कविता :-16(27) हिन्दी एनसीसी:-9(19), :-14(61)पहला कविता :- रेलगाड़ी की उचित व्यवहार समाज्ञा :-14(89)

कविता  :-16(27)  हिन्दी एनसीसी:-9(19), :-14(61)
पहला कविता :- रेलगाड़ी की उचित व्यवहार समाज्ञा 
:-14(89)
10-05-2020 रविवार 00:25 ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-:    किसी बेटी के बेटा तो किसी बेटी की पोता हूं   !:-

मैं किसी बेटी के बेटा, तो किसी बेटी की पोता हूं  ,
आज उन्हीं की वज़ह से मैं जागता और सोता हूं !
धीरे-धीरे ये उम्र खोता हूं ,
कल रहूं या न रहूं , इसलिए आज बेटियों पर ही
एक कविता बोता हूं  !!

भले मैं छोटा हूं ,
पतला , मैं नहीं मोटा हूं !
जब कहीं होते बलात्कार मैं भंयानक रोता हूं ,
उस गिध्द को मार भगाना है , भले मैं तोता हूं !!

गिद्ध को मारने में भले मैं रोशन मर जाऊं, कोई ग़म नहीं
क्योंकि मैं भाई न इकलौता हूं  !
अपने संस्कृति सभ्यता को धोता हूं ,
हां में हां मिला देते, कुछ करों बेटियों की
सुरक्षा के लिए , मैं न  श्रोता हूं !
सच में मैं बेटियों की दुख दर्द देखकर मैं रोता हूं !!

गिलास हूं , मैं न लोटा हूं ,
प्यास बुझाना आता हमें इसलिए
मैं बेटियों की सम्मान की न्योता हूं ,
जो नारी के विरूद्ध जाये उसके लिए मैं खोटा हूं ,
क्योंकि मैं भी किसी बहन बेटी की पोता हूं !!

                  🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
10-05-2020 रविवार 00:25  मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
कविता :-1(02) खोटा :-बुरा
https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/kisi-beta-ka-beta-hu-to-kisi-ka-pota-hun.html

######## कविता :- 9(19) ########

कविता :- 9(19) हिन्दी :-19 Bn Ncc
कविता :-14(61) :-3 Bn Ncc
28-11-2018 बुधवार 00:19 (Intex)
09-05-2020 शनिवार कविता:-16(26) Redmi
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1598.html  कविता :-14(61)
10-05-2020 रविवार कविता :-16(27)

कविता :- हिन्दी      ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-: 19 वीं बंगाल बटालियन सी.ए. टी. सी-15 की रचना !:-

मैं 31 एकतीसवीं बंगाल बटालियन एनसीसी कैडेट
रोशन कुमार झा किया टुकबन्दी भरी रचना ,
इसमें है उन्नीसवीं बंगाल बटालियन एन.सी.सी कैम्प
सी.ए. टी. सी-15 पन्द्रह में उपस्थित साहबों की संरचना !!

तो सुनिये ध्यान से ,
ज़िन्दगी है , संघर्ष करना सीखिये कला और विज्ञान से !!

गुरुजनों का नाम ले रहा हूं, छुटेंगी नहीं पाप कभी ,
कृपया ग़लती माफ़ कर दीजियेगा आप सभी !!

हंसाने-मुस्कुराने के लिए करते विभिन्न प्रकार के आईटिंग ,
वह है अपना मेहनती साहब कर्नल टी.के.सिंह !
है इनके पास बेहतर ज्ञान ,
कुछ बातों से एक नई राह दिखा दिये, सचमुच साहब
है आधुनिक भगवान !!

चलने नहीं देती किसी की मर्जी ,
हर पल,हर राहों पर सही की साथ देती अपना लेफ्टिनेंट
कर्नल मैडम (तनु श्री) टी बनर्जी !!

मस्त है अपना साहब (BHM) आर.बी. थापा सर जी ,
सभी के साथ समान व्यवहार करते,चाहे किसान हो या दर्जी !!

