कविता :- 20(54) , रविवार , 11/07/2021 , अंक - 62 , नेहा जन्मदिन, कल बिजली बिल आया

रोशन कुमार झा

कविता :- 20(54)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता -  ईश्‍वर कैसा आपका नियति है ।

हे ईश्‍वर कैसे आपकी पूजा पाठ करूँ
कैसा आपका नियति है ,
समय से पहले ही कितने को अलग
कर देते जिसके चलते
कितने पति बिना पत्नी के और
कितने पत्नी के न पति है ।
दुख पर से दुख जिसके कारण
उस घर परिवार की बाल बच्चों
की जीवन दुर्गति है ,
जन्म मरण बंधन है इससे
छुटने वाला अभी तक
न कोई महारथी है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(54)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
11/07/2021 , रविवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 62
Sahitya Ek Nazar
11 July 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

लोहा गये । शाम में बिना साईकिल के हम आनंद रास्ते में भुतिया पोता को बोला आनंद मोटरसाइकिल से ले गया नहर तक आम 20×2 = 40 , का समान सब लिए , 500 दादी दी रहीं 10 - 10 का चाउमीन खाएं ।

#साहित्यसंगमसंस्थान
🌹स्वमंतव्यामंतव्यप्रकाश🌹

🙏सेवाधर्मोपरमगहनायोगिनाम्यगम्य:🙏

भालचंद्र छंद
१२१, २१२, १२१, २१२, १२१, २१
विराग-द्वेष त्याग  कीजिए सदा सुकाज हिंद।
प्रवंचना  व  चौर  कर्म  से  बनें  न  श्रेष्ठ रिंद।।
पता चले सुनीति रीति आपकी समाज बीच।
नहीं उलीचता फिरे  कुकर्म कोढ़ कुंभ कीच।।

साहित्य संगम संस्थान की स्थापना बड़े ही शुभ मुहूर्त में एक ईमानदार बैंक मैनेजर के करकमलों हुई थी। इसकी सारी गतिविधियां बड़े ही तौर तरीके से होती आ रही हैं और इसका विकास तथा विस्तार स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत चल रहा है। जब इसकी स्थापना हुई थी तो उसके मूल में यह भाव था कि एक छोटी रेखा से बहुत बड़ी रेखा खींचनी है अपितु कोई रेखा मिटानी नहीं है। यहां किसी का अपमान नहीं अपितु सबका सम्मान किया जाता है। किसी को मूर्ख नहीं बनाया जाता अपितु ज्ञान प्रदान करने के समस्त उपाय किए जा रहे हैं। नित्य हवन करके ईश्वर से प्रार्थना की जाती है कि कुछ अच्छा कर सकूँ ऐसा आशीष दीजिए। इन्हीं अच्छी भावनाओं से प्रभावित होकर अपनी हिंदी को मान दिलाने के लिए बहुत से निस्वार्थ सेवी अपने खाली समय का सदुपयोग करते हुए अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं तभी इतना बड़ा तंत्र कार्य कर पा रहा है।

मेरे जीवन की विडंबना यह रही है कि जब मैं गुरुकुल गया तो गांव के बहुत से लोगों को गुरुकुल का महत्व पता चला और उन्होंने अपने बच्चों को गुरुकुल में पढ़ाने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने अपने बच्चों को भेजा भी। जिनमें बहुत कम लोग सफल हुए, क्योंकि गुरुकुल का अनुशासन अत्यंत कठोर होता है। वहां का बना कभी बिगड़ नहीं सकता और बिगड़ा तो बन नहीं सकता। एक तो वहां से भाग आया। आजकल साड़ी आदि पहनकर स्त्रियों का शृंगार कर नाचता फिरता है। मेरा मानना है कि अच्छी बातों का नकल की जानी चाहिए पर थोड़ा तरीके से। नकल करने के लिए भी अक्ल की जरूरत पड़ती है। कुछ लोग मंच पर इस फिराक में रहते हैं कि कैसे गड़बड़ घोटाला करके लोगों को फोड़ सकें। कैसे अनियमितताओं को उजागर कर लोगों को अपने पक्ष में मिलाकर अपने बाप-दादाओं का नाम रोशन करने के लिए अपना मंच बना सकें। ऐसे ही एक साथी ने मुझे बताया कि हमारे मंच पर बहुत से लोग तोड़ने वाले जुड गए हैं। मैंने उन्हें कहा कि तोडने वाले टूट जाएंगे हम तो जोडने वाले हैं। वाकई हुआ वही, वही टूट गए और कुछ को तोड़ ले गए तथा नया मंच बनाकर नाम रोशन करने लगे। मुझसे जब सामना हुआ तो मैंने उन्हें ललकारा कि यदि आपमें दम हो तो यह कार्य करते हुए एक कीर्तिमान स्थापित कीजिए। पता नहीं उनका क्या हाल है? पर एक ऐसे ही बंधु थे उन्होंने मुझे दिखाने और नीचा दिखाने के लिए मंच बनाया। वैसे तो मैं संगमेतर किसी मंच पर नहीं रहता पर इस बार मैंने भी सोचा कि जरा इनकी काबिलियत देख ही लूँ। एक महीना तब हुआ जब उनकी सारी सृष्टि का विध्वंश हो गया। आजकल वे सदमें में जीवन यापन कर रहे हैं, पंद्रह दिन हुए मुंह से बोलती भी नहीं निकल रही। ऐसे-ऐसे तमाम मंच संगम की देखा-देखी बने। मुझे समझ में नहीं आता ये लोग हिंदी सेवा करना चाहते हैं या अपनी काबिलियत का ढिंढोरा पीटना चाहते हैं? यह कार्य तो वे संगम में रहकर भी कर सकते हैं। आ० रोहित भाई की क्या कम इज़्ज़त और शोहरत मिली है संगम में या किसी की मेहनत को कोई अन्य अपने माथे मढ़ सकता है? मैं सब लोगों को प्रोत्साहित करता हूँ बाद में उनमें से बहुतेरे मुझे बदनाम करने का प्रयास करते हैं। क्या यह संभव है? जब तक मैं कुकर्म न करने लग जाऊं तब तक मेरा अधोपतन हो ही नहीं सकता। कोई कितना भी जोर लगा ले। मैं सदा ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि कोई गलती न हो, मुझमें अहंकार न व्यापे, मैं सबका सम्मान ही करूँ। अभी फिर एक नया मंच प्रकाश में आया है। जो पूरी संगम की नक़ल और इसे तोड़ने का प्रयास है। जिसके कारण हमारी अंतरंग टीम आहत है। मैं उन्हें समझाता हूँ कि परेशान क्यों हो रहे हैं, कोई चोरी करके और छल करके अच्छे कार्य में महारत हासिल नहीं कर सकता। पहले वालों को चुनौती तक दी थी, इन्हें भी चुनौती दे रहा हूँ कि यदि ओखली में सिर दिया है तो भागना नहीं। यदि सफल हो गए तो हिंदी का विकास तो होगा ही साथ ही हमारा एक अच्छा प्रतिद्वंद्वी भी तैयार हो जाएगा। तब सेवा करने में और मजा आएगा।

वैसे सेवा कर्म बड़ा दुरूह कार्य है। मेवा देखकर लोग लालच में आ तो जाते हैं पर जैसे ही पता चलता है कि यह मेवा बड़ा कठोर है, इससे दांत, आंत, नात सब टूट जाएंगे तो भाग खडे होते हैं। सेवा इतना दुरूह कार्य है कि योगी भी इसमें असफल हो जाते हैंं भोगियों की क्या विसात? मैं निरोगी यदि यह कर पा रहा हूँ तो निश्चय ही इसमें आप सबका अनुग्रह और सहयोग ही है।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1263120827455503&id=100012727929862&sfnsn=wiwspmo

