कविता :- 20(22) , बुधवार , 09/05/2021 , अंक - 30, आदर्श पिता वाला किताब आया, साहित्य संगम संस्थान यूट्यूब 10 वीडियो

साहित्य एक नज़र 🌅

कविता :- 20(22)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

कुछ भी लिखों
मन की बात लिखों ,
हिम्मत के साथ लिखों ।।
दो और छ: ?
होता है आठ
तो आठ लिखों ,
सीखना है छोटा बड़ा
सबसे सीखों ,

सीखकर नव निर्माण करों ,
सबका सम्मान करों ।
कुछ करों या न करों
पर अर्जित ज्ञान करों ,
रात के बाद ही दिन होती
तो दिन का ध्यान करों ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
बुधवार , 09/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(22)
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 30
Sahitya Ek Nazar
9 June 2021 ,   Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

पंडित जी गांव से आये मीरपाड़ा कोमल पापा ,
13:32 फोन आया आदर्श पिता वाला किताब के लिए
आशीर्वाद भवन पास गये

Roshan Kumar Jha
Address - 77/R , Mirpara Road Ashirbad Bhawan Liluah Howrah West Bengal - 711203
Mob - 6290640716

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[09/06, 06:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात सर जी 🙏💐
[09/06, 09:12] प्रमोद ठाकुर: ,🌷🌷🌷🌷🌷🌷🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
[09/06, 09:14] प्रमोद ठाकुर: इंकलाब प्रकाशन नेअपना देख कर बो भी अंतराष्ट्रीय काव्य संग्रह निकल रहे है।
[09/06, 09:15] प्रमोद ठाकुर: उनकी ई बुक है अपनी ईबुक एवं पेपर बुक दोनों है।
[09/06, 09:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: ओहहह
[09/06, 09:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 09:34] प्रमोद ठाकुर: सूंदर लाल मेहरानियाँ जी
[09/06, 09:35] प्रमोद ठाकुर: कल की पत्रिका में प्रकाशित करेंगे
[09/06, 09:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 09:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है सर जी
[09/06, 09:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप अपनी रचना भेजिए
[09/06, 09:35] प्रमोद ठाकुर: जी भजता हूँ
[09/06, 09:39] प्रमोद ठाकुर: ये कैसी चीख पुकार है
ये कैसी चीख पुकार है।
दुनिया में महामारी ने
मचाई हाहाकार है।

घरों में कैद हो गयी,
देखों ये ज़िन्दगानियाँ।
कभी सड़कों पे गूंजती थी,
बच्चों की वो किलकारियाँ।
चारों तरफ फैली, मातम की वो फुहार है।

ये कैसी चीख----------

रोजी रोटी छिन गयी,
देखों सड़क पे आ गये।
कुछ घर पहुँच गये,
कुछ काल में समा गये।
मिल जाये बस उनका हक जिसके वो हकदार है।

ये कैसी चीख------------

घर के रोशनदानों से,
झांकती वो शांतियाँ।
सड़को पे देखो फैली है,
चारों तरफ वीरानियाँ।
चारों तरफ फैला, कैसा ये अंधकार है।

ये कैसी चीख------------

स्वरचित
प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर
[09/06, 09:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐
[09/06, 09:39] प्रमोद ठाकुर: देख लेना ये प्रकाशित तो नहीं हुई
[09/06, 09:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: नहीं हुई है ।
[09/06, 09:42] प्रमोद ठाकुर: जी ठीक है
[09/06, 09:43] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐
[09/06, 09:44] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार फोटो सर जी 🙏💐
[09/06, 10:42] प्रमोद ठाकुर: कवर कैसा है
[09/06, 10:44] प्रमोद ठाकुर: क्या इसे ग्रुप में डाल दे
[09/06, 10:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: वाहहह सुंदर
[09/06, 10:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार कवर पेज
[09/06, 10:48] प्रमोद ठाकुर: अभी नियम व शर्ते नहीं डालेंगे पहले लोगो की उत्सुकता बड़ने दो
[09/06, 10:48] प्रमोद ठाकुर: जी धन्यवाद
[09/06, 10:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी स्वागतम् 🙏💐
[09/06, 10:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 10:54] प्रमोद ठाकुर: आज न्यूज़ में लगा देना
[09/06, 10:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 12:30] प्रमोद ठाकुर: स्वयंसेवी सदस्यों का कुछ इस तरह का कार्ड डिजाइन की जीये
[09/06, 12:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 12:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: सब करेंगे ।
[09/06, 12:55] प्रमोद ठाकुर: क्या नाराज़ हो गये
[09/06, 13:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: नहीं सर जी 🙏
[09/06, 13:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: बोले हम लोग सब करेंगे
[09/06, 13:12] प्रमोद ठाकुर: जी धनयवाद
[09/06, 13:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: अभी सम्मान पत्र वाले का झमेला  हटाने दीजिए
[09/06, 13:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: सुरेश जी को सम्मान पत्र नहीं मिला तो रचना देना ही बंद कर दिए
[09/06, 13:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: पता न सम्मान पत्र में क्या रखा है
[09/06, 13:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: सम्मान पत्र वाला कामेंट बाक्स देखिएगा एक बार
[09/06, 13:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: इसलिए कल 10 को सम्मानित किए
[09/06, 13:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: आपका सहयोग के लिए धन्यवाद
[09/06, 13:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: सब मिलाकर चलना होगा सर जी 🙏💐
[09/06, 13:14] प्रमोद ठाकुर: आराम से ये तो 15 जून के बाद का काम है
[09/06, 13:14] प्रमोद ठाकुर: जी विल्कुल
[09/06, 13:14] प्रमोद ठाकुर: जी विल्कुल
[09/06, 13:15] प्रमोद ठाकुर: आज समीक्षा के लिए एक किताब और आ गयी है।
[09/06, 13:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 13:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं , जय जय हो
[09/06, 14:07] प्रमोद ठाकुर: सूंदर लाल मेहरानियाँ अलबर की भी रचना समीक्षा  आयी है
[09/06, 14:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 21:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: कल के लिए 🙏
[09/06, 21:37] प्रमोद ठाकुर: फ़ोटो के नीचे केवल नाम, पता एवं मोबाइल नम्बर देना है।
[09/06, 21:37] प्रमोद ठाकुर: जी
[09/06, 21:46] प्रमोद ठाकुर: श्री रामकरण साहू "सजल"जी का अद्भुत  कविता संग्रह "चाँद दागी हो गया" ज़रूर पढ़े एक अलग अनुभूति का एहसास होगा।
पुस्तक उपलब्ध-

1. सरोकार प्रकाशन
30, अभिनव काकड़ा मार्केट
आयोध्या बायपास, भोपाल(मध्यप्रदेश) 462041
दूरभाष- 9993974799

2. श्री रामकरण साहू "सजल"
कमासिन रोड़ , नील कंठ पेट्रोल
पम्प के पास, ग्राम-पोस्ट बबेरू
जनपद बाँदा (उत्तर प्रदेश) 210121
दूरभाष- 8004239966
[09/06, 21:47] प्रमोद ठाकुर: अभी सूंदर लाल मेहरानियाँ जी की भी भेज रहा हूँ
[09/06, 21:49] प्रमोद ठाकुर: जीवन परिचय

नाम-सुन्दर लाल मेहरानियाँ 'देव'
साहित्यिक नाम_'देव'
पिता का नाम-श्री हरिराम मेहरानियाँ
स्थायी पता- ग्राम-नांगलसिया ,पोस्ट-अजरका तह. मुण्डावर , जिला-अलवर, राज्य-राजस्थान
फोन न०-7891640945
E- mai--slmehraniya@gmail.com
जन्म स्थान-नांगलसिया,अलवर राजस्थान।
जन्मतिथि-20.01.1980
व्यवसाय-अध्यापक
शिक्षा _ स्नात्कोत्तर( हिन्दी साहित्य)

      साहित्यिक उपलब्धियाँ
1.कवि सम्मेलन,मुशायरों व काव्य गोष्ठियों में शिरकत
2.देश विदेश के समाचर पत्रों व पत्रिकाओं में रचानाओं का प्रकाशन
3.अनेकों साझा काव्य संग्रह प्रकाशित
4.विभिन्न पंजीकृत मंचों से साहित्यिक सम्मान पत्र प्राप्त
[09/06, 21:53] प्रमोद ठाकुर: गीत - "या धरती राजस्थान  री"

या धरती राजस्थान री,
करता इसपे अभिमान री।
लगे स्वर्ग सी सुन्दर ये,
न्योछावर कर दूँ जान री।।
या धरती राजस्थान री,
करता इसपे अभिमान री।

