कविता :- 20(35) , मंगलवार , 22/06/2021 , अंक - 43

रोशन कुमार झा

कविता :- 20(35)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

कल से नहीं शिक़ायत
हमें आज से है ,
अपनी व्यवहार
और आवाज़ से है ।।
हमें लगाव न पद न राज से है ।
ये आँसू  समाज का दिया हुआ है
इसे मत समझो कि ये गिरता आँसू
प्याज से है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मंगलवार , 22/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(35)
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 43
Sahitya Ek Nazar
22 June 2021 ,   Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

काली भईया बेटी गुड़िया दीदी का शादी दुल्हा में ही हुआ है , दुल्हा ही काली भईया का गांव है । आज वही सब खाएं जो कल दादी काली भईया आंगन से लाये रहें ।

रूपम आनंद की बहन आयी रहीं बोली देव मामा बुलाएं है परौल , मिठाई लेकर आयी रहीं ,
माँ बोली फिर मधुबनी जाने नानी से पैसा लाने

घनश्याम भाई जी दादी को बोले जटाधारी भाई पीबअ लगलैय । राहुल का जटा दादी रखीं है कहीं मुंडन करवाना है बोली, आज की पत्रिका में सम्मान पत्र पर फोटो नहीं लगा
91. आ. रामकरण साहू " सजल " जी
फिर से लगाएं
[22/06, 18:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/dyww/
[22/06, 19:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/kqng/
19:00 बजे खेत तरफ गये भविन्द्र मिली पापा बोले कतअ एखन बोले नेट के लेल ।



अंक - 43
https://online.fliphtml5.com/axiwx/kqng/

अंक - 42
https://online.fliphtml5.com/axiwx/cayp/

अंक - 41

https://online.fliphtml5.com/axiwx/tjxw/

जय माँ सरस्वती

साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
अंक - 43

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

आ. प्रमोद ठाकुर जी
सह संपादक / समीक्षक
9753877785

मो - 6290640716


अंक - 43
22  जून  2021

मंगलवार
ज्येष्ठ शुक्ल 12 संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण पत्र - 6 - 7
कुल पृष्ठ -  8

मो - 6290640716

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
90. आ. भगवती सक्सेना गौड़ जी
🏆 🌅 पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र  🌅 🏆
91.आ. रामकरण साहू " सजल " जी
( पुस्तक समीक्षा सम्मान पत्र - " " सजल की ग़ज़लें - 6 )

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 41 से 44 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/311880380574745/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 37 - 40
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/309307190832064/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 34 से 36
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/307342511028532/?sfnsn=wiwspmo

फेसबुक - 1
https://m.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1139638423216377/

https://m.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1139639066549646/

फेसबुक - 2

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/313867377042712/?sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/313867867042663/?sfnsn=wiwspmo

आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 43 ,  मंगलवार
22/06/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 43
Sahitya Ek Nazar
22 June 2021 ,  Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর

_________________

विश्व साहित्य संस्थान
    🙏 प्रथम वर्ष 🌅
20/06/2020 , शनिवार से  20/06/2021 , रविवार
एक साल हो गया विश्व साहित्य संस्थान का
https://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/blog-post.html?m=1

http://vishshahity20.blogspot.com/2021/02/11.html

✍️ ज्योति सिन्हा , मुजफ्फरपुर , बिहार

1.

2.
परिचय -
✍️ रामकरण साहू"सजल"
ग्राम-बबेरू ,जनपद - बाँदा , उत्तर प्रदेश , भारत
शिक्षा- परास्नातक
प्रशिक्षण- बी टी सी, बी एड, एल एल बी
संप्रति- अध्यापन बेसिक शिक्षा
सम्पर्क सूत्र-  8004239966

तृतीय और अंतिम चरण की समीक्षा में हम बात करते है कि ये पुस्तक जो श्री रामकरण साहू "सजल" जी द्वारा रचित अनमोल रत्न यानी  ये ग़ज़ल संग्रह "सजल की गज़लें" कहाँ उपलब्ध रहेगी तो बता दूँ ये आपके लिए  उपलब्ध है।

1. रूद्रादित्य प्रकाशन
190 एच/आर/3-एन, ओ.पी
.एस नगर कलिन्दीपुरम
प्रयागराज (ऊ.प्र.)
दूरभाष -8187937731

2. श्री रामकरण साहू "सजल"
कमासिन रोड़ नीलकंठ पेट्रोल पम्प
के पास ग्राम-पोस्ट बबेरू
बाँदा (ऊ.प्र.)
दूरभाष- 8004239966

इस ग़ज़ल संग्रह को पढ़े । अब मैं अगली समीक्षा में आप सभी से फिर मुलाक़ात करूँगा तब तक के लिए।
राम-राम

✍️ प्रमोद ठाकुर जी

2.

