कविता :- 20(62) , सोमवार , 19/07/2021 , अंक - 70 , आदरणीय अमृतांश मनहर जी को प्रथम जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई , आ. बिहार बोधी ( साझा काव्य संग्रह )

रोशन कुमार झा

कविता :- 20(62)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता - गिरने नहीं दोगी -

पता है अब तुम हमें गिरने नहीं दोगी ,
दुश्मनों से अब मिलने नहीं दोगी ।
हार भरी बीज को अब खिलने नहीं दोगी ,
और हमें किसी के अंदर
प्याज छिलने नहीं दोगी ।।

राह से हमें फिरने नहीं दोगी ,
हार से हमें हिलने नहीं दोगी ‌।
हमें मिटाने वाले को चीरने नहीं दोगी ,
हमें पता है
तुम हमें गिरने नहीं दोगी ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(62)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
19/07/2021 ,  सोमवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 70
Sahitya Ek Nazar
19 July 2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

05:30 उठे फूल तोड़ लिया रहा फिर सो गये , 07:35 उठे
08:52 प्रदीप सर फोन किए एनसीसी फोर्ट विलियम बोले दस बजे आने हम बोले हम परीक्षा देने आएं हैं ।
गांव स्कूल पर गये चावल लाये , संजय सर , गांव वाली मैडम , चम्पा वाली मैडम , जितेन्द्र सर रहा ,
दिन में खाना नहीं बनाये पंकज चाचा फोन किए काईल जेबैय ओहो नैय जेतीन अकेला ।
पटना से जेतीन
आलू सोयाबीन सब्जी भात बनाया , रात में आनंद गया रहा मिठौली आधार कार्ड सही करवाने नानी साथ
दीदी , गुड़िया फोन की पैसा का पता लगाने , कॉलेज से

15 :00 अपलोड किए 20/07/2021 को

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आ. केशरी सिंह रघुवंशी हंस जी
अशोकनगर ,  मध्य प्रदेश , आ. सुनील "सुगम " जी 120 करके भेजें ।

[19/07, 23:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/lqem/
[20/07, 11:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://imojo.in/55KpVS
[20/07, 12:38] Rahul Manhar Sir: Great 😍💐💐 thank you
[20/07, 12:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏 गुरु जी 🙏

हिंदी कविता में आम आदमी
सलिल सरोज
नई दिल्ली
Executive Officer Lok Sabha Secretariat.
10:01 - 20 जुलाई 2021

[20/07, 10:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn
[20/07, 10:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspmo
[20/07, 10:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां आप अपनी रचना फोटो साथ भेजिए आदरणीय
[20/07, 10:52] +91 99686 38267: मैं facebook पर नहीं हूँ।
[20/07, 10:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: ओह
[20/07, 10:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: 300 - 350 शब्दों वाली रचनायें भेजिए फेसबुक पर इससे अधिक वाली रचनायें कामेंट बाक्स में अपलोड नहीं हो पाते है ।

हम ज्योति दीदी दीप्ति दीदी एक साथ फोन पर रहे । बिहार बोधि बनाये आज
[19/07, 16:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: दीप्ति दीदी परिचय भेजिए अपना वाला
[19/07, 18:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/cfmn/
[19/07, 19:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/510078/-2021-6c0b1
[19/07, 19:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: 255 लगेगा
[19/07, 19:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: ये फाइनल लिंक है
[19/07, 20:39] ज्योति दीदी जी: रोशन
[19/07, 20:40] ज्योति दीदी जी: कितने लोगों ने सही रूप में बिहार बोधी को पढ़ा 😁😁??
[19/07, 21:31] आ दीप्ति जी: सच में ..

आ. प्रमोद ठाकुर जी के तबीयत ख़राब होने पर
साहित्य सरिता वॉट्सएप ग्रुप -
[19/07, 13:52] +91 : आदरणीय प्रमोद ठाकुर जी
ग्वालियर , मध्यप्रदेश

संपादक :- १. साहित्य  एक  नज़र  पत्रिका  ,  कोलकाता

२. साहित्य  सरिता  काव्य  संग्रह 
पुस्तक
[19/07, 13:52] +91 : नोट :- १. इतने वरिष्ठ साहित्यकार ,  विद्वान  लेखक , कवि ,  विचारक ,  साहित्य  साधना  के  यशस्वी  साधक  ।
  जो  जीवन  भर  साहित्य  सेवा  में  लीन  रहे  और  कितने  साहित्यकारों  को  ज़मीं  से  उठाकर  आसमां  तक  सैर  करवाए ।

  एक  छोटा - सा  हार्ट  अटैक  आने  से  वे  अपनी  जिंदगी  का ज़ंग  लड़  रहे  हैं । 

अचानक  प्रकृति  की  क्या  विडंबना  आ  गयी ,  इतने  सारे  लोगों  के  बीच  रहते  हुए  आज़ उनके  पास  इलाज  के  लिए  पैसे  नहीं  है ।

   अतएव  हम  सभी  सबसे  पहले  उनके  इलाज  के  लिए  कुछ  पैसों  का  इंतजाम  करें ।  चाहे  खुद  से  हो ,  कोई  ट्रस्ट  से  हो ,  सरकार  से  हो ,  चाहे  जैसे  भी  हो ।  पर  उस  महान  आत्मा  को  जीवन  संरक्षण  करें । 
ईश्वर  से  प्रार्थना  कीजिए  कि  वे  जल्दी  ठीक  हो  जायें ।
बस  यही  आपसे  मेरी  विनती  है ।

