कविता :- 20(24) , शुक्रवार , 11/06/2021 , अंक - 32

रोशन कुमार झा

कविता :- 20(24)

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

साहित्य एक नज़र ही
हमारा तन - मन - धन है ,
तब जाकर हम रोशन
प्रसन्न है ।।
हमारा सब कुछ इस
पत्रिका पर ही समर्पण है ,
अभी आज तो एक महीने ही
हुई है आप सभी सम्मानित
साहित्य प्रेमियों को धन्यवाद
सह सादर आभार
व्यक्त कर रहा हूँ ,
व्यक्त करने वाला मैं संपादक नहीं
साहित्य सेवक मैं रोशन है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शुक्रवार , 11/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(24)
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 32
Sahitya Ek Nazar
11 June 2021 ,   Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

साहित्य संगम संस्थान
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फेसबुक - 1
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शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন

🎈 🎈 🎈 🎈 🎈🎈 🎈 🎈🎈🎈
🎁 🎂

आदरणीया _ _ _ _ _ _ स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐

🎁🎈🍰🎂🎉

शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন 

🎈 🎈 🎈 🎈🎈🎈🎈 🎁 🎂


साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई

आ. भगत सिंह राणा हिमाद जी अध्यक्ष , साहित्य संगम संस्थान , उत्तराखंड इकाई

साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली )

आ. भगत सिंह राणा हिमाद जी अध्यक्ष , साहित्य संगम संस्थान , उत्तराखंड इकाई
https://youtu.be/nKU5T-OM_g8
जीत जायेंगे हम - गीत
आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
राष्ट्रीय अध्यक्ष साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
https://youtu.be/74ZKEFsCThI

आ.  सरिता सिंह जी गोरखपुर उत्तर प्रदेश
https://youtu.be/SrWRFHka38s
आ. संगीता मिश्रा जी प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान
https://youtu.be/oOMv-fm3z0U

8. आ. संगीता मिश्रा जी , संयोजिका - साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली, , तेलंगाना इकाई अध्यक्षा
https://youtu.be/jmF43PF0wwU
*प्रमाणन अधिकारी साहित्य संगम संस्थान*
9. आ. राहुल मिश्रा जी , प्रदेश अध्यक्ष तेलंगाना इकाई

https://youtu.be/pvUxR-7qOCg

कोलफील्ड मिरर आसनसोल में प्रकाशित
10/05/2021 ,
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiYw-O_wG7wu-K-nRxZJNqLTx2yup7Tnf7vncuuqA7xy3R4Tg2Ve3od6mVErPwDPwvmG41WI4y65Y4tXqeDGRIUftpcqMxp2xtiow4PWlcNnBzVvSfoW9W6lZ4KxXbYZP2YnW2wXZEofEQ/s2048/CFM+HINDI++++10.06.+2021+5.jpg

साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई साहित्यकारों को सम्मानित किए हरित रक्षक सम्मान .

साहित्य संगम संस्थान , रा. पंजी . संख्या एस 1801/2017 ( नई दिल्ली ) के पश्चिम बंगाल इकाई द्वारा 05 जून 2021 , शनिवार , विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में काव्य पाठ का आयोजन किए रहें ।
देवस्थापन 10:00 बजे आ अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी द्वारा, सरस्वती वंदना 10:05 आ स्वर्णलता टंडन जी द्वारा, आशीर्वचन 10:10 में आ . महागुरुदेव डॉ राकेश सक्सेना जी द्वारा , मुख्य अतिथि के दो शब्द 10:15 आ . जयश्रीकांत जी द्वारा, अध्यक्षीय प्रवचन और शुभारंभ 10:20 आ. राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवीर मंत्र जी द्वारा , 10:00 से रात्रि आठ बजे तक साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई अध्यक्ष आ विनोद वर्मा दुर्गेश जी मंच का संचालन किए ,  आ. विनीता कुशवाहा जी , गोण्डा उत्तर प्रदेश, आ. फूल सिंह जी , आ. रवींद्र कुमार शर्मा जी , आ. श्वेता धूत जी , हावड़ा, पश्चिम बंगाल,  आ. बेलीराम कनस्वाल जी,  आ. अनुराधा तिवारी "अनु" जी , आ. विनीता लालावत जी, आ. रजनी हरीश जी , आ. रंजना बिनानी "काव्या " जी , गोलाघाट असम,  आ. मीना  गर्ग जी, आ. स्वाति जैसलमेरिया जी , जोधपुर राजस्थान, आ. मनोज कुमार चन्द्रवंशी "मौन" जी,  आ. शिवशंकर लोध राजपूत जी ( दिल्ली ), आ. सुनीता बाहेती, (श्रुति ) जी, आ. दीप्ति गुप्ता जी,  आ. प्रेमलता उपाध्याय स्नेह  जी दमोह , आ. दीप्ति खरे जी, आ. स्वर्णलता सोन जी , दिल्ली,  आ. अनु तोमर जी, आ. अनिल पालीवाल जी , आ. कलावती कर्वा जी, आ. मनोज कुमार पुरोहित जी, आ. सुनीता मुखर्जी, आ. अर्चना जायसवाल सरताज जी, आ. प्रमोद पाण्डेय 'कृष्णप्रेमी' गोपालपुरिया जी,  आ. सुधीर श्रीवास्तव जी, आ. आशुतोष कुमार जी, आ. सुशील शर्मा जी,  रोशन कुमार झा ,  आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी और भी साहित्यकारों द्वारा काव्य पाठ किया गया रहा , उन समस्त सम्मानित साहित्यकारों को  ' हरित रक्षक ' सम्मान से साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई उपाध्यक्ष , छंद गुरु आ. मनोज कुमार पुरोहित जी के करकमलों से सम्मानित किया गया ।। साहित्य संगम संस्थान मार्गदर्शक , उत्तर प्रदेश इकाई अध्यक्ष आ. डॉ. राकेश सक्सेना महागुरुदेव  जी ,  राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह मंत्र जी , कार्यकारी अध्यक्ष आ. कुमार रोहित रोज़ जी , सह अध्यक्ष आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी, संयोजिका आ. संगीता मिश्रा जी ,  पश्चिम बंगाल इकाई अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी, बंगाल इकाई उपाध्यक्ष , छंद गुरु  आ. मनोज कुमार पुरोहित जी ,  राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी व पश्चिम बंगाल इकाई सचिव रोशन कुमार झा  ,आ. अर्चना जायसवाल जी , अलंकरण कर्ता आ. स्वाति जैसलमेरिया जी , आ. स्वाति पाण्डेय जी ,आ. रजनी हरीश , आ. रंजना बिनानी जी, आ. सुनीता मुखर्जी , आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी  , समस्त सम्मानित साहित्यकारों को शुभकामनाएं दिए ।
https://youtu.be/jmF43PF0wwU



https://coalfieldmirror.blogspot.com/2021/06/10-2021-coalfieldmirrorgmailcom.html?m=1

कोलफील्ड मिरर
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पश्चिम बंगाल

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939031646273730/?sfnsn=wiwspmo

मुख्य मंच :-
https://m.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1399215700449495/?sfnsn=wiwspmo

आ. आशुतोष कुमार जी
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1935775569932671/?sfnsn=wiwspmo


अंक - 31 से 33 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

पश्चिम बंगाल इकाई सम्मान पत्र
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939470836229811/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 30
https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1937789836397911/?sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/-gxVYTWJQqU

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

दिनांक - 11/06/2021
दिवस -  शुक्रवार
#साहित्यसंगमसंस्थान
यूट्यूब संचालक
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली
राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी
सह
पश्चिम बंगाल इकाई सचिव

आ. संगीता मिश्रा जी , पर्सनली मैसेज की रहीं ।

[11/06, 05:33] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: भईया इनका भाषण भी यू ट्यूब में अपलोड कर दीजिए🙏🏻
[11/06, 05:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: नाम बताइए
[11/06, 05:34] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: आ. भगत सिंह राणा हिमाद🙏🏻
[11/06, 05:34] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: अध्यक्ष उत्तराखंड इकाई
[11/06, 05:43] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[11/06, 05:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://youtu.be/nKU5T-OM_g8

इस सम्मान पत्र के हकदार हम नहीं है गुरु जी 🙏 , हम तो वीडियो पटल पर भेजें रहें , अभी हमें पता चला है वीडियो कामेंट बाक्स में भेजना रहा , कुछ साहित्यकार पटल पर भेजें है तो कुछ कामेंट बाक्स में , इसलिए मैं क्षमा चाहता हूँ कि जिन्हें हम बोले रहें वीडियो नहीं भेजें है शायद वे भी भेजें होंगे , अतः उन सभी को भी सम्मानित किया जाएं ।

-----------

जिनका पाँच रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है और साहित्य एक नज़र रत्न से सम्मानित नहीं किया गया है वे अपना नाम और फोटो यहां भेजिए । अभी ग्रुप खोल रहा हूँ , रचनाएं व प्रचार प्रसार सम्बंधित पोस्ट बिल्कुल न भेजें , यदि आप भेजते है तो आपको यहां से विदा किया जाएगा ।

हमें पर्सनली रचनाएं अब कोई न भेजें , दो दिन तक हम किसी का सहायता कर सकते है । यहां तो कुछ लोग ऐसे हैं अलग-अलग नाम से रचनाएं प्रकाशित करने के लिए हमें पर्सनली भेजते है , इसका जब जांच किया हूँ तो पता चला है वे उनसे पैसे लेते है , इसलिए अब से खुद की फेसबुक आइडी से रचनाएं कामेंट बाक्स में भेजें ।  जिस नाम की आइडी रहेगी उसी नाम से रचनाएं भी यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें हम विदा कर सकते है ।

सम्मान पत्र के लिए हमें पर्सनली फोन और मैसेज न करें ।

रचनाएं में बिना मतलब का स्पेस न रहें , इमोजी सब न रहें , जहां जरूरत होती है वहां मैं खुद लगा देता हूँ ।

सौ से अच्छा हम दस ही रहें ।

सफाई अभियान .....