धीर-वीर गम्भीर तरीकों से करते समस्या हल ,
वह साहब जी है ,नरद मनी राय , सूबेदार मेजर (SM) !!

ना घोड़ा ,न गाड़ी, ना चाहिए कार ,
साहब जैसे मज़ाकी मिले नहीं, घूम लिये सारे बाज़ार !!

मस्त है अपना साहब सेना पुलिस सतीश कुमार ,
उत्तर इनके मुंह पर है, चाहे पूछो कहीं से सवाल !!

हंसाने-मुस्कुराने के लिए लेते मस्त उदाहरण ,
कभी राम बनते तो कभी बन जाते करण !!

हंसाते-हंसाते दे देते सज़ा ,
साहब के बातों में तो है एक अलग ही मज़ा !!

लम्बी चेहरा, मुस्कुराता हुआ गाल ,
वह है अपना साहब सेना पुलिस मोहना कुमार !!

उपचार के बारे में सही तरीकों से समझाये आर्मी
मेडिकल कोर के साहब एस.के.वर्मा ,
इन्होंने सीखाए किसी के उपचार धीर-वीर गम्भीर तरीकों
से करना, जैसे होते सूर्य,चन्द्रमा की परिक्रमा !!

कैम्प के दौरान हुआ हमें जबरदस्त नफ़ा ,
उस लाभदायक स्थल पर ले जाने में तन-मन से
साथ दिये साहब सी.बी.थप्पा !!

हंसके मुस्कुरा के ,
लिखने के लिए बार-बार प्रेरित किये बेण्ड
जैसी सज़ा दिखा के !!

हूं हिन्दुस्तान की संतान, भारत मेरी माई ,
देखें हो आप लोग नहीं न ,तो सुन लो बड़े सज्जन है साहब
सी.के .भाई !!

पीटी ड्रिल में ज़बरदस्त दिखाये आईटिंग ,
वह दिखाने वाले साहब रहे शिवाजी सिंह !!

बताने जा रहा हूं अब ,एस. एन.बोके साहब जी की वाणी ,
कभी तेज आवाज में तो कभी शांत होकर मस्त ज़बरदस्त
बताते है कहानी !!

मस्त है अपना साहब डी. बी.गुरूंग ,
इनके हर एक बात को गुलाब की तरह सूंघ !!

बनना सुगंध भरी फूल ,
हर राहों में साथ देने के लिए तैयार है साहब हवलदार
धन बहादुर !!

ज़िन्दगी में जो करना लेकर वफ़ा ,
इसके समर्थक हैं अपना साहब तेज बहादुर थप्पा !

मस्त है अपना हंसता मुस्कुराता हुआ
साहब डेन बदर मगर,
इनके जैसा कहीं नहीं मिलेंगे, घूम लो दिल्ली, मुम्बई,
कलकत्ता नगर !!

सुन ले ध्यान से, जो भी करना है खुद कर लें ,
इसके समर्थक हैं अपना साहब वीर बहादुर गले !!

साहब आनंद सर सभी को सही समय पर खिलाये खाना ,
सही तरीकों से एकत्रा -अनुशासन के पाठ ,साहब डी.बी .राना !!

एकता अनुशासन में रहकर, कैम्प के दौरान सीख लिए
आदर्श जिन्दगी जीने का ढंग ,
सीखाने वाले साहब रहे ,मंजन तमंग !!

ए. एन. ओ. साहब सुमतरा मित्रा है मस्त ,
दो-चार ही क्लास करवाये , समझाने का सुझाव है
इनका ज़बरदस्त !!

बीता दिये शांत, प्रशांत कैडेट कल्याण से कैम्प के सारे दिन ,
मस्त, ज़बरदस्त व्यवहार किये, कैम्प सीनियर स्वरूप,प्रिंस
,आदि रथीन !!

आभारी हूं तन-मन-धन से शिविर यानि कैम्प में साथ
दिये कैडेट्स, सीनियर, और भी साहब ,
चलो टुकबंदी कविता खत्म करते हैं अब !