प्रकाश  राय
समस्तीपुर ,  बिहार

[19/07, 13:52] +91  88629: जिन  लोगों  को  हार्दिक  इच्छा  है  कि  मैं  उन्हें  सहयोग  राशि  प्रदान  करूं ।  वे  मेरे  व्हाट्स ऐप  से  संपर्क  करके  आदरणीय  प्रमोद  ठाकुर  सर  का  अकाउंट  नंबर ,  आइएफसी  कोड और  बैंक  का  नाम  ले  सकते  हैं ।

धन्यवाद ! 🙏🌹

प्रकाश  राय
समस्तीपुर , बिहार

[19/07, 14:30] +91 अर्चना  58927: सहयोग हेतु कितनी धनराशि एकत्र करनी है। यदि कुछ टेस्ट कराये हों तो मुझे व्हाट्स अप करें , मैं कुछ सहयोगी डाक्टरों से संपर्क कर इलाज हेतु प्रक्रिया कर सकती हूं 🙏
[19/07, 14:33] +91 आ. अर्चना वर्मा जी 58927: मैंने जबलपुर के जनर्लिस्ट आ० हर्ष तिवारी जी से सहयोग हेतु कहा है, उन्हें प्रमोद जी का अकाउंट नं चाहिए , कृपया भेज दें 🙏
[19/07, 14:34] +91 : जी मैं भेजता हूं ।🙏🌹
[19/07, 14:43] प्रमोद ठाकुर: भाई पैसे की ज़रूरत नहीं इस सिस्टम को बदलने की ज़रूरत है जब मेरे साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी क्या करेगा मुझे रात 11 बजे डिस्चार्ज करके निकाल दिया।
[19/07, 14:47] +91 29: आप धैर्य रखें ! 🙏🌹
हमलोग आपके साथ हैं ।  मैं ईश्वर  से  प्रार्थना  करता  हूं कि आप जल्दी  ठीक  हो  जाएंगे । 🙏🌹

धन्यवाद !
प्रकाश  राय
समस्तीपुर , बिहार 🙏🌹
[19/07, 20:34] आ. शायर देव जी: ओह! अत्यंत दुखद ।
आप चिंता न करें आदरणीय जी।
हम सभी हर तरह से आपके साथ हैं जी। आप अपना इलाज कराइये। पैसों की  चिंता न करें जी🙏
[19/07, 20:35] आ. शायर देव जी: ईश्वर आपको स्वस्थ और सलामत रखे🙏
[19/07, 20:38] आ. शायर देव जी: अत्यंत शर्मनाक- सोचनीय
जी, इंसानी फितरत ही ऐसी हो गई।
या तो इनकी आत्मा मर गई या फिर ये  अपना जमीर बेच कर खा गये हैं।
लानत है।

[19/07, 12:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[19/07, 13:20] डॉ मधु जी: कितनी राशि देनी है।
[19/07, 13:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏 दीदी जी 🙏 एक रचना की 15 रुपये ,
[19/07, 13:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: यदि आप एक महीना में 10 रचनाएं प्रकाशित करवाते है तो 120 रुपये से सहयोग करना होगा
[19/07, 13:52] डॉ मधु जी: पेटीम नहीं करा सकती
[19/07, 18:42] डॉ मधु जी: कल रु भेज दूगी स्क्रीन शाट भी
[19/07, 18:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐

ज्योति दीदी बोली दीपक और रंजन को जानते है ।
बोली दीप्ति की बहन दस रचना लिखी है उसका भी पुस्तक बनाना है ।
[19/07, 16:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: परिचय
[19/07, 17:42] ज्योति दीदी जी: अनुक्रमणिका

नाम               पृष्ठ संख्या
१-रजनी हरीश     ०७-१७
२-राजीव भारती   १८-२८
३-रीता झा          २९-३९
४-प्रतिभा पांडे      ४०-५० 
५-ज्योति सिन्हा    ५१-६१
६-अर्चना तिवारी   ६२-७२
७-सृष्टि मुखर्जी      ७३-८३
८-दीप्ति प्रिया       ८४-९४
९-रोशन कु.झा    ९५-१०५

साहित्य एक नज़र 🌅 व्हाट्सएप ग्रुप
आ. ज्योति दीदी और दीप्ति दीदी को जोड़े

बिहार बोधि के बाद -

[19/07, 19:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: बिहार बोधी ( साझा काव्य संग्रह )

दिनांक :- 19 जुलाई 2021
सोमवार
आषाढ़ शुक्ल 10
संवत 2078

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/510078/-2021-6c0b1

मात्र - 255 रुपये में

बिहार बोधि ( साझा काव्य संग्रह ) के सहयोगी रचनाकार के परिचय और उनके दस रचनाएं -
अनुक्रमणिका
नाम               पृष्ठ संख्या
१-रजनी हरीश     ०७-१७
२-राजीव भारती   १८-२८
३-रीता झा          २९-३९
४-प्रतिभा पांडे      ४०-५० 
५-ज्योति सिन्हा    ५१-६१
६-अर्चना तिवारी   ६२-७२
७-सृष्टि मुखर्जी      ७३-८३
८-दीप्ति प्रिया       ८४-९४
९-रोशन कुमार झा    ९५-१०५

