कविता :- 20(25) , शनिवार , 12/05/2021 , अंक - 33, साहित्य संगम संस्थान से इस्तीफ़ा दे दिए -

रोशन कुमार झा

कविता :- 20(25)
साहित्य संगम संस्थान से इस्तीफ़ा दिए ।

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅

मैं हार नहीं माना है ,
ये बात मैं अपने
आप से जाना है ।
जहाँ से गुजरता हूँ ,
वहाँ फिर से नहीं आना है ।
ये बात अपने दिमाग़ और
दिल से सही ठाना है ।।

पीछे नहीं आगे बढ़ते जाना है ,
अभी की साहित्य सेवा करने से अच्छा
है , कबीर , तुलसी
, सूर की साहित्य को दोहराना है ।
पढ़कर वहां से बेहतर ज्ञान पाना है ।।
तो समझ जाओं मैं हार नहीं माना है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शनिवार , 12/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(25)
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 33
Sahitya Ek Nazar
12 June 2021 ,   Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

फेसबुक - 1
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फेसबुक - 2
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विषय प्रवर्तन
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माँ सरस्वती को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏

कुछ सूचनाएं :-

साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता से निकलने वाली दैनिक पत्रिका है , जिसका शुभारंभ 11 मई 2021 , मंगलवार को हुआ रहा । आ. प्रमोद ठाकुर जी हमें फेसबुक पर 12 मई को रचना भेजें , उसके बाद उन्होंने जी जान लगाकर सहयोग किए ,
पर स्थिति को देखते हुए विवश होकर हम ये सूचना आप सभी के समक्ष रखते है -

1. साहित्य एक नज़र , 1 जून से समीक्षा स्तम्भ का आरंभ किया गया , रचना समीक्षा के लिए 30 रुपए और पुस्तक समीक्षा के लिए 100 रूपए तीन दिन तक प्रचार , तो क्या हमारा और आ. प्रमोद ठाकुर जी का इन्हीं पैसों से जीवन चल रहा है , कुछ दिनों से बाहरी स्थिति को देखकर मन कर रहा है पत्रिका पर काम ही करना छोड़ दूँ , तो आप सभी सम्मानित साहित्यकारों व समीक्षक आ. प्रमोद ठाकुर जी से निवेदन करता हूँ कि समीक्षा स्तम्भ से अब साहित्य एक नज़र को कोई लेना-देना नहीं है , यदि आपको समीक्षा करवानी है तो आप आदरणीय प्रमोद ठाकुर जी से सम्पर्क करें , 13/06/2021 को साहित्य एक नज़र द्वारा पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र श्री रामकरण साहू जी को प्रदान किया जाएगा उसके बाद से साहित्य एक नज़र किसी को समीक्षा सम्मान पत्र नहीं दें सकतें ।। यदि आ. प्रमोद ठाकुर जी या कोई भी किसी की समीक्षा प्रकाशित करवाना चाहते है तो वे कामेंट बाक्स में ही भेजें इसके लिए साहित्य एक नज़र आप से कोई शुल्क नहीं लेंगे और नहीं समीक्षा वाली सम्मान पत्र देंगे ।

2. हम मेहनत कर सकते है पर बदनामी नहीं सह सकते इसलिए आ. प्रमोद ठाकुर जी से आग्रह करता हूँ कि आप साहित्य एक नज़र द्वारा जो काव्य सरिता काव्य संग्रह प्रकाशित करने जा रहें हैं , कृपया करके आप साहित्य एक नज़र पत्रिका संभालिए या उस काव्य संग्रह से साहित्य एक नज़र का लॉगो हटा दीजिए । लोगों को लग रहा है साहित्य एक नज़र लूट रहा है ।

3. हम जो भी कार्य आरंभ करता हूँ उसे अंत तक निभाता हूँ , साहित्य एक नज़र पत्रिका के आरंभ के बाद से कुछ लोगों को जलन होने लगे है , इसलिए मैं कई मंचों से पद से मुक्त हो चुका हूँ और कई मंच से विदा लेकर साहित्य एक नज़र में योगदान करूंगा , आप सभी सम्मानित साहित्यकार जो तीन दिन पर रचना देते रहें वह अब एक सप्ताह पर लिया जायेगा वह भी फेसबुक के कामेंट बाक्स में , पटल पर बिल्कुल रचना न भेजें ,एक पोस्टर में एक से अधिक रचना भेजने वाले साहित्यकारों को सीधा फेसबुक से भी विदा कर दिया जायेगा ।।

आप रचनाओं से सहयोग करें या न करें साहित्य एक नज़र रूकने वाली अब नहीं है , हर दिन मैं न जाने कितने छात्र- छात्राओं को फोन पर पढ़ाता हूं यदि हम उनका पढ़ाया हुआ ही लिखकर प्रकाशित करूँ तो अच्छा मेरे लिए भी होगा और उन तमाम छात्र - छात्राओं के लिए भी ।

इसके अलावा मैं खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय के सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से हिन्दी आनर्स तृतीय वर्ष का छात्र हूँ यदि हम अपना ही सिलेब्स का पढ़कर उन रचनाकारों के बारे में कुछ लिखकर प्रकाशित करूँ तो मेरे लिए भी अच्छा है और छात्र - छात्राओं के लिए भी । एनसीसी कैडेट्स , एनएसएस स्वंयसेवक , भारत स्काउट गाइड , सेंट जॉन ऐम्बूलेंस के सदस्य होने के नाते यदि हम वही सब के विषय में प्रकाशित करूं तो साहित्य एक नज़र की लोकप्रियता बढ़ सकती है ।

4. 15 जून को जो नियुक्त करने वाले रहें साहित्य एक नज़र सहयोगी को , उन सहयोगी का आवश्यकता नहीं है जो सदस्य में रहकर भी नियम का पालन नहीं कर सकते तो वे सहयोगी बनकर क्या करेंगे ।

5. ज़्यादा नजदीकियां अच्छी नहीं होती आज से आपको पत्रिका का पीडीएफ फाइल नहीं मिलेंगे , क्योंकि साहित्य एक नज़र अपना व्हाट्सएप ग्रुप बंद कर रहा है , अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को रिमूव किया जा रहा है क्योंकि

कुछ सदस्य पहले फेसबुक पर कामेंट बाक्स में रचना भेजते थे वे भी अब पर्सनली भेजने लगे है तो मैं भी उस डिग्री का हूँ जिसका वे अनुमान नहीं लगा सकते । मैं भी उनकी रचना को देखा तक नहीं अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकार है , पर्सनली रचना भेजकर अपनी अपमानित न करवाएं ।

6. धामपुर उत्तर प्रदेश के अभिव्यक्ति पत्रिका के संपादक आ.  डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' गुरु जी को कोटि-कोटि धन्यवाद , सब नियम मानकर रचना से सहयोग किए हैं , कहीं न बिना मतलब के वे अपनी रचनाओं में स्पेस दिए है , हर एक अंक में उन्होंने अपनी सार्थक टिप्पणी से मेरे अंदर ऊर्जा प्रदान किए , एक संपादक दूसरे संपादक को बहुत कम ही सहयोग करते हैं , सच में साहित्य जगत में आप जैसे साहित्यकारों का होना अतिआवश्यक है ।

7. साहित्य एक नज़र 🌅 दैनिक पत्रिका होने के नाते हम आपके पोस्ट को प्रचार प्रसार कर सकते है , आप साहित्यकारों को लूटों , पुरस्कृत करों ये आपके हाथों में है ।

8. आप सभी को व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर रहा हूं , यदि आपको फेसबुक से भी हटना है तो हट सकते है । क्योंकि साहित्य एक नज़र दूर के सफर में निकलें है , और दूर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है ।

आपका अपना
सेवक
रोशन कुमार झा
12/06/2021
शनिवार

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1:52 , का ऑडियो

11:45 में
हमें साहित्य संगम संस्थान से हटे 11:35 सुबह में

आ. प्रमोद ठाकुर जी को आ. राजवीर सिंह मंत्र जी ऑडियो भेजें ।

आदरणीय प्रमोद ठाकुर साहब सादर वंदन , नमन , अभिनंदन, आपने मुझे उस ग्रुप में जोड़ा था , और बहुत ज़्यादा आपसे परिचय नहीं है मुझे लगता है , परन्तु ये देखकर कि कोई भाई साहित्य के लिए कुछ करने के लिए आगे आया है तो मैं बहुत नहीं , अपने बात का सका रखा वहां पर, परन्तु इसे क्या हो गया ऐसा जो अचानक सारी सृष्टि उजाड़ दी आपके संपादक महोदय ने । सुबह तक तो गाड़ी एकदम पटरी पर चल रही थी और कुछ लिखा था उन्होंने तो मैं उसे संशोधित भी करके दिया है , अचानक ऐसा क्या हो गया कि न केवल ग्रुप से हमको आपको सबको हटा दिया अपितु हिंददेश , साहित्य संगम संस्थान तमाम इकाईयों और दायित्वों से एक झटके में ये बालक मुक्त हो गया , ऐसा क्या हो गया है मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो बताईए और बहुत से ही विनम्रता से आपसे निवेदन करूंगा कि दोबारा और कभी भी इस तरह से बिना अनुमति , बिना पूछे नहीं जोड़ियेगा सादर निवेदन है आपसे ।

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पंडित जी साईकिल लिए मेरे वाला 35 रुपए लगा बनाने में
हम ही बनाकर ला दिए ।

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साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल
व्हाट्सएप ग्रुप
26/10/2020 वाला
[09/06, 22:18] अर्चना जी साहित्य: कृपया प्रमाण पत्र संख्या डाल कर पोस्ट करें।
[09/06, 22:57] मनोज कुमार पुरोहित जी 🙏: आज आज रुक जाइए @⁨Roshan Kumar Jha, रोशन⁩ भाई जिन काव्य पाठ करने वालो के सम्मानपत्र नही बने उनके नाम दे दें उसके बाद यह काम