[11/06, 11:35] प्रमोद ठाकुर: आज बड़ा हर्ष का दिन है आप सभी लोगों के सहयोग से आप सभी की पत्रिका साहित्य एक नज़र को पूरा एक माह सफलता पूर्वक पूर्ण हो गया। इसी तरह प्यार बनाइये रखें। सभी को हार्दिक बधाई।
[11/06, 11:35] +91 : बधाई
[11/06, 11:37] डॉ पल्लवी जी: 🙏👌
[11/06, 11:49] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: एक माह की यात्रा पूर्ण हुई है भाई।
संपादक,प्रकाशक जी स्वीकारें बधाई।
प्रशंसनीय श्रम आपका और
समर्पण भाव।
सबको सैर करा रही यह साहित्यिक नाव।।
प्रगति पथ बढ़ते रहे, अपनी शुभकामनाएं।
साहित्य एक नजर यह,सभी नज़र चढ़ जाए।।
डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर उत्तर प्रदेश
[11/06, 11:54] +91 : बहुत बहुत बधाई व अनंत शुभकामनाएं 💐💐💐💐

साहित्य एक नज़र के प्रकाशक  व संपादक महोदय को भी उनके कुशल संचालन व सफल नेतृत्व  के लिए बहुत बहुत बधाई ।

संगम सवेरा

https://www.sangamsavera.in/2021/06/2021_10.html?m=1

नमन 🙏 :- संगम सवेरा ।

विषय - बनें हम पर्यावरण के रक्षक ।

बनें देश ही नहीं विश्व का सच्चा सेवक ,
जी हाँ , हम और आप लेखक ।
पर्यावरण का ख़्याल करूँ बेशक ,
इस प्रकार बनूँ हम भी पर्यावरण के रक्षक ।।

पर्यावरण का हम पर भी है हक ,
तब पर्यावरण पर भी ध्यान रख ।
पर्यावरण थकता नहीं पर
खुद हम जाते थक ,
तो पर्यावरण का सेवा करों
जब तक साँस ले रहें हों तब तक ।।

तब बनोगे पर्यावरण के रक्षक ,
हम आप और भी लेखक ।।

         रोशन कुमार झा
  सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता

कविता :- 19(98)
रविवार , 16/05/2021
साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 6
संगम सवेरा
https://www.facebook.com/groups/362680897753541/permalink/781487032539590/?sfnsn=wiwspmo

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/05/1998.html
______________________________

_____
[11/06, 22:04] Ranjana Binani Jii: क्या इस तरह की एक न्यूज़ निकाली जा सकती है क्या प्लीज जरूर बताना 🙏🙏
[11/06, 22:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: ऐसे ही क्या ?

St Xavier's University, Kolkata में आ. रंजना बिनानी दीदी जी की लड़का पढ़ते है । 21:06 , व्हाट्सएप पर फोन की अपना कुछ प्रचार करवाने के लिए , बोली आपको असम इकाई का मीडिया प्रभारी पद पर मनोनीत करते हम बोले साहित्य संगम संस्थान ही हम छोड़ रहें है , पत्रिका की बात की साहित्य एक नज़र 🌅 की हम बोले सब कुछ हम ही करते है ।
____________' 

2.

साहित्य एक नज़र 🌅

[11/06, 10:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: जिनका पाँच रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है और साहित्य एक नज़र रत्न से सम्मानित नहीं किया गया है वे अपना नाम और फोटो यहां भेजिए । अभी ग्रुप खोल रहा हूँ , रचनाएं व प्रचार प्रसार सम्बंधित पोस्ट बिल्कुल न भेजें , यदि आप भेजते है तो आपको यहां से विदा किया जाएगा ।

हमें पर्सनली रचनाएं अब कोई न भेजें , दो दिन तक हम किसी का सहायता कर सकते है । यहां तो कुछ लोग ऐसे हैं अलग-अलग नाम से रचनाएं प्रकाशित करने के लिए हमें पर्सनली भेजते है , इसका जब जांच किया हूँ तो पता चला है वे उनसे पैसे लेते है , इसलिए अब से खुद की फेसबुक आइडी से रचनाएं कामेंट बाक्स में भेजें ।  जिस नाम की आइडी रहेगी उसी नाम से रचनाएं भी यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें हम विदा कर सकते है ।

सम्मान पत्र के लिए हमें पर्सनली फोन और मैसेज न करें ।

रचनाएं में बिना मतलब का स्पेस न रहें , इमोजी सब न रहें , जहां जरूरत होती है वहां मैं खुद लगा देता हूँ ।

सौ से अच्छा हम दस ही रहें ।

सफाई अभियान .....

नोट:- कृपया क्रम बढ़ाते जाये एवं   क्रम को अव्यवस्थित न करें तो बड़ी महरबानी होगी।
[11/06, 11:24] साहित्य 06/06: 👍🏾👍🏾💐
[11/06, 11:35] प्रमोद ठाकुर: आज बड़ा हर्ष का दिन है आप सभी लोगों के सहयोग से आप सभी की पत्रिका साहित्य एक नज़र को पूरा एक माह सफलता पूर्वक पूर्ण हो गया। इसी तरह प्यार बनाइये रखें। सभी को हार्दिक बधाई।
[11/06, 11:35] +91 : बधाई
[11/06, 11:37] डॉ पल्लवी जी: 🙏👌
[11/06, 11:49] डॉ सुनील जी, अभिव्यक्ति: एक माह की यात्रा पूर्ण हुई है भाई।
संपादक,प्रकाशक जी स्वीकारें बधाई।
प्रशंसनीय श्रम आपका और
समर्पण भाव।
सबको सैर करा रही यह साहित्यिक नाव।।
प्रगति पथ बढ़ते रहे, अपनी शुभकामनाएं।
साहित्य एक नजर यह,सभी नज़र चढ़ जाए।।
डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर उत्तर प्रदेश
[11/06, 11:54] +91 : बहुत बहुत बधाई व अनंत शुभकामनाएं 💐💐💐💐

साहित्य एक नज़र के प्रकाशक  व संपादक महोदय को भी उनके कुशल संचालन व सफल नेतृत्व  के लिए बहुत बहुत बधाई ।
[11/06, 12:04] आ सपना जी: साहित्य एक नज़र
💐💐💐💐
 
आओ मिलकर सब आज
खुशियां मनायें
हम सबकी चेहती पत्रिका
साहित्य एक नज़र का
पूरा हुआ आज एक माह
मिलकर इसे बधाई दे...

मिलकर ऐसी क़लम चलानी
सकारात्मकता से भरी हो बानी
पत्रिका यह जो पढ़ता जाए
जीवन उसका सुखमय गाए
ईर्ष्या, द्वेष-विद्वेष छोड़कर
वह  प्रेम भाव रस बरसाए...

नैतिक मूल्य इसमें हैं गढ़ने
खुशियों के संसार हैं रचने
सबका होगा सपना पूरा
एक दूजे का हाथ थामकर
फ़र्ज़ निभाएँगे जब हम पूरा।

चार दिशा  फैलेगा प्रकाश
सबको मिलेगा मान और आस
देशप्रेम, भाईचारा सौग़ात
घर-घर पहुँचाएँगे उत्साह  साथ।

दिल में बसे बस ख़्वाहिश इतनी
सबको नूतन राह दिखाएँ
नित नित ऐसा प्रयास हम करें
शिखरों तक इसे लेकर जाएँ।।

सपना "नम्रता"
दिल्ली।
[11/06, 12:18] +91 : बधाइयां स्वीकार करे, महोदय
[11/06, 12:43] +91 : अंतराष्ट्रीय साझा काव्य संकलन
"साहित्य सरिता"
1. साहित्य एक नज़र ई पत्रिका एवं डायरी प्रकाशन के सहयोग से प्रकाशित किया जा रहा है।

2.रचनाकार अपनी तीन रचनायें परिचय एवं एक फ़ोटो, तीनों रचनाओं में से 2 रचनायें चुनी जाएगी अगर तीनों रचनायें ठीक नहीं हुई तो निरस्त कर दी जाएगी।

3. चुने गये रचनाकारों को चयन प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

4. रचनायें त्रुटी रहित होनी चाहिये।

5. कोई विषय नहीं है किसी भी विषय पर भेज सकते हैं।

6. रचनायें अप्रकाशित एवं पूर्णता स्वरचित होनी चाहिये।

7. एक रचनाकार तीन से अधिक रचनायें नहीं भेज सकता।

8. रचनायें राजनैतिक या किसी धर्म को ठेस पहुँचाने वाली न हो।

9. रचनायें चयन एवं निरस्त करने का पूर्ण अधिकार चयन मण्डल का होगा।

10. अंतराष्ट्रीय काव्य संकलन पेपर बुक एवं ई बुक दोनों में रहेगा जिसके एक पेज पर रचनाकार का परिचय एवं दो पेज पर रचनायें रहेंगी।

11. पेपर बुक और ई बुक अमेज़ॉन, फ्लिपकार्ट, किंडल, गूगल बुक, प्रकाशक की वेव साइट एवं बुक स्टोर पर उपलब्ध रहेगी । इसका प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर एवं ऑन लाइन(सम्भवता उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा) विमोचन किया जाएगा।

12. हमारी दैनिक ई पत्रिका साहित्य एक नज़र में प्रत्येक रचनाकार की रचना की समीक्षा, परिचय , फ़ोटो प्रकाशित किया जाएगा एवं समीक्षा सम्मान पत्र दिया जाएगा।

13. सभी रचनाकारों की रचनाओं के सर्वाधिकार सम्पादक के पास सुरक्षित रहेंगे।

14. प्रत्येक रचनाकार को एक लेखक प्रति स्पीड पोस्ट द्वारा भेजी जाएगी। अगर एक से ज्यादा प्रति खरीदना चाहते हो तो पुस्तक की कीमत से 20%डिस्काउंट पर मिलेगी।

15. प्रत्येक रचनाकार अपनी रचनायें, परिचय एवं फ़ोटो एक बार में वाट्सएप्प नम्बर 9753877785 पर प्रेषित करें।

16. रचना के चयन होने पर रचनाकार को 500/- की सहयोग राशि फोन पे/पेटीएम द्वारा 9753877785 पर भेजना होगा

17. पुस्तक ISBN के साथ वर्ड वाइड प्रकाशित की जाएगी जो हर देश में ऑन लाइन उपलब्ध  रहेगी।

18. रचनायें केवल 30 जून 2021 तक ही भेज सकते है बाद में भेजी गयीं रचनाओं पर विचार नहीं किया जायेगा।

कृपया जो भी इस अंतराष्ट्रीय काव्य संकलन का हिस्सा बनना चाहता हो कृपया नीचे लिस्ट में नाम जोड़ें एवं मोबाइल नम्बर 9753877785 पर रचनायें , परिचय एवं फ़ोटो भेजे साथ मे मौलिक रचना ज़रूर लिखे।

1.पुष्प कुमार महाराज-गोरखपुर-

2 अर्चना जोशी भोपाल

3 नीरज सेन कलम प्रहरी गुना

4 सुजीत  जायसवाल जीत सराय आकिल प्रयागराज 226

5  डॉक्टर जनार्दन प्रसाद कैरवाल ऋषिकेश उत्तराखंड

6 डा.मंजु अरोरा, जालंधर ,
    पंजाब, 98140-81673

7  नलनी तिवारी शहडोल मध्यप्रदेश

8 डॉक्टर रानी गुप्ता सूरत गुजरात

9 दीन दयाल सोनी बाँदा

10 पूजा सिंह

11. मधू आँधीवाल अलीगढ़

12. अल्पना चौधरी इलाहाबाद

13. अजीत कुमार कुंभकार

14.मधू खन्ना  सिडनी ऑस्ट्रेलिया

15. वीणा सिन्हा न्यूजर्सी अमेरिका
16 प्रणय श्रीवास्तव *अश्क*
बालाघाट मध्यप्रदेश से