राज वीर सिंह

[11/07, 00:04] Babu 💓: Nind nhi aa
[11/07, 00:04] Babu 💓: Raha h
[11/07, 08:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: Good morning Babu
[11/07, 09:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[11/07, 22:20] Babu 💓: Jaan
[11/07, 22:20] Babu 💓: Bolo
[11/07, 22:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Khanna khahii
[11/07, 22:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[11/07, 22:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Tabiyat karab rag raha hai
[11/07, 22:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Mera
[11/07, 22:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sar dard de raha hai
[11/07, 22:21] Babu 💓: Kyu jaan
[11/07, 22:21] Babu 💓: Ha ji
[11/07, 22:22] Babu 💓: Nhi baat krna aapse
[11/07, 22:22] Babu 💓: Aap bahut sochte ho family ko lekar
[11/07, 22:22] Babu 💓: Etna mat socho babu
[11/07, 22:22] Babu 💓: Dadi ke bato pe dhayan mat do
[11/07, 22:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kyo
[11/07, 22:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya karee
[11/07, 22:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ghar ke bare hai
[11/07, 22:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[11/07, 22:25] Babu 💓: Aap kasam tor diye na
[11/07, 22:26] Babu 💓: Aaj post kiye na
[11/07, 22:26] Babu 💓: Phir se kavita
[11/07, 22:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: Skin short bhejho
[11/07, 22:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: Dakho date
[11/07, 22:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: 2020ka hai
[11/07, 22:28] Babu 💓: Rehne dijye
[11/07, 22:28] Babu 💓: Chhod dijye
[11/07, 22:28] Babu 💓: Boliye
[11/07, 22:28] Babu 💓: Khana khaye
[11/07, 22:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi karna bth
[11/07, 22:28] Babu 💓: Kyu
[11/07, 22:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Itna kuch tyagane ke bad bhi aaj aisa bol di
[11/07, 22:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Eak skin short bhejhu
[11/07, 22:29] Babu 💓: Kon sa
[11/07, 22:30] Babu 💓: Bolo
[11/07, 22:32] Roshan Kumar Jha, रोशन: Dakho hmm share bhi nhi kiya
[11/07, 22:32] Roshan Kumar Jha, रोशन: Pir v tum sak karti hoo
[11/07, 22:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sorry skin short isliya bhejhe hai Facebook par aaj share ka oftion tha
[11/07, 22:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sorry
[11/07, 22:33] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya hawa ab
[11/07, 22:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sorry
[11/07, 22:34] Babu 💓: Boliye
[11/07, 22:34] Babu 💓: Gussa nhi h jaan
[11/07, 22:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ab viswash huwa bolo
[11/07, 22:35] Babu 💓: Ham khud pareshaan h to kya bolenge aapko
[11/07, 22:35] Babu 💓: Chhodye baat ko
[11/07, 22:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: Hmm bhi
[11/07, 22:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ye kabita padhoo
[11/07, 22:35] Babu 💓: Bolo
[11/07, 22:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: 15 Mintus me aa raha hu
[11/07, 22:36] Babu 💓: Ok jaan
[11/07, 22:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: Path karab hai
[11/07, 22:36] Babu 💓: Jaldi
[11/07, 22:36] Babu 💓: Aana
[11/07, 22:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok
[11/07, 22:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[11/07, 22:46] Roshan Kumar Jha, रोशन: Aa gaya
[11/07, 22:47] Babu 💓: Jhut bahut bolte ho aap
[11/07, 22:47] Babu 💓: Mar khaoge
[11/07, 22:47] Babu 💓: Fb pe online the
[11/07, 22:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kya
[11/07, 22:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi jaan
[11/07, 22:47] Babu 💓: Bol dete ki kaam tha fb pe
[11/07, 22:47] Babu 💓: To ham mana krte
[11/07, 22:47] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ma kasam
[11/07, 22:48] Babu 💓: Ek baat bole babu
[11/07, 22:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: Pucho jaan
[11/07, 22:49] Babu 💓: Thanku jaan
[11/07, 22:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kyo
[11/07, 22:50] Roshan Kumar Jha, रोशन: Pucho naa
[11/07, 22:50] Babu 💓: Aap bole ki mera sath doge hamesha esliye thanku jaan
[11/07, 22:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ha jaan wah to dangee
[11/07, 22:55] Babu 💓: Chhod diye to
[11/07, 22:55] Babu 💓: Bich me
[11/07, 22:56] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi  chorangee jaan
[11/07, 22:57] Babu 💓: Ek baat or puchhe babu
[11/07, 22:58] Babu 💓: Agar mere pass kuchh bhi nhi papa ke baad
[11/07, 22:58] Babu 💓: To aap mujhse pyar kroge
[11/07, 23:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: Pucho
[11/07, 23:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ha jaan
[11/07, 23:02] Roshan Kumar Jha, रोशन: Viswash nhi hai
[11/07, 23:02] Babu 💓: Nhi
[11/07, 23:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ohh
[11/07, 23:04] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kyo
[11/07, 23:08] Babu 💓: Sab aise hi bolta h
[11/07, 23:08] Babu 💓: Baad me aap chhod doge
[11/07, 23:08] Babu 💓: Waise bhi aapka to bada bada sapna h
[11/07, 23:08] Babu 💓: Aapko to dhej lena h
[11/07, 23:09] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi lana hai
[11/07, 23:10] Babu 💓: Jhut bol rhe ho
[11/07, 23:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: Nhi jaan
[11/07, 23:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[11/07, 23:13] Babu 💓: Kya bolu jaan
[11/07, 23:13] Babu 💓: Ro rhi hu
[11/07, 23:14] Babu 💓: Papa ka yaad aa raha h
[11/07, 23:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: Mera kasam hai nhi royagii
[11/07, 23:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: Hmm hai na
[11/07, 23:16] Babu 💓: Bolo
[11/07, 23:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: Sar dard de raha hai
[11/07, 23:17] Babu 💓: Jao so jao
[11/07, 23:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Gussa ho
[11/07, 23:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Tum ro rahi hoo
[11/07, 23:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Bolo
[11/07, 23:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Na so jaye
[11/07, 23:24] Roshan Kumar Jha, रोशन: Meri kasam hai ab nhi royagii
[11/07, 23:25] Babu 💓: Jao so jao
[11/07, 23:25] Babu 💓: Nhi h
[11/07, 23:25] Babu 💓: Gn
[11/07, 23:25] Babu 💓: Love you
[11/07, 23:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: Love you too jaan
[11/07, 23:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: By Good night
[11/07, 23:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: Meri kasam hai nhi royagii

--------
[10/07, 22:44] +91 8301: 11/07/2021 के अभ्यास

आय आहाँ सब के एहि त्रैमासिक मिथिलाक्षर पाठ्यक्रमक अन्तिम अभ्यास देल जा रहल अछि ।
एकर बाद परीक्षा तक आहाँ सब पुनर्भ्यास करैत रहब ।

तीन व चारि वर्णक संयुक्ताक्षरक अभ्यासक बारहम दिनक अभ्यास   👇
[10/07, 22:45] +91 301: https://youtu.be/kTyW2eYlwAs
[11/07, 08:52] कमल मिथिला: *समूह - 48*
*********
**************************************
*बैच-169*
*(दि• 22.04.2021 सँ दि• 21.07.2021 तक)*
*मिथिला विभूति पं. अजय नाथ झा शास्त्री (संरक्षक) /संस्थापक*
******************
**************************************
*1)उत्कृष्ट संरक्षक श्री कृष्णकान्त झा-8/8/5*.
*2)संरक्षक श्री शंकरनाथ मिश्र-13/122 🔯*
*3)संरक्षक श्री अश्विनी कुमार चौधरी-71/134*
*4)संरक्षक श्री दिलीप कुमार झा -53/157*
**************************************
*************************
*1)श्री जयपाल 100-निर्देशक*
*2)श्री ललित झा 106-निर्देशक*
*************************
******************************
*1)मार्गदर्शक श्री स्वतंत्र कुमार 130*
*2) मार्गदर्शक श्री रितेश कुमार 141*
*3) मार्गदर्शक श्री कमल किशोर सिंह 119*
*****************************
*कक्षा- उच्च वर्ग*
***************
**************************************
*नामांकित सदस्य आओर काल्हिक हाजरी :-  10/07/2021*
************
***************
1.रोशन कुमार🅿️
6290640716
2.सुभाष दत्त झा🅿️
9827962196
3.सोमेश कुमार 🆎1
6287202091
*************
***********
🅿️उपस्थित
🆎अनुपस्थित
🆑अवकाश
***********
*********************
उपस्थित सदस्य सं०-    02
अनुपस्थित सदस्य सं०- 01
अवकाश पर सदस्य सं०-00
*********************
***********************************
*विद्यालय मे नियमित आ अनुशासित रहब आवश्यक अछि।*
**************
**********************************
मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश(रजि०)  त्रैमासिक पत्रिका द्वारा संचालित
*"मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान"*
****************************
[11/07, 18:45] +91 712: ष्प्र और निक  भ सकैत
ष्ट्र त्रुटि भ गेल
बाकि निक💐
[11/07, 20:20] +91 506: एखन धरि जे सब मिथिलाक्षर प्रवीण परीक्षा प्रपत्र और फोटो भेजला अछि से निम्नांकित अछि :-
1) रोशन कुमार झा
2)
3)