                 🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ( Reg no :- WB17SDA112047 )
28-11-2018 बुधवार 00:19 (Intex) उत्तरपाड़ा
कविता:-9(19)

########## कविता :- 14(61) हिन्दी ######

कविता :- हिन्दी  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
14-12-2019 शनिवार 00:01
10-05-2020 रविवार कविता :-16(27)

कविता :- हिन्दी  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-: 3 तीसरी वीं बंगाल बटालियन एनसीसी के सी.ए.टी.सी
( CATC ) ( KB-14 ) के.बी - चौदहवीं !:-

मैं  31 एकतीसवीं बंगाल बटालियन एनसीसी के कैडेट
रोशन कुमार झा किया हूं खुद से एक कविता का निर्माण ,
इसमें है 3 तीसरी वीं बंगाल बटालियन एनसीसी के सी.ए.टी.सी ( CATC ) ( KB-14 ) के.बी - चौदहवीं
कैम्प में हुए कार्यक्रम के बखान !!

3 तीसरी वीं बंगाल बटालियन एनसीसी के सी.ए.टी.सी
( CATC ) ( KB-14 ) के.बी - चौदहवीं कैम्प शिविर
मनाने के लिए सैनिक जैसे किये है रिषड़ा विद्यापीठ में वास ,
खुश नसीब हूं, हम सभी कैडेट्स जो कि हम सभी से
मिलने व देखने आये है ( Kol-B) कोल-बी ग्रुप कमांडर
सेना मेडल बिग्रेडियर महाशय शांतनु दास !!

हम सभी कैडेट्स ओपनिंग एड्रेस के दौरान पूजा पाठ
एकत्रा अनुशासन के साथ जाने जिन्दगी जीने की
इरादा और तौर तरीका ,
वह 3 तीसरी वीं बंगाल बटालियन एनसीसी के महाशय
कर्नल गोपेन्द्र सिंह पीयाम जी से सीखा !!
फिर क्या दिल और दिमाग़ पर लिखा ,
कहें मैं रोशन मैं तो जगा ही हूं कुछ बनना है,आप लोगों
भी कुछ बनने के लिए जगा कर दिखा !!

जैसे बढ़ते हैं रेल ,उसी तरह बढ़ाते रहो अपनी
कला और विचार ,
बार-बार प्रेरित करते रहे, हम सभी कैडेट्स के प्यारे
साहब ए.तरफदार !!

जम्मू से कन्याकुमारी , कोलकाता, दिल्ली, हिन्दुस्तान
के हर स्थान की अलग ही है कुछ खास सुगंध ,
अपने में हंसते मुस्कुराते रहते हैं साहब सूबेदार
मेजर प्रकाश चन्द्र !!

धन रहेगा ,भरा रहेगा जेब ,
एकत्रा अनुशासन के रास्ते पर चलने को संबोधित किये
(BHM) बी.एच.एम साहब देव !!

बड़े मस्त तरीकों से समझाये क्या होता प्वाइंट (टु टु )
.22 हथियार ,
वह समझाने वाले रहें पंजाब रेजिमेंट के
साहब सतीश कुमार !!

थोड़ा हंस भी लिया करो कहते रहे बार-बार ,
हम कैडेट्स हंसते गये , और हंसाते रहे साहब मुकेश कुमार !!

हम तो हंसे ही , पर हंस दिया दिल ,
वह हंसाने वाले साहब रहे पी.एस.गिर !!

श्री सत्य साईं सेवा ओरगनाइजेंशन हुगली डिसेटर मैनेजमेंट
आवरनेस प्रोग्राम से सीख लिए प्रकृति आपदा में भी जीना ,
इन संस्था को बुलाये  ए.एन.ओ (ANO) साहब कैप्टन
सुनिल कुमार सिंह किये सुपरमैन की तरह हरकत, इन्हें
क्या दूं दक्षिणा !!

कैम्प के दौरान बनें संतरी आया हम सभी
कैडेट्सो में बदलाव ,
तन-मन से साथ निभाये सारे पी.आ.स्टाफ (P.I.Stap )
और (ANO) ए.एन.ओ साहब सकेण्ड आफिसर
विकाश साव !!

