कविता :- 16(77), 16(75),:- 16(76)

कविता :- 16(77),16(76), :- 16(75)

नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 166
दिनांक :- 29-06-2020
दिवस :-  सोमवार
विषय :- चित्र - लेखन
संचालक :- आ. निक्की शर्मा जी

सुख सुविधा मिले सारी ,
हरा भरा हो , हो हर कहीं हरियाली ।
हम रोशन बनकर रहें माली ,
हर कहीं दिखें फिर से बैलगाड़ी ।।

वही जीवन है प्यारी ,
जीने की इच्छा है जारी ।
काम करते हल्का और भारी ,
सच में हमें फिर से चाहिए बैलगाड़ी ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

https://twitter.com/RoshanK52747668/status/1277513887802224640?s=19
https://youtu.be/5kxi5eR8obo इंक़लाब पत्रिका


नमन 🙏 :- साहित्य उत्थान

कविता लेखन साप्ताहिक प्रतियोगिता

विधा :- कविता

विषय :- धरती 

दिनांक :- 29/06/2020

दिवस :- सोमवार


हम रोशन तब , जब ये धरती है ,

हम रूकते, पर ये चलती है ।

चल चल कर दिन रात करती है ।

पूजा पाठ हो या धर्म - कर्म 

वह तो किसी से न डरती है ।।


इस पर सूर्य की किरण पड़ती है ,

हम घर में , ये तो दिन में जलती है ।

जल जल कर ये आगे बढ़ती है ,

तब ही तो ये दिन रात करती है ।।


अपने पर वर्षा का जल भरती है ,

दुख दर्द सभी की हरती है ।

ये न किसी से लड़ती है ,

स्वर्ग से भी सुन्दर हमारा 

अपना ये प्यारा धरती है ।।


नाम :-   रोशन कुमार झा

जन्मतिथि :- 13/06/1999

कार्य :- बी.ए की छात्र, एन.सी.सी, एन.एस.एस, सेंट जॉन एम्बुलेंस, भारत स्काउट गाइड के सदस्य ।

पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार

ई - मेल :- Roshanjha9997@gmail. com

यह रचना हमारा मौलिक व स्वरचित है, और इसे साहित्य उत्थान से आयोजित ई - पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति देता हूँ ।।

कविता :- 16(77)

कविता:-16(42) वर्तमान अंकुर मंच,सोमवार 25/05/2020

नमन 🙏 :- मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य मंच,
तिथि :- 29-06-2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- कविता
विषय :- दोस्ती

हार से न हारा ,
न्यारा - प्यारा
है दोस्ती हमारा ,
वही तो भाईचारा ।

दुख में हटाया दुख सारा
मेरे लिए खोल कर रख दिया ताला ,
ग़लत से सही की ओर किया इशारा ,
यही तो है भाई भाईचारा ।।

खुद भूखे रहकर भूख मिटाया हमारा ,
गिरते वक्त दिया हम रोशन को सहारा ।
बनें न पर दिखलाया तारा ,
आगे बढ़ने को कहते रहा  , है न्यारा प्यारा
भाईचारा हमारा ।।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
मो:-6290640716

कविता :- 16(76)

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
दिनांक :- 28/06/2020
दिवस :- रविवार
विषय :- कलाकार ( स्वैच्छिक )
विधा :- कविता
प्रदाता :- साहित्य संगम संस्थान

सुशांत इतना जल्दी तू क्यों माना हार ,
गिरते उठते देखें है हम रोशन कुमार ।
हार के भी नहीं मानते हार ,
वही तो है, कहलाते सच्चा रचनाकार ।।

माना कि रहता बहुत बड़ा भार ,
दुनिया छोड़ो, यहां तो
वक्त के साथ बदल जाते अपना ही घर-परिवार ।
कुछ बनने में लगते कई साल ,
कुछ बन दिखाओ, तो घर परिवार क्या,
गांव, घर , जिला कहते वह है अपना लाल ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716
सुशांत सिंह राजपूत पर

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान

                          दिनांक :- 28/06/2020 सोमवार 23:05

विषय :- त्याग पत्र

आदरणीय/ आदरणीया, :-

गर्व है हम रोशन को, कि हम विश्व साहित्य संस्थान के सदस्य रह चुके है , हम वॉट्सएप समूह कुछ कारणों से बिना बताए निकल चुकें है, यदि कोई विश्व साहित्य संस्थान के फेसबुक मंच, ब्लॉगर, ईमेल आईडी का पासवर्ड लेना चाहते है,तो वे ले सकते है,