नोट:- कृपया क्रम बढ़ाते जाये एवं   क्रम को अव्यवस्थित न करें तो बड़ी महरबानी होगी।
[11/06, 12:50] +91 : बहुत बहुत बधाइयां महाशय 💐
[11/06, 14:28] +91 : *महाराष्ट्र की शान ठाणे, भिवंडी, कल्याण, उल्हासनगर के सभी रहिवासी कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं साथ ही आप अपने मित्रों व परिचितों को भी कार्यक्रम में सम्मिलित करिए।*🌷🌷🌷

*भारत हूॅं संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार बिजय कुमार जैन का आह्वान भारत को 'भारत' ही बोला जाए*

*ज़ूम पर ई-कार्यक्रम*

विषय: *मैं भारत हूॅं संघ द्वारा आयोजित 'ठाणे' नवरत्न सम्मान समारोह*

*समय*: Jun 12 2021, शाम  5:00 बजे, भारत

*ज़ूम ई-कार्यक्रम का लिंक*

https://us02web.zoom.us/j/86350466593?pwd=VGRXS3dTWVpuNWRGek1YSTZ3NERzUT09

Meeting ID: 863 5046 6593
Passcode: 820962
[11/06, 14:33] आ. शायर देव जी: ओह! माँ हिंदी की सेवा और सुरक्षा में भी रिश्वतखोरी। खैर देर से ही सही पर जिस दिन जगेंगे' उस दिन खुद को ही धिक्कारेगे।
[11/06, 14:35] आ. शायर देव जी: वाह्ह्ह्ह जी
अत्यंत सुखद और पावन दिवस ।
सम्मानीय संपादक मण्डल को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनायें 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
[11/06, 14:36] प्रमोद ठाकुर: क्या बात है आदरणीय
[11/06, 14:37] आ. शायर देव जी: वाह्ह्ह्ह जी
हार्दिक बधाई 🌹' तहे-दिल से शुक्रिया 🙏
[11/06, 14:38] आ. शायर देव जी: सादर नमन् आदरणीय श्री 🙏🌹
[11/06, 15:50] सु: ******** दुल्हन पिया घर चली (गीत)*********
***************************************

लाल जोड़े में सज धज तैयार दुल्हन पिया घर चली,
सूना कर के बाबुल का द्वार   दुल्हन  पिया घर चली।


लाल जोड़े में सज धज तैयार दुल्हन पिया घर चली।
सूना कर के  बाबुल  का द्वार  दुल्हन पिया घर चली।
****************************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
रिमूव
[11/06, 15:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: पागल है हम
[11/06, 15:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: जिनका पाँच रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है और साहित्य एक नज़र रत्न से सम्मानित नहीं किया गया है वे अपना नाम और फोटो यहां भेजिए । अभी ग्रुप खोल रहा हूँ , रचनाएं व प्रचार प्रसार सम्बंधित पोस्ट बिल्कुल न भेजें , यदि आप भेजते है तो आपको यहां से विदा किया जाएगा ।

हमें पर्सनली रचनाएं अब कोई न भेजें , दो दिन तक हम किसी का सहायता कर सकते है । यहां तो कुछ लोग ऐसे हैं अलग-अलग नाम से रचनाएं प्रकाशित करने के लिए हमें पर्सनली भेजते है , इसका जब जांच किया हूँ तो पता चला है वे उनसे पैसे लेते है , इसलिए अब से खुद की फेसबुक आइडी से रचनाएं कामेंट बाक्स में भेजें ।  जिस नाम की आइडी रहेगी उसी नाम से रचनाएं भी यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें हम विदा कर सकते है ।

सम्मान पत्र के लिए हमें पर्सनली फोन और मैसेज न करें ।

रचनाएं में बिना मतलब का स्पेस न रहें , इमोजी सब न रहें , जहां जरूरत होती है वहां मैं खुद लगा देता हूँ ।

सौ से अच्छा हम दस ही रहें ।

सफाई अभियान .....
[11/06, 16:00] +91 50: 🌹🌹🌷🙏🌷🌹🌹
एक माह पूर्ण हुआ है साहित्य के क्षेत्र में,
सुनहरा रहा जिनका सफ़र।
अभिवादन स्वीकार हो आदरणीय
संपादक,
प्रकाशक सहित पूरे परिवार साहित्य एक नज़र।
हर रचनाकारों की रचना को प्रमुखता देने में जो रहते सदा तत्पर।
बधाई हो साहित्य परिवार को 🌹
आज इनकी ख्याति पहुंच गई हर राज्य, जिला, गांव, और शहर ~ शहर ।
                भीम कुमार
      गांवा, गिरिडीह, झारखंड
[11/06, 18:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/dxqp/
[11/06, 18:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐
[11/06, 20:02] +91 : *कार्यक्रम जारी है*.... *विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस* तथा *सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई पत्रिका* के संयुक्त तत्वावधान में *मॉरीशस के  सुप्रसिद्ध लेखक  रामदेव धुरंधर के 75 वें जन्मदिन पर* आयोजित *अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी और पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम*, 11 जून, 2021, समय : शाम 7:30 बजे (भारत), *गूगल मीट लिंक* : https://meet.google.com/jej-kffs-ibz *फ़ेसबुक लाइव* (जारी है) :
रिमूव https://www.facebook.com/watch/?v=249730130248160
[11/06, 20:57] सुधीर श्रीवास्तव जी: बहुत सही सटीक विचार
[11/06, 21:22] +91 26: ✍️स्वरचित 🙏  "नगर पंचायत सरायआकिल"

नगरी अलबेली सरायआकिल मे मिलती भाँग की गोली


  पाक़ मज़ार वहां बना हुआ है सरायआकिल नगर हवेली परिसर मे उनका भवन आज भी है जहाँ मान्यता है आज भी बाबा यहाँ सबका कल्याण करते हैं मेरा बाबा को भावपूर्ण श्रद्धांजलि एवं सादर नमन 🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿
            
                 ©️®️
✍️सुजीत जायसवाल 'जीत'
           लक्ष्मी गारमेंट्स
       सरायआकिल कौशाम्बी
   ( युवा कवि/गीतकार/ मंच संचालक )
रिमूव किए - 3
     
         Email-sujeetuptiger@gmail.com

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[11/06, 00:35] डॉ पल्लवी जी: अंक 32-33 में प्रकाशन के निमित्त।🙏
[11/06, 05:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात 🙏
[11/06, 11:05] डॉ पल्लवी जी: शुभ प्रभात बंधु। 🙏
[11/06, 11:06] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात दीदी जी 🙏💐
[11/06, 21:52] डॉ पल्लवी जी: बहुत-बहुत आभार।🙏
[11/06, 22:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏💐
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आ. प्रमोद ठाकुर जी

[11/06, 05:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात 🙏 सर जी 🙏
[11/06, 14:07] प्रमोद ठाकुर: 74 ये इनका नम्बर है ये न्यूज़ निकल बाना चाहते है आप बात करले काफी परेशान है
[11/06, 14:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: Isiko block किए रहें पता है
[11/06, 14:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहीं तो बोला रहा लिंक भेजने
[11/06, 14:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: मेरा पर्सनल आइडी पर भी कामेंट किया रहा
[11/06, 14:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: रहने दीजिए
[11/06, 14:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: अभी मत बताइए आज हम प्रकाशित कर देंगे ।
[11/06, 14:35] प्रमोद ठाकुर: जी ठीक है
[11/06, 14:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏
[11/06, 15:27] प्रमोद ठाकुर: आज ये लगाइएगा पत्रिका में
[11/06, 15:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[11/06, 21:33] प्रमोद ठाकुर: 12 जून 2021 के लिए समीक्षा
[11/06, 21:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: भेजिए
[11/06, 21:39] प्रमोद ठाकुर: फ़ोटो में नीचे केवल नाम पता और नम्बर रहेगा
[11/06, 21:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[11/06, 22:06] प्रमोद ठाकुर: श्री रामकरण साहू "सजल" जी का कविता संग्रह "शबनम की बूँदें"

समीक्षा

आज मेरी कलम रूक नहीं रही  शब्दों और अल्फ़ाज़ों का एक दरिया बह निकला है। मैं उनकी तारीफ में क्या लिखूँ। सोचता हूँ आपके निहायत मुख़्तसर से साहित्यिक सफर के कुछ रंग पेश करू इनकी एक रचना जो इस "शबनम की बूँदें" कविता संग्रह में है। और मुझें बहुत पसंद आयी सो मुलाहिज़ा फरमाइये।

"गौरैया मुझसे,
करना चाहती थी बात।
किन्तू वह करे क्या,
गिरवी थी उसकी ज़ुबान।

एक सफल कविता के कुछ आयाम होते है। कविता के सृजन में सबसे पहले विष्यवस्तू, भाव और व्याकरण की गुणवक्ता ये कविता की सर्वग्रहिता का कारण होते है।कहते है कवि समन्दर से मोती निकल लाते हैं। लेकिन सजल साहब समन्दर से नहीं दिल के एक-एक भाव को अपनी कविता में रख देते हैं।  श्री रामकरण साहू "सजल"जी आज समाज में फैले तिमिर को चीरते अपनी कलम से चिराग़-ए-रोशन कर रहें हैं। इस संग्रह में भी आपने हमारें गाँव की रिवायतों और तहज़ीब को बरकरार रखा हैं।कल्पना के अथाह सागर में गोते लगते इस संग्रह के एक - एक विषय को ऐसे चुना है जैसे समन्दर से सीपियाँ और ज्येष्ठ माह में जुगनू आप साहित्य के ऐसे नुमाइंदे है ऐसा लगता है ऐसा लगता है जैसे आपका हर उस विषय से ताल्लुक़ है जो साहित्यकार सोच भी नहीं पाते ऐसे ही विषयों का सृजन है आपका कविता संग्रह "शबनम की बूँदें" ।

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[11/06, 05:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: शुभ प्रभात
[11/06, 05:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: आपसे ये उम्मीद नहीं रहीं
[11/06, 05:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: पोस्टर पढ़ लिया कीजिए
[11/06, 05:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: कल आपकी रचना प्रकाशित हुई फिर भेजें है ।
[11/06, 05:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: पढ़िए पोस्टर
[11/06, 07:35] आ प्रभात जी: सर मै क्षमा चाहता हूँ
[11/06, 07:35] आ प्रभात जी: मैं आगे के लिए
[11/06, 07:35] आ प्रभात जी: दिया था
[11/06, 07:36] आ प्रभात जी: यह बात आपकी सत्य  है
[11/06, 07:36] आ प्रभात जी: सर
[11/06, 07:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: दूसरी पोस्टर में देना रहता पढ़ो पोस्टर
[11/06, 07:36] आ प्रभात जी: और सर इसके लिए क्षमा किजीये मुझे
[11/06, 07:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: आपको फोन करूं
[11/06, 07:37] आ प्रभात जी: मैं  अब इस पत्रिका के
[11/06, 07:37] आ प्रभात जी: हाँ
[11/06, 07:37] आ प्रभात जी: सर किजिए आप
[11/06, 07:37] आ प्रभात जी: अभी
[11/06, 07:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏
[11/06, 21:37] आ प्रभात जी: Hii sir
[11/06, 21:37] आ प्रभात जी: Aapke pass kuch time ho  to bat ho jaye
[11/06, 21:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी बोलिए
[11/06, 21:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏
[11/06, 21:38] आ प्रभात जी: इसके लिए बहुत बहुत आभार आपका सर
[11/06, 21:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[11/06, 21:38] आ प्रभात जी: लेकिन यह सम्मान आप 5 के बाद देते है
[11/06, 21:38] आ प्रभात जी: सर
[11/06, 21:39] आ प्रभात जी: 5 रचना
[11/06, 21:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: बाकी के लिए
[11/06, 21:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: अपनों के लिए नहीं
[11/06, 21:40] आ प्रभात जी: क्या फिर से कुछ त्रुटि हुई मझसे सर
[11/06, 21:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप अपने हो
[11/06, 21:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: क्या बोलिए
[11/06, 21:40] आ प्रभात जी: आपका  सदा आभारी रहूँगा मैं
[11/06, 21:41] आ प्रभात जी: सर आपका एहसान कभी नहीं भूलूंगा मैं
[11/06, 21:41] आ प्रभात जी: ये शब्दो और वर्णो,जिस विधा की बात करते हो