साहब बी.एच.राव, और साहब राजीव जी किसी के
शिकायत किसी से न भला बुरा बोला ,
अपने में मस्त रहे क्षत्रश्राल के (ANO) ए.एन.ओ
साहब रहुमततुल्ला मौला !!

मस्त तरीकों से (Drill) ड्रिल करवाये सावधान विश्राम ,
साहब नागेन्द्र सिंह है उन महाशय का नाम !!

(Drill) ड्रिल कवायद करवाने के लिए किये एक से
एक हिट आईटिंग ,
वह करवाने वाले मस्तमौला साहब रहे और है साहब
जगवीर व रंजित सिंह !!

जो हमारे अंदर डर भय काल है ,
इसके समर्थक सबके प्यारे साहब संजय कुमार है !!

राज्य के राजन की तरह बुलंदी पर चलते गया आवाज ,
ले जाने में साथ निभाये साहब तिलक राज !!

कैम्प के दौरान तनु वक्ष स्थल से जब हुए बीमार ,
हंसते मुस्कुराते किये निर्मल जल से तभी उपचार !
बाँटे हम सभी कैडेट्सो में फूल की तरह खुशियां और प्यार ,
वह रहे आर्मी मेडिकल कॉर्प्स (AMC) Army Medical
Corps के नौजवान साहब रवि कुमार !!

एस .डब्लु (SW) जे.डब्लु (JW) के साथ हमेशा रही खड़ी ,
राहुल, अरुण,शनि किसी ग्रह से न डरी !
अति सुन्दर व्यवहार की ए.एन.ओ (ANO) मैडम
आरती चौधरी !!

संस्कृति कार्यक्रम के दौरान हम सभी कैडेट्स बहुत खुश हूं
इस पल व आज ,
खूब सुन्दर व्यवहार किये एस.डब्लु (SW) जे.डब्लु (JW)
की सीनियर रानी व कैम्प सीनियर मनोहर व मीराज !!

खेलवाये मधु सर बैंडमिंटन किये फायरिंग, पिट्टी व्यायाम ,
कैम्प के दौरान खूब बढ़िया से खिलाये पीलाये
जसवीर व लकवीन्द्र साहब सुबह शाम !!

देखते रहे नेम प्लेट व पूछते रहे साहबों से नाम ,
(Drill) ड्रिल कवायद कक्षा क्लास के आलावा रचना रहा
कविता वह भी रहा मेरा एक काम !!

तब पाप तो लगेंगे ही कुछ साहबों के नाम छुटे है, और
लिए है इस कविता में गुरु जनों के डरते-डरते नाम,
हर रास्ते खुल जाते जब होते गुरु के कृपा तो उन चरणों में
हम करते हैं सादर प्रणाम !

हम सब एक हैं ! एक ही यीशु, एक ही खुदा, और एक
ही है गुरु गोविंद पिता राम ,
चलो अब करते हैं ये कविता 3 तीसरी वीं बंगाल बटालियन एनसीसी के सी.ए.टी.सी (CATC) (KB-14) के.बी-
चौदहवीं कैम्प पर लिखी हुई टुकबंदी कविता तमाम !!

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ( Reg no :- WB17SDA112047 )
14-12-2019 शनिवार 00:01 (Realme c2)
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय,
कोलकाता भारत ,Reg no:-117-1111-1018-17
मो:-6290640716,(8420128328),9433966389,(7980860387)
राम कृष्ण महाविद्यालय:- NSS , LNMU
गंगाराम कुमार झा,झोंझी, मधुबनी बिहार,Pmkvy
Roshan Kumar Jha (31st Bengal Bn Ncc
Fort William Kolkata:-B,coy no:-5
Reg no:- WB17SDA112047
Narasinha Dutt College st John Ambulance
The Bharat Scouts & Guides
Veriang scouts and Gulmarg Guides
Bamangachi (BMG ) Group,Eastern Railway District:-Howrah (सलकिया विक्रम विद्यालय मेन)
IGNOU:-BPP-श्री जैन विद्यालय हावड़-191081735)
(बाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP),
77/R mirpara road Liluah Howrah
51/9 Kumar para lane Liluah