ग्रुप हम ही खोलें रहें सबसे पहले यहीं से हटे फिर लेटर  ( पत्र ) देकर बंगाल इकाई मैसेंजर से हटें। वाग्देवी से भी
हिंददेश परिवार से भी निकल गये ।
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साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल
व्हाट्सएप ग्रुप
12/04/2021 , आ. नेहा जी , आ. आशीष कुमार झा जी , कवि श्रवण जी , आ. प्रवीण झा जी
दुर्गा पूजा सम्मान पत्र के लिए
चैत्र नवरात्र
आज दो महीने हुए रहें ।

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सेवा में
राष्ट्रीय अध्यक्ष
आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

                                      दिनांक :- 12/06/2021

विषय :- पद त्यागने हेतु -

माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली केंद्रीय  इकाई को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏 ।
मैं रोशन कुमार झा ( कोलकाता ) अपनी राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी व साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई सचिव पद त्याग रहा हूँ । अतः हमारी ये प्रार्थना स्वीकार कीजिए ,

हम हर एक मंच से विदा ले चुके है -
हिंददेश परिवार - पश्चिम बंगाल इकाई मीडिया प्रभारी
इंकलाब प्रकाशन मुंबई -  वेबसाइट संचालक , सह मीडिया प्रभारी

इसी के साथ हम अब साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली व पश्चिम बंगाल इकाई‌ से पद से मुक्त होकर सदस्यों की तरह सेवा करना चाहता हूँ ।।

आपका अपना
रोशन कुमार झा
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सेवा में
अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई

                                      दिनांक :- 12/06/2021

विषय :- पद त्यागने हेतु -

माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏 ।
मैं रोशन कुमार झा ( कोलकाता ) अपनी सचिव पद त्याग रहा हूँ । अतः हमारी ये प्रार्थना स्वीकार कीजिए ,

हम हर एक मंच से विदा ले चुके है -
हिंददेश परिवार - पश्चिम बंगाल इकाई मीडिया प्रभारी
इंकलाब प्रकाशन मुंबई -  वेबसाइट संचालक , सह मीडिया प्रभारी

इसी के साथ हम अब साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई से पद से मुक्त होकर सदस्यों की तरह सेवा करना चाहता हूँ ।।

आपका अपना
रोशन कुमार झा

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आ. प्रमोद ठाकुर जी

[12/06, 11:33] प्रमोद ठाकुर: ये क्या रण नीति है कृपया हमें भी अवगत करबायेगा ।पटल से कुछ को तो सही रेमूव्ड कर दिया ।
[12/06, 11:36] प्रमोद ठाकुर: इतना गुस्सा क्यों भाई
[12/06, 11:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: रण नीति नहीं आ. राजवीर सिंह मंत्र जी को भी हट दिए है
[12/06, 11:45] प्रमोद ठाकुर: ये भेजा है
[12/06, 11:48] प्रमोद ठाकुर: मुझें भी इस ऑडियो में भड़का रहे है।
[12/06, 11:48] प्रमोद ठाकुर: आप चिंता न करें
[12/06, 11:48] प्रमोद ठाकुर: मैं आपके साथ हूँ
[12/06, 12:32] प्रमोद ठाकुर: भाई कुछ बताइये तो आगे क्या करना है।
जब कोई व्यक्ति अच्छा काम करता है तो टांग खींचने बाले बहुत होते है
[12/06, 12:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप से हम रात में बात करते है सर जी
[12/06, 12:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: पहले संगम का मामला हटाने दीजिए
[12/06, 12:40] प्रमोद ठाकुर: जी ठीक है आज पत्रिका तो आएगी
[12/06, 16:04] प्रमोद ठाकुर: शाम को कोई न कोई हल निकलेंगे या हम साहू जी के पैसे वापस कर देंगे और साझा काव्य संग्रह भी अब नही निलालेगें सभी से माफी मांग लेगें मैं अपनी इमेज खराब नहीं कर सकता। वो भी चंद सिक्कों के लिये। मैनें तो अभी पटल के सारे मैसेज पढ़े । ऐसा लग रहा है जैसे मेरा घर इन्हीं सिक्कों से चल रहा हो। मैं इतनी बेइजती बर्दास्त नही कर सकता। बाकी रोशन जी आपको जैसा अच्छा लगे अपने तो अपनी बात पटल पर रख दी मुझें बात रखने का मौका नहीं दिया। मैं अपनी बात कैसे रखूं कृपया मुझे भी बताये।
[12/06, 16:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[12/06, 18:41] प्रमोद ठाकुर: जब फ्री हो तो याद कीजियेगा
[12/06, 20:54] प्रमोद ठाकुर: 13 जून 2021 समीक्षा के लिए
[12/06, 20:56] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[12/06, 20:56] प्रमोद ठाकुर: फ़ोटो के नीचे केवल नाम,पता और नम्बर
[12/06, 21:05] प्रमोद ठाकुर: श्री रामकरण साहू "सजल" जी के कविता संग्रह "शबनम की बूँदें" से आती गाँव की मिट्टी की खुशबू आपके लिए उपलब्ध है।

1. रूद्रादित्य प्रकाशन
190 एच/आर/3-एन, ओ.पी.एस नगर कलिन्दीपुरम
प्रयागराज (ऊ.प्र.)
दूरभाष -8187937731

2. श्री रामकरण साहू "सजल"
कमासिन रोड़ नीलकंठ पेट्रोल पम्प के पास ग्राम-पोस्ट बबेरू
बाँदा (ऊ.प्र.)
दूरभाष- 8004239966
[12/06, 21:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

फोन पर बात किए रात में

77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan

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[12/06, 11:15] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: रौशन भाई शुभ प्रभात।
[12/06, 11:16] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: बहुत कुपित छी दोसर के गलती के कारण।
[12/06, 11:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[12/06, 11:16] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: किशोर कुमार के गीत कुछ तो लोग कहेंगे
[12/06, 11:17] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: दुनिया में इंसान के प्रवृति नै सुधरा वाला ऐ
[12/06, 11:18] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: अहा हमरा लेल मिथिला के गौरव छी
[12/06, 11:21] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: अहा जे k रहल छी ओकरे साहित्यक निःस्वार्थ सेवा कहल जा Sakai ye muda je Pai l ke kaj karai chhaith hunka kona Nik lagtai tahi lel विरोध k रहल छैथ
[12/06, 11:32] Roshan Kumar Jha, रोशन: भाई जी
[12/06, 11:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: अप्पन पत्रिका चलैत रहतैय
[12/06, 11:37] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: पिछला किछु समय स हम अहा स जुरल छी मुदा अहा के व्यवहार स महसूस भ रहल ये जमाना स परिचित छी।
अहा के समर्पण स मोन प्रसन्न चित अछी।
[12/06, 11:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: बस भाई जी अहा , सभ के आशीर्वाद छैत
[12/06, 11:39] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: बाल मजदूरी उन्मूलन दिवस पर एगो कविता लिखने रही।
ओना kalhi हमर एगो कविता छपल रहे।
हमरा फेसबुक स अहा के फेसबुक पर कमेंट seho नई होयत अछी।
आगा अहा जे कही।
[12/06, 11:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: हमरा भेजब
[12/06, 11:41] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: अखन या बाद में
[12/06, 11:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: भेजूं
[12/06, 11:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐 भाई जी 🙏
[12/06, 20:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी स्वागतम् 🙏💐 भाई जी
[12/06, 20:55] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: 👏🏻
[12/06, 22:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏
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[12/06, 18:59] Ranjana Binani Jii: प्रेस विज्ञप्ति -  12जून 2021
सादर प्रकाशन हेतू

महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास
IMCC INDIA महेश नवमी महोत्सव 2021-
पूरे देश में 111 जिला ब्रान्ड एम्बेसडर मनोनीत किये गये

*गोलाघाट.--जिले से श्रीमती--.रंजना बिनानी. मनोनीत

अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अभिनव प्रयोग करते हुए पूरे देश में विभिन्न 108 जिलों में अपने - अपने जिलों से " महेश नवमी महोत्सव - 2021 के लिए कुल 111 जिला ब्रान्ड एम्बेसडर " मनोनीत किये गये हैं ! जिसकी पूरे देश में माहेश्वरी समाज के प्रबुद्ध जनों की तरफ से भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है!

इसी क्रम में.गोलाघाट- जिले से श्रीमती.रंजना बिनानी. को  मनोनीत किया गया है !
**
19 जून शनिवार को माहेश्वरी समाज का उत्पत्ति दिवस महेश नवमी है जिसे सम्पूर्ण विश्व में माहेश्वरी समाजजन द्वारा मनाया जाता है!
इसी क्रम में अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत की सभी 108 जिला शाखाओं द्वारा भी महेश नवमी महोत्सव 2021 धूमधाम से अपने अपने स्तर पर मनाया जा रहा है! इसके अन्तर्गत विभिन्न तरह के परमार्थ हित वाले कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जा रहे हैं !

यह जानकारी देते हुए अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती अनिता डॉ अशोक सोडाणी, महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती डॉ माया डॉ मधुसुदन राठी, गुजरात प्रदेश संयोजक श्रीमती रीतु एडवोकेट मुकेश कोठारी एवं उत्तर प्रदेश प्रान्तीय अध्यक्ष श्रीमती विनीता प्रेम नारायण राठी ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के द्वारा विभिन्न 108 जिलों में अपने - अपने जिलों से " महेश नवमी महोत्सव - 2021 के लिए जिला ब्रान्ड एम्बेसडर " मनोनीत किये गये हैं! देश के विभिन्न जिलों से कुल 111 जिला ब्रान्ड एम्बेसडर मनोनीत किये गये हैं ! इन सभी जिला ब्रान्ड एम्बेसडर का मनोनयन एक सप्ताह के लिए 13 जून रविवार से 19 जून 2021 शनिवार तक के लिए किया गया है !
अन्तर्राष्ट्रीय माहेश्वरी कपल क्लब भारत के द्वारा इस वर्ष महेश नवमी महोत्सव - 2021 हेतू  राष्ट्रीय ब्रान्ड एम्बेसडर  के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय भजन गायिका एवं क्लब की राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती डॉ सुमन सोनी को मनोनीत किया गया है !