जहाँ पर मौन रहना है,वहीं संवाद करते हो

तुम्हारी इस कुशलता का,बहुत मैं दाद देता हूँ

जहाँ संदर्भ लिखना था,वहाँ अनुवाद लिखते हो
[11/06, 21:42] आ प्रभात जी: मेरी इस रचना में किसी प्रकार कि त्रुटि है
[11/06, 21:42] आ प्रभात जी: क्या कृपया बताये सर
[11/06, 21:42] आ प्रभात जी: आप भी एक लेखक है
[11/06, 21:44] आ प्रभात जी: और आपसे एक और बात कहनी  थी की कहीं भी किसी भी प्रकार की प्रतियोगीता या पत्रिका निकलती हो
[11/06, 21:44] आ प्रभात जी: आपको पता हो तो सर आप मुझे बताया करें
[11/06, 21:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: वर्णों
[11/06, 21:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी संवेदनशील रचना
[11/06, 21:46] आ प्रभात जी: अच्छा मात्रा नहीं है
[11/06, 21:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: अवश्य
[11/06, 21:46] आ प्रभात जी: सही कहा आपने
[11/06, 21:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: बढ़िया है
[11/06, 21:47] आ प्रभात जी: पूछने कारण यह था
[11/06, 21:48] आ प्रभात जी: यहाँ ? मार्क आ गया मुझे
[11/06, 21:48] आ प्रभात जी: मुझे लगा रचना गलत लिखा है मैंने
[11/06, 21:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: अच्छा है
[11/06, 21:55] आ प्रभात जी: सादर आभार 🙏🙏
[11/06, 23:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐

फोन किए बोले महाराष्ट्र में काम करते हैं
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77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan

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साहित्य एक नज़र , व्हाट्सएप ग्रुप - 2
[11/06, 21:52] +91 46: श्री मान मैं मोबाइल ठीक तरह से नहीं चला पाता हूँ प्लीज रचना वाट्सएप या जीमेल भेज सकता हूँ।
[11/06, 21:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: 6290640716 पर आइडी  प्रूफ के साथ भेजिए

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[11/06, 15:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: आब जे कियो ग्रुप में रचना भेजत रिमूब कअ देबअ के छैय
[11/06, 16:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: एडमिड बना देनोऊ
[11/06, 16:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: अहा के
[11/06, 16:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक गो के अखन रिमूव केरियेअ
[11/06, 16:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: माह के संदेश छैत
[11/06, 16:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: कनि पढ़ लेब
[11/06, 16:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: यदि शुभ संदेश के अलावा रचना रहे तअ रिमूब कअ देबअ के छैय
[11/06, 16:02] ज्योति झा जी: अच्छा
[11/06, 21:11] ज्योति झा जी: जे चैल गेलैयथ, तिनका जेय दियौंन
अहाँ नैय जेब, अखन त' नैय जेब
बाकि अैयछ अखन अहाँक के
बरखा'क के गीत सुनेब
अछि बंद फाटक सब घर'क, अनहार रैत के छैल
विपिन'क अंचल मे चंचल, पवन चलल अकुलेल
दीप बुझल, से बुझ दियौं, अहाँ अपन मोन'क दीप जरेब
अहाँ अपन हाथ बढ़ा कँ, मोन'क स्पर्श बढ़ेब
हम जखन अपन गीत कहब, अहाँ तल सँ ताल मिलेब
अहाँ अपन मधुर मुस्की स' सुर मे साज सजेब
जैना  सरिता'क के निर्मल जल मे बरखा झर झर झरेत
तहिना अहाँ हमर गीत मे भ' मगन मुग्ध बही जेब
अहाँ, हमर गीतक सुर मे साज सजेब
अहाँ अखन नैय जेब, अहाँ अखन नैय जेब
[11/06, 21:12] ज्योति झा जी: भायजी अैय मे जे अशुद्धि भेल होय ओ बतेब
[11/06, 21:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: नीक अछि
[11/06, 21:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: दीप जलेब
[11/06, 21:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: बाकी नीक
[11/06, 21:22] ज्योति झा जी: धन्यवाद भायजी 🙏🏼😊
[11/06, 21:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏 बहिन
[11/06, 21:38] ज्योति झा जी: 🥰🙏🏼
[12/06, 00:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏💐🙏

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[11/06, 11:31] सुधीर श्रीवास्तव जी: मेरा भी सम्मान पत्र बनना है अनुज
[11/06, 12:06] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐

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[11/06, 14:41] +91 : Hi
[11/06, 15:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: बोलिए
[11/06, 15:01] +91 : जी आपकी दैनिक पत्रिका है
[11/06, 15:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[11/06, 15:04] +91 : मुझे भी अपन का लिखा हुआ प्राकाशित करवाना है
[11/06, 15:04] +91 : क्या procedure है
[11/06, 18:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: फेसबुक पर कामेंट बाक्स में भेजिए
[11/06, 20:35] +91 : Apka fb link beje plz
[11/06, 20:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo
[11/06, 20:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: इसे पढ़ लीजिए
[11/06, 20:38] +91 005: Thanks

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स्काउट
[08/06, 08:38] साहित्य 06/06: मैं रामकृष्ण पोखरियाल सरस प्रमाणित करता हूं कि उपरोक्त रचना मेरी अपनी मौलिक है इसे अभी तक कहीं अन्यत्र पत्र-पत्रिकाओं में  प्रकाशित नहीं किया गया है और मैं इसे साहित्य एक नजर कोलकाता से प्रकाशित पत्रिका में प्रकाशनार्थ प्रेषित कर रहा हूं
स्थान ऋषिकेश
दिनांक 7 जून 2021
[11/06, 20:07] साहित्य 06/06: आदरणीय रोशन जी सादर नमस्कार विचार है कि इसको मिलाकर के दो रचनाएं और प्रेषित कर साझा काव्य संग्रह प्रकाशन में भेजूं साथ ही पूरा परिचय कल तक भेज दूंगा जैसे आप बताएं
रचना स्वीकृत होने के बाद प्रकाशन सहयोग भेज दिया जायेगा👏🏽
[11/06, 20:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐

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3.
संगम सचिव , व्हाट्सएप ग्रुप

[11/06, 00:00] Roshan Kumar Jha, रोशन: साहित्य संगम संस्थान फेसबुक पर संचालित इकाइयां और आज किया गया विषय प्रवर्तन
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

दैनिक विषय प्रवर्तन सूची 11/6/2021
👍👍👍👍👍👍

1- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई  ✅
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/

2 साहित्य संगम संस्थान जम्मू कश्मीर इकाई https://www.facebook.com/groups/538091520508075/?ref=share

3 साहित्य संगम संस्थान राजस्थान इकाई https://www.facebook.com/groups/2609033289420122/?ref=share

4 तेलंगाना इकाई साहित्य संगम संस्थानhttps://www.facebook.com/groups/733111980924340/?ref=share

5 साहित्य संगम संस्थान उड़ीसा इकाई https://www.facebook.com/groups/418889736095954/?ref=share

6 साहित्य संगम संस्थान महाराष्ट्र इकाईhttps://www.facebook.com/groups/319856025911121/?ref=share

7-  साहित्य संगम संस्थान दिल्ली इकाई https://www.facebook.com/groups/789691235131619/?ref=share

8 -  साहित्य संगम संस्थान उत्तराखंड इकाई https://www.facebook.com/groups/219428686275020/?ref=share

9- साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई https://www.facebook.com/groups/690267965033102/?ref=share

10-  साहित्य संगम संस्थान पंजाब इकाई https://www.facebook.com/groups/244001030419140/?ref=share

11 साहित्य संगम संस्थान बिहार इकाई https://www.facebook.com/groups/351043012608605/?ref=share

12 साहित्य संगम संस्थान उत्तर प्रदेश इकाईhttps://www.facebook.com/groups/203753100596285/?ref=share

13- साहित्य संगम संस्थान  छत्तीसगढ़ इकाई
https://www.facebook.com/groups/657033671596487/?ref=share

14. साहित्य संगम संस्थान तमिलनाडु इकाई (दो दिवसीय)https://www.facebook.com/groups/3538796993012375/?ref=share

15 साहित्य संगम संस्थान गुजरात इकाई https://www.facebook.com/groups/820559168735062/?ref=share

16 साहित्य संगम संस्थान झारखण्ड इकाई https://www.facebook.com/groups/312357299864682/?ref=share

17 साहित्य संगम संस्थान मध्यप्रदेश इकाईhttps://www.facebook.com/groups/2511593195820656/?ref=share

18 साहित्य संगम संस्थान असम इकाईhttps://www.facebook.com/groups/3349261775136126/?ref=share

19 साहित्य‌ संगम संस्थान हिमाचल इकाई https://www.facebook.com/groups/197344962089192/?ref=share

20 साहित्य संगम संस्थान मुख्य मंच
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/?ref=share

21- साहित्य संगम संस्थान छंदशाला (तीन कार्यक्रम चल रहे हैं) https://www.facebook.com/groups/778575075627711/?ref=share

22- साहित्य संगम संस्थान दोहाशालाhttps://www.facebook.com/groups/3207654099246929/?ref=share
[11/06, 00:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: साहित्य संगम संस्थान, पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 10/06/2021
दिवस :- गुरुवार
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1938993956277499/?sfnsn=wiwspmo
[11/06, 13:05] साहित्य राज: सम्मानीय सचिवों को भी कुछ-कुछ करते रहना चाहिए।
🙏😀🙏😀🙏😀🙏😀🙏

जैसे अध्यक्षगण भाषण दे रहे हैं वैसे सचिव मंडली भी दूसरी ओर से जोर लगाए।

चलिए आप लोग यदि कुछ करना चाहें तो उद्बोधन लिख-लिख कर यहां रखें। एक - एक दिन अपनी इकाई में पोस्ट करें। जिसे सब जगह सब लोग मिलकर शेयर करें।
🙏💐🙏💐🙏💐🙏

🙏😀निबंध प्रतियोगिता टाइप 😀🙏

बाज में जब अध्यक्ष मंडली का उद्बोधन हो जाएगा तो फिर सचिव मंडली इसी लिखित को बांटकर मंचों पर पोस्ट करेंगे।
👍👍🙏🙏🙏🙏👍👍
[11/06, 13:06] साहित्य राज: विषय-