###### समज्ञा समाचार पत्र #####

कोलकाता समाज्ञा  समाचार पत्र में प्रकाशित (रविवार
4 सितम्बर, 2016 हमारी पहली कविता व (प्रभात खबर में प्रकाशित मेरी पहली रचना) :--

         रेलगाड़ी की उचित व्यवहार

कितनी प्यारी , कितनी सुहावनी है रेलगाड़ी ,
जब आती स्टेशन पर ,
रूक - रूक कर यात्री चढ़ते जाते ।
कितनी भी भीड़ होती, वह नहीं पछताती , न ही उदास होती

अपने समान वेग से प्रतिदिन की भागती जाती ।
हरी बत्ती का सिग्नल पाते ही
स्टेशन पर सीटी देकर चल पड़ती ।
नहीं किसी के लिए रूकती , न किसी का इंतजार करती

अपनी रास्ते से चलती जाती ,
पटरी पार करते समय, जो नहीं देते ध्यान
सभी को देते समान न्याय
न किसी से दोस्ती , न किसी से दुश्मनी

नदी- तालाब जंगल , पेड़-पौधे  सभी को पार करती जाती
नहीं रूकती अपनी मनमानी से .
लाल बत्ती पाकर रूक जाती , करती थोड़ा आराम
फिर हरी बत्ती के ईशारा पाते ही

सीटी देकर आगे निकल जाती ।
हमें भी रेलगाड़ी की तरह आगे बढ़ना चाहिए
न किसी से दोस्ती , न किसी से दुश्मनी ।
सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए ।

        रोशन कुमार झा
कक्षा - 12, विभाग- आट्रर्स
           विद्यालय :
सलकिया विक्रम विद्यालय (मेन )

##### प्रभात खबर #### कविता  :-  16(18)
पहला प्रभात खबर :- सोमवार 7 दिसंबर, 2015 
10-05-2020 रविवार कविता:-16(27)

हिन्दी -: घर को बनायें प्राथमिक शिक्षा का केंद्र ! :-

बदलते परिवेश में शिक्षा प्रणाली, परिपाटी व परंपरा भी
बदलती जा रही है. आज अभिभावक दो वर्षीय बच्चे
को प्ले स्कूल में डाल कर कर्त्तव्य की शुरुआत कर देते
हैं, बच्चें को जल्द ही समझदार बनाना अपनी जिम्मेदारी
समझते हैं, लेकिन अनजाने में वे अपने बच्चों को समाज
और परिवार से दूर करने का भी काम करते हैं.
बच्चे का प्राथमिक स्कूल घर, परिवार और समाज ही है ,
जो नैतिकता, सामाजिकता व भाईचारे का पाठ पढ़ाता
है. बालक माता-पिता, दादा-दादी , भाई-बहन,
रिश्तेदारों आदि से मातृभाषा सीखता है, इससे संस्कार
भी मिलता है, लेकिन कच्ची उम्र में ही स्कूलों के दरवाज़े
तक पहुंचा देने पर वे व्यावहारिक ज्ञान से अछूत रह जाते
हैं, इसलिए जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को स्कूल
भेजने के पहले घर को ही प्राथमिक शिक्षा का केंद्र बनाएं,

                  🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
04-05-2020 सोमवार  मो :-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
• रोशन कुमार, हावड़ा
05-12-2015 शनिवार लिखकर ईमेल किये
लिलुआ से 07-12-2015 सोमवार को प्रभात खबर
में प्रकाशित हुआ ! यह मेरी पहली रचना है !
कोलकाता सोमवार 7, दिसंबर,2015 मार्ग शीर्ष
कृष्ण 11 संवत 2072 ( फ्लैग डे ) साहित्य लाइव
सशस्त्र सेना झंडा दिवस !
####### कविता:-14(89) ######
[10/05, 07:56] R: 2 हम 1 :- मेरा परिचय
अटल बिहारी वाजपेई जी की कविता
https://youtu.be/bLDymqXZQlg
] R: पत्रिका का चैनल में प्रकाशित हुआ !
कविता  :- 14(89)   हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
English :-15(99)
[08/05, 17:27] R: नव वर्ष हमारा पर्व नहीं !  http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1489-1599.html
कविता  :-    हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-:  नव वर्ष हमारा पर्व नहीं   !:-

