साहित्य एक नज़र, कोलकाता , अंक - 459 , कविता - 24(49) , फेसबुक - 2 , शुक्रवार , 12/08/2022

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शीर्षककविता:-7(011)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(011)
क्या निशाना लगाये!?
मेरा तीर का क्या निशाना था,
एक तरफ हम दुसरें तरफ यह जमाना था!
हालात मजबुर था,
मन में सपना सजॉ लिए थे मगर रिश्ता
ही दुर था!
कपड़ा काला,श्वेत,जबरदस्त रंग लाल था,.
सोन्दर्यता में उपमा किससे करते करने
के लिए कुछ था ही नही मगर चन्द्रमा
जैसा गोरा-गोरा गाल था!
कवि सैनिक शिक्षक विधार्थी,समस्त जीव
भरी क्षावण बंसत देखकर प्रसन्न था,
जुलाई महीना था हँसते कैसे स्थिर ही
नही मेरा मन था!
सुर्य के रोशन भी उस सुन्दरता के रोशनी
में कम था,
काले-काले बादलो के बीच स्थिर
सितारा में ही मेरा दम था!
उस सितारा का क्या निशाना था,
मुझे और कही नही हमे उसी बगिया में
जाना था!
पुजा पाठ अर्चन कहॉ जबरदस्त दर्शन था,
तारे तो कई थे मगर उसी सितारा में मेरा
आर्कषण था!
चॉकलेट खिलाये खाये नही मगर स्वाद
मिठासा था,
अरे मै देखकर इतना प्रसन्न था ,पुछो मत
क्योंकि वह परी की रानी सितारा ही
मेरे पास था!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,शनिवार 00:15
07-07-2018,Ncc, Pmkvy, E.Rly,
Scouts, st john Ambulance (N.D.College)
Roshan kumar jha

शीर्षककविता:-7(012)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(012
उठ जग मेरे दोस्त प्रमोद!

कुछ बिगड़ा नही अभी बाकी है ले लो
दो अक्षर का बोध,
कुछ ऐसा बनो ताकि उड़े हुए पक्षी भी
पछताये गलत हम थे गलत था नही प्रमोद!
हँसो-मुस्कुराओ,
दुख द्रर्द है पर बीती हुई बातो को भुलाओ,
नेहा भरी राह में पुजा करना नही दोबारा,
मुर्ख तो हमलोग थे जो प्यार पाने के लिए
बने नही आवाड़ा!
गुजारे एक साथ वर्षा ऑधी तूफान,
कमवक्त के प्यार में खो बैठे अपने होठो के मुस्कान!
मार्ग रोशन रहा करके गयी अँधेरा,
स्वपना सँजाई मेरे संग पर चली गयी किसी
दुसरे के डेरा!
कभी खाई थी प्यार की कसम,
पलभर में बदल गयी देकर चली गयी गम,
कहॉ प्रेम रोग का उपचार है,
मुझे चॉहने वाले लोग भी हजार है!
इसी से संसार है,
आज के जमाने में प्यार बाजार है!
द्रर्द तो पाता है हमलोग जैसा इंसान,
जो प्यार को किये हर वक्त सम्मान!
मुसीबत में दिये साथ,
आज वही जिन्दगी में ला दी अँधेरी रात!
देकर गयी द्रर्द,दुख,
खजाना लुटना था इसलिए पलभर के
लिए दी थी सुख!
बनाओ जिन्दगी में नई रोड,
अकेला रहकर भी हँसते-मुस्कुराते रहना
मेरे दोस्त प्रमोद!
०रोशन कुमार झा
S.N.E.College
मो:-6290640716शनि07:05
07-07-2018

शीर्षककविता:-2(004)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 2(004)
मन में है ईश्वर!?

क्या कपलेश्वर,क्या तारकेश्वर,
मन जहॉ शान्ती है वही है परमेश्वर!
भुखे-प्यासे निर्जन पर्वत पहाड़ पर करते
है जाप,
पेट में भरकर रखे है सागरो पाप!
छल-कपट से राह रोशन करके हासील
किये है जीत,
दिखाबा करते है कि हम गाते है भगवान
के गीत,
करते है भक्ति मुख पर रखे है हँसी,
प्राणदान के जगह हत्या करते है हम कँसी!
करते है मन साधना से योग,
भोतकी संस्कुती की स्वतंत्र रूप से
करते है उपभोग!
निकम्भा रहेंगा हमारा यह भक्ति,
नही पा सकते हैं हम ईश्वर के शक्ति!
भक्ति की कुछ अलग ही ऐहसास है,
सुख-सुविधा के बिना जीना ही तो भक्ति
की प्रयाश है!
कर दो आज से ही भोतिकी संस्कुती
की त्याग,
ईश्वर मन में है पाने के लिए नही जाना
पड़ेगा काशी मथुरा प्रयाग!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716(कविता:-डायरी:-2(004)
04-09-2017  सोमवार 13:38
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc,:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
St john Ambulance (Howrah
Narasinha dutt college)

शीर्षककविता;-2(012)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 2(012)
क्या लव,क्या ऐरेंज मैरेज!?

क्या लव क्या ऐरेंज मैरेज,
जहॉ प्रेम ना हो उसे मै समझता हुँ कुड़ा
की गैरेज!
मार्ग रोशन करो पलभर की स्नेह भरी
मुस्कान है झुठ,
नेहा भरी राह में सफलता की वर्षा ऑधी
तूफान जायेगा छुट!
फिर पछताओगे,
क्या बीता हुँआ वक्त दोबारा लाओगे!
छोड़ो प्यार मोहब्बत,शादी,
इसमें किसका नही हुँआ र्बवादी!
क्या माता,क्या पिता,
मुसीबत मे जीवन साथी ही बन जाती चिता!
क्युँ करूँ किसी मैरेज पर आशा,
इससे अच्छा अभी से ही क्युँ ना बना
लुँ अकेलापन की परिभाषा!
लव हो या ऐरेंज मैरेज सभी देंगे
एक दिन छोड़,
क्युँ ना रिश्ता बनने से पहले ही दुँ उस
रिश्ते को तोड़!
सोहरत ऐसा ही रहे लोग हमे चॉहे,
किस्मत ऐसा ही हो कि हम किसी
के प्रेम ना पाये!
कभी करूँगा नही मैरेज,
ऐ दुनिया कसम कहो या कुछ भी कहो
यह मेरा है चैलेंज!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
08-09-2017शुक्रवार17:20
मो:-6290640716 कविता-2(012)
Chandan institute Bamangachi
Eastern Railways Scouts Howrah
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
St john Ambulance

शीर्षककविता:-12(76)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-12(76)
07-07-2019 रविवार 14:50
*®• रोशन कुमार झा
-:कुछ न आसान है !

जीवन में जान है,
प्राण है,
ज्ञान है,
विज्ञान है
पर जीना न आसान है!

हर कोई परेशान है,
खुशी में हाट बाजार,और दुख में
मन्दिर के भगवान है,
यह नीति अपनाने वाला कोई और नहीं
हम इंसान है,

राह रोशन नहीं अंधकार है,
हम अपने नीति से बीमार है!
अपना नहीं दूसरों का ख्या़ल है,
क्या यही जीवन से प्यार है!

खाना है
जाना है!
नया रूप लाना है
बगल में थाना है!

फिर भी डरा हूँ घूसख़ोर ज़माना है
क्योंकि हम भय का दिवाना है!
पर कुछ करने की निशाना है
अब बदल चुका हूँ पथ पर अपने जीवन
को ही सब कुछ माना है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता:-12(76)
07-07-2019 रविवार 14:50
सलकिया विक्रम विधालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John
Ambulance गये सुव्रत आया
घुसड़ी श्याम मन्दिर,dress bruss devu
Subash Liluah लाये
कल कविता रोशन नहीं लिखे

कविता :- 20(50)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

बोलने से बेहतर करना ...

बोल बोलकर थकना
बोलने से पहचान नहीं ,
बिना पहचान का कोई
स्थान नहीं ‌।
स्थान बिना कोई
सम्मान नहीं ,
बिना सम्मान का 
का वह जान नहीं ।।

फल देंगे कर्म करो
कर्म करने वाला भगवान नहीं ,
खुद करो कर्म
कर्म से जो छुपे वह इंसान नहीं ।
अपने ज्ञानों से लोगों को ज्ञानी बनाएं
न बना पाएं ज्ञानी तो कोई काम क

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जय माँ सरस्वती
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कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 57
6 जुलाई  2021
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आषाढ़ कृष्ण 12 संवत 2078
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2. आ. साहित्य संगम संस्थान साहित्य समाचार
3. आ.  कलावती कर्वा  जी
4. आ. राजेश कुमार पुरोहित जी
5. आ. रोशन कुमार झा
6.आ. आरती तिवारी सनत जी , दिल्ली
7.आ. रणधीर चंद्र गोस्वामी जी
8. आ. मानसी मित्तल जी
9. आ.  सपना नर जी
10. आ. सुधीर श्रीवास्तव जी
11. आ. श्रीमती सुप्रसन्ना झा जी
12. आ. कीर्ति रश्मि नन्द जी
13. आ. देवानन्द मिश्रा सुमन जी ( मैथिली )
14.आ. डॉ . एमए शाह ,"सहज़" जी

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116 .  आ. डॉ. राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" जी
117. आ. आरती तिवारी सनत जी , दिल्ली

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अंक - 57 ,  मंगलवार
06/07/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 57
Sahitya Ek Nazar
06 July ,  2021 , Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

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रोशन कुमार झा
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Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
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आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
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साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई

कविता :- 20(49)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

पता न अब हमें
सम्मान पत्र का भूख
क्यों मिट गया ,
हार कर भी हार से
हम जीत गया ।
वक्त भी सुख दुख
के साथ बीत गया ,
हम भी चल देंगे
देखों
आषाढ़ आया
गर्मी और शीत गया ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(49)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
06/07/2021 , मंगलवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 57
Sahitya Ek Nazar
06 July 2021 ,  Tuesday
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आषाढ़ कृष्ण 12 संवत 2078
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साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
अंक - 1

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मात्र :- 15 रुपये

सम्मान पत्र - 1 - 80
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सम्मान पत्र - 79 -
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अंक - 54 से 58 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
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अंक - 49 से 53
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अंक - 45 - 48
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मधुबनी इकाई अंक - 2
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विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3 के लिए रचना यहां भेजिए -
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साहित्य एक नज़र
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-----------------
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 57 ,  मंगलवार
06/07/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 57
Sahitya Ek Nazar
06 July ,  2021 , Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

_________________

रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई


शीर्षककविता:-7(005)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(005
चला तब ही तो हार जीत मिला!