*आइए, संगम में होता लगाइए। लिखिए-लिखाइए, पढ़िए-पढाइए।*
[11/06, 13:07] साहित्य राज: पर इस गतिविधि 🎷 से मंचों पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े। वहां एक रचना नित्य और समीक्षा जरूर करें।
🙏🙏🙏🙏
[11/06, 13:30] साहित्य राज: *आइए, संगम में होता लगाइए। लिखिए-लिखाइए, पढ़िए-पढाइए।*

*साहित्य संगम संस्थान जैसा मंच दुनिया में नहीं होगा।*

पूरी दुनिया एक का दो करने में लगी है। पैसा परमेश्वर हो गया। लोग मंच बनाकर धनागम का जरिया खोजते चलते हैं। उनका दृष्टिकोण सिर्फ और सिर्फ व्यावसायिक है। मानवमूल्य किताबों की वस्तु हो गए हैं। जबकि साहित्य संगम संस्थान सबके प्रयास - सबके विश्वास और सबके विकास का मंच है। श्रम व निष्ठा से यहां विश्वास कमाया जाता है और खुद से अधिक अन्यों के प्रोत्साहन और सम्मान के लिए देश भर के लोग अपनी इच्छा से अहर्निश समयदान देते हैं। यह मंच पूरे देश का आकर्षण हो रहा है। नित्य हजारों लोग विविध इकाइयों और शालाओं में जुड रहे हैं। नित्य दोहा, छंद, ग़ज़ल, गीत, कविता, निबंध, संपादन, अलंकरण अपनी सुविधानुसार निशुल्क रूप से सीख और सिखा रहे हैं। यहां कोई भी अच्छा कार्य करने से पहले किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

इतना ही नहीं, बहुत से लोग सीखकर भयंकर सिखाते भी हैं। कुछ तो सीखकर यायावरी करने लगते हैं। कुछ अपने बाप दादों के नाम से मंच बनाकर उनका नाम रोशन करने लगते हैं। फिर जब थक-हार जाते हैं। तो पुनः संगम के घाट पर अपना मनो मालिन्य धोने पहुंच जाते हैं। तब भी उन्हें उसी स्नेह और प्यार से गले लगाया जाता है। भला ऐसा कोई होगा जो बिना मतलब में किसी को तवज्जो दे। जब लोग यहां सीख जाते हैं तो जोर आजमाइश करने दूसरी जगह जाते हैं। वहां जब ठगे जाते हैं तो फिर संगम की याद आती है। यहां ऐसी व्यवस्था इसीलिए है, क्योंकि यह हम सबका मंच है। कोई इसका मालिक तो है नहीं। हां जो सेवा भाव से कुछ करना चाहते हैं वे इसकी देखरेख करते हैं। ऐसे सेवाभावी साहित्यकारों और देवियों को भरपूर सहयोग मिलता है। न जाने कितने पतित पावन होकर महान/संस्थापक/अध्यक्ष बन गए। जिससे सीखा और ज्ञान पाया उसे ही पददलित करने लगे। पर संगम में कोई किसी का कभी अहित करने की सोचता भी नहीं। जितना जिससे बन सके सहयोग और प्रोत्साहन ही दिया जाता है।

आइए, लिखिए और लिखाइए, पढिए और पढ़ाइए। वह भी अपनी इच्छा से। ध्यान रहे आप इसके सदस्य तभी मैंने जाएंगे जब आप एक दायित्व लेकर श्रमदान करते हुए साहित्य सेवा करें। नित्य एक रचना करके अधिक से अधिक लोगों की रचनाएं पढ़कर समीक्षात्मक टिप्पणी करें। कम से कम पांच टिप्पणियां तो अनिवार्य हैं। यह खुला मंच है वह करके दिखाने का जो कभी किसी मजबूरी के कारण आप नहीं कर पाए। जीवन की आपाधापी में कुंठा का शिकार हुए। आशा, उल्लास, प्रेरणा, प्रोत्साहन, सम्मान और विद्या  बांटिए। क्योंकि ये बांटने से ही बढते हैं। दुनिया ने दान को भूलकर अपना उदर भरने का जो गलत रास्ता अपना लिया है इसी कारण त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है। संगम में सद्गुणों का संगम हो। हम सबके अच्छे भावों का पल्लवन। क्या आपको यह स्वीकार है? तो आइए।


राज वीर सिंह
[11/06, 13:38] साहित्य राज: https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1243746202726299&id=100012727929862

इस लिंक को छूकर चाहें तो अपनी अपनी इकाई में शेयर कर लें।
🙏💐🙏💐🙏💐🙏
[11/06, 13:40] साहित्य राज: होता का गोता कर दिया है फेसबुक पर
😀🙏😀🙏😀🙏
[11/06, 16:57] +91 94224 75278: 👏👏🙏जी जरूर
[11/06, 19:49] साहित्य राज: 🙏🌹एक विनम्र निवेदन🌹🙏

साहित्य संगम संस्थान में एक महीने के लिए साहित्यकारों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है। कुछ शरारती तत्व/बहरूपिए कभी सलमान खान की फोटो लगाकर तो कभी हिंदी साहित्य मंच बनाकर संगम में कूड़ा करकट फेकने आ रहे हैं। खुद तो कुछ कर नहीं सकते, भेष बदलकर अबला को डराने-धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सोशल मीडिया पर सुबक-सुबककर रोते देखा और सुना है। जिससे आप सामने से परिचित हों उसे ही प्रवेश दें।
🙏🌹🙏

अब हमें प्रवेश को नियमों पर थोड़ा शख्त होना चाहिए। वरना एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है। पहले व्हाट्स ऐप पर प्रवेश देने से पहले हम लोग विधिवत् इंटरव्यू लेते थे। हमारा चुने हुए विद्वानों का इंटरव्यू बोर्ड था।
🙏क्या ऐसा कुछ फेसबुक पर कर सकते हैं?🙏
[11/06, 20:28] +91 98272 39737: उत्तम विचार
____________
[11/06, 09:32] आ सपना जी: सात फेरों से बंधा यह प्यार का बंधन,
जीवन भर यूं ही बंधा रहे,
किसी की नजर ना लगे आपके दोनों के प्यार को और आप दोनों यूं ही हर साल सालगिरह मनाते रहे। मेरी तरफ से शादी की वर्षगांठ की ढेरों शुभकामनाएं💐💐💐प्रिय सखी💐💐💐💐💐💐💐💐💐
  11/06/2021
   
      तुम्हारी सखी
        सपना नेगी।
[11/06, 09:32] आ सपना जी: सादर नमन आदरणीय।
पत्रिका में आज अगर जगह हो तो इसे भी स्थान ज़रूर दीजिएगा।
सादर धन्यवाद सहित
सपना।
[11/06, 09:46] आ सपना जी: मेरा छायाचित्र अगर नीचे साथ में देने की जरूरत लगे तो।
[11/06, 09:46] आ सपना जी: शुभ दिन💐
[11/06, 09:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[11/06, 10:02] आ सपना जी: 😊
[11/06, 19:05] आ सपना जी: हार्दिक धन्यवाद आदरणीय💐
[11/06, 19:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[11/06, 20:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: ऊपर का स्कीनशार्ट भेजिए
[11/06, 20:28] आ सपना जी: जी आदरणीय।
[11/06, 20:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: अपना ग्रुप समझकर कुछ तक बार बार ग्रुप में जाते रहिए ठीक हो जाएगा
[11/06, 20:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: गलती से भी व्हाटसाप ग्रुप में रचना मत भेजिएगा
[11/06, 20:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: देखें है न आज दो महान को विदा कर दिए
[11/06, 20:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: अपना पत्रिका है
[11/06, 20:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: अभी औरों को निकालेंगे
[11/06, 20:35] आ सपना जी: 🥲🥲जाती रहती हूँ आदरणीय। पर चाह कर भी कमेंट नहीं कर पाती
[11/06, 20:35] आ सपना जी: जी आदरणीय। नियम जरूरी है, सबको उसका पालन भी करना चाहिए
[11/06, 20:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn
[11/06, 20:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: हो जायेगा
[11/06, 20:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: ये अपना दूसरी है
[11/06, 20:37] आ सपना जी: ओके
[11/06, 20:38] आ सपना जी: मैं तो पहले में शामिल हूँ..यह उनके लिए होगा जो पहले में शामिल न हो।
[11/06, 20:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[11/06, 20:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: पर आप चाहें तो हो सकती हो
[11/06, 20:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: क्योंकि नया आयेंगे तो लगना चाहिए न कि सदस्य है
[11/06, 20:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: जो कि एक में भरा है ।
[11/06, 20:39] आ सपना जी: जी आदरणीय, कुछ दिन देख लेती हूँ और। वरना आप को ही परेशान करुँगी दुबारा।
[11/06, 20:39] आ सपना जी: जी ज़रूर।
[11/06, 20:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏
[11/06, 20:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: जिनका पाँच रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है और साहित्य एक नज़र रत्न से सम्मानित नहीं किया गया है वे अपना नाम और फोटो यहां भेजिए । अभी ग्रुप खोल रहा हूँ , रचनाएं व प्रचार प्रसार सम्बंधित पोस्ट बिल्कुल न भेजें , यदि आप भेजते है तो आपको यहां से विदा किया जाएगा ।

हमें पर्सनली रचनाएं अब कोई न भेजें , दो दिन तक हम किसी का सहायता कर सकते है । यहां तो कुछ लोग ऐसे हैं अलग-अलग नाम से रचनाएं प्रकाशित करने के लिए हमें पर्सनली भेजते है , इसका जब जांच किया हूँ तो पता चला है वे उनसे पैसे लेते है , इसलिए अब से खुद की फेसबुक आइडी से रचनाएं कामेंट बाक्स में भेजें ।  जिस नाम की आइडी रहेगी उसी नाम से रचनाएं भी यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें हम विदा कर सकते है ।

सम्मान पत्र के लिए हमें पर्सनली फोन और मैसेज न करें ।

रचनाएं में बिना मतलब का स्पेस न रहें , इमोजी सब न रहें , जहां जरूरत होती है वहां मैं खुद लगा देता हूँ ।

सौ से अच्छा हम दस ही रहें ।

सफाई अभियान .....
[11/06, 20:40] आ सपना जी: जी।
[11/06, 20:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: नियम में क्या है पर्सनली नहीं भेजने का
[11/06, 20:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: अब बताईए आप पर कौन सा धारा लगाऊं
[11/06, 20:41] आ सपना जी: 😭😭 कमेंट बॉक्स काम ही नहीं कर रहा तो मैं भी क्या करुँ
[11/06, 20:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: मजाक किए हैं
[11/06, 20:41] आ सपना जी: 😭😭 बच्ची की जान बश दीजिए
[11/06, 20:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप मन में ले लिए
[11/06, 20:41] आ सपना जी: 🤭🤭🤭 समझ गई
[11/06, 20:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐
[11/06, 20:42] आ सपना जी: मैं भी आपको तंग कर रही थी। मज़ाक करना हमें भी आता है🤭
[11/06, 20:42] आ सपना जी: बाय
[11/06, 20:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 धन्यवाद सह सादर आभार 🙏