पन्ना का कलेजा फट जाये,
बैरी की खड़ग जब चल जाये।
बेट का लहू फिर बह जाये,
लग जाये-बाज़ी जान री।।
या धरती राजस्थान री,
करता इसपे अभिमान री।

एक नार हुई क्षत्राणी थी,
सिर काट के दी सेनाणी थी।
चुन्डा की जान बचाणी थी,
प्रिय की बच जाये जान री।
या धरती राजस्थान री,
करता इसपे अभिमान री।।

पद्यमिनी की अजब कहाणी थी,
खिलजी की नीत डिगाणी थी।
जौहर की आग पिछाणी थी,
घट ना जाये कोई मान री।।
या धरती राजस्थान री,
करता इसपे अभिमान री।

मीरा गिरिधर की दासी थी,
दर्शन की बहुत वो प्यासी थी।
राणा के गले की फाँसी थी,
रजपूती मिट जाये आन री।।
या धरती राजस्थान  री,
करता इसपे अभिमान री।

गोरा बादल दो वीर हुए,
गोरा के जिस्म के तीर हुए।
रण के ऐसे रणवीर हुए,
धड़ का भी हो गुणगान री।।
या धरती राजथान री,
करता इसपे अभिमान री।

घायल घोड़ा भी जब दौड़ा,
चेतक को लगा जख्म थोड़ा,
स्वामी को सकुशल ला छोड़ा,
बच गई मेवाड़ी आन री
या धरती राजथान री,
करता इसपे अभिमान री।

प्रताप सा कोई वीर नहीं,
दुश्मन की उठे शमशीर नहीं।
जो बाँध सके जंजीर नहीं, गाथा-मेवाड़ी शान री।
या धरती राजथान री,
करता इसपे अभिमान री।।

या धरती राजथान री,
करता इसपे अभिमान री।
लगे स्वर्ग सी सुन्दर ये,
न्योछावर कर दूँ जान री।।
या धरती राजथान री,
करता इसपे अभिमान री।
[09/06, 22:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 22:17] प्रमोद ठाकुर: समीक्षा

साहित्यकार श्री सुंदर लाल मेहरानियाँ का गीत "धरती राजस्थान री" राजस्थान की धरती  उन वीर गाथाओं का वर्णन करती है। जिसमें अनेकों वीर और वीरांगनाओ ने जन्म लिया और अपनी उस भूमि जिसमें पैदा हुए उसकी रक्षा के लिए वीरता से रण में अपने प्राणों की आहुति दे दी चाहें वो पन्नाधाय हो जिसनें अपने  कर्तव्य को निभाते हुए अपने  बेटे की बलि चढ़ा दी । रानी पद्मावती ने खिलज़ी से अपनी आबरू की रक्षा करतें हुए सामूहिक जौहर कर लिया था। इस मिट्टी में  वीर- वीरांगनाये ही नहीं अपितु पशुओं ने भी रण में अपना जौहर दिखाया उस वीर पशु चेतक को भुलाया नहीं जा सकता जो आज महाराणा प्रताप की तरह चेतक नाम भी आज वीरता के लिए इतिहास में दर्ज़ हैं।

जब वीरों की बात हो और गोरा बादल की बात न हो ऐसा सम्भव नहीं। ऐसे रणवीरों की गाथा  को एक रचनावद्ध तरीक़े से अपनी शब्द माला में श्री सूंदर लाल मेहरानियाँ ने एक वीर गाथा का सृजन किया । वीरो की भूमि राजस्थान को मेरा नमन है और नमन उस कलम को जिन्होंने इतना अच्छा चित्रण किया।
[09/06, 22:18] प्रमोद ठाकुर: ये दोनों कल प्रकाशित कर देना
[09/06, 22:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
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[09/06, 17:48] Achal Puja: mAsi ban gye hm aap mujhe mAsi bana diye h
[09/06, 17:48] Achal Puja: 😂
[09/06, 17:48] Achal Puja: 😜
[09/06, 17:48] Achal Puja: Puja ke liye naukar rakh diye h aur London sari LA diye h ji
[09/06, 18:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ohh
[09/06, 18:44] Achal Puja: Hmm
[09/06, 18:47] Achal Puja: Kya hua
[09/06, 18:47] Achal Puja: Jhagra nhii khatam hua h kya
[09/06, 18:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: नहीं
[09/06, 20:17] Achal Puja: Ushko ye video bhej kar mana lijiye
[09/06, 20:17] Achal Puja: Hm banaye h
[09/06, 20:17] Achal Puja: Maan jayegii wo
[09/06, 20:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है
[09/06, 20:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: मना लेंगे
[09/06, 22:04] Achal Puja: Ok
[09/06, 22:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bath kara dijiya please
[09/06, 22:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi acha lag raha hai
[09/06, 22:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: Puja bina
[09/06, 22:22] Achal Puja: Ook
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[09/06, 22:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: ये आप बनाएं हो
[09/06, 22:29] Achal Puja: Hm
[09/06, 22:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: 👍👍👍👍👍

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Thoda mastee thoda study
[09/06, 09:44] Babu 💓: Aaj se class band rahega hamesha ke liye
[09/06, 09:44] Babu 💓: Sab apna apna padhe
[09/06, 09:44] Babu 💓: Ask no question
[09/06, 09:44] Babu 💓: Please
[09/06, 22:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Thanks you  Achal jii
[09/06, 22:29] Achal Puja: Your welcome ji
[09/06, 22:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: 👍👍👍👍👍

हम Left हो गये रहें ।

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[06/06, 11:14] +91 3: 👆सादर नमन आदरणीय,
मैं भी इसमें जुड़ना चाहती हूँ। इसके जुड़ने के बाद क्या-क्या काम करना होगा इस संबंध में मार्गदर्शन करें।

धन्यवाद सहित
सपना "नम्रता "
दिल्ली।
[06/06, 11:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[07/06, 06:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://chat.whatsapp.com/E7KTwcX0URvFoStSmdDbRl
[07/06, 06:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात 🙏💐
[09/06, 22:37] +91 : आदरणीय क्या मुझे पटल पर जो लिस्ट डाला गया है, उसमें भी नाम, पता और फोन नंबर लिखना होगा। कृपया मार्गदर्शन करें मेरा।
धन्यवाद सहित।
सपना, दिल्ली।
[09/06, 22:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[09/06, 22:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप लोगों का कार्ड बनेंगा ।
स्वयंसेवी हेतू
नाम, शहर, प्रदेश एवं मोबाइल लिस्ट में जोड़ें।

1 डॉक्टर देवेंद्र तोमर मुरैना मध्य प्रदेश  98276 79982  केवल बातचीत
78281 48403  केवल व्हाट्सएप

2 नीलम बंसल हिसार हरियाणा
             8736850880

3.सुधीर श्रीवास्तव, गोण्डा, उ.प्र _8115285921

4 सुन्दर लाल मेहरानियाँ,'देव' अलवर, राजस्थान _7891640945

5 चेतन दास वैष्णव, बाँस बाड़ा राजस्थान- 8107627220

6 डॉक्टर ऋर्षिराज निमाड़े, इंदौर मध्यप्रदेश- 9752082235

7 डॉक्टर प्रमोद शर्मा प्रेम नज़ीमबाद बिजनौर उत्तर प्रदेश- 9410602648

8 सपना, दिल्ली, 9354258143

9

10

11

15 जून 2021 तक घोषित कर दिया जाएगा।एवं एक डिजिटल कार्ड भी दिया जाएगा।

नोट:- आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि बिना क्रम को तोड़ते हुए सावधानी से अपना नाम जोड़े बदीमहरबानी
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[09/06, 19:51] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: आप दैनिक पत्रिका निकालते हैं आपका श्रम और समर्पण भाव प्रणम्य है मित्र
[09/06, 20:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी धन्यवाद गुरु जी आप लोगों का आशीर्वाद बना रहें । बस
[09/06, 20:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई
[09/06, 20:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार अंक गुरु जी 🙏💐
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[09/06, 19:25] आ प्रभात जी: Sir ye kisi
[09/06, 19:26] आ प्रभात जी: Subject pe diya hua rachana ke liye diya jata hai ya
[09/06, 19:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: 5 रचना प्रकाशित होने के बाद आपको मिलेगा ।
[09/06, 19:27] आ प्रभात जी: Achha sir
[09/06, 19:27] आ प्रभात जी: Agar mai 5 rachana bhejata hu to
[09/06, 19:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: नहीं
[09/06, 19:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंक के हिसाब से
[09/06, 19:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: अभी आपकी दो रचना प्रकाशित हुई है ।
[09/06, 19:44] आ प्रभात जी: अंक मतलब सर
[09/06, 19:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: अंक आज 30 है न
[09/06, 19:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: आपका किस किस अंक में प्रकाशित हुआ है ।
[09/06, 19:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: जब पांच रचना हो जाएं
[09/06, 19:46] आ प्रभात जी: 29 me sir
[09/06, 19:47] आ प्रभात जी: Aur 26 me hua hai
[09/06, 19:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo
[09/06, 19:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां नाम फोटो भेज दीजिए
[09/06, 19:51] आ प्रभात जी: कर दिया सर
[09/06, 19:51] आ प्रभात जी: मै
[09/06, 20:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है