सम्पादक मंडल -

संपादन -
ज्योति सिन्हा
दीप्ति प्रिया

संकलन -
राजीव भारती
सृष्टि मुखर्जी

तकनीक -
रोशन कुमार झा
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 70

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/?ref=share

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspmo
[19/07, 22:06] +91 639: Congratulations🎉
[19/07, 22:08] +91 825: अंर्तमन से शुभकामनाएँ एवं ढेर सारी बधाइयाँ.
[19/07, 22:34] +91 726: आदरणीय महोदय नमस्कार बहुत सुंदर संपादक मंडल सम्मानित लेखकों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं सर।
अगले साझा संकलन की जानकारी देने की कृपा करें सर
विनोद कुमार सीताराम दुबे शिक्षक व हिंदी प्रचारक भांडुप मुंबई महाराष्ट्र
[19/07, 22:36] +91 विजय कुमार यादव  75122: रोशन जी एवं पूरे कविगण को बहुत-बहुत बधाई इसके लिए इस  संकलन    को प्रकाशित करने के लिए रौशन जी का विशेष आभार🌸🙏💐
[19/07, 22:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[19/07, 22:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद सह सादर आभार 🙏💐
[19/07, 22:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/lqem/
[19/07, 23:34] +91  19261: रौशन जी एवं पूरे कविगन को बहुत बहुत बधाई 💐
[19/07, 23:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 धन्यवाद सह सादर आभार 🙏💐
[19/07, 23:39] +91  19261: अगले साझा संकलन की जानकारी देने की कृपा करें सर।
रीता मिश्रा तिवारी । शिक्षिका
भगलपुर बिहार
[19/07, 23:39] आ सपना जी: बिहार बोधि साझा संकलन के सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं👏👏💐💐💐💐
[19/07, 23:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[19/07, 23:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐
[19/07, 23:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 धन्यवाद सह सादर आभार 🙏💐
[19/07, 23:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: सादर आभार 🙏💐

[19/07, 23:37] आ सपना जी: आदरणीय विनोद जी को मेरे द्वारा संपादित काव्य संकलन का बता देना आप व्यक्तिगत अगर जुड़ना चाहे तो..अभी मैसेज देखा
[19/07, 23:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[19/07, 23:40] आ सपना जी: एक और भी मैसेज आया है..आदरणीय
हो सकता है इसमें भी इच्छा जाहिर करें..
मेरा भी काम हो जाएगा😊
[19/07, 23:41] आ सपना जी: हार्दिक आभार आदरणीय
[19/07, 23:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप लिखित वाला हमें भेजिए हम उन्हें पर्सनली भेज देंगे
[19/07, 23:42] आ सपना जी: आपके में मैं पूरी कोशिश करुँगी साथ वालोंं को जोड़ने की
[19/07, 23:42] आ सपना जी: जी आदरणीय
[19/07, 23:42] आ सपना जी: *ख़ुशखबरी रचनाकारों के लिए...*

*Classic Era पब्लिकेशन* की ओर से *काव्य दर्पण* साझा काव्य संग्रह प्रकाशन की प्रक्रिया में है।  सभी कवि एवं कवयित्री सादर आमंत्रित है। आप सभी *काव्य दर्पण*  साझा संग्रह में अपनी रचनाएँ प्रकाशित करने के लिए भेज सकते हैं। 

1. आपको अपनी 2 स्वरचित मौलिक रचनाएँ प्रकाशनार्थ भेजनी हैं। 
2. अपना संक्षिप्त परिचय (मोबाइल नम्बर और ई मेल आईडी के साथ), पासपोर्ट साइज फोटो व्हाट्सएप्प पर भेजनी होगी या इमेल के द्वारा भी आप अपनी रचना भेज सकते हैं। 
3. रचना भेजने से पहले जान लें कि *कैसे और क्या भेजना है:-* 
(1) इस संकलन में सहयोग राशि 500/- निर्धारित है जो रचना भेजने के साथ ही देय होगी। 
(2) रचनाएँ 2 से अधिक आमन्त्रित की जा सकेंगी जब 2 में से कुछ शिल्पीय त्रुटि दिखाई देगी तो ....रचना अधिकतम 24 पंक्ति की हो
(3)  रचना के साथ वांछित सामग्री व सहयोग राशि पूर्व में भेजकर पटल से जुड़कर सूची में नामांकित करना होगा साथ ही दिए गए गूगल पे, पे टीएम नम्बर पर भुगतान की गई राशि का स्क्रीन शॉट व विवरण अंकित संपर्क पर व्हाट्सएप करनी होगी।
(4) बैंक खाता न. में सहयोग राशि जमा करवाएं । 
(5) अपनी रचनाओं के मौलिक और स्वलिखित होने का उल्लेख अवश्य करे। 
(6) रचनाएँ इस ईमेल पर भी भेज सकते हैं
*Sapnanegi68@gmail.com*

(7) रचना भेजने की अंतिम तिथि 18 अगस्त 2021

विशेष - इस संग्रह में शामिल रचनाकारों को " *काव्य दर्पण सम्मान 2021"* प्रदान किया जायेगा ।
*ध्यान रखें* -
प्रकाशनार्थ प्रेषित रचना सकारात्मक, सामाजिक, उद्देश्यपूर्ण हो व राजनैतिक, राष्ट्रभावना, धार्मिक भावनाओं आदि को आहत करती हुई नही होनी चाहिए।
रचनाओं पर किसी प्रकार के वाद-विवाद हेतु रचनाकार उत्तरदायी होगा।।

*राशि इस खाते में जमा करें :-* 

केनरा बैंक
सपना
खाता न० - 2845101007246
*आइ.एफ़.एस.सी. न० -*
CNRB0002845

ज्यादा जानकारी के लिए व्हाट्सएप करें ...

