फेसबुक - पिछले साल

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फेसबुक - पिछले साल

शीर्षककविता:-7(012)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(012
उठ जग मेरे दोस्त प्रमोद!

कुछ बिगड़ा नही अभी बाकी है ले लो
दो अक्षर का बोध,
कुछ ऐसा बनो ताकि उड़े हुए पक्षी भी
पछताये गलत हम थे गलत था नही प्रमोद!
हँसो-मुस्कुराओ,
दुख द्रर्द है पर बीती हुई बातो को भुलाओ,
नेहा भरी राह में पुजा करना नही दोबारा,
मुर्ख तो हमलोग थे जो प्यार पाने के लिए
बने नही आवाड़ा!
गुजारे एक साथ वर्षा ऑधी तूफान,
कमवक्त के प्यार में खो बैठे अपने होठो के मुस्कान!
मार्ग रोशन रहा करके गयी अँधेरा,
स्वपना सँजाई मेरे संग पर चली गयी किसी
दुसरे के डेरा!
कभी खाई थी प्यार की कसम,
पलभर में बदल गयी देकर चली गयी गम,
कहॉ प्रेम रोग का उपचार है,
मुझे चॉहने वाले लोग भी हजार है!
इसी से संसार है,
आज के जमाने में प्यार बाजार है!
द्रर्द तो पाता है हमलोग जैसा इंसान,
जो प्यार को किये हर वक्त सम्मान!
मुसीबत में दिये साथ,
आज वही जिन्दगी में ला दी अँधेरी रात!
देकर गयी द्रर्द,दुख,
खजाना लुटना था इसलिए पलभर के
लिए दी थी सुख!
बनाओ जिन्दगी में नई रोड,
अकेला रहकर भी हँसते-मुस्कुराते रहना
मेरे दोस्त प्रमोद!
०रोशन कुमार झा
S.N.E.College
मो:-6290640716शनि07:05
07-07-2018

शीर्षककविता:6(172)हि2,विषय सामग्री:कविता 6(172) 2 रोशन कुमार झा

चेष्टा करूँगा करूँगा चाहत पुरा,
कही मै अच्छा तो कही मै कहलाया बुरा!
फिर भी रखी है विश्वास,
जिंदे ही बना दी लाश!
अभी भी मानती है खास,
बेहतर हो गा टुट जाये मेरा सॉस!
देखुँ नही यह सब,
जो चला गया सो चला गया वह आये ना
दोबारा हमसे मिलने अब!
अकेला ही जी लुँगा
सच कहता अब अपना रिश्ता की हक
किसी  को नही दुँगा!
रेलवे निरिक्षक संघर्ष किये जिससे लिए हम,
वह तो चली गयी  देकर गम!?

०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
हावड़ा स्टेशन पर प्लेटफार्म :-04
16-06-2018 शनिवार 08:45
मो:-6290640716 pmkvy 1283f
Electrician Liluah Howrah
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Donbosco Milpara Bhatonager
English spoken
सलकिया विक्रम विधालय मेन
क्ष्री हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कुल घुसड़ी
क्ष्री नेहरू शिक्षा सदन टिकियापाड़ा
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata-B Reg no :-WB17SD112047
Roshan kumar jha
Nursingh dutt college Howrah
St john Ambulance
Surendranath evening college
Kolkata
Krishna Bhawan G. T Road
Salkia computer cours
Ghusuri shyam mandir Dance Drowing com

शीर्षककविता:6(172)हि1,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(172पुष्ठ:1
नेहा राह छोड़े पर संघर्ष की ओर दोड़े!

नेहा राह मे हम चले मंजिल पर कोई
और कर लिया अधिकार
अविरान बाग में मार्ग रोशन ही रहा फिर भी
बिगड़ गया हाल!
वर्षा ऑधी तूफान बहा फिर भी रखे
होठ पर मुस्कान
राहूल अरुण वुध शनि ग्रह से सामना
करके  बचाते रहे प्राण!
नेपाल कलकता मधूबनी गया गुहावाती
संघर्ष राह पर रहे बिछुड़ गया जीवन साथी!
मेरा नेहा भरी धन छोटा भाई अपनाया
उस प्यार ने मुझे सैनिक,शिक्षक,कवि मालुम
नही क्या-क्या नही बनाया!
क्या दुख दर्द्र भरी कहानी बताऊँ दुनिया
भाई तुझे अजितेश
मत समझना दिखाबा के लिए, संघर्ष से
लड़ने के लिए कभी एन. सी़ सी ,स्काउटस
तो कभी जीवन बचाने के लिए पहनता हुँ
विभन्न प्रकार के ड्रेस!
मेटियाब्रुज सालबनी मसाग्राम लिलुआ हावड़ा,
झाड़ु हथियार से आदर्शता की दिखाते
आये है कला!
अब तुम्हे नेहा भरी धन देखने मे
भी लगेगा पाप
दुँआ है राज्य की राजन,रानी की तरह जीना
छोटे भाई के वाइफ बन गयी आप!
छोड़कर गयी अविरान बाग में अकेला संघर्ष
करते -करते सफलता की पंख खुला
दुख यह है वादा कुछ निभाये कुछ रह
गया अधुरा?
०रोशन कुमार झा
मो:-6290640716शनि16-06-2018

शीर्षककविता:-6(211)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(211)
भुल जाओ वह बाते!?

टुटे हुए रिश्ता,सुखा हुँआ फुल,
कल अविरान बाग में आज उस पर
लगे है धुल!
किस नदी,संमदर मे धोऔगे,
पवितत्रा नही आयेगी कब तक बीती हुई
बातो पर रोऔगे!
बेहतर होगा टुटे हुए रिश्ते को भुल जाओ,
पास आने पर भी दुर जाओ,अब उसे
मत चॉहो!
दोनो को समझो बराबर,
क्योंकि आज नही उसमें सोन्दर्यता थी कल!
खो बैठी नेहा भरी रास,
निर्मल तनु वक्ष-स्थल से जन-जन को
बनायी खास!
है अटल-अचल पर्वत सोन्दर्य नदी
की कमल,
छोड़ उसे जो है अब उसी के साथ चल!
वर्षा पतझड़ भरी बंसत,
रिश्ता कहॉ तक निभाओगे कहॉ है
इसका अंत!
बेहतर होगा भुल जाओ,
द्रर्द होगा पर दिल धड़कन को समझाओ!
मत चिंता में डुबो मार्ग करो रोशन जो करके
गयी अँधेरा,
होठ पर मुस्कान भरो किसकी याद कर
रहे हो जिसका रहने का खुद नही था
घर और डेरा!
पक्षी बनो,नीले आसमान में उड़ो,
जो छुट गयी सो छुट गयी उसे
तन मन से भुलो!
टुटे हुए फुल व पेड़ पर बगिया कब रोया,
एक को खोया दुसरे को बोया बगिया कब
सोया!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
30-06-2018 शनिवार 06:40
मो:-6290640716
Ncc, pmkvy,E.Rly, Scouts
St john Ambulance

शीर्षककविता:-7(001)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(001)
आई नव महीना जुलाई!?

आई नव महीना जुलाई,
सुनो बहन और भाई!
बीती जुन,
हार नही क्या हासील किया गुण!
प्राय का नही विश्व प्रेम के लिए बहा दो
अपना खुन,
मेरे बात को बड़े घोर ध्यान से सुन!
क्या पाया क्या खोया,
जागकर कुछ हासील किया या सोया!
जो हुँआ छोड़ वह सब,
जो करना है वह कर अब!
हँसते-मुस्कुराते आयी शुभ प्रभात,
छोड़ो बीती हुई बात व गुजरी हुई दिन-रात!
आज दिन रवि,पुर्व दिशा से चमक उठे
विश्व महराज रवि,
नव महीना की शुभकामना दे रहा हुँ
खुशी-खुशी रहीयेंगा आप सभी!
मार्ग रोशन दुर कीजीए अँधेरा,
मै नही कहता कहता आज की सोन्दर्य
भरी सबेरा!
बस कह रहा हुँ इतना,
हार से घबड़ाना नही उस हार को जीतना!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 रविवार09:10
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Pmkvy, Liluah Howrah 1283f
Electrician
Roshan kumar jha
Surendranath evening college
kolkata india
सलकिया विक्रम विधालय मेन

शीर्षकPoem:-6(214)Eng,विषय सामग्री:English Poem Roshan Kumar jha
6(214)Saturday 18:45(30 June 2018)
Life is not last.

Life don't last,
any step life so running to very fast.
I see so understand,
don't  sand make to life Greenland.
so went to world,
life is rain,hot and cold.
give me love and sunlight route,
Life is fruit.
Life is smile and long,
Successful is life,s song.
come here my dear brother and
friends,
safe life is my message so
Place of sends.

०Roshan kumar jha
Surendranath evening college
kolkata india
Mob:-6290640716 saturday 18:45
30 th June 2018
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Pmkvy Liluah Howrah 1283f
Electrician
Donbosco spoken English
Mirpara Bhataonagar
Salkia vikram vidyalaya(Main)
Shree hanuman jute mill hindi
high school Ghusuri
Shree nehru shiksha sadan
Tikiapara
Rajkia madhya vidyalaya nalhi
Madhubani Bihar
Rajkia pratamik vidyalaya Jhonjhee
Madhubani Bihar India

शीर्षककविता:-7(004),विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(004
तुही प्रभु मेरा सब कुछ?

खुदा मसीहा प्रभु राम व शंकर,
तुही मेरा सब कुछ तुही मेरा अंकल!
मार्ग किया रोशन हम बने कुड़ा कड़कट नाली,
अगल मुझे तुममें समाने का मोका मिल जायें
तो कोन होगा मेरा जैसा भाग्य-शाली!
प्रभु सुन मेरा पुकार,
मै बेघर पक्षी हुँ तु नही करेंगा तो करेंगा कोन
मेरा दुलार!
तुही मेरा विश्वास, तुही मेरा सॉस,
मोह-माया से पीड़ीत हुँ कैसे ऑऊ तेरे पास!
तुही मेरा धन सम्पति तुही मेरा मन,
एक बार बाल रूप में कुष्ण आ जा मेरे
सामने मै देखकर हो जाऊँगा प्रसन्न!
तुही मेरा कागज तुही मेरा कलम,
हे भगवती मॉ सरस्वती कब से विनती कर
रहा हुँ बालक हम!
कर दे दया भर दे स्वर,
मेरा जैसा पापी का समस्या कर दे हल!
तुही मेरा मॉ तुही मेरा पिता,
तुझसे ही जन्म लिया तुझमें ही समाना है
बस जल तो जाये मेरा चिता!
यह शुभ समचार लेकर कब आयेंगे यमराज,
प्रभु तुझमें समाने के लिए पापी रोशन
तैयार है छोड़ सकता है घर
परिवार और समाज!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716मंगलवार01:10
03-07-2018Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager Howrah
Ncc,pmkvy, E.Rly.Scout

शीर्षककविता:-3(049)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 3(049)
बुझ रही प्रेम के दिये!?