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साहित्य एक नज़र 🌅 व्हाट्सएप ग्रुप
[09/06, 19:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo
[09/06, 19:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

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साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
[07/06, 14:28] अर्चना जी साहित्य: अब तक के सारे प्रमाण पत्र तैयार हो गये है
प्रमाण पत्र संख्या लिख ले
[09/06, 22:18] अर्चना जी साहित्य: कृपया प्रमाण पत्र संख्या डाल कर पोस्ट करें।

[09/06, 22:18] अर्चना जी साहित्य: कृपया प्रमाण पत्र संख्या डाल कर पोस्ट करें।
[09/06, 22:57] मनोज कुमार पुरोहित जी 🙏: आज आज रुक जाइए @⁨Roshan Kumar Jha, रोशन⁩ भाई जिन काव्य पाठ करने वालो के सम्मानपत्र नही बने उनके नाम दे दें उसके बाद यह काम
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[26/05, 20:09] Neha Wb Writer: ❤️
[26/05, 20:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: 💖💖💖💖
[09/06, 16:23] Neha Wb Writer: Hi
[09/06, 16:24] Neha Wb Writer: M.A k admission kab hoga
[09/06, 16:24] Neha Wb Writer: App ko pata chale to mujhe bataiyega
[09/06, 16:24] Neha Wb Writer: 🙏
[09/06, 17:23] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी जरुर
[09/06, 20:15] Neha Wb Writer: 🙏
[09/06, 20:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: तबीयत ठीक हुआ आपका और आपकी पापा जी का
[09/06, 20:19] Neha Wb Writer: Haa av thik ha
[09/06, 20:20] Neha Wb Writer: Ghar mein sab corona positive ho g th
[09/06, 20:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ohhh
[09/06, 20:21] Neha Wb Writer: Hh
[09/06, 20:21] Neha Wb Writer: Av sab thik h
[09/06, 20:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: सब भगवान जी की कृपा है
[09/06, 20:22] Neha Wb Writer: Ji
[09/06, 23:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏

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सर क्रमांक संख्या 36 हमारी थी तो किसी और का क्यों
[08/06, 20:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: समीक्षा प्रमाण पत्र के कारण इधर उधर हो गया है दीदी जी 🙏💐
[08/06, 20:12] ज्योति धनबाद: तो सर हमारी संख्या क्या है
[08/06, 20:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: बता देंगे
[08/06, 20:16] ज्योति धनबाद: जी
[08/06, 22:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏💐
[09/06, 20:12] ज्योति धनबाद: धन्यवाद🙏
[09/06, 20:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐

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आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
[20/04, 06:30] साहित्य राज: मुझे इनबॉक्स में मत भेजें कुछ।
[20/04, 06:31] साहित्य राज: ऐसी पोस्ट सीधा फेसबुक पर👍
[20/04, 06:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है गुरु जी 🙏💐
[20/04, 06:31] साहित्य राज: 🙏🙏🙏

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अनुज अपने समयनुसार ये सारी भाषण यूट्यूब पर अपलोड कर समय समय पर लिंक जारी
जब सुविधा , हो रुचि हो। तभी ही करें ।

[09/06, 18:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है गुरु जी 🙏💐
[09/06, 20:56] Roshan Kumar Jha, रोशन: गुरु जी इनका नाम बताइए , आ. संगीता दीदी जी है क्या ?
[09/06, 20:56] साहित्य राज: आ० रीता झा दी
[09/06, 20:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: कहां की अध्यक्षा है ।
[09/06, 20:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: इन्हें भी हम नहीं जानते है गुरु जी 🙏💐
[09/06, 20:57] साहित्य राज: उड़ीसा इकाई की
[09/06, 20:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है ।
[09/06, 20:57] साहित्य राज: संगीता का वीडियो भेज रहा हूँ
[09/06, 20:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है गुरु जी 🙏
[09/06, 21:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: सब कर दिए इनका सिर्फ बाकी है ।
[09/06, 21:26] साहित्य राज: 👍🙏
[09/06, 21:26] साहित्य राज: आराम से👍
[09/06, 21:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी गुरु जी ,
[09/06, 21:38] साहित्य राज: संगीता मिश्रा कार्यकारी अध्यक्षा तेलंगाना इकाई
[09/06, 21:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है सही कर दे रहे है ।

_____________

अलंकरण प्रशिक्षण शाला
[09/06, 20:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/0QLWO2FdMvE
[09/06, 20:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/Olbch9wvIPE
[09/06, 20:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/7qcAM_3Kab4
[09/06, 20:44] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/QGwfayqgHIs
[09/06, 20:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/cz02DdKyNdk
[09/06, 20:52] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/e5RxXs4oopU
[09/06, 20:52] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: वाह वाह 👏🏼👏🏼👏🏼
[09/06, 20:54] साहित्य राज: 👍👍👍
[09/06, 20:56] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/ZJRacydQ_Rw
[09/06, 21:03] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/_UFLR4x7Fkk
[09/06, 21:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/jmF43PF0wwU
[09/06, 22:15] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:15] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:16] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:16] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:16] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:16] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:16] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:16] रोहित रोज़ जी: 👍
[09/06, 22:16] रोहित रोज़ जी: 👍
_____________
[09/06, 20:22] Prabin Bhaiya: 💐💐
[09/06, 23:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏💐

_____________
[09/06, 12:22] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: जनमदिन के सन्देश लेल की प्रक्रिया छै
[09/06, 12:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: ओह हमेशा छैय
[09/06, 12:29] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: किछु सहयोग राशि सेहो छै की
[09/06, 12:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: नि: शुल्क
[09/06, 12:33] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: Ki sab bhej diya
[09/06, 12:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: नाम फोटो यदि कीछ लिखकअ देबअ चाहैत छी से
[09/06, 12:34] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: Kane der me bhej dai chhi
[09/06, 16:10] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: *अमरेश कुमार झा"छोटकिन"*
            
को उनके *30 वें* जन्मदिवस की अशेष शुभकामनायें।
ईश्वर आपको दिर्घायू,स्वस्थ रखें और आपकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करें।
सुभाशीष।।
       केशव कुमार मिश्रा एवं सम्पूर्ण साहित्य एक नजर टीम।
[09/06, 17:20] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: 10 june
[09/06, 17:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: भाई जी ऐतक लेत देबैय तअ चलतैय 12:34 में कहने रहिअ भेजैय छी
[09/06, 17:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: कोशिश कोरैय छी
[09/06, 17:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: आजुक अंक में दो दैत छी
[09/06, 17:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: काईल लेत भोअ जेएत
[09/06, 17:37] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: Ji
[09/06, 17:38] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: क्षमा प्रार्थी छी की सही समय पर नै भेज़ सक्लऊँ
[09/06, 18:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: कूनु बात नैय
[09/06, 18:59] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: 👏🏻
[09/06, 19:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
अहाँ के अशेष धन्यवाद अहि सम्मानक लेल।
[09/06, 19:38] आ. केशव मिश्रा मधुबनी: 👏🏻
[09/06, 23:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐

_____________
[09/06, 19:30] +91 : नमस्ते सर, क्या कविता भी भेजी जा सकती है, या सिर्फ कहानी
[09/06, 19:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[09/06, 19:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo
[09/06, 19:31] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां भेजिए
[09/06, 19:33] +91 : इस ग्रुप में पोस्ट कर दूं कविता
[09/06, 19:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: ग्रुप में नहीं सकते है , आप तो फेसबुक पर तो करती ही हो ।
[09/06, 19:34] +91 : फेसबुक ग्रुप
[09/06, 19:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: नहीं दीदी कामेंट बाक्स में ही
[09/06, 19:34] +91 : ओक
[09/06, 19:34] +91 : Ok
[09/06, 23:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏💐🙏💐
फौजी की पत्नी
✍️ भगवती सक्सेना गौड़
_____________