संलग्न - फोटो 1
[12/06, 19:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[12/06, 19:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏 दीदी जी 🙏💐

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[12/06, 15:08] अर्चना जी साहित्य: अरे, अनुज क्या हुआ?????
[12/06, 15:09] अर्चना जी साहित्य: बताइये शायद हम आपके कुछ काम आयें।
[12/06, 15:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏 दीदी जी
[12/06, 15:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद सह सादर आभार 🙏
WhatsApp पर फोन भी की हम नहीं उठाएं

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[12/06, 14:06] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏 गुरु जी 🙏
[12/06, 14:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक आप हैं जो हमें ऊर्जा प्रदान किए हैं ।
[12/06, 14:43] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: भाई पत्रिका के ग्रुप आपकी बात पढ़ी।आपके मन की पीड़ा मैं समझ सकता हूं।ऐसा होता है,काम करने वाले लोगों की सफलता से कुछ लोग ईर्ष्या करते हैं तो कई तरह से उसको पीछे धकेलने का प्रयास करते हैं। आपकी बात में जो स्पष्टता और दृढ़ संकल्प है वह आपको कभी पीछे मुड़कर देखने का अवसर न आने देगी।
आप गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर की धरा पर यह कार्य कर रहे हैं एकला चलो,मंत्र अपनाना कभी निराश नहीं करता।
भाई आप अपने पठन पाठन के साथ साहित्य एक नजर को लेकर आगे बढ़े हैं। हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि आप प्रगति पथ पर बढ़ते रहे। हार्दिक शुभकामनाएं
अनिल
[12/06, 14:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 गुरु जी एकला चलो रे संवेदनशील गीत है ।

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[12/06, 10:49] आ प्रज्ञा जी: बहुत बहुत आभार भाई🙏🙏🙏
[12/06, 10:55] आ प्रज्ञा जी: भाई ग्रुप से सभी remove क्यों कर रहे हैं🙏
[12/06, 10:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏

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[12/06, 13:18] Prabin Bhaiya: रै मोन! किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ
ककरो साथ नय लिखल
तोहर तकदीरमेँ

ई नगरी फ़रेबक राजधानी छै
एतय कुनो भिन्नता नहि
एकटा चोर आर फकीर मेँ
रै मोन !किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ

विश्वासक सोंनित सँ
हरिएल संबंधक गाछी छै
टाकाक दुर्गंध आबैत
सबहक जमीर मेँ
रै मोन!किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ

उठ! चलि दे अपन मंजिलक दिश
परहि नहि ककरो गपक फेर में
काल्हि तोहर फोटो लगेथुन
फेर इहे अपन घरक मंदिर मेँ
रै मोन!किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ।
✍️प्रवीण झा
विश्व बालश्रम निषेध दिवस
[12/06, 13:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: वाह
[12/06, 13:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: फोटो भेजूं
[12/06, 20:58] Prabin Bhaiya: 💓🙏🙏
[12/06, 21:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद भाई जी 🙏💐

_______________
अलंकरण प्रशिक्षण शाला वॉट्सएप ग्रुप
[12/06, 09:14] साहित्य राज: 👍👍
[12/06, 11:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: सेवा में
राष्ट्रीय अध्यक्ष
आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

                                      दिनांक :- 12/06/2021

विषय :- पद त्यागने हेतु -

माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली केंद्रीय  इकाई को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏 ।
मैं रोशन कुमार झा ( कोलकाता ) अपनी राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी व साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई सचिव पद त्याग रहा हूँ । अतः हमारी ये प्रार्थना स्वीकार कीजिए ,

हम हर एक मंच से विदा ले चुके है -
हिंददेश परिवार - पश्चिम बंगाल इकाई मीडिया प्रभारी
इंकलाब प्रकाशन मुंबई -  वेबसाइट संचालक , सह मीडिया प्रभारी

इसी के साथ हम अब साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली व पश्चिम बंगाल इकाई‌ से पद से मुक्त होकर सदस्यों की तरह सेवा करना चाहता हूँ ।।

आपका अपना
रोशन कुमार झा

11:35 - संगम सचिव से
11:45 में आ. राजवीर सिंह मंत्र जी आ. प्रमोद ठाकुर जी को ऑडियो भेजें । 1:52
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[12/06, 14:10] डॉ मधु जी: आप अपनी पत्रिका निकालिये कहां और झंझटो में पढ गये मै आपके साथ हूँ ये पैसे वाली कहानी मेरी समझ से दूर है। आप बहुत मेहनत करते हो
[12/06, 14:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी दीदी जी 🙏 स्वागतम्
[12/06, 14:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏 गुरु जी 🙏
[12/06, 14:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक आप हैं जो हमें ऊर्जा प्रदान किए हैं ।
[12/06, 14:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: साहित्य संगम संस्थान में अध्यक्ष पद नहीं संभाले इसलिए ऐसा हुआ है ।
[12/06, 14:42] डॉ मधु जी: पत्रिका बन्द नहीं करिये मुझे गर्व है कि मै तुम्हारे साथ कोलकाता की पत्रिका में छप रही हूँ
[12/06, 14:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐 दीदी जी
[12/06, 14:48] डॉ मधु जी: मेरे छोटे भाई हो आगे बढ़ो
[12/06, 14:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/307342511028532/?sfnsn=wiwspmo
[12/06, 14:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार नहीं मानेंगे  आप यहां भेजिए अगले अंक के लिए
[12/06, 14:50] डॉ मधु जी: मुझसे कल तीन कविताएँ प्रमोद जी ने मंगवाई
[12/06, 15:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: मत भेजिए
[12/06, 15:25] डॉ मधु जी: अब पैसे ही नहीं भेजूगी

डॉ मधु जी , उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी का समर्थक करती है । फोन पहली बार की रहीं आज
____________
[12/06, 11:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: 23090 से सम्मान पत्र बनायेगा दीदी जी , 23089 तक हो गया है ।
[12/06, 12:04] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: भाई मेरा फोन उठाओ मुझ से बात करो
3 बार फोन भी की ।
[12/06, 22:43] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐

__________
[11/06, 19:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: अब सिर्फ दिनांक डालना है ।
[12/06, 10:03] मनोज कुमार पुरोहित जी 🙏: जा रहे हैं मैं रोकूँगा नही
सब की अपनी जिंदगी अपने विचार
पर एक बार पुनः गहन चिंतन का आग्रह करूँगा🙏🏻🙏🏻
[12/06, 10:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐

__________
काव्य सरिता
व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं आ. प्रमोद ठाकुर जी

[12/06, 22:32] +91  🙏🏻🙏🏻धन्यवाद। यह नया मंच??कोई विशेष उद्देश्य सर ।
[12/06, 22:38] +91 : अच्छा सर। 🙏🏻
[12/06, 22:40] +91 : धन्यवाद सर 🙏
[12/06, 22:46] प्रमोद ठाकुर: आप सभी से मेरी प्रार्थना है कि हमारी पत्रिका साहित्य एक नज़र में जो रचना भेजनी हो वो कृपया फेसबुक पजे पर ही भेजें।
आपकी रचना निःशुल्क प्रकाशित की जाये गी। कुछ लोगों की वजह से हमें वो पटल बन्द करना पड़ा मैं आप सभी से माफी चाहता हूँ।
[12/06, 22:47] +91 : ओके
[12/06, 22:47] +91 : धन्यवाद
[12/06, 22:47] प्रमोद ठाकुर: इस पटल पर केवल और केवल काव्य संग्रह से सम्बंधित ही  प्रेषित करें।

_____


साहित्य एक नज़र 🌅 , व्हाट्सएप ग्रुप

[12/06, 10:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: माँ सरस्वती को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏

कुछ सूचनाएं :-

साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता से निकलने वाली दैनिक पत्रिका है , जिसका शुभारंभ 11 मई 2021 , मंगलवार को हुआ रहा । आ. प्रमोद ठाकुर जी हमें फेसबुक पर 12 मई को रचना भेजें , उसके बाद उन्होंने जी जान लगाकर सहयोग किए ,
पर स्थिति को देखते हुए विवश होकर हम ये सूचना आप सभी के समक्ष रखते है -

1. साहित्य एक नज़र , 1 जून से समीक्षा स्तम्भ का आरंभ किया गया , रचना समीक्षा के लिए 30 रुपए और पुस्तक समीक्षा के लिए 100 रूपए तीन दिन तक प्रचार , तो क्या हमारा और आ. प्रमोद ठाकुर जी का इन्हीं पैसों से जीवन चल रहा है , कुछ दिनों से बाहरी स्थिति को देखकर मन कर रहा है पत्रिका पर काम ही करना छोड़ दूँ , तो आप सभी सम्मानित साहित्यकारों व समीक्षक आ. प्रमोद ठाकुर जी से निवेदन करता हूँ कि समीक्षा स्तम्भ से अब साहित्य एक नज़र को कोई लेना-देना नहीं है , यदि आपको समीक्षा करवानी है तो आप आदरणीय प्रमोद ठाकुर जी से सम्पर्क करें , 13/06/2021 को साहित्य एक नज़र द्वारा पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र श्री रामकरण साहू जी को प्रदान किया जाएगा उसके बाद से साहित्य एक नज़र किसी को समीक्षा सम्मान पत्र नहीं दें सकतें ।। यदि आ. प्रमोद ठाकुर जी या कोई भी किसी की समीक्षा प्रकाशित करवाना चाहते है तो वे कामेंट बाक्स में ही भेजें इसके लिए साहित्य एक नज़र आप से कोई शुल्क नहीं लेंगे और नहीं समीक्षा वाली सम्मान पत्र देंगे ।

2. हम मेहनत कर सकते है पर बदनामी नहीं सह सकते इसलिए आ. प्रमोद ठाकुर जी से आग्रह करता हूँ कि आप साहित्य एक नज़र द्वारा जो काव्य सरिता काव्य संग्रह प्रकाशित करने जा रहें हैं , कृपया करके आप साहित्य एक नज़र पत्रिका संभालिए या उस काव्य संग्रह से साहित्य एक नज़र का लॉगो हटा दीजिए । लोगों को लग रहा है साहित्य एक नज़र लूट रहा है ।