बांकी जे सब छी आहां लोकनि सेहो समय निकालि के भेजल जाय ताकि अगर प्रपत्र मे कोनो भुल चूक रहत तऽ ओकर ससमय सुधार भय सकय।
धन्यवाद।
[11/07, 22:57] +91 301: 12/07/2021 के अभ्यास

पिछला तीन दिनक अभ्यास के पुनराभ्यास करे के अछि।
सब छवि आर वीडियो समूह पर अछि👆🏻

[11/07, 16:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏 शानदार अलंकरण
[11/07, 19:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://imojo.in/5WCYfi
[11/07, 19:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/rfco/
[11/07, 19:14] डॉ अनिल जी, अभिव्यक्ति: धन्यवाद नमस्कार
[11/07, 19:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏💐 आप रचनाएं नहीं भेज रहे है गुरु जी 🙏💐
[11/07, 20:13] डॉ अनिल जी, अभिव्यक्ति: स्कूल खुलने पर व्यस्तता बढ़ गयी है भाई
[11/07, 20:21] Roshan Kumar Jha, रोशन: कोई बात नहीं आप अपने समयनुसार भेजिएगा 🙏💐

[11/07, 18:10] +91 49: नमस्कार सर🙏🏻
[11/07, 18:10] +91 49: मैं अनुराधा नोएडा से
[11/07, 18:10] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏💐
[11/07, 18:11] Roshan Kumar Jha, रोशन: Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn
[11/07, 18:11] +91 49: पंजाब विश्वविद्यालय से पीएच डी की शोधार्थी हूं
[11/07, 18:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/325876409175142/?sfnsn=wiwspmo
[11/07, 18:12] +91 49: फेसबुक पर साहित्य एक नज़र से जुड़ी हुई हूं सर
[11/07, 18:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: हार्दिक शुभकामनाएं स्वागतम् साहित्य एक नज़र 🌅 में
[11/07, 18:12] +91 49: मुझे अपनी कविता प्रकाशित करवानी है परंतु comment box नही दिखता
[11/07, 18:12] +91 49: शुक्रिया सर🙏🏻
[11/07, 18:13] +91 49: मैं रचना कैसे भेजू आपको
[11/07, 18:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो साथ भेजिएगा 🙏💐
[11/07, 18:14] +91 49: जी सर अभी करती हूं
[11/07, 18:14] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[11/07, 18:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी कल के अंक में प्रकाशित हो जायेगी
[11/07, 18:37] +91 9: 🙏🏻

[11/07, 16:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏
[11/07, 16:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/hsua/
[11/07, 16:53] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://imojo.in/A7zp9o
[11/07, 16:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां से आप खरीद सकते है ।
[11/07, 16:54] Roshan Kumar Jha, रोशन: जब खरीदेंगे तब आपको ये लिंक ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा


[11/07, 10:43] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[11/07, 10:44] Roshan Kumar Jha, रोशन: Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn
भैया मेरी कविता के साथ  इनकी फोटो क्यों है....

[11/07, 11:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: पता है बहन गलती से हो गई आप चिंतित न हो
[11/07, 11:46] सरिता साहित्य: जी कोई बात नही
[11/07, 11:46] सरिता साहित्य: आप ठीक कर दीजियेगा

[11/07, 14:25] Monu: Happy birthday roshan bhaiya
[11/07, 14:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद भाई 🙏💐
[11/07, 14:57] Roshan Kumar Jha, रोशन: पूजा पापा को कैंसर हो गया है
[11/07, 14:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: प्रार्थना करना भाई
[11/07, 14:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: अपना पत्रिका का नाम टीवी पर
[11/07, 17:09] Monu: Oo
[11/07, 17:10] Monu: Wahhh





अंक - 62
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र अंक - 62 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -

https://imojo.in/5WCYfi
मात्र - 15 रुपये

माह - 2
अंक - 62
11 जुलाई  2021
रविवार
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा
संवत 2078
पृष्ठ -  1
प्रमाण - पत्र -  8
कुल पृष्ठ -  9

रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी - गुरुवार

सहयोगी रचनाकार  व साहित्य समाचार -

1.  आ. साहित्य एक नज़र ( माह - 2 )
2.  आ.  देवानन्द मिश्र सुमन जी
3. आ.  रीता झा जी ,  कटक, ओडिशा
4. आ. कृष्ण कुमार महतो जी
5. आ. अरुण कुमार शुक्ल जी
6. आ. आनंद कुमार पांडेय जी
7.आ.  केशरी सिंह रघुवंशी' हंस' जी ,  मध्य प्रदेश
8. आ. सरिता त्रिपाठी 'मानसी' जी , उत्तर प्रदेश
9. आ. डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम जी , बिजनौर
10. आ. रोशन कुमार झा
11. आ. अभिव्यक्ति पत्रिका , अंक - 63
12. सम्मान पत्र -

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
124. आ. देवानन्द मिश्र सुमन जी

अंक - 62 से 67 तक के लिए इस लिंक पर जाकर  रचनाएं भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/325876409175142/?sfnsn=wiwspmo

हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

फेसबुक - 1

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1151957708651115/

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=809436089945800&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo

अंक - 54 से 58 -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo
https://online.fliphtml5.com/axiwx/hsua/
https://online.fliphtml5.com/axiwx/rfco/
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xibe/
https://online.fliphtml5.com/axiwx/cfgm/
फेसबुक - 2

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=367792964772323&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/326127799150003/?sfnsn=wiwspmo



विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका, अंक - 2 )
https://online.fliphtml5.com/axiwx/uuxw/

मधुबनी - 1
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ncvw/

https://www.facebook.com/groups/310633540739702/permalink/320129459790110/?sfnsn=wiwspmo

साहित्य एक नज़र
https://youtube.com/shorts/SZqpF67YrnA?feature=share

https://youtu.be/K17jcEVWE30

-----------------
आपका अपना
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो :- 6290640716
अंक - 61 ,  शनिवार
10/07/2021

साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 62
Sahitya Ek Nazar
11 July ,  2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

_________________

रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई












अंक - 61

http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/61-10072021.html

कविता :- 20(53)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2053-10072021-61.html

अंक - 61
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/53-02072021.html

अंक - 61
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xibe/

कविता :- 20(45)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/06/2045-53-02072021.html

कविता :- 20(54)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2054-11072021-62.html
अंक - 62
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/62-11072021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/rfco/

कविता :- 20(55)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2055-12072021-63.html

अंक - 63
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/63-12072021.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html

अंक - 57

https://online.fliphtml5.com/axiwx/ymqf/

अंक - 58
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xwjc/

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/495866/-58-07-2021-

विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xdai/

अंक - 59
Thanks you
https://online.fliphtml5.com/axiwx/hsua/

साहित्य एक नज़र , अंक - 59 , गुरुवार , 08/07/2021 , विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी, अंक - 3