यदि, आप बात करते है..
एक स्त्री की
मनोकामना और,
उनके अात्मसम्मान की?
तो आपको यह
ज्ञात होना चाहिए
कि, एक स्त्री की
सभी महत्वकांक्षा
और, मान-सम्मान...
तभी प्राणहिन हो जाती है
जब, वह आर्थिक रूप से
दूसरों पर निर्भर हो
केवल पुरूष मात्र
के लिए ही नहीं
बल्कि, स्त्री
जाति के लिए भी
आर्थिक रूप से
आत्म-निर्भरता अनिवार्य है।

✍️ ज्योति झा
बेथुन कॉलेज , कोलकाता

नमन मंच
विधा लघुकथा
दिनांक 21.6.21

बाढ़ , ✍️ भगवती सक्सेना गौड़

दिल्ली से रजनी ने छोटे बेटे नवीन को फ़ोन किया," हेलो, बेटा, कैसे हो, अभी टीवी में देखा, तुम्हारे शहर में तेज़ बारिश हो रही है, नेपाल से पानी भी छोड़ा जा रहा है, बाढ़ आने वाली है। तुम्हारे शहर को बहुत संवेदनशील बता रहा है, क्या तैयारी की है।" "हाँ, मम्मी, शहर में हल्ला तो है, पर मेरे पास 3 एंड्राइड मोबाइल है, सब चार्ज करके रखते हैं, कोई दिक्कत नही होगी।" "समझ नही आया, बाढ़ आई, और एक हफ्ते पानी भरा रहा, बिजली भी चली गयी तो क्या करोगे, मोबाइल से।" मोबाइल में सब होता है, आप नही जानती, लाइट जलती है, आर्डर करके खाना और हर समान आ जाता है।" अरे , बेटा बुद्धू बॉक्स ने सबको अपंग बना रखा है, जाओ, और राशन पानी भरो, जब पानी भरा होगा तो ऑनलाइन सेवा कैसे होगी, हेलीकाप्टर से ऑनलाइन सेवा छत पर देने की अभी शुरू नही हुई ।"

✍️ भगवती सक्सेना गौड़
बंगलोर

#नमन मंच
#विधा कविता
#दिनाँक 21/06/21

✨ताजमहल : एक हसीन मोहब्बत की पहल✨

ऐसी अनोखी मोहब्बत
किसने निभाई होगी,
मुमताज के याद में जिसने
पत्थरों को तरास कर
ताजमहल बनवाई होगी,
तब से अब तक ताजमहल
प्रेम का प्रतीक बन गया,
जो जोड़े शाहजहां मुमताज
को वो लकीर बन गया,
देखकर रौनक जमुना के किनारे की
मेहताब की एक नर्म किरण ढल गया,
हर शायर ने अपनी
नज़्म इस पर लिखी है,
इश्क़ की दास्तान भी क्या
खूब जमाने को मिली है,
शाहजहां की मोहबब्त की चर्चे होंगी,
जो खत्म न हो सकेगी
एक ऐसी कहानी दी है,
ताज वो शमा है जिसके
दीवाने भी ज़रदार है,
बेशुमार चाहत मगर
हर आस दुश्वार है,
एक हसीन मूरत बनवाकर
हज़ारों हसरतों को ख्वाबों
कसमों को निभाकर,
इस महलों पे इन तख्तों पे
ताजों की इस दुनिया में,
मुमताज का नाम लिखा संग-ए-
मरमर की हर ज़र्रे ज़र्रे में,
एक नवरंग मधुर
मोहबब्त की निशानी दे दी,
जो खत्म न हो सके कभी सफ़ेद
चादर में लिपटी ऐसी
सदाबहार चांदनी दे दी ।

✍️ रानी साह
कोलकाता , पश्चिम बंगाल



नमन मंच
साहित्य एक नजर

ग़ज़ल

ये जमी ये आसमा जमकर खूब बरसते हैं,
अब मुहब्बत में उनके  दिन रात तरसते है।।
उनके लिए ये अंखियों से आंसू निकलते हैं
बनके भंवरा  कलियो पर यू ही  मचलते है।।
मेरी जिंदगी की हसीन शाम जब ढलती है
कुछ   जख्म  मेरी  मुहब्बत  में  मचलते हैं।।
बारिश की हर बूंद की कीमत वोह क्या जाने
आंखो से मुसलसल अब दिन रात बरसते हैं।।
कभी  न देखा तुम्हे  हमने जी भरकर यू ही
अब  आपके  मेरे  जज़्बात  यू ही दहकते है।।
बनकर  शमा यू दिन  रात उनकी जलते हैं,
बारिश की तरह अंखियों से आंसू बरसते हैं।।
हर वक्त  तुमसे  रहेगी  मुहब्बत  की तड़फ,
माना कि  भले ही  हमेशा  हम  झगड़ते है।।
तुमने दिए कहकहो के काफिले बहुत मगर,
आनंद तेरी आंखो से मुसलसल अब बिखरते है।।