*प्रकाशन एवं संपादन*
*टी० सी० सावन '*
मो• नं- 8894580075

*संपादन एवं प्रबंधक*
*सपना नेगी*
93542581

https://chat.whatsapp.com/K3PvmvHyClkG8wjIZY0WL3
[19/07, 23:43] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐

[28/06, 20:24] आ. केशरी सिंह रघुवंशी हंस जी साहित्य एक नज़र पे - 2: केशरी सिंह रघुवंशी हंस
[28/06, 20:55] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[19/07, 12:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐 नमस्ते 🙏
[19/07, 12:18] आ. केशरी सिंह रघुवंशी हंस जी साहित्य एक नज़र पे - 2: जी
[19/07, 12:18] Roshan Kumar Jha, रोशन: 0300001700035401
[19/07, 12:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: Roshan Kumar Jha
[19/07, 12:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: Punjab National Bank
[19/07, 12:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: IFSC code - PUNB0030000
[19/07, 12:20] आ. केशरी सिंह रघुवंशी हंस जी साहित्य एक नज़र पे - 2: जी धन्यवाद
[19/07, 12:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Liluah Branch
[19/07, 12:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[19/07, 12:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn
[19/07, 12:47] आ. केशरी सिंह रघुवंशी हंस जी साहित्य एक नज़र पे - 2: support.upi@sbi.co.in
[19/07, 12:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[19/07, 12:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspmo
[19/07, 12:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: आप रचना भेजिए 🙏💐 यहां पर कामेंट बाक्स में

[19/07, 08:40] आ प्रभात जी: शुभ प्रभात 🌷🌷 भैया जी
[19/07, 09:45] आ प्रभात जी: साहित्य सरिता साझा काव्य संग्रह के संपादक प्रमोद ठाकुर जी को कल हार्ट अटेक आया था
[19/07, 09:46] आ प्रभात जी: ऐसा वो बताये  है fb pe tabiyat bahut kharab hai unki सहयोग माँग रहे है वो
[19/07, 09:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी
[19/07, 09:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏 देखें है
[19/07, 09:50] आ प्रभात जी: ये वही है जो पैसा लेकर  पत्रिका निकालते है
[19/07, 09:50] आ प्रभात जी: जिनका जिक्र आपने किया था
[19/07, 10:01] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां भाई जी समीक्षा वाला

[19/07, 06:28] Babu 💓: Good morning jaan
[19/07, 07:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: Morning Babu

RKC NSS UNIT - 1
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पहला साल का जन्मदिन की ढेर सारी सुभकामनाए🎂🎂💐💐माँ स्वरसती आपमे हमेशा विराजमान हो और आपको दुनिया की सारी खुशी मीले❤️❤️
हसन भईया

हिन्दी कविता-12(88)
19-07-2019 शुक्रवार 18:48
*®• रोशन कुमार झा
-: मिला हूँ कई वर्षो बाद !:-

देखकर बहुत दिन बाद
किया हूँ गाँव में ही सही ट्रेन में याद!
बसंत बीता आया आषाढ़
फिर चलो करते है वाद-विवाद!

मैं नहीं
पहचाने तो आप ही सही!
मैं और आप वही
पर कहाँ चले गये बचपना
जहाँ एक साथ खेले रहे सही!

सब याद है
बड़े भाई मुकेश राजु अतीश मैं आप
सबके बाद है!
पर मिलूँ कैसे वह सब दिन
अब न आज़ाद है
क्योंकि सबके सब जिन्दगी के लिए
आबाद है!

उतरे है कोई वाणिज्य में तो कला में
तो कोई विज्ञान में
अपना-अपना मान में
हम सबकी सफलता गूँजे
धरती आसमान में
यही लिखा हूँ मैं रोशन
आप सभी के ध्यान में!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
रामकृष्ण महाविद्यालय#R.K.College
NSS
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(88)
19-07-2019 शुक्रवार 18:48
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
कल मुकेश भाईजी गाँवकाAtish
बोले बैट बॉल नहींखेलने दे पापाB.Tech
BUफोन करवाया13186 मिला
FBकचौरी खिलाये!BWNउठाये
पापा को 1000 दिये
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार

हिन्दी कविता-12(87)
18-07-2019  वृहस्पतिवार 12:45
*®• रोशन कुमार झा
-:मेरी सफलता!-

राह हुआ रोशन मिलती रही सफलता
कितना हुए हमसे खुश कितना
हमसे जलता!
उसी के लिए मैं कुछ करता
जो मेरे लिए मरता !

चलाता और खुद चलता
जो मुसीबत से न डरता!
डरने के सिवा उससे लड़ता
सुख देकर दुख को हरता!

तब हुए है सफल
कितने बार हुए रहे असफल!
दुख दर्द से भरा रहा कल
पर अब जीत गये अब रहा न वह पल!

अब आराम है
और भी काम है!
सुबह ही हुआ अभी दूर शाम है
साथ देने के लिए ईश्वर राम कृष्ण भूतनाथ
सरस्वती और बाबा धाम है
कुछ सफलता से तो कुछ असफलता
से मेरा नाम है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(87)
18-07-2019 वृहस्पतिवार 12:45
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
E.RLy,Howrah Bamangachi
N.D.College st John Ambulance
रामकृष्ण महाविद्यालय#R.K.College
Roll no-1374 Admission-1260
NSS#Merit no-219
मोसी बेटा राजेश Fभरा
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी
IGNOU-BPP-191081735

हिन्दी कविता-12(90)
20-07-2019 शनिवार 20:08
*®• रोशन कुमार झा
-: देरी मत करो!:-

देरी हो चुकी है अब तो मत देर करो,
सफलता राह में रुकी है अब तो पथ
पर चलो!
अन्धेरा राह रोशन करो,
हमसे न अपने आप से डरो!

कर लो मस्ती कर लो निकाह,
हमें है न किसी का परवाह!
मैं तो हूँ वह हलवाह,
जो खेत जोतकर पुन: पकड़ लेता हूँ राह!