खरीदकर पढ़ने के लिए क्लिक करें -
https://imojo.in/8Gg0oc

अंक - 62
11  जुलाई  2021
रविवार
आषाढ़
संवत 2078
पृष्ठ - 
P
i
c
s
A
r
t
_

I
n
s
t
a
m
o
j
o

जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
रचनाएं , साहित्य समाचार व अन्य कलाओं आमंत्रित -
अंक - 62 , 63 , 64 , 65, 66 , 67
दिनांक - 11 जुलाई 2021 से 16 जुलाई 2021
दिवस - रविवार से शुक्रवार तक
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं व बिना मतलब के स्पेस ( अंतराल ) वाली रचनाओं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350
किसी भी प्रकार की समस्या होने पर संपर्क करें -
6290640716
सूचना - कुछ सम्मानित साहित्यकारों साहित्य एक नज़र पत्रिका को व्यवसाय बना दिए रहें वे अन्य साहित्यकारों से राशि लेकर उनकी रचनाएं को प्रकाशित करवाते थे उसी के कारण अब ये कदम उठाया गया है - अब आपको एक अंक के पीडीएफ फाइल व पत्रिका की लिंक के लिए 15 रुपये का सहयोग करना पड़ेगा यदि आपको ऑनलाइन पेमेंट करने में असुविधा है तो 6290640716 पर संपर्क करें ।

आपका अपना -
✍️ रोशन कुमार झा
संपादक / संस्थापक
साहित्य एक नज़र 🌅
मधुबनी इकाई - মিথি LITERATURE ,
मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक - मासिक पत्रिका ( मंगलवार ),
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका - मासिक पत्रिका )

अंक - 62 से 67 तक के लिए इस लिंक पर जाकर सिर्फ एक ही रचना भेजें -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/325876409175142/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 54 - 58 , ( 54 - 61)
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/320528306376619/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo





🙏💐 जय माँ सरस्वती 🙏💐
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
11 मई 2021-  मंगलवार से 11 जुलाई 2021, रविवार , माह - 2
दैनिक कुल अंक प्रकाशित - 62
कुल सम्मान पत्र वितरण संख्या - 124
फेसबुक पर कुल सदस्य ( पब्लिक ) - 628
फेसबुक पर कुल सदस्य ( प्राईवेट ) - 338
साप्ताहिक अंक - 4  ,
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका ( मंगलवार )
फेसबुक पर कुल सदस्य ( पब्लिक ) - 29
प्रकाशित अंक - 1
संपादिका - आ. ज्योति झा जी
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका - मासिक  - गुरुवार )
फेसबुक पर कुल सदस्य ( पब्लिक ) - 58
फेसबुक पर कुल सदस्य ( प्राईवेट ) - 52
संपादिका -    आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
प्रकाशित अंक - ( 1 + 1 + 1 = 3 )
यूट्यूब चैनल ( YouTube ) साहित्य एक नज़र
PicsArt , Instamojo , Mobile, मोबाइल 📱
ब्लॉगर ( Blogger ) ( Whatsapp )  वॉट्सएप
नोट्स ( Notes ) , ईमेल आईडी, गूगल
Fliphtml5 , roshanjha1301@gmail.com
अंक - 62 , रविवार , 11 जुलाई  2021 ,
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा संवत 2078 , पृष्ठ -  2
रोशन कुमार झा
मो :- 6290640716
संस्थापक / संपादक
साहित्य एक नज़र  🌅 ,
Sahitya Ek Nazar , Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর , মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
आप सभी सम्मानित साहित्य प्रेमियों को धन्यवाद सह सादर आभार 🙏💐

अंक - 62
11 जुलाई  2021
रविवार
आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा
संवत 2078
पृष्ठ - 
प्रमाण पत्र - 8
कुल पृष्ठ - 9

माँ शारदे बुद्धि प्रदायनी जय हो

माँ शारदे बुद्धि प्रदायनी जय हो
तू विवेकहीन को विवेक देती हो
अज्ञान में ज्ञान भी भर देती तू माँ
चंचल हृदय में स्थिरता लाती माँ
माँ वीणाधारिणी तू हंसबाहिनी है
तूँ सरस्वती पुस्तक धारिणी है माँ
तू बोध ज्ञान प्रवर्तक प्रतिष्ठात्री माँ
सद्बुद्धि प्रदान सबको करती माँ
स्वेत वस्त्र धारण पद्मासन विराजे
बुद्धि प्रखर स्वर कोकिल सा कर दे
राग रंग कंठ भर कोकिल स्वर दे माँ
वीणाधारिणी तू है मेरी सरस्वती माँ
ज्ञान की ज्योति जला शील मुझे दो
स्वर रूपी गंगा बहा दुख हर ले माँ
वंदन मेरा स्वीकार करो माँ तू शारदे
ज्ञान भक्ति भर तूँ मेरा कल्याण कर
तुम बिन कौन जगत में है मेरा माता
मुझमें भी ज्ञान का भंडार भर दे माँ
वेदों की भाषा पुराणों की वाणी को
समझने की ज्ञान बुद्धि मुझको दे माँ
मुझ तुच्छ मनुज को ओझल न करना
अपनी छाया में सतत  सानिध्य रखना

✍️ देवानन्द मिश्र सुमन

हम साथ साथ हैं

अपनों के बीच दूरी,
रोटी की है मजबूरी।
आभासी जुड़ाव पूरी!
हम साथ साथ हैं।
दूरी नहीं कभी भाए!
याद अपनों की आए‌।
किया मिलन उपाय!
हम साथ साथ हैं।
खुशी पाए नव रंग।
त्योहार का हो उमंग।
मनाते हैं मिल संग।
हम साथ साथ हैं।
सुख अपनों की भाए।
दुख सभी को रुलाए।
मिल उसको हसाएँ।
हम साथ साथ हैं।
पकवान जो बनाए।
खुशबू सबको भाए।
मिले ईश की दुआएँ!
हम साथ साथ हैं।
शादी ब्याह में हो मस्ती।
कहकहे ही गूंजती‌।
  रात बातों में कटती।
हम साथ साथ हैं।
सदा रहे प्रेम भाव!
दिखे खुशी का प्रभाव।
रहे ऐसा ही लगाव।
हम साथ साथ हैं।

✍️ रीता झा
कटक,ओडिशा

Ank.. 62...

ग़ज़ल

उसमें दुश्मन . बता दिया है मुझे
ये वफा का . सिला दिया है मुझे!1
मुझसे हंसने . का वायदा करके
आज रोना . सिखा दिया है मुझे!2
तुमसे मरहम ..की आश रखी थी
जख्म कितना ..बडा दिया है मुझे!3
उम्र भर साथ . जिसके चलना था
उसने रास्ता. दिखा दिया है मुझे ! 4
उसका दिल ही .हुआ था धर मेरा
उसने बे घर  .बना दिया है मुझे ! 5
कल किसी ने जो मुझसे बोला था
सच वो करके .दिखा दिया है मुझे! 6
कैसे उसको मैं . क्या सजा देता
उसनें रो कर दिखा ..दिया है मुझे! 7
अब तो खुद से ही प्यार करता हूँ
आज मुझसे ..मिला दिया है मुझे! 8
प्रेम उसका मेरी . तो जन्नत था
करके दोजक .दिखा दिया है मुझे! 9

✍️ डॉ. प्रमोद शर्मा प्रेम
नजीबाबाद बिजनौर

शादी

किया शृंगार वर-वधु ने ,मधुर बेला खुशी लाई।
चली है संग सखियों के, पिया वर माल डलवाई।
बराती नाचते गाते, पटाखों की जला लड़ियांँ.
गगन में रोशनी चमके, सजी है शहर की गलियाँ.
बड़ी ही शान शौकत अश्व असवार है दूलहा.
अदाकारा कलाबाजी, दिखाती नृत्य के जरिए.
मधुर हर बीतता लम्हा,सरस संगीत शहनाई।
कियाशृंगार वर-वधु ने, मधुर बेला खुशी लाई।
पिता ने हाथ बेटी का,किया वर को समर्पित तब.
किया गठबंध पल्लू से, लगाए अग्नि के फेरे
लिये हैं हाथ मेंअक्षत, युगल पर फूल बरसाते
जलाकर अग्नि बेदी में, पुरोहित मंत्र शुभ पढ़ते
लगाए साथ में फेरे, निभाने की कसम खाई।
किया शृंगार वर-वधु ने,मधुर बेला खुशी लाई।
विविध रस्में निभाते है सखी जूता चुरा लेती.
मनोरंजन हुआ सबका , चुकाना नेग भी पड़ता.
खिचाते साथ में फोटो, मधुर यादें संँजोते हैं
, विनोदी बात जब निकले ठहाके लग ही जाते हैं
हुई बेटी विदा घर से, पिता की आंँखभर आई।
किया शृंगार वर-वधु ने, मधुर बेला खुशी लाई।

