साहित्य एक नज़र , अंक - 403 , 17/06/2022 , शुक्रवार , कविता - 23(94)

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403
🌅 साहित्य एक नज़र  🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका 
अंक - 403 , वर्ष - 1 , आषाढ़ कृष्ण 3 संवत 2079 , शुक्रवार , 17 जून 2022
मो - 6290640716                 पृष्ठ -                   संपादक - रोशन कुमार झा
मो - 6290640716   संपादक - रोशन कुमार झा
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अंक - 403
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रोशन -05 मई 2022
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रोशन 2 -05 मई 2022

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कविता  - सीसीटीवी न , पंखा -

तुम एसी में वे बेचारे काम कर रहें है ,
धूप तो है पर कहाँ पंखा है ,
पंखा तो नहीं पर लगाये हो सीसीटीवी कैमरा इतना तुमको उस तन पर शंका है ।
उस तन से तुम्हारा धन है ,
धन रहते हुए भी तुम कहाँ प्रसन्न है ।।

ये कैसा एक ही जगह
अलग - अलग बाथरूम है ,
भेदभाव करने वाला तुम है ।
तुम ही तुम है ,
आना चाहता तुम्हारे कार्यालय
में अंग्रेजी नहीं आती
इसलिए वे गुमसुम है ।

तुम्हारे गंदगी साफ करते
उसे ही तुम कहते हो गंदा ,
छी.. छी . छी
अभी भी खा रहे हो
गंदा करने वाला रंजनीगंधा ।।
कुकुर बिल्ली पाले हो ,
उस स्थान पर हम मज़दूर
के सहारे हो ।।

छोड़ शंका , हटा
सीसीटीवी , लगा पंखा ,
रावण का भी बचा
न सोने का लंका ।।

✍️ रोशन कुमार झा
17/06/2022 , शुक्रवार
कविता - 23(94) ,
🌅  साहित्य एक नज़र 🌅 
सागर रोशन , रोशन लहर
दैनिक साहित्य समाचार पत्रिका
विश्‍व साहित्य संस्थान, विश्‍व न्यूज़ ,
मधुबनी इकाई - साहित्य एक नज़र 🌅 -
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
  साहित्य एक नज़र  🌅, Sahitya Ek Nazar
17 June , 2022 , Friday
Kolkata , India, সাহিত্য এক নজর

402
🌅 साहित्य एक नज़र  🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका 
अंक - 402 , वर्ष - 1 , आषाढ़ कृष्ण 2 संवत 2079 , गुरुवार , 16 जून 2022
मो - 6290640716                 पृष्ठ -                   संपादक - रोशन कुमार झा
मो - 6290640716   संपादक - रोशन कुमार झा

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05/05/2022

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रोशन -05 मई 2022
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रोशन 2 -05 मई 2022

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#अग्निपथ #अग्निवीर
#Agneepath scheme.
#Agniveer #অগ্নিপথ
कविता  - देखों क्या होगा ...

उड़ते पतंग को देखा हूँ कटते हुए ,
कुछ विद्यार्थियों को देखा हूँ रटते हुए ।
सत्ताधारी को भी देखा हूँ हटते हुए ,
आज़ाद हूँ पर डर लगता
है कुछ कहते हुए ।।

कौन सुनेगा , क्यों सुनेगा ,
नया चेहरा कौन ढूंढेगा ।
चिंता आटा की नहीं
बेहतर डाटा कौन देगा ,
पढ़ - पढ़
साइकिल और फ़ोन देगा ।।

तीन साल की एनसीसी
चार साल की अग्निवीर होगा ,
देखों क्या आगे फिर होगा ।
बेरोज़गारी का भीड़ होगा ,
अमृत - महोत्सव तब मनायेंगे
जब हर कोई रोज़गार के
लिए क़ाबिल होगा ।।

युवाओं का जब ताक़त होगा ,
पंच - सरपंच से दिल्ली तक
के बाबू साहबों का चप्पल से
स्वागत होगा ।
उनके हाथों में इस्तीफ़ा का पत्र होगा ,
वहीं से आज़ादी का पथ होगा ।

तब धर्म न जात होगा ,
जीने और जीने दो की बात होगा ।
शायद ही उन देशसेवकों से
मेरी मुलाक़ात होगा ,
लेकिन अगली पीढ़ियों से कोई ,
अगली पीढ़ियों के लिए प्रभात होगा ।।

✍️ रोशन कुमार झा
विद्यासागर विश्‍वविद्यालय ,
पश्चिम बंगाल
एम.ए ( हिन्दी ) सेमेस्टर - 2 ,
ग्राम - झोंझी , मधुबनी , मिथिला
बिहार  , भारत 🇮🇳
बिड़ला ओपेन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल
रोसड़ा , समस्तीपुर , बिहार , भारत 🇮🇳
संपादक - साहित्य एक नज़र 🌅
16/06/2022 , गुरुवार
कविता - 23(93) ,
✍️ Roshan kumar jha , রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah -
711204 , Aasirvad bhawan
51/9 kumar para Lane Liluah
🌅  साहित्य एक नज़र 🌅 
सागर रोशन , रोशन लहर
दैनिक साहित्य समाचार पत्रिका
विश्‍व साहित्य संस्थान, विश्‍व न्यूज़ ,
मधुबनी इकाई - साहित्य एक नज़र 🌅 -
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
  साहित्य एक नज़र  🌅, Sahitya Ek Nazar
16 June , 2022 , Thursday
Kolkata , India, সাহিত্য এক নজর
पूर्व छात्र - हिन्दी आनर्स -
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता , भारत
कलकत्ता विश्‍वविद्यालय
IGNOU - PGDT - 2108259530
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी , बिहार
ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय , दरभंगा
राष्ट्रीय सेवा योजना
Veriang scouts & Gulmarg Guides
The Bharat Scouts & Guides, Eastern Railway
Howrah District, Group:- Bamangachi (BMG)
IGNOU:-BPP-(191081735) श्री जैन विद्यालय हावड़ा
31 st Bengal BN NCC Fortwilliam kolkata - B
Coy no - 5 , Reg no - WB17SDA112047
N.D.college
Narasinha Dutt College St John Ambulance ,
Howrah ,  West Bengal
मो - 6290640716 , 9433966389, 7980860387 ,
6291026116 , +916287728755



कविता :- 20(29)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

विषय :- रचना है कहानी
विधा :-  कविता

माता- पिता , चाचा- चाची
भाई - बहन , मामा-मामी, नाना- नानी ,
सीख लाएं दादा-दादी , गुरुजनों
बोलना मीठा वाणी ।
हर जगह से कुछ न कुछ सीखता हूँ
सीखकर ही तो बनना है ज्ञानी ,
तब न रचेंगे नई कहानी ।।

जिसमें उम्मीद की रंग होगा ,
सुख-दुख संग होगा ।
हर अवस्था में जीना का ढंग होगा ,
मैं हार मानने वाला हूँ न
मेरी सफलता से
मेरे दुश्मनों तंग होगा ।।

शहर मधुबनी , मुंबई , कोलकाता ,
वहाँ लोग पाँच सौ से दस हज़ार न
जाने एक दिन में लोग कितना कमाता ।।
कोई पूजा पाठ करने मंदिर जाता ,
यही तो है जीवन न जाने एक दिन में
कितने जन्म लेता तो शरीर मर जाता ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
बुधवार , 16/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(29)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 37
Sahitya Ek Nazar
16 June 2021 ,   Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

हिन्दी कविता-12(53)
16-06-2019 रविवार 21:04
*®• रोशन कुमार झा
-: पापा आप!:-

पापा आप
कहलाते पिता और बाप!
राह रोशन करना है यही है मेरा माप
सृष्टि में राहुल अरूण ग्रह राज्य का राजन
भी करता जाप!

जीना सीखायें
पोलियो पिलाये!
और यह मधुबनी हावड़ा ही नहीं
पूरा जगत दिखाये
रेल,सैनिक डॉक्टर के राह में नाम लिखाये!

तब तनु वक्ष स्थल से आनंद हूँ
पिता मेरे चंदन मैं सुगंध हूँ!
उनकें वचनों और कर्मों से
दुनिया का पसन्द हूँ
गर्म में भी ठण्ड हूँ!

क्योंकि आप शीतलता प्रदान करते है
भूखे रहकर भी आप मेरे ख्वाहिश
को भरते है!
आपके आज्ञा पर ही चलते है
पर वह सुख दे नहीं पा रहा हूँ
क्योंकि मैं अभी सँघर्ष से लड़ते है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(53)
16-06-2019 रविवार 21:04
31st Bengal Bn Ncc  Fortwilliam
Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
Narasinha Dutt college St John
Ambulance
The Bharat scouts & Guises
Eastern Railway Howrah
PPUP(75)मिला15(5)BMG
RISR,DNK-70(5 सुमन)पोलियो पिलाने
Bamangachi
Liluah sec सेSt John
नेहा (6call)anuको बे मी नहीं

हिन्दी कविता-12(54)
17-06-2019 सोमवार 20:37
*®• रोशन कुमार झा
-: क्या होता प्यार!:-

प्यार अन्धा होता है,
इसमें हर कोई बंधा होता है!
अपना बहुत काम धन्धा होता है,
पर मरने के बाद प्रेमिका का नहीं बेटा
का ही अर्थी पर कन्धा होता है!

प्यार से पहले यह जीवन ठण्डा होता है,
मानो कि हरी झण्डा होता है!
खाने के लिए बिरयानी चावल और
अण्डा होता है
धोखा पाने के बाद दिल और दिमाग़
गन्दा होता है!

सूर्य की रोशन और चन्दा होता है,
प्यार तो फँदा होता है,
जिस पर लटकते ही जीवन गन्दा होता है,
सच में प्यार अन्धा होता है!

फिर भी प्यार की भक्त कई
बंदा होता है,
धोखा पाकर दिल और दिमाग़
ठण्डा होता है!
और यह जीवन रंडा होता है,
बचो और बचाओ यार क्योंकि प्यार
अंधा होता है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-12(54)
17-06-2019 सोमवार 20:37
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
31 st Bengal Bn Ncc
Narasinha Dutt college St John Ambulance
The Bharat scouts & Guises
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
रंडा-पुरूष विधवा!
सर बह न बेटी हुई!नेहा दाँत में दर्द!

शीर्षककविता:-6(176)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(176)
खो बैठे अपना मुस्कुराहत!?

कहॉ गया मेरा हँसता हुआ चेहरा,
बईमानी कहॉ जब भी किया तब किया
सबका भला!
मालुम नही किसका लगा नजर,
आज उदासी मे जी रहा,जो कि मै हँसता
था कल!
नेहा भरी तनु वक्ष-स्थल जला सुर्य के रोशन
वर्षा ऑधी तूफान मे,
कभी लोग बस्ती बनाकर  बसा था मेरे
होठो के मुस्कान में!
कहॉ गया कमल का दल व नदी का जल,
जो हमे हँसाता रहा हर एक पल!
कहॉ खो गया कहॉ समाया,
दुनिया हँसा बिगड़ा  तो मेरा मुस्कुराहत
हुआ काया!
उम्र के साथ इच्छाये तो बढी पर किये
नही नशा,
आज आइनो के पलको मे झॉक रहा हुँ कहॉ
मिल रहा है पहले वाला दशा!
पहुँचाये नही किसी का हानी कभी दुनिया
कहा था मुझे दानी,
आज बीच बाजारो में दुनिया ठहरा दिया
कि तु किया है बईमानी!
हँसु कैसे, कहॉ टुट रहा है सॉस,
उम्र और वक्त के साथ बढ़ ही रहा है
उदासी की ऑच!?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
17-06-2018 रविवार10:05 St john
Ambulance Nursingh dutt
College Howrah WB
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Ncc:- 31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata-B Reg no:-WB17SD112047
Roshan kumar jha

शीर्षककविता:-6(177)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(177)
जोड़ते नही रिश्ता अगल होता ग्यान!?