__________
[11/06, 18:52] +: *मिट्टी*

जिसके गोद में खेले हम,
फले फुले और बड़े हुए हैं,
इसकी ही ऊंगली पकड़ पकड़ कर,
अपने पैरों पर खड़े हुए हैं।

         इसने हमको परिपूर्णता दी,
         इसने हमको है पाला,
         इसके अन्दर है प्रेम ही प्रेम,
         इसके अंदर है ज्वाला।

विपदा मे भी मुसकाती है ये,
सहनशीलता से ये बनी हुई,
अपने संतानो की बली देखी है,
शहीदों के खून से रंगी हुई।

           इसकी खुशबू मे जाने क्यूँ,
            ऐसी अद्भुत शक्ति है,
            धरती मां का संदेश लिए,
             ये शांतिकारिणी मिट्टी है।
           
आराधना प्रियदर्शिनी
स्वरचित एवं मौलिक
बेंगलुरु
कर्नाटक
         
[11/06, 18:56] +91 : पटल पर समस्या होने की वजह से, आपके दिए हुए नंबर पर अपनी रचना प्रेषित कर रही हूंँ।🙏💐
[11/06, 18:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: दो दिन तक समस्या होगी
[11/06, 18:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी स्वागतम् 🙏
[11/06, 19:05] +91 : आभार🙏
[11/06, 19:06] +91 : मैंने ज्वाइन कर लिया है।
[11/06, 19:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo
[11/06, 19:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां अब से भेजिएगा
[11/06, 19:15] +91 : Ji
[11/06, 19:16] +91 : आगे से भेजना है या यही वाली रचना फिर से भेजनी है?
[11/06, 19:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: आगे से
[11/06, 19:17] +91 1: जी धन्यवाद😊
[11/06, 19:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[11/06, 19:59] +91 : 🙏😇
[11/06, 20:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐

___________
[11/06, 19:34] +91 : नमस्कार महोदय 🙏
मैं  आपकी दैनिक पत्रिका में अपनी रचना भेजना चाहती हूँ। कृप्या मार्गदर्शन करें।

आभारी
अनिता तिवारी
दिल्ली
[11/06, 19:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 स्वागतम् 🙏
[11/06, 19:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn
[11/06, 19:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo
[11/06, 19:47] +91 : धन्यवाद महाशय 🙏
[11/06, 20:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐

___________
आ. मनोज कुमार पुरोहित जी

[11/06, 19:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: सेवा में
राष्ट्रीय अध्यक्ष
आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली

                                      दिनांक :- _ _ _ _ _ _

विषय :- पद त्यागने हेतु -

माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली केंद्रीय  इकाई को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏 ।
मैं रोशन कुमार झा ( कोलकाता ) अपनी राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी व साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई सचिव पद त्याग रहा हूँ । अतः हमारी ये प्रार्थना स्वीकार कीजिए ,

हम हर एक मंच से विदा ले चुके है -
हिंददेश परिवार - पश्चिम बंगाल इकाई मीडिया प्रभारी
इंकलाब प्रकाशन मुंबई -  वेबसाइट संचालक , सह मीडिया प्रभारी

इसी के साथ हम अब साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली व पश्चिम बंगाल इकाई‌ से पद से मुक्त होकर सदस्यों की तरह सेवा करना चाहता हूँ ।।

आपका अपना
रोशन कुमार झा

सेवा में
अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई

                                      दिनांक :- _ _ _ _ _ _

विषय :- पद त्यागने हेतु -

माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई को नमन करते हुए आप सभी सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों को सादर प्रणाम 🙏 ।
मैं रोशन कुमार झा ( कोलकाता ) अपनी सचिव पद त्याग रहा हूँ । अतः हमारी ये प्रार्थना स्वीकार कीजिए ,

हम हर एक मंच से विदा ले चुके है -
हिंददेश परिवार - पश्चिम बंगाल इकाई मीडिया प्रभारी
इंकलाब प्रकाशन मुंबई -  वेबसाइट संचालक , सह मीडिया प्रभारी

इसी के साथ हम अब साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई से पद से मुक्त होकर सदस्यों की तरह सेवा करना चाहता हूँ ।।

आपका अपना
रोशन कुमार झा
[11/06, 19:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: अब सिर्फ दिनांक डालना है ।

____________
[01/06, 14:12] Anand -: bol
[01/06, 14:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: क्या
[11/06, 18:59] Anand -: मै चमकदार हूँ लेकिन समजदा नही ! मै जलता हूँ मगर आग नहीं ! मै टिमटिमाता हूँ मगर आँख नही ! मै रात मे दिखता हूँ मगर चाँद नही ! भटके हुओ को राह दिखाता हूँ ! मेरा नाम बताओ उतर पे इनाम पओ
[11/06, 19:00] Anand -: hii
ध्रुव तारा
____________
आ. मिंटू यादव जी
[11/06, 18:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/dxqp/
[11/06, 18:50] Mintu: 🥰
[11/06, 18:50] Mintu: 🥰
[11/06, 18:50] Mintu: तब एनएसएस ग्रुप में क्या सब हो रहा
[11/06, 18:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: एडमिड करकें रखें है
[11/06, 18:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: कुछ नहीं

विजय जी वाला पोस्टर
____________
आ. स्वाति जैसलमेरिया दीदी जी
[11/06, 18:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/dxqp/
[11/06, 18:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏 दीदी जी 🙏

मैसेज देखी जवाब नहीं दी ,
आज फिर मैसेंजर पर इन्हें शामिल किया गया ।
साहित्य संगम संस्थान
पश्चिम बंगाल इकाई मे
____________
[11/06, 12:56] Rudra P-1: रोशन जी क्या ये आप कर रहे हैं
[11/06, 12:57] Rudra P-1: सम्पादक बन गए क्या
[11/06, 12:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[11/06, 12:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: सेवक
[11/06, 12:57] Rudra P-1: अच्छा

____________
[11/06, 11:29] K 2: Ji
[11/06, 13:46] K 2: सर जी प्रकाशित करने के लिए आप कोई शुल्क लेते हो क्या
[11/06, 13:46] K 2: ऐसा कुछ हो तो बताइए
[11/06, 13:47] K 2: हम नये  है इसलिए

____________








रोशन कुमार झा

अंक - 32

https://online.fliphtml5.com/axiwx/dxqp/

अंक - 31
https://online.fliphtml5.com/axiwx/brif/

अंक - 30
https://online.fliphtml5.com/axiwx/iqjc/

अंक - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uxga/
अंक - 2
https://online.fliphtml5.com/axiwx/gtkd/

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 32

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

अंक - 32
11 जून  2021
शुक्रवार
ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र -  9 - 18
कुल पृष्ठ -  19

मो - 6290640716
माह - 1
अंक - 32


🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
62. आ. श्रीमती सुप्रसन्ना झा जी
63. आ. संतोष सिंह राजपुत जी
64. आ. डॉ. मंजु सैनी जी , गाजियाबाद
65. आ. सुधीर श्रीवास्तव जी
66. आ.  भूपेन्द्र कुमार भूपी  जी
67. आ. प्रभात गौर  जी
68. आ. राजेश सिंह ( बनारसी बाबू )
69.आ. भीम कुमार , गिरिडीह , झारखंड
70. आ. प्रज्ञा शर्मा जी
71. आ. रक्षा  गंगराडे  जी


साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 32
Sahitya Ek Nazar
11 June 2021 ,  Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

फेसबुक - 1
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फेसबुक - 2
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समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

अंक - 25 से 27

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सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र ( 1 - 75 )
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अंक - 28 से 30

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अंक - 30
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https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1939470836229811/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 31 से 33 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
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आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा

मो - 6290640716

_________________

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अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/32-11062021.html
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html

12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html

अंक - 30
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/30-09062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2022-09052021-30.html

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html


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साहित्य एक नज़र
( कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका )

Sahitya Eak Nazar
সাহিত্য এক নজর

अंक -1
11/05/2021
मंगलवार
वैशाख कृष्ण 15 संवत 2078
पृष्ठ - 1
कुल पृष्ठ - 4
वैशाख कृष्ण 15 संवत 2078

https://online.fliphtml5.com/axiwx/uxga/?1620796734121#p=3

फेसबुक ग्रुप :-
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_________________
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/1-11052021.html

अंक -2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2-12052021.html

अंक - 1
https://vishnews2.blogspot.com/2021/05/1-11052021.html?m=1

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सम्मान पत्र - 1 - 72

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/blog-post_24.html
_____________

1.

अंक - 1
2.

श्री रामकरण साहू " सजल " जी
प्रकाशक
रूद्रादित्य प्रकाशन
190 एच/आर/3-एन, ओ0 पी0 एस0 नगर कालिंदीपुरम, प्रयागराज उत्तर प्रदेश- 211011
दूरभाष - 8187937731

रूद्रादित्य प्रकाशन एक नया प्रतिष्ठान है लेकिन मैंने इनकी प्रकाशित की पुस्तकें अवलोकन किया तो किसी भी पुस्तक का आवरण या संपादकीय में कोई कमी महसूस नहीं हुई ऐसा एहसास ही नहीं हुआ कि मेरे हाथ मे किसी नये प्रकाशक की पुस्तक है । इनकी पुस्तक के प्रकाशन का तरीका ऐसा जैसे कोई अनुभवी तैराक अपनी तैराकी के हुनर दिखाते हुए अपने गन्तव्य की ओर बढ़ रहा है। ऐसे ऊर्जावान प्रकाशक को मेरी अनेकों शुभकामनाएं।

3.
♤ एक बहुवर्षीय पेड़ ♤

हाँ मैं बहुवर्षीय पेड़ हूं।
दूर -दूर खङा हूं••••
पर जङो में एक-दूसरे से बंधा हूं।
नहीं जाता एक-दूसरे को छोङकर;
हर कठिनाई में अङा हूं;
श्रेष्ठता के दंभ नहीं भरता;
पर एक-दूसरे को थामे हूं।
हां मैं पेड़ हूं;
दूर-दूर  खड़ा हूं;
पर जमीन के अंतःस्थल में
एक-दूसरे से जुड़ा हूं।
जिस  जमीन में उगा;
उसको धनी करता;
हर विपदा से लड़ा हूं।
मुझे गर्व है कि मैं फलता-फूलता हूं ~
हर साल अपने अनेको
पर्ण खोकर भी
पुनः हरा -भरा हूं~
हाँ मैं पेड़ हूं।
जङो में कितने सूक्ष्म-जीवों को
जोङे,,,
दूसरे पेङो को भी गिरने से  बचाता
अपनी मिट्टी को ही धनी करता हूं।
नहीं जाता कहीं छोङकर !
बाढ,,,सूखा,,,,अतिवृष्टि हो
अकाल,,,,या ओला पड़ें !!
धैर्य को शाखाओं में समेटे;
हर सुबह नव-किरणों का
आलिंगन करता
अपने विस्तार में झूमता हूं!!
हां मैं अनेको वर्षों से खङा
पीपल••बरगद••••कदम्ब
का बहुवर्षीय पेङ हूं।
निज-विस्तार से आह्लादित ~
खगों के कलरव सुन आत्मविभोर
होता,,,,अपनी गरिमामय उपस्थिति
से युक्त शोभायमान बहुवर्षीय पेड़ हूं।