✍️ केशरी सिंह रघुवंशी' हंस'
अशोकनगर मध्य प्रदेश

विषय-

🐦🕊️🦜🦆
      पक्षी
🦅🦢🦚🦉

पक्षी उड़ते हैं
पक्षी तैरते नही हैं
पक्षी बहते नहीं हैं
पक्षी उड़ते हैं।
पक्षी तैरते नहीं हैं
पक्षी बहते नहीं हैं
पक्षी उड़ते हैं।
पक्षी अपने गंतव्य
की ओर उड़ते हैं।
पक्षी तैरते नहीं हैं
पक्षी बहते नहीं हैं
पक्षी उड़ते हैं।
पक्षी हवा के
विपरीत उड़ते हैं।
आदमी चलता है
आदमी उड़ता नहीं है
आदमी तैरता नहीं है
आदमी बहता है अपने
जीवन के प्रवाह में।

✍️ देश दीपक
ईश्वरपुर साई हरदोई
उत्तर प्रदेश

रोटी

भूख मिटाती सबकी रोटी
स्वयं जलती है आग पर
बड़ी कीमती रोटी ठहरी
नाच नचाती चाक पर  ॥
हो पेट में आग लगी
रोटी की याद तब आती है
गेहूं पीसे बिन चक्की में
रोटी कहाँ बन पाती है   ?
बड़ी मेहनत करते किसान
शीत ताप सह जाते हैं
तब जाकर धरती से
गेहूं की फसल पाते हैं॥
रोटी का हीं चक्कर है
जो सबको दौड़ कराती है
तब जाकर कहीं हलक से
दो रोटी पेट में जाती है  !
रोटी का हीं चक्कर है
सब घर-द्वार तज देते हैं
मेहनत मजदूरी करते दिन - रात
तब घर में रोटी देते हैं  ॥

✍️ कृष्ण कुमार महतो


#नमन मंच
शीर्षक-
स्वप्न

लोग कहते जिंदगी का है सफर छोटा,
जानकर के भी मगर मैं भूल जाता हूँ।
जिस समय मैं सोचता बेचैन रहता फिर,
स्वप्न के झूलों में फिर से झूल जाता हूं।।
जानते हैं लोग किन्तू करते न ऐसा,
मोह के बातों को मन पे थोप देते हैं।
अटलता को वे सदा ठुकराते ही रहते,
सत्य में संदेह पौधा रोप देते हैं-२।।...
है सही ये बात किन्तू सत्य ये प्यारे,
जिंदगी की राह केवल सत्य ही तो है।
स्वप्न के बल पर यहां मुर्दा भी जीता है,
स्वप्न न हो तो ओ हिम्मत दफ्न ही तो है।।
हर छला,टूटा,थका,इस स्वप्न पर जीता,
आज न तो कल मुझे मंजिल मिलेगा ही।
प्रेमिका हो या पिता ये सोचते इक सा,
प्राणप्रिया का भी कभी अंजलि मिलेगा ही।।
स्वप्न है बलवान इससे सम्हलना हर पल,
टाल दें मृत्यू को जो इसने कहीं ठाना।
जो सनातन धर्म ओ ही धर्मता करना,
स्वप्न खातिर स्वप्न पर पर
तुम चले जाना-२।।....

✍️ लेखक- अरुण कुमार शुक्ल

मेरा काश्मीर

माँ वैष्णों का धाम यहाँ की
शोभा और बढ़ाता है,
खड़ा हिमालय इसकी महिमा,
मूक स्वर में हीं गाता है।
मैं कितना गुणगान करूँ
प्रकृति ने रूप सँवारा है,
बोले हिन्द के रखवाले
ये काश्मीर हमारा है।।
सोने की चिड़ियाँ कहते हैं,
ये भी क्या कुछ कम है।
जो आँख दिखाये
इसको उसका,
काल बन खड़े हम हैं।।
इसी हिमालय से निकली
गंगा की निर्मल धारा है।
बोले हिन्द के रखवाले ये
काश्मीर हमारा है।।
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-इसाई,
चारों धर्म समान यहाँ।
अनेकता में भी एकता है,
होता नित है गान यहाँ।।
धूल चटाया वीरों ने जिसने
इसको ललकारा है।
बोले हिन्द के रखवाले
ये काश्मीर हमारा है।।
संजीवनी सी कितनी जड़ी,
बूटियों का ये संगम है।
हिंदुस्तान से बाहर भी इसकी,
महिमा का वर्णन है।।
गीतकार आनंद ने अपना
तनमन इसको वारा है।
बोले हिन्द के रखवाले
ये काश्मीर हमारा है।।
     
   गीतकार
✍️ आनंद कुमार पांडेय
बलिया उत्तर प्रदेश
    Mo- 9454261955

कविता :- 20(54)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र
कविता -  ईश्‍वर कैसा आपका नियति है ।

हे ईश्‍वर कैसे आपकी पूजा पाठ करूँ
कैसा आपका नियति है ,
समय से पहले ही कितने को अलग
कर देते जिसके चलते
कितने पति बिना पत्नी के और
कितने पत्नी के न पति है ।
दुख पर से दुख जिसके कारण
उस घर परिवार की बाल बच्चों
की जीवन दुर्गति है ,
जन्म मरण बंधन है इससे
छुटने वाला अभी तक
न कोई महारथी है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(54)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
11/07/2021 , रविवार
✍️ रोशन कुमार झा
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 62
Sahitya Ek Nazar
11 July 2021 ,  Sunday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर

नव जीवन

जीवन के अपने नये राग चुन लूं
उठती उमंगों की पहचान कर लूं
नई राह में नव प्रखरता सी फैलू
नई जिन्दगी मे नये रंग भरलू ......
डगर है कठिन रास्ते भी हो निर्जन
राह कैसी भी हो खुदको न समझू निर्बल
अग्निपथ हो या राहें हो कंटको की
सामना कैसे करना ये अनुमान कर लूं
नई जिन्दगी मे नये रंग भर लू.......
दुनियादारी की गहरी समझ न है मुझमे
जुड़ी हूँ अपनो से जानू बस उनके सपने
मुझे न पता जिन्दगी कैसे जीते
खुद के अनुभव व औरों से ज्ञान कर लूं
नई जिन्दगी में नये रंग भर लूं.....
जीवन का पथ मेरा कैसा भी होगा
साथी राह का चाहे जैसा भी होगा
मुस्कान संग हर कदम है बढ़ना
जीवनकला आज से मन में धर लूं
नई जिन्दगी में नये रंग भर लूं.....
नया जिन्दगी पर सफर है पुराना
मेरा लक्ष्य बस मेरी मंजिल को पाना
बने ये सफर मेरा खुशहाल इतना
हिय मे सारे दिलों का प्यार भर लूं
नई जिन्दगी में नये रंग भर लूं......

✍️ सरिता त्रिपाठी 'मानसी'
सांगीपुर, प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश)











शीर्षककविता:-6(097)बग,विषय सामग्री:बंगाली कविता रोशन कुमार झा 6(097)
Neha:-6(097)03
Happy Birthday Neha
11 July 2018 Wednesday
18 Year
17-05-2018 गुरूवार 19:36 लिलुआ ब्रीज
तोमार जन्मोदिन!?

