कब आयेंगे यमराज,
प्रभु तुझमें समाने के लिए पापी रोशन
तैयार है छोड़ सकता है घर
परिवार और समाज!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716मंगलवार01:10
03-07-2018Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager
Ncc,pmkvy, E.Rly.Scouts

माँ सरस्वती 🙏 साहित्य एक नज़र 🌅 को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्य प्रेमियों को सादर प्रणाम 🙏 , साहित्य एक नज़र 🌅 के यूट्यूब चैनल पर आप अपनी काव्य पाठ करते हुए का  वीडियो बनाकर अपलोड करा सकते है - अपलोड करने के लिए आपको अंक वाली पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में भेजने के साथ साथ 6290640716 ( वॉट्सएप ) पर भेजना है ।

भजन का प्रतीक चित्र नृत्य- संगीत - "नारदी" संगीत
भवदीय आ. अजय कुमार झा जी
https://youtu.be/QRbKpOsN70g

धन्यवाद सह सादर आभार

आपका अपना
रोशन कुमार झा
शनिवार, अंक - 54
03/07/2021

🌅 साहित्य एक नज़र  🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका 
लिंक 
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फेसबुक
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अंक - 460 , वर्ष - 1 , भाद्रपद कृष्ण 2 संवत 2079 , शनिवार , 13 अगस्त 2022
मो - 6290640716                 पृष्ठ -                   संपादक - रोशन कुमार झा
___________________________
मो - 6290640716   संपादक - रोशन कुमार झा

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🇮🇳
🌅

अंक - 460
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अंक - 459
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अंक - 458
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अंक - 457

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अंक - 456
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अंक - 455

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Lnmu
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10 K
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05/05/2022

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अंक - 70
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspwa&ref=share

रोशन -05 मई 2022
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रोशन 2 -05 मई 2022

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पहले
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कविता  -

न हम ,
न तुम किसी से कम ।
हमारा -  तुम्हारा दम ,
किये है अपना - अपना
क्षेत्र में परिश्रम ।

  ✍️ रोशन कुमार झा
13/08/2022 ,  शनिवार
कविता - 24(51)
विद्यासागर विश्‍वविद्यालय ,
पश्चिम बंगाल
एम.ए ( हिन्दी ) सेमेस्टर - 2 ,
ग्राम - झोंझी , मधुबनी , मिथिला
बिहार  , भारत 🇮🇳
बिड़ला ओपेन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल
रोसड़ा , समस्तीपुर , बिहार , भारत 🇮🇳
संपादक - साहित्य एक नज़र 🌅
✍️ Roshan kumar jha, রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah -
711204 , Aasirvad bhawan
51/9 kumar para Lane Liluah
पूर्व छात्र - हिन्दी आनर्स -
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता , भारत
कलकत्ता विश्‍वविद्यालय
IGNOU - PGDT - 2108259530
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी , बिहार
ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय , दरभंगा
राष्ट्रीय सेवा योजना
Veriang scouts & Gulmarg Guides
The Bharat Scouts & Guides, Eastern Railway
Howrah District, Group:- Bamangachi (BMG)
IGNOU:-BPP-(191081735) श्री जैन विद्यालय हावड़ा
31 st Bengal BN NCC Fortwilliam kolkata - B
Coy no - 5 , Reg no - WB17SDA112047
N.D.college
Narasinha Dutt College St John Ambulance ,
Howrah ,  West Bengal
मो - 6290640716 , 9433966389, 7980860387 ,
6291026116 , +916287728755
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सागर रोशन , रोशन लहर
दैनिक साहित्य समाचार पत्रिका
विश्‍व साहित्य संस्थान - 2 वर्ष , विश्‍व न्यूज़ ,
मधुबनी इकाई - साहित्य एक नज़र 🌅 -
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
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13 August , 2022 , Saturday
Kolkata , India, সাহিত্য এক নজর

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[13/08, 22:52] Roshan Kumar Jha: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid024aVgVbVhiowg1FQ4nsagfZjJ11pJfamY5NMCt4wed2iedvUjnp6KjeNuqVDyAkJBl&id=100026382485434
[13/08, 22:52] Roshan Kumar Jha: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0jbskb7H1cVebuYWKGebrRbFbdiCDsbogaQ4uYrzgdoCdH9DKk5HyWnmbvPCJK3TJl&id=100046248675018



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