जिन्दगी में हार या जीत कहॉ होते अपने आप,
उसके लिए देना पड़ता हर वक्त जॉच प्रताप!
दोड़ना पड़ता हजार के साथ,
सुनना पड़ता करवी बात!
तब मिलता लिखा हुँआ प्रमाण,
वही बढाता सफलता की अरमान!
हार तो हार जीत मिलता कम,
उसमें गिने जाते है हम!
हारने के बाद भी देते परिक्षा,
थकने वाले नही है जीत से लिये है शिक्षा!
रोकना नही कदम अपना,
हो सके तो करना हासील मत देखना सपना!
स्वपना देखने में कुछ वक्त हो जायेंगा नष्ट,
सँज तो जायेगी सपना इससे बेहतर है
सँजाने से पहले ले ले अस्त्र और शस्त्र!
हासील कर सफलता देते रह जॉच प्रताप,
दुनिया में कुछ भी नही हुँआ है अपने आप!
हार से मत घबड़ा,
सफलता से ज्यादा असफलता को लगा गला!
उसी में है भला,
वही हार क्षुंगार बनकर देगा एक दिन
लिखित हुई प्रमाण और कला!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716मंगलवार17:35
03-07-2018 Donbosco spoken
English,Mirpara Bhatonager Howrah
Cert7
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts
Bamangachi Howrah WB
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B,Pmkvy,St john,Amb

हिन्दी कविता:-12(75)
06-07-2019 शनिवार 13:15
*®• रोशन कुमार झा
-: महान उधोगपति बसंत बिड़ला !

अगल जीवन है घड़ा,
तो हम भी है इससे बड़ा!
जीते-जी किसी से न डरा,
लाखों दिल में स्थान बनाकर मरा,
धन्य रहे उधोगपति बसंत बिड़ला!

ग़रीब अमीर का रहे सहारा
कहाँ से कहाँ और किया से किया
कर डाला !
भारत के आन-बान-शान बढ़ाने
में रहे उनका भी इशारा
तब आज बढ़ा है भारत देश हमारा!

छोड़कर चल बसे बताये तो होते
उस दिन जगे रहते हम नहीं सोते!
उन महान उधोगपति को न खोते
और नहीं हम भारतीय उनके कर्म पर रोते!

पर आना और जाना विधान है
जीना कला और विज्ञान है!
कर्म ही भगवान है
उसी पर ध्यान है
यह मानने वाला हम इंसान है!

#बसंत बिड़ला#
1921- 3 जुलाई 2019
आनंदलोक-देव कुमार सराफ सन्मार्ग

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(75)
06-07-2019 शनिवार 13:15
रोबिन पढ़ा सुमन-300,Asih-1500 लिए
राहुल-500+राजन-500(3recharge
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
N.D.College st John Ambulance

कविता :- 20(49)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

पता न अब हमें
सम्मान पत्र का भूख
क्यों मिट गया ,
हार कर भी हार से
हम जीत गया ।
वक्त भी सुख दुख
के साथ बीत गया ,
हम भी चल देंगे
देखों
आषाढ़ आया
गर्मी और शीत गया ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(49)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
06/07/2021 , मंगलवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 57
Sahitya Ek Nazar
06 July 2021 ,  Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर










साहित्य एक नज़र, कोलकाता , अंक - 459 , कविता - 24(49) , फेसबुक - 1 , शुक्रवार , 12/08/2022


कविता :- 20(43)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅
पता है हमें

हम किये गलती ,
हम तो पलटे ही
तुम भी तो पलटी ।
आज किसी औरों के
कहने पर चलती ,
हम भी किसी और
से दिल लगा लिए
अब अपने हक़ के लिए
क्यों लड़ती ।

हम न , तुम हमसे जलती ,
इतना ही प्यार रहा तो
मेरी शिकायत किसी
और से न करती ।
पहले हम
अब तुम मेरे पीछे मरती ,
पता न क्यों तुम्हें देखकर मेरे अंदर
एक नई ऊर्जा भरती ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(43)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
30/06/2021 , बुधवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 51
Sahitya Ek Nazar
30 June 2021 ,  Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

जीवन परिचय

नाम - रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
पिता :- श्री श्रीष्टु झा
ग्राम :- झोंझी , परौल , अरेर , मधुबनी बिहार
जन्मतिथि :- 13/06/1999

कलकत्ता विश्वविद्यालय , सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज ,कोलकाता से तृतीय वर्ष हिन्दी आनर्स, 
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी , फोर्ट विलियम कोलकाता-बी , पश्चिम बंगाल और सिक्किम निदेशालय, पंजीकृत संख्या :- WB17SDA112047
कम्पनी :- पांचवीं , नरसिंहा दत्त कॉलेज , हावड़ा सेंट जॉन एम्बुलेंस , भारत स्काउट एवं गाइड , पूर्व रेलवे स्टेट हावड़ा डिस्ट्रीक बामनगाछी ग्रुप , ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा , रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना स्वंयसेवक
, विगत कुछ वर्षों से नि: शुल्क में शिक्षा प्रदान कर रहे है । साहित्य एक नज़र दैनिक पत्रिका कोलकाता, विश्‍व साहित्य संस्थान / মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर, मधुबनी इकाई

हिन्दी कविता:-12(69)
30-06-2019 रविवार 21:15
*®• रोशन कुमार झा
-:अन्दर की आवाज़!-

मन को अब जूझने नहीं देंगे
राह रोशन हुआ वह आग अब
बुझने नहीं देंगे
बाहर निकालेंगे आवाज़ अब दिल
के अन्दर गूँजने नहीं देंगे
अपने राज्य में किसी और को पूजने
नहीं देंगे!

काम करेंगे और करवायेंगे
हो सके तो बार-बार विधालय थाना
जायेंगे!
अपना काम बनायेंगे
तब एक दिन क़ामयाबी के मोड़ पर आयेंगे!

डाँट फटकार से मिलेंगे
सँघर्ष की बाजार देखकर जी लेंगे
ज़ख्म है और गम पी लेंगे
पर एक दिन टूटे हुए रिश्ते सिलेंगे!

तब क़ामयाबी की आग जलाना है
दिल और दिमाग़ से माना है!
भले नमक रोटी ही खाना है
पर छोड़कर हरिद्वार बंगाल बिहार
न संसार को जाना है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(69)
30-06-2019 रविवार 21:15
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
Hightension Duty:-2-12=11
Liluah:-13-30=18(11+18=29)
नेहा को पढ़ी,अकेले N.H.isfat
LiluahमेंDutyभाई राहुल खाना देने
आया रहा,पापा गाँव से गाड़ी पकड़े आज
N.D.College st John
Ambulance#Pmkvy
31st Bengal Bn Ncc
E.Rly,Scouts

शीर्षककविता:6(213)1हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(213)1
आज हो गई अंत!?

यही महीना बीती साल नेहा भरी रास की
कर रहा हुँ अंत,
अब हमेशा होठो पर मुस्कान रखना है
क्योंकि अब आयी मेरे अविरान बगिया
में बसंत!
मार्ग रोशन हुआ पहने कई वर्दी अगला
वर्ष ही पहनाये ड्रेस,
ट्रेन भरी यह जिन्दगी है एक तरफा रिश्ता
निभाना वश की बात नही कर रहा हुँ फ्रेश!
सैनिक कवि शिक्षक विधार्थी प्रियतम
मानी आज कर दी गाली ग्लोज,
आज हमे ऐहसास हुँआ अपनी काम की
तलाश में करती रही खोज!
पुजा अाराघना हर मुसीबत में दिये साथ,
मुँह पर मीठी-मीठी बात पीठ पीछे की
अणु बम की तरह अघात!
बनायी पागल गँवार जलायी मेरा पवित्र दिल,
मर जाऊँ पर ऐसा वक्त नही आये कि जाऊँ
तुमसे मिल!
धर्म कर्म वचन ले रहा हुँ

शीर्षककविता-6(213)2हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(213)2
पुष्ठ:-2

आशा लगाकर रखे जिस फुल पर अविरान
बाग के भोरा रस चुँस कर चले गये
जल गया मेरा खुशिया का अरमान,

क्या कहुँ हुँ अकेला मार्ग हुँआ रोशन हुँ
प्रसन्न क्योंकि कम से कम मिला तो
सफलता की लिखित प्रमाण!

भला बुरा आज मै भी कहा जुन में ही
बना गुण,रिश्ता का करना था अंत,
वर्षा पतझड़ बीती अब आयी मेरे बगिया
में नव बसंत!
अब जाना है दुर
फुल कहॉ वह तो थी बालु व धुल!
तब पर भी बीता दिये कई साल
न्योयछावर कर दिये थे हर एक क्षुंगार!
फिर भी मेरे प्यार को कहॉ पहचानी
हर वक्त फुसला-फुसला कर पहुँचाती
रही हानी!
आज हो गई रिश्ता खत्म अपनाऊँगा
नही कभी
गलत किये या सही हमे मालुम नही
बतला दीजीए आप सभी!
अब इस जमाने में चॉह कर भी रिश्ता
जोड़ना है नही
पवित्र भारत मॉ की संतान हुँ अकेला हुँ
मॉ की गोद में हँसते-मुस्कुराते जिन्दगी
गुजार लुँगा सही!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार17:05
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no :-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance




कविता :- 20(42)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

पता न लोग
क्यों किसी को मनाने के लिए
समय व्यतीत करता है ।,
किसी का नाम तो
उसका हार और जीत करता है ।।
जो भी जो करता
वह उचित करता है ,
अपना - अपना कर्म
दुश्मन और मित्र करता है ।।
हार हो या जीत , हम जीत - हार
दोनों को मनोनीत करता है ,
वह भी नित्य करता है ।।
बुरा किसी का नहीं बल्कि
सभी का हित करता है ,
जितना हमसे हो सकता है
उतना हम उतने को उत्कृष्ट करता है ।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(42)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
29/06/2021 , मंगलवार
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 50
Sahitya Ek Nazar
29 June 2021 ,   Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
अंक - 1
अंक - 50
29 जून  2021
मंगलवार
आषाढ़ कृष्ण 5 संवत 2078
पृष्ठ - 
विशेष पृष्ठ - 7 -   30
कुल पृष्ठ -  31

हिन्दी कविता:-12(67)
29-06-2019 शनिवार 17:21
*®• रोशन कुमार झा
-:क्या तेरा मेरा!:-

क्या तेरा क्या मेरा,
राह रोशन करना पड़ता है अकेला!
कर्म ही है क़िस्मत का खेला,
ये सही है रात के बाद होती ही है सवेरा!