जलते प्रेम के दो दीये है,
अंधकार में नही उज्जवलता में ही उसे लिये है!
उसकी सिन्दुर करीब है,
मै मॉग नही सजॉ सकते क्योंकि मै इस वक्त
गरीब है!
जिन्दगी की दो राह है,
असफलता नही सफलता हर किसी की चॉह है!
मॉग सजॉ ली वह किसी से अब रिश्ता दुर है,
अविरान बाग के लिए वह कॉटे तो मेरे लिए
वे शुभ कमल के फुल है!
जो तालाब में खिली थी वर्षा बंसत कड़ी धुप में,
मनमोहित की वे मुझे अपनी मुस्कान भरी रूप में!
चली गयी नेहा भरी राहो में छोड़कर क्या
मेरा तकदीर है,
टुट गये रिश्ते लेकिन अभी भी मेरा
जिन्दा दिल है!
गुजारे एक साथ इसी राहो पर क्या वह अब
लक्षमण रेखा है,
चली जा रही है वह किसी के डोरी में मैने
स्वपना में देखा है!
हर बस्ती,हर घर में मेरे प्यार के निंदा है,
मै आभागा रोशन हुँ छोड़कर चली गयी
वह लेकिन मै अभी भी जिंदा है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
15-01-2018सोमवार21:20 (3!049)
मो:-6290640716
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Chandan institute,Bamangachi
Roshan kumar jha
Ncc,Pmkvy, E.Rly.Scouts, st john
Ambulance (N.D.College, Howrah)

शीर्षककविता:-7(009)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(009)
देश के रक्षक तीन भाई,!?

हिन्दुस्तान की सोन्दर्यता की प्रतिक
जल,थल,वायु सेना तीनो भाई है,
अपनो के लिए चंदन दुश्मनो के
लिए कसाई है!
जय क्ष्री राम,जय हिन्द इनके नारा है,
सुरक्षा के लिए इनके पास अणु-परमाणु बम
प्वांइट 22 रायफल,7.62 LMG,SLR ,
ब्रहामोज और भी कई शस्त्र व भाला है!
सुबह में पीटी फिर करने को ड्रिलर है,
तीनो भाईयो को दुश्मनो के सामने वीरता
दिखाने के लिए सवोच्चतम पुरूस्कार चक्र
परमवीर है!
हर एक का मार्ग रोशन देश की मान सम्मान
इनके हाथो में है,
क्या कहुँ दम तो इनके वर्ड़ आफ कंमाड
और हर एक बातो में है!
देश सेवा के लिए तैरकर,उडकर दोड़कर
चलते है!
मारने या वीरगती पाने की भावना रखकर
दुश्मनो से सीना तान कर लड़ते है!
पहनने के लिए जुता डी.एम.एस तीनो
भाई के अलग- अलग वर्दी है,
रहने के बाद भी कहॉ इनके लिए होली ईद दिवाली गर्मी या शरदी है!
मंगल हो या शनि हर दिन सेविंग करते है,
कब घर परिवार समाज से दुर हो जायेंगे
क्योंकि हर दिन युध्द के मैदान में चलते है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत मो:-6290640716
06-07-2018,शुक्रवार 00:05
Ncc

शीर्षककविता:-7(003)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7-003
कलम तेरी आत्मकथा!?

मै पक्तिंयो के माध्यम से दे रहा हुँ
कुछ बात बता,
वह है कलम की आत्मकथा!
लाल हरा काला ब्लु
हाथ मे लगते ही काम करना कर देता शुरू!
कलम हर वक्त देता हम आम
आदमी का संग
कलम नही हाथ में तो व्यर्थ मानता हुँ
जिन्दगी जीने का ढंग!
दु:भाग्य है मेरा जो कि पोकेट में स्मार्टफोन
है पर है नही कलम
छोटका व ठिनका सा है पर कलम में है
बहुत बड़ा दम!
न्यालय विधालय सरकार,बड़े-बड़े कम्पनी
की कलम भरी एक हस्ताक्षर
से हो जाते दोषी गरीब-मजदुर विधार्थी
जन-जन की समस्या हल!
कलम ही गरीब के अँधेरा भरी मार्ग
करता रोशन
दुनिया के प्रति मोह-माया छोड़ कलम को
बना लो अपना साथी रहोंगे हमेशा प्रसन्न!
लिखना लिखते-लिखते मन उभ जाये
करना चित्रकला
छोड़ मोबाईल फोन रे भाई पकड़ कलम
उसी में है हम सबका भला!
जितना मालुम है कलम के बारे में उतना
दिया हुँ बता
यही है कलम की आत्मकथा!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 सोमवार00:15
02-07-2018
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
Narasinha dutt college
St john Ambulance

शीर्षककविता:-7(008)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(008)
जन्म-मरण है चक्र!?

जन्म-मरण है चक्र,
यह नही होता होता नही फर्क!
जन्म लिए हो तो मौत है निश्चत,
चॉहे हम हो या कोई भी मधुर कर्म वचन
बना लो मेरे मित्र!
वरना आये थे खाली जाना भी है हाथ
करके खाली,
नही विश्वास है तो देख लो फुल की डाली,
कल जो फुल था उसे तोड़कर ले गया माली,
नश्वरता की प्रतिक है यह दुनिया सारी!
आज जो है कली वही कल सुर्य के रोशन में
खिलकर बनेंगे फुल,
कल माली भी आज के कली को तोड़ने
के लिए हो जायेंगे मजबुर!
मौत की जंजाल व यमराज की डण्टा से
कहॉ बचे रावण महिषासुर,
सब कुछ जानने के बाद भी मोह-माया में
लिप्त हुँ कोन होगा मेरा जैसा धुर्र!
प्रभु तुम्हारे सिवा कोन करेंगा नकामी
रोशन का दुख का हरण,
जन-जन को कहता हुँ जन्म-मरण की
बंधन से मुक्ति पाना है तो पकड़ लो खुदा
मसीहा प्रभु क्ष्री राम का चरण!
स्वर्ग-नरक,जन्म-मरण की बंधन है चक्र,
कर्म कर पुण्य-पाप का अभी नही मरने
के बाद पता चलेगा फर्क!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
05-07-2018 गुरूवार 09:55
मो:-6290640716
Ncc,E.Rly.Scouts,Pmkvy, st john
Ambulance Howrah (N.D.College)

शीर्षककविता:-7(005)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(005
चला तब ही तो हार जीत मिला!

जिन्दगी में हार या जीत कहॉ होते अपने आप,
उसके लिए देना पड़ता हर वक्त जॉच प्रताप!
दोड़ना पड़ता हजार के साथ,
सुनना पड़ता करवी बात!
तब मिलता लिखा हुँआ प्रमाण,
वही बढाता सफलता की अरमान!
हार तो हार जीत मिलता कम,
उसमें गिने जाते है हम!
हारने के बाद भी देते परिक्षा,
थकने वाले नही है जीत से लिये है शिक्षा!
रोकना नही कदम अपना,
हो सके तो करना हासील मत देखना सपना!
स्वपना देखने में कुछ वक्त हो जायेंगा नष्ट,
सँज तो जायेगी सपना इससे बेहतर है
सँजाने से पहले ले ले अस्त्र और शस्त्र!
हासील कर सफलता देते रह जॉच प्रताप,
दुनिया में कुछ भी नही हुँआ है अपने आप!
हार से मत घबड़ा,
सफलता से ज्यादा असफलता को लगा गला!
उसी में है भला,
वही हार क्षुंगार बनकर देगा एक दिन
लिखित हुई प्रमाण और कला!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716मंगलवार17:35
03-07-2018 Donbosco spoken
English,Mirpara Bhatonager Howrah
Cert7
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts
Bamangachi Howrah WB
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B,Pmkvy,St john,Amb

शीर्षककविता:-7(013)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7-013
जो पकड़ते हम वह छोड़ते कहॉ!

जो हम पकड़ते वह कहॉ छोड़ते,
दुख द्रर्द खुद सहते हम किसी से नही बोलते!
चुपचाप रहते,
जो भी कहते वह अपना मन से कहते!
मशहुल होने की रखते नही खामोशी,
भले राह पर हम चले मगर सफल-ए-राह
दिखाये आपलोग जैसा पड़ोसी!
वही दिखाये सँघर्ष की बाजार,
तब आज मुझे चॉहने वाले लोग मिले हजार!
सैनिक शिक्षक विधार्थी कागज कलम को
बनाये अपना साथी,
वही राह रोशन किये घुमाये कलकता और
गुहावाती!
छोड़े वही राह जिसमें था नकामी
क्योंकि नकामीयो में रहकर हासील करना
नही था बदनामी!
एक चिराग से रिश्ता के कई दीप जलाये
वे लोग हमें भुल गये पर हम कहॉ भुलाये!
अपनाये जो मार्ग उससे हटे कहॉ हम
टुट जाये सॉसे पर भंग करूँगा नही कसम!
आज नही तो कल करूँगा लक्षय पुरा
मेरा शब्दकोष में शब्द है ही नही अधुरा!
अगल कुछ पाना है तो चलते रहो रहे तब
तक जब तक हुँआ नही है जिन्दगी का अंत,
बनना है तो महान बनो वरना सुख-सुविधा
त्यागकर बन जाओ साधु संत!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 रविवार 00:35
08-07-2018
Ncc,Pmkvy,E.Rly. Scouts,st john Ambulance (N.D.College)

शीर्षककविता-6(179)हि2,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(179)2
गुवाहाटी से हावड़ा! (पुष्ठ:-02)

कचोड़ी के बारे में सोचते रहे पुरी कच्चा
था या पक्का,
बातचित्र करते रहे आ गये न्यु फरक्का!
फरक्का में लिए कलम कागज एक साथ,
कर्म और वचन लिखते-लिखते आ गये
रामपुर हाठ!
शुभ यात्रा से हुए बहुत प्रसन्न,
खुशी-खुशी पहुँच गये बोलपुर शान्ती निकेतन!
देखे दुर-दुर तक था बगिया अविरान,
खेत देखते-देखते आ गये पुर्व रेलवे
सीमा वर्ध्दमान!
प्रणाम किये बंगाल भुमी को यही से मिला
आर्दश जिन्दगी जीने का कला,
मस्त रहा सफल आ गये गुवाहाटी से हावड़ा!
राज्य का राजन हो या भिखारी अरुण
राहूल ग्रह हो या वुध,
हर दिन ये ट्रेन चलती घुम कर आइये
आप खुद!!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
17-06-2018 रविवार 20:05
मो:-6290640716
(27M,1j (T-8july)6-179-02
Chandan institute Bamangachi
Roshan kumar jha
Surendranath evening college kolkata
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB India
Narasinha dutt college st john
Ambulance, (Liluah, Pmkvy, Elc)

शीर्षककविता-6(179)हि1,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(179)1
गुवाहाटी से हावड़ा!?

दुनिया के हिन्दुस्तान के बिहार,बंगाल,असम
घुमे कई जिला नगर रेलवे स्टेशन देखे
रहन-सहन और वेश,
पर्वत पहाड़ गंगा कमला नील हुगली ब्रहमपुत्र
देखे इसमें वर्णन किया गया है वह ट्रेन
है गुवाहाटी-हावड़ा सराईघाट एक्सप्रेस!
नारंगी में बिछुड़े उनसे जो बने थे नई साथी,
दुर होते-होते पहुँच गये रेलवे स्टेशन गुवाहाटी!
भरे होठ पर मुस्कान अँधेरा से मार्ग रोशन
हुँआ बना रहा विश्व मॉ की दया,
नेहा भरी भावना से पहुँच गये गुवाहाटी
से कामख्या!
वर्षा हुई पहुँचे न्यु बोनगेगोन भाईचारा का
दीप जलाना था अपने तनु वक्ष स्थल से
करना नही था वार,
भाई-भाई से हाथ मिलाते-जुलाते रहे पहुँच
गये न्यु अलीपुरद्वार!
न्यु अलीपुरद्वार में आया बिछुड़े हुए मित्रो
का ख्याल,
उनके सोन्दर्यता का वर्णन करते-करते
चले आये न्यु कुचबिहार!
कुचबिहार में खाये लुची,कचोड़ी जिसे हम
बोलचार की भाषा में कहते है पुरी,
मस्त रहा कचोड़ी खाते-खाते आ गये
न्यु जलपाईगुड़ी!
खाये थे जो कचोड़ी वह किशनगंज आते-
आते गया पच,
मालदह टाउन आने वाला है मै कहता हुँ
सच,.!
०रोशन कुमार झा
मो:-6290640716 Ncc(पुष्ठ:-01)

शीर्षककविता:-7(014)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन
अब हुँ अकेला लेकिन हुँ मस्त!