_____________

_____________
[09/06, 09:01] : शुभ प्रभात सर नमस्कार
[09/06, 09:01] : 😍🙏😍
[09/06, 09:01] : आपकी एक साहित्य एक नजर दैनिक पत्रिका निकलती है
[09/06, 09:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 नमस्ते
[09/06, 09:33] : सर हम भानु शर्मा रंज
कवि एवं गीतकार
धौलपुर राजस्थान से
[09/06, 09:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी स्वागतम् 🙏💐
[09/06, 09:34] : हमारी एक दोस्त वो रचना प्रकाशित करवाना चाहती है
[09/06, 09:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://chat.whatsapp.com/Csqy8X67NcqIRnbqeFQ0bz
[09/06, 09:35] : जी जुड़ गये
[09/06, 09:36]
: रचना आपको भेजें या समुह में
[09/06, 09:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/
[09/06, 09:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/303637988065651/?sfnsn=wiwspmo
[09/06, 09:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: रचना यहां भेजिए 🙏🙏🙏🙏🙏💐
[09/06, 09:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: पोस्टर पढ़ लीजिए नियम देख लीजिए 🙏💐
[09/06, 09:40] : जी पढ लिया
[09/06, 09:41] +91 : क्या हम दोस्त की रचना अपने माध्यम से भेज सकते हैं
[09/06, 09:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक आइडी से एक ही नाम
[09/06, 09:41] +91 : जी
[09/06, 09:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक दोस्त है तो कोई बात नहीं
[09/06, 09:42] +91 : जी सर
[09/06, 09:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: कर सकते है ।
[09/06, 09:42] +91 : धन्यवाद🙏💕
[09/06, 09:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[09/06, 21:15] +91 : नमस्कार सर
[09/06, 21:15] +91 : रचना कैसे कहाँ भेजनी थी समझ नही आया
[09/06, 21:15] +91 : 🤔🤔
[09/06, 21:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo
[09/06, 21:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: कामेंट बाक्स में भेजिए
[09/06, 21:16] +91 : कमेंट बॉक्स नहीं आ रहा
[09/06, 21:17] +91  : 🤔🤔
[09/06, 21:18] Roshan Kumar Jha, रोशन: ग्रुप ज्वाइन किए हैं
[09/06, 21:18] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप हमें रचना और फोटो भेजिए
[09/06, 21:18] +91 : हाँ
[09/06, 21:19] +91 : जी वाट्सएप पर भेज दें
[09/06, 21:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/?ref=share
[09/06, 21:20] +91 : कविता ( शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा ) पेज - 1

शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
चैतन्य मन में जागी अभिलाषा
सत्य अंतरमन में  चीख  रहा है
काल सम्मुख खड़ा दीख रहा है
फिर क्यों अज्ञानी बनके मनुष्य
देता खुद को यूँ मिथ्या दिलासा

                               शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                               चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

अंत:करण का पटल खोल जरा
नादान किस  भय  से  बोल डरा
पंचमहाभूत समाहित तेरे अंदर
दिव्यशक्ति का तू अद्भुत समंदर
एकाग्र  तू  निज मन को कर ले
महसूस होगा ये  दिव्य प्रकाशा

                              शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                              चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

इंद्रियों की तृष्णा का कर दे दमन
आलौकिक कल्पना में कर गमन
भाषा को परिभाषित कर साध ले
छल कपट माया मोह को बांध ले
सम्मुख खडी़ है मुक्ति मानव देख
लेकर अनगिनत देवीय सी आशा

                                 शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                                 चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

धर्म का मूलमंत्र है तेरे अंतकरण में
गीता ज्ञान मिले  पार्थ हरि शरण में
धर्म शीलता से   पिघला है पाषाण
संकल्प से मुर्दे में भी फूके  है प्राण
मे जाग मनुष्य खुद ही निर्माण कर
अब अर्थहीन शब्दों में मर्मज्ञ भाषा

                                  शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                                  चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

आरती शर्मा ( आरू)
पिता का नाम - श्री श्याम बाबू शर्मा
मानिकपुर उत्तर प्रदेश
[09/06, 21:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: फ़िलहाल भेजिए
[09/06, 21:20] +91 : ये रचना हमारी दोस्त की है
[09/06, 21:20] +91 : ये फोटो
[09/06, 21:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: कविता ( शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा ) पेज - 1

शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
चैतन्य मन में जागी अभिलाषा
सत्य अंतरमन में  चीख  रहा है
काल सम्मुख खड़ा दीख रहा है
फिर क्यों अज्ञानी बनके मनुष्य
देता खुद को यूँ मिथ्या दिलासा

                               शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                               चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

अंत:करण का पटल खोल जरा
नादान किस  भय  से  बोल डरा
पंचमहाभूत समाहित तेरे अंदर
दिव्यशक्ति का तू अद्भुत समंदर
एकाग्र  तू  निज मन को कर ले
महसूस होगा ये  दिव्य प्रकाशा

                              शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                              चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

इंद्रियों की तृष्णा का कर दे दमन
आलौकिक कल्पना में कर गमन
भाषा को परिभाषित कर साध ले
छल कपट माया मोह को बांध ले
सम्मुख खडी़ है मुक्ति मानव देख
लेकर अनगिनत देवीय सी आशा

                                 शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                                 चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

धर्म का मूलमंत्र है तेरे अंतकरण में
गीता ज्ञान मिले  पार्थ हरि शरण में
धर्म शीलता से   पिघला है पाषाण
संकल्प से मुर्दे में भी फूके  है प्राण
मे जाग मनुष्य खुद ही निर्माण कर
अब अर्थहीन शब्दों में मर्मज्ञ भाषा

                          शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
                                  चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

आरती शर्मा ( आरू)
पिता का नाम - श्री श्याम बाबू शर्मा
मानिकपुर उत्तर प्रदेश
[09/06, 21:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: सजाकर भेजिए
[09/06, 21:21] +91 : जी 🙏🙏
[09/06, 21:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: बीच में इतना स्पेस है
[09/06, 21:22] +91 : जी भेजते हैं
[09/06, 21:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुन्य से अनंत तक पास देखिए जहां जहां स्पेस है वह ठीक कीजिए
[09/06, 21:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[09/06, 21:22] +91 : जी
[09/06, 21:24] +: कविता ( शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा ) पेज - 1

शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
चैतन्य मन में जागी अभिलाषा
सत्य अंतरमन में  चीख  रहा है
काल सम्मुख खड़ा दीख रहा है
फिर क्यों अज्ञानी बनके मनुष्य
देता खुद को यूँ मिथ्या दिलासा
शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

अंत:करण का पटल खोल जरा
नादान किस  भय  से  बोल डरा
पंचमहाभूत समाहित तेरे अंदर
दिव्यशक्ति का तू अद्भुत समंदर
एकाग्र  तू  निज मन को कर ले
महसूस होगा ये  दिव्य प्रकाशा
शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

 
इंद्रियों की तृष्णा का कर दे दमन
आलौकिक कल्पना में कर गमन
भाषा को परिभाषित कर साध ले
छल कपट माया मोह को बांध ले
सम्मुख खडी़ है मुक्ति मानव देख
लेकर अनगिनत देवीय सी आशा
शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
चैतन्य मन में जागी अभिलाषा
                         
  
धर्म का मूलमंत्र है तेरे अंतकरण में
गीता ज्ञान मिले  पार्थ हरि शरण में
धर्म शीलता से   पिघला है पाषाण
संकल्प से मुर्दे में भी फूके  है प्राण
मे जाग मनुष्य खुद ही निर्माण कर
अब अर्थहीन शब्दों में मर्मज्ञ भाषा
शुन्य  से  अनंत  तक परिभाषा
चैतन्य मन में जागी अभिलाषा

              
आरती शर्मा ( आरू)
पिता का नाम - श्री श्याम बाबू शर्मा
मानिकपुर उत्तर प्रदेश
[09/06, 21:24] +91 : जी सर अब देखिये
[09/06, 21:24] +91  🙏🙏😍😍
[09/06, 21:33] +91 : सर देखिये
[09/06, 21:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी अब सही है
[09/06, 21:34] +91 : 🙏😍🙏
[09/06, 21:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: कर दिए अगले बार से फेसबुक पर कामेंट बाक्स में भेजिएगा जी 🙏💐
[09/06, 21:36] +91 : जी सर बिलकुल
[09/06, 21:37] +91 : धन्यवाद🙏💕
[09/06, 23:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏
[09/06, 23:00] +91 : 😍🙏😍
____________________
आ. देवप्रिया ' अमर ' तिवारी  जी , ( अंक - 21)
        दुबई, यूएई
[03/06, 13:55] +91 : अंक 21
[03/06, 13:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी भेजिए
[03/06, 13:58] +91 : जी ठीक है अभी भेजते
[03/06, 13:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[09/06, 15:35] +91 : Hello
[09/06, 15:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: बोलिए
[09/06, 15:36] +91 : देवप्रिया
[09/06, 15:36] +91 : आपसे अभी fb  मैसेंजर पर बात हुई
[09/06, 15:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: नहीं
____________________
[09/06, 08:46] +91 : Respected sir , is rachna ko apni patrika me prakasit kr anugarhit kijiye
[09/06, 09:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: लिखा हुआ भेजिए आदरणीय
[09/06, 09:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://chat.whatsapp.com/Csqy8X67NcqIRnbqeFQ0bz
[09/06, 09:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/
[09/06, 09:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: रचना यहां भेजिए 🙏🙏🙏🙏🙏💐
[09/06, 09:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: पोस्टर पढ़ लीजिए नियम देख लीजिए 🙏💐