जिसमें सुख-दुख होता,
कोई हँसता तो कोई रोता!
बड़ा हो या छोटा,
जो सँघर्ष से लड़ता वहीं तो है महात्मा
सिकंदर मोदी का पोता!

तो क्या तेरा और मेरा,
चलो हटाते है अब अन्धेरा!
करते है सवेरा
यही लक्ष्य है मेरा!

तब हटाना है अंधकार,
भटक रहा हूँ फ़िलहाल
जीत नहीं तो हार मिलेगी इसी साल,
जो भी हो पर राह पर चलने की है विचार!

अकेले चलना है,
सूर्य की तरह जलना है!
और जलकर मरना है,
पर किसी से नहीं डरना है

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता:-12(67)
29-06-2019 शनिवार 17:21
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
सलकिया विक्रम विधालय मेन
S.k Chobey सर से Migration from
Signature,बचन सर से पत्र लिखाये
INTEX मोबाइल से सब कविता
Delete हो गया!You tybe मो बटम
Baby 1000 दी school Leaving
Character certificate-60(10 पहले
फिर 12 का लिए!)CO- ANO फोटो

शीर्षककविता:-6(173)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-173
जो चॉहा मिला पर करना पड़ा प्रतिक्षा!

युँ राह मे करना पड़ा प्रतिक्षा
प्रतिक्षा करते-करते पुरा किया इच्छा!
अविरान बाग में मार्ग रोशन हुआ हार जीत
भरी मिला शिक्षा
जिन्दगी मे जो भी हासिल किये
उसके लिए करना पड़ा प्रतिक्षा!
नेहा भरी दीप जलाये जगमगाने लगा
चारो दिशा
वर्षा ऑधी तूफान मे गिरे कई मंजिल
पर चोट भी नही पहुँचा जो था मेरा हिस्सा!
मुस्कान भरी होठ रखे अपने पास
सफल-ए-राह में जन-जन को बनाये
अपना खास!
घुमे हावड़ा गुहावाती गया मधूबनी दरभंगा
प्रेम के दीप जलाये कही पर किये नही ढंगा!
मुस्कुराहत भरी कली की प्रतिक है दुनिया
भाई ,हर्षित,की जीत
छोड़ो वह सब बाते जो वक्त गये बीत!
जो है जैसा है सुख शान्ती से बढो आगे
छोड़ो उसे जो मूसीबत मे हाथ छोड़कर भागे!
हँसो मुस्कुराओ ,मुस्कुराहत ही तो है जीना
जिन्दगी व्यर्थ है हार जीत के बिना!
जीत तो जीत हार है क्षुंगार
उपभोगता के साथ खुशी-खुशी क्युँ ना
जिन्दगी बीताऊँ जिन्दगी की दिन
ही मिली है चार!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716शनिवार09:30
हावड़ा स्टेशन पर बड़ा घड़ी पास Pf:-05
16-06-2018E.R.St

शीर्षककविता:-6(210)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(210)
जो जगे वही हासील किये महारथी!?

जो हो गई,
सो गहरी नींद में सो गई!
कोन जगा,
किसे नही नींद लगा!
जगा कोन,
जो जगा वह बना रहा मोन!
चुपचाप रहा,
जिन्दगी भर दुख द्रर्द ही सहा!
मार्ग अँधेरा रहा या रोशन,
हमेशा रहा प्रसन्न!
झुण्ड़ में नही रहा अकेला,
घर बैठे ही बना लिया लाखो को चेला!
वर्षा में भीगंते-भीगंते चला,
नफरत नही नेहा भाव से प्राय का भी
किया भला!
होठ पर हमेशा मुस्कान ही रखा,
सँघर्ष से लड़ते रहा दुख नही जितना
हुँआ वह सुख ही बॉट सका!
जो जगा हमेशा रहा दुनिया से अलग,
एक दिन उसे ही जाना जग!
फिर भी कहॉ रूका,
सिंहनाद की तरह जीया किसी के सामने
कभी नही झुका!
मन को रखा वश में,
सुख शान्ती पाया सच में!
दुख द्रर्द को रखा अपना साथ,
सफल-ए-राह में सफलता से पहले घर
परिवार सबसे सुनता रहा ठाना भरी बात!
सुनकर भी घर परिवार त्योहार सबसे
रहा दुर!
जितना किया किया भला कभी
किया नही भुल!
सफलता की हमेशा बढ़ाते रहे गति,
तब एक दिन हासील किये महारथी!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शुक्रवार 08:55
29-06-2018

शीर्षककविता-6(201)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(201)
बनो कुछ अलग!?

अगल कुछ बनना है तो बनो कुछ अलग,
मै नही कहता,कहता जग!
बीत गया वह पल,
जब तुम्हारे पास था दल!
अँधेरा में कोन देता साथ
मार्ग रोशन होने के बाद ही कोइ करता
सीधी मुँह बात!
देखते-देखते गया कई वर्ष बीत
अपनाये नही नेहा नही नफरत तब
जाकर कही हुँआ हार तो कही हुँआ जीत!
वर्षा हुई पर ,भींगा भी नही घर
लोग कहता बाढ़ से ग्रस्त है शहर!
समनदर में आया भी नही लहर
उजड़ गया घोसड़ा जिसे बनाते रहे जिन्दगी
भर!
हार मत कुछ कर अलग से अविष्कार,
जो अभी तक हुँआ नही व्यवहार!
भर होठ पर मुस्कान रख दुनिया का ख्याल,
बस कर एक नई अविष्कार!
मै नही कहता कहता यह संसार
वह विश्व- प्रेम भाईचारा!
जिसका लगा है सबको प्यास
यही है नई अविष्कार हर कोई कर सकता
है अभ्यास!
जन-जन जब देंगे संग
तब खुन नही हर राहो मे नजर आयेंगे
हर-भरा रंग!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
24-06-2018रविवार12:19 pmkvy
(मॉ पापा गॉव) मो:- 6290640716
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no- WB17SD112047

शीर्षककविता-6(180)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(180)
दुख-द्रर्द के लिए प्रेम को पाला !?

मै नेहा राह अपने तनु दिल दिमाग में
दुख-द्रर्द पाने के लिए पाला,
मार्ग रोशन हुँआ दिखाबा के लिए मै लोगो
को कहता मै अपने स्नेह को हारा!
अविरान हुआ बाग निर्जन वन ही था बेहतर,
मुझे तो मालुम था छोड़ देगी मै क्युँ जाऊँ मर!
दुख है पर मन को बड़े कठोरता के साथ
समझाया हुँ,
गम की अंदाज मालुम चलते ही नही क्योंकि
मै हाजारो से मित्रता बनाया हुँ!
वर्षा में भीगंना हमे है नही पसंद
वह किसी और के बगियो में चली गयी मै
देखते रहा तमाशा क्युँ करते ऑखे बंद!
जख्म नही होता मार्ग होता नही रोशन
बनता नही कविता,
यह तो सही है उसे हारा पर पंक्ति के साथ
अपना नेहा भरी बंधन को चिरकार तक के
लिए है जीता!
जिससे हँसता हुँ भरता हुँ होठो पर मुस्कान,
कैसे करूँ अपना प्रेम भरी धन को सम्मान!
र्बबादी से आबाद किया कैसे दुँ उस बेचारी
को धन्यवाद,
मेरा सुख-दुख और मेरा नेहा भरी बाते
पाठको को याद आयेंगे कविता पढ़ने
के बाद,?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 सोमवार 07:05
18-06-2018 n photo
Ncc, pmkvy,E.Rly.Scouts
St john Ambulance

कविता :- 20(41)
नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

साहित्य एक नज़र মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर -

कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका साहित्य एक नज़र ,
उसी का इकाई है मधुबनी से
प्रकाशित होने वाली साप्ताहिक
पत्रिका মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर ‌।।
आ. ज्योति झा जी है इस पत्रिका के
प्रथम संपादिका ,
उनकी सेवा भावना को देखकर रहा
नहीं गया मनोबल बढ़ाने के लिए
ये दो शब्द लिखा ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(41)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
सोमवार , 28/06/2021
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 49
Sahitya Ek Nazar
28 June 2021 ,   Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

शुभकामनाएं संदेश -

साहित्य एक नज़र मधुबनी इकाई , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर , संपादिका - आ. ज्योति झा जी एवं सम्मानित साहित्यकार -

शीर्षककविता-6(209)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा  6(209)
आधुनिक गुरु शिष्य का सम्बंध?

मार्ग रोशन है आप अँधेरा करके दीजीए
रास्ता रोक,
बाहर निकलिये निशाना साधा हुँआ है
दुँगा तोक!
नेहा भाव हो या नफरत देख लुँगा क्या
करेंगा कानुन,
प्रमाण पत्र लेकर क्या करूँगा दिखाना तो
है असलियत गुण!
वर्षा हो या तुफान,
मरूँगा मारूँगा पर हटाऊँगा नही होठो
पर से मुस्कान!
मार्ग लम्बा है उस पर चलना सिखाये,
मंजील नजदीक नही दुर दिखाये!
डॉटिये फटकारिये दीजीए ग्यान,
फुरसत नही है तो जाइये कक्षा से बाहर मै
खुद पढ़ँ लुँगा वाटसॉफ फेसबुक भरी
आधुनिक विग्यान!
यह हाल बनाकर रखे है आजकल का विधार्थी,
वाटसॉफ नम्बर मॉगे जाते मैडम से मेम कहॉ
डाटती और मारती!
कक्षा मे डॉटने से धमकाते है मास्टर को,
कहते है मारिये यहॉ बाहर निकलिए
बतलाता हुँ कैसे जायेंगा घर को!
विवश है बेचारा आजकल का मास्टर,
पैसो से मतलब रखते कुछ बोलते नही
रखते विधार्थी से डर!
तो यह है आधुनिक गुरु और शिष्य का
सम्बंध,
अगल मेरा शब्द आप तक पहुँचे तो कोशिश
कीजीए यह व्यवस्था करवाने को बंद!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
28-06-2018 गुरूवार 08:15
मो:-6290640716
Ncc, pmkvy

शीर्षककविता:-6(162)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(162)
ईत्र ओर मित्र