देरी हो जाती पर मैं न करता देर,
क्योंकि मैं देखा हूँ देरी का खेल!
मिनट नहीं सकेंड के लिए छूट जाती
लोकल राजधानी जैसी रेल!
इतना ही नहीं परीक्षा में वक्त होते ही छीना
जाते पेपर और हम हो जाते फ़ेल!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
कलकत्ता विश्वविद्यालय
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(90)
20-07-2019 शनिवार 20:08
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी
R.k.College-NSS
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha
31st Bengal Bn Ncc Kol-B
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
35th District Rally 7th Jan2019
Certificate मिला आज तापसदा
no-Scout|14|2018-19|348
सआदत हसन मण्टो उर्दू कहानी पढ़े
लाईसेंस निकाह:-विवाह
Part-3 paper-5 CU1दिन मोबाईल पर

शीर्षककविता:-7(030)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(030)
माया रूपी जग के पवन!

तेरी नेहा भरी मोह-माया,
पवन वर्षा लाख मुसीबत के बाद तुझे पाया!
कैसे भुलुँ वह सब,
मालुम है तुझे पहली मुलाकात हुई थी कब!
नही ना तो जान लो,
कुछ पल के लिए नही हमें जन्मो-जन्मो
के लिए अपना मान लो!
अँधेरा मार्ग कर दो रोशन,
भरी बंसत क्या पवन ही बेहतर उसी झोके
में घुमाऊँगा शहर बाजार और रखुँगा
हमेशा प्रसन्न!
ख्यालो में बस रखना है तुम्हारी होठो
की मुस्कान,
तुझे क्या बताऊँ तुझमें ही बसी है मेरा
करोड़ो का प्राण!
जिससे चाहता हुँ चाहता रहुँगा हरदम,
कभी तोड़ना नही प्यार मोहब्बत की कसम!
वरना मै रो कर विखर कर टुट पडुँगा,
तुम्हारे सीवा मेरा दर्द कोन समझेगा आखिर
में मै प्यार किससे करूँगा!
ना हम तुमको और नही तुम भुलना मुझे,
धन्य है ईश्वर खुदा मसीहा वर्षा ऑधी
तूफान के लिए नही पवन के लिए
बनाये है परी की रानी तुझे!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716गुरूवार09:05
19-07-2018
Chandan institute Bamangachi
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam

शीर्षककविता:-12(89)ब,विषय सामग्री:बंगाली कविता:-12(89)
20-07-2019 शनिवार 08:45
*®• रोशन कुमार झा
-: आज कोरून !:-

जे कोरा जाबो ओईता आज करून
केनोउ कि काल काल हो जाबे,
जेखुन काल होई जावे,
तेखुन ओई सोंग की खाबे!

कोथो चलाबो माथा,
भालो होवो डोरो राखो खाता!

पोढ़ा सुना कोरो,
तालपोड़े चोलो!
की सच्ची बोलम न आमी ताले
तुमी तो कीछु बोलो,
आर ई मुँह ता खोलो!

जेते होवे,
बाईहरे जाअबेन कोबे!
बोलून,
आर ताराताली चोलून!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
(117) कलकत्ता विश्वविद्यालय (CU)
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389,(कविता-12(89)
20-07-2019 शनिवार 08:45
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी(LNMU)
(311) R.k.College :-NSS
From no:-2030710
18 को admission-1260+50 from
Roll no-1374,Received from-433
सलकिया विक्रम विद्यालय
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John Ambulance(Pmkvy)
Atish:-कल कविता पर one of the
best Poet good keep it up
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
IGNOU-BPP:-191081735



अंक - 70
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र अंक - 70 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -
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मात्र - 15 रुपये

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अंक - 70
19 जुलाई  2021
सोमवार
आषाढ़ शुक्ल 10
संवत 2078
पृष्ठ -   1
प्रमाण - पत्र -  6
कुल पृष्ठ -  7

सहयोगी रचनाकार  व साहित्य समाचार -

1.  आ. साहित्य एक नज़र 🌅
2.  आ.  आदरणीय अमृतांश मनहर जी को प्रथम जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई
3. आ.  बिहार बोधी ( साझा काव्य संग्रह )
4. आ.   विश्‍व के सबसे लंबे वर्चुअल कवि सम्मेलन में  शहर के कवि डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित ने किया काव्य पाठ -
5. आ. कल्पा ** ✍️ डॉ. मधु आंधीवाल जी , ऐड. अलीगढ
6. आ. केशरी सिंह रघुवंशी हंस जी
अशोकनगर ,  मध्य प्रदेश
7.आ. डॉ. सीमा विजयवर्गीय जी
8. आ. सुनील "सुगम " जी
9. आ.  रोशन कुमार झा

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
132. आ.  डॉ. सीमा विजयवर्गीय जी ,

अंक - 62 से 67
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अंक - 70 , 71 , 72 , 73 , 74 , 75
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspmo

हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी - गुरुवार

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 70
Sahitya Ek Nazar
19 July ,  2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी


सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
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फेसबुक - 1

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1157214924792060/

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https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=814470542775688&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo

अंक - 54 से 58 -
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https://online.fliphtml5.com/axiwx/cgpv/
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फेसबुक - 2

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/331686738594109/?sfnsn=wiwspmo

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https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/331416691954447/?sfnsn=wiwspmo

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=372917687593184&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/VRHtCBzV2hg

बिहार बोधी ( साझा काव्य संग्रह )