भालो थाको नेहा वंन्धु जन्मोदिन
आचे तोमार,
सुजेर रोशन प्रचलित आचे ना आमार
ना तोमार!
भालो थाको तुमी,
भालोभाषा करो सोवार आचे ऐइ मातुभुमी!
ऐई जीवोन भालो कोरे पुर्ण कोरो,
कीछु मुने राखो कीछु बोलो!
तुमी सोवाई काचे घुरते जाऊँ,
वीजा बोरगद नइय देशेर कातला ही खॉऊ!
तोमार कोटी-कोटी बन्धु होई भालो
थाको तुमी,
आमी ऐकरा ही भालो आमी ऐकरा ही घुमी!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-(6290640716,whatshap)
8902940747
सलकिया विक्रम विधालय मेन
क्ष्री हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कुल घुसड़ी
टिकियापाड़ा क्ष्री नेहरू शिक्षा सदन
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB India
Chandan institute Bamangachi
Roshan kumar jha
Surendranath evening college kolkata
(Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance )
Ncc:-31 St bn ncc Fortwilliam kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager Howrah
Pmkvy, Electri

शीर्षककविता:-7(017)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
7(017)N16
बेचारा किसान का जीवन!

घर परिवार समाज नही बेचारा पर दुनिया
का बोझ है,
धान-गेहुँ दाल सँब्जिय उपजाते मगर इनके
किस्मत में नमक रोटी ही रोज है!
बैल के साथ खेत पर ही रहना है,
उनके क्षुंगार वही गहना है!
जिससे कभी करते नही आराम है,
चावल गेहुँ के बस्तो पर कम्पनी का मुहर
कहॉ किसान बेचारा का नाम है!
ना जन्मदिन नही इनके लिए कोई त्योहार है,
ब्रेड्र मखन जो भी खाते इन्ही का उपहार है!
निर्माण करने के बाद भी इन सब से दुर है,
केक मिठाई कहॉ खुद मीठा के जगह खाते
गुड़ है!
ऐ नेहा रास भरी दुनिया तु वर्षगाठ
त्योहार मनाता है,
कभी सोचा है बेचारा किसान जीवन भर
खेत में ही कमाता है!
सुर्य के रोशन वर्षा ऑधी तूफान से
सामना करता है,
जन-जन को दान देकर दुनिया के होठो
पर मुस्कान भरता है!
किसान के द्रर्द को नही उनके मेहनत को
तो देखे हो,
ऐ दुनिया वर्षगाठ त्योहार मनाते हो पर
कभी एक बीज को भी फेके हो!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
Chandan institute
मो:-6290640716 वुधवार 00:05
Ncc,Pmkvy,E.Rly.Scouts,St john
Ambulance(N.D.College)
नेहा:-7(017)17
Happy Birthday Neha

शीर्षककविता:-7(015)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 7(015)
नेहा:-7(015)16
नेहा अठारहवी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना
Happy Birthday Neha 11 july 2018
वर्षगाठ क्या है!?

जिन्दगी ही वर्षगाठ है,
इसी में ही दिन रात है!
नेहा नफरत कहॉ एक साथ है,
हँसो होठ पर मुस्कान भरो यही तो जिन्दगी
जीने की एक बात है!
वर्षा ऑधी तूफान का कहॉ अंत है,
जन्मदिन भरी बसंत है!
केक और मिठाई खाना है,
इसी बहाने घर परिवार और सारे मित्रो से
मिल जाना है!
गिप्ट और उपहार है,
वर्षगाठ एक नई साल है!
सुर्य के रोशन चॉद सितारा है!
क्या कहुँ यह जिन्दगी एक पहाड़ा है!
जन्म-मरण सुख-दुख खुशी-गम सँघर्ष भरी
जिन्दगी की गिनती है!
मेरा नही ईश्वर,अल्लाह,मसीहा की विनती है!
वे लोग भी इसी में जीये है,
दुख द्रर्द सहकर विश्व निर्माण और
हमलोग को जन्म दिये है!
वर्षगाठ संमदर है,
हार-जीत,धर्म-कर्म,पाप-पुण्य सब
इसके अन्दर है!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
09-07-2018 सोमवार 08:20
सलकिया विक्रम विधालय मेन
(Pmkvy Howrah Liluah Electrician
1283f) Roshan kumar jha
Chandan institute Bamangachi
Ncc,E.Rly.Scouts(N.D.College
St john Ambulance)

शीर्षककविता:-6(215)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(215)
तुम्हारा वर्षगाठ हो शुभ!?

तुम्हारा वर्षगाठ हो शुभ,
हँसते -मुस्कुराते रहना खुब!
खुशी का दिन हो हजार,
तुम्हे जाने पुरा शहर और बाजार!
वर्षा हो या तुफान,
हमेशा रखना होठो पर मुस्कान!
राह रोशन करना करना नही अँधेरा,
स्वाभिमान की भावना रखना कभी लाना
नही शब्द तेरा और मेरा!
रहोगे प्रसन्न,
हँसना-मुस्कुराना है बहुत बड़ा धन!
नेहा रास भरी वर्षगाठ,
मै क्या दुनिया है तेरे साथ!
नकामी बदनामी से रहना दुर,
हे मेरे मित्र तुम कॉटे नही तुम हो फुल!
तो फैलाओ सुगंधता,
अपने सफलता की कदम व अपना
सोन्दर्य रूप को मत घटा!
मत खोना वही है तेरा असलीयत क्षुंगार,
हे मेरे मित्र तेरे वर्षगाठ के साल हो हजार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार 19:15
30-06-2018
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB
Pmkvy Liluah Howrah1283f
Electrician
Roshan kumar jha
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance
Chandan institute
(C.Road.Bamangachi)
सलकिया विक्रम विधालय मेन
नेहा:-6(215)14 कविता

शीर्षककविता 6(197)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(197)13)
Happy Birthday Neha 11July2018
हमेशा बढ़ते रहना!? 

बढ़ना दिन दोगुना,रात चोगुना,
हार जीत जिन्दगी है मैने स्वपना में नही
हकीकत में सुना!
भुले नही वर्षगाठ भुले नही कोइ बात,
नेहा रास भरी शब्द लिए गुजरता नही
कभी दिन-रात!
सुर्य की रोशन चॉद सितारा,
समस्त जीव से बेहद-बेहद प्यार करना
ताकि प्रियतम माने दुनिया सारा!
बस साथ निभाना है बनकर अजनबी,
मै तो राह में रिश्ता निभाने आया ही हुँ
अभी-अभी
वर्षा ऑधी तुफान में भरी होठ की
मुस्कान में,
अधर्म मत करना कर्म करना ताकि दुनिया
लगे रहे तेरे सम्मान में!
हमेशा बढ़ना चार कदम आगे,
ताकि दुर-दुर तक सफलता की आवाज भागे!
वर्षगाठ हो या मुसीबत,
साथ दुँगा बस बताना हकीकत!
बढ़ते रहना नदी की तरह ,हँसना और हँसाना
उजाड़ना नही हो सके तो घर बसाना!
बढ़ना दिवस में दोगुना निशा मे और
चार जोड़ना,
खुशी-खुशी सोन्दर्य भरी विशाल जिन्दगी
बीताना खुशी का पल मत तोड़ना!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शनिवार 08:25
हावड़ा 23-06-2018
नेहा वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना
Ncc, pmkvy ,E Rly Scouts
St john Ambulance Howrah

शीर्षककविता:-6(196)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
6(196)नेहा:-12
Happy Birthday Neha11 july 2018
रिश्ता निर्माता नारी!?