जोड़ते नही रिश्ता अगल होता  ग्यान
रचे नेहा रास खो बैठे अपने होठो के मुस्कान!
भला-बुरा जो भी बना वह इस जमाने में
देरी हो गया मुझे उसे पहचानने में!
अगल पहले कुछ होता पता
प्रेम भरी बात बढ़ाते ही नही देते उन बातो
को घटा!
कामयाबी के पहले नही कामयाबी के बाद
स्नेह राह के पीछे भागे
मै नही वही बदल ली पलभर की वर्षा ऑधी तूफान में अपनी इरादे!
अकेले रिश्ता निभाना था असंभव
मार्ग रोशन हुँआ साथ देने वाला था सब!
वर्दी कलम कागज के साथ रहता हुँ मस्त
आचानक यादास्थ आते पहुँचा देते
भयंकर कष्ट!
फिर क्या ऑखो से जाते ऑशु गिर
दुख द्रर्द से खेलते ,मरना सिखा ही नही
क्योंकि अकेले जीकर कहलाना है वीर!
रोने के बाद भी राह पर मुस्कुराते हुए ही चलते
मै किसी से नही अपने संघर्ष से लड़ते!
भ्रम है उसकी जो आशा लगाकर बैठी है कि
मै करूँगा सहायता
अरे नेहा रास ही नही मै तो मोह-माया ही
दिया जीवन से हटा!?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
17-06-2018 रविवार13:55
मो:-6290640716
St john Ambulance pmkvy
Ncc,  E.Rly. Scout
सलकिया विक्रम विधालय मेन

शीर्षककविता:-6(174)हि,विषय सामग्री:हिन्दी
गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान?

गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान
शिकस्त है समस्त जीव का प्राण!
कहॉ गया हवा क्युँ कर रहा है गर्मी तु बहस
देखना कही बादल दादा वर्षा करा कर
कर नही दे तेरा तहस- नहस!
समझ जा सुर्य के रोशन,दायरे मे आ जा गर्मी
वरना आसमान मे बादल छा जायेगी
भरी आसमान के बीच तुम्हे बना देगा बेशर्मी!
इंतजार कर रहा समस्त जीव लायेगा
शीतलता भरी सबेरा
नींद भी नही आ रही कहॉ डालुँ डेरा!
मानव पशु-पक्षी सब है जगा
गर्मी-गर्मी है सबको है ठण्डा पानी की प्यास लगा!
इन गर्मी मे काम करना बंद कर दिया पंखा
एसी.फ्रिज
बेहतर नींद होगा वहॉ पर जहॉ पर है
हरी-भरी पेड़ नदी और ब्रीज!
ऐ गर्मी अपना घर जा जल्दी
वर्षा होने ही वाला है भींग जायेगा तेरा
लु-भरी वर्दी!
गर्मी अभी जा करने दे समस्त जीव को आराम
अभी शीतलता चाहिए,जब तुम्हारा काम
होगा तब लुँगा गर्मी तेरा नाम!
अभी नही है तेरा काम
ऐ मेरे दोस्त गर्मी तु मत हो इतना बदनाम
ताकि कोई चॉहे नही तुझे
तुम हो गर्मी इतने महान तुम्हारे रोशन के
बिना किसी का राह ही नही सुझे?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज
मो:-6290640716,रविवार00:36
17-06-2018

शीर्षककविता:-6(175)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-175
बड़ो व गुरु की हाथ?

हारे वह साल गया,
अब जीतना ही है गुरु और बड़ो की है दया,
मै नही कहता कहता कुराण गीता ग्रंथ,
मै नही सब वही लिखता करता जो
कहता कण्ठ!
इतिहास गवाह है क्या होते गुरु और बड़ो
की दुऑ,
विश्वविजेता सिकन्दर का मार्ग रोशन गुरु
के आदेश से ही हुऑ!
तब कभी हारा एक दिन विश्व जीता,
विश्वविजेता के बावजुद भी नेहा भरी भावना
से जला उनका चिता,
तनु के लिए रखे थे अंगरक्षक,भरे रहे होठ
पर मुस्कान,
वर्षा ऑधी तूफान खिली हुई फूल भरी बंसत
वैसे ही रहा निकल गया प्राण!
राज्य का राजन लिए विश्व सिंहासन,
पुथ्वी अरुण राहुल वुध शनि मंगल ग्रह से
सामना किये मरते वक्त कहॉ साथ दिया धन,
बगिया अविरान किये शुभ भरी किये
पुजा अर्चन,
दुनिया घुमे घुम लेते लोग लेकिन पहले
माता-पिता गुरु व बड़ो ही करते मार्ग प्रर्दशन!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो:-6290640716 रविवार 08:35
17-06-2018class St john Ambulance
Nursingh dutt college Howrah WB
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047

शीर्षककविता:-6(173)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-173
जो चॉहा मिला पर करना पड़ा प्रतिक्षा!

युँ राह मे करना पड़ा प्रतिक्षा
प्रतिक्षा करते-करते पुरा किया इच्छा!
अविरान बाग में मार्ग रोशन हुआ हार जीत
भरी मिला शिक्षा
जिन्दगी मे जो भी हासिल किये
उसके लिए करना पड़ा प्रतिक्षा!
नेहा भरी दीप जलाये जगमगाने लगा
चारो दिशा
वर्षा ऑधी तूफान मे गिरे कई मंजिल
पर चोट भी नही पहुँचा जो था मेरा हिस्सा!
मुस्कान भरी होठ रखे अपने पास
सफल-ए-राह में जन-जन को बनाये
अपना खास!
घुमे हावड़ा गुहावाती गया मधूबनी दरभंगा
प्रेम के दीप जलाये कही पर किये नही ढंगा!
मुस्कुराहत भरी कली की प्रतिक है दुनिया
भाई ,हर्षित,की जीत
छोड़ो वह सब बाते जो वक्त गये बीत!
जो है जैसा है सुख शान्ती से बढो आगे
छोड़ो उसे जो मूसीबत मे हाथ छोड़कर भागे!
हँसो मुस्कुराओ ,मुस्कुराहत ही तो है जीना
जिन्दगी व्यर्थ है हार जीत के बिना!
जीत तो जीत हार है क्षुंगार
उपभोगता के साथ खुशी-खुशी क्युँ ना
जिन्दगी बीताऊँ जिन्दगी की दिन
ही मिली है चार!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716शनिवार09:30
हावड़ा स्टेशन पर बड़ा घड़ी पास Pf:-05
16-06-2018E.R.St

शीर्षककविता:6(172)हि2,विषय सामग्री:कविता 6(172) 2 रोशन कुमार झा

चेष्टा करूँगा करूँगा चाहत पुरा,
कही मै अच्छा तो कही मै कहलाया बुरा!
फिर भी रखी है विश्वास,
जिंदे ही बना दी लाश!
अभी भी मानती है खास,
बेहतर होगा टुट जाये मेरा सॉस!
देखुँ नही यह सब,
जो चला गया सो चला गया वह आये ना
दोबारा हमसे मिलने अब!
अकेला ही जी लुँगा
सच कहता अब अपना रिश्ता की हक
किसी  को नही दुँगा!
रेलवे निरिक्षक संघर्ष किये जिससे लिए हम,
वह तो चली गयी  देकर गम!?

०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
हावड़ा स्टेशन पर प्लेटफार्म :-04
16-06-2018 शनिवार 08:45
मो:-6290640716 pmkvy 1283f
Electrician Liluah Howrah
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Donbosco Milpara Bhatonager
English spoken
सलकिया विक्रम विधालय मेन
क्ष्री हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कुल घुसड़ी
क्ष्री नेहरू शिक्षा सदन टिकियापाड़ा
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata-B Reg no :-WB17SD112047
Roshan kumar jha
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance
Surendranath evening college
Kolkata
Krishna Bhawan G. T Road
Salkia computer cours
Ghusuri shyam mandir Dance Drowing comp

शीर्षककविता:6(172)हि1,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(172पुष्ठ:1
नेहा राह छोड़े पर संघर्ष की ओर दोड़े!

नेहा राह मे हम चले मंजिल पर कोई
और कर लिया अधिकार
अविरान बाग में मार्ग रोशन ही रहा फिर भी
बिगड़ गया हाल!
वर्षा ऑधी तूफान बहा फिर भी रखे
होठ पर मुस्कान
राहूल अरुण वुध शनि ग्रह से सामना
करके  बचाते रहे प्राण!
नेपाल कलकता मधूबनी गया गुहावाती
संघर्ष राह पर रहे बिछुड़ गया जीवन साथी!
मेरा नेहा भरी धन छोटा भाई अपनाया
उस प्यार ने मुझे सैनिक,शिक्षक,कवि मालुम
नही क्या-क्या नही बनाया!
क्या दुख दर्द्र भरी कहानी बताऊँ दुनिया
भाई तुझे अजितेश
मत समझना दिखाबा के लिए, संघर्ष से
लड़ने के लिए कभी एन. सी़ सी ,स्काउटस
तो कभी जीवन बचाने के लिए पहनता हुँ
विभन्न प्रकार के ड्रेस!
मेटियाब्रुज सालबनी मसाग्राम लिलुआ हावड़ा,
झाड़ु हथियार से आदर्शता की दिखाते
आये है कला!
अब तुम्हे नेहा भरी धन देखने मे
भी लगेगा पाप
दुँआ है राज्य की राजन,रानी की तरह जीना
छोटे भाई के वाइफ बन गयी आप!
छोड़कर गयी अविरान बाग में अकेला संघर्ष
करते -करते सफलता की पंख खुला
दुख यह है वादा कुछ निभाये कुछ रह
गया अधुरा?
०रोशन कुमार झा
मो:-6290640716शनि16-06-2018

शीर्षककविता:-6(171)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(171) an
वक्त रिश्ता ही तो दिया शिक्षा!

अकाश पताल धर्म कहॉ साथ देता कर्म
जिस पर आशा रखे थे वह था भ्रम!
नेहा भरी धन लुट लिया कोईअपना
सैनिक कवि अभियन्तर कहॉ बने टुट
गया मेरा सपना!
जगे ही थे हो गया एक भुल
गलत हम साबित हुए वह वक्त धीरे-धीरे
हमसे होते रहा दुर!
आया ग्रह राहूल मंगल अरुण वुध
लुटा तो लुटा मगर मुल के साथ ले गया सुद!
अविरान बाग में कहा भैया दिया सम्मान
कैसे हटाते देशप्रेम के नाते उनके होठो
से मुस्कान!
राज्य का राजन से बन गया भिखारी
वाला वेश
कितने जख्म सहे प्रेम गली मे क्या
बताऊँ अजितेश!
वर्षा ऑधी तूफान के बाद मार्ग हुआ रोशन
अकेला हुँ लेकिन हुँ प्रसन्न!
जिन्दगी मे मस्ती तो मस्ती मिली पर
छिपा कर रखा हुँ कष्ट
नेहा भरी तीर से घायल हुँ पर चलाने को
जानता हुँ अस्त्र और शस्त्र!
फिर भी सब है व्यर्थ
मै तो समझा हुँ वक्त और रिश्ता का अर्थ!
जिससे जी रहा
जिन्दगी मे सुख-दुख दोनो सहा!
वक्त के साथ रिश्ता बदल जाते
सफलता से पहले जिस राह पर
अपमानित हुए थे वे आज भी याद आते!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
15-06-2018शुक्रवार08:45
मो:-6290640716

शीर्षककविता:-6(175)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-175
बड़ो व गुरु की हाथ?