मैं रोशन मुझे अपने पर गर्व नहीं ,
मनाने की सब्र नहीं !
नव वर्ष पर मेरा कोई संदर्भ नहीं ,
क्योंकि ये अपना पर्व नहीं !!

चल रही है ठंडी-ठंडी है गर्म हवा नहीं ,
सूर्य बिना खिली हुई फूल सूर्यमुखी जवा नहीं !
मानव तो मानव जीव-जंतु भी दबे हैं , ठंड से
बचने के लिए कोई दवा नहीं ,
तब कैसे मनाऊं नव वर्ष, नया साल मनाने के लिए लगी
हुई कहीं सभा नहीं !!

पुरानी पत्ती ,अभी खिला सा वन नहीं ,
पौष माघ अभी बसंत और सावन नहीं !
आग नहीं तो बिस्तर, उसके बाहर मां बहन नहीं ,
क्यों मनाऊं, मनाने की मन नहीं ,
क्योंकि ये नव वर्ष अपना पावन नहीं !!

घर से निकलने वाली शाम नहीं ,
घर के अंदर कोई काम नहीं !
पेट के लिए निकलना ही होगा , ठंड से विश्राम नहीं ,
सच में नव वर्ष को मेरी ओर से प्रणाम नहीं !!

अभी जाने दो समय की गति ,
नव वर्ष मनाएंगे अभी नहीं , खिलने दो नव पत्ती !
आने दो बसंत , लेकर आ रही है मां सरस्वती ,
तब मनाएंगे नव वर्ष जलाकर दिया और मोमबत्ती !!

नव वर्ष मनाएंगे पहले चलें ,तो जाये ठंड की
पकवान चौखा लिट्टी !!
केक नहीं बनाएंगे जलेबी वह भी मीठी-मीठी ,
है अपना ये हिन्दुस्तान ,विद्यापति, कबीर,दिनकर की मिट्टी,
उस पर नव वर्ष मनाएंगे, अभी नहीं, आने दो अपना तिथि !!

अभी काफी ठंड है , ठंड की कोई दण्ड नहीं ,
पूजा पाठ करने के लिए कैसे नहाऊ ,गर्म जल की प्रबंध नहीं !
बढ़ते ही जाते ठंड, ठंड की गति मंद नहीं ,
कैसे मनाऊं नव वर्ष, नव वर्ष मनाने की कोई सुगंध नहीं !!

ठंड में यानि आज नहीं ,
कोयल की मीठी आवाज नहीं !
शीत के कारण समय कैसे बीती अंदाज नहीं ,
तब कैसे मनाऊं नव वर्ष,ये हमारा रीति रिवाज नहीं !!

कुहासा में नया साल मनाना ,अपनी कर्त्तव्य नहीं ,
वह भी अब नहीं !
नव वर्ष पर हमें गर्व नहीं ,
है अपना ये पर्व नहीं !!

                  🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
08-01-2020 बुधवार 08:47
08-05-2020 शुक्रवार मो:-6290640716
https://youtu.be/bLDymqXZQlg
[08/05, 17:27] R: नव वर्ष हमारा पर्व नहीं ! https://www.sahity.com/hindi-poems/%e0%a4%a8%e0%a4%b5-%e0%a4%b5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b7-%e0%a4%b9%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5-%e0%a4%a8%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%82/
[08/05, 18:12] R: English Poem:- It is Lockdown https://www.sahity.com/language/english/english-poem-it-is-lockdown-2/
ये नव वर्ष हमे स्वीकार नहीं.....राष्ट्रकवि रामधारीसिंह दिनकर


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