नही द्रर्द नही कष्ट
अब हुँ मै मस्त!
रो-रो कर हँसता हुँ
राह ही बदल दिये अब कहॉ मै कहॉ
फँसता हुँ!
जाल में फँसे थे एक बार
किस तरह बाहर आये वह मै जानता हुँ यार!
अपनाये सँघर्ष राह बनने के लिए सैनिक
शिक्षक विधार्थी कवि
मार्ग रोशन हुँआ तब जानते है आप सभी!
मोह-माया का जाल हरा भरा रंग साधा था
हरियाली देखकर रखे पॉव धँस गये
हम क्योंकि उसमें काधा था!
पड़ा छिटका पकड़ लिया दाग
जब निकलें मोह-माया की नगरी से तब
खुला यह दिमाग!
आगे बढाये कदम चार
तब सुधरा यह बिगड़ा हुँआ हाल!
तब जलाये नफरत की दिया
कई आये कई गये किसी के बातो को
दिल पर नही लिया!
वरना दिल जाता टुट
टुटे हुए दिल को जोड़ने में लगता कई साल
जाता सफल-ए-राह छुट!
तब पछताते
कइयो के आगे-पीछे हम भी जाते!
यह सब छोड़कर हुँ अकेला
फेकना ही नही है वरना हम भी फेकते
पत्थर फेकते नही ढेला!
एक नही तो दो जाता ही मिल
कहॉ समाते जगह कहॉ टुट फुटा है
पर एक ही है ना दिल!
वह भी लेकर छोड़ दिया कोई एक
तब बैठा हुँ लिखने को गम भरी कविता
और लेख!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
09-07-2018सोम00:48
मो:-6290640716

कविता :- 20(53)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता - हार मानना संभव नहीं -

हार मान लूँ
यह संभव नहीं  ,
वह भी अब नहीं ।
पुरानी बातें अब
वह नव नहीं ।
साथी कई है
पर साथ सब नहीं ।
व्यस्त हूँ
इस व्यस्त जीवन में वैभव नहीं ,
कर्ता हम
कर्म करने वाला रब नहीं ,
हार कर आऊँगा
हार से ही जीतूंगा
हार से भागने वाला सभ्य नहीं ,
हार मानने वाला में से
मैं अब नहीं ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(53)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
10/07/2021 , शनिवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 61
Sahitya Ek Nazar
10 July 2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

अंक - 61
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका

साहित्य एक नज़र अंक - 61 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -
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मात्र - 15 रुपये

जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका

अंक - 61
10 जुलाई  2021
शनिवार
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या
संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण - पत्र -  7
कुल पृष्ठ -  8

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

सहयोगी रचनाकार  व साहित्य समाचार -

1.  आ.  बिहार बोधि काव्य संग्रह - पृष्ठ
2.  आ. हिंददेश परिवार
3. आ.  " कवि  " सुदामा दुबे जी , सीहोर , म० प्र०
4. आ. वर्ल्ड रिकॉर्ड कवि सम्मेलन में  पुरोहित  जी "
5. आ. डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित जी " - दोहे
6. आ. सपना 'नम्रता' जी
7.आ.  अजय आवारा जी
8. आ. सोनू विश्वकर्मा ' समर ' जी
9. आ. सुरेश लाल श्रीवास्तव जी, उत्तर प्रदेश,
10. आ. कलावती कर्वा जी
11. आ. रोशन कुमार झा

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
123. आ. " कवि  " सुदामा दुबे जी , सीहोर , म० प्र०

अंक - 54 से 58
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हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

सम्मान पत्र - 1 - 80
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सम्मान पत्र - 79 -
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सम्मान पत्र - 1 - 80
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सम्मान पत्र - 79 -
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विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
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शीर्षककविता:-7(016)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(016)
मस्त है आज कल के गुरु का ड्युटी!

आज के गुरु का पहचान रंग रूप का हैै
कहॉ ग्यान का है,
गुगल,यु-टुब,फेसबुक,वाटसाफ पर पढ़ाते
है क्योंकि जमाना विग्यान का है!
विधार्थी अड्डा मारने रोज जाते विधालय, महाविधालय,विश्वविधालय मालुम
नही क्या धंधा है,
गुरु को वेतन मिल ही जाते क्योंकि एकाउण्ट
नम्बर तो सरकार के खातो से बॉधा है!
क्या कहुँ क्या जमाना है,
सो कर कुर्सी तोड़ना कुर्सी तोड़कर ही तो
शिक्षको को कमाना है!
विधार्थी तो विधार्थी गुरु भी व्यस्त है,
मालुम नही अब कोन क्षेष्ठ है!
आज के गुरु का क्या अर्थ है,
उनके बिना ही तो आज के समाज व्यर्थ है!
फिर भी गुरु और शिष्य सोये है,
र्दुभाग्य है मेरा जो इस सभ्यता में आकर
अपना आदर सम्मान खोये है!
आज कल के गुरु का मस्त ड्युटी है,
जबहीयें मन तबहीयें छुट्टी है!
इससे आगे का मार्ग रोशन नही अँधेरा है,
गुरु का दोष नही दोष तो मेरा है!
फिर भी चुपचाप है,
गुरु विधार्थी तो सही उससे भी आलसी तो
हम और आप है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
10-07-2018मंगलवार 00:20
Ncc,Pmkvy,E.Rly.Scouts
St john Ambulance


कविता :- 20(52)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता - महादेव भरते जेब

देवों के देव
प्रभु महादेव ,
वही भरते
दुनिया का जेब ।
भोलेनाथ का हम पर
दया हो आशीर्वाद हो ।
हमारी मंजिल
आँधी तूफ़ान के बाद हो ।।
हम अपना
कर्म करूँ , हमें न किसी
से वाद विवाद हो ,
भोलेनाथ का पुजारी
घबड़ाऊँ क्यों ?
सुख - दुख तो साथी
इससे न हम आज़ाद हो ।
देवों के देव प्रभु महादेव ,
उन्हीं पर तो भरा है
दुनिया का जेब ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(52)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
09/07/2021 , शुक्रवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 60
Sahitya Ek Nazar
09 July 2021 ,  Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

कविता :- 20(51)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता - बरसात

खेत भी है पानी के साथ ,
प्रकृति भी कर रही है बात ।
किसान भाई रोप रहें है धान
चलाकर अपना हाथ ,
देखो-देखो आ गये बरसात ।।
बरसात में ही डूबने
लगते पोखर के घाट ,
भंयकर होती
बरसात की रात ‌‌।
लेकर आती नव प्रभात ,
कोई और नहीं
यही बरसात ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(51)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
08/07/2021 , गुरुवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 59
Sahitya Ek Nazar
08 July 2021 ,  Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , साप्ताहिक पत्रिका
अंक - 3 ,

शुभांगी साहित्य एक नज़र रत्न सम्मान से सम्मानित

कोलकाता :- पश्चिमी बंगाल कोलकाता से प्रकाशित समाचार पत्र दैनिक साहित्य एक नज़र में अंक 58 में श्रेष्ठ काव्य रचना प्रकाशित कर समाचार पत्र की ओर से भवानीमंडी जिला झालावाड राजस्थान की सुप्रसिद्ध बाल कवयित्री शुभांगी शर्मा को साहित्य एक नज़र रत्न सम्मान से बुधवार को कोलकाता से ऑनलाइन रोशन कुमार झा ने सम्मानित किया। शुभांगी कवयित्री चित्रकार व श्रेष्ठ मंच संचालक भी  है।वह वर्तमान में भवानीमंडी शहर के बथेल सेकेंडरी स्कूल में कक्षा नवीं की छात्रा है। उन्होंने छोटी सी उम्र में अपनी मेहनत व लगन से राष्ट्रीय स्तर पर साहित्य जगत में नाम रोशन किया है। उनकी कविताओं के प्रमुख विषय राष्ट्रभक्ति पर्यावरण देश सेवा स्वच्छता रहते हैं। वे कविताओं से समाज मे व्याप्त बुराइयों कुरीतियों को मिटाने हेतु जन जागरण का काम कर रही हैं। कोरोना काल मे उन्होंने दिल्ली की साहित्य संगम संस्थान के फेसबुक मंच पर ऑनलाइन काव्यपाठ किया है। बुधवार को उन्होंने हिंददेश परिवार विश्व बंधुत्व कविता की आवाज़ पेज पर भी शानदार काव्य पाठ किया है। उन्हें कई रचनाकारों ने ऑनलाइन बधाई दी है।

कविता :- 20(51)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता - बरसात

खेत भी है पानी के साथ ,
प्रकृति भी कर रही है बात ।
किसान भाई रोप रहें है धान
चलाकर अपना हाथ ,
देखो-देखो आ गये बरसात ।।
बरसात में ही डूबने
लगते पोखर के घाट ,
भंयकर होती
बरसात की रात ‌‌।
लेकर आती नव प्रभात ,
कोई और नहीं
यही बरसात ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(51)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
08/07/2021 , गुरुवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 59
Sahitya Ek Nazar
08 July 2021 ,  Thursday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , साप्ताहिक पत्रिका
अंक - 3 ,

शीर्षककविता:-12(78)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-12(78)
09-07-2019 मंगलवार 17:07
*®• रोशन कुमार झा
-: मैं हूँ तुम नहीं  !:-

मैं कहाँ फँस गया मालूम नहीं,
चुप हूँ पर गुमसुम नहीं!
शोर है पर धूम नहीं,
मैं हूँ पर तुम नहीं!

कुत्ता हूँ,
फटा हुआ जूता हूँ!
कटा हुआ सूता हूँ,
पर जूते में गूंथा हूँ!

किसी के पाँव में लगा हूँ,
जगा हूँ!
ठगाया हूँ पर किसी को न ठगा हूँ,
मैं तो सगा हूँ!

तो जो मैं वह तुम नहीं,
जो तुम वह मैं नहीं!
अंतर होना भी है सही,
रोशन राह का कुत्ता हूँ पर मैं भी काम आता
हूँ कहीं न कहीं!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स क्रमांक:-9
Sec:-H4 (Pmkvy)
Reg no:-117-1111-1018-17
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता:-12(78)
09-07-2019 मंगलवार 17:07
सलकिया विक्रम विधालय मेन
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
IGNOU-BPP-191081735
Narasinha Dutt College st John
Ambulance
SUO Samarat Ncc फोन किये!
Jio 99 recharge# Nif night Duty

शीर्षककविता:-7(011)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(011)
क्या निशाना लगाये!?