3. हम जो भी कार्य आरंभ करता हूँ उसे अंत तक निभाता हूँ , साहित्य एक नज़र पत्रिका के आरंभ के बाद से कुछ लोगों को जलन होने लगे है , इसलिए मैं कई मंचों से पद से मुक्त हो चुका हूँ और कई मंच से विदा लेकर साहित्य एक नज़र में योगदान करूंगा , आप सभी सम्मानित साहित्यकार जो तीन दिन पर रचना देते रहें वह अब एक सप्ताह पर लिया जायेगा वह भी फेसबुक के कामेंट बाक्स में , पटल पर बिल्कुल रचना न भेजें ,एक पोस्टर में एक से अधिक रचना भेजने वाले साहित्यकारों को सीधा फेसबुक से भी विदा कर दिया जायेगा ।।

आप रचनाओं से सहयोग करें या न करें साहित्य एक नज़र रूकने वाली अब नहीं है , हर दिन मैं न जाने कितने छात्र- छात्राओं को फोन पर पढ़ाता हूं यदि हम उनका पढ़ाया हुआ ही लिखकर प्रकाशित करूँ तो अच्छा मेरे लिए भी होगा और उन तमाम छात्र - छात्राओं के लिए भी ।

इसके अलावा मैं खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय के सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से हिन्दी आनर्स तृतीय वर्ष का छात्र हूँ यदि हम अपना ही सिलेब्स का पढ़कर उन रचनाकारों के बारे में कुछ लिखकर प्रकाशित करूँ तो मेरे लिए भी अच्छा है और छात्र - छात्राओं के लिए भी । एनसीसी कैडेट्स , एनएसएस स्वंयसेवक , भारत स्काउट गाइड , सेंट जॉन ऐम्बूलेंस के सदस्य होने के नाते यदि हम वही सब के विषय में प्रकाशित करूं तो साहित्य एक नज़र की लोकप्रियता बढ़ सकती है ।

4. 15 जून को जो नियुक्त करने वाले रहें साहित्य एक नज़र सहयोगी को , उन सहयोगी का आवश्यकता नहीं है जो सदस्य में रहकर भी नियम का पालन नहीं कर सकते तो वे सहयोगी बनकर क्या करेंगे ।

5. ज़्यादा नजदीकियां अच्छी नहीं होती आज से आपको पत्रिका का पीडीएफ फाइल नहीं मिलेंगे , क्योंकि साहित्य एक नज़र अपना व्हाट्सएप ग्रुप बंद कर रहा है , अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को रिमूव किया जा रहा है क्योंकि

कुछ सदस्य पहले फेसबुक पर कामेंट बाक्स में रचना भेजते थे वे भी अब पर्सनली भेजने लगे है तो मैं भी उस डिग्री का हूँ जिसका वे अनुमान नहीं लगा सकते । मैं भी उनकी रचना को देखा तक नहीं अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकार है , पर्सनली रचना भेजकर अपनी अपमानित न करवाएं ।

6. धामपुर उत्तर प्रदेश के अभिव्यक्ति पत्रिका के संपादक आ.  डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' गुरु जी को कोटि-कोटि धन्यवाद , सब नियम मानकर रचना से सहयोग किए हैं , कहीं न बिना मतलब के वे अपनी रचनाओं में स्पेस दिए है , हर एक अंक में उन्होंने अपनी सार्थक टिप्पणी से मेरे अंदर ऊर्जा प्रदान किए , एक संपादक दूसरे संपादक को बहुत कम ही सहयोग करते हैं , सच में साहित्य जगत में आप जैसे साहित्यकारों का होना अतिआवश्यक है ।

7. साहित्य एक नज़र 🌅 दैनिक पत्रिका होने के नाते हम आपके पोस्ट को प्रचार प्रसार कर सकते है , आप साहित्यकारों को लूटों , पुरस्कृत करों ये आपके हाथों में है ।

8. आप सभी को व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर रहा हूं , यदि आपको फेसबुक से भी हटना है तो हट सकते है । क्योंकि साहित्य एक नज़र दूर के सफर में निकलें है , और दूर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है ।

आपका अपना
सेवक
रोशन कुमार झा
12/06/2021
शनिवार
[12/06, 10:52] +91 97292 37797: 🙏🏻🙏🏻
[12/06, 10:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: माँ सरस्वती को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏

कुछ सूचनाएं :-

साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता से निकलने वाली दैनिक पत्रिका है , जिसका शुभारंभ 11 मई 2021 , मंगलवार को हुआ रहा । आ. प्रमोद ठाकुर जी हमें फेसबुक पर 12 मई को रचना भेजें , उसके बाद उन्होंने जी जान लगाकर सहयोग किए ,
पर स्थिति को देखते हुए विवश होकर हम ये सूचना आप सभी के समक्ष रखते है -

1. साहित्य एक नज़र , 1 जून से समीक्षा स्तम्भ का आरंभ किया गया , रचना समीक्षा के लिए 30 रुपए और पुस्तक समीक्षा के लिए 100 रूपए तीन दिन तक प्रचार , तो क्या हमारा और आ. प्रमोद ठाकुर जी का इन्हीं पैसों से जीवन चल रहा है , कुछ दिनों से बाहरी स्थिति को देखकर मन कर रहा है पत्रिका पर काम ही करना छोड़ दूँ , तो आप सभी सम्मानित साहित्यकारों व समीक्षक आ. प्रमोद ठाकुर जी से निवेदन करता हूँ कि समीक्षा स्तम्भ से अब साहित्य एक नज़र को कोई लेना-देना नहीं है , यदि आपको समीक्षा करवानी है तो आप आदरणीय प्रमोद ठाकुर जी से सम्पर्क करें , 13/06/2021 को साहित्य एक नज़र द्वारा पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र श्री रामकरण साहू जी को प्रदान किया जाएगा उसके बाद से साहित्य एक नज़र किसी को समीक्षा सम्मान पत्र नहीं दें सकतें ।। यदि आ. प्रमोद ठाकुर जी या कोई भी किसी की समीक्षा प्रकाशित करवाना चाहते है तो वे कामेंट बाक्स में ही भेजें इसके लिए साहित्य एक नज़र आप से कोई शुल्क नहीं लेंगे और नहीं समीक्षा वाली सम्मान पत्र देंगे ।

2. हम मेहनत कर सकते है पर बदनामी नहीं सह सकते इसलिए आ. प्रमोद ठाकुर जी से आग्रह करता हूँ कि आप साहित्य एक नज़र द्वारा जो काव्य सरिता काव्य संग्रह प्रकाशित करने जा रहें हैं , कृपया करके आप साहित्य एक नज़र पत्रिका संभालिए या उस काव्य संग्रह से साहित्य एक नज़र का लॉगो हटा दीजिए । लोगों को लग रहा है साहित्य एक नज़र लूट रहा है ।

3. हम जो भी कार्य आरंभ करता हूँ उसे अंत तक निभाता हूँ , साहित्य एक नज़र पत्रिका के आरंभ के बाद से कुछ लोगों को जलन होने लगे है , इसलिए मैं कई मंचों से पद से मुक्त हो चुका हूँ और कई मंच से विदा लेकर साहित्य एक नज़र में योगदान करूंगा , आप सभी सम्मानित साहित्यकार जो तीन दिन पर रचना देते रहें वह अब एक सप्ताह पर लिया जायेगा वह भी फेसबुक के कामेंट बाक्स में , पटल पर बिल्कुल रचना न भेजें ,एक पोस्टर में एक से अधिक रचना भेजने वाले साहित्यकारों को सीधा फेसबुक से भी विदा कर दिया जायेगा ।।

आप रचनाओं से सहयोग करें या न करें साहित्य एक नज़र रूकने वाली अब नहीं है , हर दिन मैं न जाने कितने छात्र- छात्राओं को फोन पर पढ़ाता हूं यदि हम उनका पढ़ाया हुआ ही लिखकर प्रकाशित करूँ तो अच्छा मेरे लिए भी होगा और उन तमाम छात्र - छात्राओं के लिए भी ।

इसके अलावा मैं खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय के सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से हिन्दी आनर्स तृतीय वर्ष का छात्र हूँ यदि हम अपना ही सिलेब्स का पढ़कर उन रचनाकारों के बारे में कुछ लिखकर प्रकाशित करूँ तो मेरे लिए भी अच्छा है और छात्र - छात्राओं के लिए भी । एनसीसी कैडेट्स , एनएसएस स्वंयसेवक , भारत स्काउट गाइड , सेंट जॉन ऐम्बूलेंस के सदस्य होने के नाते यदि हम वही सब के विषय में प्रकाशित करूं तो साहित्य एक नज़र की लोकप्रियता बढ़ सकती है ।

4. 15 जून को जो नियुक्त करने वाले रहें साहित्य एक नज़र सहयोगी को , उन सहयोगी का आवश्यकता नहीं है जो सदस्य में रहकर भी नियम का पालन नहीं कर सकते तो वे सहयोगी बनकर क्या करेंगे ।

5. ज़्यादा नजदीकियां अच्छी नहीं होती आज से आपको पत्रिका का पीडीएफ फाइल नहीं मिलेंगे , क्योंकि साहित्य एक नज़र अपना व्हाट्सएप ग्रुप बंद कर रहा है , अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को रिमूव किया जा रहा है क्योंकि

कुछ सदस्य पहले फेसबुक पर कामेंट बाक्स में रचना भेजते थे वे भी अब पर्सनली भेजने लगे है तो मैं भी उस डिग्री का हूँ जिसका वे अनुमान नहीं लगा सकते । मैं भी उनकी रचना को देखा तक नहीं अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकार है , पर्सनली रचना भेजकर अपनी अपमानित न करवाएं ।

6. धामपुर उत्तर प्रदेश के अभिव्यक्ति पत्रिका के संपादक आ.  डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' गुरु जी को कोटि-कोटि धन्यवाद , सब नियम मानकर रचना से सहयोग किए हैं , कहीं न बिना मतलब के वे अपनी रचनाओं में स्पेस दिए है , हर एक अंक में उन्होंने अपनी सार्थक टिप्पणी से मेरे अंदर ऊर्जा प्रदान किए , एक संपादक दूसरे संपादक को बहुत कम ही सहयोग करते हैं , सच में साहित्य जगत में आप जैसे साहित्यकारों का होना अतिआवश्यक है ।