दिनांक :- 19 जुलाई 2021
सोमवार
आषाढ़ शुक्ल 10
संवत 2078

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/510078/-2021-6c0b1

मात्र - 255 रुपये में

बिहार बोधि ( साझा काव्य संग्रह ) के सहयोगी रचनाकार के परिचय और उनके दस रचनाएं -
अनुक्रमणिका
नाम               पृष्ठ संख्या
१-रजनी हरीश     ०७-१७
२-राजीव भारती   १८-२८
३-रीता झा          २९-३९
४-प्रतिभा पांडे      ४०-५० 
५-ज्योति सिन्हा    ५१-६१
६-अर्चना तिवारी   ६२-७२
७-सृष्टि मुखर्जी      ७३-८३
८-दीप्ति प्रिया       ८४-९४
९-रोशन कुमार झा    ९५-१०५

सम्पादक मंडल -

संपादन -
ज्योति सिन्हा
दीप्ति प्रिया

संकलन -
राजीव भारती
सृष्टि मुखर्जी

तकनीक -
रोशन कुमार झा
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 70

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/?ref=share

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फेसबुक - 1 , बिहार बोधि

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1157142638132622/

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1157142218132664/

फेसबुक - 2  , बिहार बोधि
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/331339201962196/?sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/331337335295716/?sfnsn=wiwspmo


-----------------

रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई


कविता :- 20(55)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2055-12072021-63.html

अंक - 63
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/63-12072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/jtka/

कविता :- 20(56)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2056-13072021-64.html

अंक - 64
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/64-13072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/pfpt/
अंक - 65
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/65-13072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/osxc/

कविता :- 20(57)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2057-14072021-65.html

अंक - 66
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/66-15072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/cgpv/

कविता :- 20(58)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2058-15072021-66.html

अंक - 67
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/67-16072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/iwmf/

https://online.fliphtml5.com/axiwx/ndqq/

https://imojo.in/9Gs5NG

कविता :- 20(59)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2059-16072021-67.html

अंक - 68
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/68-17072021.html

https://imojo.in/5hR6sD

https://online.fliphtml5.com/axiwx/jurd/
कविता :- 20(60)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2060-68-17072021.html

अंक - 69
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/69-18072021.html

https://imojo.in/2ohkQk

https://online.fliphtml5.com/axiwx/tcvq/
कविता :- 20(61)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2061-18072021-69.html

कविता :- 20(62)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2062-20072021-71.html

अंक - 70
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/70-19072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/lqem/

https://online.fliphtml5.com/axiwx/cfmn/
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/510078/-2021-6c0b1

कविता :- 20(63)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2063-20072021-71.html

अंक - 71
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/71-20072021.html

अंक - 72
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/72-21072021.html

कविता :- 20(64)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2064-21072021-72.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html

सम्मान पत्र
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/079.html


विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xdai/

अंक - 59
Thanks you
https://online.fliphtml5.com/axiwx/hsua/

जय माँ सरस्वती
अंक - 70 , 71 , 72 , 73 , 74 , 75
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
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दिनांक :- 19 जुलाई 2021 से 24 जुलाई 2021 तक
सोमवार से शनिवार तक
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं व बिना मतलब के स्पेस ( अंतराल ) वाली रचनाओं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350

सूचना - साहित्य एक नज़र 🌅 पत्रिका में प्रकाशित करवाने हेतु सहयोग राशि -
एक रचना 16 - 20 पंक्ति अन्य विधा शब्द सीमा - 300 - 350 - 15 रुपये
एक महीना में दस अंक में दस रचनाएं
प्रकाशित करवाये मात्र - 120 रुपये में
आप किसी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी पत्रिका के माध्यम से दे सकते है ।
State Bank of India
Account Number :- 20357163357
IFSC code : SBIN0000144
Name :- Roshan Kumar Jha
सहयोग राशि जमा कर स्कीन शार्ट व रसीद 6290640716 पर भेजें ।

आपका अपना -
✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संपादक / संस्थापक
साहित्य एक नज़र 🌅
मधुबनी इकाई - মিথি LITERATURE ,
मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक - मासिक पत्रिका ( मंगलवार ),
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका - मासिक पत्रिका )

अंक - 62 से 67
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सम्मान पत्र - 1 - 80
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सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

बिहार बोधी ( साझा काव्य संग्रह )

दिनांक :- 19 जुलाई 2021
सोमवार
आषाढ़ शुक्ल 10
संवत 2078

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मात्र - 255 रुपये में ।
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बिहार बोधि ( साझा काव्य संग्रह ) के सहयोगी रचनाकार के परिचय और उनके दस रचनाएं -
अनुक्रमणिका
नाम               पृष्ठ संख्या
१-रजनी हरीश     ०७-१७
२-राजीव भारती   १८-२८
३-रीता झा          २९-३९
४-प्रतिभा पांडे      ४०-५० 
५-ज्योति सिन्हा    ५१-६१
६-अर्चना तिवारी   ६२-७२
७-सृष्टि मुखर्जी      ७३-८३
८-दीप्ति प्रिया       ८४-९४
९-रोशन कुमार झा    ९५-१०५

सम्पादक मंडल -

संपादन -
ज्योति सिन्हा
दीप्ति प्रिया

संकलन -
राजीव भारती
सृष्टि मुखर्जी

तकनीक -
रोशन कुमार झा
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 70

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आज अपने पुत्र अमृतांश मनहर का पहला साल का जन्मदिन हैं , आप सभी की दुआएँ और आशीर्वाद अपेक्षित हैं। जन्मदिन का कार्यक्रम स्थल @ AVN Grand Hotel , Ranchi .
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2881760405418922&id=100007549718802