____________________
समस्तीपुर का प्रकाश  राय  जी
मेम कहकर बात करता रहा, हम बोले Dp  देख लो भाई , पहले स्कीन शार्ट भेजा रहा , फिर टाइप करके भेजा , फोन भी किया रहा ।

____________________

अंक - 30
https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

अंक - 29

https://online.fliphtml5.com/axiwx/jevw/

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 30

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

अंक - 30
9 जून  2021

बुधवार
ज्येष्ठ कृष्ण 14 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 7 - 14
कुल पृष्ठ -  15

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆

44. आ. श्वेता कुमारी जी , धनबाद
45. आ. ज्योति कुमारी जी , धनबाद , झारखंड
46. डॉ. पल्लवी कुमारी "पाम " , पटना
47. आ. सुन्दर लाल मेहरानियाँ' देव'  जी , राजस्थान
48. आ. सुरेश शर्मा जी
49.  आ. दिनेश कौशल जी , दरभंगा
50. आ. सृष्टि मुखर्जी ,दरभंगा बिहार
51.आ. केशव कुमार मिश्रा जी , मधुबनी

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 30
Sahitya Ek Nazar
9 June 2021 ,  Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

फेसबुक - 1
https://m.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1131579874022232/

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फेसबुक - 2

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समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

अंक - 25 से 27

https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/301655748263875/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र
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अंक - 28 से 30

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/303637988065651/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 30
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अंक - 31 से 33 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo


आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा

मो - 6290640716

_________________

अंक - 27
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/27-06062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2019-06062021-27.html

अंक - 28
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/28-07062021.html
कविता - 20(20)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2020-07062021-28.html

अंक - 29

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/29-08062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2021-08062021-29.html

अंक - 30
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/30-09062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2022-09052021-30.html

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html


अंक - 30

ये कैसी चीख पुकार है
ये कैसी चीख पुकार है।
दुनिया में महामारी ने
मचाई हाहाकार है।

घरों में कैद हो गयी,
देखों ये ज़िन्दगानियाँ।
कभी सड़कों पे गूंजती थी,
बच्चों की वो किलकारियाँ।
चारों तरफ फैली,
मातम की वो फुहार है।

ये कैसी चीख-----

रोजी रोटी छिन गयी,
देखों सड़क पे आ गये।
कुछ घर पहुँच गये,
कुछ काल में समा गये।
मिल जाये बस उनका
हक जिसके वो हकदार है।

ये कैसी चीख------

घर के रोशनदानों से,
झांकती वो शांतियाँ।
सड़को पे देखो फैली है,
चारों तरफ वीरानियाँ।
चारों तरफ फैला,
कैसा ये अंधकार है।

ये कैसी चीख------------

✍️ प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर , मध्यप्रदेश
मो :- 9753877785

2.
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

कुछ भी लिखों
मन की बात लिखों ,
हिम्मत के साथ लिखों ।।
दो और छ: ?
होता है आठ
तो आठ लिखों ,
सीखना है छोटा बड़ा
सबसे सीखों ,

सीखकर नव निर्माण करों ,
सबका सम्मान करों ।
कुछ करों या न करों
पर अर्जित ज्ञान करों ,
रात के बाद ही दिन होती
तो दिन का ध्यान करों ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
बुधवार , 09/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(22)
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 30
Sahitya Ek Nazar
9 June 2021 ,   Wednesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

3.

एक  छोटा - सा 
कवि  होने  के  नाते ,
मैं  आप सभी  को  एक 
बात  कहना  चाहता  हूँ ।
शिक्षा  को  बढ़ावा
देने  के  लिए ,
मैं  आप सभी  से 
आग्रह  करना  चाहता  हूँ ।
बिना  शिक्षा  का  साहित्य  नहीं ,
यही  बात  मैं  अपने  से 
छोटे  को  कहना  चाहता  हूँ ।
साहित्य  को  पूरे  जगत् 
में  कैसे  फैलाया  जाए ,
यही  बात  मैं  तमाम् 
छोटे-छोटे  बच्चे  को 
कहना  चाहता  हूँ ।
मिटा  देना  चाहता  हूँ
  जड़  से  आतंकवाद 
एवं  भ्रष्टाचार  को ,
इसके  लिए  सरकार
को  रोज़गार  देना  होगा ।
सारे  दूषित  समाजों  में ,
एक  नया  अच्छा
  समाज  बनाना  होगा ।
इसके  लिए  हम सभी  को ,
शिक्षा  का  दीप  जलाना  होगा ।
यही  बात  मैं  आप सभी  को ,
हाथ  जोड़ कर  कहना  चाहता  हूं ।

✍️ प्रकाश  राय 
सारंगपुर ( डाकघर ) ,
समस्तीपुर , बिहार ।
मोबाइल नंबर - 9709388629

4.

साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई साहित्यकारों को सम्मानित किए हरित रक्षक सम्मान .

साहित्य एक नज़र 🌅 , बुधवार , 9 जून 2021 ,

साहित्य संगम संस्थान , रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली ) के पश्चिम बंगाल इकाई द्वारा 05 जून 2021 , शनिवार , विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में काव्य पाठ का आयोजन किए रहें ।
देवस्थापन 10:00 बजे आ अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी द्वारा, सरस्वती वंदना 10:05 आ स्वर्णलता टंडन जी द्वारा, आशीर्वचन 10:10 में आ . महागुरुदेव डॉ राकेश सक्सेना जी द्वारा , मुख्य अतिथि के दो शब्द 10:15 आ . जयश्रीकांत जी द्वारा, अध्यक्षीय प्रवचन और शुभारंभ 10:20 आ. राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर मंत्र जी द्वारा , 10:00 से रात्रि आठ बजे तक साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई अध्यक्ष आ विनोद वर्मा दुर्गेश जी मंच का संचालन किए ,  आ. विनीता कुशवाहा जी , गोण्डा उत्तर प्रदेश, आ. फूल सिंह जी , आ. रवींद्र कुमार शर्मा जी , आ. श्वेता धूत जी , हावड़ा, पश्चिम बंगाल,  आ. बेलीराम कनस्वाल जी,  आ. अनुराधा तिवारी "अनु" जी , आ. विनीता लालावत जी, आ. रजनी हरीश जी , आ. रंजना बिनानी "काव्या " जी , गोलाघाट असम,  आ. मीना  गर्ग जी, आ. स्वाति जैसलमेरिया जी , जोधपुर राजस्थान, आ. मनोज कुमार चन्द्रवंशी "मौन" जी,  आ. शिवशंकर लोध राजपूत जी ( दिल्ली ), आ. सुनीता बाहेती, (श्रुति ) जी, आ. दीप्ति गुप्ता जी,  आ. प्रेमलता उपाध्याय स्नेह  जी दमोह , आ. दीप्ति खरे जी, आ. स्वर्णलता सोन जी , दिल्ली,  आ. अनु तोमर जी, आ. अनिल पालीवाल जी , आ. कलावती कर्वा जी, आ. मनोज कुमार पुरोहित जी, आ. सुनीता मुखर्जी, आ. अर्चना जायसवाल सरताज जी, आ. प्रमोद पाण्डेय 'कृष्णप्रेमी' गोपालपुरिया जी,  आ. सुधीर श्रीवास्तव जी, आ. आशुतोष कुमार जी, आ. सुशील शर्मा जी,  रोशन कुमार झा ,  आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी और भी साहित्यकारों द्वारा काव्य पाठ किया गया रहा , उन समस्त सम्मानित साहित्यकारों को  ' हरित रक्षक ' सम्मान से साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई उपाध्यक्ष , छंद गुरु आ. मनोज कुमार पुरोहित जी के करकमलों से सम्मानित किया गया ।। साहित्य संगम संस्थान मार्गदर्शक , उत्तर प्रदेश इकाई अध्यक्ष आ. डॉ. राकेश सक्सेना महागुरुदेव  जी ,  राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह मंत्र जी , कार्यकारी अध्यक्ष आ. कुमार रोहित रोज़ जी , सह अध्यक्ष आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी, संयोजिका आ. संगीता मिश्रा जी ,  पश्चिम बंगाल इकाई अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी, बंगाल इकाई उपाध्यक्ष , छंद गुरु  आ. मनोज कुमार पुरोहित जी ,  राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी व पश्चिम बंगाल इकाई सचिव रोशन कुमार झा  ,आ. अर्चना जायसवाल जी , अलंकरण कर्ता आ. स्वाति जैसलमेरिया जी , आ. स्वाति पाण्डेय जी ,आ. रजनी हरीश , आ. रंजना बिनानी जी, आ. सुनीता मुखर्जी , आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी  , समस्त सम्मानित साहित्यकारों को शुभकामनाएं दिए ।

पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1937789836397911/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/-gxVYTWJQqU

https://m.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1937003436476551/?sfnsn=wiwspmo

5.