हारे वह साल गया,
अब जीतना ही है गुरु और बड़ो की है दया,
मै नही कहता कहता कुराण गीता ग्रंथ,
मै नही सब वही लिखता करता जो
कहता कण्ठ!
इतिहास गवाह है क्या होते गुरु और बड़ो
की दुऑ,
विश्वविजेता सिकन्दर का मार्ग रोशन गुरु
के आदेश से ही हुऑ!
तब कभी हारा एक दिन विश्व जीता,
विश्वविजेता के बावजुद भी नेहा भरी भावना
से जला उनका चिता,
तनु के लिए रखे थे अंगरक्षक,भरे रहे होठ
पर मुस्कान,
वर्षा ऑधी तूफान खिली हुई फूल भरी बंसत
वैसे ही रहा निकल गया प्राण!
राज्य का राजन लिए विश्व सिंहासन,
पुथ्वी अरुण राहुल वुध शनि मंगल ग्रह से
सामना किये मरते वक्त कहॉ साथ दिया धन,
बगिया अविरान किये शुभ भरी किये
पुजा अर्चन,
दुनिया घुमे घुम लेते लोग लेकिन पहले
माता-पिता गुरु व बड़ो ही करते मार्ग प्रर्दशन!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो:-6290640716 रविवार 08:35
17-06-2018class St john Ambulance
Nursingh dutt college Howrah WB
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047

शीर्षककविता:-6(174)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(174
गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान?

गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान
शिकस्त है समस्त जीव का प्राण!
कहॉ गया हवा क्युँ कर रहा है गर्मी तु बहस
देखना कही बादल दादा वर्षा करा कर
कर नही दे तेरा तहस- नहस!
समझ जा सुर्य के रोशन,दायरे मे आ जा गर्मी
वरना आसमान मे बादल छा जायेगी
भरी आसमान के बीच तुम्हे बना देगा बेशर्मी!
इंतजार कर रहा समस्त जीव लायेगा
शीतलता भरी सबेरा
नींद भी नही आ रही कहॉ डालुँ डेरा!
मानव पशु-पक्षी सब है जगा
गर्मी-गर्मी है सबको है ठण्डा पानी की प्यास
लगा!
इन गर्मी मे काम करना बंद कर दिया पंखा
एसी. फ्रिज
बेहतर नींद होगा वहॉ पर जहॉ पर है
हरी-भरी पेड़ नदी और ब्रीज!
ऐ गर्मी अपना घर जा जल्दी
वर्षा होने ही वाला है भींग जायेगा तेरा
लु-भरी वर्दी!
गर्मी अभी जा करने दे समस्त जीव को आराम
अभी शीतलता चाहिए,जब तुम्हारा काम
होगा तब लुँगा गर्मी तेरा नाम!
अभी नही है तेरा काम
ऐ मेरे दोस्त गर्मी तु मत हो इतना बदनाम,
ताकि कोई चॉहे नही तुझे
तुम हो गर्मी इतने महान तुम्हारे रोशन के
बिना किसी का राह ही नही सुझे!?
०रोशन कुमार झा
मो:-6290640716,रविवार00:36
17-06-2018


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साहित्य एक नज़र   , अंक - 404 , 18/06/2022 , शनिवार , कविता - 23(95)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2022/06/404-18062022-2395.html


http://roshanjha9997.blogspot.com/2022/06/403-17062022-2394.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2022/06/402-16062022-2393.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2022/05/387-01062022-2378.html

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साहित्य एक नज़र   , अंक - 403 , 17/06/2022 , शुक्रवार , कविता - 23(94)








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कविता :- 20(29)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

विषय :- रचना है कहानी
विधा :-  कविता

माता- पिता , चाचा- चाची
भाई - बहन , मामा-मामी, नाना- नानी ,
सीख लाएं दादा-दादी , गुरुजनों
बोलना मीठा वाणी ।
हर जगह से कुछ न कुछ सीखता हूँ
सीखकर ही तो बनना है ज्ञानी ,
तब न रचेंगे नई कहानी ।।

जिसमें उम्मीद की रंग होगा ,
सुख-दुख संग होगा ।
हर अवस्था में जीना का ढंग होगा ,
मैं हार मानने वाला हूँ न
मेरी सफलता से
मेरे दुश्मनों तंग होगा ।।

शहर मधुबनी , मुंबई , कोलकाता ,
वहाँ लोग पाँच सौ से दस हज़ार न
जाने एक दिन में लोग कितना कमाता ।।
कोई पूजा पाठ करने मंदिर जाता ,
यही तो है जीवन न जाने एक दिन में
कितने जन्म लेता तो शरीर मर जाता ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
बुधवार , 16/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(29)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 37
Sahitya Ek Nazar
16 June 2021 ,   Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

हिन्दी कविता-12(53)
16-06-2019 रविवार 21:04
*®• रोशन कुमार झा
-: पापा आप!:-

पापा आप
कहलाते पिता और बाप!
राह रोशन करना है यही है मेरा माप
सृष्टि में राहुल अरूण ग्रह राज्य का राजन
भी करता जाप!

जीना सीखायें
पोलियो पिलाये!
और यह मधुबनी हावड़ा ही नहीं
पूरा जगत दिखाये
रेल,सैनिक डॉक्टर के राह में नाम लिखाये!

तब तनु वक्ष स्थल से आनंद हूँ
पिता मेरे चंदन मैं सुगंध हूँ!
उनकें वचनों और कर्मों से
दुनिया का पसन्द हूँ
गर्म में भी ठण्ड हूँ!

क्योंकि आप शीतलता प्रदान करते है
भूखे रहकर भी आप मेरे ख्वाहिश
को भरते है!
आपके आज्ञा पर ही चलते है
पर वह सुख दे नहीं पा रहा हूँ
क्योंकि मैं अभी सँघर्ष से लड़ते है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(53)
16-06-2019 रविवार 21:04
31st Bengal Bn Ncc  Fortwilliam
Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
Narasinha Dutt college St John
Ambulance
The Bharat scouts & Guises
Eastern Railway Howrah
PPUP(75)मिला15(5)BMG
RISR,DNK-70(5 सुमन)पोलियो पिलाने
Bamangachi
Liluah sec सेSt John
नेहा (6call)anuको बे मी नहीं

हिन्दी कविता-12(54)
17-06-2019 सोमवार 20:37
*®• रोशन कुमार झा
-: क्या होता प्यार!:-

प्यार अन्धा होता है,
इसमें हर कोई बंधा होता है!
अपना बहुत काम धन्धा होता है,
पर मरने के बाद प्रेमिका का नहीं बेटा
का ही अर्थी पर कन्धा होता है!

प्यार से पहले यह जीवन ठण्डा होता है,
मानो कि हरी झण्डा होता है!
खाने के लिए बिरयानी चावल और
अण्डा होता है
धोखा पाने के बाद दिल और दिमाग़
गन्दा होता है!

सूर्य की रोशन और चन्दा होता है,
प्यार तो फँदा होता है,
जिस पर लटकते ही जीवन गन्दा होता है,
सच में प्यार अन्धा होता है!

फिर भी प्यार की भक्त कई
बंदा होता है,
धोखा पाकर दिल और दिमाग़
ठण्डा होता है!
और यह जीवन रंडा होता है,
बचो और बचाओ यार क्योंकि प्यार
अंधा होता है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-12(54)
17-06-2019 सोमवार 20:37
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
31 st Bengal Bn Ncc
Narasinha Dutt college St John Ambulance
The Bharat scouts & Guises
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
रंडा-पुरूष विधवा!
सर बह न बेटी हुई!नेहा दाँत में दर्द!

शीर्षककविता:-6(176)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(176)
खो बैठे अपना मुस्कुराहत!?

कहॉ गया मेरा हँसता हुआ चेहरा,
बईमानी कहॉ जब भी किया तब किया
सबका भला!
मालुम नही किसका लगा नजर,
आज उदासी मे जी रहा,जो कि मै हँसता
था कल!
नेहा भरी तनु वक्ष-स्थल जला सुर्य के रोशन
वर्षा ऑधी तूफान मे,
कभी लोग बस्ती बनाकर  बसा था मेरे
होठो के मुस्कान में!
कहॉ गया कमल का दल व नदी का जल,
जो हमे हँसाता रहा हर एक पल!
कहॉ खो गया कहॉ समाया,
दुनिया हँसा बिगड़ा  तो मेरा मुस्कुराहत
हुआ काया!
उम्र के साथ इच्छाये तो बढी पर किये
नही नशा,
आज आइनो के पलको मे झॉक रहा हुँ कहॉ
मिल रहा है पहले वाला दशा!
पहुँचाये नही किसी का हानी कभी दुनिया
कहा था मुझे दानी,
आज बीच बाजारो में दुनिया ठहरा दिया
कि तु किया है बईमानी!
हँसु कैसे, कहॉ टुट रहा है सॉस,
उम्र और वक्त के साथ बढ़ ही रहा है
उदासी की ऑच!?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
17-06-2018 रविवार10:05 St john
Ambulance Nursingh dutt
College Howrah WB
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Ncc:- 31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata-B Reg no:-WB17SD112047
Roshan kumar jha

शीर्षककविता:-6(177)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(177)
जोड़ते नही रिश्ता अगल होता ग्यान!?

जोड़ते नही रिश्ता अगल होता  ग्यान
रचे नेहा रास खो बैठे अपने होठो के मुस्कान!
भला-बुरा जो भी बना वह इस जमाने में
देरी हो गया मुझे उसे पहचानने में!
अगल पहले कुछ होता पता
प्रेम भरी बात बढ़ाते ही नही देते उन बातो
को घटा!
कामयाबी के पहले नही कामयाबी के बाद
स्नेह राह के पीछे भागे
मै नही वही बदल ली पलभर की वर्षा ऑधी तूफान में अपनी इरादे!
अकेले रिश्ता निभाना था असंभव
मार्ग रोशन हुँआ साथ देने वाला था सब!
वर्दी कलम कागज के साथ रहता हुँ मस्त
आचानक यादास्थ आते पहुँचा देते
भयंकर कष्ट!
फिर क्या ऑखो से जाते ऑशु गिर
दुख द्रर्द से खेलते ,मरना सिखा ही नही
क्योंकि अकेले जीकर कहलाना है वीर!
रोने के बाद भी राह पर मुस्कुराते हुए ही चलते
मै किसी से नही अपने संघर्ष से लड़ते!
भ्रम है उसकी जो आशा लगाकर बैठी है कि
मै करूँगा सहायता
अरे नेहा रास ही नही मै तो मोह-माया ही
दिया जीवन से हटा!?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
17-06-2018 रविवार13:55
मो:-6290640716
St john Ambulance pmkvy
Ncc,  E.Rly. Scout
सलकिया विक्रम विधालय मेन

शीर्षककविता:-6(174)हि,विषय सामग्री:हिन्दी
गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान?

गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान
शिकस्त है समस्त जीव का प्राण!
कहॉ गया हवा क्युँ कर रहा है गर्मी तु बहस
देखना कही बादल दादा वर्षा करा कर
कर नही दे तेरा तहस- नहस!
समझ जा सुर्य के रोशन,दायरे मे आ जा गर्मी
वरना आसमान मे बादल छा जायेगी
भरी आसमान के बीच तुम्हे बना देगा बेशर्मी!
इंतजार कर रहा समस्त जीव लायेगा
शीतलता भरी सबेरा
नींद भी नही आ रही कहॉ डालुँ डेरा!
मानव पशु-पक्षी सब है जगा
गर्मी-गर्मी है सबको है ठण्डा पानी की प्यास लगा!
इन गर्मी मे काम करना बंद कर दिया पंखा
एसी.फ्रिज
बेहतर नींद होगा वहॉ पर जहॉ पर है
हरी-भरी पेड़ नदी और ब्रीज!
ऐ गर्मी अपना घर जा जल्दी
वर्षा होने ही वाला है भींग जायेगा तेरा
लु-भरी वर्दी!
गर्मी अभी जा करने दे समस्त जीव को आराम
अभी शीतलता चाहिए,जब तुम्हारा काम
होगा तब लुँगा गर्मी तेरा नाम!
अभी नही है तेरा काम
ऐ मेरे दोस्त गर्मी तु मत हो इतना बदनाम
ताकि कोई चॉहे नही तुझे
तुम हो गर्मी इतने महान तुम्हारे रोशन के
बिना किसी का राह ही नही सुझे?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज
मो:-6290640716,रविवार00:36
17-06-2018

शीर्षककविता:-6(175)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-175
बड़ो व गुरु की हाथ?