✍️ कैलाश चंद साहू
बूंदी राजस्थान

नमन :- ' साहित्य  एक  नज़र ' 🙏
अंक :- 41  - 44
दिनांक :- 20 - 06 - 2021
दिन - रविवार

विधा - कविता
                
मेंहदी

मेंहदी  औरतों  के
हाथों  की  श्रृंगार  है ,
इसके  रंग  होते
हमेशा  लाल ।
यह  तो  प्रेम
  की  निशानी  है  न ,
तभी  तो  इसके  हैं
लंबी  प्रेम 
कहानी  भी  है  न ।
क्या  मीरा ,  क्या  राधा
सभी  ने  क्या  
निभाईं  प्रेम ।
कान्हा  के  संग ,
अपनी  प्रेमी  के  संग ,
कभी  उनकी  प्रेम  में
तपस्या  नहीं  हुई  भंग ,
दोनों  जोड़ी  हमेशा 
दिखे  संग - संग ।

✍️ प्रकाश  राय
सारंगपुर ( डाकघर )
समस्तीपुर  बिहार
9709388629

शीर्षक : सपने

अपने सपनों के लिए,
सुप्ति को तोड़ना पड़ेगा,
शैथिल्य अरि को हराकर,
मंजिल की ओर बढ़ना पड़ेगा,
दिनकर की तरह दीप्त हेतु,
औवल मरीचि से
मेल करना पड़ेगा,
नव्य प्रमान के साथ,
समारंभ की ओर बढ़ना पड़ेगा,
चाहे जितनी अगम्य हो मंज़िल,
माना  तमिस्त्रा है अभी जिंदगी में,
विश्वास रखो वक्त बदल जाएगा,
अंधेरी निशा के बाद,
चमकदार सूरज का आगाज़,
तो प्रकृति का भी कायदा है,
अपने सजीव हो जायेंगे,
आत्मविश्वास से मंज़िल,
की ओर बढ़ते जाना है।

✍️ इं.निशांत सक्सेना "आहान"
   गाज़ियाबाद

खुशखबरी ! खुशखबरी ! खुशखबरी !

हमारी दैनिक पत्रिका साहित्य एक नज़र  "पुस्तक व रचना समीक्षा स्तम्भ" शुरू करने जा रही है पुस्तक की समीक्षा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याती प्राप्त समीक्षक , गीतकार,कवि,शायर,कहानीकार,नाट्यकार और उपन्यास लेखक आ. श्री प्रमोद ठाकुर ग्वालियर मध्यप्रदेश द्वारा किया जायेगा जो पिछले 22 वर्षों से साहित्यिक सेवा में सेवारत हैं। जिनकी अभी तक कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है 2 काव्य संग्रह -कटुकल्पना एवं आँसुओं का वज़न,2 कहानी संग्रह- रॉन्ग नम्बर एवं लल्ली, 2 उपन्यास -पलायन एवं टाइम ट्रेवल, 2 नाट्य संग्रह मुआवज़ा एंव कुंडी का नीलम, 2 साँझा काव्य संग्रह शव्द सागर एवं काव्य सलिल(ई पुस्तक),1साँझा कहानी संग्रह सागर की लहरें भाग-२।

जो भी साहित्यकार इस स्तम्भ से जुड़कर अपनी प्रकशित पुस्तक की समीक्षा करबा कर पुस्तक का राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार - प्रसार कर एक नया आयाम देना चाहते है उस सम्मानीय साहित्यकारों का स्वागत है।सभी साहित्यकारों को समीक्षा प्रमाण - पत्र प्रदान किया जायेगा।
कृपया निम्नलिखित विवरण भेजने का कष्ट करें -

1. कृपया पुस्तक की एक प्रति स्पीड पोस्ट द्वारा इस पते पर भेजें
प्रमोद ठाकुर
महेशपुरा अजयपुर रोड़
सिकंदर कम्पू लश्कर ग्वालियर
मध्यप्रदेश -474001
मोबाइल- 9753877785

2. पुस्तक की उपलब्धता
3.एक फोटो
4. प्रत्येक साहित्यकार को सहयोग राशि 30/-₹ इस
9753877785 ------ मोबाइल नम्बर पर फ़ोन पे, पेटीएम, गूगल पे पर भेज कर स्क्रीन शॉट भेजें।