परिचय -
✍️ रामकरण साहू"सजल"ग्राम-बबेरू
जनपद - बाँदा , उत्तर प्रदेश , भारत
शिक्षा- परास्नातक
प्रशिक्षण- बी टी सी, बी एड, एल एल बी
संप्रति- अध्यापन बेसिक शिक्षा
सम्पर्क सूत्र-  8004239966

समीक्षा -

"चाँद दागी हो गया"

जैसे पृथ्वी के गर्भ में शीतल जल का अथाह भण्डार होता है। और वहीं दहकता लावा भी विद्दमान होता है।ठीक बैसे ही एक लेखक के अंदर भी शब्दों भावों का शीतल भण्डार और वहीं दहकते शब्दों का लावा होता है। लेखक अपनी कल्पना की दृष्टि से अपने भावों को कागज पर उकेरता है।

एक होता है समुद्र मंथन एक होता है शब्द मंथन जब समुद्र का मंथन होता है तो अमृत निकलता है और जब एक साहित्यकार शब्दों का मंथन करता है तो सृजन होता है "चाँद दागी हो गया" जैसे कविता संग्रह का इस कविता में श्री रामकरण साहू जी ने शब्द बागी हो गया चाँद दागी हो गया धुंध पक्षी खोए नीड़ को ढूढ़ता हैं इस कविता में हर पहलू को छूने की कोशिश की ये एक उत्कृष्ठ रचना है ।जिसको बार बार पढ़ने की जिज्ञासा पैदा होती है।
इस संग्रह में श्री रामकरण साहू "सजल"जी की सत्तर रचनाओं का संग्रह है इसी संग्रह में उनकी रचनाओं जैसे "मीत में बनाता हूँ " कविता में कल्पना, प्यार, प्राकृतिक सौंदर्य सभी कुछ चंद पंक्तियों में कह दिया। इस संग्रह में कुछ कविताएँ ऐसी भी है जो दिल को छू जाती है जैसे प्रभा महकती भीनी-भीनी, धधक रही अन्तःपुर ज्वाला, नही भूला सके भारती, अम्मा वह रही है पुरवा, हँस-हँस कर कह आप गये थे जैसी अनमोल कविताओं का संग्रह है।

समीक्षक
✍️ आ. प्रमोद ठाकुर जी
साहित्य एक नज़र 🌅
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

6.

#नमन मंच#
साहित्य एक नज़र (कोलकाता से प्रकाशित दैनिक पत्रिका}
विषय- आदमी के लिए
विधा-

कविता -
आदमी के लिए

पैसा सब कुछ नहीं आदमी के लिए।
कुछ  सुकूँ  चाहिए आदमी  के लिए।
सारी शोहरत व दौलत है किस काम की,
आदमी जब नहीं आदमी के लिए।।

एक अहसास भूला नहीं जा सका।
एक अहसान को मैं भुला न सका।
सोचता रह गया खुद के बारे में ही,
पर न कुछ कर सका आदमी के लिए।।

मैंने परवाह केवल बस अपनी ही की।
औरों को कुछ तवज्ज़ो दिया ही नहीं।
जिन्दगी को तो बस यूँ ही जीता रहा,
कुछ भी सोचा नहीं आदमी के लिए।।

वक्त गुजरता गया उम्र ढलती रही।
जिंदगी मौज  से मेरी  कटती रही।
एक दिन मेरी खुदगर्जी कहने लगी,
कितना खुदगर्ज़ मैं आदमी के लिए।।

औरों की जिंदगी को नज़र कीजिये।
आप की जिंदगी खुद सँवर जाएगी।
मन की आवाज को अनसुनी न करें,
करिए 'आज़ाद' कुछ आदमी के लिए।।

✍️ राम चन्दर आज़ाद
अम्बेडकर नगर , उत्तर प्रदेश
8887732665

स्वरचित, मौलिक एवम प्रकाशनार्थ

""मौलिकता प्रमाण पत्र ""

           “ मैं राम चन्दर आज़ाद घोषणा करता हूँ कि मेरे द्वारा भेजी गई रचना-"आदमी के लिए" स्वरचित, मौलिक तथा अप्रकाशित है, जिसे मैं “साहित्य एक नज़र” में प्रकाशन हेतु सहमति दे रहा हूँ. इस रचना को प्रकाशन हेतु कहीं अन्यत्र नहीं भेजा गया है. मैं प्रकाशक/संपादन मंडल को रचना में एडिटिंग करने का पूर्ण अधिकार देता हूँ और एडिट की हुई रचना मुझे पूर्ण रूप से मान्य होगी. इसके प्रकाशन से यदि किसी प्रकार के कॉपीराइट का उल्लंघन होता है तो उससे सम्बंधित विषयों के लिए मैं पूर्ण रूप से उत्तरदायी हूँ l  साहित्य एक नज़र, के प्रकाशक/संपादक/एडमिन आदि इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे.
नाम- राम चन्दर आज़ाद
स्थायी पता-अम्बेडकर नगर , उत्तर प्रदेश
पिन-224230
मोबाइल संख्या -8887732665

फोटो नहीं
7.

.
मूर्दे से पूछता यमराज है.

बता..अरे ! तू आया कैसे यमलोक में।
कोरोना से मरा, मरा ब्लैक फंगस से
या चक्रवाती तूफान से।
सड़कों पे भीड़ दिखती
क्यों नहीं आज है।
मूर्दे से पूछता यमराज है ।।...
लगता थम गई कोरोना
से मौत की रफ्तार,
क्या टीका घर~घर
लगा रही सरकार।
समझ गए सबलोग क्या
है इसकी दरकार,
घर में लगता कैद हो गए
यही बस राज है ।।
मुर्दे से पूछता यमराज है ।।...
बात वो नहीं क्यों कम
हुआ कोरोना की मार,
विनाश के लिए ही भेजा ब्लैक
फंगस और चक्रवात का उपहार।
संग कभी बाढ़, भूकंप
तो कभी अंधड़ ~ तूफान,
जलजला मच गई धरा पर,
हरकतों से आती नहीं बाज है ।।
मूर्दे से पूछता यमराज है ।।....
त्राहि माम,त्राहि माम करते
नर सभी पृथ्वी लोक में।
पापियों के संग इंसान भी
सजा पा रहे इस भू लोक में ।
तबाही का मंजर दिख रहा
पृथ्वी पर,खुशियां है यमलोक में ।
ये भीम कहता प्रभु से,
बचा ले दुनियां को, तू
क्यों इतने नाराज हैं ।।
     मूर्दे से पूछता यमराज है ।।..

           ✍️    भीम कुमार
     गांवा, गिरिडीह, झारखंड

8.

बहू बनी जब से बेटी

पंख पसार के वो उड़ती।
स्वतंत्र धार मे बिचरती।
घूँघट में वो सिमट गई,
बहू बनी जब से बेटी।।
जी भर के मुस्काती थी।
हर छण रौब जताती थी।
खुद खातिर लड़ जाती जो,
कुछ कहने को सकुचती है।।
बहू बनी.....
हरदम जो हँसती गाती थी।
सातों सुर ताल मिलाती थी।
नृत्य शौक रखने वाली,
ससुराल में जा सरमाती है।।
बहू बनी........
शॉपिंग करने को जब जाती।
थैले भर भर कपड़े लाती।
सबकी जरूरत पूरी हो,
इच्छा न खुद की जताती है।।
बहू बनी......
जो खाने का देती अॉडर।
माँ से कहती वो एक आखर।
टेबल पर प्लेट सजे जिसकी,
वो खुद से भोज बनाती है।।
बहू बनी.......
जिसका पढ़ना ही सपना था।
एक वो ही उसका अपना था।
हिस्सेदारी साथी ने करली,
वो सपनों से आँख चुराती है।।
बहू बनी.....
माँ-पापा की गोद में पली बढ़ी।
आदर्शों के मोती से जड़ी।
ध्यान दिया न जिनपे कभी,
उनको बखूब निभाती है।।
बहू बनी.....
महलों की राजदुलारी थी।
पापा की बिटिया प्यारी थी।
अपना आँगन छोड़ दिया,
वो तेरे घर की बाती है।।
बहू बनी...
उसने बचपन से मुख मोड़ा।
माँ पापा की दुनिया छोड़ा।।
वो तेरे भरोसे है आयी,
बस तुझसे आस लगाती है।।
बहू बनी.....
न्योछावर अपने प्यार तु कर।
संग उसके दो कदम तो चल।
तेरे राह सुगम वो कर देगी,
वो ही तेरी सच्ची साथी है।।
बहू बनी जब से बेटी.......
बहू बनी जब से बेटी.......