7. साहित्य एक नज़र 🌅 दैनिक पत्रिका होने के नाते हम आपके पोस्ट को प्रचार प्रसार कर सकते है , आप साहित्यकारों को लूटों , पुरस्कृत करों ये आपके हाथों में है ।

8. आप सभी को व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर रहा हूं , यदि आपको फेसबुक से भी हटना है तो हट सकते है । क्योंकि साहित्य एक नज़र दूर के सफर में निकलें है , और दूर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है ।

आपका अपना
सेवक
रोशन कुमार झा
12/06/2021
शनिवार
[12/06, 10:58] Hasan Bhiya: Raushan bhai aap aaj krodh me kyo h
[12/06, 10:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: मजाक बना दिया है बड़े भाई
[12/06, 10:59] Hasan Bhiya: Oo
[12/06, 10:59] Hasan Bhiya: 🥰🙏🏻
[12/06, 11:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक तो नि: शुल्क में हम सेवा करें  और हम ही लूटेरा शब्द से सम्मानित होते है ।
[12/06, 11:01] +91 61: ये तो बहुत ही गलत है
[12/06, 11:01] +91 7: क्या हुआ सर जी🙏🏻
[12/06, 11:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: माँ सरस्वती को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏

कुछ सूचनाएं :-

साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता से निकलने वाली दैनिक पत्रिका है , जिसका शुभारंभ 11 मई 2021 , मंगलवार को हुआ रहा । आ. प्रमोद ठाकुर जी हमें फेसबुक पर 12 मई को रचना भेजें , उसके बाद उन्होंने जी जान लगाकर सहयोग किए ,
पर स्थिति को देखते हुए विवश होकर हम ये सूचना आप सभी के समक्ष रखते है -

1. साहित्य एक नज़र , 1 जून से समीक्षा स्तम्भ का आरंभ किया गया , रचना समीक्षा के लिए 30 रुपए और पुस्तक समीक्षा के लिए 100 रूपए तीन दिन तक प्रचार , तो क्या हमारा और आ. प्रमोद ठाकुर जी का इन्हीं पैसों से जीवन चल रहा है , कुछ दिनों से बाहरी स्थिति को देखकर मन कर रहा है पत्रिका पर काम ही करना छोड़ दूँ , तो आप सभी सम्मानित साहित्यकारों व समीक्षक आ. प्रमोद ठाकुर जी से निवेदन करता हूँ कि समीक्षा स्तम्भ से अब साहित्य एक नज़र को कोई लेना-देना नहीं है , यदि आपको समीक्षा करवानी है तो आप आदरणीय प्रमोद ठाकुर जी से सम्पर्क करें , 13/06/2021 को साहित्य एक नज़र द्वारा पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र श्री रामकरण साहू जी को प्रदान किया जाएगा उसके बाद से साहित्य एक नज़र किसी को समीक्षा सम्मान पत्र नहीं दें सकतें ।। यदि आ. प्रमोद ठाकुर जी या कोई भी किसी की समीक्षा प्रकाशित करवाना चाहते है तो वे कामेंट बाक्स में ही भेजें इसके लिए साहित्य एक नज़र आप से कोई शुल्क नहीं लेंगे और नहीं समीक्षा वाली सम्मान पत्र देंगे ।

2. हम मेहनत कर सकते है पर बदनामी नहीं सह सकते इसलिए आ. प्रमोद ठाकुर जी से आग्रह करता हूँ कि आप साहित्य एक नज़र द्वारा जो काव्य सरिता काव्य संग्रह प्रकाशित करने जा रहें हैं , कृपया करके आप साहित्य एक नज़र पत्रिका संभालिए या उस काव्य संग्रह से साहित्य एक नज़र का लॉगो हटा दीजिए । लोगों को लग रहा है साहित्य एक नज़र लूट रहा है ।

3. हम जो भी कार्य आरंभ करता हूँ उसे अंत तक निभाता हूँ , साहित्य एक नज़र पत्रिका के आरंभ के बाद से कुछ लोगों को जलन होने लगे है , इसलिए मैं कई मंचों से पद से मुक्त हो चुका हूँ और कई मंच से विदा लेकर साहित्य एक नज़र में योगदान करूंगा , आप सभी सम्मानित साहित्यकार जो तीन दिन पर रचना देते रहें वह अब एक सप्ताह पर लिया जायेगा वह भी फेसबुक के कामेंट बाक्स में , पटल पर बिल्कुल रचना न भेजें ,एक पोस्टर में एक से अधिक रचना भेजने वाले साहित्यकारों को सीधा फेसबुक से भी विदा कर दिया जायेगा ।।

आप रचनाओं से सहयोग करें या न करें साहित्य एक नज़र रूकने वाली अब नहीं है , हर दिन मैं न जाने कितने छात्र- छात्राओं को फोन पर पढ़ाता हूं यदि हम उनका पढ़ाया हुआ ही लिखकर प्रकाशित करूँ तो अच्छा मेरे लिए भी होगा और उन तमाम छात्र - छात्राओं के लिए भी ।

इसके अलावा मैं खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय के सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से हिन्दी आनर्स तृतीय वर्ष का छात्र हूँ यदि हम अपना ही सिलेब्स का पढ़कर उन रचनाकारों के बारे में कुछ लिखकर प्रकाशित करूँ तो मेरे लिए भी अच्छा है और छात्र - छात्राओं के लिए भी । एनसीसी कैडेट्स , एनएसएस स्वंयसेवक , भारत स्काउट गाइड , सेंट जॉन ऐम्बूलेंस के सदस्य होने के नाते यदि हम वही सब के विषय में प्रकाशित करूं तो साहित्य एक नज़र की लोकप्रियता बढ़ सकती है ।

4. 15 जून को जो नियुक्त करने वाले रहें साहित्य एक नज़र सहयोगी को , उन सहयोगी का आवश्यकता नहीं है जो सदस्य में रहकर भी नियम का पालन नहीं कर सकते तो वे सहयोगी बनकर क्या करेंगे ।

5. ज़्यादा नजदीकियां अच्छी नहीं होती आज से आपको पत्रिका का पीडीएफ फाइल नहीं मिलेंगे , क्योंकि साहित्य एक नज़र अपना व्हाट्सएप ग्रुप बंद कर रहा है , अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को रिमूव किया जा रहा है क्योंकि

कुछ सदस्य पहले फेसबुक पर कामेंट बाक्स में रचना भेजते थे वे भी अब पर्सनली भेजने लगे है तो मैं भी उस डिग्री का हूँ जिसका वे अनुमान नहीं लगा सकते । मैं भी उनकी रचना को देखा तक नहीं अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकार है , पर्सनली रचना भेजकर अपनी अपमानित न करवाएं ।

6. धामपुर उत्तर प्रदेश के अभिव्यक्ति पत्रिका के संपादक आ.  डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' गुरु जी को कोटि-कोटि धन्यवाद , सब नियम मानकर रचना से सहयोग किए हैं , कहीं न बिना मतलब के वे अपनी रचनाओं में स्पेस दिए है , हर एक अंक में उन्होंने अपनी सार्थक टिप्पणी से मेरे अंदर ऊर्जा प्रदान किए , एक संपादक दूसरे संपादक को बहुत कम ही सहयोग करते हैं , सच में साहित्य जगत में आप जैसे साहित्यकारों का होना अतिआवश्यक है ।

7. साहित्य एक नज़र 🌅 दैनिक पत्रिका होने के नाते हम आपके पोस्ट को प्रचार प्रसार कर सकते है , आप साहित्यकारों को लूटों , पुरस्कृत करों ये आपके हाथों में है ।

8. आप सभी को व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर रहा हूं , यदि आपको फेसबुक से भी हटना है तो हट सकते है । क्योंकि साहित्य एक नज़र दूर के सफर में निकलें है , और दूर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है ।

आपका अपना
सेवक
रोशन कुमार झा
12/06/2021
शनिवार
[12/06, 11:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: भईया आप भी कुछ सहयोग करके हटाये
[12/06, 11:03] Hasan Bhiya: क्या हो गया भाई कौन क्या कह दिया आप जैसे समाज सेवा करने वाले को 🤔
[12/06, 11:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप एडमिन है
[12/06, 11:04] Hasan Bhiya: Mai kise hatunga bina smjhe ya fir pure group ko delete krne ke vichar me h
[12/06, 11:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[12/06, 11:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: कुछ लोग पैसे लेते है साहित्य एक नज़र में रचना प्रकाशित करने के लिए 🙏
[12/06, 11:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: बदनाम हम
[12/06, 11:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक रचनाकार तीन चार नाम से रचनाएं प्रकाशित करवाते है ।
[12/06, 11:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: ऐसा साहित्य सेवा को नमन 🙏💐
[12/06, 11:06] Hasan Bhiya: Ye to bahut galat baat hai
[12/06, 11:09] Up Sahitya: कृपया ऐसी भाषा और ऐसे शब्दों को प्रयोग करने वाले लोगों को साहित्य एक नज़र की साईड से अलग करना शायद एक अच्छा विकल्प होगा। अनुशासन एवं मर्यादित रहकर ही कुछ किया जा सकता है। परम् आदरणीय प्रमोद जी मार्ग में अवरोध आते ही रहते हैं इन अवरोधों से बच के बचा के निरंतर सफ़र ज़ारी रखें , मंजिल खुद बा खुद क़दम चुमेगी । हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाओं के साथ धन्यवाद।
रामकरण साहू -सजल" बबेरू (बाँदा) उ०प्र
[12/06, 11:09] +91 : 🙏👍👌🙏
[12/06, 11:10] +91 12: Konse pramod. Namdev ya thakur
[12/06, 11:10] Hasan Bhiya: Raushan bhai ruk jae kyo n is group ko dusre name me convert kr diya jae jiska uddeshy sir rachna ho
[12/06, 11:11] Hasan Bhiya: 🙏🏻
[12/06, 11:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: एनसीसी में हम यही सीखें है गलती की सजा सभी को मिलना चाहिए ।
[12/06, 11:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद आ. हसन जी 🙏💐
[12/06, 11:21] साहित्य राज: जय हो, अनुज रोशन, सफाई अभियान चला रहे हैं।
😀🙏😀
[12/06, 11:22] साहित्य राज: यदि असुविधा हो तो मुझे भी मुक्त कर सकते हैं। मैं बोल नहीं सका पर मुझे बड़ी असुविधा होती है, संगमेतर समूहों में कार्य करने में। क्योंकि लोग दो चार महीने के लिए ही जोश में आते हैं।
😀🙏😀
[12/06, 11:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: जोश वहीं है अंदाज अलग है , गुरु जी
[12/06, 11:25] साहित्य राज: 👍👍🙏
[12/06, 11:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: अब हम भी रिमूव हो रहें है