  ✍  डाॅ पल्लवी कुमारी "पाम "
4.
मुझें याद है।

स्कूल के लिये तैयार करना
कमीज के टूटे बटन में
बकसुआ लगाना
वो बालों में सरसों
का तेल लगाना।
कंघे से बालों को झड़ना।

मुझें याद है

स्कूल जाते समय खीसे में
चंद सिक्कों का डालना।
बेटा आधी छुट्टी में कुछ खलेना
स्कूल से सीधे घर आना
वो तेरी हिदायते देना।

मुझें याद है।

छोटी छोटी बात पर,
भाई से लड़ना।
माँ के वो तमाचे कहना
फिर नैनों से नीर बहाना
बहन का वो मनाने आना

मुझें याद है।

✍️ प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर मध्यप्रदेश

5.

||ॐ श्री वागीश्वर्यै नमः||

मानसून.  (वर्षा)

बदले ऋतु निश्चित दिशि जाए,
वह पवन मानसून  कहाए,
ग्रीष्म भानु जब भूमि तपाए,
प्रचंड रश्मि भू बरसाए ||
वायु भार तजि नभ को धाए,
जीव जगत सब अति अकुलाए ,
जीवनरस की आस लगाए ,
मन पुरवाई को तरसाए ||
रवि के तीब्र ताप से
, भूमि तपे चहुँ ओर |
सागर से शीतल पवन,
चले धरा की ओर ||१||
शंभु दिशा में पुण्य पहाड़ी,
नागा खासी गारो जयंती ,
सुशीतल पवन इनसे भिड़ती,
धाराएं वर्षा की पड़ती ||
तब पवन वायव्य दिशि धावे,
उत्तर भारत बहु हरषावे,
अरब सिंधु से शंभु दिशि जावे,
पश्चिम घाट तोय बरसावे ||
भेंट अरावलि से तब होवे,
उसके तट से आगे जावे,
तहाँ सब नभ दृष्टि लगावें,
जीवजंतु वर्षा नहि पावें ||
उत्तर भारत में पहुँच,
वरसे घन घनघोर |
वन अरु कृषकहृदय के,
नृत्य करे सब मोर ||२||
                                   
✍️ गणेश चंद्र केष्टवाल
ग्राम-मगनपुर, पो.किशनपुर,
कोटद्वार गढवाल (उत्तराखण्ड)
०९/०६/२०२१

6.
# नमन मंच
साहित्य एक नज़र
अंक 31-33 में प्रकाशन हेतु
कविता बूढ़ा बरगद
दिनांक 10-06-11
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

" बूढ़ा बरगद "

गाँव के किनारे ,
भूतहा महल के पीछे,
वो देखो खड़ा है ,
बूढ़ा बरगद l
कोसता खुद को ,
सिसकता किस्मत पर,
खुन के आंशु है रोता
,बूढ़ा बरगद l
एक समय था
जब था जवान ,
शाखायें थी फैली,
घनी थी छाँव ,
ताजी हवा का अड्डा था
, बूढ़ा बरगद l
आते जाते पथिक
राजा या रंक ,
सबको अपनी छाँव देता ,
एक अदद आराम देता
, बूढ़ा बरगद l
शाम की वो बेला थी ,
फांसी की रस्सी
लिपटी शाखाओं पर ,
जननी की विलाप से
दहल उठा,बूढ़ा बरगद l
सिलसिला चलता रहा ,
उन क्रांतिदीपों की बोझ से ,
पल पल दबता ही
गया,बूढ़ा बरगद l
आजादी की बेला आयी ,
आजाद हुई उसकी भी साँसे ,
पर भूतहा कहलता ही रहा
आज भी ,बूढ़ा बरगद l

✍️ भूपेन्द्र कुमार भूपी
        नई दिल्ली
मोबाईल न -8860465156

7.
#साहित्य एक नजर.
अंक - 31-33
दिनांक- 10/6/2021.
विधा -

कविता -
अहम् - त्वम् - वयम् .

देखी है मैंने देखी है
खामोश निगाहों से
शहीदों की बारात लूटते
विरासत के सपने तोड़ते
लोकतंत्र का माखौल उड़ाते
सत्ता सरपरस्ती में इतराते
हत्यारी लूटेरों की टोली को.
वर्जनाओं की आड़ में
खून होते मनुष्यता की
पूजते गुनाहों के देवता को
चुप्पी साधे अपराध पर
गुम है हवा से वह गंध
जिसके हम तलबगार हैं.
वर्जना संसार के
कांपते कंगूरे
हिल रही चूलें
साक्षी है टूटते तिलस्म का
सैकड़ों सुनामी
छेड़ रहा है मन को
शिनाख्त के लिए
खड़े हो तुम
नपुंसक सात्विकता
की ओट में.

✍️  अजय कुमार झा.
     30/5/2021.

8.
नमन मंच
दिनाँक:१०-६-२०२१
शीर्षक:

सुनो रहनुमा

प्राणों की चिंता किसको है प्राण बचाने जाते हैं
यह बात निराली है सुनिए प्राण गँवाने जाते हैं
आज  तो दुखी हो,हम तेरा शहर छोड़ जाते हैं
फिर से चलो सब,अपने गाँव में ही बस जाते है।
बीवी बच्चों की ही खातिर गांवों से यह आए थे
बीवी बच्चों की ही खातिर गांवों को यह जाते हैं
आज  तो दुखी हो,हम तेरा शहर छोड़ जाते हैं
फिर से चलो सब,अपने गाँव में ही बस जाते है।
रोजी रोटी के लाले थे गांवों में हैरान रहे
सूखी रोटी भी मिल न सकी आफत में प्राण रहे
आज  तो दुखी हो,हम तेरा शहर छोड़ जाते हैं
फिर से चलो सब,अपने गाँव में ही बस जाते है।
चलते ट्रक में बस चढ़ जाएं जान बचाएं कैसे भी
मजबूर हुआ इंसान कितना सोच रही मैं बात यही
आज  तो दुखी हो,हम तेरा शहर छोड़ जाते हैं
फिर से चलो सब,अपने गाँव में ही बस जाते है।
ऐसे प्राण बचेंगे कैसे सोचा किस ने आज यहां
हम गांव पहुंच जायेंगे सपना मन में आज यहां
आज  तो दुखी हो, हम तेरा शहर छोड़ जाते हैं
फिर से चलो सब,अपने गाँव में ही बस जाते है।
बड़ी बुरी है आग पेट की आज समझ में आया है
बच्चों की प्यासी आँखों में यूं चांद उतर आया है
आज  तो दुखी हो ,हम तेरा शहर छोड़ जाते हैं
फिर से चलो सब, अपने गाँव में ही बस जाते है।
जब पहुंचेंगे ठौर ठिकाने सांस चैन की लेंगे
हम आधी रोटी में खुश हो फिर शहर भुला देंगे
आज  तो दुखी हो ,हम तेरा शहर छोड़ जाते हैं
फिर से चलो सब, अपने गाँव में ही बस जाते है।

✍️ डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद
घोषणा:स्वरचित

9.

अग्नि

कहीं खुशी , कहीं है गम..
कोई पहने नए वसन....
ओढ़े हैं कोई कफ़न..
कहीं अग्नि के , लगाते हैं फेरे!
कहीं जलाती चेहरे..
और जलती है चिता !
आंखों में  है आँसू
किसी के होठों पर फूल ..
खुशी के!
कैसी है ये, दुनिया की रीत..
समझ न सकी !

✍️ रीता मिश्रा तिवारी
स्वरचित

10.
#साहित्य एक नजर
#नमन मंच🙏
#अंक 31 से 33 में प्रकाशन हेतु
#दिनाँक 9 जून 2021
             #

जीवन साथी

सारी उम्र गुजारी हमने
जीवन साथ निभाने की
हंसी खुशी से जीवन
जीते जी अपनाने की
कभी नहीं हम अलग
हुए कभी हुए न दूर
खुशियाँ भरते रहे हम
एक दूजे में भरपूर
अब आया है समय सभी
को यह बतलाने की
सारी उम्र गुजारी हमने
जीवन साथ निभाने की
साथ निभाते निभाते हम
इतना हो गए मशगूल
हमारी प्यारी बगिया में
खिलते रहे प्यार के फूल
महक रही फुलवारी
कलियाँ सुमन खिलाने की
सारी उम्र गुजारे हमने
जीवन साथ निभाने की
जीवन के आखिरी दौर में
जिंदगी अब चल रही
आशाओं,उम्मीदों,से भरपूर
जिंदिगी पल रही
ऐसे ही चलते चलते बीत
जाए संग समाने की
सारी उम्र गुजारी हमने
जीवन साथ निभाने की

✍️ अनिल राही
ग्वालियर मध्यप्रदेश

11.

31 से 33

इजहार मुहब्बत

इजहार  ये  मोहब्बत  का 
सपना अपना सा लगता है,
प्रेम  में  आधुनिकता  का 
चोला घातक सा लगता है।
मोहब्बत  ये  तेरी इबादत
में चांद अपना सा लगता है,
तुमसे  दिल की  हर  बात  
जताना अच्छा   लगता है।
वफ़ा में  दिल  होते  हैं
दाग दाग रूप अच्छा लगता है,
जिन्हे  दूसरो  का  गम और
तनहाअपना सा लगता है।
तुम  संग  गुजर  रही  है 
बहुत सकून  से जिंदगी अब,
तुम बिन  फूलों  से  भरा  रास्ता
भी  खुरदरा  लगता है।
तुझसे दिल की हर बात
कहना अच्छा  लगता है,
प्रेम में आधुनिकता का
चोला घातकसा लगता है।
प्रेम में इजहार का सपना
सुहाना सफर सा लगता है,
इजहार मोहब्बत अपनों से
तो ये ख्वाब सा लगता है।
मै  कितना  तन्हा हूं  तुम
क्या जनोगे  यार  कभी,
वो को यार अपना जमाने
में अपना सा लगता है।
आंसू अगर आंखो से बह
जाए तो अच्छा लगता है,
जो बह नहीं पाए आंखो
से सूखने मेंअरसा लगता है।
टूटकर बिखरना भी हर
दिन अच्छा सा लगता है,
गिरगिट की तरह  रंग बदलना
अच्छा नहीं लगता है।
राह वफ़ा में हर फूल खुशबू
से भरा भरा लगता है,
उसकी मोहब्बत में हर
फूल दीवाना सा लगता है।
आधुनिकता का चोला ओढ़
हर शक्श बेगाना लगता है,
इजहारे मोहब्बत में अपनों
के संग बहुत अच्छा लगता है।
मोहब्बत   में  फूल और कांटे 
चुनना  सुहाना  लगता है,
प्रेम में भीगी पलकों से इजहारे
मोहब्बत अपना लगता है।
तुमसे     हर   बात  
कहना  अच्छा   लगता   है,
इस   बेगानी   दुनिया  में
तू अपना सा  लगता  हैं।

✍️ कैलाश चंद साहू
बूंदी राजस्थान

12.