ईत्र और मित्र,
होते पवित्र!
चारो ओर सुगंधता फैलाते ईत्र,
जो जिन्दगी महकाते वह है मित्र!
कॉटे निकालते बोते फुल,
खुशिया लाते दुख द्रदँ करते दुर!
दीपक जलाते दुर करते अँधेरा,
मार्ग रोशन करके दिखाते जिन्दगी की
उज्जवलता भरी सबेरा!
हार जीत ईत्र मित्र,के बिना,
व्यर्थ है जिन्दगी जीना!
तु खुद बन ईत्र,
महकता हुआ ऑचल से हर कोई बन
जायेगा मित्र!
सोच ईत्र के लिए चंदन ओर भी लगते
कई पोधा,
कब हुँआ है मित्रता मे सोदा!
हार हो या जीत,
जो देता साथ वही कहलाता सच्चा मित्र!.
मुसीबत मे देता साथ,
नकामी में करता नही बात!
देता डॉट फटकार,
ईत्र व मित्र के बिना किसका जिन्दगी
हुआ है पार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
12-06-2018 मंगलवार 11:30 फार्म c
Roshan kumar jha
मो:-6290640716 (51\9 कुमार पाड़ा
लेन लिलुआ हावड़ा  711204, pmkvy Liluah Howrah
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047
झौझी मधुबनी बिहार


कविता :- 20(40)
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 27/06/2021 ,
दिवस :- रविवार
विषय :- अभिवादन
विधा :- बांग्ला भाषा
विषय प्रदाता :- आ. सुनीता मुखर्जी
विषय प्रवर्तक :- रोशन कुमार झा

माँ सरस्वती साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई को नमन 🙏 करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को सादर प्रणाम । आज की विषय और विधा बहुत ही शानदार है , विषय प्रदाता आ. सुनीता मुखर्जी जी को धन्यवाद सह सादर आभार , एवं समस्त पदाधिकारियों को भी धन्यवाद जिन्होंने आज हमें विषय प्रवर्तन करने का मौक़ा  दिए हैं ।

अभिवादन मतलब सम्मान करना जी हाँ आज हम इसी उमंग के साथ बांग्ला भाषा का अभिवादन करेंगे , जो भाषा बंगाल को ही नहीं बल्कि हिन्द और हिन्दी का भी विश्‍व स्तर पर पहचान दिलाया , राष्ट्र गान निर्माता , नोबेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी , राष्ट्र गीत निर्माता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय जी अहम भूमिका निभाये , आज ही के दिन राष्ट्र गीत निर्माता बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय जी का जन्म
27 जून 1838 , नैहाटी, उत्तर चौबीस परगना , पश्चिम बंगाल में हुआ था । बांग्ला अक्षर का लिपि मिथिलाक्षर से लिया गया है  ‌।

আপনাদের সবাই কে নমস্কার ,
( आप सभी को नमस्कार )
विषय - अभिवादन , विधा - बांग्ला भाषा
आप सभी सम्मानित साहित्यकार करें स्वीकार ।।

अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकार आमंत्रित है , अभिवादन विषय पर अपनी मन की भावनाओं को बाग्ला भाषा विधा के माध्यम से प्रस्तुत करें । एवं अन्य रचनाकारों के रचना को पढ़कर सटीक टिप्पणी करके रचनाकारों को प्रोत्साहित कीजिए ।।

जय हिन्द , जय हिन्दी
धन्यवाद सह सादर आभार 🙏💐

आपका अपना
रोशन कुमार झा

#साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(40)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
रविवार , 27/06/2021
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 48
Sahitya Ek Nazar
27 June 2021 ,   Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

हिन्दी कविता-12(65)
27-06-2019 वृहस्पतिवार 21:01
*®• रोशन कुमार झा
-:आज नहीं तो कल !:-

आज नहीं तो कल,
मैं भी जाऊँ बदल!
रहन-सहन और घर,
सारी सुख-सुविधा अपनाऊँ क्योंकि
एक दिन जाना ही है मर!

तब क्या चिंता,किस बात का,
राह रोशन करना है भरोसा है मुझे
अपने हाथ का!
परवाह है न हमें किसी जात का,
और नहीं अन्धेरी रात का!

क्योंकि रास्ते में मैं चला हूँ,
सँघर्ष से लड़ा हूँ!
क़ामयाबी पर मरा हूँ,
हार से न डरा हूँ!

तब बदला हूँ,
और चौराहे पर खड़ा हूँ!
हार-जीत से भरा हूँ,
तब आगे चला हूँ!

और चलता रहूँगा,
दुख-दर्द सहूँगा!
नदी की तरह बहूँगा,
और आगे बढ़ने को कहूंगा!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-12(65)
27-06-2019 वृहस्पतिवार 21:01
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Eastern Railway scouts
Howrah Bamangachi(Pmkvy)
31st Bengal bn Ncc Fortwilliam
Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
बे बी बोली ने हा के कारण हम3 से बात
नहीं करते है,नेहा अणु से बाता बाती
ब्रह्राचर्य बोली
Migration Certificate from निकाले!

शीर्षककविता- 6(204)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(204)
बताओ अपना हाल-समाचार!?

हाय हेलो,
कैसे हो बोलो!
क्या कमी,क्या पुर्ण,
मै करता हुँ न्योयछावर सुख सम्पुर्ण!
सुर्य की रोशन में दो दुख,
नेहा भरी रास की नही लगी है दुख द्रर्द
की भुख!
वर्षा ऑधी तूफान कहॉ सिर्फ पुरा कर
सकती हो तुम,
होठो की मुस्कान, खुशीयॉ की उपहार तुम्ही
ले ली मै तो बन गया गुमसुम!
चुुप हुँ पर आवाज कहॉ रूका,
जिस नदी की जल से अविरान हुँआ
बगिया वह नदी ही मेरे लिए सुखा!
मिला क्या मुझे सजा,
दोस्त यारी क्या सबके सब लिया मजा!
छोड़ो बताऔ अपना हाल-समाचार,
कहॉ तक तय की सँघर्ष भरी बाजार!
क्या की ,
क्या है बाकी!

हाय हो कैसे,
हम उम्मीद बनाकर रखे है तुम होंगे सुर्य
चँन्द्रमा जैसे!
चमकते होंगे दुर-दुर तक,
अगल कोई शिकायत हो तो बक!
करूँगा पुर्ण,
सुख सम्पुर्ण!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
27-06-2018 वुधवार 06:50

********         विश्व साहित्य संस्थान  *************

साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020
विषय प्रदाता :- आ. आशीष कुमार झा
विषय          :- कोरोना से संबंधित रचनाएं व चित्र

सूचना :- हर एक रचनाकार एक भाषा में एक ही रचना साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020, चाहे तो वे एक हिन्दी, तो एक मैथिली और भी भाषा में भेज सकते है ।
रचनाएं तीन जगह भेजनी है ।:-

27/06/2020 से 30/06/2020 तक

(1) वॉट्सएप समूह पर
(2) फेसबुक मंच पर कमेंट बॉक्स में दें ।
(3) vishshahity20@gmail.com पर तब ही ई पुस्तिका में प्रकाशित होगी ।

रचना के अंत में
नाम :-
पता :-
मो :-
फोटो :-

के साथ मौलिकता प्रमाण पत्र ज़रूर दे । मौलिकता प्रमाण पत्र इस प्रकार होनी चाहिए, चाहे तो आप इसे ही कॉपी करके भेज सकते है ।

                मौलिकता प्रमाण पत्र । :-
-----------------------------------------------------------------------
यह रचना हमारी मौलिक व स्वरचित है, इसे विश्व साहित्य संस्थान से आयोजित अंक-2 जुलाई - 2020  ई पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति प्रदान करता / करती हूं ।।

-----------------------------------------------------------------------
मौलिकता प्रमाण पत्र , आप किसी भी भाषा में दे सकते है, निज भाषा में भी ।

शीर्षककविता-6(203)1हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(203)1
समाज सेवा में जिन्दगी बीता!?

समाज सेवा में जिन्दगी बीता,
कुछ तो समाज में करके जा एक दिन तो
जल ही जायेंगी चिता!
पदयात्रा,रेलवे सुरक्षा सुरक्षित जिन्दगी जीना
सीखा,
अँधेरा मार्ग रोशन करके हर एक को
सफल-ए-राह दिखा!
नेहा भरी भावना से समाज के प्रति
कोई उपाय निकाल,
एक दिन में समाज क्या मै खुद नही बदल
सकते बदलने में लगेगी कई साल!
हिन्दुस्तान के बंगाल स्थित हावड़ा बेंटरा
थाना से दे रहा हुँ शुभकामना,
वर्षा हो या तुफान सुरक्षित जिन्दगी
जीना सीखीये निकालिये अपने तनु
वक्ष- स्थल से एेसी भावना!
खुद तो खुद दुनिया के होठो पर भरीये
मुस्कान,
ताकि मरने के बाद भी याद करे जहान!
हम- आप मिलकर बंद करगें सिगरेट
शाराब ध्रुमपान,
बचिये और बचाईये खुदा ईश्वर मसीहा
के तोफा हुँआ करोड़ो  का जान!
मरूस्थल  को अविरान बाग में कर
सकते है निर्माण,
क्योंकि इस संसार मे सबसे बुध्दी जीवी
व बंलवंत कहलाते है हम इंसान!
आइये सब मिलकर खाते है कसम
करेगें नही कोई भी नशा,
खुद बदलेंगे पदयात्रा के माध्यम से
बदलेंगे दुनिया की दशा!
पुष्ठ:-01
रोशन कुमार झा,मो:-6290640716

शीर्षककविता-6(203)2हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा,6(203)2

छब्बीस जुन दो हजार अठारह दिन
मंगलवार,
ठान लो बंद करवाना है सिगरेट व दारू
बाजार!
हम आम जनता शिक्षक,नेता
स्काउट,सेंट जॉन ऐम्बुरेंस,एन.सी.सी
कैडेट हुँ विधार्थी,
विश्व को नशा के प्रति घ्रुणा फैलाना है
भले मै हुँ भारतीय!
जागरूकता फैलाने के लिए खड़े है
बेंटरा थाना पुलिस प्रशासन,
नशा छोडिये,दो शब्द कहा हुँ कविता के
माध्यम से मत समझीयेगा भाषण!
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
26-06-2018मंगलवार09:45
मो:-6290640716
बेंटरा थाना पदयात्रा में लिखे नेहा कॉलेज
St john Ambulance Howrah
Nursingh dutt college
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SD112047
Pmkvy Liluah Howrah 1283f
Electrician
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
Surendranath evening college
Kolkata india
51\9 kumar para lane Liluah
Howrah 711204 West-Bengal
सलकिया विक्रम विधालय मेन







कविता :- 20(62)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता - गिरने नहीं दोगी -

पता है अब तुम हमें गिरने नहीं दोगी ,
दुश्मनों से अब मिलने नहीं दोगी ।
हार भरी बीज को अब खिलने नहीं दोगी ,
और हमें किसी के अंदर
प्याज छिलने नहीं दोगी ।।

राह से हमें फिरने नहीं दोगी ,
हार से हमें हिलने नहीं दोगी ‌।
हमें मिटाने वाले को चीरने नहीं दोगी ,
हमें पता है
तुम हमें गिरने नहीं दोगी ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(62)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
19/07/2021 ,  सोमवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 70
Sahitya Ek Nazar
19 July 2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

हिन्दी कविता-12(90)
20-07-2019 शनिवार 20:08
*®• रोशन कुमार झा
-: देरी मत करो!:-

देरी हो चुकी है अब तो मत देर करो,
सफलता राह में रुकी है अब तो पथ
पर चलो!
अन्धेरा राह रोशन करो,
हमसे न अपने आप से डरो!