साहित्य राज - आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
11:11 में हसन भईया को बोले तब रिमूव करने लगे  ।
Hasan bhiya
https://youtu.be/XKBxyDMStGg

_____________
अंक - 34 - 36

नमन :- माँ सरस्वती
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो :- 6290640716

रचनाएं व साहित्य समाचार आमंत्रित -

अंक - 34 से 36 तक के लिए आमंत्रित

दिनांक - 13/06/2021 से 15/06/2021 के लिए
दिवस :- रविवार से मंगलवार
इसी पोस्ट में अपनी नाम के साथ एक रचना और फोटो प्रेषित करें ।

यहां पर आयी हुई रचनाएं में से कुछ रचनाएं को अंक - 34 तो कुछ रचनाएं को अंक 35 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 36 में शामिल किया जाएगा ।

सादर निवेदन 🙏💐
# एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

# जब तक आपकी पहली रचना प्रकाशित नहीं होती तब तक आप दूसरी रचना न भेजें ।

# ये आपका अपना पत्रिका है , जब चाहें तब आप प्रकाशित अपनी रचना या आपको किसी को जन्मदिन की बधाई देनी है तो वह शुभ संदेश प्रकाशित करवा सकते है ।

# फेसबुक के इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में ही रचना भेजें ।

# साहित्य एक नज़र में प्रकाशित हुई रचना फिर से प्रकाशित के लिए न भेजें , बिना नाम , फोटो के रचना न भेजें , जब तक एक रचना प्रकाशित नहीं होती है तब तक दूसरी रचना न भेजें , यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करता है तो उनकी एक भी रचना को प्रकाशित नहीं किया जायेगा ।

समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 34 से 36 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/307342511028532/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 31 से 34
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

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अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html
12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html

अंक - 30
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/30-09062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2022-09052021-30.html

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

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अंक - 34
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/34-13062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2026-34-13062021.html

अंक - 35

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/35-14062021.html

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अंक - 36

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http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2028-15062021-36.html



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रोशन कुमार झा

अंक - 33

https://online.fliphtml5.com/axiwx/ltkj/

अंक - 32

https://online.fliphtml5.com/axiwx/dxqp/

अंक - 2
https://online.fliphtml5.com/axiwx/gtkd/

साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/eU4HjQ2XvZQ

अंक - 33
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12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 33

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

अंक - 33
12 जून  2021

शनिवार
ज्येष्ठ शुक्ल 02 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र -  7 - 8
कुल पृष्ठ -  9

मो - 6290640716


🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆

72. आ. रानी साह जी
73. आ. शिवशंकर लोध राजपूत जी (दिल्ली)


साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 33
Sahitya Ek Nazar
12 June 2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

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आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा

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अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
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कविता :- 20(23)
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अंक - 32
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, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

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कविता :- 20(24)

अंक - 33
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12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

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सम्मान पत्र - 1 - 72

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1.

अंक - 1
2.

परिचय -
✍️ रामकरण साहू"सजल"ग्राम-बबेरू
जनपद - बाँदा , उत्तर प्रदेश , भारत
शिक्षा- परास्नातक
प्रशिक्षण- बी टी सी, बी एड, एल एल बी
संप्रति- अध्यापन बेसिक शिक्षा
सम्पर्क सूत्र-  8004239966

श्री रामकरण साहू " सजल " जी

श्री रामकरण साहू "सजल" जी का कविता संग्रह "शबनम की बूँदें " समीक्षा -

आज मेरी कलम रूक नहीं रही  शब्दों और अल्फ़ाज़ों का एक दरिया बह निकला है। मैं उनकी तारीफ में क्या लिखूँ। सोचता हूँ आपके निहायत मुख़्तसर से साहित्यिक सफर के कुछ रंग पेश करू इनकी एक रचना जो इस "शबनम की बूँदें" कविता संग्रह में है। और मुझें बहुत पसंद आयी सो मुलाहिज़ा फरमाइये।

"गौरैया मुझसे,
करना चाहती थी बात।
किन्तू वह करे क्या,
गिरवी थी उसकी ज़ुबान।

एक सफल कविता के कुछ आयाम होते है। कविता के सृजन में सबसे पहले विष्यवस्तू, भाव और व्याकरण की गुणवक्ता ये कविता की सर्वग्रहिता का कारण होते है।कहते है कवि समन्दर से मोती निकल लाते हैं। लेकिन सजल साहब समन्दर से नहीं दिल के एक-एक भाव को अपनी कविता में रख देते हैं।  श्री रामकरण साहू "सजल"जी आज समाज में फैले तिमिर को चीरते अपनी कलम से चिराग़-ए-रोशन कर रहें हैं। इस संग्रह में भी आपने हमारें गाँव की रिवायतों और तहज़ीब को बरकरार रखा हैं।कल्पना के अथाह सागर में गोते लगते इस संग्रह के एक - एक विषय को ऐसे चुना है जैसे समन्दर से सीपियाँ और ज्येष्ठ माह में जुगनू आप साहित्य के ऐसे नुमाइंदे है ऐसा लगता है ऐसा लगता है जैसे आपका हर उस विषय से ताल्लुक़ है जो साहित्यकार सोच भी नहीं पाते ऐसे ही विषयों का सृजन है आपका कविता संग्रह "शबनम की बूँदें" ।

       समीक्षक
✍️ आ. प्रमोद ठाकुर जी
9753877785
3.

बैठे थे आज सुकून से,
जिंदगी के पुस्तकालय में,
पढ़ रही थी जिंदगी की,
कुछ पुरानी किताबें,
हाथ लगी फिर वह
अधूरी किताब,
जिसमें तुम थी और मैं था,
और थी मेरी अधूरी रचना,
तेरे लिए लिखी शायरियों
के हर हर्फ में,
आज भी तेरा नूर बसा है,
आज भी कातिब तेरे
इंतजार में बैठा है,
लिपिबद्ध करके तुम्हे,
तुम्हारा लिपिकार
बनना चाहता था,
स्याही के सागर से,
एहसासों की गागर
को भरना चाहता था,
छंदबद्ध करके अपने प्रेम को,
अलंकृत करना चाहता था,
सींचकर कलम जज्बातों
की स्याही से,
लेख पत्र को मोतियों से
सजाना चाहता था,
उपसर्ग बनकर ,प्रत्यय बनाकर,
एक नाम बनाना चाहता था,
अब तो बस धुंधली यादें रह गई,
तू मेरी अधूरी रचना रह गई।

-- ✍️ इं. निशांत सक्सेना "आहान"...

4.

"मेरे बच्चे"

मेरे बच्चे, बड़े प्यारे।
नए हैं पुष्प, उपवन के।
मेरी आंखों, के हैं तारे।
सभी खुशियां, मेरे मन के।
उन्हें जब, देखता हूं मैं।
लहर खुशियों, की आती है।
दिलाती याद, बचपन की।
नए सपने, दिखाती है।
मुझे मालूम है,
एक दिन। तरु के फूल,
बन कर ये। खिलेंगे, जग के!
आंगन में। करेंगे, नाम रौशन ये।
भगत,आजाद, बन कर के।
बनेंगे, ये कभी नेहरू।
शरण!बापू के, आ कर के।
बनेंगे दूत, शांति के।
सभी को, साथ! ला कर के।
करेंगे दूर, हर दुख को।
सभी खुशियां, दिला कर के।
बहुत मजबूर, हैं देखो।
तभी मजदूर, बन बैठे।
चलो इनको, संभाले हम।
बनेंगे भाग्य, भारत के।
मुझे महसूस, होता है।
ये बच्चे, मन के! सच्चे हैं।
धरा पर, स्वर्ग ला देंगे।
सभी को, एक करके ये।
नया, संगीत गाएंगे।
सभी जन, एक हो जाएं।
सभी जन, नेक हो जाएं।
इसे सब, मिलके गाएंगे।
सभी खुशियां, मनाएंगे।
धरा पर, स्वर्ग लाएंगे।।

       ✍️ केशव कुमार मिश्रा
  सिंगिया गोठ, बिस्फी
मधुबनी, बिहार।
अधिवक्ता व्यवहार
न्यायालय, दरभंगा।

6.
        तुम आना मेघ

उमड़-घुमड़ तुम आना मेघ।
सहज,सरल तुम छाना मेघ ।
प्रीत का अमृत ,तुम वरसाना मेघ ।
प्यास धरा की ,तुम वुझाना मेघ ।
उमडध-घुमड तुम आना मेघ।
हरी चुनरिया तुम धरा
को पहनाना मेघ।
पीह की आस पूरी कर जाना मेघ।
आना -आकर ठहर जाना मेघ,
नव अंकुरित वीजों को,
वृक्ष वनते देख जा ना मेघ ।
उमड़-घुमड़ तुम आना मेघ।
सूखे र्निझरों में,फिर
से नीर वहाना मेघ।
भूमि पुत्रों के मुख की
प्रफुल्लता देख,
तुम भी प्रफुल्लित
हो जाना मेघ ।
उमड़-घुमड़ तुम आना मेघ ।
श्रृंगारित  धरा को तुम,
इठलाते देख जाना मेघ।
धानी चुनर ओढ ,मह
महकते अतर छिडके,
खेंतों को लह लहलाते
तुम देख जाना मेघ।
गिरी र्पवत भी सज
सभंर के तालावों मे।
अपना प्रतिविम्ब निहार रहा,
आना और आकर निहारते,
गिरी को तुम देख जाना मेघ।
कलरब करते खग कुल को
शुभ नीलाकाश मैं                 
सुछन्द उड़ते तुम देख जाना मेघ।
उमड घुमड कर तुम
मल्हार सुनाना मेघ
तुम आना ,आकर कुछ ठहर जाना मेघ।
उमड घुमड तुम आना मेघ ।
                 
