कविता :- 16(32) हिन्दी ,Ncc ,कलम , साहित्य, वर्तमान
कविता :-16(32) परिचर्चा, आलेख Ncc
सुप्रभात सभी आदरणीयों,
नमन 🙏 :- " कलम ✍️ बोलती है " साहित्य समूह
क्रमांक :- 128
तिथि :- 15-05-2020
दिन :- शुक्रवार
आज का विषय :- स्वदेशी
विधा :- कविता
-: विदेशी वस्तु हमें स्वीकार नहीं :-
कौन कहा हम भारतीय होशियार नहीं ,
करना हमें देशी की बहिष्कार नहीं ।
विदेशी वस्तु हमें स्वीकार नहीं ,
ऐसा मत कहो कि हम रोशन को दुनिया से प्यार नहीं ।।
चांदी हो या सोना ,
ईद, दिवाली ,काली पूजा तो है ही होना ।
उसमें बच्चों के लिए लेंगे अपना देश की बनी हुई
मिट्टी की खिलौना ,
क्योंकि विदेश से ही आये है ये विदेशी बीमारी कोरोना ।।
हो गया सवेरा, अब चाहिए अंधकार नहीं ,
जो गया अंधेरा, उसका अब हमें इंतजार नहीं ।
हाई, हेलो जो करते है उसके कहने के लिए
क्या नमस्कार नहीं ,
सच कहो तो हमें विदेशी वस्तु स्वीकार नहीं ।।
जिस पर हमारे मजदूरों भाईयों का कोई अधिकार नहीं ,
उस समान को लेना हमारा संस्कार नहीं ।।
रखें है " कलम ✍️ बोलती है " साहित्य समूह शीर्षक
स्वदेशी अगल न लिखते तो हम एक सच्चा रचनाकार नहीं,
अपनाना है स्वदेशी, विदेशी वस्तु हमें स्वीकार नहीं ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो :-6290640716 कविता :-16(32)
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नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 15-05-2020
दिवस :- शुक्रवार
विधा :- परिचर्चा
विषय :- साहित्य सेवा के लिए फेसबुक मंच अधिक उपयोगी है या व्हाट्सएप मंच ।
-: व्हाट्सएप प्यारी , पर फेसबुक ही बनाता खिलाड़ी । :-
व्हाट्सएप मंच है प्यारी , पर फेसबुक ही बनाता हर क्षेत्र में हर एक को खिलाड़ी जी हां , साहित्य सेवा के लिए भी फेसबुक मंच ही अधिक उपयोगी है, हम व्हाट्सएप समूह पर अपनी रचना को डालते हैं ,भले ही वहां एक-दो , चार-पांच टिप्पणी आ जाते, वाह वाह क्या बात है, क्या लिखें हो , ये लेख यही तक रह जाता , पर यदि हम उसी रचना को फेसबुक मंच पर रखते हैं, भले वहां टिप्पणी न आए, और कैसे न आएंगे कॉमेंट
आएंगे ही, और यहां जो टिप्पणियां, करते हैं वह हमेशा के लिए रहते हैं, हम रोशन अनुभव किये है, और कर रहे हैं,
व्हाट्सएप में आप रचना को ज्यादा दिनों तक नहीं रख सकते,अगल रखतें हैं तो आपके मोबाइल सही सलामत काम नहीं कर पाते, जिसके कारण हम व्हाट्सएप को एक समय पर रिफ्रेश यानि खाली करना पड़ता है, वही अगल आप फेसबुक मंच पर अपनी रचना रखते हैं, वह कहीं भी और कभी भी अपनी रचना को देख सकते हैं, अतः हम साहित्य सेवा के लिए फेसबुक मंच को हम अधिक उपयोगी मानते है या व्हाट्सएप मंच को नहीं ।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
कविता :-16(32) मो :- 6290640716
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15-05-2020 शुक्रवार 08:35 कविता :-16(32)
आलेख -: राष्ट्रीय कैडेट कोर पर परिचर्चा ।:-