नेहा रास भरी रिश्ता जुटता अनजाने में,
उम्र बीत गई दुनिया को रिश्ता की हकीकत
बताने में!
वर्षगाठ पुजा त्योहार जिन्दगी बीत गई
अँधेरा से मार्ग रोशन होते हुए दिवाली में,
भंयकर शक्ति,धन की आवेश
होती नारी में!
वर्षा ऑधी तुफान अविरान बाग के दुख
द्रर्द भरी वक्त को सीखी है खोना,
घर निर्मीत में न्योयछावर कर देती अपनी
क्षुंगार कंगन और सोना!
घर परिवार की भरी मुस्कान से खुश रहती,
सुख दुख से जिन्दगी गुजारती मगर हारे
वक्त की बात किसी से नही कहती!
नफरत बुझाती प्रेम के दिये जलाती,
इतिहास गवाह है अपनी सतोगुण भावना
से पुरा दुनिया को भॉती!
करती तंग देती संग,
नारी ही बढाती रही है प्राकुति की रंग!
बचपना तेरह अठारह पचास गुजार
लेती पुरे सो साल,
दुख द्रर्द खुद सहती मगर रखती घर
परिवार की ख्याल!
यही है नारी,कही जाती बेचारी,
फुल भी कम पड़ जायेगी क्या नाम दुँ
दुखहारी या सुखकारी!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 शुक्रवार 13:06
22-06-2018(t-10 july S-D train m)
Ncc,Pmkvy,E.Rly. Scouts

शीर्षककविता:-6(195)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता 6-195(11नेहा11-7-18
जो होने का था उसमें आलसीपन खोना था

जो होने का था वह हो गया इस संसार में
अब राह अँधेरा या रोशन जो भी करना
है वह अकेलापन की हाल में!
नेहा राह में कई डुबे कई उठे क्या
पढुँ अखबार में
गर्मी वर्षा शरद बंसत पतझड़ से मुलाकात
होते रहे हर एक साल में!
उदासी में जीये त्याग दिये होठो के मुस्कान
इस बाजार में
जिसे चलना सिखाये वही हाथ छोड़कर
चल गये कार में!
सतरह अठारह,उन्नीस,एक्कीइश हुऑ
पचतर साल कुछ ना कुछ सीखना
नाराज मत होना मेरे मित्र सुख हो या दुख
सब को एक ही नजर से देखना!
जो हुँआ सो अच्छा हुआ उसमें हुआ पायदा
पास में है मंजील,की राह अब है नही ज्यादा!
तय करो बिगड़े हुए बातो को छोड़ो
अविरान बाग से नही अपने आप से
कुछ तो बोलो!
बढो आगे दस कदम
ताकि शर्माये दुनिया और हम!
फिर करे दुनिया बखान
जो भी बड़ा बना है वह सँघर्ष करके ही
बना है महान!
जिन्दगी है वर्षगाठ ले लो हर
राहो में हिस्सा
नही रुपया,नही पैसा सबसे बड़ा शिक्षा!
मुसीबत में लड़ना पड़ेगा अकेला
हार-जीत कर गुरु कहलाओगे
जो आज बने हो चेला!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो-6290640716
22-06-2018शुक्र12:30

शीर्षककविता:-6(193)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
6(193)नेहा-10
Happy Birthday Neha
11 जुलाई वुधवार 2018
राह नही वक्त लाता सुख-दुख!?

राहे नही वक्त ला देता है मुसीबत,
नेहा रास भरी राह में क्या बताऊँ हकीकत!
कमाऊँ लाख हजार,
सँघर्ष से लड़ने के लिए घुमना पड़ेगा
शहर बाजार!
मार्ग करना है रोशन हमेशा रहना
है प्रसन्न,
वर्षा हो या ऑधी स्थिर रखना है मन!
वर्षगाठ त्योहार,
जख्म में भी हँसते रहना यही तो है
जिन्दगी की शुभ समाचार!
मुसीबत-मुसीबत में गये है सल्तनत बिक,
धर्म कर्म पर भरोसा रख ले मेरे नेहा भरी
मित्र रितीक कुछ दे लिख!
गलती करना ही नही जरूरत पड़ेगा ही
नही मॉगने को सॉरी,
सोच एक बार दिये बुझा देने पर सॉरी
बोलने से क्या दिये की ज्योती आ
जाती थोड़ी!
बचपना बीती हो गई अठारह साल,
जख्म में भी होठो पर मुस्कान रखते
हुए सुनाना सुख शान्ती भरी समाचार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
22-06-2018शुक्रवार 07:05
मो:-6290640716
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
सलकिया विक्रम विधालय मेन
St john Ambulance Howrah
Narasinha dutt college
Eastern Railways Scouts
Bamangachi

शीर्षककविता:-6(185)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-(185)
(नेहा:-6(185)09
Happy Birthday Neha
11-07-2018 वुधवार अठारहवी वर्षगाठ
के हार्दिक शुभकामना)
वर्षगाठ के दिन हो हजार

तुम्हारी नेहा रास भरी वर्षगाठ के दिन
हो हजार,
सुर्य के तपती रोशन में भारत नेपाल ही
नही बल्कि तुम्हारी वर्षगाठ मनाये
विश्व के पुरा बाजार!
जाओ मन्दिर, मस्जिद,चर्च,गुरुद्वार,
अगल कुछ बनना है तो बनना संमदर
का तेज ज्वार!
चॉहे वर्षा हो या तुफान रखना होठो
पर मुस्कान,
रेत बालु पर कोन आते करना
बगिया अविरान!
उसमें बोना फुल गुलाब,चमेली,कमल,
भरी बंसत हो या पतझड़ मुसीबत आने से
पहले कर लेना समस्या हल!
तुम्हारी खुशी का दिन हो हजार,
राह में चलते ही तुम्हारे आगे-पीछे लगे
रहे कार!
इसके लिए करना पड़ेगा सँघर्ष,
आज कल की बात नही लगेगा कई वर्ष!
कुष्ण-राधा के बिछुड़न राम-सीता के
वनवास के बाद ही हुँआ जीत,
सँघर्ष से लड़ सुन ले मेरे सुन्दर
प्यारे मित्र!
विश्वास रखा है तुम्हारी सफलता पर
यह संसार,
तुम्हारी नेहा रास भरी वर्षगाठ के दिन
हो हजार!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716
19-06-2018 मंगलवार 13:45
T'-10j(Ncc, Pmkvy, E.Rly.Scouts

शीर्षककविता-6(184)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6-184)08
(Happy Birthday Neha 11 july 2018
वुधवार ,अठारहंवी वर्षगाठ की हार्दिक
शुभकामना)
जीना ही जिन्दगी है!?

जीना ही जीवन है,
धन सम्पति से भी शक्तिशाली मन है!
मन साथ है शताब्दी की बात है,
मन के विकल्प ही तो दिन-रात है!
अँधेरा से रोशन उस रोशनी से जगमगाता
हुँआ संसार,
जिसमें बीता ड़ाले खुशी-खुशी कई साल,
वर्षा ऑधी तूफान के बाद,
होठ पर मुस्कान तो भरी नेहा भरी बात
कहॉ,अभी भी है नफरत भरी बात याद,
जो कर देते व्याकुल
कॉटे छोड़ देते ले जाते फुल!
कैसा है जिन्दगी की बॉटवारा,
सुख को नही दुख को बनाया हुँ
अपना सहारा!
वर्षगाठ हो या त्योहार,
हमेशा मुस्कुराह़ते रहिंयेगा ताकि खुशी-खुशी
से बीत जायें जिन्दगी की साल!
मन है बहुत बड़ा धन,
मन अगल काबु में है तो हमेशा
रहियेंगी प्रसन्न!
अठारहंवी वर्षगाठ की दे रहा हुँ हार्दिक शुभकामना,
एक आर्दश जिन्दगी जीने की किया हुँ
परिकल्पना समझ लीजीऐगा कविता के
माध्यम से मेरा भावना!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
22-03-2018 शुक्रवार18:20
मो:-6290640716
Donbosco Mirpara Bhattanager
Spoken English Exeam
Ncc,pmkvy,E Rly Scout

शीर्षककविता-6(183)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(183)07
(Happy Birthday Neha 11-07-2018
नेहा अठारहंवी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना)
हमेशा हँसते रहना!