✍️  यू.एस.बरी✍
   लश्कर, ग्वालियर, म.प्र.
  Udaykushwah037@gmail.com

7.
पहले माँ-बाप पर,
न फीस का बोझ था ।
न दिखावे के अहंकार,
न पेरेंट्स मीटिंग का ख़ौफ़,
वर्षो मास्टरजी से ,
न मिलना होता था।
वो साईकल से स्कूल जाना,
एक दोस्त को डंडे,
दूसरे को पीछे
कैरियर पर बिठाना,
मुझे याद है,
पिटाई हमारी दैनिक
दिनचर्या थी,
वो मास्टर साहब
का मुर्गा बनाना,
हाथ खुलवाकर चार
- चार बैंत लगाना,
जब पिटने के बारी आना ,
पेशाब का वो बहाना बनाना ,
मुझे याद है।
दोस्तों से आधी छुट्टी
में झगड़ जाना
गुथम-गुत्था हो जाना
बराबर से एक दूसरे को
लात-घूसों से मारना
जब तक बराबर न हो
झगड़ते रहना।
पीटने और पटने
बाला दोनों खुश
फिर पूरी छुट्टी में
एक हो जाना
मुझें याद है।

✍️ प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर , मध्यप्रदेश
9753877785

8.
✍️देखा नहीं जाता -

ऐसा बचपन देखा नहीं जाता,
रोता-बिलखता व सिसकता,
मेले-कुचले अधनंगे कपड़ों में,
बचपन जीत वो अभावों में,
सड़क किनारें फुटपाथ पर,
गुजर-बसर करता हुआ,
कोई दुध को तरसता,
कोई भूख को तरसता,
कोई माँ के आँचल
को तरसता,
ऐसा बचपन देखा
नहीं जाता,
शिक्षा पाने की उम्र में,
स्कूलों में जाने की बजाय,
घर-खेत और फैक्ट्रियों में,
वो करता हैं मज़दूरियाँ,
बचपन बना बाल
बधुआ मजदूर,
पीढ़ी दर पीढ़ी
यूहीं सह रहा हैं,
अपने अनुभवों में जी रहा हैं,
वो अपने आक्रोश को पी रहा हैं,
तभी तो मासूम बन रहें हैं
बाल अपराधी,
ऐसा मंज़र देखा नहीं जाता,
अभावों में जीता हुआ ,
ऐसा बचपन देखा नहीं जाता !!
   
✍️चेतन दास वैष्णव
   गामड़ी नारायण
   बाँसवाड़ा , राजस्थान

9.
शीर्षक  -

बेरोज़गारी

हाय  रे  बेरोजगारी !  तुमने
क्या  ख़ूब  खेल दिखाया  है ,
लोगों  को  क्या 
ख़ूब  सताया  है
और  हम  सभी  को 
कितना  तड़पाया  है ।
तुम्हारे  तड़पाने  से  न 
जाने  कितने  घर  ,
आबाद  से  बर्बाद  हो  गये ,
न  जाने  कितने  लोग
असहाय  हो  गये ।
शायद  तुम्हें  पता  नहीं -
तूने  ही  ग़रीबी 
को  जन्म  दिया ,
तूने  ही  विश्वास  के  अटूट
संबंधों  को  खत्म  किया ,
तूने  ही  पूरी  दुनिया  से
अलग  किया ।
शायद  तुम्हें  पता  नहीं -
तुमने  अनजाने  में 
कितनी  बड़ी  भूल  की ,
इस  हंसता - खेलता 
प्रकाश  को
तुमने  कितना  रूलाया
और  सभी  से  कितना 
जुदा  किया ।

  ✍️   प्रकाश  राय
सारंगपुर ( डाकघर )
भाया - पी. हलई
जिला - समस्तीपुर
राज्य - बिहार , 848505
मोबाइल नंबर - 9709388629

10.
अंक 33 हेतु
राही...

चलते रहो राही चढ़ते रहो,
चढ़ते रहो राही बढ़ते रहो।
विराम का कभी नाम न लो,
न ही विश्राम का काम करो।
तुम्हारे स्वतंत्र आचार -विचार हों,
स्वच्छंद हो तुम विचरण करने को,
हों तुम्हारे मन की भावनाऐं स्वतंत्र,
फलने-फूलने दो इनको तुम सर्वत्र।
बन स्वैच्छिक तुम चलते रहो,
हर शूल पर तुम चढ़ते रहो,
यदि लड़खड़ा भी गए तो,
तत्काल स्वयं को थाम लो।
चलते रहो सदैव कंटकों की राह,
नौका हो उद्देश्य के मंझधार पर।
बढ़ गए जो लौटना भी व्यर्थ है,
राह भले पग गमन को असमर्थ है।
प्रगति के लिए बढ़े चरण को न रोकना,
स्वैच्छिक हो स्वयं के लिए भी सोचना।
स्वयं की इच्छा पर स्वयं का है नियंत्रण,
होगा विश्वास स्वयं पर दृढ़ होगा मन।

✍️ प्रेम लता कोहली

11.

मैथिली कविता -

रै मोन! किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ
ककरो साथ नय लिखल
तोहर तकदीरमेँ
ई नगरी फ़रेबक राजधानी छै
एतय कुनो भिन्नता नहि
एकटा चोर आर फकीर मेँ
रै मोन !किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ
विश्वासक सोंनित सँ
हरिएल संबंधक गाछी छै
टाकाक दुर्गंध आबैत
सबहक जमीर मेँ
रै मोन!किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ
उठ! चलि दे अपन
मंजिलक दिश
परहि नहि ककरो
गपक फेर में
काल्हि तोहर फोटो लगेथुन
फेर इहे अपन घरक मंदिर मेँ
रै मोन!किएक कनैत छेंह
तोँ दुनियाँक भीड़ मेँ।

✍️ प्रवीण झा
विश्व बालश्रम निषेध दिवस

12.
नमन 🙏 :-
साहित्य एक नज़र 🌅

मैं हार नहीं माना है ,
ये बात मैं अपने
आप से जाना है ।
जहाँ से गुजरता हूँ ,
वहाँ फिर से
नहीं आना है ।
ये बात अपने
दिमाग़ और
दिल से सही ठाना है ।।
पीछे नहीं आगे
बढ़ते जाना है ,
अभी की साहित्य
सेवा करने से अच्छा
है , कबीर , तुलसी
, सूर की साहित्य
को दोहराना है ।
पढ़कर वहां से बेहतर
ज्ञान पाना है ,
तो समझ जाओं मैं
हार नहीं माना है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शनिवार , 12/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(25)
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 33
Sahitya Ek Nazar
12 June 2021 ,   Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

13.
* मिट्टी -

जिसके गोद
में खेले हम,
फले फुले और
बड़े हुए हैं,
इसकी ही ऊंगली
पकड़ पकड़ कर,
अपने पैरों पर
खड़े हुए हैं।
इसने हमको
परिपूर्णता दी,
इसने हमको
है पाला,
इसके अन्दर
है प्रेम ही प्रेम,
इसके अंदर
है ज्वाला।
विपदा मे भी
मुसकाती है ये,
सहनशीलता
से ये बनी हुई,
अपने संतानो
की बली देखी है,
शहीदों के खून
से रंगी हुई।
  इसकी खुशबू
मे जाने क्यूँ,
ऐसी अद्भुत
शक्ति है,
धरती माँ का
संदेश लिए,
ये शांतिकारिणी
मिट्टी है।
          
✍️ आराधना प्रियदर्शिनी
बेंगलुरु , कर्नाटक
        

14.

कविता -
विनाशक लहर

विनाश की ये'
कैसी उठी है लहर ।
ढा रही जो
सारे जहाँ में कहर।।
मौत का तांडव'
कर रही ऐसा।
जिसकी जद में हैं'
हर गाँव शहर।।
दूषित हो चली,
आबो हवा यहाँ की।
घर से निकल कर,
क्यों पीते हो जहर'।।
रुक गया कारवां,
सूनी हो रही महफ़िलें।
मानव जीवन लगता,
गया है ठहर।।
कब किसे ये'
बना ले अपना निवाला।
रहो अब घरों में'
आठों पहर।।
तुझको 'कोरोना'
अब जाना ही पड़ेगा।।
सज गई,हर लब पे,
इक यही बहर।।

✍शायर देव मेहरानियां
      अलवर 'राजस्थान
  (शायर,कवि व गीतकार)
7891640945
slmehraniya@gmail.com

_

15.
विषय- पंचतत्व

पंचतत्व से निर्मित जीवन
विलीन हो पंचतत्व में
सर्वशक्तिमान है तू
तू ही हर एक जीवन में।।
यह पंच तत्वों से बना
भौतिक शरीर
पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु,
आकाश रचना प्रकृति
की करते हैं
इन्हें हम पंचतत्व कहते हैं।।
पंच तत्वों से निर्मित
शरीर रूपी मकान
जिससे हैं अपने होने का
अनुमान मानो तो
यह तुम्हारी काया
वरना पहेली एक अनजान।।
पृथ्वी कर रही करो पुकार
जल से हो रहा भू कटाव
अग्नि तत्व से मानव है
थर्राया शुद्ध वायु न मिलने
से मानव पर कहर है ढाया
नील गगन पर मानव
ने नेटवर्क जाल फैलाया।।
कृपा प्रभु की जानिए
कर करवद्ध प्रंणाम
पंचतत्व की महत्ता जानिए
करिए नित सत्काम।।

   ✍️ सुनीता बाहेती
   जोरहाट, असम

16.