मेरा तीर का क्या निशाना था,
एक तरफ हम दुसरें तरफ यह जमाना था!
हालात मजबुर था,
मन में सपना सजॉ लिए थे मगर रिश्ता
ही दुर था!
कपड़ा काला,श्वेत,जबरदस्त रंग लाल था,.
सोन्दर्यता में उपमा किससे करते करने
के लिए कुछ था ही नही मगर चन्द्रमा
जैसा गोरा-गोरा गाल था!
कवि सैनिक शिक्षक विधार्थी,समस्त जीव
भरी क्षावण बंसत देखकर प्रसन्न था,
जुलाई महीना था हँसते कैसे स्थिर ही
नही मेरा मन था!
सुर्य के रोशन भी उस सुन्दरता के रोशनी
में कम था,
काले-काले बादलो के बीच स्थिर
सितारा में ही मेरा दम था!
उस सितारा का क्या निशाना था,
मुझे और कही नही हमे उसी बगिया में
जाना था!
पुजा पाठ अर्चन कहॉ जबरदस्त दर्शन था,
तारे तो कई थे मगर उसी सितारा में मेरा
आर्कषण था!
चॉकलेट खिलाये खाये नही मगर स्वाद
मिठासा था,
अरे मै देखकर इतना प्रसन्न था ,पुछो मत
क्योंकि वह परी की रानी सितारा ही
मेरे पास था!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,शनिवार 00:15
07-07-2018,Ncc, Pmkvy, E.Rly,
Scouts, st john Ambulance (N.D.College)
Roshan kumar jha

शीर्षककविता;-2(012)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 2(012)
क्या लव,क्या ऐरेंज मैरेज!?

क्या लव क्या ऐरेंज मैरेज,
जहॉ प्रेम ना हो उसे मै समझता हुँ कुड़ा
की गैरेज!
मार्ग रोशन करो पलभर की स्नेह भरी
मुस्कान है झुठ,
नेहा भरी राह में सफलता की वर्षा ऑधी
तूफान जायेगा छुट!
फिर पछताओगे,
क्या बीता हुँआ वक्त दोबारा लाओगे!
छोड़ो प्यार मोहब्बत,शादी,
इसमें किसका नही हुँआ र्बवादी!
क्या माता,क्या पिता,
मुसीबत मे जीवन साथी ही बन जाती चिता!
क्युँ करूँ किसी मैरेज पर आशा,
इससे अच्छा अभी से ही क्युँ ना बना
लुँ अकेलापन की परिभाषा!
लव हो या ऐरेंज मैरेज सभी देंगे
एक दिन छोड़,
क्युँ ना रिश्ता बनने से पहले ही दुँ उस
रिश्ते को तोड़!
सोहरत ऐसा ही रहे लोग हमे चॉहे,
किस्मत ऐसा ही हो कि हम किसी
के प्रेम ना पाये!
कभी करूँगा नही मैरेज,
ऐ दुनिया कसम कहो या कुछ भी कहो
यह मेरा है चैलेंज!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
08-09-2017शुक्रवार17:20
मो:-6290640716 कविता-2(012)
Chandan institute Bamangachi
Eastern Railways Scouts Howrah
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
St john Ambulance

शीर्षककविता:-7(012)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(012
उठ जग मेरे दोस्त प्रमोद!

कुछ बिगड़ा नही अभी बाकी है ले लो
दो अक्षर का बोध,
कुछ ऐसा बनो ताकि उड़े हुए पक्षी भी
पछताये गलत हम थे गलत था नही प्रमोद!
हँसो-मुस्कुराओ,
दुख द्रर्द है पर बीती हुई बातो को भुलाओ,
नेहा भरी राह में पुजा करना नही दोबारा,
मुर्ख तो हमलोग थे जो प्यार पाने के लिए
बने नही आवाड़ा!
गुजारे एक साथ वर्षा ऑधी तूफान,
कमवक्त के प्यार में खो बैठे अपने होठो के मुस्कान!
मार्ग रोशन रहा करके गयी अँधेरा,
स्वपना सँजाई मेरे संग पर चली गयी किसी
दुसरे के डेरा!
कभी खाई थी प्यार की कसम,
पलभर में बदल गयी देकर चली गयी गम,
कहॉ प्रेम रोग का उपचार है,
मुझे चॉहने वाले लोग भी हजार है!
इसी से संसार है,
आज के जमाने में प्यार बाजार है!
द्रर्द तो पाता है हमलोग जैसा इंसान,
जो प्यार को किये हर वक्त सम्मान!
मुसीबत में दिये साथ,
आज वही जिन्दगी में ला दी अँधेरी रात!
देकर गयी द्रर्द,दुख,
खजाना लुटना था इसलिए पलभर के
लिए दी थी सुख!
बनाओ जिन्दगी में नई रोड,
अक


हिन्दी कविता:-12(77)
08-07-2019 सोमवार 17:48
*®• रोशन कुमार झा
-: कभी खिली !:-

राह रोशन होते ही गई खिल
ले गयी दिल!
गये आपस में मिल
और किया बग़िया पतझड़ करके गई फिर!

आज आई बीती कल
रिश्ता निभाने से वह गई डर
और क्या गई मेरे लिए मर
पर मैं जिन्दा हूँ और दिया हूँ
नई राह पर चल!

जहाँ कोई न अपना है
जीना मेरा सपना है!
दुख दर्द है फिर भी राम नाम जपना है
और क्या सूर्य की तरह तपना है!

अब कुछ नहीं
देखना सिर्फ घड़ी है
और क्या यह जीवन मेरी हरी है
क़ामयाबी से भरी है
वह मेरे लिए नहीं अपने लिए चली है
अब तो मेरे लिए कोई दूसरी परी है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(77)
08-07-2019 सोमवार 17:48
31st Bengal Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
N.D.College st John Ambulance
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
कल SM-Scouts Master#Station
Master# Scouts founder-1857
1907-20 बच्चों
4800-(1000,Lic+3800 Bank)
250 charger,50 Lic
2683 मुस्तफा NIF
Computer certificate नहीं मिला श्याम
मन्दिर घुसड़ी#

शीर्षककविता-6(179)हि2,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(179)2
गुवाहाटी से हावड़ा! (पुष्ठ:-02)

कचोड़ी के बारे में सोचते रहे पुरी कच्चा
था या पक्का,
बातचित्र करते रहे आ गये न्यु फरक्का!
फरक्का में लिए कलम कागज एक साथ,
कर्म और वचन लिखते-लिखते आ गये
रामपुर हाठ!
शुभ यात्रा से हुए बहुत प्रसन्न,
खुशी-खुशी पहुँच गये बोलपुर शान्ती निकेतन!
देखे दुर-दुर तक था बगिया अविरान,
खेत देखते-देखते आ गये पुर्व रेलवे
सीमा वर्ध्दमान!
प्रणाम किये बंगाल भुमी को यही से मिला
आर्दश जिन्दगी जीने का कला,
मस्त रहा सफल आ गये गुवाहाटी से हावड़ा!
राज्य का राजन हो या भिखारी अरुण
राहूल ग्रह हो या वुध,
हर दिन ये ट्रेन चलती घुम कर आइये
आप खुद!!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
17-06-2018 रविवार 20:05
मो:-6290640716
(27M,1j (T-8july)6-179-02
Chandan institute Bamangachi
Roshan kumar jha
Surendranath evening college kolkata
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB India
Narasinha dutt college st john
Ambulance, (Liluah, Pmkvy, Elc)

शीर्षककविता-6(179)हि1,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(179)1
गुवाहाटी से हावड़ा!?

दुनिया के हिन्दुस्तान के बिहार,बंगाल,असम
घुमे कई जिला नगर रेलवे स्टेशन देखे
रहन-सहन और वेश,
पर्वत पहाड़ गंगा कमला नील हुगली ब्रहमपुत्र
देखे इसमें वर्णन किया गया है वह ट्रेन
है गुवाहाटी-हावड़ा सराईघाट एक्सप्रेस!
नारंगी में बिछुड़े उनसे जो बने थे नई साथी,
दुर होते-होते पहुँच गये रेलवे स्टेशन गुवाहाटी!
भरे होठ पर मुस्कान अँधेरा से मार्ग रोशन
हुँआ बना रहा विश्व मॉ की दया,
नेहा भरी भावना से पहुँच गये गुवाहाटी
से कामख्या!
वर्षा हुई पहुँचे न्यु बोनगेगोन भाईचारा का
दीप जलाना था अपने तनु वक्ष स्थल से
करना नही था वार,
भाई-भाई से हाथ मिलाते-जुलाते रहे पहुँच
गये न्यु अलीपुरद्वार!
न्यु अलीपुरद्वार में आया बिछुड़े हुए मित्रो
का ख्याल,
उनके सोन्दर्यता का वर्णन करते-करते
चले आये न्यु कुचबिहार!
कुचबिहार में खाये लुची,कचोड़ी जिसे हम
बोलचार की भाषा में कहते है पुरी,
मस्त रहा कचोड़ी खाते-खाते आ गये
न्यु जलपाईगुड़ी!
खाये थे जो कचोड़ी वह किशनगंज आते-
आते गया पच,
मालदह टाउन आने वाला है मै कहता हुँ
सच,.!
०रोशन कुमार झा
मो:-6290640716 Ncc(पुष्ठ:-01)

शीर्षककविता-6(178)हि2,विषय सामग्री: हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(178)2
हावड़ा से गुवाहाटी(पुष्ठ-2
जिन्दगी जीने के लिए कुता नही बनना
पड़ता है सियार,
सिंहनाद के बारे में सोचते-सोचते पहुँच
गये न्यु कुचविहार!
हम सब एक इंसान नही हिन्दु नही मुसलमान
नही ब्रहामण नही ग्वाल,
इंसानियत के दीप जलाते-जलाते आ गये
न्यु अलीपुरद्वार!
अलीपुरद्वार से गये न्यु बोनगेगोन लिए एक
फुल देखे आर्दश जिन्दगी जीने का खेल,
कितना सोन्दर्य है अपना सैनिक और
भारतीय रेल!
शुभ यात्रा करते-करते आ गये विश्व निर्माता
पहाड़ी मॉ के द्वार कामख्या धाम,
माता रानी पुर्ण की आन्तरिक इच्छा
बताये भी नही अपना नाम!
उनकी दया से मिलते रहा प्रतिदिन
नई-नई साथी,
रिश्ता के बारे में सोचते-सोचते पहुँच गये
हावड़ा से गुवाहाटी!
नया स्थान फेश बदलने के लिए
निकाले कंघी,
ऑटो में बैठकर बाल झाड़ते-झाड़ते
पहुँच गये नारंगी!
पुथ्वी अरुण राहूल वुध ग्रह आपस में भले
टकराये,फिर भी चलते रहते ये ट्रेन चॉहे
दिन मंगल हो या रवि,
मै तो घुमा विनती कर रहा हुँ घुम कर
आइये आप सभी!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
17-06-2018 रविवार 19:15
मो:-6290640716
Ncc,Pmkvy,E.Rly.Scouts,st john Amb

शीर्षककविता-6(178)हि1,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(178)1
हावड़ा से गुवाहाटी!?

पर्वत पहाड़ नदी सोन्दर्यता से भरी है
अपना देश,
हावड़ा से गुवाहाटी जाने की वर्णन किया
हुँ वह गाड़ी है सराईघाट एक्सप्रेस,
लिलुआ बामनगाछी हावड़ा में पकड़े ट्रेन
एक दुँ तीन चार पॉच,
भरते रहे होठ पर मुस्कान,मुस्कुराते-
मुस्कुराते आ गये वर्ध्दमान,
वर्ध्दमान में सुर्य के रोशन की अस्त स्थिर
हो रहा था मन,
मन में नेहा भरी दीप जलाते-जलाते आ
गये वोलपुर शान्तिनिकेतन!
आयी तेज वर्षा ऑधी तूफान एक साथ,
प्राकुति के सोन्दर्य दुष्टि देखते-देखते आ
गये रामपुर हाठ!
रामपुर हाठ में सफलता की ओर
लगाये धक्का,
जीतते-जीतते आ गये न्यु फरक्का!
न्यु फरक्का में दिखाये वर्दी पंक्ति भरी गुण,
सुनाते-सुनाते पहुँचे दार्शीनिक स्थल मालदह
टाउन जिसका नाम लिये थे समाचार
पत्र से सुन!
मालदह टाउन में देखे रंग-बिरंग के कार,
कार पर बैठे नही मगर देखते-देखते आ गये
किशंनगंज बाजार!
कोई बंगाली, हिन्दी, नेपाली,मैथली,असामी
अंग्रेजी संस्कुती तो कोई बोल
रहे थे भोजपुरी,
हिन्दुस्तान के कई भाषायें है कुछ भाषायें
सुनते-सुनते आ गये विश्व बंगाल के न्यु
जलपाईगुड़ी!
रोशन कुमार झा 6(178)पुष्ठ:-1

शीर्षककविता:-7(013)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7-013
जो पकड़ते हम वह छोड़ते कहॉ!