* राघव आ जाओ ।

श्रीराम तुम्हारे श्रीचरणों में,
मैं नित-नित शीष झुकता हूँ।
मैं नित-नित शीष झुकता हूँ,
अपनी बातें बतलाता हूँ।
मुझे कष्ट हजारों हैं राघव,
जिन्हें तुम्हें बताने आता हूँ।
मन की अभिलाषा को तुम,
भले!दरकिनार कर जाओ,
मुझे राम राज्य की चाहत है,
तुम फिर से राघव आ जाओ,
इस धरा की कष्टों को राघव,
अब फिर से तुम निबटा जाओ।
निःशक्त,निःसहाय,गरीबों को,
तुम अपनी दया दिखा जाओ,
इस धरा के रावण को फिर से,
उनकी औकात दिखा जाओ।
मैं चरण तुम्हारे पड़ा हुआ,
मुझे अपने गले लगा जाओ।
सब एक रहें-सब नेक बनें,
ये भाव सभी में जगा जाओ।
मेरी एक दिली तमन्ना है,
बस धरा को स्वर्ग बना जाओ,
तुम फिर से राघव आ जाओ।
तुम फिर से राघव आ जाओ।।

   ✍️ केशव कुमार मिश्रा *
  सिंगिया गोठ, बिस्फी,मधुबनी।
व्यवहार न्यायालय* दरभंगा*

🌅 साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका की एक माह की यात्रा पूरी होने पर सम्मानित साहित्यकारों द्वारा दिए गए शुभकामनाएं संदेश -
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅

साहित्य एक नज़र ही
हमारा तन - मन - धन है ,
तब जाकर हम रोशन
प्रसन्न है ।।
हमारा सब कुछ इस
पत्रिका पर ही समर्पण है ,
अभी आज तो एक महीने ही
हुई है आप सभी सम्मानित
साहित्य प्रेमियों को धन्यवाद
सह सादर आभार
व्यक्त कर रहा हूँ ,
व्यक्त करने वाला मैं संपादक नहीं
साहित्य सेवक मैं रोशन है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आज बड़ा हर्ष का दिन है आप सभी लोगों के सहयोग से आप सभी की पत्रिका साहित्य एक नज़र को पूरा एक माह सफलता पूर्वक पूर्ण हो गया। इसी तरह प्यार बनाइये रखें। सभी को हार्दिक बधाई।

✍️ आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

बधाई ✍️ अजीत कुमार कुंभकार जी

डॉ. पल्लवी जी: 🙏👌

एक माह की यात्रा पूर्ण हुई है भाई।
संपादक,प्रकाशक जी स्वीकारें बधाई।
प्रशंसनीय श्रम आपका और
समर्पण भाव।
सबको सैर करा रही यह साहित्यिक नाव।।
प्रगति पथ बढ़ते रहे, अपनी शुभकामनाएं।
साहित्य एक नजर यह,सभी नज़र चढ़ जाए।।

✍️ डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल' जी
धामपुर उत्तर प्रदेश


बहुत बहुत बधाई व अनंत शुभकामनाएं 💐💐💐💐
साहित्य एक नज़र के प्रकाशक  व संपादक महोदय को भी उनके कुशल संचालन व सफल नेतृत्व  के लिए बहुत बहुत बधाई ।

✍️ आ. अनु जी

साहित्य एक नज़र
💐💐💐💐
 
आओ मिलकर सब आज
खुशियां मनायें
हम सबकी चेहती पत्रिका
साहित्य एक नज़र का
पूरा हुआ आज एक माह
मिलकर इसे बधाई दे...
मिलकर ऐसी क़लम चलानी
सकारात्मकता से भरी हो बानी
पत्रिका यह जो पढ़ता जाए
जीवन उसका सुखमय गाए
ईर्ष्या, द्वेष-विद्वेष छोड़कर
वह  प्रेम भाव रस बरसाए...
नैतिक मूल्य इसमें हैं गढ़ने
खुशियों के संसार हैं रचने
सबका होगा सपना पूरा
एक दूजे का हाथ थामकर
फ़र्ज़ निभाएँगे जब हम पूरा।
चार दिशा  फैलेगा प्रकाश
सबको मिलेगा मान और आस
देशप्रेम, भाईचारा सौग़ात
घर-घर पहुँचाएँगे उत्साह  साथ।
दिल में बसे बस ख़्वाहिश इतनी
सबको नूतन राह दिखाएँ
नित नित ऐसा प्रयास हम करें
शिखरों तक इसे लेकर जाएँ।।

✍️ सपना "नम्रता"
दिल्ली।

बधाइयां स्वीकार करे, महोदय
✍️ भगवती सक्सेना गौड़ जी
बैंगलोर

वाह्ह्ह्ह जी
अत्यंत सुखद और पावन दिवस ।
सम्मानीय संपादक मण्डल को हार्दिक बधाई एवं अनंत शुभकामनायें 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
✍️ आ. शायर देव मेहरानियां जी

🌹🌹🌷🙏🌷🌹🌹
एक माह पूर्ण हुआ है
साहित्य के क्षेत्र में,
सुनहरा रहा जिनका सफ़र।
अभिवादन स्वीकार
हो आदरणीय संपादक,
प्रकाशक सहित पूरे परिवार
साहित्य एक नज़र।
हर रचनाकारों की रचना को
प्रमुखता देने में जो
रहते सदा तत्पर।
बधाई हो साहित्य परिवार को 🌹
आज इनकी ख्याति पहुंच
गई हर राज्य, जिला, गांव,
और शहर ~ शहर ।

   ✍️ भीम कुमार
  गांवा, गिरिडीह, झारखंड

-------

नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र

साहित्य एक नज़र ही
हमारा तन - मन - धन है ,
तब जाकर हम रोशन
प्रसन्न है ।।
हमारा सब कुछ इस
पत्रिका पर ही समर्पण है ,
अभी आज तो एक महीने ही
हुई है आप सभी सम्मानित
साहित्य प्रेमियों को धन्यवाद
सह सादर आभार
व्यक्त कर रहा हूँ ,
व्यक्त करने वाला मैं संपादक नहीं
साहित्य सेवक मैं रोशन है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
शुक्रवार , 11/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(24)
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 32
Sahitya Ek Nazar
11 June 2021 ,   Friday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন

🎈 🎈 🎈 🎈 🎈🎈 🎈 🎈🎈🎈
🎁 🎂

आदरणीया _ _ _ _ _ _ स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐

🎁🎈🍰🎂🎉

शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন 

🎈 🎈 🎈 🎈🎈🎈🎈 🎁 🎂

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई आदरणीय. विजय जी  🙏 🎂🎉🎈🎁

11/06/2021 , शुक्रवार

कवियों का अध्यात्मा में होने वाली प्रतियोगिता 'द बेस्ट शायर ऑफ द मंथ' के हमारे इस माह के विजेते है उत्तर प्रदेश के निवासी कार्तिक सारस्वत जी। कार्तिक सारस्वत जी का तहे दिल से हम अभिनंदन करते हैं। हमारे KA के MD सरिता जैन मैडम, तथा ग्रुप को-फाउंडर मनस्वी स्वाति मैडम, हमारे टीम मेंबर कमलेश इंदोरकर सर, संस्थापक सागर गुडमेवार इन सब की तरफ से मैं कार्तिक जी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।

Roshan Kumar Jha
सर यह आज के अंक में प्रकाशित कर दो कृपया

अंक - 34 - 36

नमन :- माँ सरस्वती
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो :- 6290640716

रचनाएं व साहित्य समाचार आमंत्रित -

अंक - 34 से 36 तक के लिए आमंत्रित

दिनांक - 13/06/2021 से 15/06/2021 के लिए
दिवस :- रविवार से मंगलवार
इसी पोस्ट में अपनी नाम के साथ एक रचना और फोटो प्रेषित करें ।

यहां पर आयी हुई रचनाएं में से कुछ रचनाएं को अंक - 34 तो कुछ रचनाएं को अंक 35 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 36 में शामिल किया जाएगा ।

सादर निवेदन 🙏💐
# एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

# जब तक आपकी पहली रचना प्रकाशित नहीं होती तब तक आप दूसरी रचना न भेजें ।

# ये आपका अपना पत्रिका है , जब चाहें तब आप प्रकाशित अपनी रचना या आपको किसी को जन्मदिन की बधाई देनी है तो वह शुभ संदेश प्रकाशित करवा सकते है ।

# फेसबुक के इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में ही रचना भेजें ।

# साहित्य एक नज़र में प्रकाशित हुई रचना फिर से प्रकाशित के लिए न भेजें , बिना नाम , फोटो के रचना न भेजें , जब तक एक रचना प्रकाशित नहीं होती है तब तक दूसरी रचना न भेजें , यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करता है तो उनकी एक भी रचना को प्रकाशित नहीं किया जायेगा ।

समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 31 से 33 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

_____________________

अंक - 31
10/06/2021 , गुरुवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/31-10062021.html

कविता :- 20(23)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2023-31-10062021.html

अंक - 32
, शुक्रवार , 11/06/2021 ,

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2024-11062021-32.html

कविता :- 20(24)

अंक - 33
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/33-12062021.html
12/06/2021 , शनिवार

कविता :- 20(25)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2025-12052021-33.html

अंक - 30
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/30-09062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2022-09052021-30.html

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2021/06/blog-post.html

-----

अंक - 34
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/34-13062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2026-34-13062021.html

अंक - 35

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/35-14062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2027-14062021-35.html

अंक - 36

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/36-15062021.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2028-15062021-36.html


जिनका पाँच रचनाएं प्रकाशित हो चुकी है और साहित्य एक नज़र रत्न से सम्मानित नहीं किया गया है वे अपना नाम और फोटो यहां भेजिए । अभी ग्रुप खोल रहा हूँ , रचनाएं व प्रचार प्रसार सम्बंधित पोस्ट बिल्कुल न भेजें , यदि आप भेजते है तो आपको यहां से विदा किया जाएगा ।

हमें पर्सनली रचनाएं अब कोई न भेजें , दो दिन तक हम किसी का सहायता कर सकते है । यहां तो कुछ लोग ऐसे हैं अलग-अलग नाम से रचनाएं प्रकाशित करने के लिए हमें पर्सनली भेजते है , इसका जब जांच किया हूँ तो पता चला है वे उनसे पैसे लेते है , इसलिए अब से खुद की फेसबुक आइडी से रचनाएं कामेंट बाक्स में भेजें ।  जिस नाम की आइडी रहेगी उसी नाम से रचनाएं भी यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें हम विदा कर सकते है ।

सम्मान पत्र के लिए हमें पर्सनली फोन और मैसेज न करें ।

रचनाएं में बिना मतलब का स्पेस न रहें , इमोजी सब न रहें , जहां जरूरत होती है वहां मैं खुद लगा देता हूँ ।

सौ से अच्छा हम दस ही रहें ।

https://youtu.be/nKU5T-OM_g8
सफाई अभियान .....


रोशन कुमार झा



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