हम आशा करते है आप सभी के सहयोग से हमारा विश्व साहित्य संस्थान दिन दुनी रात चौगुनी बढ़े ।

     जय हिन्द, जय भारत, जय विश्व साहित्य संस्थान

              आपका आज्ञाकारी
          सेवक :- रोशन कुमार झा

कविता :- 16(75)

नमन 🙏 :- मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य मंच,
तिथि :- 27-06-2020
दिवस :- शनिवार
विषय :-  तन्हाई
विधा :-  कविता

रहा न उससे वह प्रेम सुन लो भाई भाई
हूं हम रोशन उसकी वही परछाई  ।
दूर होते ही वह मेरी रंग रूप सब मिटायी ,
और क्या वह तो अपने दिल में किसी और को बसायी ।।

यही तो है तन्हाई ,
उसकी ग़म ही तो मुझे इस मोड़ पर लायी ‌।
हम राह में, वह हमें इंतजार में बैठायी ,
हम इंतजार में ही रहे, वह किसी और को अपना
बनाकर दिखाई ।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716

            मौलिकता प्रमाण पत्र । :-

  ********         विश्व साहित्य संस्थान  *************

साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020
विषय प्रदाता :- आ. आशीष कुमार झा
विषय          :- कोरोना से संबंधित रचनाएं व चित्र

सूचना :- हर एक रचनाकार एक भाषा में एक ही रचना साप्ताहिक ई पुस्तिका अंक :- 2 , जुलाई 2020, चाहे तो वे एक हिन्दी, तो एक मैथिली और भी भाषा में भेज सकते है ।
रचनाएं तीन जगह भेजनी है ।:-

27/06/2020 से 30/06/2020 तक

(1) वॉट्सएप समूह पर
(2) फेसबुक मंच पर कमेंट बॉक्स में दें ।
(3) vishshahity20@gmail.com पर तब ही ई पुस्तिका में प्रकाशित होगी ।

रचना के अंत में
नाम :-
पता :-
मो :-
फोटो :-

के साथ मौलिकता प्रमाण पत्र ज़रूर दे । मौलिकता प्रमाण पत्र इस प्रकार होनी चाहिए, चाहे तो आप इसे ही कॉपी करके भेज सकते है ।

                मौलिकता प्रमाण पत्र । :-
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यह रचना हमारी मौलिक व स्वरचित है, इसे विश्व साहित्य संस्थान से आयोजित अंक-2 जुलाई - 2020  ई पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति प्रदान करता / करती हूं ।।

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मौलिकता प्रमाण पत्र , आप किसी भी भाषा में दे सकते है, निज भाषा में भी ।

आप लोग भी विषय दें सकते है, विषय देकर आप लोग भी विषय प्रदाता बन सकते है ।

धन्यवाद सह सादर प्रणाम 🙏💐💐💐🙏💐🙏🙏

            विश्व साहित्य संस्थान

नमन 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
तिथि :- 27-06-2020
दिवस :- शनिवार
विषय :-  ओ बरसों काले बदरा ......
विधा :-  प्रदत्त पंक्ति पर सृजन
संचालक :- आ. राजेश कुमार शर्मा जी

प्रकृति कर रही हैं आदर ,
आसमान में छाई है बादल ।
अब रहा न कल वाला कल ‌,
होगी वर्षा, बरसेगी जल ।।

नव पत्ती खिलेंगी ,
प्यासी प्रकृति वर्षा का जल पीलेगी ।
कब आसमान को काला , बादल कर देगी ,
तब धरती पर जल बरसेगी ।।

गर्मी जायेगी
हरियाली आयेगी ।
मौसम की बदलाव लायेगी ,
कब जब बादल छायेगी ।

रंग रूप विकराल ,
करके अंधकार ।
न वह , न उसका कोई है सरकार ,
वह है बादल, जिसे जानते हम रोशन और संसार ।।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716

कविता :-16(48) , नमन 🙏 :- शब्दों का सफ़र
तिथि :- 31-05-2020
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1674.html


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