आपका अपना
आ. प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
9753877785

रोशन कुमार झा

किन्नर

ईश्वर ने पुरुष गढ़ा, नारी गढ़ी
पर कुछ इत्तर अद्भुत बनाया
तो आम से अलग कुछ खास
एक किन्नर को जन्माया
हम भूले उन्हें तिरस्कारित  किए
ईश्वर ने शुभ मुहूर्त पर बताया
आशीर्वाद देने का हक
उन पर ही बरसाया
हमने उन्हें अलगाव एकाकीपन
अवसादो का घर दिए
जिंदा रहने का हक तो दूर
एहसास ए कमतरी से भर दिए
भूल जाते किन्नर भी
हम में से कोई एक इंसान है
दर्द पीड़ा देते तनिक ना सोचते
उनमें भी दिल और जान है

✍️ रेखा शाह आरबी
जिला बलिया उत्तर प्रदेश

कविता :- 20(35)

नमन 🙏 :-  साहित्य एक नज़र 🌅

कल से नहीं , शिक़ायत
हमें आज से है ,
अपनी व्यवहार
और आवाज़ से है ।।
हमें लगाव न पद न राज से है ।
ये आँसू  समाज का दिया हुआ है
इसे मत समझो कि ये गिरता आँसू
प्याज से है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मंगलवार , 22/06/2021
मो :- 6290640716, कविता :- 20(35)
Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 43
Sahitya Ek Nazar
22 June 2021 ,   Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
अंक - 41 - 44

नमन :- माँ सरस्वती
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
मो :- 6290640716

रचनाएं व साहित्य समाचार आमंत्रित -

अंक - 41 से 44 तक के लिए आमंत्रित

दिनांक - 20/06/2021 से 23/06/2021 के लिए
दिवस :- रविवार से बुधवार
इसी पोस्ट में कॉमेंट्स बॉक्स में अपनी नाम के साथ एक रचना और फोटो प्रेषित करें । एक से अधिक रचना भेजने वाले रचनाकार की एक भी रचना प्रकाशित नहीं की जायेगी ।।

यहां पर आयी हुई रचनाएं में से कुछ रचनाएं को अंक - 41 तो कुछ रचनाएं को अंक 42 , कुछ रचनाएं को अंक - 43 एवं बाकी बचे हुए रचनाओं को अंक - 44 में प्रकाशित किया जाएगा ।

सादर निवेदन 🙏💐
# एक रचनाकार एक ही रचना भेजें ।

# जब तक आपकी पहली रचना प्रकाशित नहीं होती तब तक आप दूसरी रचना न भेजें ।

# ये आपका अपना पत्रिका है , जब चाहें तब आप प्रकाशित अपनी रचना या आपको किसी को जन्मदिन की बधाई देनी है तो वह शुभ संदेश प्रकाशित करवा सकते है ।

# फेसबुक के इसी पोस्टर के कॉमेंट्स बॉक्स में ही रचना भेजें ।

# साहित्य एक नज़र में प्रकाशित हुई रचना फिर से प्रकाशित के लिए न भेजें , बिना नाम , फोटो के रचना न भेजें , जब तक एक रचना प्रकाशित नहीं होती है तब तक दूसरी रचना न भेजें , यदि इन नियमों का कोई उल्लंघन करता है तो उनकी एक भी रचना को प्रकाशित नहीं किया जायेगा ।

समस्या होने पर संपर्क करें - 6290640716

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

अंक - 41 से 44 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/311880380574745/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 37 - 40
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/309307190832064/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 31 से 34
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/305570424539074/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - साहित्य एक नज़र ( 1 - 80 )
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र ( 79 -

https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

आपका अपना
✍️ रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र 🌅

_____________________

अंक - 41
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/41-20062021.html

कविता - 20(33)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2033-20062021-41.html

अंक - 42
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कविता - 20(34)
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अंक - 43
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कविता - 20(35)

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अंक - 44
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कविता - 20(36)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2035-23062021-43.html

अंक - 37
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/37-16062021.html

कविता :- 20(29)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2029-15062021-37.html

अंक - 38
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/38-17062021.html

कविता :- 20(30)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2030-17062021-38.html

अंक - 39
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/39-18062021.html

कविता :- 20(31)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2031-18062021-39.html
अंक - 40
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/40-19062021.html

कविता :- 20(32)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2032-19062021-40.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/kqng/

सम्मान पत्र पर फोटो नहीं लगा
91. आ. रामकरण साहू " सजल " जी
https://online.fliphtml5.com/axiwx/dyww/

फेसबुक - 1
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फेसबुक - 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=356173319267621&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo

रोशन कुमार झा


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