कर लो मस्ती कर लो निकाह,
हमें है न किसी का परवाह!
मैं तो हूँ वह हलवाह,
जो खेत जोतकर पुन: पकड़ लेता हूँ राह!

देरी हो जाती पर मैं न करता देर,
क्योंकि मैं देखा हूँ देरी का खेल!
मिनट नहीं सकेंड के लिए छूट जाती
लोकल राजधानी जैसी रेल!
इतना ही नहीं परीक्षा में वक्त होते ही छीना
जाते पेपर और हम हो जाते फ़ेल!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
कलकत्ता विश्वविद्यालय
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(90)
20-07-2019 शनिवार 20:08
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी
R.k.College-NSS
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha
31st Bengal Bn Ncc Kol-B
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
35th District Rally 7th Jan2019
Certificate मिला आज तापसदा
no-Scout|14|2018-19|348
सआदत हसन मण्टो उर्दू कहानी पढ़े
लाईसेंस निकाह:-विवाह
Part-3 paper-5 CU1दिन मोबाईल पर

शीर्षककविता:-12(89)ब,विषय सामग्री:बंगाली कविता:-12(89)
20-07-2019 शनिवार 08:45
*®• रोशन कुमार झा
-: आज कोरून !:-

जे कोरा जाबो ओईता आज करून
केनोउ कि काल काल हो जाबे,
जेखुन काल होई जावे,
तेखुन ओई सोंग की खाबे!

कोथो चलाबो माथा,
भालो होवो डोरो राखो खाता!

पोढ़ा सुना कोरो,
तालपोड़े चोलो!
की सच्ची बोलम न आमी ताले
तुमी तो कीछु बोलो,
आर ई मुँह ता खोलो!

जेते होवे,
बाईहरे जाअबेन कोबे!
बोलून,
आर ताराताली चोलून!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
(117) कलकत्ता विश्वविद्यालय (CU)
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(89)
20-07-2019 शनिवार 08:45
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी(LNMU)
(311) R.k.College :-NSS
From no:-2030710
18 को admission-1260+50 from
Roll no-1374,Received from-433
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John Ambulance(Pmkvy)
Atish:-कल कविता पर one of the
best Poet good keep it up
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
IGNOU-BPP:-191081735

शीर्षककविता:-7(030)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(030)
माया रूपी जग के पवन!

तेरी नेहा भरी मोह-माया,
पवन वर्षा लाख मुसीबत के बाद तुझे पाया!
कैसे भुलुँ वह सब,
मालुम है तुझे पहली मुलाकात हुई थी कब!
नही ना तो जान लो,
कुछ पल के लिए नही हमें जन्मो-जन्मो
के लिए अपना मान लो!
अँधेरा मार्ग कर दो रोशन,
भरी बंसत क्या पवन ही बेहतर उसी झोके
में घुमाऊँगा शहर बाजार और रखुँगा
हमेशा प्रसन्न!
ख्यालो में बस रखना है तुम्हारी होठो
की मुस्कान,
तुझे क्या बताऊँ तुझमें ही बसी है मेरा
करोड़ो का प्राण!
जिससे चाहता हुँ चाहता रहुँगा हरदम,
कभी तोड़ना नही प्यार मोहब्बत की कसम!
वरना मै रो कर विखर कर टुट पडुँगा,
तुम्हारे सीवा मेरा दर्द कोन समझेगा आखिर
में मै प्यार किससे करूँगा!
ना हम तुमको और नही तुम भुलना मुझे,
धन्य है ईश्वर खुदा मसीहा वर्षा ऑधी
तूफान के लिए नही पवन के लिए
बनाये है परी की रानी तुझे!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716गुरूवार09:05
19-07-2018
Chandan institute Bamangachi
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam

हिन्दी कविता-12(88)
19-07-2019 शुक्रवार 18:48
*®• रोशन कुमार झा
-: मिला हूँ कई वर्षो बाद !:-

देखकर बहुत दिन बाद
किया हूँ गाँव में ही सही ट्रेन में याद!
बसंत बीता आया आषाढ़
फिर चलो करते है वाद-विवाद!

मैं नहीं
पहचाने तो आप ही सही!
मैं और आप वही
पर कहाँ चले गये बचपना
जहाँ एक साथ खेले रहे सही!

सब याद है
बड़े भाई मुकेश राजु अतीश मैं आप
सबके बाद है!
पर मिलूँ कैसे वह सब दिन
अब न आज़ाद है
क्योंकि सबके सब जिन्दगी के लिए
आबाद है!

उतरे है कोई वाणिज्य में तो कला में
तो कोई विज्ञान में
अपना-अपना मान में
हम सबकी सफलता गूँजे
धरती आसमान में
यही लिखा हूँ मैं रोशन
आप सभी के ध्यान में!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
रामकृष्ण महाविद्यालय#R.K.College
NSS
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(88)
19-07-2019 शुक्रवार 18:48
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
कल मुकेश भाईजी गाँवकाAtish
बोले बैट बॉल नहींखेलने दे पापाB.Tech
BUफोन करवाया13186 मिला
FBकचौरी खिलाये!BWNउठाये
पापा को 1000 दिये
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार

हिन्दी कविता-12(87)
18-07-2019  वृहस्पतिवार 12:45
*®• रोशन कुमार झा
-:मेरी सफलता!-

राह हुआ रोशन मिलती रही सफलता
कितना हुए हमसे खुश कितना
हमसे जलता!
उसी के लिए मैं कुछ करता
जो मेरे लिए मरता !

चलाता और खुद चलता
जो मुसीबत से न डरता!
डरने के सिवा उससे लड़ता
सुख देकर दुख को हरता!

तब हुए है सफल
कितने बार हुए रहे असफल!
दुख दर्द से भरा रहा कल
पर अब जीत गये अब रहा न वह पल!

अब आराम है
और भी काम है!
सुबह ही हुआ अभी दूर शाम है
साथ देने के लिए ईश्वर राम कृष्ण भूतनाथ
सरस्वती और बाबा धाम है
कुछ सफलता से तो कुछ असफलता
से मेरा नाम है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(87)
18-07-2019 वृहस्पतिवार 12:45
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
E.RLy,Howrah Bamangachi
N.D.College st John Ambulance
रामकृष्ण महाविद्यालय#R.K.College
Roll no-1374 Admission-1260
NSS#Merit no-219
मोसी बेटा राजेश Fभरा
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी
IGNOU-BPP-191081735

बिहार बोधी ( साझा काव्य संग्रह )

दिनांक :- 19 जुलाई 2021
सोमवार
आषाढ़ शुक्ल 10
संवत 2078

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/510078/-2021-6c0b1

मात्र - 255 रुपये में

बिहार बोधि ( साझा काव्य संग्रह ) के सहयोगी रचनाकार के परिचय और उनके दस रचनाएं -
अनुक्रमणिका
नाम               पृष्ठ संख्या
१-रजनी हरीश     ०७-१७
२-राजीव भारती   १८-२८
३-रीता झा          २९-३९
४-प्रतिभा पांडे      ४०-५० 
५-ज्योति सिन्हा    ५१-६१
६-अर्चना तिवारी   ६२-७२
७-सृष्टि मुखर्जी      ७३-८३
८-दीप्ति प्रिया       ८४-९४
९-रोशन कुमार झा    ९५-१०५

सम्पादक मंडल -

संपादन -
ज्योति सिन्हा
दीप्ति प्रिया

संकलन -
राजीव भारती
सृष्टि मुखर्जी

तकनीक -
रोशन कुमार झा
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 70

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कविता :- 20(61)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता - जीवन एक परीक्षा है ।

जीने की इच्छा है ,
जीवन भी एक परीक्षा है ।
जीने वाले कोई आगे तो
कोई पीछा है ,
हमसे भी कोई ऊपर
हम भी किसी के नीचा है ।।
एक से एक कला
और शिक्षा है ,
हासिल करके
करना समीक्षा है ।
सुख दुख तो
जीवन का हिस्सा है ,
मिलकर बनाना है इतिहास
न बना तो
बनाना एक क़िस्सा है ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(61)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
18/07/2021 ,  रविवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 69
Sahitya Ek Nazar
18 July 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
।। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान ।।
कृते :"मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश  ( रजि.)"
*************************
  उच्च वर्ग- प्रश्न पत्र
पूर्णांक - 100
निर्देश -प्रत्येक प्रश्नक उत्तर देनाई अनिवार्य अछि।
************************
1) (अ )-  पूरा स्वर वर्ण एवं व्यंजन वर्ण  मिथिलाक्षर में लिखू । (अ सँ ज्ञ तक)       (5 )

1)(ब) - निम्नलिखित प्रत्येक वर्ण में सब  मात्रा लगा कऽ मिथिलाक्षर में लिखू। (5)

जेना-क,का कि, की,कु......कः।

(ध, त्र, द,ह,ण,य ,त,ष, व,क)

(2) 1 सँ 100 तक (अंक)मिथिलाक्षर में लिखू। (10)

3) निम्नलिखित शब्द सभ के मिथिलाक्षर मे लिखू (25)