जो हम पकड़ते वह कहॉ छोड़ते,
दुख द्रर्द खुद सहते हम किसी से नही बोलते!
चुपचाप रहते,
जो भी कहते वह अपना मन से कहते!
मशहुल होने की रखते नही खामोशी,
भले राह पर हम चले मगर सफल-ए-राह
दिखाये आपलोग जैसा पड़ोसी!
वही दिखाये सँघर्ष की बाजार,
तब आज मुझे चॉहने वाले लोग मिले हजार!
सैनिक शिक्षक विधार्थी कागज कलम को
बनाये अपना साथी,
वही राह रोशन किये घुमाये कलकता और
गुहावाती!
छोड़े वही राह जिसमें था नकामी
क्योंकि नकामीयो में रहकर हासील करना
नही था बदनामी!
एक चिराग से रिश्ता के कई दीप जलाये
वे लोग हमें भुल गये पर हम कहॉ भुलाये!
अपनाये जो मार्ग उससे हटे कहॉ हम
टुट जाये सॉसे पर भंग करूँगा नही कसम!
आज नही तो कल करूँगा लक्षय पुरा
मेरा शब्दकोष में शब्द है ही नही अधुरा!
अगल कुछ पाना है तो चलते रहो रहे तब
तक जब तक हुँआ नही है जिन्दगी का अंत,
बनना है तो महान बनो वरना सुख-सुविधा
त्यागकर बन जाओ साधु संत!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 रविवार 00:35
08-07-2018
Ncc,Pmkvy,E.Rly. Scouts,st john Ambulance (N.D.College)

कविता :- 20(50)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

बोलने से बेहतर करना ...

बोल बोलकर थकना
बोलने से पहचान नहीं ,
बिना पहचान का कोई
स्थान नहीं ‌।
स्थान बिना कोई
सम्मान नहीं ,
बिना सम्मान का 
का वह जान नहीं ।।

फल देंगे कर्म करो
कर्म करने वाला भगवान नहीं ,
खुद करो कर्म
कर्म से जो छुपे वह इंसान नहीं ।
अपने ज्ञानों से लोगों को ज्ञानी बनाएं
न बना पाएं ज्ञानी तो कोई काम का
आपका वह ज्ञान नहीं ।।
बोलने से बेहतर करना सीखों
बिना करनी का कोई पहचान नहीं ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(50)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
07/07/2021 , बुधवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 58
Sahitya Ek Nazar
07 July 2021 ,  Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

अंक - 58
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो - 6290640716

साहित्य एक नज़र अंक - 58 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -
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मात्र - 15 रुपये

जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
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अंक - 58
7 जुलाई  2021
बुधवार
आषाढ़ कृष्ण 13 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र -  9 - 11
कुल पृष्ठ -  12

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

सहयोगी रचनाकार व साहित्य समाचार -

1. साहित्य संगम संस्थान ( आ. कुमार रोहित रोज़ जी )
2. हिंददेश परिवार ( आ. डॉ. राजेश पुरोहित जी )
3. आ.  कलावती कर्वा जी
4. आ. डॉ. राजेश कुमार पुरोहित जी
5. आ. रोशन कुमार झा
6.आ. आ.  विशांत  ( कान्हा ) जी जन्मदिन ( आ. प्रज्ञा जी )
7.आ. प्रीति हर्ष जी ,महाराष्ट्र
8. आ. शुभांगी शर्मा जी
9. आ.  ऋतु गुप्ता जी , बुलंदशहर , उत्तर प्रदेश
10. आ. रंजना बिनानी जी , असम
11. आ. डॉ.  पल्लवी कुमारी "पाम " जी
12. आ. प्रेम लता जी
13. आ. भूपेन्द्र कुमार भूपी जी , नई दिल्ली
14. आ.  शिवशंकर लोध राजपूत  जी -
Portrait sketch by शिवशंकर लोध राजपूत (दिल्ली) Portrait of :स्वर्गीय दिलीप कुमार (बॉलीबुड हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता)

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
118. आ. प्रीति हर्ष जी ,महाराष्ट्र
119. आ. शुभांगी शर्मा जी
120. आ. ऋतु गुप्ता जी

हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
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साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
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अंक - 54 से 58 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
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आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 58 ,  बुधवार
07/07/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 58
Sahitya Ek Nazar
07 July ,  2021 , Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

_________________

रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई





कविता :- 20(57)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता -  हे ! राम

हे राम ,
तुझे सादर प्रणाम ।।
देते हो भक्तों को
कर्म का इनाम ,
एक ही बार दिल से नाम
लूँ आपका करके काम ।।
समय के साथ ही आएं शाम ,
मिटे रंग , रूप , बचा रहें नाम ,
मिले सभी को कर्म का परिणाम ,
सादर प्रणाम
स्वीकार करो जगत निर्माता
लव कुश का पिता श्रीराम ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(57)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
14/07/2021 ,  बुधवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 65
Sahitya Ek Nazar
14 July 2021 ,  Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

हिन्दी कविता:-12(83)
14-07-2019 रविवार 13:45
*®• रोशन कुमार झा
-:मैं नहीं वही रोती !:-

मैं तो रोता ही क्या वह भी मेरे लिए रोती
हम कहाँ सोते पर वह तो सोती!
उसकी पहन जींस मेरी पसंद है
साड़ी धोती,
अगल उसके पीछे पड़े नहीं होते तो
मेरे पास भी गाड़ी-बाड़ी होती!

वह अंधकार तो मैं हूँ ज्योति!
राह हुआ रोशन मैं नहीं वही
मेरे कर्म पर रोती!
नफ़रत से मुझे बड़ा बनाई पर खुद बनकर
रही छोटी,
अगल पा लिए होते तो बताओ
मेरी दशा क्या होती!

तब हम भी होते नाली का कीड़ा
नफ़रत से बनायी मुझे हीरा!
उसकी नफ़रत से नहीं मैं और
नहीं मेरा जान हिला
वह नहीं मिली पर उससे बेहतर ज्ञान कला
सम्मान मिला!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(83)
14-07-2019 रविवार 13:25
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John
Ambulance आये
IGNOU-BPP-191081735
श्री जैन विद्यालय
1दिन बेबी मीना अमरिता हावड़ा स्टेशन
LNMU-2 m

कविता :- 20(56)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता -  वीर हनुमान

वह भी पा लेते
जिसका लगाये नहीं होते अनुमान ,
कर्म करो फल देते है भगवान ।
धर्म और कर्म से लोग बनते है महान ,
धन्य हो प्रभु आप वीर हनुमान ।।

हरते हो दुख , भरते हो ज्ञान ,
आपके हाथों में ही है कला और विज्ञान ।।
मंगलवार है आज करूँ आपका ध्यान ,
भक्तों के हर इच्छा पूर्ण करते हो
आप प्रभु
श्रीराम भक्त हनुमान ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(56)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
13/07/2021 ,  मंगलवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 64
Sahitya Ek Nazar
13 July 2021 ,  Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

हिन्दी कविता-12(82)
13-07-2019 शनिवार 15:45
*®• रोशन कुमार झा
-:कुछ करके जाना है!:-

जब दुनिया में आये तो कुछ
करके जाना है
बिरयानी खिलाना है
पर खुद नमक रोटी ही खाना है!
अपना नहीं हर एक का राह रोशन
कराना है
एक तरफ हम दूसरे तरफ ये जम़ाना है!

फिर भी हार नहीं माना हूँ
कुछ बनने को ठाना हूँ!
सुख-दुख सब जाना हूँ
अमीर का नहीं मैं ग़रीब का गाना हूँ!

स्वर हूँ
लहर हूँ!
बेईमान का ज़हर हूँ
आलसी का नहीं मेहनती का महल हूँ!

महल का छत हूँ,दीवार हूँ
दीवार के मकड़ी का जाल हूँ!
और क्या दुनिया का भार हूँ
सब सुखमय रहे सबकी सुख के लिए
अपना प्राण त्यागने को तैयार हूँ!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(82)
13-07-2019 शनिवार 15:45
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
E.Rly.Howrah Bamangachi
Narasinha Dutt College st John
Ambulance
Ncc B Exam बाद3rd year 1 class
हम सुव्रत मन्ना 1 june p
Nif night Dutyकरके माँ मिली शादी
बाद आज आई!कल2 roll42ahish

शीर्षककविता:-7(020)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(020)
अकेला ही गुजारना है जिन्दगी!!

एक से ब्रेकप,
तीन से मेकप!
सुनाना है कविता लिखना है लेख,
बचा ही नही कोई साथ देने वाला
जो थी कोई एक!
वह भी गयी कही और,
मै ही रूका रहा आधुनिक प्यार के तो
अलग ही है दोड़!
एक सामने दुसरा वाटसाफ पर,
एक से आज दुसरा से मिलना है कल!
यही है आधुनिक प्यार की भावना,
वही पाया जो किया हर जगह सामना!
भरोसा,प्यार सब अब झुठ है,
लड़काे का जुर्म,लड़कियो की छुट है,
लड़को तो है ही गलत,
पर आज कल की लड़कियॉ भी जाती
है पलट!
लड़का तो लड़का लड़की भी नही कम है,
जो किया दिल से सच्चा प्यार उसी के
बगिया में गम है!
अकेला ही गुजारना है जिन्दगी,
वही नही रहे जो रहा मेरा बिन्दी!
मार्ग रोशन रहा अब उसके बिना
हो गया अँधेरा,
वर्णन किया हुँ कविता में यह दुख
तो है मेरा!
जो लिखा हुँ कलमो से पन्नो पर,
मै यही सोचकर जी रहा हुँ मेरा ही जैसा
हाल गुजरे होंगे कितने जनो पर!
मेरे ही जैसे दुख द्रर्द से गुजारे होंगे
दिन-रात,
आज भी ऑशु गिर पड़ते जब याद
आती है प्रेम भरी बात!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शुक्रवार 06:30
13-07-2018


कविता :- 20(55)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता -  मैं बदला नहीं हूँ ।

लोग कहते है -
मैं बदल गया है ,
बदला तो नहीं हूँ
पर कुछ दोस्त यार
से बिछड़ गया है ।
कुछ करने की इच्छा
मन में भर गया है ,
तब जाकर ये इच्छाएं
उभर गया है ।।
कुछ करने का ,
संघर्ष से लड़ने का ।
थके हुए के अंदर
जोश भरने का ,
लोग कहते है हम बदल
गये हमें न
उनके बातों से डरने का ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(55)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
12/07/2021 , सोमवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 63
Sahitya Ek Nazar
12 July 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
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विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
शुभ जगन्नाथ रथयात्रा ,

हिन्दी कविता-12(81)
12-07-2019 शुक्रवार 16:51
*®• रोशन कुमार झा
-:प्यार और यार में!-

कुछ लुटाये प्यार में
कुछ लुटाये यार में!
खूब जुटाये धन कई साल में
राह रोशन हुआ नाम छपवाये अख़बार में!