आदरणीय _ _ _ _ _ अमृतांश मनहर _ _ _ _  जी को प्रथम जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏 💐 🌹 🎈🎉🎁🎂🎈 🌅

🙏 💐 🌹🎈🎉🎁🎂🎈🌅
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 70 , सोमवार , 19 जुलाई 2021
अंक

कविता :- 20(62)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता - गिरने नहीं दोगी -

पता है अब तुम हमें गिरने नहीं दोगी ,
दुश्मनों से अब मिलने नहीं दोगी ।
हार भरी बीज को अब खिलने नहीं दोगी ,
और हमें किसी के अंदर
प्याज छिलने नहीं दोगी ।।

राह से हमें फिरने नहीं दोगी ,
हार से हमें हिलने नहीं दोगी ‌।
हमें मिटाने वाले को चीरने नहीं दोगी ,
हमें पता है
तुम हमें गिरने नहीं दोगी ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(62)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
19/07/2021 ,  सोमवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 70
Sahitya Ek Nazar
19 July 2021 ,  Monday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

विश्‍व के सबसे लंबे वर्चुअल कवि सम्मेलन में  शहर के कवि डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित ने किया काव्य पाठ -

भवानीमंडी :-  रुद्रपुर उत्तराखंड की साहित्यिक संस्था बुलंदी जज्बात ए कलम द्वारा अन्तराष्ट्रीय स्तर का विश्व के सबसे बड़े वर्चुअल कवि सम्मेलन का 11 जुलाई से  आगाज़ किया।200 घण्टे से लगातार चलने वाला यह ऑनलाइन कवि सम्मेलन  इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा l इस कवि सम्मेलन में देश विदेश सहित 800 कवि हिस्सा ले रहे हैं। काव्य पाठ के क्रम में रविवार  प्रथम सेशन प्रातः 8 से 12 बजे में  भवानीमंडी के कवि डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित ने अपनी कविताओं के माध्यम से राष्ट्र जागरण किया।उन्होंने कोरोना काल मे सकारात्मक सोच रखने की बात को कविता में कहा कि "छूना चाहते हो बुलंदी को अगर जमाने की तुम। सकारात्मक सोच रखो सदा जहन में तुम।।" प्रकृति में बढ़ रहे प्रदूषण वैश्विक महामारी से जुड़ी उनकी रचना "परिंदे उन्मुक्त उड़ रहे आसमां में, आदमी मगर कैद है अपने मकानों में।" बेटियों पर उनकी कविता "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ यह तो केवल नारा है देखो मन का दर्पण फिर बेटी ही एक सहारा है।" और  शहर का नाम रौशन किया। बुलंदी जज़्बात ए कलम संस्था द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होकर यादगार कार्यक्रमों में शामिल होगा l कार्यक्रम का प्रसारण बुलंदी पोएट्री के ऑफिशियल चैनल से किया गया।  बुलंदी जज्बात ए कलम साहित्यिक संस्था उत्तराखंड के बाजपुर से संचालित होती है जिसके संस्थापक बादल बाजपुरी हैं l संस्था के संथापक बादल बाजपुरी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश शर्मा जी द्वारा निमन्त्रण पत्र भेज कर डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित कवि को इस आयोजन में काव्य पाठ किया गया था। यह कवि सम्मेलन 11 जुलाई से लगातार चल रहा है।  विश्व के सबसे लंबे चलने वाले इस कवि सम्मेलन में  कनाडा , जर्मनी , दुबई ,सऊदी
,यू इस ए बेल्जियम , केलिफोर्निया, आबू धाबी , सिंगापुर तक के कवि सहित कुल 800 से ज्यादा कलमकारों ने काव्य पाठ किया।

सावन की वो रुत मस्तानी भूल न जाना
बादल, बिजली, घटा सुहानी भूल न जाना
अपनी छत पर भी रख लेना इक-दो बर्तन
तू पंछी का दाना-पानी भूल न जाना
दो रोटी गायों को भी मिल जाएँ घर से
पुरखों की ये बात पुरानी भूल न जाना
चींटी को रख देना आटा चलते-चलते
माँ की आदत वही पुरानी भूल न जाना
अपने गमलों में रख लेना थोड़ी ख़ुशबू
तुलसी, बेला, रात की रानी भूल न जाना
नदियों, सागर, झरनों, तितली, परियों वाली
बचपन की तू वही कहानी भूल न जाना
बरगद, पीपल और नीम की शीतल छाया
धरती माँ की चूनर धानी भूल न जाना