हारे वह साल गया,
अब जीतना ही है गुरु और बड़ो की है दया,
मै नही कहता कहता कुराण गीता ग्रंथ,
मै नही सब वही लिखता करता जो
कहता कण्ठ!
इतिहास गवाह है क्या होते गुरु और बड़ो
की दुऑ,
विश्वविजेता सिकन्दर का मार्ग रोशन गुरु
के आदेश से ही हुऑ!
तब कभी हारा एक दिन विश्व जीता,
विश्वविजेता के बावजुद भी नेहा भरी भावना
से जला उनका चिता,
तनु के लिए रखे थे अंगरक्षक,भरे रहे होठ
पर मुस्कान,
वर्षा ऑधी तूफान खिली हुई फूल भरी बंसत
वैसे ही रहा निकल गया प्राण!
राज्य का राजन लिए विश्व सिंहासन,
पुथ्वी अरुण राहुल वुध शनि मंगल ग्रह से
सामना किये मरते वक्त कहॉ साथ दिया धन,
बगिया अविरान किये शुभ भरी किये
पुजा अर्चन,
दुनिया घुमे घुम लेते लोग लेकिन पहले
माता-पिता गुरु व बड़ो ही करते मार्ग प्रर्दशन!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो:-6290640716 रविवार 08:35
17-06-2018class St john Ambulance
Nursingh dutt college Howrah WB
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047

शीर्षककविता:-6(173)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-173
जो चॉहा मिला पर करना पड़ा प्रतिक्षा!

युँ राह मे करना पड़ा प्रतिक्षा
प्रतिक्षा करते-करते पुरा किया इच्छा!
अविरान बाग में मार्ग रोशन हुआ हार जीत
भरी मिला शिक्षा
जिन्दगी मे जो भी हासिल किये
उसके लिए करना पड़ा प्रतिक्षा!
नेहा भरी दीप जलाये जगमगाने लगा
चारो दिशा
वर्षा ऑधी तूफान मे गिरे कई मंजिल
पर चोट भी नही पहुँचा जो था मेरा हिस्सा!
मुस्कान भरी होठ रखे अपने पास
सफल-ए-राह में जन-जन को बनाये
अपना खास!
घुमे हावड़ा गुहावाती गया मधूबनी दरभंगा
प्रेम के दीप जलाये कही पर किये नही ढंगा!
मुस्कुराहत भरी कली की प्रतिक है दुनिया
भाई ,हर्षित,की जीत
छोड़ो वह सब बाते जो वक्त गये बीत!
जो है जैसा है सुख शान्ती से बढो आगे
छोड़ो उसे जो मूसीबत मे हाथ छोड़कर भागे!
हँसो मुस्कुराओ ,मुस्कुराहत ही तो है जीना
जिन्दगी व्यर्थ है हार जीत के बिना!
जीत तो जीत हार है क्षुंगार
उपभोगता के साथ खुशी-खुशी क्युँ ना
जिन्दगी बीताऊँ जिन्दगी की दिन
ही मिली है चार!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716शनिवार09:30
हावड़ा स्टेशन पर बड़ा घड़ी पास Pf:-05
16-06-2018E.R.St

शीर्षककविता:6(172)हि2,विषय सामग्री:कविता 6(172) 2 रोशन कुमार झा

चेष्टा करूँगा करूँगा चाहत पुरा,
कही मै अच्छा तो कही मै कहलाया बुरा!
फिर भी रखी है विश्वास,
जिंदे ही बना दी लाश!
अभी भी मानती है खास,
बेहतर होगा टुट जाये मेरा सॉस!
देखुँ नही यह सब,
जो चला गया सो चला गया वह आये ना
दोबारा हमसे मिलने अब!
अकेला ही जी लुँगा
सच कहता अब अपना रिश्ता की हक
किसी  को नही दुँगा!
रेलवे निरिक्षक संघर्ष किये जिससे लिए हम,
वह तो चली गयी  देकर गम!?

०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
हावड़ा स्टेशन पर प्लेटफार्म :-04
16-06-2018 शनिवार 08:45
मो:-6290640716 pmkvy 1283f
Electrician Liluah Howrah
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Donbosco Milpara Bhatonager
English spoken
सलकिया विक्रम विधालय मेन
क्ष्री हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कुल घुसड़ी
क्ष्री नेहरू शिक्षा सदन टिकियापाड़ा
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata-B Reg no :-WB17SD112047
Roshan kumar jha
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance
Surendranath evening college
Kolkata
Krishna Bhawan G. T Road
Salkia computer cours
Ghusuri shyam mandir Dance Drowing comp

शीर्षककविता:6(172)हि1,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(172पुष्ठ:1
नेहा राह छोड़े पर संघर्ष की ओर दोड़े!

नेहा राह मे हम चले मंजिल पर कोई
और कर लिया अधिकार
अविरान बाग में मार्ग रोशन ही रहा फिर भी
बिगड़ गया हाल!
वर्षा ऑधी तूफान बहा फिर भी रखे
होठ पर मुस्कान
राहूल अरुण वुध शनि ग्रह से सामना
करके  बचाते रहे प्राण!
नेपाल कलकता मधूबनी गया गुहावाती
संघर्ष राह पर रहे बिछुड़ गया जीवन साथी!
मेरा नेहा भरी धन छोटा भाई अपनाया
उस प्यार ने मुझे सैनिक,शिक्षक,कवि मालुम
नही क्या-क्या नही बनाया!
क्या दुख दर्द्र भरी कहानी बताऊँ दुनिया
भाई तुझे अजितेश
मत समझना दिखाबा के लिए, संघर्ष से
लड़ने के लिए कभी एन. सी़ सी ,स्काउटस
तो कभी जीवन बचाने के लिए पहनता हुँ
विभन्न प्रकार के ड्रेस!
मेटियाब्रुज सालबनी मसाग्राम लिलुआ हावड़ा,
झाड़ु हथियार से आदर्शता की दिखाते
आये है कला!
अब तुम्हे नेहा भरी धन देखने मे
भी लगेगा पाप
दुँआ है राज्य की राजन,रानी की तरह जीना
छोटे भाई के वाइफ बन गयी आप!
छोड़कर गयी अविरान बाग में अकेला संघर्ष
करते -करते सफलता की पंख खुला
दुख यह है वादा कुछ निभाये कुछ रह
गया अधुरा?
०रोशन कुमार झा
मो:-6290640716शनि16-06-2018

शीर्षककविता:-6(171)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(171) an
वक्त रिश्ता ही तो दिया शिक्षा!

अकाश पताल धर्म कहॉ साथ देता कर्म
जिस पर आशा रखे थे वह था भ्रम!
नेहा भरी धन लुट लिया कोईअपना
सैनिक कवि अभियन्तर कहॉ बने टुट
गया मेरा सपना!
जगे ही थे हो गया एक भुल
गलत हम साबित हुए वह वक्त धीरे-धीरे
हमसे होते रहा दुर!
आया ग्रह राहूल मंगल अरुण वुध
लुटा तो लुटा मगर मुल के साथ ले गया सुद!
अविरान बाग में कहा भैया दिया सम्मान
कैसे हटाते देशप्रेम के नाते उनके होठो
से मुस्कान!
राज्य का राजन से बन गया भिखारी
वाला वेश
कितने जख्म सहे प्रेम गली मे क्या
बताऊँ अजितेश!
वर्षा ऑधी तूफान के बाद मार्ग हुआ रोशन
अकेला हुँ लेकिन हुँ प्रसन्न!
जिन्दगी मे मस्ती तो मस्ती मिली पर
छिपा कर रखा हुँ कष्ट
नेहा भरी तीर से घायल हुँ पर चलाने को
जानता हुँ अस्त्र और शस्त्र!
फिर भी सब है व्यर्थ
मै तो समझा हुँ वक्त और रिश्ता का अर्थ!
जिससे जी रहा
जिन्दगी मे सुख-दुख दोनो सहा!
वक्त के साथ रिश्ता बदल जाते
सफलता से पहले जिस राह पर
अपमानित हुए थे वे आज भी याद आते!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
15-06-2018शुक्रवार08:45
मो:-6290640716

शीर्षककविता:-6(175)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-175
बड़ो व गुरु की हाथ?

हारे वह साल गया,
अब जीतना ही है गुरु और बड़ो की है दया,
मै नही कहता कहता कुराण गीता ग्रंथ,
मै नही सब वही लिखता करता जो
कहता कण्ठ!
इतिहास गवाह है क्या होते गुरु और बड़ो
की दुऑ,
विश्वविजेता सिकन्दर का मार्ग रोशन गुरु
के आदेश से ही हुऑ!
तब कभी हारा एक दिन विश्व जीता,
विश्वविजेता के बावजुद भी नेहा भरी भावना
से जला उनका चिता,
तनु के लिए रखे थे अंगरक्षक,भरे रहे होठ
पर मुस्कान,
वर्षा ऑधी तूफान खिली हुई फूल भरी बंसत
वैसे ही रहा निकल गया प्राण!
राज्य का राजन लिए विश्व सिंहासन,
पुथ्वी अरुण राहुल वुध शनि मंगल ग्रह से
सामना किये मरते वक्त कहॉ साथ दिया धन,
बगिया अविरान किये शुभ भरी किये
पुजा अर्चन,
दुनिया घुमे घुम लेते लोग लेकिन पहले
माता-पिता गुरु व बड़ो ही करते मार्ग प्रर्दशन!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो:-6290640716 रविवार 08:35
17-06-2018class St john Ambulance
Nursingh dutt college Howrah WB
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047

शीर्षककविता:-6(174)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(174
गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान?

गर्मी से परेशान आ ले वर्षा ऑधी तूफान
शिकस्त है समस्त जीव का प्राण!
कहॉ गया हवा क्युँ कर रहा है गर्मी तु बहस
देखना कही बादल दादा वर्षा करा कर
कर नही दे तेरा तहस- नहस!
समझ जा सुर्य के रोशन,दायरे मे आ जा गर्मी
वरना आसमान मे बादल छा जायेगी
भरी आसमान के बीच तुम्हे बना देगा बेशर्मी!
इंतजार कर रहा समस्त जीव लायेगा
शीतलता भरी सबेरा
नींद भी नही आ रही कहॉ डालुँ डेरा!
मानव पशु-पक्षी सब है जगा
गर्मी-गर्मी है सबको है ठण्डा पानी की प्यास
लगा!
इन गर्मी मे काम करना बंद कर दिया पंखा
एसी. फ्रिज
बेहतर नींद होगा वहॉ पर जहॉ पर है
हरी-भरी पेड़ नदी और ब्रीज!
ऐ गर्मी अपना घर जा जल्दी
वर्षा होने ही वाला है भींग जायेगा तेरा
लु-भरी वर्दी!
गर्मी अभी जा करने दे समस्त जीव को आराम
अभी शीतलता चाहिए,जब तुम्हारा काम
होगा तब लुँगा गर्मी तेरा नाम!
अभी नही है तेरा काम
ऐ मेरे दोस्त गर्मी तु मत हो इतना बदनाम,
ताकि कोई चॉहे नही तुझे
तुम हो गर्मी इतने महान तुम्हारे रोशन के
बिना किसी का राह ही नही सुझे!?
०रोशन कुमार झा
मो:-6290640716,रविवार00:36
17-06-2018

कविता :- 20(30)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

विषय :- ये पेड़ बहुत कुछ सीखा दिया
विधा :-  कविता

देखो-देखो इस आम के पेड़ को ,
और कुदरत की खेल को ।।

जितनी पेड़ की वज़न नहीं ,
हार मान लेने की इसे मन नहीं ।।
इस पेड़ सीख लिए
अब हार मानने वाला मैं रोशन नहीं ,
कौन कहा - मैं प्रसन्न नहीं ,

भले इस पेड़ को
अपने हाथों से लगाये थे ,
हम न इन्हें बकरी , जानवरों व
हालातों से बचाएं थे ।।
एक सौ में पिता
और दुर्गेश चाचा संग
मिथिला नर्सरी से लाएं थे ,
एक न तीन पेड़ लगाएं थे ‌‌।।

तीन में से दो हार गया ,
वह भी क्या साल गया ।।
शरीर जाते , कब यह संसार गया ,
पेड़ में लगे हुए आमों को देखकर
मेरे अंदर से हार मानने की विचार गया ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
गुरुवार , 17/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(30)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 38
Sahitya Ek Nazar
17 June 2021 ,   Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

शीर्षककविता-6(180)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(180)
दुख-द्रर्द के लिए प्रेम को पाला !?