✍️ सरिता त्रिपाठी 'मानसी'
सांगीपुर, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश

9.

-*-*- पेशे खिदमत एक ग़ज़ल -*-*-

लफ्ज़ नहीं अहसास लिखें तो बेहतर है ,      
प्राण नहीं अब सांस  लिखें तो बेहतर है ।
आज  उन्हीं से अपने रिश्ते कुछ कडुवे ,
गैर  नहीं  वह खास लिखें तो  बेहतर है ।
बात नहीं होती  मगर नज़रें मिल जाती ,
दूर कहाँ  हम पास  लिखें तो  बेहतर है ।
उनका कोई कुछ भी कहना मुश्किल सा ,
पलक उठे पर लाश लिखें तो बेहतर है ।
उनके  बिन तन्हाई  जैसी  लगती  अब ,
केवल पल को मास लिखें तो बेहतर है ।
झूठ और  सच दोनों पर  जय बोल रहे ,
"सजल"नहीं वह दास लिखें तो बेहतर है ।

✍️ रामकरण साहू "सजल"
बबेरू (बांदा) उ०प्र०

कृपया सादर प्रकाशन हेतु

10.
देव नदी माँ गंगा की अंतर्निहित
वेदना पर आधारित कविता -

मुझे मेरे हाल पर बहने दो।

बहुत सह चुकी अब ना सहूँगी ,
अब  दबाव में न रहने दो ,
स्वच्छंद नीरा सुर सरि सरिता मैं
मुझे मेरे हाल पर बहने दो। ।
मैं कलुष को धोने वाली ,
मैं जीवन को देने   वाली ,
मैं जन पोषण करने वाली ,
मैं मानव हित बहने वाली ,
बना दिया मुझको कचरामय ,
अब ना  कलुषता ढहने दो ।
मुझे मेरे हाल पर बहने दो।।
नहीं समझे तुम मेरी कीमत ,
नहीं समझे तुम मेरी हिम्मत,
नहीं समझे मेरे अस्तित्व को ,
नहीं जाने मेरे कृतित्व को ,
मैं अनादि हूं ,मैं असीम हूं,
मुझे मेरे घर में रहने दो ,
मुझे मेरे हाल पर बहने दो ,
मुझे स्वच्छंद से बहने दो।।
सोचा था धरती सरसाऊँ,
सोचती हूँ समृद्धि  को लाऊँ ,
सोचती हूं मातृत्व  निभाऊँ,
पर अब  घाव न सहने दो,
मुझे मेरे हाल पर बहने दो।।
पहले स्वच्छता फिर हो आरती,
पहले श्रद्धा ,फिर हो भक्ति ,
मैं जल नहीं, गंगा जल हूँ ,
मैं शाश्वत प्रवाहमय हूँ ,
जो बीत चुकी  आपदा को देखो,
उस विपत्ति से कुछ तो सीखो,
सतत् स्वच्छंदता रहने दो,
मुझे मेरे हाल पर बहने दो।।

✍️ आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल
वरिष्ठ उपाध्यक्ष  साहित्यिक संस्था
ऋषिकेश( उत्तराखंड)

11.
नमन मंच
विषय रिश्ते
विधा

कविता - रिश्ते

सब्र से काम ले
ये इंसान
धीरज तू अब बांधले
खुद भी धीर बन
दूसरो को भी दिलासा दे।
रिश्तों को तू संभाल ले।।
ये समय है धीरज का
अपनी मंजिल तू साध ले
चाहे आए लाख तूफान
कश्ती को किनारे तू बांधले।।
रिश्तों को तू संभाल ले।।
तसल्ली तुझको रखना है
अपनो के संग जीना है
सब्र और धीरज से जीना है
परिवार का ख्याल रखना है।।
रिश्तों को तू संभाल ले।।
समय की धारा है
जीवन खूबसूरत पतवार है
धीरज ही मिसाल है
इससे ही तसल्ली, मालामाल है
जिंदगी धीर से ही कमाल है
दिलासा इंसान के लिए भगवान है
सब्र ही आखिरी इम्तिहान है।।
रिश्तों को तू संभाल ले।।

✍️ कैलाश चंद साहू
बूंदी राजस्थान

12.
हम होंगे कामयाब,
रखो स्वयं पर विश्वास,
माना वक्त है सख्त,
पर फिर पलटेगा तख्त,
नहीं खोना है आत्मविश्वास,
है जब अपनों का साथ,
हंसते गाते समय कट जाएगा,
खुली हवा में फिर
मनुष्य सांस ले पाएगा,
स्थिर तो कुछ नहीं इस दुनिया में,
वक्त का पहिया चलता जाएगा,
है जो अवसाद का वातावरण,
प्रोत्साहन में बदल जाएगा,
आत्मिक शक्ति से,
डर का अंत हो जाएगा,
मन में रखो विश्वास,
हम होंगे कामयाब।

✍️ इ. निशांत सक्सेना " आहान"

13.

#साहित्य एक नजर
#नमन मंच
#अंक 29
#दिनाँक 08/06/2021
***************
          🌹  बरसात🌹
बरसात में मौसम मस्त सुहाना
बरखा की बूंदों का रिमझिम आना
देख देख हर्षित हो जाता है मन
मस्ती भरे दिल में खुशियों का समाना
बरसात में मौसम के तेवर ठंडे पड़ जाते
झुलसती गर्मी के थपेड़े शांत हो जाते
प्रकृति की छटा हो जाती है निराली
मन हर्षित हो भर जाती खुशियाली
बर्षात के मौसम में मेढक भी टर्राते
तरह तरह की आवाज निकालते
बच्चे भी कागज की नाव चलाते
सभी लोग अपनी अपनी मस्ती में
झूम झूम के बरसात का आंनद उठाते
आकाश भी अदभुत रंग बिरंगा
इंद्रधनुषी का  रंग बिखरा बहुरंगा
बरसात के मौसम में ये निकल आता
अपने प्यार भरे रंगों से सबको लुभाता
सूखी धरती, सूखी नदियाँ सूखे तालाब
बरसात के मौसम में सब उफान मारते
विकराल रौद्र रूप हो जाता इन सब का
धीरे धीरे सुमिर सुमिर कर नैया पार लगाते
बरसात के मौसम में किसान भी खुश हो जाता
खेती किसानी के काम में फटाफट लग जाता
हरियाली देख देख चहुँ ओर की
किसान भी मन में फूला नहीं समाता

✍️ अनिल राही
ग्वालियर मध्यप्रदेश

-

14.
[09/06, 16:10] आ. केशव मिश्रा मधुबनी:

शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন  🎈 🎈 🎈 🎈 🎈🎈 🎈 🎈🎈🎈
🎁 🎂

* अमरेश कुमार झा " छोटकिन" *
            
को उनके * 30 वें * जन्मदिवस की अशेष शुभकामनायें। ईश्वर आपको दीर्घायु ,स्वस्थ रखें और आपकी समस्त मनोकामना को पूर्ण करें।
शुभाशीष ।।
       केशव कुमार मिश्रा एवं सम्पूर्ण साहित्य एक नज़र टीम . ( 10 जून 2021 )

अंक - 31 - 33

नमन :- माँ सरस्वती
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो :- 6290640716

रचनाएं व साहित्य समाचार आमंत्रित -
साहित्य एक नज़र 🌅
अंक - 31 से 33 तक के लिए आमंत्रित

दिनांक - 10/06/2021 से 12/06/2021 के लिए
दिवस :- गुरुवार से शनिवार
इसी पोस्ट में अपनी नाम के साथ एक रचना और फोटो प्रेषित करें ।

यहां पर आयी हुई रचनाएं में से कुछ रचनाएं को अंक - 31 तो कुछ रचनाएं को अंक 32 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 33 में शामिल किया जाएगा ।