न्यायोचित,दुर्व्यवहार,सञ्जय, धूमकेतु,झञ्झावत,कुम्भ,कृष्ण, तृष्णा,मधुशााला,व्यायाम,हूँकार,अद्भुत,सौराष्ट्र,रामचन्द्र,त्वदन्य, विभत्स,हिडीम्बा,कृतघ्न,चञ्चला,ऊर्ध्वसॉस,दुर्गोत्सव,विस्तृत,मङ्गल,वृहस्पति,प्लुटो,बाहुबली, अन्त्योदय,मक्खन,अवश्यम्भावी, आह्लादित,क्लेश,द्रोणाचार्य, शशाङ्क, गन्धर्व,स्कुल,त्रिपुरसुन्दरि, पाश्चात्य,स्वाबलम्बी,वृषोत्सर्ग, सिन्दुर,अश्वत्थामा,वृद्धाश्रम, मुण्डन,यज्ञोपवीत,अगस्त्य, सत्तात्मक,बान्धव,रूक्मिणी, मातृत्व,कस्तूरी

4)  निम्नलिखित श्लोक सभ के मिथिलाक्षर में लिखू।
(15)
            *मालावत्युवाच*
वन्दे तं परमात्मानं सर्वकारणकारणम् ।
विना येन शवाः सर्वे प्राणिनो जगतीतले ।।
निर्लिप्तं साक्षिरूपं च सर्वेषां सर्वकर्मसु ।
विद्यमानमदृष्टं च सर्वेः सर्वत्र सर्वदा ॥
येन सृष्टा च प्रकृतिः सर्वाधारा परात्परा ।
ब्रह्मविष्णुशिवादीनां प्रसूर्या त्रिगुणात्मिका ॥
जगत्स्रष्टा स्वयं ब्रह्मा नियतो यस्य सेवया ।
पाता विष्णुश्च जगतां संहर्ता शंकरः स्वयम् ॥
ध्यायन्ते यं सुराः सर्वे मुनयो मनवस्तथा ।
सिद्धाश्चयोगिनः सन्तः संततं प्रकृतेः परम् ॥
साकारं च निराकारं परं स्वेच्छामयं विभुम् ।
वरं वरेष्यं वरदं वराहं वरकारणम् ॥
तपः फलं तपोबीजं तपसां च फलप्रदम् ।
स्वयं तपःस्वरूपं च सर्वरूपं च सर्वतः ॥
सर्वाधारं सर्वबीजं कर्म तत्कर्मणां फलम् ।
तेषां च फलदातारं तद्‌बीजं क्षयकारणम् ॥

(5)(अ) निम्नलिखित शब्द सभ के देवनागरी में लिखू। 👇    (25)

(5)(ब) निम्नलिखित श्लोक सभ के देवनागरी में लिखू।
(15) 👇

कविता :- 20(60)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता -  कुछ न कठिन है -

कुछ न कठिन है ,
आज मेहनत कर लो
कल अच्छे दिन है ।
कर्म में सब लीन है ,
कोई न अमीर और कोई
न दीन है ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(60)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
17/07/2021 ,  शनिवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 68
Sahitya Ek Nazar
17 July 2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
# कल वाला कविता :- 20(59) में , शुक्रवार के जगह गुरुवार गलती से कर दिए 16/07/2021


Name - ______________________________________________________ , Roll no ____________

कविता :- 20(59)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
मैथिली - कविता -  गेनोऊ बाराती ..

बेता से थाहर गेनोऊ बाराती ,
वर कन्या के ,  कन्या वर के बनलैत
जीवन साथी ,
धर्म कर्म सऽ सेवा करूँ
इही अछि अप्पन जाति ,
राजा जनक , सीता सन बेटी ..
पायल छी हम सभ विद्यापति
जैसन महाकवि
बड़ा  उपजाऊं आर धन्य
अछि अप्पन मिथिला के माटी ।।

तरुण चाचा , पंकज , सोनू , चाचा मिथलेश ,
बाबा सऽ बतेलकीन अप्पन अप्पन उपदेश ।
भाई कुलदीप बाराती सभ संगे मिलकर
अनुभव पेनोऊ करब न कहियो
अप्पन इच्छा शेष ,
सफलता तऽ निश्चित छैय
चाय वाला आय चला रहल अछि ने देश ।।

बड़ नीक भेल आदर स्वागत ,
खेनोऊ खाना हम बराती
ऐनोऊ अप्पन अप्पन घर
आब बाराती में केअ जागत ।
इअ अप्पन संस्कृति नैय
इअ आब कतअ तक भागत ,
जाऊ बाराती , देखूं विवाह के विधि विधान
बाप परदादा लगेने छेथिन
एहन सुन्दर संस्कृति सभ्यता के लागत ।।

जाऊ बराती ,
देखू विधि विधान मनाऊं नैय
आबअ - जेअ जैसन पार्टी ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(59)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
16/07/2021 ,  गुरुवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 67
Sahitya Ek Nazar
16 July 2021 ,  Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

West Bengal Council of Higher Secondary

Education (WBCHSE) बारहवीं कक्षा विज्ञान विभाग से 78 प्रतिशत प्राप्त करते हुए, हिन्दी में 83 अंक लाया मेरा छात्र सह दोस्त आदरणीय धर्मेंद्र साह जिसे हिन्दी हम निःशुल्क पढ़ाये रहे , हम इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते है ।

Roll :- 421011  No :- 1018
Registration no :- 4181186422
Name :-  DHARMENDRA SAH

HINA 064/A+ 019/O 083A+ 096.72
ENGB 042/B 018/O  060B+ 074.54
CHEM056/A+ 027/O  083A+ 039.16
MATH063/A 018/O  081A+ 081.90
PHYS056/A+ 027/O  083A+ 037.50

Total -  390

Over All Grade -  A

रोशन कुमार झा , जिला उप मीडिया प्रभारी, मधुबनी
                मो :- 6290640716
                बिहार युवा विकास मंच

विश्व साहित्य संस्थान , कविता :-16(95)

17/07/2020            शुक्रवार

83 हिन्दी में लाया मेरा छात्र सह दोस्त धर्मेंद्र साह जिसे हिन्दी हम पढ़ाये रहे,


हिन्दी कविता:-12(85)
16-07-2019  मंगलवार 10:20
*®• रोशन कुमार झा
-:पोलियो पिलाना!-

राह हुआ रोशन मत पूछो मैं कर्म
करता हूँ क्यों
पिया हूँ और पियो!
सुन लो मेरे भारतवासियों!
आज फिर बामनगाछी से पिलाने आया
हूँ पूर्व रेलवे हावड़ा में पोलियो!

पिये है पिलाना है
मेरा ही तो यह ज़माना है!
जिसको हमने अपना माना है
हम तो जनसेवा का दीवाना है!

मुझको न शर्माना है
साथ देने के लिए न्यायालय विद्यालय
थाना है!
तब कुछ करके जाना है
मर मिट जाऊँगा इस शरीर को
मैंने मिट्टी माना है!

तब जाना है
कमाना है!
उस कमाई को लुटाना है
और जब तक है ये साँसे तब तक
पोलियो पिलाना है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(85)
16-07-2019 मंगलवार 10:20
31st Bengal Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
N.D.College st John Ambulance
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी
IGNOU-BPP-191081735
लिलुआ देखेनेहानीशा
Scoutsपोलियो नहीं पिलाये
हावड़ा स्टेशन हम अमित चंदन स्वीटी
श्याम मन्दिरComputer Certificate

शीर्षककविता:-7(025)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(025)
तेरे में बसे है मेरी प्राण!?

जिन्दगी भी क्या आर्कषण है,
इसमें हार जीत दोनो का दर्शन है!
बेहद चॉहा नीरसन शिशर वर्षा ऑधी में,
हुँ तीना पर तेरे ख्यालो में चमकती हुँ
चॉदी में!
वह पायी मैने तेरे छाया में,
औरो को भुल बैठे मोह-माया में!
फिर भी हँसती हुँ रखी हुँ होठो पर मुस्कान,
नेहा भरी भावना से कह रही हुँ तेरे सॉसो
में बसी है मेरी प्राण!
बस इतना मॉगती हुँ छोड़ना नही
कभी हाथ,
तुम्हे खोने के बाद कोन सुनेंगे मेरी
प्यारी-प्यारी मीठी बात!
तेरे छाया में मेरी अँधेरा मार्ग हो जाते
है रोशन,
कैसे बताऊँ तुझे देखकर मै कितनी
होती हुँ प्रसन्न!
उस खुशहाली की है नही कोई
चरम सीमा,
जिन्दगी की सफल समंदर की ज्वार है
मत समझना धीमा!
तेज हो या धीमा तेरे ख्यालो में बसी है
मेरी आर्कषण,
मै बेहद खुश हुँ नीरसन जो पायी हुँ
लाखो का प्रेम भरी धन!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
15-07-2018रविवार 08:25
मो:-6290640716
St john Ambulance Howrah
Narasinha dutt college
Pmkvy Liluah Electrician 1283f
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
E.Rly.Scouts

शीर्षककविता:-7(026)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(026)
रहे नही हम सबके तारा!

नरसिंहा दत कॉलेज सेंट जॉन एम्बुलेंस
के नरर्सीग के जनक,
सभी के होठो पर मुस्कान भर कर चले
गये क्या बताऊँ कितना था उनका हक!
नेहा रास भरी भावना से सभी को हँसाते
मुस्कुराते रखती थी,
वर्षा हो या तुफान सभी के साथ समान
व्यवहार करती थी!
वे और कोई नही स्वर्गीय अध्यापिका
दिपाली दास,
र्दुभाग्य है मेरा जो इस वक्त रही
नही मेरे पास!
भले छोड़कर चली गयी पतझड़ वर्षा बंसत,
कभी होगा नही उनके आस्तिव का अंत!
देखे नही पर कर रहा हुँ कविता में वर्णन,
अपनी प्रेम भरी विचार से की हर एक
का मार्ग रोशन!
मेम मधुमीता सभी की प्रिय,सपन सर से
सुनती थी श्लोक,
धर्म कर्म से हमलोग को छोड़कर चली
गयी स्वर्गलोक!
कैसे भुल सकता हुँ उनकी कर्म और वेश,
देकर चली गयी प्रेम एकत्रा की आदेश!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716सोमवार07:40
16-07-2018(pmkvy
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Roshan kumar jha
Narasinha Dutt College Howrah
St john Ambulance
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047


शीर्षककविता:-7(024)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
प्रेम की बंधन,से अब रह दुर!