मै नेहा राह अपने तनु दिल दिमाग में
दुख-द्रर्द पाने के लिए पाला,
मार्ग रोशन हुँआ दिखाबा के लिए मै लोगो
को कहता मै अपने स्नेह को हारा!
अविरान हुआ बाग निर्जन वन ही था बेहतर,
मुझे तो मालुम था छोड़ देगी मै क्युँ जाऊँ मर!
दुख है पर मन को बड़े कठोरता के साथ
समझाया हुँ,
गम की अंदाज मालुम चलते ही नही क्योंकि
मै हाजारो से मित्रता बनाया हुँ!
वर्षा में भीगंना हमे है नही पसंद
वह किसी और के बगियो में चली गयी मै
देखते रहा तमाशा क्युँ करते ऑखे बंद!
जख्म नही होता मार्ग होता नही रोशन
बनता नही कविता,
यह तो सही है उसे हारा पर पंक्ति के साथ
अपना नेहा भरी बंधन को चिरकार तक के
लिए है जीता!
जिससे हँसता हुँ भरता हुँ होठो पर मुस्कान,
कैसे करूँ अपना प्रेम भरी धन को सम्मान!
र्बबादी से आबाद किया कैसे दुँ उस बेचारी
को धन्यवाद,
मेरा सुख-दुख और मेरा नेहा भरी बाते
पाठको को याद आयेंगे कविता पढ़ने
के बाद,?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 सोमवार 07:05
18-06-2018 n photo
Ncc, pmkvy,E.Rly.Scouts
St john Ambulance

शीर्षककविता-6(181)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(181)
विधार्थी जीवन है मस्त?

विधार्थी जीवन है बढ़िया
तुलना अगल करुँ तो तुलना के लिए है
कमल की फुल और नदियॉ!
जो हमेशा नेहा भरी भावना से आगे बढ़ता है
और बढ़ाता है
जो आज पढ़ता है वही कल भरी होठो के
मुस्कान के साथ पढ़ाता है!
राहुल अरुण वुध ग्रह से सामना करके मार्ग
करता रोशन
नही घर द्वार की चिंता रहता हमेशा प्रसन्न!
कब आयी है बन्दुक से छुटे हुए गोली वापस
जिन्दगी भर कुछ ना कुछ सिखना पड़ेगा
विधार्थी जीवन है बड़े आंनद भाव से हँस!
पढ़ना लिखना याद करना बड़े कठिन से
समझना पड़ता,फिर भी सुख शान्ती से
जिन्दगी जीता है विधार्थी
पुरा विश्व के सिर्फ नही नेपाली अमेरिकन
और भारतीय!
कड़ी धुप,वर्षा,शरद मे जाना पड़ता
विधालय, महाविधालय व विश्वविधालय
पढ-लिखकर वही विधार्थी चलाता उच्च
सर्वोच्च,व अंर्तराष्ट्रीय न्यायलय!
पढ़ेगा तो बनेगा विध्दान,पण्डित
कवि,सैनिक नेता अभियन्तर
हार-जीत तो भाई-बहन है मत जाना सँघर्ष
से डर!
हिम्मत के साथ करना सामना
विधार्थी जीवन में जो ठान लेगा पुर्ण हो
जायेगा मनोकामना!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716सोमवार08:25
18-06-2018


हिन्दी कविता-12(57)
20-06-2019 वृहस्पतिवार  20:40
*®• रोशन कुमार झा
🐦🚹🚺-:तुम मैं!-🚺🚹🐦

तुम आकाश तो मैं पाताल हूँ,
तू नफ़रत तो मैं तेरी प्यार हूँ!
और मैं ना बीच का दीवार हूँ,
काम बनाता हूँ बनाकर क्योंकि मैं
बड़ा होशियार हूँ!

पास नहीं दूर हूँ,
अपने आप से मजबूर हूँ,
राह रोशन करना है इसलिए
बनकर फूल हूँ,
और क्या रास्ता का धूल हूँ!

तुम परीक्षा तो मैं शिक्षा हूँ
तू दान तो मैं भिक्षा हूँ!
तब तुम ऊपर और मैं नीचा हूँ
आगे तू और मैं पीछा हूँ!

यही मैं सीखा हूँ
और क्या ज़ख्म लिखा हूँ!
मीठा तू मैं तीखा हूँ
खुला हूँ पर मैं ना बिका हूँ,

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स क्रमांक-9
Roll no-2117-41-0024
Reg no:-117-1111-1018-17
मो-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(57)
20-06-2019  वृहस्पतिवार 20:40
Scottish church college में 14:00
से 17:00 room-6
Political science-3 Exeam
Priti,नितेश काट दी मेम PM
11 Pandey ncc Belur मिले हावड़ा
Ac market नेहा माँ मिली
राजेश साह पास मनीष पापा काम के
राहुल मुम्बई के बाद गाँव से
कलकत्ता आया📕Ncc🌞🌍🌅

Dr. Anil sharma
'साहित्य एक नजर' कोलकाता से प्रकाशित दैनिक साहित्यिक पत्रिका ने आज मेरे जन्मदिन पर यह सरप्राइज गिफ्ट देकर यह दिन यादगार बना दिया। धन्यवाद मित्र रोशन कुमार झा जी

कविता :- 20(33)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

सब कुछ मेरे पिता है ,
मेरे पालन पोषण में ही
इनके जीवन बीता है ‌।।
इनके आशीर्वादों से ही
हम हारकर भी जीता है ,
ये पिता श्री पर
एक कविता है ।।

पढ़ने के लिए
रामायण गीता है ,
मिथिला पुत्री सीता है ।
सब बताएं
बताने वाले पिता है ,
आज पिता दिवस
पिता दिवस पर रोशन
द्वारा रचित यह कविता है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
रविवार , 20/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(33)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 41
Sahitya Ek Nazar
20 June 2021 ,   Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

पितृ दिवस , Happy Father's Day
পিতৃ দিবস বা বাবা দিবস , 🙏🌹💐
1. रोशन कुमार झा
पिता - श्री श्रीष्टु झा

2. पूजा कुमारी
पिता - श्री परमेश्वर प्रसाद गुप्ता

अंक - 41

https://online.fliphtml5.com/axiwx/tjxw/

अंक - 40
https://online.fliphtml5.com/axiwx/neyx/

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 41

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

अंक - 41
20  जून  2021

रविवार
ज्येष्ठ शुक्ल 10 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 12
कुल पृष्ठ -  13

मो - 6290640716

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
88.आ. नेतलाल यादव जी

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 41 से 44 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/311880380574745/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 37 - 40
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/309307190832064/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 34 से 36
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आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 41 , रविवार
20/06/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 41
Sahitya Ek Nazar
20 June 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

_________________

कविता :- 20(32)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , दरभंगा , बिहार
विषय - अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के महत्व
विधा - निबंध

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की माँग के बाद 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय 
योग दिवस के प्रस्ताव को अमेरिका द्वारा मंजूरी दी गई , जिसके बाद सर्वप्रथम इसे 21 जून 2015 , रविवार को पूरे विश्व में विश्व योग दिवस के रूप में मनाया गया। योग मतलब एकता , जोड़ना । योग आपको होने नहीं देगा रोग । स्वस्थ रहने के लिए योग करना अति आवश्यक है । प्रत्येक दिन हमें कम से 15 से 20 मिनट तक योग करना चाहिए । योग शरीर के अंदर मजबूती पैदा करता है जिसके कारण हमारे शरीर बड़े - बड़े बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पाते हैं । योग मांसपेशियों को पुष्ट रखता है, योग करके हम अपनी मोटापा को कमा व अपने लम्बाई को बढ़ा सकते है । योग करने से हमारी मानसिक विकास में वृद्धि होती है । बाल्यावस्था में मानसिक विकाश बहुत तीव्र गति से होता हैै अतः अपने घर - परिवार के बच्चों  को प्रत्येक दिन योग करवाना चाहिए ताकि वे स्वस्थ रहें । सुबह - सुबह उठकर योग करते हुए सुबह का हवा का ग्रहण करना चाहिए , सुबह उठने  , योग करने से हमारे मन संतुष्ट रहता है , हम जो भी याद करते है उसे भूल जाते है , योग करने से हमारे मस्तिष्क का भी विकास होता है और याद करने की क्षमता को बढ़ाता है । योग करने से हमारे पाचन शक्ति बना रहता है ।हम सभी  विद्यार्थियों , राष्ट्रीय कैडेट कोर ( एनसीसी ) कैडेट्सों  , राष्ट्रीय सेवा योजना ( एनएसएस ) स्वंयसेवकों , भारत स्काउट गाइड सदस्यों , सेंट जॉन एम्बुलेंस , नेहरू युवा , आदि के स्वंयसेवकों का कर्त्तव्य है कि हम सभी अपने समाज में इस कोरोना काल में  सभी का सहारा बनकर योगदान करें , उन्हें योग के बारे में समझाएं , उनसे योग करवाएं ताकि उनका मन में नाकारात्मक विचार पैदा न हो , और वे बड़े- बड़े बीमारियों को योग करके हटा सके ।

सुबह - सुबह उठकर करें योग ,
तन मन से प्रसन्न रहकर रहें निरोग ।
सुबह - सुबह हवा का करें भोग ,
करें योग, योग करके भगाये रोग ‌।।

✍️ रोशन कुमार झा
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी
बी. ए , हिन्दी आनर्स द्वितीय वर्ष
राष्ट्रीय सेवा योजना
Roshan Kumar Jha

आदरणीय डॉ . अनिल जी
आपको जन्मदिन की
हार्दिक शुभकामनाएं
कितने साहित्यकारों को
आपने राह दिखाएं ।।
साहित्य जगत में
आप बड़ा काम आएं ,
हमेशा आपके जीवन (में )
खुशियां की सवेरा ही
कभी न आपके जीवन (में ) शाम आएं ।।

✍️ रोशन कुमार झा

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार

✍️ रोशन कुमार झा
कैडेट रोशन कुमार झा
पंजीकृत संख्या :- WB17SDA112047
कम्पनी :- पांचवीं , नरसिंहा दत्त कॉलेज ,
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी
फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ,
पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शनिवार , 19/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(32)
✍️ रोशन कुमार झा ,
Roshan Kumar Jha
, রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 40
Sahitya Ek Nazar
19 June 2021 ,    Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
कविता :- 20(31)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

विषय :- गिराकर आगे बढ़ना ठीक नहीं ।
विधा :- कविता

किसी को गिरा कर आगे
बढ़ना ठीक नहीं ,
चाहिए हमें ये भीख नहीं ।।
मेहनत के हिसाब से ही
चाहिए फल
चाहिए उससे अधिक नहीं ,
मंजिल तक जाना पड़ता
मंजिल किसी के नज़दीक नहीं ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शुक्रवार , 18/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(31)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 39
Sahitya Ek Nazar
18 June 2021 ,   Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

हिन्दी कविता-12(56)
19-06-2019 बुधवार 20:56
*®• रोशन कुमार झा
-:सही में क्या हूँ कमाल!-

क्या बताऊँ पवन वर्षा तूफ़ान की हाल
राह रोशन करना है हटाना है अंधकार!
अपना ही तो दुख दर्द है यार
दो शब्द ही लिखे है कहते हो
किये है कमाल!