सादर निवेदन 🙏💐
# एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

# जब तक आपकी पहली रचना प्रकाशित नहीं होती तब तक आप दूसरी रचना न भेजें ।

# ये आपका अपना पत्रिका है , जब चाहें तब आप प्रकाशित अपनी रचना या आपको किसी को जन्मदिन की बधाई देनी है तो वह शुभ संदेश प्रकाशित करवा सकते है ।

# फेसबुक के इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में ही रचना भेजें ।

# साहित्य एक नज़र में प्रकाशित हुई रचना फिर से प्रकाशित के लिए न भेजें , बिना नाम , फोटो के रचना न भेजें , जब तक एक रचना प्रकाशित नहीं होती है तब तक दूसरी रचना न भेजें , यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करता है तो उनकी एक भी रचना को प्रकाशित नहीं किया जायेगा ।

समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 31 से 33 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 28 से 30

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/303637988065651/?sfnsn=wiwspmo

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अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html
12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html


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अंक - 30
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली )

1. आ. कुसुम लता ' कुसुम ' जी
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1398073047230427/

https://youtu.be/0QLWO2FdMvE

आ. रंजना बिनानी जी
https://youtu.be/Olbch9wvIPE
2. आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
https://youtu.be/7qcAM_3Kab4

3. साहित्य संगम संस्थान बिहार इकाई के अध्यक्षा आदरणीया ज्योति सिन्हा जी
https://youtu.be/QGwfayqgHIs

4. आदरणीया चन्द्रमुखी मेहता सदा जी - अध्यक्षा - साहित्य संगम संस्थान , छत्तीसगढ़ इकाई
https://youtu.be/cz02DdKyNdk
5. आदरणीय रजनी हरीश जी - अध्यक्षा - साहित्य संगम संस्थान तमिलनाडु इकाई
https://youtu.be/e5RxXs4oopU

6. आ. विनोद वर्मा दुर्गेश जी
अध्यक्ष हरियाणा इकाई
https://youtu.be/ZJRacydQ_Rw
7. आ. आ० रीता झा जी , साहित्य संगम संस्थान , उड़ीसा इकाई , अध्यक्षा
https://youtu.be/_UFLR4x7Fkk
8. आ. संगीता मिश्रा जी , संयोजिका - साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

https://youtu.be/jmF43PF0wwU
🌹🙏 शिवसंकल्प 🙏🌹

तुम बाधाएं डालो मग में,
मैं सबको ही पार करूंगा।
हिंदी में ही कार्य करूंगा,
हिंदी का उद्धार करूंगा।
🙏राज वीर सिंह🙏

कल तक जो देखा था सपना,
आज जुनून बन गया अपना।
आप सभी का साथ मिले तो,
लक्ष्य मिले आभार करूंगा।।
रंजना बिनानी
कार्यकारी अध्यक्षा असम इकाई

लेकर सबको साथ चलूंगा,
भले यह नवाचार कहलाए।
जनगणमन साहित्य सजाकर,
तकनीकि से वार करूंगा।।
डॉ भावना दीक्षित
अध्यक्षा म०प्र० इकाई

सच की राह नहीं छोडूंगा,
कहना # वाह नहीं छोडूंगा।
मध्य राह में नहीं रुकूंगा,
शब्दों से ही मार करूंगा।।
ज्योति सिन्हा
अध्यक्षा बिहार इकाई

आशा के संदीप सजाकर,
तम को ताली थाल बजाकर।
धीरज साहस के बल पर मैं,
सेवा बारंबार करूंगा।।
कुसुमलता
अध्यक्षा दिल्ली इकाई

देखो सतत प्रतीक्षारत है,
हिंदी सेवा का विस्तृत जग।
किञ्चित् सफल हुआ माता मैं,
गुलशन को गुलज़ार करूंगा।।
प्रदीप मिश्र अजनबी
अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर इकाई

नकारात्मकता हारेगी,
शम की शक्ति उबारेगी।
भावों में बहना न बहना,
एक-एक मिल चार करूंगा।।
संगीता मिश्रा
प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान

हिंदी भारत भाल की शोभा,
जिसका अब शृंगार ही होगा।
बाधाओं को कह दें आएं,
उनको भी स्वीकार करूंगा।।
राम प्रकाश अवस्थी 'रूह'
कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान इकाई

समताओं का मंत्र फूंककर
सद्भावों में गहन डूबकर।
मन को थोड़ा संयत करके
सूना पथ बाज़ार करूँगा।
विनोद वर्मा दुर्गेश
अध्यक्ष हरियाणा इकाई

जन जन तक हिंदी फैलाना,
गीत यही हर दम दोहराना।
साथ हजारों का लेकर के,
हिंदी का अभिसार करूँगा।।
वन्दना नामदेव
अध्यक्षा महाराष्ट्र इकाई

जुड़कर अपनी प्यारी जड़ से,
जीवन की सारी भड-भड से।
कला और साहित्य की खुशबू,
से मैं हरशृंगार करूंगा।।
रजनी हरीश
अध्यक्षा, तमिलनाडु इकाई

विनय पूर्ण अधिकार खरा हो,
रिक्त  स्नेह का  कोष भरा हो।
भय   न   होवे   अंतर्मन   में,
साथ सफाई झार करूंगा।।                           
# जयश्रीकांत
अधीक्षिका दोहाशाला/प्रधान
संपादिका दोहा संगम

हिंदी होगी सारे जग में,
ऐसे भाव भरे रग-रग में।
हिंदीमय हो जाए धरती,
शक्ति से हुंकार करूंगा।।
चंद्रमुखी मेहता
अध्यक्षा, छत्तीसगढ़ इकाई

विश्वपटल में शान बढ़ेगी,
यतियों की पहचान बढ़ेगी।
काया में जब तक हैं प्राण,
ऐसी ही ललकार करूंगा।।
रीता झा
अध्यक्षा, उड़ीसा इकाई

सुख भी प्यारा, दुख भी प्यारा।
कभी न  छूटे  , साथ तुम्हारा ।
संगम  में  अनमोल  रतन  हैं,
समभावों  से  प्यार  करूँगा ।।
                   ●
डाॅ0 राकेश सक्सेना, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश

समवेत प्रयास

🙏 ✍️ राजवीर सिंह मंत्र जी🙏
राष्ट्रीय अध्यक्ष
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1237973956636857&id=100012727929862

https://youtu.be/oeDczGNbq-4
कुछ पद बाद में आए हैं। इन्हें लिखित रूप से जोड़ा गया है।

अंक - 28 से 30

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/303637988065651/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 30
https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

अंक - 31 से 33 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1937789836397911/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/-gxVYTWJQqU

https://m.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1937003436476551/?sfnsn=wiwspmo

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

दिनांक :- 09/06/2021
दिवस :-  बुधवार
#साहित्यसंगमसंस्थान
यूट्यूब संचालक
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी
सह
पश्चिम बंगाल इकाई सचिव

अंक - 31 - 33

नमन :- माँ सरस्वती
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो :- 6290640716

रचनाएं व साहित्य समाचार आमंत्रित -
साहित्य एक नज़र 🌅
अंक - 31 से 33 तक के लिए आमंत्रित

दिनांक - 10/06/2021 से 12/06/2021 के लिए
दिवस :- गुरुवार से शनिवार
इसी पोस्ट में अपनी नाम के साथ एक रचना और फोटो प्रेषित करें ।

यहां पर आयी हुई रचनाएं में से कुछ रचनाएं को अंक - 31 तो कुछ रचनाएं को अंक 32 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 33 में शामिल किया जाएगा ।

सादर निवेदन 🙏💐
# एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

# जब तक आपकी पहली रचना प्रकाशित नहीं होती तब तक आप दूसरी रचना न भेजें ।

# ये आपका अपना पत्रिका है , जब चाहें तब आप प्रकाशित अपनी रचना या आपको किसी को जन्मदिन की बधाई देनी है तो वह शुभ संदेश प्रकाशित करवा सकते है ।

# फेसबुक के इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में ही रचना भेजें ।

# साहित्य एक नज़र में प्रकाशित हुई रचना फिर से प्रकाशित के लिए न भेजें , बिना नाम , फोटो के रचना न भेजें , जब तक एक रचना प्रकाशित नहीं होती है तब तक दूसरी रचना न भेजें , यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करता है तो उनकी एक भी रचना को प्रकाशित नहीं किया जायेगा ।

समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 31 से 33 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 28 से 30

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/303637988065651/?sfnsn=wiwspmo

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अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html
12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html

अंक - 30
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/30-09062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2022-09052021-30.html

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

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साहित्य एक नज़र



रोशन कुमार झा




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