प्रेम की बंधन से अब रहो दुर
इसमे जख्म ही मिलते है कभी काल
किसी को मिल जाते है फुल!
अटल-अचल राशी नही हुँ ग्रह राहुल
कोई और मिल गया गयी मेरे को भुल!
पुनम तेरी नेहा भरी रास मे फँसे हम
कुछ पल मजा दी देकर चली गयी गम!
भुल गयी वह सब बात
जब गुजारे थे वर्षा ऑधी तुफान
एक साथ!
कहॉ तुझे दया लेकर गयी मेरा दिल
मै बचा अकेला तुझे तो कोई और गया मिल!
होठो के मुस्कान गँवाये तेरी प्यारो में,
बिगड़े या जो भी बने वह तेरी ख्यालो में!
ऐ मेरे मित्र अगल रिश्ता धन दोलत
स्मार्टनेंस पर जुटा हो तो लगाकर
आ जाना पॉव
अरे यारो अपना भी तो कुछ है ना ख्याब!
उसी ख्याब में जीना है
उदास मत हो यार अपने ही जैसे कितना
है जो गर्लफ्रेंड के बिना है!
कल मेरे पास आज कही और कल
हो जायेगी किसी और से विवाह
जख्म है पर क्युँ किसी के ख्यालो में
छोड़ दुँ मंजील की राह!
प्यार मोहब्बत सब अब इस जमाने
में है घुँस
ऐ मेरे भाई प्रेम राह से रहो दुर मार्ग होंगा
रोशन रहोंगे खुश!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716रविवार00:55
15-07-2018
Pmkvy,Ncc,st john Amb

शीर्षककविता:-7(022)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(022
जन्म-मरण है बंधन!

जन्म-मरण है बंधन
नीम कहो या कहो चंदन!
जो आये सभी का जलेगा एक ना एक
दिन चिता
चॉहे हम हो या हो हमारे परम पुज्य पिता!
उम्र कहॉ पर बाल हो गये थे सादा
झौझी गॉव समाज कुटुंब के ख्याल
रखते थे चोकन दादा!
निमंत्रण सारा जिम्मेदारी थे इनके हाथ
बच्चे हो या जवान,बुढे हो या किसान
सबसे हँसते मुस्कुराते करते रहते
थे बात!
अपने तनु वक्ष स्थल से खो बैठे पवन
वर्षा ऑधी तुफान
राहुल अरुण मंगल ग्रह से सामना किये
कभी हटाये नही अपने होठो से मुस्कान!
नेहा भरी भावना से किये हर एक
का मार्ग रोशन
सुख हो या दुख हमेशा रखते थे
सभी को प्रसन्न!
कैसे भुलु वह सब
अविरान बाग करके चले गये वे
कहॉ रहे अब!
फल फुल की लगाकर चले गये बगिचा
र्दुभाग्य है मेरा वह तो बचे नही पर आज
भी जिन्दा है उनके द्वारा दिया हुँआ
आर्दशता की शिक्षा!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716शनिवार09:40
14-07-2018
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata-B, Reg no:-WB17SDA112047
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Pmkvy, Eastern Railways Scout

हिन्दी कविता:-12(84)
15-07-2019 सोमवार 17:45
*®• रोशन कुमार झा
-: बने बेईमान!:-

सही का है न यह ज़माना
और मेहनत का मिलता न दाना!
राह रोशन हुआ बने बेईमान का दीवाना
अब बेईमान बनकर ही है रास्ते में जाना!

जाऊँगा
थोड़ा बहुत लात जूता खाऊँगा!
पर सही के रास्ते पर न आऊँगा,
क्योंकि मैं अब फिर से नहीं पछताऊँगा!

किसी के हस्ताक्षर बनाकर बनूँगा बेईमान
यही है मेरा ध्यान!
और इसी में है लोक कल्याण
मैं देख चुका हूँ कला और विज्ञान!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(84)
15-07-2019 सोमवार 17:45
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John
Ambulance
कल कोमल पाँव चोट फोन
2nd Merit List-6 no 219
R.K.College#1noJ.N.College146
1noV.S.J.College:-78
काकु दीदी Scoutsफोन#stamp
Councilor signature बना 120
Wbchse Salt lake Migration
Certificate:-215लगाRegपर stamp
3750(B)A-2000साईकिल से बड़ाबाजार

कविता :- 20(58)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता -  तुमसे मिलने आता हूँ ,
💖🥰

तुमसे मिलने आता हूँ ,
सारी दुख दर्द भूलाकर
सुख चैन पाता हूँ ।
हो गयी दिल की पूजा पाठ
पता तो हमें है तेरे
बिन कैसे समय बिताता हूँ ,
आज जो दी हो ये डायरी
इसमें तुम पर ही कुछ गाता हूँ ।।
बेटा के जगह बेटा उसके बाद
कुछ कहा जाता हूँ ,
एक दिन लायेंगे बराती तुम्हारे
घर यही ख़्वाब सँजाता हूँ ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(58)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
15/07/2021 ,  गुरुवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 66
Sahitya Ek Nazar
15 July 2021 ,  Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

कविता :- 20(87)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅

नया रंग है ,
लोग मेरे संग है ।
कुछ करने का कुछ अपना ढंग है  ,
तभी तो ये उमंग है ।।
कोई साथ , तो कोई मेरे से तंग है ,
लड़ना अभी बड़ा जंग है ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(87)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
13 अगस्त 2021 , शुक्रवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 95
Sahitya Ek Nazar
13 August 2021 , Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
कविता :- 20(87), साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 95 , शुक्र, 13/08/2021 - फेसबुक - 1 , एल्बम
साहित्य एक नज़र 🌅 - 1200 सदस्य फेसबुक
गांव जाते हुए ... अंक प्रकाशित किए ।
15/08/2021 , रविवार , अंक - 97 के दिन प्रकाशित हुई - 13/08/2021 , शुक्रवार , अंक - 95

20(87)

As we celebrate Azadi Ka Amrit Mahotsav, let's take pride in National Anthem: Sing & Upload it on rashtragaan.in Videos will be merged/shown on 15 August 2021.

कविता :- 20(87), साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 95 , शुक्र, 13/08/2021
फेसबुक - 1 पर एल्बम बनाएं - शनिवार , 14/08/2021

चल दिए कर्मभूमि कोलकाता से यही है अभी का हाल ,
नमन जन्मभूमि , मधुबनी , मिथिला , बिहार
🇮🇳🌅🙏💐🚂🛤️🚄🚉🚅🚆
✍️ रोशन कुमार झा

कोलकाता - कर्मभूमि से आया हूँ , मेरी नमन 🙏 💐 करो स्वीकार ,
हे पवित्र जन्मभूमि मधुबनी , मिथिला , बिहार 🇮🇳🌅🚆🚅🚉

नमस्ते 🙏 - मधुबनी बिहार
07:14 मधुबनी ,

Howrah Bridge , Kolkata , Today

20(87)

आ. पूजा कुमारी जी , राजनगर मधुबनी द्वारा अलंकृत वीडियो - रोशन कुमार झा , साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता 🇮🇳

15/08/2021 , अंक - 97 , रविवार

PNR:6454194538,TRN:03185,DOJ:15-08-21,2S,SDAH-MBI,QR CODE URL: http://qr.indianrail.gov.in/q/C41KMWBA Indian Railway
PNR:6454194538,TRN:03185,DOJ:15-08-21,CHECK TIMINGS BEFORE BOARDING,2S,SDAH-MBI,ROSHAN KR JHA, WL-67 ,Fare:215 Indian Railway

PNR-6454194538
Trn:03185
Dt:15-08-21
Frm SDAH to MBI
Cls:2S
P1-WL,33
Chart Prepared
For Enquiry/Complaint/Assistance,please dial 139
Indian Railway
Your Tickets are not confirmed.

कोलकाता से मधुबनी आज ही .....

राजन हावड़ा से आज ही टिकट करवाया , जलेबी दिया नीचे वाला दो दो करके ।
12:52 लिलुआ , से सियालदह
15:50 बाली हाल्ट से
16:26 , बैठ गये गंगासागर में
19:03 - बैण्डेल , समय - 19:15

आ. रंजना लता जी की प्रस्तुति - स्वतंत्रता दिवस पर ....

https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/349177880178328/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/L0Vj1a5W3dk

कंचन विश्वकर्मा"कनक"
उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=739225226870279&id=100023484264613&sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/0ATcfCwbe9w

आ. डॉ अनिल शर्मा " अनिल " जी की प्रस्तुति - स्वतंत्रता दिवस पर ....
https://youtu.be/4dJVlAcNyf8
अंक - 94
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
की प्रस्तुति -
https://online.fliphtml5.com/axiwx/oxbj/

https://imojo.in/1jDvJuQ

अंक - 80 - 96
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/336938744735575/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 95
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र अंक - 95 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -
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https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/2111605/-95-13-2021-

अंक - 80 - 95
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https://youtu.be/0ATcfCwbe9w

https://youtu.be/jSy5pOTQC6s

अंक - 95
13 अगस्त  2021
शुक्रवार
श्रावण शुक्ल 5
संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 6
कुल पृष्ठ -  7

सहयोगी रचनाकार  व साहित्य समाचार -

1.  आ. साहित्य एक नज़र 🌅 ,
2.  आ. रोशन कुमार झा
3. आ.  ज्योति सिन्हा जी
4. आ.  Portrait sketch by :शिवशंकर लोध राजपूत (दिल्ली), व्हाट्सप्प no. 7217618716
Portrait of : महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती
5. आ. हरियाली तीज के अवसर पर सावन महोत्सव का सफल आभासी आयोजन -
6. आ.  आजादी के जश्न का शुभ दिन स्वतंत्रता दिवस - आ. राजेश पुरोहित जी
7. आ. कटक ओडिशा की कवियत्री रीता झा लोक भाषा गौरव से सम्मानित हुई -
8. आ. आजादी के अमृत महोत्सव पे कवियों का अध्यात्म में संपन्न कवि सम्मेलन -
9. आ. आत्मप्रकाश "आतम" जी ,
15/08/2021 , रविवार , अंक - 97 के दिन प्रकाशित हुई - 13/08/2021 , शुक्रवार , अंक - 95

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆

अंक - 94 , गुरुवार , 12/08/2021
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी
छात्र संघ व छात्र संघर्ष समिति
की उपलब्धियाँ .....
203. आ. आत्मप्रकाश "आतम" जी , अंक - 95 , शुक्रवार , 13/08/2021

फेसबुक - 1
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फेसबुक - 2
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सम्मान पत्र - 147 -

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सम्मान पत्र - 1 - 80
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सम्मान पत्र - 79 - 146
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 70 - 75