अगल कमाल किये तो क्या हुआ
हमें बनने दो हँसुआ!
और कुछ नहीं भाई हमें दे दो दुआ
समंदर बनना है अभी तो हम
बनकर है कुआँ!

जो स्थिर हूँ,रुका हूँ
ज़ख्म का भूखा हूँ!
पत्थर की तरह सूखा हूँ
नकामी पर थूका हूँ
पर मैं ना रुका हूँ!

सही में क्या हूँ कमाल
बोल मेरे भाई हूँ ना हमसब एक ही
भारत माता के लाल!
तो कोई बनेंगे कवि कोई बनेंगे अनुवादक
तो कोई बनेंगे होशियार
तब बता कैसा लगा आज का कविता
मेरे यार!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(56)
19-06-2019 बुधवार 20:56
पवन कल कविता पर कमाल बोले!
N.D.college St John Ambulance
E.Rly,scouts Howrah
31st Bengal Bn Ncc
पापा गाँव गये पप्पु बहन शादी में पकंज
SL Bandel से राजन
राहुल गाँव से कलकत्ता
मशीन बेन पर से गिर गया,कागज
LNMUआशीष(रानी कोमल-12 Ankit
किताब-HIST,EDCN,POL,SC



हिन्दी कविता-12(57)
20-06-2019 वृहस्पतिवार  20:40
*®• रोशन कुमार झा
🐦🚹🚺-:तुम मैं!-🚺🚹🐦

तुम आकाश तो मैं पाताल हूँ,
तू नफ़रत तो मैं तेरी प्यार हूँ!
और मैं ना बीच का दीवार हूँ,
काम बनाता हूँ बनाकर क्योंकि मैं
बड़ा होशियार हूँ!

पास नहीं दूर हूँ,
अपने आप से मजबूर हूँ,
राह रोशन करना है इसलिए
बनकर फूल हूँ,
और क्या रास्ता का धूल हूँ!

तुम परीक्षा तो मैं शिक्षा हूँ
तू दान तो मैं भिक्षा हूँ!
तब तुम ऊपर और मैं नीचा हूँ
आगे तू और मैं पीछा हूँ!

यही मैं सीखा हूँ
और क्या ज़ख्म लिखा हूँ!
मीठा तू मैं तीखा हूँ
खुला हूँ पर मैं ना बिका हूँ,

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स क्रमांक-9
Roll no-2117-41-0024
Reg no:-117-1111-1018-17
मो-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(57)
20-06-2019  वृहस्पतिवार 20:40
Scottish church college में 14:00
से 17:00 room-6
Political science-3 Exeam
Priti,नितेश काट दी मेम PM
11 Pandey ncc Belur मिले हावड़ा
Ac market नेहा माँ मिली
राजेश साह पास मनीष पापा काम के
राहुल मुम्बई के बाद गाँव से
कलकत्ता आया📕Ncc🌞🌍🌅

Dr. Anil sharma
'साहित्य एक नजर' कोलकाता से प्रकाशित दैनिक साहित्यिक पत्रिका ने आज मेरे जन्मदिन पर यह सरप्राइज गिफ्ट देकर यह दिन यादगार बना दिया। धन्यवाद मित्र रोशन कुमार झा जी

कविता :- 20(33)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

सब कुछ मेरे पिता है ,
मेरे पालन पोषण में ही
इनके जीवन बीता है ‌।।
इनके आशीर्वादों से ही
हम हारकर भी जीता है ,
ये पिता श्री पर
एक कविता है ।।

पढ़ने के लिए
रामायण गीता है ,
मिथिला पुत्री सीता है ।
सब बताएं
बताने वाले पिता है ,
आज पिता दिवस
पिता दिवस पर रोशन
द्वारा रचित यह कविता है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
रविवार , 20/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(33)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 41
Sahitya Ek Nazar
20 June 2021 ,   Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

पितृ दिवस , Happy Father's Day
পিতৃ দিবস বা বাবা দিবস , 🙏🌹💐
1. रोशन कुमार झा
पिता - श्री श्रीष्टु झा

2. पूजा कुमारी
पिता - श्री परमेश्वर प्रसाद गुप्ता

अंक - 41

https://online.fliphtml5.com/axiwx/tjxw/

अंक - 40
https://online.fliphtml5.com/axiwx/neyx/

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 41

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

अंक - 41
20  जून  2021

रविवार
ज्येष्ठ शुक्ल 10 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 12
कुल पृष्ठ -  13

मो - 6290640716

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
88.आ. नेतलाल यादव जी

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 41 से 44 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/311880380574745/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 37 - 40
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/309307190832064/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 34 से 36
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/307342511028532/?sfnsn=wiwspmo

फेसबुक - 1

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1138336910013195/

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फेसबुक - 2

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/312491897180260/?sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/312503007179149/?sfnsn=wiwspmo

आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 41 , रविवार
20/06/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 41
Sahitya Ek Nazar
20 June 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

_________________

कविता :- 20(32)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , दरभंगा , बिहार
विषय - अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के महत्व
विधा - निबंध

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की माँग के बाद 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय 
योग दिवस के प्रस्ताव को अमेरिका द्वारा मंजूरी दी गई , जिसके बाद सर्वप्रथम इसे 21 जून 2015 , रविवार को पूरे विश्व में विश्व योग दिवस के रूप में मनाया गया। योग मतलब एकता , जोड़ना । योग आपको होने नहीं देगा रोग । स्वस्थ रहने के लिए योग करना अति आवश्यक है । प्रत्येक दिन हमें कम से 15 से 20 मिनट तक योग करना चाहिए । योग शरीर के अंदर मजबूती पैदा करता है जिसके कारण हमारे शरीर बड़े - बड़े बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पाते हैं । योग मांसपेशियों को पुष्ट रखता है, योग करके हम अपनी मोटापा को कमा व अपने लम्बाई को बढ़ा सकते है । योग करने से हमारी मानसिक विकास में वृद्धि होती है । बाल्यावस्था में मानसिक विकाश बहुत तीव्र गति से होता हैै अतः अपने घर - परिवार के बच्चों  को प्रत्येक दिन योग करवाना चाहिए ताकि वे स्वस्थ रहें । सुबह - सुबह उठकर योग करते हुए सुबह का हवा का ग्रहण करना चाहिए , सुबह उठने  , योग करने से हमारे मन संतुष्ट रहता है , हम जो भी याद करते है उसे भूल जाते है , योग करने से हमारे मस्तिष्क का भी विकास होता है और याद करने की क्षमता को बढ़ाता है । योग करने से हमारे पाचन शक्ति बना रहता है ।हम सभी  विद्यार्थियों , राष्ट्रीय कैडेट कोर ( एनसीसी ) कैडेट्सों  , राष्ट्रीय सेवा योजना ( एनएसएस ) स्वंयसेवकों , भारत स्काउट गाइड सदस्यों , सेंट जॉन एम्बुलेंस , नेहरू युवा , आदि के स्वंयसेवकों का कर्त्तव्य है कि हम सभी अपने समाज में इस कोरोना काल में  सभी का सहारा बनकर योगदान करें , उन्हें योग के बारे में समझाएं , उनसे योग करवाएं ताकि उनका मन में नाकारात्मक विचार पैदा न हो , और वे बड़े- बड़े बीमारियों को योग करके हटा सके ।

सुबह - सुबह उठकर करें योग ,
तन मन से प्रसन्न रहकर रहें निरोग ।
सुबह - सुबह हवा का करें भोग ,
करें योग, योग करके भगाये रोग ‌।।

✍️ रोशन कुमार झा
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी
बी. ए , हिन्दी आनर्स द्वितीय वर्ष
राष्ट्रीय सेवा योजना
Roshan Kumar Jha

आदरणीय डॉ . अनिल जी
आपको जन्मदिन की
हार्दिक शुभकामनाएं
कितने साहित्यकारों को
आपने राह दिखाएं ।।
साहित्य जगत में
आप बड़ा काम आएं ,
हमेशा आपके जीवन (में )
खुशियां की सवेरा ही
कभी न आपके जीवन (में ) शाम आएं ।।

✍️ रोशन कुमार झा

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार

✍️ रोशन कुमार झा
कैडेट रोशन कुमार झा
पंजीकृत संख्या :- WB17SDA112047
कम्पनी :- पांचवीं , नरसिंहा दत्त कॉलेज ,
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी
फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ,
पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शनिवार , 19/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(32)
✍️ रोशन कुमार झा ,
Roshan Kumar Jha
, রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 40
Sahitya Ek Nazar
19 June 2021 ,    Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
कविता :- 20(31)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

विषय :- गिराकर आगे बढ़ना ठीक नहीं ।
विधा :- कविता

किसी को गिरा कर आगे
बढ़ना ठीक नहीं ,
चाहिए हमें ये भीख नहीं ।।
मेहनत के हिसाब से ही
चाहिए फल
चाहिए उससे अधिक नहीं ,
मंजिल तक जाना पड़ता
मंजिल किसी के नज़दीक नहीं ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शुक्रवार , 18/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(31)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 39
Sahitya Ek Nazar
18 June 2021 ,   Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

हिन्दी कविता-12(56)
19-06-2019 बुधवार 20:56
*®• रोशन कुमार झा
-:सही में क्या हूँ कमाल!-

क्या बताऊँ पवन वर्षा तूफ़ान की हाल
राह रोशन करना है हटाना है अंधकार!
अपना ही तो दुख दर्द है यार
दो शब्द ही लिखे है कहते हो
किये है कमाल!

अगल कमाल किये तो क्या हुआ
हमें बनने दो हँसुआ!
और कुछ नहीं भाई हमें दे दो दुआ
समंदर बनना है अभी तो हम
बनकर है कुआँ!

जो स्थिर हूँ,रुका हूँ
ज़ख्म का भूखा हूँ!
पत्थर की तरह सूखा हूँ
नकामी पर थूका हूँ
पर मैं ना रुका हूँ!

सही में क्या हूँ कमाल
बोल मेरे भाई हूँ ना हमसब एक ही
भारत माता के लाल!
तो कोई बनेंगे कवि कोई बनेंगे अनुवादक
तो कोई बनेंगे होशियार
तब बता कैसा लगा आज का कविता
मेरे यार!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(56)
19-06-2019 बुधवार 20:56
पवन कल कविता पर कमाल बोले!
N.D.college St John Ambulance
E.Rly,scouts Howrah
31st Bengal Bn Ncc
पापा गाँव गये पप्पु बहन शादी में पकंज
SL Bandel से राजन
राहुल गाँव से कलकत्ता
मशीन बेन पर से गिर गया,कागज
LNMUआशीष(रानी कोमल-12 Ankit
किताब-HIST,EDCN,POL,SC



कविता :- 20(39)

कविता
बिहार की पहचान ।

जहाँ जन्म ली मर्यादा पुरुषोत्तम
राम की पत्नी सीता ,
राजा जनक जैसे पिता ‌‌।।
महाकवि विद्यापति,
नागार्जुन और दिनकर की कविता ।।
आज ही न सदियों से
भारत को आगे बढ़ाने
में बिहार का सहयोग ही था ।।

मुजफ्फरपुर के लीची ,
हाजीपुर का केला ।
पटना राजधानी ,
गया में ही मिटे गौतम
बुद्ध का अंधेरा ।।
छठी माई का पूजा , सोनपुर का मेला ,
लिट्टी चोखा खाना अपना ,
बिहार हमारा गुरु हम रोशन उसका चेला ।।

बांग्ला और उड़िया अक्षर का हुआ
मिथलाक्षर से ही निर्माण ,
स्वंय आये बिहार के मिथिलांचल
भूमि पर शिव शंकर और राम भगवान ।।
आम , लीची , फल - फूल खेत में भरा धान ,
मैथिली , मगही, भोजपुरी ,
उर्दू , हिन्दी बोले जाने वाला हैं ये स्थान ।।
यहीं से आर्यभट्ट दिए दुनिया को शून्य ,
माता गंगा यहीं से गुजर कर की
बिहार पवित्र भूमि को पुण्य ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(39)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
शनिवार , 26/06/2021
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 47
Sahitya Ek Nazar
26 June 2021 ,   Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र 🌅
विश्व साहित्य संस्थान

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई

हिन्दी कविता-12(64)
26-06-2019 बुधवार 22:11
*®• रोशन कुमार झा
-: आ रहा हूँ !:-

कई महीनों कई सालों बाद,
किया हूँ गाँव घर का याद!
जहाँ बचपना में करते रहे वाद-विवाद,
राह रोशन हुआ फिर श्रावण आया
बीताकर आषाढ़!