राष्ट्रीय कैडेट कोर (National Cadet Corps-NCC) की स्थापना 16 जुलाई 1948 में पण्डित ह्रदयनाथ कुजरू जी के सहयोग से किया गया, और कर्नल जी.जी. बैबूर को सैनिक अधिकारी को एनसीसी का प्रथम निदेशक नियुक्त किया गया.राष्ट्रीय कैडेट कोर का प्रस्ताव " एकत्रा और अनुशासन है,
समय के साथ, कठोर परिश्रम करते हुए, बिना बहाने झुठ न बोलते हुए, मुस्कुराते हुए आज्ञा का पालन करना ही अनुशासन की विशेषताएं हैं ,
एन.सी.सी का झण्डा तीन रंग की तीन बराबर भागों में बांटा हुआ है, सबसे पहले लाल, बीच में गहरी नीले, उसके बाद आसमानी रंग की पट्टी होती है, जो थलसेना, जलसेना,व वायु सेना की प्रतीक दर्शाती है , और इसके इतने प्यारे व मधुर गान है क्या बतलाऊं, गाते ही एक अलग आनंद मिलती है, गीत की शुरुआत इस प्रकार है :- हम सब भारतीय हैं, अपनी मंजिल एक है हां हां एक है , हम सब भारतीय हैं ।
हर वर्ष के नवम्बर के अन्तिम रविवार को एनसीसी दिवस के रूप में मनाया जाता है, नई दिल्ली में अपने मुख्यालय के साथ भारतीय सैन्य कैडेट कोर है। और इसके सत्तरह निदेशालय हैं, जैसे कि हम जानते हैं ,हमारा भारत में 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश है, तो एनसीसी का भी उतना निदेशालय होना चाहिए , पर ऐसा नहीं है , एक या एक से अधिक राज्यों को मिलाकर एक निदेशालय हैं, जैसे कि पश्चिम बंगाल व सिक्किम निदेशालय , जिसका मुख्यालय कोलकाता है, अब निदेशालय को भी 95 ग्रुप में जल,थल,वायु में बांटा गया है,85 ग्रुप थल, 4 ग्रुप जल सेना और 6 ग्रुप वायुसेना के है,ग्रुप का नाम स्थान के नाम पर होते हैं ज्यादातर जिले के नाम पर जैसे कोल- बी यानि कोलकाता बी, ऐसा नाम कहीं कहीं होते हैं, अधिकांश जिला के नाम पर होते हैं, जैसे कि मुजफ्फरपुर ग्रुप । ग्रुप कमांडर बिग्रेडियर रेंक वाले होते हैं ,और ग्रुप के अन्दर बटालियन होते हैं , जिसका कमाडिंग आफिसर कर्नल होते हैं, बटालियन का नाम इस प्रकार के होते हैं , जैसे 31 बीं बंगाल बटालियन एनसीसी, उसके बाद बटालियन के अंदर बहुत सारा स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय आते हैं, जिसे कम्पनी कहते हैं, जैसे नरसिंहा दत्त कालेज कम्पनी नम्बर पांचवीं, जिसका कमांड ए. एन.ओ करते हैं
( Associate NCC Officer ) एसोसिएट एनसीसी ऑफिसर करते हैं ,इनका भी रेंक होते हैं, :- लेफ्टिनेंट,कैप्टन
,मेजर एस. डी के लिए, और जे.डी के ए.एन.ओ के रेंक इस प्रकार होते हैं, थर्ड आफिसर, सेकेण्ड आफिसर, फर्स्ट आफिसर, और एन.सी.सी कैडेट का भी रेंक होता है,
सीनियर अन्डर आफिसर,(SUO), जूनियर अन्दर आफिसर
(JUO ), सारजेंट, कारपोरल, लान्सकारपोरल, और भी सीनियर डिवीजन के लिए, और जूनियर डिवीजन कैडेट के ये रेंक होते हैं , ट्रुप सार्जेन्ट, कारपोरल, लान्सकारपोरल ये रेंक इनके अच्छे गुणों पर मिलते हैं ।
इसमें भी कैडेट का अपना एक रेजिमेंटल नम्बर होते हैं , जैसे
WB17SDA112047 कैडेट रोशन कुमार झा,ये नम्बर राज्य के नाम का संकेत, उसके बाद वर्ष के संकेत होते हैं जैसे यहां पर 17 है यानि दो हजार सत्ररह का है, उसके बाद जो SD