जन्मदिन की बहुत-बहुत
बधाइयां मम्मी जी, अपने
सारे KA टीम की तरफ से
मैं आपको बहुत-बहुत
बधाइयां देता हूँ।।

🎂💐🙏🎁🎂🎈🎉
संस्थापक
सागर गुडमेवार

Roshan Kumar Jha
Sir yai aaj ki ank mi dali plz
17.
पेशे खिदमत एक ग़ज़ल

मुकम्मल तुम करो तकदीर अपनी यह बताना है ,  
कई कुछ खिलखिलाते शेष रोता यह ज़माना है ।
बरसते फूल उनकी जुबां  से सूरत सलोनी वाह ,
गुलों का बरसना यह मान लो केवल फंसाना है ।
तुम्हें यह जुदा दिखते जुदा लगते जुदा लगनें दो ,
फोड़कर आँख चश्मा बाँटता यह वह घराना है ।
कहाँ रोटी  निवाला ढूँढ़ना  यह आम बातें क्यों ,
टूटती  आश पर  हमको बनाना  आशियाना है ।
छवाना छप्परों का छोड़ दो अपने अगर रहना ,
हबेली कलंक की कोई  खड़ी उसको ढहाना है ।
"सजल"की आरज़ू पे गौर फरमाओ हुनर वालो ,
बढ़ाओ वेग  धारा का  तिलांजलि दे बहाना है ।

✍️ रामकरण साहू "सजल"
बबेरू (बाँदा) उ०प्र०
प्रकाशन हेतु धन्यवाद

18.

माँ सरस्वती को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏

कुछ सूचनाएं :-

साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता से निकलने वाली दैनिक पत्रिका है , जिसका शुभारंभ 11 मई 2021 , मंगलवार को हुआ रहा । आ. प्रमोद ठाकुर जी हमें फेसबुक पर 12 मई को रचना भेजें , उसके बाद उन्होंने जी जान लगाकर सहयोग किए ,
पर स्थिति को देखते हुए विवश होकर हम ये सूचना आप सभी के समक्ष रखते है -

1. साहित्य एक नज़र , 1 जून से समीक्षा स्तम्भ का आरंभ किया गया , रचना समीक्षा के लिए 30 रुपए और पुस्तक समीक्षा के लिए 100 रूपए तीन दिन तक प्रचार , तो क्या हमारा और आ. प्रमोद ठाकुर जी का इन्हीं पैसों से जीवन चल रहा है , कुछ दिनों से बाहरी स्थिति को देखकर मन कर रहा है पत्रिका पर काम ही करना छोड़ दूँ , तो आप सभी सम्मानित साहित्यकारों व समीक्षक आ. प्रमोद ठाकुर जी से निवेदन करता हूँ कि समीक्षा स्तम्भ से अब साहित्य एक नज़र को कोई लेना-देना नहीं है , यदि आपको समीक्षा करवानी है तो आप आदरणीय प्रमोद ठाकुर जी से सम्पर्क करें , 13/06/2021 को साहित्य एक नज़र द्वारा पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र श्री रामकरण साहू जी को प्रदान किया जाएगा उसके बाद से साहित्य एक नज़र किसी को समीक्षा सम्मान पत्र नहीं दें सकतें ।। यदि आ. प्रमोद ठाकुर जी या कोई भी किसी की समीक्षा प्रकाशित करवाना चाहते है तो वे कामेंट बाक्स में ही भेजें इसके लिए साहित्य एक नज़र आप से कोई शुल्क नहीं लेंगे और नहीं समीक्षा वाली सम्मान पत्र देंगे ।

2. हम मेहनत कर सकते है पर बदनामी नहीं सह सकते इसलिए आ. प्रमोद ठाकुर जी से आग्रह करता हूँ कि आप साहित्य एक नज़र द्वारा जो काव्य सरिता काव्य संग्रह प्रकाशित करने जा रहें हैं , कृपया करके आप साहित्य एक नज़र पत्रिका संभालिए या उस काव्य संग्रह से साहित्य एक नज़र का लॉगो हटा दीजिए । लोगों को लग रहा है साहित्य एक नज़र लूट रहा है ।

3. हम जो भी कार्य आरंभ करता हूँ उसे अंत तक निभाता हूँ , साहित्य एक नज़र पत्रिका के आरंभ के बाद से कुछ लोगों को जलन होने लगे है , इसलिए मैं कई मंचों से पद से मुक्त हो चुका हूँ और कई मंच से विदा लेकर साहित्य एक नज़र में योगदान करूंगा , आप सभी सम्मानित साहित्यकार जो तीन दिन पर रचना देते रहें वह अब एक सप्ताह पर लिया जायेगा वह भी फेसबुक के कामेंट बाक्स में , पटल पर बिल्कुल रचना न भेजें ,एक पोस्टर में एक से अधिक रचना भेजने वाले साहित्यकारों को सीधा फेसबुक से भी विदा कर दिया जायेगा ।।

आप रचनाओं से सहयोग करें या न करें साहित्य एक नज़र रूकने वाली अब नहीं है , हर दिन मैं न जाने कितने छात्र- छात्राओं को फोन पर पढ़ाता हूं यदि हम उनका पढ़ाया हुआ ही लिखकर प्रकाशित करूँ तो अच्छा मेरे लिए भी होगा और उन तमाम छात्र - छात्राओं के लिए भी ।

इसके अलावा मैं खुद कलकत्ता विश्वविद्यालय के सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से हिन्दी आनर्स तृतीय वर्ष का छात्र हूँ यदि हम अपना ही सिलेब्स का पढ़कर उन रचनाकारों के बारे में कुछ लिखकर प्रकाशित करूँ तो मेरे लिए भी अच्छा है और छात्र - छात्राओं के लिए भी । एनसीसी कैडेट्स , एनएसएस स्वंयसेवक , भारत स्काउट गाइड , सेंट जॉन ऐम्बूलेंस के सदस्य होने के नाते यदि हम वही सब के विषय में प्रकाशित करूं तो साहित्य एक नज़र की लोकप्रियता बढ़ सकती है ।

4. 15 जून को जो नियुक्त करने वाले रहें साहित्य एक नज़र सहयोगी को , उन सहयोगी का आवश्यकता नहीं है जो सदस्य में रहकर भी नियम का पालन नहीं कर सकते तो वे सहयोगी बनकर क्या करेंगे ।

5. ज़्यादा नजदीकियां अच्छी नहीं होती आज से आपको पत्रिका का पीडीएफ फाइल नहीं मिलेंगे , क्योंकि साहित्य एक नज़र अपना व्हाट्सएप ग्रुप बंद कर रहा है , अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को रिमूव किया जा रहा है क्योंकि

कुछ सदस्य पहले फेसबुक पर कामेंट बाक्स में रचना भेजते थे वे भी अब पर्सनली भेजने लगे है तो मैं भी उस डिग्री का हूँ जिसका वे अनुमान नहीं लगा सकते । मैं भी उनकी रचना को देखा तक नहीं अतः आप सभी सम्मानित साहित्यकार है , पर्सनली रचना भेजकर अपनी अपमानित न करवाएं ।

6. धामपुर उत्तर प्रदेश के अभिव्यक्ति पत्रिका के संपादक आ.  डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' गुरु जी को कोटि-कोटि धन्यवाद , सब नियम मानकर रचना से सहयोग किए हैं , कहीं न बिना मतलब के वे अपनी रचनाओं में स्पेस दिए है , हर एक अंक में उन्होंने अपनी सार्थक टिप्पणी से मेरे अंदर ऊर्जा प्रदान किए , एक संपादक दूसरे संपादक को बहुत कम ही सहयोग करते हैं , सच में साहित्य जगत में आप जैसे साहित्यकारों का होना अतिआवश्यक है ।

7. साहित्य एक नज़र 🌅 दैनिक पत्रिका होने के नाते हम आपके पोस्ट को प्रचार प्रसार कर सकते है , आप साहित्यकारों को लूटों , पुरस्कृत करों ये आपके हाथों में है ।

8. आप सभी को व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर रहा हूं , यदि आपको फेसबुक से भी हटना है तो हट सकते है । क्योंकि साहित्य एक नज़र दूर के सफर में निकलें है , और दूर तक ले जाना हमारा लक्ष्य है ।

आपका अपना
सेवक
रोशन कुमार झा
12/06/2021
शनिवार


अंक - 34 - 36

नमन :- माँ सरस्वती
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो :- 6290640716

रचनाएं व साहित्य समाचार आमंत्रित -

अंक - 34 से 36 तक के लिए आमंत्रित

दिनांक - 13/06/2021 से 15/06/2021 के लिए
दिवस :- रविवार से मंगलवार
इसी पोस्ट में अपनी नाम के साथ एक रचना और फोटो प्रेषित करें ।

यहां पर आयी हुई रचनाएं में से कुछ रचनाएं को अंक - 34 तो कुछ रचनाएं को अंक 35 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 36 में शामिल किया जाएगा ।

सादर निवेदन 🙏💐
# एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

# जब तक आपकी पहली रचना प्रकाशित नहीं होती तब तक आप दूसरी रचना न भेजें ।

# ये आपका अपना पत्रिका है , जब चाहें तब आप प्रकाशित अपनी रचना या आपको किसी को जन्मदिन की बधाई देनी है तो वह शुभ संदेश प्रकाशित करवा सकते है ।

# फेसबुक के इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में ही रचना भेजें ।

# साहित्य एक नज़र में प्रकाशित हुई रचना फिर से प्रकाशित के लिए न भेजें , बिना नाम , फोटो के रचना न भेजें , जब तक एक रचना प्रकाशित नहीं होती है तब तक दूसरी रचना न भेजें , यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करता है तो उनकी एक भी रचना को प्रकाशित नहीं किया जायेगा ।

समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 34 से 36 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/307342511028532/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 31 से 34
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

_____________________

अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html
12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html

अंक - 30
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/30-09062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2022-09052021-30.html

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

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अंक - 34
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/34-13062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2026-34-13062021.html

अंक - 35

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/35-14062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2027-14062021-35.html

अंक - 36

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/36-15062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2028-15062021-36.html

रोशन कुमार झा



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