आम के गाछी और जायेंगे बग़ीचा,
दादी माँ से हर रोज़ सुनेंगे क़िस्सा!
ध्रुव तारा देखकर बतायेंगे दिशा,
और क्या लेंगे लेंगे गाँव घर के
मजे में हिस्सा!

फिर आयेंगे गाँव से शहर,
आज नहीं कल;
अकेला बनाकर न दल
यही नीति रहे हमारी जीवन भर !

और इसी रास्ता पर चलूँ,
पर जीवन सम्पूर्ण करूँ!
किसी मुसीबत से मैं ना डरूं,
डरने से अच्छा है मैं लडूँ!

बार-बार मैं गाँव आऊँ,
दादा दादी जी के पाँव दबाऊँ!
आम रोटी खाऊँ,
गाँव आकर मैं फिर से शहर जाऊँ!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-12(64)
26-06-2019 बुधवार 22:11
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railway Scouts Howrah
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
सुभाष-100,अकेला देबू गाँव, वरूण नहीं
प्रहलाद को भगाये,चिकेन बाट
Nios admission:-2250

बंगाली कविता:-11(63)
26-06-2019 बुधवार 18:21
*®• रोशन कुमार झा
-: ऐई जीवोन !:-

जीवोन होईगेलो आमार ऐमोन,
निये निलो मोअन!
नोगला कोरे दिलो जीवोन,
की बोलबो आमी रोशन!

जानी ना कोथाई जावो,
कार सोंगे की खावो!
तुई ना आमाके और आमी ना तोमाके पावो,
परन्तु जैई काने थाकबो
भालो थाकबो!

बूझे छो
खुजे छो,
दरावे ना मोन,
एका दिन पूर्ण होई जावे जीवोन!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-12(63)
26-06-2019 बुधवार 18:21
LNMU Merit List कल
1) 311 R.K.college Madhubani
219-(36 Wating)
2) 307 J.N.college Madhubani
146-(5 waiting)
3)301 B.M.College Rahika
(39)conform
4)304 D.B.College jainagar(58)Con
5)308 K.V.Sc College Uchhaith
Benipatti:- (30)Conform
6)327- R.N.J.Degree College
Madhwapur Madhubani
11 conform
7)313- V.S.J.College, Rajnagar
78(1 Waiting)
Darbhanga:-3561
Begusarai:-3095
Madhubani:-2521
Samastipur:-4110
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
Akash ने हा संग admission NIOS
12(Arts)2250(सुमित c rd 20)
सर बहन बेटी जटाधारी पार्क पास

शीर्षककविता-6(203)2हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा,6(203)2

छब्बीस जुन दो हजार अठारह दिन
मंगलवार,
ठान लो बंद करवाना है सिगरेट व दारू
बाजार!
हम आम जनता शिक्षक,नेता
स्काउट,सेंट जॉन ऐम्बुरेंस,एन.सी.सी
कैडेट हुँ विधार्थी,
विश्व को नशा के प्रति घ्रुणा फैलाना है
भले मै हुँ भारतीय!
जागरूकता फैलाने के लिए खड़े है
बेंटरा थाना पुलिस प्रशासन,
नशा छोडिये,दो शब्द कहा हुँ कविता के
माध्यम से मत समझीयेगा भाषण!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
26-06-2018मंगलवार09:45
मो:-6290640716
बेंटरा थाना पदयात्रा में लिखे नेहा कॉलेज
St john Ambulance Howrah
Nursingh dutt college
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047
Pmkvy Liluah Howrah 1283f
Electrician
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
Surendranath evening college
Kolkata india
51\9 kumar para lane Liluah
Howrah 711204 West-Bengal
सलकिया विक्रम विधालय मेन

शीर्षककविता-6(203)1हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(203)1
समाज सेवा में जिन्दगी बीता!?

समाज सेवा में जिन्दगी बीता,
कुछ तो समाज में करके जा एक दिन तो
जल ही जायेंगी चिता!
पदयात्रा,रेलवे सुरक्षा सुरक्षित जिन्दगी जीना
सीखा,
अँधेरा मार्ग रोशन करके हर एक को
सफल-ए-राह दिखा!
नेहा भरी भावना से समाज के प्रति
कोई उपाय निकाल,
एक दिन में समाज क्या मै खुद नही बदल
सकते बदलने में लगेगी कई साल!
हिन्दुस्तान के बंगाल स्थित हावड़ा बेंटरा
थाना से दे रहा हुँ शुभकामना,
वर्षा हो या तुफान सुरक्षित जिन्दगी
जीना सीखीये निकालिये अपने तनु
वक्ष- स्थल से एेसी भावना!
खुद तो खुद दुनिया के होठो पर भरीये
मुस्कान,
ताकि मरने के बाद भी याद करे जहान!
हम- आप मिलकर बंद करगें सिगरेट
शाराब ध्रुमपान,
बचिये और बचाईये खुदा ईश्वर मसीहा
के तोफा हुँआ करोड़ो  का जान!
मरूस्थल  को अविरान बाग में कर
सकते है निर्माण,
क्योंकि इस संसार मे सबसे बुध्दी जीवी
व बंलवंत कहलाते है हम इंसान!
आइये सब मिलकर खाते है कसम
करेगें नही कोई भी नशा,
खुद बदलेंगे पदयात्रा के माध्यम से
बदलेंगे दुनिया की दशा!
पुष्ठ:-01
रोशन कुमार झा,मो:-6290640716

कविता :- 20(38)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

पता न क्या होगा छात्रों का भविष्य ,
घर बैठे परीक्षा की माँग कर रहे है
आजकल का शिष्य ।।
ऑनलाइन परीक्षा करवाकर
ये सरकार पिला रही है विष ,
बड़ा फेरबदल कर दिया
वर्ष दो हज़ार उन्नीस और बीस ।।

समय पर परीक्षा न
करवा रहे है
समय पर चुनाव ,
कोई और नहीं
मैं देश नहीं झुकने दूंगा
नारा लगाने वाला
उन्हीं का है ये स्वभाव ,
जागो . जागो
बढ़ाओं अपना पाँव ,
ये नेता आते प्रचार करने चुनाव के
समय में ही शहर और गाँव ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शुक्रवार , 25/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(38)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 46
Sahitya Ek Nazar
25 June 2021 ,   Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

उत्तर बिहार , मिथिलांचल को मिली एक नई उपहार ,
मधुबनी स्थिति रांटी चौक के चंद्रा कॉम्प्लेक्स , मोल , बाज़ार  ।

CHANDRA COMPLEX

Marriage Hall
Banquet Hall
Family Restaurant
Parking facility
Lodging & Boarding

Hotel chandralok

Ranti Chowk to Jaldhari Chowk By Pass
Road , Madhubani , Bihar , India
Mob 📱 - 7280038041 , 7280038042

Space Available for
Shopping Mall

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान

हिन्दी कविता-12(61)
24-06-2019 सोमवार 20:19
*®• रोशन कुमार झा
-भूल जाऊँगा!-

भूल जाऊँगा
दूर जाऊँगा
खुल जाऊँगा
पर मैं ना लौटकर आऊँगा!

प्रकृति के प्रेम में डूब जाऊँगा
अकेला हूँ अब अपने चेहरे को हँसाऊँगा!
कहीं आऊँगा
ना जाऊँगा
राह रोशन करके जीवन में एक नया
मोड़ लाऊँगा!

नहीं याद करूँगा
नहीं तड़फुंगा
और नहीं मरूँगा
अब तो मैं सँघर्ष से लड़ूँगा!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स क्रमांक-9
Reg no-117-1111-1018-17
Roll no-2117-41-0024
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(61)
24-06-2019 सोमवार 20:19
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
Narasinha Dutt college St John
Ambulance#Pmkvy
The Bharat scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi#LNMU
IGNOU-BPP-191081735
B.A Part-1 CU from जमा-360
Suggestion-40
L.A Howrah-car Driving
LL TEST SLOT 1193628519 on
24-07-2019at10:30-15:00
08:00SMS
डायरी-12-13(70)File-200
नेहा पढ़ाये मिली आयीLiluah sec
PNB-1600-1200A

प्रेरणा सद्भावना सम्मान
प्रेरणा पत्रिका के अंक 57 में रचनात्मक योगदान के लिए
सर्व आदरणीय/श्री
स्वाति जैसलमेरिया,
अर्पणा दुबे,
विनोद कुमार सीताराम दुबे,
पं. राकेश मालवीय मुस्कान,
आर के शर्मा,
सरिता त्रिपाठी,
आनंद नारायण पाठक'अभिनव',
प्रो शरद नारायण खरे,
मीना दुगड़,
मनीषी सिन्हा,
अजय जैन,
डॉ.पुष्पलता,
विभोर अग्रवाल,
डॉ महताब अहमद आजाद,
कमलेश मुद्गल,
सुखमिला अग्रवाल भूमिजा,
संध्या वर्मा, मीना जैन,
सविता वर्मा ग़ज़ल,
सतेंद्र शर्मा तरंग,
डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय,
मुकेश मैथिल,
रेनू बाला सिंह,
सुमन वर्मा,
मीनाक्षी सुकुमारन,
मधु वैष्णव मान्या,
डॉ विजय लक्ष्मी,
मो.मुमताज हसन,
वंदना खरे,
डॉ प्रमोद कुमार शर्मा प्रेम,
रुपेश कुमार,
डॉ अमिताभ पांडेय,
आरती तिवारी सनत,
राजेश तिवारी मक्खन,
पेंटर मदन,
कुमुद कुमार,
सुशीला शर्मा,
नीमा शर्मा,
तुषार मुद्गल,
शिवेंद्र कौशिक,
महेश चंद्र शर्मा,
डॉ संध्या श्रीवास्तव,
डॉ भूपेंद्र कुमार,
रंजना बिनानी'काव्या',
रेनू मिश्रा दीपशिखा,
आभा मिश्रा,
कलावती कर्वा,
अभिनव कुमार शर्मा,
गीता पांडेय अपराजिता,
सरोज दुगड़,
डा अरुण कुमार शास्त्री,
योगेश शर्मा संपादक मणिकूट संदेश,
रोशन कुमार झा संपादक साहित्य एक नजर,
सुनीता गुप्ता,
डॉ अशोक रस्तोगी,
देव मेहरानियां,
अल्पना जैन,
विवेक आहूजा,
सुषमा दीक्षित शुक्ला,
प्रदीप डेजी,
डॉ महेश मधुकर,
डॉ हितेन सिंह तड़प,
बाबा कल्पनेश,
डॉ मीरा त्रिपाठी पांडेय,
अशोक विश्नोई,
रूबी गुप्ता,
नीलिमा मिश्रा,
नरेन्द्र जीत अनाम,
शीतल विजय भूतेश्वर,
सुनीता रानी राठौर,
पूनम चौहान,
रमेश माहेश्वरी राजहंस,
डॉ अजय जनमेजय,
विवेक गुप्ता,
सुरेंद्र मुनोत UN News24,
डॉ कुसुम चौधरी,
डॉ सुनील कुमार परीट,
घनश्याम बादल,
पन्नालाल शर्मा संपादक अमृत राजस्थान

कविता :- 20(37)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस

न करेंगे और नहीं करने देंगे नशा ,
सुधारेंगे मिलकर विश्व की दशा ।।

मनाओ अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस ,
करों नशीली पदार्थों का तहस नहस ।।