खुशी देखकर दरार आ गया
दोस्त यार में
अच्छा रहा सो पड़ गया बीमार में!
असफलता पायें प्यार में
और ये दुनिया कहते देखो कोई दूसरा
इस बाज़ार में!

बदलाव आया है विचार में
और जीने की हाल में!
अब फूल नहीं काँटे ही रखा हूँ
अपनी डाल में
सबसे अलग हो गया हूँ एक ही बार में!

अब है न कोई मेरा इस संसार में
जो करना है वह अकेले की हाल में!
रोशन करता हूँ अंधकार में
लोग पागल कहने लगे है मुझे
इस बाज़ार में!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(81)
12-07-2019 शुक्रवार 16:51
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Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
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The Bharat Scouts & Guides
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Bamangachi
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PNB-40 राजन से SMS आया
मिली से बात बोली हम आ गये गाँव से
तु जा रहा है!कविता अगला साल-7(019)

शीर्षककविता:-7(019)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(019)
क्या किस्मत बनाया तुने खुदा!?

मेरा किस्मत निर्माता खुदा है,
जिसे जी जान से चॉहे वही शादी सुदा है!
हम गम में बैठे सोच रहे थे मेरा रिश्ता
जिन्दगी के उस पार है,
शादी के बाद भी वह रिश्ता टुट गयी पर
मॉग भरने के लिए कोई
तीसरा तैयार है!
राह रोशन नही अँधेरा है,
फुटा किस्मत तो मेरा है!
लगते बाप,
वही बाल-बच्चा पुछ रहा है क्या
लगेंगे आप!
बोले अंकल कहो या दादा,
तुम्हारे मॉ की ख्यालो में ये बाल हो गये
है सादा!
जिससे जीते रहा हुँ अब तक,
पिता लगते अगल अजमाये होते
अपना लक!
पहला हम दुसरा कोई और तीसरा है
तुमलोगो का पिता,
व्याकुल थे तुमलोगो को देखने के लिए
अब देख लिए जला देना मेरा चिता!
माता-पिता से करना बेहद प्यार,
मेरे जैसा मत रखना किसी औरो का ख्याल,
नही तो सुख कहॉ पाओगे जख्म,
जिसमें जी रहे है हम!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 गुरूवार 00:48
12-07-2018
Ncc,Pmkvy, E.Rly. Scouts
N.D.College St john Ambulance Howrah



शीर्षककविता:-6(096)मै,विषय सामग्री:मैथली कविता रोशन कुमार झा 6(096)
नेहा:-6(096)02 अठारहवी वर्षगाठ के
हार्दिक शुभकामना दैछी नेहा!
11जुलाई 2018 वुधवार
(17-05-2018 गुरूवार 19:15 (L br)
होसैत मुस्कुरैत जीवैत रहुँ!?

वर्षा बेलैय हँसु मुस्कान भरूँ नेहा रास सह
कीछ तह कहुँ,
सुर्य के रोशन चॉद के शीतलता अविरान
बाग अैछ हमेशा हँसु चॉहे कतोऊ रहुऊ!
हर दिन होसैत मुस्कुरैत सँघर्ष राह पर चलुँ,
जीतु या हारूँ मगर सँघर्ष सह नै डरूँ!
आधा जिन्दगी बीत गेल वर्षगाठ आई
अैछ अठारह,
सफलता के दिशा में चलुँ नै देखु राहुल
अरुण मंगल वुध ग्रह!
जीत कअ आऊँ,
आइयो आइ के बादो समाज सह
सम्मान पाऊँ!
जिन्दगी आनंद खुशहाली सह भरल अैछ,
मार्ग रोशन करूँ राज्य के राजन हो या
भिक्षु ककरो सह कीछ लियह नै पैछ!
सुबह में जल्दी उठुँ ताकि प्राची सह
उषा हँसेअ,
विजय कोअ कअ अपन गुण के विश्व स्तर
पर लोअ जाऊँ ताकि दुनिया अँहा के गुण
सह फँसेअ!
बस दुँ शब्द सह दैछी वर्षगाठ के हार्दिक
बधाई,
दुनिया के भरोसा अैछ, दुनिया के खिलाऊँ
अपन सफलता सह अर्जीत नेहा भरी लाइ!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
सलकिया विक्रम विधालय मेन
मो:-6290640716
Ncc,Pmkvy,E.Rly.Scouts
9-7

शीर्षकPoem:-6(095) Eg,विषय सामग्री:English Roshan kumar jha poem
6(095)01
All year smile and happy birthday

Roshan i say all time earth and
Sunlight to bright,your eighteen
birthday
Oh dear friends Neha muskan
Varasha smile your mouth
everyday.
do you birthday raninig
save life do hard traning.
your compare me train a pen
after the written give me life
time golden chain.
oh dear friend you are notOnly
happy but also kind
did you green garden do not sand.
Oh friend all time smile or happy
to your birthday
remeber that world your face and
Quility everyday.
oh Neha friends do you sunlight
on the life all time smile and
happy all day and night.
Thanks God
my friends see me susecful road.
I childreen then student teacher
soilder honest road go to write
the poem
Read the poem that some love
My friends and give me some?
०Roshan kumar jha
Surendranath evening college
Kolkata india
Mob:-6290640716 onthe Liluah
Bridge18:47thursday 17 may2018
Ncc pmkvy,E Rly Scout
31 bn ncc Fortwilliam kolkata- B
Reg no:-WB17SDA112047
St john Amb

कविता :- 20(54)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता -  ईश्‍वर कैसा आपका नियति है ।

हे ईश्‍वर कैसे आपकी पूजा पाठ करूँ
कैसा आपका नियति है ,
समय से पहले ही कितने को अलग
कर देते जिसके चलते
कितने पति बिना पत्नी के और
कितने पत्नी के न पति है ।
दुख पर से दुख जिसके कारण
उस घर परिवार की बाल बच्चों
की जीवन दुर्गति है ,
जन्म मरण बंधन है इससे
छुटने वाला अभी तक
न कोई महारथी है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(54)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
11/07/2021 , रविवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 62
Sahitya Ek Nazar
11 July 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

हिन्दी कविता:-12(80)
11-07-2019 वृहस्पतिवार 13:11
*®• रोशन कुमार झा
-:जान कर भी भूला हूँ बात !:-

राह हुआ रोशन आई और गई नेहा
भरी बरसात
वर्षा भरी मुस्कान होंठों पर रही
कुछ पल एक साथ!
फिर बनी और बिगड़ी बात
तब क्या आज है न जनसंख्या दिवस
और किसी की वर्षगाठ!

तब क्या उस पर लिखूँ अपनी दो बात
न न वही तो मारी है लात!
कहने के लिए नारी है मात्र
खुश रहे हमेशा मेरी सफलता में उसकी
भी रही हाथ!

वही हार वही मेरी जीत
वही साथी और वही मेरी मित्र!
वही नफ़रत और वही प्रीत,
वही गर्मी वही शीत
स्थिर कहाँ है कोई कैसे लिखूँ कविता
या कैसे लिखूँ किसी पर गीत!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता:-12(80)
11-07-2019 वृहस्पतिवार 13:11
सलकिया विक्रम विधालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John
Ambulance
नेहा BirthDay
2017-कविता:-11 Ncc dress में गये
2018-झगड़ा:-कविता:-18 share किये
आज मोबाईल न: jio Bank
कल पाँव लगा नया

शीर्षककविता:-12(80)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-12(80)
11-07-2019 वृहस्पतिवार 13:11
*®• रोशन कुमार झा
-:जान कर भी भूला हूँ बात !:-

राह हुआ रोशन आई और गई नेहा
भरी बरसात
वर्षा भरी मुस्कान होंठों पर रही
कुछ पल एक साथ!
फिर बनी और बिगड़ी बात
तब क्या आज है न जनसंख्या दिवस
और किसी की वर्षगाठ!

तब क्या उस पर लिखूँ अपनी दो बात
न न वही तो मारी है लात!
कहने के लिए नारी है मात्र
खुश रहे हमेशा मेरी सफलता में उसकी
भी रही हाथ!

वही हार वही मेरी जीत
वही साथी और वही मेरी मित्र!
वही नफ़रत और वही प्रीत,
वही गर्मी वही शीत
स्थिर कहाँ है कोई कैसे लिखूँ कविता
या कैसे लिखूँ किसी पर गीत!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता:-12(80)
11-07-2019 वृहस्पतिवार 13:11
सलकिया विक्रम विधालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John
Ambulance
नेहा BirthDay
2017-कविता:-11 Ncc dress में गये
2018-झगड़ा:-कविता:-18 share किये
आज मोबाईल न: jio Bank
कल पाँव लगा नया
शीर्षककविता:-6(097)बग,विषय सामग्री:बंगाली कविता रोशन कुमार झा 6(097)
Neha:-6(097)03
Happy Birthday Neha
11 July 2018 Wednesday
18 Year
17-05-2018 गुरूवार 19:36 लिलुआ ब्रीज
तोमार जन्मोदिन!?

भालो थाको नेहा वंन्धु जन्मोदिन
आचे तोमार,
सुजेर रोशन प्रचलित आचे ना आमार
ना तोमार!
भालो थाको तुमी,
भालोभाषा करो सोवार आचे ऐइ मातुभुमी!
ऐई जीवोन भालो कोरे पुर्ण कोरो,
कीछु मुने राखो कीछु बोलो!
तुमी सोवाई काचे घुरते जाऊँ,
वीजा बोरगद नइय देशेर कातला ही खॉऊ!
तोमार कोटी-कोटी बन्धु होई भालो
थाको तुमी,
आमी ऐकरा ही भालो आमी ऐकरा ही घुमी!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-(6290640716,whatshap)
8902940747
सलकिया विक्रम विधालय मेन
क्ष्री हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कुल घुसड़ी
टिकियापाड़ा क्ष्री नेहरू शिक्षा सदन
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB India
Chandan institute Bamangachi
Roshan kumar jha
Surendranath evening college kolkata
(Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance )
Ncc:-31 St bn ncc Fortwilliam kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager Howrah
Pmkvy, Electri

शीर्षककविता:-7(017)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
7(017)N16
बेचारा किसान का जीवन!

घर परिवार समाज नही बेचारा पर दुनिया
का बोझ है,
धान-गेहुँ दाल सँब्जिय उपजाते मगर इनके
किस्मत में नमक रोटी ही रोज है!
बैल के साथ खेत पर ही रहना है,
उनके क्षुंगार वही गहना है!
जिससे कभी करते नही आराम है,
चावल गेहुँ के बस्तो पर कम्पनी का मुहर
कहॉ किसान बेचारा का नाम है!
ना जन्मदिन नही इनके लिए कोई त्योहार है,
ब्रेड्र मखन जो भी खाते इन्ही का उपहार है!
निर्माण करने के बाद भी इन सब से दुर है,
केक मिठाई कहॉ खुद मीठा के जगह खाते
गुड़ है!
ऐ नेहा रास भरी दुनिया तु वर्षगाठ
त्योहार मनाता है,
कभी सोचा है बेचारा किसान जीवन भर
खेत में ही कमाता है!
सुर्य के रोशन वर्षा ऑधी तूफान से
सामना करता है,
जन-जन को दान देकर दुनिया के होठो
पर मुस्कान भरता है!
किसान के द्रर्द को नही उनके मेहनत को
तो देखे हो,
ऐ दुनिया वर्षगाठ त्योहार मनाते हो पर
कभी एक बीज को भी फेके हो!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
Chandan institute
मो:-6290640716 वुधवार 00:05
Ncc,Pmkvy,E.Rly.Scouts,St john
Ambulance(N.D.College)
नेहा:-7(017)17
Happy Birthday Neha

शीर्षककविता:-7(015)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(015)
नेहा:-7(015)16
नेहा अठारहवी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना
Happy Birthday Neha 11 july 2018
वर्षगाठ क्या है!?