एस.डी है इसका मतलब सीनियर डिवीजन,ये भी चारों भागों में बांटा गया है, स्कूल स्तर पर जो एनसीसी होते हैं , वहां के कैडेट्स को जे.डी (JD ) और जे.डब्लु (JW) कहते हैं, जे.डी मतलब जूनियर डिवीजन, और जे.डब्लु मतलब जूनियर विंग्स , लड़का कैडेट को जूनियर डिवीजन, और लड़की कैडेट को जूनियर विंग्स कहते है, इनका परीक्षण दो वर्षों का होता है, और इन्हें एक या दो वार्षिक कैम्प करना पड़ता है, इसके बाद ये कैडेट्स A ए की परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं,
और कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तरीय लड़का कैडेट को SD एस.डी यानि सीनियर डिवीजन और गर्ल्स कैडेट को SW एस.डब्लू यानि सीनियर विंग्स कहते हैं ।
और इनका तीन साल का कोर्स होता है, जिसमें तीन कैम्प शिविर करना पड़ता हैं, उसके बाद बी और सी की परीक्षा में शामिल होना पड़ता है
इसमें कैडेटों को आर्मी के जवानों पी आई स्टाफ साहब लोग,
छोटे-बड़े हथियारों खोलना जोड़ना सीखाते है, जैसे एल. एम. जी, मतलब 7.62 सेल्फ लोडिंग राइफल, एस. एल,. आर
7.62 लाइट मशीन गन आदि को खोलना जोड़ना सीखाते है, और कैडेट्स से .22 हथियार से फायरिंग करवाते हैं, और यहां से कैडेट्स को 26 जनवरी व 15 अगस्त के परेड पर दिल्ली तक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तक मिलने का सोभाग्य इन्हें अपने प्रशिक्षण से प्राप्त होता है । और इन्हें यहां से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कैम्प में भी भेजते हैं।ये एनसीसी कैडेट दुर्गा पूजा व अन्य कार्यक्रम में पुलिस के साथ ड्यूटी करके प्रशासन की सेवा में हाथ बढ़ाते हैं, और वर्तमान में कोरोना जैसी महामारी में भारत स्काउट गाइड, सेंट जांन एम्बूलेंस, राष्ट्रीय सेवा योजना के साथ साथ राष्ट्रीय कैडेट कोर के कैडेट्स भी
सहयोग कर रहे हैं । साहित्य की जय,एनसीसी की जय ,
जय हिन्द , जय भारत ।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
15-05-2020 शुक्रवार 08:35
मो :- 6290640716 कविता :-16(31)
https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/national-cadet-corps-ncc.html
https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/vriddhavastha-ki-parivedna.html
https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/budhapa-me-bhi-josh.html डायरी -2
https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/kalam.html डायरी :-2 (13-05-2020)
नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 15-05-2020
दिवस :- शुक्रवार
विधा :- कविता
विषय :- प्रकृति की प्रवृत्ति
-: है प्रकृति की प्रवृत्ति ।:-
कौन कहता कि प्रकृति की प्रवृत्ति नहीं ,
आज है कल चल जाएगा इस लिए हमारा कोई नीति नहीं ।
हम रोशन खुश ही खुश हूं, खुशी कभी बीती नहीं ,
खुशहाली में प्रकृति की हाथ है, कौन कहा
प्रकृति की प्रवृत्ति नहीं ।।