✍️ रोशन कुमार झा
Name - Cdt Roshan Kumar Jha
Reg no - WB17SDA112047
Mob - 6290640716
31st Bengal Bn Ncc Fort William
Kolkata -B , National Cadet Corps Directorate - West Bengal & Sikkim
Coy - 5 ( N.D.College )
Narasinha Dutt College , Howrah

सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
वृहस्पतिवार , 24/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(37)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 45
Sahitya Ek Nazar
24 June 2021 ,   Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

Ncc

International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस

ज्ञान की बात आपके साथ

कितने आश्चर्य की बात है... भारत के 29 राज्यों के नाम श्री. संत तुलसीदास जी के एक दोहे में समाई हुई है। क्या संयोग बना है... 😍😍

" राम नाम जपते अत्रि मत गुसिआउ।
पंक में उगोहमि अहि के छबि झाउ।। "

---------------------- | ------------------    
जिसने ख़ोज की होगी उसको नमन है
रा - राजस्थान      | पं- पंजाब
म - महाराष्ट्र         | क- कर्नाटक
ना - नागालैंड       | मे- मेघालय
म - मणिपुर         | उ- उत्तराखंड
ज - जम्मू कश्मीर  | गो- गोवा
प - पश्चिम बंगाल   | ह- हरियाणा
ते - तेलंगाना         | मि- मिजोरम
अ - असम        |   अ- अरुणाचल प्रदेश
त्रि - त्रिपुरा     | हि- हिमाचल प्रदेश
म - मध्य प्रदेश     | के- केरल
त - तमिलनाडु     | छ- छत्तीसगढ़
गु - गुजरात         | बि- बिहार  
सि - सिक्किम     | झा- झारखंड
आ- आंध्र प्रदेश   | उ- उड़ीसा
उ - उत्तर प्रदेश    |

अत्यंत आश्चर्यजनक...👌🌺👏👏👏👏🙏💐🌹🌅🌍
जय श्री राम ,

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 45 , गुरुवार , 24/06/2021
हिन्दी कविता-12(61)
24-06-2019 सोमवार 20:19
*®• रोशन कुमार झा
-भूल जाऊँगा!-

भूल जाऊँगा
दूर जाऊँगा
खुल जाऊँगा
पर मैं ना लौटकर आऊँगा!

प्रकृति के प्रेम में डूब जाऊँगा
अकेला हूँ अब अपने चेहरे को हँसाऊँगा!
कहीं आऊँगा
ना जाऊँगा
राह रोशन करके जीवन में एक नया
मोड़ लाऊँगा!

नहीं याद करूँगा
नहीं तड़फुंगा
और नहीं मरूँगा
अब तो मैं सँघर्ष से लड़ूँगा!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स क्रमांक-9
Reg no-117-1111-1018-17
Roll no-2117-21-0024
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-12(61)
24-06-2019 सोमवार 20:19
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
Narasinha Dutt college St John
Ambulance#Pmkvy
The Bharat scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi#LNMU
IGNOU-BPP-191081735
B.A Part-1 CU from जमा-360
Suggestion-40
L.A Howrah-car Driving
LL TEST SLOT 1193628519 on
24-07-2019at10:30-15:00
08:00SMS
डायरी-12-13(70)File-200
नेहा पढ़ाये मिली आयीLiluah sec
PNB-1600-1200A

शीर्षककविता-6(201)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(201)
बनो कुछ अलग!?

अगल कुछ बनना है तो बनो कुछ अलग,
मै नही कहता,कहता जग!
बीत गया वह पल,
जब तुम्हारे पास था दल!
अँधेरा में कोन देता साथ
मार्ग रोशन होने के बाद ही कोइ करता
सीधी मुँह बात!
देखते-देखते गया कई वर्ष बीत
अपनाये नही नेहा नही नफरत तब
जाकर कही हुँआ हार तो कही हुँआ जीत!
वर्षा हुई पर ,भींगा भी नही घर
लोग कहता बाढ़ से ग्रस्त है शहर!
समनदर में आया भी नही लहर
उजड़ गया घोसड़ा जिसे बनाते रहे जिन्दगी
भर!
हार मत कुछ कर अलग से अविष्कार,
जो अभी तक हुँआ नही व्यवहार!
भर होठ पर मुस्कान रख दुनिया का ख्याल,
बस कर एक नई अविष्कार!
मै नही कहता कहता यह संसार
वह विश्व- प्रेम भाईचारा!
जिसका लगा है सबको प्यास
यही है नई अविष्कार हर कोई कर सकता
है अभ्यास!
जन-जन जब देंगे संग
तब खुन नही हर राहो मे नजर आयेंगे
हर-भरा रंग!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
24-06-2018रविवार12:19 pmkvy
(मॉ पापा गॉव) मो:- 6290640716
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no- WB17SD112047


कविता :- 20(36)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

कुछ बातें थी कहने से डर गये ,
कोई मंजिल तक तो कोई
वापस घर गये ।
और कोई न घर , न मंजिल तक
वे बीच राह में ही बदल गये ,
छोड़ो हटाओ उन बातों को
देखो बीते हुए कल गये ।।

कहां भटके , कहां कहीं
हम आंचल गये ,
पता न कैसे अपनी चाह
में पड़ गये ।
सुख - दुख आएं फिर चल गये ,
पुरानी बातों की यादों
से फिर आज आँखों
में आँसू भर गये ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
बुधवार , 23/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(36)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 44
Sahitya Ek Nazar
23 June 2021 ,   Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
Ncc

International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking

शीर्षककविता:-6(198)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(198)
कर्म कर राह बनते जायेगा अपने आप!?

मै नही ढुढ़ा स्कुल कॉलेज ,विश्वविधालय महाविधालय खोजा हमको,
क्या बताऊँ कर्म के बारे में दुनिया तुमको!
प्रमाण-पत्र राह दिखाते अँधेरा से मार्ग
रोशन करता ग्यान,
मै नही कहता, कहता विग्यान!
वर्षा ऑधी तुफान में जो रखा होठ
पर मुस्कान,
नेहा नही सँंघर्ष राह से जो लड़ा वही पाया
बीच बाजारो मे सबके सामने सम्मान!
घर से निकलो बनकर चिड़िया,
अमेरिका,नेपाल भारत न्युर्याक जाने से क्या,
सफलता की राह ही है नदियॉ,
जो बहता हमेशा,
राह मे चलते ही चमकता बाहरी दिखावा से
नही अन्दर की कला से हिमालय पर्वत जैसा!
हावड़ा कलकता नही कर लेता दुनिया मोहित,
पैसो धन से नही अपना मधुर वचन व
कला से लेता दुनिया जीत!
विश्वविधालय,महाविधालय,सैनिक रेलवे,शिक्षक,कवि और भी संस्था देता संग!
अकेला रहकर प्रसन्न रहना ही तो है जिन्दगी
जीने का ढंग!
तो बनो दुनिया से कुछ अलग,
ताकि महानता में जाने आपको जग?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716शनिवार09:17
हावड़ा रेलवे स्टेशन पर05
नेहा बॉगेवासी कॉलेज

कविता :- 20(35)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

कल से नहीं शिक़ायत
हमें आज से है ,
अपनी व्यवहार
और आवाज़ से है ।।
हमें लगाव न पद न राज से है ।
ये आँसू  समाज का दिया हुआ है
इसे मत समझो कि ये गिरता आँसू
प्याज से है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मंगलवार , 22/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(35)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 43
Sahitya Ek Nazar
22 June 2021 ,   Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

हिन्दी कविता-12(59)
22-06-2019 शनिवार 19:15
*®• रोशन कुमार झा
-:भाई सुमित !:-

भाई सुमित
आप पर गा रहा हूँ गीत!
आते-जाते रहेंगे पवन वर्षा शीत
आप से कुछ कहना रहा वह कैसे बताऊँ
वह वक्त ही गया बीत!

राह रोशन में कहाँ से आया यह बाधा
संग में जीने मरने का रहा इरादा!
कहाँ गया जो किये रहे वादा
छोड़कर चले गये तड़फ रहे है आपके
दोस्त यार और राधा!

क्या कमी रहा इस बाजार में
या हम दोस्त यार में!
बात को छिपाकर रखे रहे चार दीवार में
बताये तो होते किस बीमारी का इलाज
है ना इस संसार में,

अगल इलाज ना होता तो छपवा
दिये होते अख़बार में
जाने से रोक नहीं पाये हम अपनी
दोस्त यार में!
दिल्ली मुम्बई में ही नही पूरा संसार में
याद करते रहेंगे आपको योग दिवस के
दिन हर एक साल में!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-12(59)
22-06-2019 शनिवार 19:15
E.Rly,Scouts Howrah,Ncc
Bamangachi(R-1000)रात
राजन 6400(realms c2)मोबाइल
Microsoftअंकित वाला राहुल से
मेरा 3500 राजन वाला राहुल वाला 3g
हम part-1 Hisg-1polकॉलेज गये बंद
18:30ड्युटी आये राजन को मारे निशाना




कविता :- 20(34)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

विवाह , जनेऊ , मुंडन ,
इसी में होता एक दूसरे का दर्शन ।।
कलकत्ता , दिल्ली , मुम्बई
लोग जाते बाहर कमाने धन ,
आज इक्कीस जून
तो रोशन
कर लो योगा , रहों प्रसन्न ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
सोमवार , 21/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(34)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 42
Sahitya Ek Nazar
21 June 2021 ,   Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय , दरभंगा , बिहार
विषय - वैश्विक महामारी के समय में योग का महत्व
विधा - निबंध

प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। कोविड - 19 कोरोना काल में कोरोना - वायरस के चलते दुनिया तहस नहस हो गया , लॉकडाउन जैसे मुसीबत का सामना करना पड़ा । घर पर रहकर समय व्यतीत करना पड़ता रहा। लोगों का मन घर में बैठकर व दुखद समाचार सुनकर मन उभते गया , जैसे कि हम सभी जानते है खाली दिमाग़ में शैतान का वास होता है । ऐसे समय में कितनों ने आत्महत्या कर ली  इस वैश्विक महामारी में दुनिया की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई । घर परिवार के लोग एक दूसरे को देखने नहीं मांगते थे  , सभी घर पर बैठकर समय बीताते थे मोबाइल , टी.बी देखकर लोगों का मन उभ जाता रहा तो लोगों ने योग का सहारा लिया ।

राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह ' दिनकर ' जी अवकाश वाली सभ्यता कविता में सही कहें है -

अवकाशवाली सभ्यता
अब आने ही वाली है
आदमी खायेगा , पियेगा
और मस्त रहेगा
अभाव उसे और किसी चीज़ का नहीं ,
केवल काम का होगा
वह सुख तो भोगेगा ,
मगर अवकाश से त्रस्त रहेगा
दुनिया घूमकर
इस निश्चय पर पहुंचेगी
कि सारा भार विज्ञान पर डालना बुरा है

कोरोनावायरस के समय में लोगों अपने घर , छत पर सुबह-सुबह योग करके सकारात्मक सोचों का ग्रहण करके अपने दिन की शुरूआती करते थे । योग से उनका मनोबल बना रहता था कि जैसे कि हम सभी जानते है योग होने देता न रोग , इस कथन को ध्यान में रखते हुए मुसीबत के समय में योग का सहारा लिया ,

चला व चले जा रहें हैं कोरोना काल ,
लिए योग का सहारा पूरे संसार ।।
योग में ही है हर बीमारियों का उपचार ,
किए हम सभी नियमों का पालन
गया न कोरोना हार ।।

✍️ रोशन कुमार झा
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी
बी. ए , हिन्दी आनर्स द्वितीय वर्ष
राष्ट्रीय सेवा योजना
Roshan Kumar Jha

साहित्य एक नज़र में प्रकाशित -
विश्व साहित्य संस्थान
    🙏 प्रथम वर्ष 🌅
20/06/2020 , शनिवार से  20/06/2021 , रविवार
एक साल हो गया विश्व साहित्य संस्थान का














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