जिन्दगी ही वर्षगाठ है,
इसी में ही दिन रात है!
नेहा नफरत कहॉ एक साथ है,
हँसो होठ पर मुस्कान भरो यही तो जिन्दगी
जीने की एक बात है!
वर्षा ऑधी तूफान का कहॉ अंत है,
जन्मदिन भरी बसंत है!
केक और मिठाई खाना है,
इसी बहाने घर परिवार और सारे मित्रो से
मिल जाना है!
गिप्ट और उपहार है,
वर्षगाठ एक नई साल है!
सुर्य के रोशन चॉद सितारा है!
क्या कहुँ यह जिन्दगी एक पहाड़ा है!
जन्म-मरण सुख-दुख खुशी-गम सँघर्ष भरी
जिन्दगी की गिनती है!
मेरा नही ईश्वर,अल्लाह,मसीहा की विनती है!
वे लोग भी इसी में जीये है,
दुख द्रर्द सहकर विश्व निर्माण और
हमलोग को जन्म दिये है!
वर्षगाठ संमदर है,
हार-जीत,धर्म-कर्म,पाप-पुण्य सब
इसके अन्दर है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
09-07-2018 सोमवार 08:20
सलकिया विक्रम विधालय मेन
(Pmkvy Howrah Liluah Electrician
1283f) Roshan kumar jha
Chandan institute Bamangachi
Ncc,E.Rly.Scouts(N.D.College
St john Ambulance)

शीर्षककविता:-6(215)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(215)
तुम्हारा वर्षगाठ हो शुभ!?

तुम्हारा वर्षगाठ हो शुभ,
हँसते -मुस्कुराते रहना खुब!
खुशी का दिन हो हजार,
तुम्हे जाने पुरा शहर और बाजार!
वर्षा हो या तुफान,
हमेशा रखना होठो पर मुस्कान!
राह रोशन करना करना नही अँधेरा,
स्वाभिमान की भावना रखना कभी लाना
नही शब्द तेरा और मेरा!
रहोगे प्रसन्न,
हँसना-मुस्कुराना है बहुत बड़ा धन!
नेहा रास भरी वर्षगाठ,
मै क्या दुनिया है तेरे साथ!
नकामी बदनामी से रहना दुर,
हे मेरे मित्र तुम कॉटे नही तुम हो फुल!
तो फैलाओ सुगंधता,
अपने सफलता की कदम व अपना
सोन्दर्य रूप को मत घटा!
मत खोना वही है तेरा असलीयत क्षुंगार,
हे मेरे मित्र तेरे वर्षगाठ के साल हो हजार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार 19:15
30-06-2018
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Pmkvy Liluah Howrah1283f
Electrician
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Chandan institute
(C.Road.Bamangachi)
सलकिया विक्रम विधालय मेन
नेहा:-6(215)14 कविता

शीर्षककविता 6(197)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(197)13)
Happy Birthday Neha 11July2018
हमेशा बढ़ते रहना!? 

बढ़ना दिन दोगुना,रात चोगुना,
हार जीत जिन्दगी है मैने स्वपना में नही
हकीकत में सुना!
भुले नही वर्षगाठ भुले नही कोइ बात,
नेहा रास भरी शब्द लिए गुजरता नही
कभी दिन-रात!
सुर्य की रोशन चॉद सितारा,
समस्त जीव से बेहद-बेहद प्यार करना
ताकि प्रियतम माने दुनिया सारा!
बस साथ निभाना है बनकर अजनबी,
मै तो राह में रिश्ता निभाने आया ही हुँ
अभी-अभी
वर्षा ऑधी तुफान में भरी होठ की
मुस्कान में,
अधर्म मत करना कर्म करना ताकि दुनिया
लगे रहे तेरे सम्मान में!
हमेशा बढ़ना चार कदम आगे,
ताकि दुर-दुर तक सफलता की आवाज भागे!
वर्षगाठ हो या मुसीबत,
साथ दुँगा बस बताना हकीकत!
बढ़ते रहना नदी की तरह ,हँसना और हँसाना
उजाड़ना नही हो सके तो घर बसाना!
बढ़ना दिवस में दोगुना निशा मे और
चार जोड़ना,
खुशी-खुशी सोन्दर्य भरी विशाल जिन्दगी
बीताना खुशी का पल मत तोड़ना!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार 08:25
हावड़ा 23-06-2018
नेहा वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना
Ncc, pmkvy ,E Rly Scouts
St john Ambulance Howrah

शीर्षककविता:-6(196)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
6(196)नेहा:-12
Happy Birthday Neha11 july 2018
रिश्ता निर्माता नारी!?

नेहा रास भरी रिश्ता जुटता अनजाने में,
उम्र बीत गई दुनिया को रिश्ता की हकीकत
बताने में!
वर्षगाठ पुजा त्योहार जिन्दगी बीत गई
अँधेरा से मार्ग रोशन होते हुए दिवाली में,
भंयकर शक्ति,धन की आवेश
होती नारी में!
वर्षा ऑधी तुफान अविरान बाग के दुख
द्रर्द भरी वक्त को सीखी है खोना,
घर निर्मीत में न्योयछावर कर देती अपनी
क्षुंगार कंगन और सोना!
घर परिवार की भरी मुस्कान से खुश रहती,
सुख दुख से जिन्दगी गुजारती मगर हारे
वक्त की बात किसी से नही कहती!
नफरत बुझाती प्रेम के दिये जलाती,
इतिहास गवाह है अपनी सतोगुण भावना
से पुरा दुनिया को भॉती!
करती तंग देती संग,
नारी ही बढाती रही है प्राकुति की रंग!
बचपना तेरह अठारह पचास गुजार
लेती पुरे सो साल,
दुख द्रर्द खुद सहती मगर रखती घर
परिवार की ख्याल!
यही है नारी,कही जाती बेचारी,
फुल भी कम पड़ जायेगी क्या नाम दुँ
दुखहारी या सुखकारी!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शुक्रवार 13:06
22-06-2018(t-10 july S-D train m)
Ncc,Pmkvy,E.Rly. Scouts

शीर्षककविता:-6(195)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता 6-195(11नेहा11-7-18
जो होने का था उसमें आलसीपन खोना था

जो होने का था वह हो गया इस संसार में
अब राह अँधेरा या रोशन जो भी करना
है वह अकेलापन की हाल में!
नेहा राह में कई डुबे कई उठे क्या
पढुँ अखबार में
गर्मी वर्षा शरद बंसत पतझड़ से मुलाकात
होते रहे हर एक साल में!
उदासी में जीये त्याग दिये होठो के मुस्कान
इस बाजार में
जिसे चलना सिखाये वही हाथ छोड़कर
चल गये कार में!
सतरह अठारह,उन्नीस,एक्कीइश हुऑ
पचतर साल कुछ ना कुछ सीखना
नाराज मत होना मेरे मित्र सुख हो या दुख
सब को एक ही नजर से देखना!
जो हुँआ सो अच्छा हुआ उसमें हुआ पायदा
पास में है मंजील,की राह अब है नही ज्यादा!
तय करो बिगड़े हुए बातो को छोड़ो
अविरान बाग से नही अपने आप से
कुछ तो बोलो!
बढो आगे दस कदम
ताकि शर्माये दुनिया और हम!
फिर करे दुनिया बखान
जो भी बड़ा बना है वह सँघर्ष करके ही
बना है महान!
जिन्दगी है वर्षगाठ ले लो हर
राहो में हिस्सा
नही रुपया,नही पैसा सबसे बड़ा शिक्षा!
मुसीबत में लड़ना पड़ेगा अकेला
हार-जीत कर गुरु कहलाओगे
जो आज बने हो चेला!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो-6290640716
22-06-2018शुक्र12:30

शीर्षककविता:-6(193)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
6(193)नेहा-10
Happy Birthday Neha
11 जुलाई वुधवार 2018
राह नही वक्त लाता सुख-दुख!?

राहे नही वक्त ला देता है मुसीबत,
नेहा रास भरी राह में क्या बताऊँ हकीकत!
कमाऊँ लाख हजार,
सँघर्ष से लड़ने के लिए घुमना पड़ेगा
शहर बाजार!
मार्ग करना है रोशन हमेशा रहना
है प्रसन्न,
वर्षा हो या ऑधी स्थिर रखना है मन!
वर्षगाठ त्योहार,
जख्म में भी हँसते रहना यही तो है
जिन्दगी की शुभ समाचार!
मुसीबत-मुसीबत में गये है सल्तनत बिक,
धर्म कर्म पर भरोसा रख ले मेरे नेहा भरी
मित्र रितीक कुछ दे लिख!
गलती करना ही नही जरूरत पड़ेगा ही
नही मॉगने को सॉरी,
सोच एक बार दिये बुझा देने पर सॉरी
बोलने से क्या दिये की ज्योती आ
जाती थोड़ी!
बचपना बीती हो गई अठारह साल,
जख्म में भी होठो पर मुस्कान रखते
हुए सुनाना सुख शान्ती भरी समाचार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
22-06-2018शुक्रवार 07:05
मो:-6290640716
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
सलकिया विक्रम विधालय मेन
St john Ambulance Howrah
Narasinha dutt college
Eastern Railways Scouts
Bamangachi

शीर्षककविता:-6(185)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-(185)
(नेहा:-6(185)09
Happy Birthday Neha
11-07-2018 वुधवार अठारहवी वर्षगाठ
के हार्दिक शुभकामना)
वर्षगाठ के दिन हो हजार

तुम्हारी नेहा रास भरी वर्षगाठ के दिन
हो हजार,
सुर्य के तपती रोशन में भारत नेपाल ही
नही बल्कि तुम्हारी वर्षगाठ मनाये
विश्व के पुरा बाजार!
जाओ मन्दिर, मस्जिद,चर्च,गुरुद्वार,
अगल कुछ बनना है तो बनना संमदर
का तेज ज्वार!
चॉहे वर्षा हो या तुफान रखना होठो
पर मुस्कान,
रेत बालु पर कोन आते करना
बगिया अविरान!
उसमें बोना फुल गुलाब,चमेली,कमल,
भरी बंसत हो या पतझड़ मुसीबत आने से
पहले कर लेना समस्या हल!
तुम्हारी खुशी का दिन हो हजार,
राह में चलते ही तुम्हारे आगे-पीछे लगे
रहे कार!
इसके लिए करना पड़ेगा सँघर्ष,
आज कल की बात नही लगेगा कई वर्ष!
कुष्ण-राधा के बिछुड़न राम-सीता के
वनवास के बाद ही हुँआ जीत,
सँघर्ष से लड़ सुन ले मेरे सुन्दर
प्यारे मित्र!
विश्वास रखा है तुम्हारी सफलता पर
यह संसार,
तुम्हारी नेहा रास भरी वर्षगाठ के दिन
हो हजार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
19-06-2018 मंगलवार 13:45
T'-10j(Ncc, Pmkvy, E.Rly.Scouts

शीर्षककविता-6(184)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-184)08
(Happy Birthday Neha 11 july 2018
वुधवार ,अठारहंवी वर्षगाठ की हार्दिक
शुभकामना)
जीना ही जिन्दगी है!?