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हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी - गुरुवार
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 95
Sahitya Ek Nazar
13 August ,  2021 ,  Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

-----------------

आ. पूजा कुमारी जी , राजनगर मधुबनी द्वारा अलंकृत वीडियो - रोशन कुमार झा , साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता 🇮🇳
https://youtu.be/jSy5pOTQC6s
अंक - 80 - 95
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https://youtube.com/shorts/ZWjEq3EhVRA?feature=share

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फेसबुक - 1
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फेसबुक - 2
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कविता :- 20(88)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅

न्यारा प्यारा  है तिरंगा ,
जहाँ बहती  है माँ गंगा ।
तीन रंग की ये तिरंगा ,
प्रेम भाव , अनेकता में एकता
दर्शाते , सीखाते न करने को दंगा ।।
न्यारा प्यारा  है तिरंगा ,।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(88)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
14 अगस्त 2021 , शनिवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 96
Sahitya Ek Nazar
14 August 2021 , Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
कविता :- 20(87), साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 95 , शुक्र, 13/08/2021 - फेसबुक - 1 , एल्बम

15/08/2021 , अंक - 97 , रविवार

आ. संगीता सागर जी की प्रस्तुति - मुजफ्फरपुर ,  बिहार से स्वतंत्रता दिवस पर ....🇮🇳 साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/348110716951711/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/FdMCSAqGTGw

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=739452746847527&id=100023484264613&sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/ZQ9KAQjH4EM
आ. संगीता सागर जी की प्रस्तुति - मुजफ्फरपुर ,  बिहार से स्वतंत्रता दिवस पर ....🇮🇳 साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=739452746847527&id=100023484264613&sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/ZQ9KAQjH4EM

आ. डॉ अनिल शर्मा " अनिल " जी की प्रस्तुति - स्वतंत्रता दिवस पर ....

अंक - 94
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
की प्रस्तुति -
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अंक - 80 - 94
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https://youtu.be/es5DAsh46WQ

फेसबुक - 1

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फेसबुक - 2

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सम्मान पत्र - 147 -

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रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी
छात्र संघ व छात्र संघर्ष समिति
की उपलब्धियाँ .....
( ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय , दरभंगा की अंगीभूत इकाई )

तस्वीर ( फोटो ) प्रदाता - मिंटू यादव
संकलन कर्ता - रोशन कुमार झा

अंक - 94
12 अगस्त  2021
गुरुवार
श्रावण शुक्ल 4
संवत 2078
पृष्ठ -  1
कुल पृष्ठ -  15

R.k.college , Madhubani , Bihar
( LNMU , Darbhanga )

🛑🚨 छात्र संघर्ष समिति तथा छात्र संघ आर. के.कॉलेज मधुबनी के अथक प्रयास आंदोलनों के कारण बीएड और पीजी के कोर्स स्टार्ट होने के बाद मिली एक और नई सफलता अब मधुबनी जिला में पहली बार सरकारी कॉलेज में B.B.A, ( बी.बी.ए ) B.C.A.  (बी. सी. ए ) की पढ़ाई शुरू हो गया है।
छात्र संघर्ष समिति पर भरोसा रखने के लिए सभी छात्र छात्राओं  को बहुत बहुत धन्यवाद
निवेदक: मिंटू यादव पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष आर. के.कॉलेज मधुबनी
तथा छात्र संघर्ष समिति परिवार

RAM KRISHNA COLLEGE
       MADHUBANI
B.B.A                  B.C.A
3 Years Degree Course          3 Years Degree Course

( UNDER SELF - FINANCE SCHEME )
STARTING FROM SESSION - 2021 - 2024
Admission Process is Started

Student Union Election - 2018 - 19

छात्र संघ
आर. के. कॉलेज , मधुबनी

साहित्य एक नज़र - कोलकाता से प्रकाशित
होने वाली दैनिक पत्रिका की प्रस्तुति -
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी
छात्र संघ व छात्र संघर्ष समिति
की उपलब्धियाँ ...
अपने कठिन मेहनत से हासिल किया ।।

✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
कविता :- 20(86) , मो :- 6290640716,
12 अगस्त 2021 , गुरुवार
, Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 94
Sahitya Ek Nazar
12 August 2021 , Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान  वाणी / साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई - মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर ( मैथिली मासिक पत्रिका )
अंक - 94
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की प्रस्तुति -
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अंक - 80 - 94
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सम्मान पत्र - 147 -

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रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी
छात्र संघ व छात्र संघर्ष समिति
की उपलब्धियाँ .....
( ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय , दरभंगा की अंगीभूत इकाई )

तस्वीर ( फोटो ) प्रदाता - मिंटू यादव
संकलन कर्ता - रोशन कुमार झा

अंक - 94
12 अगस्त  2021
गुरुवार
श्रावण शुक्ल 4
संवत 2078
पृष्ठ -  1
कुल पृष्ठ -  15

R.k.college , Madhubani , Bihar
( LNMU , Darbhanga )

🛑🚨 छात्र संघर्ष समिति तथा छात्र संघ आर. के.कॉलेज मधुबनी के अथक प्रयास आंदोलनों के कारण बीएड और पीजी के कोर्स स्टार्ट होने के बाद मिली एक और नई सफलता अब मधुबनी जिला में पहली बार सरकारी कॉलेज में B.B.A, ( बी.बी.ए ) B.C.A.  (बी. सी. ए ) की पढ़ाई शुरू हो गया है।
छात्र संघर्ष समिति पर भरोसा रखने के लिए सभी छात्र छात्राओं  को बहुत बहुत धन्यवाद
निवेदक: मिंटू यादव पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष आर. के.कॉलेज मधुबनी
तथा छात्र संघर्ष समिति परिवार

RAM KRISHNA COLLEGE
       MADHUBANI
B.B.A                  B.C.A
3 Years Degree Course          3 Years Degree Course

( UNDER SELF - FINANCE SCHEME )
STARTING FROM SESSION - 2021 - 2024
Admission Process is Started

Student Union Election - 2018 - 19

छात्र संघ
आर. के. कॉलेज , मधुबनी

साहित्य एक नज़र - कोलकाता से प्रकाशित
होने वाली दैनिक पत्रिका की प्रस्तुति -
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✍️ रोशन कुमार झा
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12 August 2021 , Thursday
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अंक - 460 , वर्ष - 1 , भाद्रपद कृष्ण 2 संवत 2079 , शनिवार , 13 अगस्त 2022
मो - 6290640716                 पृष्ठ -                   संपादक - रोशन कुमार झा
___________________________
मो - 6290640716   संपादक - रोशन कुमार झा

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https://online.fliphtml5.com/axiwx/ukci/

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अंक - 460
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अंक - 459
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अंक - 458
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अंक - 457

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अंक - 456
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अंक - 455

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अंक - 454
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https://youtu.be/LH81qclfrbg

https://youtu.be/YfgEFhh2yhY

https://youtu.be/VsbtMPwqWR0

https://youtu.be/iJ4tjwJCyFY

30/06/2022, गुरुवार ,

https://lnmu.ac.in/Notice/exam/2022/BA-PART2-RESULT.pdf

https://lnmu.ac.in/pg4selection_list.php
Lnmu
https://fb.watch/eEQ1z2WCwa/

https://www.abplive.com/states/bihar/lnmu-darbhanga-professor-akhilesh-prasad-dirty-talk-with-girls-audio-nude-photo-and-whatsapp-chat-viral-ann-2182583

10 K
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/336938744735575/?sfnsn=wiwspwa&ref=share
05/05/2022

https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/511977053898409/?sfnsn=wiwspmo&ref=share

अंक - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uxga

विश्व साहित्य संस्थान
https://online.fliphtml5.com/axiwx/vfjt/




अंक - 70
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspwa&ref=share

रोशन -05 मई 2022
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रोशन 2 -05 मई 2022

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कविता  -

न हम ,
न तुम किसी से कम ।
हमारा -  तुम्हारा दम ,
किये है अपना - अपना
क्षेत्र में परिश्रम ।

  ✍️ रोशन कुमार झा
13/08/2022 ,  शनिवार
कविता - 24(51)
विद्यासागर विश्‍वविद्यालय ,
पश्चिम बंगाल
एम.ए ( हिन्दी ) सेमेस्टर - 2 ,
ग्राम - झोंझी , मधुबनी , मिथिला
बिहार  , भारत 🇮🇳
बिड़ला ओपेन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल
रोसड़ा , समस्तीपुर , बिहार , भारत 🇮🇳
संपादक - साहित्य एक नज़र 🌅
✍️ Roshan kumar jha, রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah -
711204 , Aasirvad bhawan
51/9 kumar para Lane Liluah
पूर्व छात्र - हिन्दी आनर्स -
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता , भारत
कलकत्ता विश्‍वविद्यालय
IGNOU - PGDT - 2108259530
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी , बिहार
ललित नारायण मिथिला विश्‍वविद्यालय , दरभंगा
राष्ट्रीय सेवा योजना
Veriang scouts & Gulmarg Guides
The Bharat Scouts & Guides, Eastern Railway
Howrah District, Group:- Bamangachi (BMG)
IGNOU:-BPP-(191081735) श्री जैन विद्यालय हावड़ा
31 st Bengal BN NCC Fortwilliam kolkata - B
Coy no - 5 , Reg no - WB17SDA112047
N.D.college
Narasinha Dutt College St John Ambulance ,
Howrah ,  West Bengal
मो - 6290640716 , 9433966389, 7980860387 ,
6291026116 , +916287728755
🌅  साहित्य एक नज़र 🌅 
सागर रोशन , रोशन लहर
दैनिक साहित्य समाचार पत्रिका
विश्‍व साहित्य संस्थान - 2 वर्ष , विश्‍व न्यूज़ ,
मधुबनी इकाई - साहित्य एक नज़र 🌅 -
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
  साहित्य एक नज़र  🌅, Sahitya Ek Nazar
13 August , 2022 , Saturday
Kolkata , India, সাহিত্য এক নজর

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[
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[13/08, 22:52] Roshan Kumar Jha: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid024aVgVbVhiowg1FQ4nsagfZjJ11pJfamY5NMCt4wed2iedvUjnp6KjeNuqVDyAkJBl&id=100026382485434
[13/08, 22:52] Roshan Kumar Jha: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0jbskb7H1cVebuYWKGebrRbFbdiCDsbogaQ4uYrzgdoCdH9DKk5HyWnmbvPCJK3TJl&id=100046248675018





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