✍️ डॉ. सीमा विजयवर्गीय

कल्पा ** ✍️ डॉ. मधु आंधीवाल ऐड. अलीगढ
madhuandhiwal53@gmail. Com

कुछ जिंदगी में इस तरह की घटनाये घटती हैं कि एक कहानी बन जाती हैं ! मैं लगातार बृंदाबन जाती रहती हूँ। हमेशा उन महिलाओं पर कार्य कर रही थी जो एक मुठ्ठी चावल के लिए मंदिरो और आश्रमों में कीर्तन करतीं हैं !कई बार से एक चेहरा पहचाना सा लगता था पर मैं उस तक नहीं पहुंच पाती थी ! एक दिन मैंने उसे पकड़ लिया जब उसको अपनी ओर घुमाया तो देखा वह कल्पा थी !मेरे बचपन की पड़ोसी और बचपन की मित्र ! वह मुझसे छूट कर भागने की कोशिश में थी पर मैने कस कर पकड़ रखा था ! बीते दिनों की सारी घटनाए मेरे सामने चल चित्र की तरह घूम रही थी ! हम तीन बचपन के दोस्त थे ! साथ साथ  खेलना स्कूल जाना उसके बाद बचपन भी धीरे धीरे अल्हड़ यौवनावस्था की ओर बढ़ रहा था ! स्कूल से कॉलिज में पहुंच गए कुछ दिन से कल्पा का व्यवहार भी बदल रहा था ! हम तीन सहेलियां साथ साथ रहते थे पर वह पता ना कहाँ खोई रहती थी ! एक दिन मेरे बड़े भाई ने फरमान सुना दिया कि तुम कल्पा के साथ नहीं रहोगी कुछ गलत बातें काफ़ी दिन से कल्पा के बारे में हो रही थी! उसी समय पापा का तबादला हो गया ! उड़ते उड़ते सुना कल्पा किसी लड़के के संग भाग गई वह उम्र में भी उससे बड़ा था !कल्पा के घर की स्थिति भी आर्थिक रूप से बहुत अच्छी थी !
  उसके बाद कोई सूचना नहीं मिली !इतने दिन के बाद मैंने उसे इस हाल में देखा बहुत दुख हुआ मैं उसे पकड़ कर पास के होटल में ले गई बहुत पूछने पर वह रोने लगी जब उसने सब बातें बताई तो मैं कुछ देर सोच ही नहीं पाई । वह लड़का उसके घर आता जाता था उसके छोटे भाई बहनो को पढ़ाने के लिये उसने इसके साथ घनिष्टता करनी शुरू की और ये उसके साथ बिना सोचे समझे आगे बढ़ती गई !उसके बहकाने में आकर एक दिन घर छोड़ कर चली गई ! जब उसका दिल इस से भर गया तब इसे किसी और के हाथ बेच कर चला गया और ये हाथों हाथों बिकती गई !एक दिन कैसे भी वहां से निकल कर भाग कर वृंदावन  आगई ! मेरी समझ नहीं आ रहा था क्या करूँ उसको बहुत कहा कि मेरे साथ चल पर वह नहीं आई ! बस एक बात का वायदा ले लिया कि मैं जब बृन्दावन आउंगी उससे मिल कर जाऊगी ! बेचारी कल्पा एक व्यथा !
स्व रचित
✍️ डॉ. मधु आंधीवाल ऐड.
अलीगढ
madhuandhiwal53@gmail. Com

कारवां गुजर गया ,गुवार देखते रहे
     एक अदभुत इन्सान जिनके साथ गुजारे अविस्मरणीय पल मै कभी नहीं भूल पाऊगी ।
    कितने बदनाम हुये हम जमाने में तुम्हें लग जायेगी सदियां हमे भुलाने में ...
पद्म श्री पद्म भूषण श्री गोपाल दास " नीरज " एक काव्य मसीहा को मेरा हार्दिक नमन ।

.... आह्वान ...

खुद सोकर औरौ को ,
चला जगाने शब्दों से ।
मर्यादा  मुझमें है नहीं ,
सबको चला  सिखाने ।
कौन सज्जन दुर्जन कौन,
समय तले ढका सज्जन ।
सच को मार तमाचा,
झूठे को पान खिलाता ।
हो महल खड़ा शब्दों के,
सत्य को साबित करता ।
मैल भरा मन लेकर,
पड़ोसी घर धोने जाता ।
मजबूत जड़ पोषण नहीं,
पल्लव उगाने चल पड़ा ।
डाली -डाली सूख रहा,
शब्दों से जीवन भरने चला ।
खो गया संघर्ष जीवन का,
ढूढता साधन भटक रहा ।
बिकता जन-जन पैसों पर,
बड़े-छोटों का क्या कहना ।
करें "आह्वान"अब कलमों का,
हो एकजुट कलमकार -पत्रकार।
बने तो कोई "महानायक "शून्य में,
स्थापित कर सके जो मर्यादा को।....

✍️  सुनील "सुगम "

          18/07/021

🌧️🌪️ गीत- मेघ 🌧️🌪️

काले मेघा हुए नदारद,
कृषक भाल  अब पटक रहा है।
आषाढ़ माह है जाने वाला,
सूर्य ताप से चटक रहा है।
भीषण गर्मी से राहत हो,
देख रहे है नीले नभ को,
रूठे पंछी नही लौटते ,
ऐसे ही बादल छिप जाते,
लगी टकटकी आसमान पे,,
मेघ नजर अब आते कम,
मृगशिरा में थोड़ी बर्षा
,गई रोहिणी ताप बढाकर,
आर्द्रा बीती सूखी सारी,
मानसून क्यों भटक रहा है।
भीषण गर्मी आग उगलती,
झुलस रहा है पौधा -पौधा।,
धान की क्यारी सूख रही है,
कम पानी से कैसे भरना ,
पड़ी दरारें  खेतों में अब,
पानी की है भारी किल्लत,
बिना नमी के खेत सूख गये,
लता पेड़ पे पतझड़ आया,
कौन बुझाए प्यास भूमि की,
सूखा बादल लटक रहा है।
बीज नही सपने बोए है,
सारे  चकनाचूर हो गए,
जीवन यापन  खेती-बाड़ी,
अन्नदाता मजबूर हो गए,
राम सहारा है अब तेरा
मन्नत को मजबूर हो गए,,
अर्थव्यवस्था चौपट घर की,
मानसून की भेंट हो गए
मानसून आधारित  खेती ,
मुख्य रूप से घटक रहा है।
काले मेघा हुये नदारद,
कृषक भाल अब पटक रहा है।

✍️ केशरी सिंह रघुवंशी हंस
अशोकनगर ,  मध्य प्रदेश







रोशन कुमार झा




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