जीना ही जीवन है,
धन सम्पति से भी शक्तिशाली मन है!
मन साथ है शताब्दी की बात है,
मन के विकल्प ही तो दिन-रात है!
अँधेरा से रोशन उस रोशनी से जगमगाता
हुँआ संसार,
जिसमें बीता ड़ाले खुशी-खुशी कई साल,
वर्षा ऑधी तूफान के बाद,
होठ पर मुस्कान तो भरी नेहा भरी बात
कहॉ,अभी भी है नफरत भरी बात याद,
जो कर देते व्याकुल
कॉटे छोड़ देते ले जाते फुल!
कैसा है जिन्दगी की बॉटवारा,
सुख को नही दुख को बनाया हुँ
अपना सहारा!
वर्षगाठ हो या त्योहार,
हमेशा मुस्कुराह़ते रहिंयेगा ताकि खुशी-खुशी
से बीत जायें जिन्दगी की साल!
मन है बहुत बड़ा धन,
मन अगल काबु में है तो हमेशा
रहियेंगी प्रसन्न!
अठारहंवी वर्षगाठ की दे रहा हुँ हार्दिक शुभकामना,
एक आर्दश जिन्दगी जीने की किया हुँ
परिकल्पना समझ लीजीऐगा कविता के
माध्यम से मेरा भावना!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
22-03-2018 शुक्रवार18:20
मो:-6290640716
Donbosco Mirpara Bhattanager
Spoken English Exeam
Ncc,pmkvy,E Rly Scout

शीर्षककविता-6(183)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(183)07
(Happy Birthday Neha 11-07-2018
नेहा अठारहंवी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना)
हमेशा हँसते रहना!

अंजामे उल्पत से दुर रहना,
अँधेरा मे नही मार्ग रोशन होने के बाद
ही दुनिया से कुछ कहना!
नेहा भरी भावना से वर्षा ऑधी तूफान
से लड़ना
जिन्दगी की राह लम्बा पड़ा है हार जीत
लेकर चलना!
मुस्कान भरी होठ मत खोना
जिन्दगी सुख- शान से जीना कभी मत रोना!
खुशिया से सफलता के बीज बोना
अठारहंवी वर्षगाठ हो गया दोड़ना अब
मत सोना!
दुनिया घुम कर आना,
टुटे हुए रिश्तो को भुल जाना,
अविरान हो या विरान बाग!
अगल जलाना हो तो जलाना सफलता
की आग!
जीतते रहना ताकि सफलता की आग से
जले दुश्मन,
बस एक बात कह रहा हुँ हमेशा रहना प्रसन्न!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 Whatshap
10:20 मंगलवार 19-06-2018
Chandan institute
C.Road Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
51\9 kumar para Iane Liluah
Howrah West-Bengal -711204 india
pmkvy, Eastern Railways
Scouts Bamangachi Howrah WB
Howrah St john Ambulance
Narasinha Dutt college Ncc:-31st
bn ncc Fortwilliam Kolkata-B

शीर्षककविता-6(182)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(182)06
किसे पालुँ सुख को या दुख को!?

किसे उजारुँ,किसे बसाऊँ,
किसे रोआऊ,किसे हँसाऊ!
किसके होठ पर मुस्कान भरूँ,.
मालुम नही किसके आदेश पर चलुँ!
सुर्य के रोशन, वर्षा या शरद्,में रहुँ,
कुछ बाते है किसी के पास सुनने का वक्त
ही नही है किससे कहुँ!
नफरत या नेहा की दीप जलाऊँ,
उस दिये को अगल मै जलाकर रखता हुँ
तो मै कहॉ जाऊँ!
क्या लुटु क्या लुटाऊँ,
सहनशीलता कम हो रही है कब तक ये
दुख दर्द की बोझ उठाऊँ!
मन के विकल्प से सुख दुख पाऊँ,
मन तो समझ जाते पर दिमाग को
कैसे समझाऊँ!
किसे उजारूँ किसे बोऊ,
चिंता पर चिंता बढ़ती रहती कैसे सोऊ!
निर्णय कर लिया हार हो या जीत अब मै
हमेशा हँसु,
पन्द्रह,सतरह,अठारह, बीस,उन्नीस साल
गुजार दिये नकामी में अब मै नही
असफलता में फँसु!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc,Pmkvy, st john Ambulance
Narasinha dutt college Howrah
E.Rly. Scouts
Chandan institute Bamangachi
मो:-6290640716,मंगलवार 08:37
19-06-2018
T:-10 july(नेहा:-6(182)06
Happy Birthday Neha
11-07-2018
Neha Singh 18th year of 11th July
2018

शीर्षककविता-6(147)2हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता 6(147पुष्ठ2)05

वर्षगाठ मनाये जाये हर एक साल
ईश्वर खूदा मसीहा की रहम है जो सोफा है
तुम्हे राजन रानी वाला खुबसुरती हाल!
मत देख मंगल राहूल वुध अरुण
शनी ग्रह और तनु जात -पात
संघर्ष की राह पर जा छुमने आयी है
नीले आसमान तुम्हारी हाथ!
कल कल बह रही हैं नदी कमला नील
हुगली गंगा ब्रहमपुत्र
सुर्य की रोशन नेहा से खिल उठी आ गई
तेरी अठारहंवी वर्षगाठ अब तो
कम से कम उठ?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
दिनांक -02-06-2018,शनिवार13:20
मो:-6290640716,9038963720
गुहावाती से आये
01-06-2018 नेहा फोन की गुहावाती मे
08:24:32(12346से ट्रेन आये
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata- B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Pmkvy Liluah Howrah
Electrician1283f
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance WB india
Donbosco Mirpara ,Bhattanager
Spoken Engl
Krishna Bhawan 191 G.T .Road
Salkia computer coursh
Ghusuri Shyam mandir
Dance Drowing computer
Aadhaar no:-7468 2043 1920
Bank account no:-
0300001700035401
झौझी मधुबनी बिहार

शीर्षककविता-6(147)1हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
तेरी वर्षगाठ, नीले आसमान छुमे तेरी हाथ

नेहा बंधन की दीप जले,
वर्षा ऑधी तूफान मे भी मुस्कान भरे!
अंधकार मे मार्ग रोशन करे,
उज्जवलता फैलाते-फैलाते आसमान तक उड़े!
हावड़ा कोलकाता सालबनी मधूबनी गया
गुहावाती बजार,
भारत नेपाल नही तुम्हारी वर्षगाठ
मनाये यह संसार!
खुश रहना अविरान करना बगिया यह है
तुम्हारी खूद नसीब,
बन कर रहना परी की रानी रहोगे चिरकाल
तक सजीब!
निशा,शुभांगी,उषा,रजिया,संगीता,
दोस्ती मे कोन हीरा कोन जीता!
फैसला करने आये निकीता,पुजा, प्रिया,
काजल,अणु,जुली,
पुरा करना मत छोड़ना दोस्ती की
बंधन को अधुरी!
अकाश हो या पताल,
तुम्हारी वर्षगाठ मनाये जाये हर एक साल!
संघर्ष की राह करना तय,
परी बनकर रहना मत रखना मन मे भय!
मत देखना धर्म,अधर्म,
करते रहना सत्य अहिंसा से कर्म!
      पुष्ठ'-01(147)6
Happy BirthDay Neha
11-07-2000 of 18th birthday
11-07-2018 वुधवार Wednesday
18 वी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना नेहा
रोशन कुमार झा
Roshan kumar jha
Mob:-6290640716
02-06-2018
13:20,गुहावाती से आये शनिवार
Ncc pmkvy,E Rly Scout
सलकिया विक्रम विधालय मेन
कविता नेहा 6-147-05,पुष्ठ:-1

शीर्षककविता:-6(098)भो,विषय सामग्री:भोजपुरी कविता रोशन कुमार झा 6(098)
नेहा:-6(098)04,गुरूवार 20:00 लिलुआ
ब्रीज पर 17-05-2018
T:-9july, (11-07-2018 वुधवार नेहा
अठारहवी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना)
Happy Birthday Neha
हमेशा मुस्कुरा के बीतयह जिन्दगी!?

हमेशा चमकीयह सुर्य के रोशन वर्षा ऑधी
तुफान जैसन,
नेहया से होठवा पर मुस्कान रखीयह
मुस्कुराहत अह जिन्दगी के फैशन!
हँसीयह मुस्कुरयह,
जन्मदिन अँह तु जीत के ही अयह!
तोहर वर्षगाठ अँह शुभकामना में अविरान
बाग को दियह,
मुसीबत पड़ी तो जरूर बुलयह!
दुख दुर करब ईह अँह हमर कसम,
कबहुँ ना करब तोहरा प्रति नेहया कम!
हमरा के समझीयह अजनबी,
नेहा रास के रस्तबा रोशन कैनी शिक्षक
विधार्थी सैनिक के राह अपनाकर दुख
द्रर्द लिखत-लिखत बन गैनी कवि!
हार्दिक शुभकामना देतानी हमेशा मुस्कुराह
के जीयह,
हमर नदानी और मर्दानी दोंनो कहीयह!
दुनिया के सुख-दुख हार-जीत भरी
अह फैशन,
पुरा घुमनी दुनिया देखनी ना नेहया रास
तोहरा जैसन!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,8920940747
Ncc,Pmkvy, E,Rly Scouts, (st john Ambulance Howrah N.D.College)
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Chandan institute Bam

शीर्षककविता:-6(097)बग,विषय सामग्री:बंगाली कविता रोशन कुमार झा 6(097)
Neha:-6(097)03
Happy Birthday Neha
11 July 2018 Wednesday
18 Year
17-05-2018 गुरूवार 19:36 लिलुआ ब्रीज
तोमार जन्मोदिन!?

भालो थाको नेहा वंन्धु जन्मोदिन
आचे तोमार,
सुजेर रोशन प्रचलित आचे ना आमार
ना तोमार!
भालो थाको तुमी,
भालोभाषा करो सोवार आचे ऐइ मातुभुमी!
ऐई जीवोन भालो कोरे पुर्ण कोरो,
कीछु मुने राखो कीछु बोलो!
तुमी सोवाई काचे घुरते जाऊँ,
वीजा बोरगद नइय देशेर कातला ही खॉऊ!
तोमार कोटी-कोटी बन्धु होई भालो
थाको तुमी,
आमी ऐकरा ही भालो आमी ऐकरा ही घुमी!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-(6290640715,whatshap)
8902940747
सलकिया विक्रम विधालय मेन
क्ष्री हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कुल घुसड़ी
टिकियापाड़ा क्ष्री नेहरू शिक्षा सदन
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB India
Chandan institute Bamangachi
Roshan kumar jha
Surendranath evening college kolkata
(Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance )
Ncc:-31 St bn ncc Fortwilliam kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager Howrah
Pmkvy, Electri

शीर्षककविता:-6(096)मै,विषय सामग्री:मैथली कविता रोशन कुमार झा 6(096)
नेहा:-6(096)02 अठारहवी वर्षगाठ के
हार्दिक शुभकामना दैछी नेहा!
11जुलाई 2018 वुधवार
(17-05-2018 गुरूवार 19:15 (L br)
होसैत मुस्कुरैत जीवैत रहुँ!?

वर्षा बेलैय हँसु मुस्कान भरूँ नेहा रास सह
कीछ तह कहुँ,
सुर्य के रोशन चॉद के शीतलता अविरान
बाग अैछ हमेशा हँसु चॉहे कतोऊ रहुऊ!
हर दिन होसैत मुस्कुरैत सँघर्ष राह पर चलुँ,
जीतु या हारूँ मगर सँघर्ष सह नै डरूँ!
आधा जिन्दगी बीत गेल वर्षगाठ आई
अैछ अठारह,
सफलता के दिशा में चलुँ नै देखु राहुल
अरुण मंगल वुध ग्रह!
जीत कअ आऊँ,
आइयो आइ के बादो समाज सह
सम्मान पाऊँ!
जिन्दगी आनंद खुशहाली सह भ


















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