प्रकृति की प्रवृत्ति भी बदलता है ,
नहीं वह किसी के आदेश से चलता है ।
थोड़ा सा भी न किसी से डरता है ,
वही तो प्रकृति है जो कमी को भरता है ।।
प्रकृति की प्रवृत्ति है ,
उसी में हमारा एक छोटा सा आकृति है ।
करने को कृति है ,
सच में हमारी प्रकृति मीठी है ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो :- 6290640716
https://www.facebook.com/groups/1783264965056444/permalink/2929436667105929/?app=fbl
कविता :-:16(31) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
14-05-2020 वृहस्पतिवार 13:48 व यात्रा वृत्तांत
गीत :- -: वृद्धाश्रम की परिवेदना । :-
आरती की जय संतान लला की ,
कष्ट देलन बुढ़ापा कला की ,
जिसके बल से बेटा अफसर बन जावे ,
वही बेटा बूढ़ापा में बाप के निकट न आवे ।
सजनी दूत पुत्र पास जब से आई ,
पतन के तब से विचार लगाई ।।
कहे मां-बाप को वृद्धाश्रम पटाये ,
न तो हम बीबी रह न पाएं ।
यह कैसा नियम है भाई ,
देखे भी न मां बाप को, जब से महारानी आई ।
माता-पिता को वृद्धाश्रम में डाले ,
और कहते बेटा अब वापस आ गए खुशी हमारे ।
बैठी हार, पर कभी न पिता कम हारे ,
पर आज बेटा मान रहे हैं स्त्री के इशारे ।
आएं पूजा वसूल कर पूरा किये इच्छा हमारे ,
कहें ये सब सम्पत्ति है तुम्हारे ।
श्रवण कुमार माता-पिता की सेवा में प्राण उतारे ,
कहें माता-पिता जय जय जय श्रवण प्रिय बेटा हमारे ।
जो संतान माता-पिता को वृद्धाश्रम न पटावे ,
कहें रोशन एक दिन वही बेटा श्रवण कुमार कहलावे ।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
नमन 🙏 :- " कलम ✍️ बोलती है " साहित्य समूह
क्रमांक :- 127
तिथि :- 14-05-2020
दिन :- वृहस्पतिवार
विधा :- यात्रा वृत्तांत
-: जनेऊ के बाद का मेरा वह यात्रा । :-
जनेऊ के बाद का मेरा वह यात्रा, क्या कहूं जनेऊ के बाद कलकत्ता तो आना ही रहा, आये और इस तरह आये कि पूछो मत , ट्रेन में इतना भीड़ की एक बार बैठने के बाद, उठना तो दूर की बात, झुकना भी मुश्किल रहा, आख़िर क्यों , इतना भीड़ अब पता चला कि कोरोना के कारण ,पर उस समय घोषणा हुआ रहा कि आज के बाद जयनगर से कोलकाता जाने की ट्रेन कुछ दिनों के लिए रद्द रहेगी, जिसका कारण यह बताया गया रहा कि बरौनी पास राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी के ग्राम सिमरिया घाट पर बनी हुई राजेन्द्र पुल की मरम्मत होगी, जिसके कारण न ही कलकत्ता से कोई ट्रेन आयेंगी ,और न ही उत्तर बिहार से कोई ट्रेन कोलकाता जायेगी, इसी कारण हम भी जल्दीबाजी में चल पड़े, हां और उसी दिन से कोलकाता से ट्रेन भी आना बंद हो गया रहा, शायद इसका यह कारण रहा होगा कि ट्रेन पूर्व रेलवे की होगी वह अपना अप डाउन दोनों मंगवाना चाहते होंगे, ये जानकारी हम रोशन को ईस्टर्न रेलवे स्काउट के सदस्य होने के कारण रहा , जो भी पर ऐसा यात्रा आज तक हम नहीं किये रहें, शाय़द ट्रेन को भी अपना भूमि से जाने का मन नहीं रहा होगा, बार-बार रुकती ही रही ,जो सिमरिया पुल रात को दस बजे पार करती लेती रही ,पर आज वह एक बजे पुल ही पार की. मतलब तीन घण्टे की देरी से चल रही थी, और देरी पर से देरी होती गई , पहले जो हावड़ा लोग सुबह आठ बजे पहुंच जाते रहे, सो आज उन्नीस मार्च के दोपहर के एक बजे पहुंचे ।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो :-6290640716 कविता :-16(31)
मेरा पहला यात्रा वृत्तांत
https://www.facebook.com/groups/1340182259483836/permalink/1519229991579061/?app=fbl
: बूढ़ापा में भी जोश । :-
उगते पल के साथ अरमान जागने लगे ,
बूढ़ापे में लोक - लाज भागने लगे ।
अभी तो बस देखें है डिजिटल इण्डिया के सपना ,
क्यों न मैं बूढ़ापे में बन जाऊं , उन संस्था का अपना ।
जियो (JIo ) ने दी है नि: शुल्क का तोफा ,
इसलिए मैंने अपना बूढ़ापा जियो पर ही सौंपा ।
चल रही है फेसबुक , व्हाट्सएप की दौड़ ,
क्यों न मैं बूढ़ापे में जाऊं उनमें जोड़ ।
स्मार्टफ़ोन बिना थे हम लंगड़ा ,
आज एहसास हो रही है, मेरा जवानी अभी भी है तगड़ा ।
बूढ़ापे में भी कई कॉमेंट आ गये ,
क्या कहूं मैं भी कितने के प्रोफल फाइल पर छा गये ।
✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय
कोलकाता, भारत
14-09-2017 वृहस्पतिवार 17:21 (158)
डायरी :- 2 काफी लम्बा वाला
मो :- 6290640716
आज 13-05-2020 बुधवार कविता :-16(30)
यह कविता श्रीमान डॉ अशोक कुमार
सिंह सर पर लिखें ,महाशय 14-08-2020 हिन्दी
दिवस के दिन लिए रहें ! उन्हीं पर लिखें रहें,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/6.html
आज 13-05-2020 बुधवार कविता :-16(30)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1598.html
-: कलम !:-
कलम - कलम क्या मैं हूं हर एक के हाथ ,
लिख दे बंदे , मैं हूं तेरे साथ ।
रूप दे दें अपनी कोमल कंठो से ,
विजेता बनाऊंगा , तुम्हें बिना मोटे डण्टो से ।
लिखना दो चार शब्दों की बात ,
मैं कभी नहीं आने दूंगा ,तेरा जीवन में अंधेरी रात ।
है विश्वास तो लिख दे बंदे ,
निराश मत होना मैं खोल दूंगा, तेरा सफलता की धन्धे ।
नहीं रहोगे तुम, नहीं रहेंगे हम ,
तुम्हारे कण्ठों (हाथों ) की शब्द, मेरी लिखी हुई रंग
काग़ज़ की महत्त्व को कभी नहीं कर सकती कम ।
✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय
कोलकाता, भारत
31-08-2017 वृहस्पतिवार 11:36 (228)
मो:-6290640716 (9038)
अमित भाई छोड़ा youtube पर कांलेज में,
Amit Shaw नोटबंदी , कलम ये तीन कविता
यह कविता श्रीमान डॉ अशोक कुमार
सिंह सर पर लिखें ,महाशय 14-08-2020 हिन्दी
दिवस के दिन लिए रहें ! उन्हीं पर लिखें रहें,
आज 13-05-2020 बुधवार कविता :-16(30)
वह बेटियां नारी है । - स्वैच्छिक दुनिया - https://swaikshikduniya.page/article/vah-betiyaan-naaree-hai-/OsnIy9.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1627-919-1461-1489_10.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/6.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1631.html