अंजामे उल्पत से दुर रहना,
अँधेरा मे नही मार्ग रोशन होने के बाद
ही दुनिया से कुछ कहना!
नेहा भरी भावना से वर्षा ऑधी तूफान
से लड़ना
जिन्दगी की राह लम्बा पड़ा है हार जीत
लेकर चलना!
मुस्कान भरी होठ मत खोना
जिन्दगी सुख- शान से जीना कभी मत रोना!
खुशिया से सफलता के बीज बोना
अठारहंवी वर्षगाठ हो गया दोड़ना अब
मत सोना!
दुनिया घुम कर आना,
टुटे हुए रिश्तो को भुल जाना,
अविरान हो या विरान बाग!
अगल जलाना हो तो जलाना सफलता
की आग!
जीतते रहना ताकि सफलता की आग से
जले दुश्मन,
बस एक बात कह रहा हुँ हमेशा रहना प्रसन्न!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716 Whatshap
10:20 मंगलवार 19-06-2018
Chandan institute
C.Road Bamangachi Howrah
Roshan kumar jha
51\9 kumar para Iane Liluah
Howrah West-Bengal -711204 india
pmkvy, Eastern Railways
Scouts Bamangachi Howrah WB
Howrah St john Ambulance
Narasinha Dutt college Ncc:-31st
bn ncc Fortwilliam Kolkata-B

शीर्षककविता-6(182)हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 6(182)06
किसे पालुँ सुख को या दुख को!?

किसे उजारुँ,किसे बसाऊँ,
किसे रोआऊ,किसे हँसाऊ!
किसके होठ पर मुस्कान भरूँ,.
मालुम नही किसके आदेश पर चलुँ!
सुर्य के रोशन, वर्षा या शरद्,में रहुँ,
कुछ बाते है किसी के पास सुनने का वक्त
ही नही है किससे कहुँ!
नफरत या नेहा की दीप जलाऊँ,
उस दिये को अगल मै जलाकर रखता हुँ
तो मै कहॉ जाऊँ!
क्या लुटु क्या लुटाऊँ,
सहनशीलता कम हो रही है कब तक ये
दुख दर्द की बोझ उठाऊँ!
मन के विकल्प से सुख दुख पाऊँ,
मन तो समझ जाते पर दिमाग को
कैसे समझाऊँ!
किसे उजारूँ किसे बोऊ,
चिंता पर चिंता बढ़ती रहती कैसे सोऊ!
निर्णय कर लिया हार हो या जीत अब मै
हमेशा हँसु,
पन्द्रह,सतरह,अठारह, बीस,उन्नीस साल
गुजार दिये नकामी में अब मै नही
असफलता में फँसु!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc,Pmkvy, st john Ambulance
Narasinha dutt college Howrah
E.Rly. Scouts
Chandan institute Bamangachi
मो:-6290640716,मंगलवार 08:37
19-06-2018
T:-10 july(नेहा:-6(182)06
Happy Birthday Neha
11-07-2018
Neha Singh 18th year of 11th July
2018

शीर्षककविता-6(147)1हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता रोशन कुमार झा
तेरी वर्षगाठ, नीले आसमान छुमे तेरी हाथ

नेहा बंधन की दीप जले,
वर्षा ऑधी तूफान मे भी मुस्कान भरे!
अंधकार मे मार्ग रोशन करे,
उज्जवलता फैलाते-फैलाते आसमान तक उड़े!
हावड़ा कोलकाता सालबनी मधूबनी गया
गुहावाती बजार,
भारत नेपाल नही तुम्हारी वर्षगाठ
मनाये यह संसार!
खुश रहना अविरान करना बगिया यह है
तुम्हारी खूद नसीब,
बन कर रहना परी की रानी रहोगे चिरकाल
तक सजीब!
निशा,शुभांगी,उषा,रजिया,संगीता,
दोस्ती मे कोन हीरा कोन जीता!
फैसला करने आये निकीता,पुजा, प्रिया,
काजल,अणु,जुली,
पुरा करना मत छोड़ना दोस्ती की
बंधन को अधुरी!
अकाश हो या पताल,
तुम्हारी वर्षगाठ मनाये जाये हर एक साल!
संघर्ष की राह करना तय,
परी बनकर रहना मत रखना मन मे भय!
मत देखना धर्म,अधर्म,
करते रहना सत्य अहिंसा से कर्म!
      पुष्ठ'-01(147)6
Happy BirthDay Neha
11-07-2000 of 18th birthday
11-07-2018 वुधवार Wednesday
18 वी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना नेहा
रोशन कुमार झा
Roshan kumar jha
Mob:-6290640716
02-06-2018
13:20,गुहावाती से आये शनिवार
Ncc pmkvy,E Rly Scout
सलकिया विक्रम विधालय मेन
कविता नेहा 6-147-05,पुष्ठ:-1

शीर्षककविता-6(147)2हि,विषय सामग्री:हिन्दी कविता 6(147पुष्ठ2)05

वर्षगाठ मनाये जाये हर एक साल
ईश्वर खूदा मसीहा की रहम है जो सोफा है
तुम्हे राजन रानी वाला खुबसुरती हाल!
मत देख मंगल राहूल वुध अरुण
शनी ग्रह और तनु जात -पात
संघर्ष की राह पर जा छुमने आयी है
नीले आसमान तुम्हारी हाथ!
कल कल बह रही हैं नदी कमला नील
हुगली गंगा ब्रहमपुत्र
सुर्य की रोशन नेहा से खिल उठी आ गई
तेरी अठारहंवी वर्षगाठ अब तो
कम से कम उठ?
०रोशन कुमार झा
सूरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
दिनांक -02-06-2018,शनिवार13:20
मो:-6290640716,9038963720
गुहावाती से आये
01-06-2018 नेहा फोन की गुहावाती मे
08:24:32(12346से ट्रेन आये
Ncc:-31st bn ncc Fortwilliam
Kolkata- B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
Pmkvy Liluah Howrah
Electrician1283f
Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance WB india
Donbosco Mirpara ,Bhattanager
Spoken Engl
Krishna Bhawan 191 G.T .Road
Salkia computer coursh
Ghusuri Shyam mandir
Dance Drowing computer
Aadhaar no:-7468 2043 1920
Bank account no:-
0300001700035401
झौझी मधुबनी बिहार

शीर्षककविता:-6(098)भो,विषय सामग्री:भोजपुरी कविता रोशन कुमार झा 6(098)
नेहा:-6(098)04,गुरूवार 20:00 लिलुआ
ब्रीज पर 17-05-2018
T:-9july, (11-07-2018 वुधवार नेहा
अठारहवी वर्षगाठ की हार्दिक शुभकामना)
Happy Birthday Neha
हमेशा मुस्कुरा के बीतयह जिन्दगी!?

हमेशा चमकीयह सुर्य के रोशन वर्षा ऑधी
तुफान जैसन,
नेहया से होठवा पर मुस्कान रखीयह
मुस्कुराहत अह जिन्दगी के फैशन!
हँसीयह मुस्कुरयह,
जन्मदिन अँह तु जीत के ही अयह!
तोहर वर्षगाठ अँह शुभकामना में अविरान
बाग को दियह,
मुसीबत पड़ी तो जरूर बुलयह!
दुख दुर करब ईह अँह हमर कसम,
कबहुँ ना करब तोहरा प्रति नेहया कम!
हमरा के समझीयह अजनबी,
नेहा रास के रस्तबा रोशन कैनी शिक्षक
विधार्थी सैनिक के राह अपनाकर दुख
द्रर्द लिखत-लिखत बन गैनी कवि!
हार्दिक शुभकामना देतानी हमेशा मुस्कुराह
के जीयह,
हमर नदानी और मर्दानी दोंनो कहीयह!
दुनिया के सुख-दुख हार-जीत भरी
अह फैशन,
पुरा घुमनी दुनिया देखनी ना नेहया रास
तोहरा जैसन!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,8920940747
Ncc,Pmkvy, E,Rly Scouts, (st john Ambulance Howrah N.D.College)
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Chandan institute Bam

शीर्षककविता:-6(097)बग,विषय सामग्री:बंगाली कविता रोशन कुमार झा 6(097)
Neha:-6(097)03
Happy Birthday Neha
11 July 2018 Wednesday
18 Year
17-05-2018 गुरूवार 19:36 लिलुआ ब्रीज
तोमार जन्मोदिन!?

भालो थाको नेहा वंन्धु जन्मोदिन
आचे तोमार,
सुजेर रोशन प्रचलित आचे ना आमार
ना तोमार!
भालो थाको तुमी,
भालोभाषा करो सोवार आचे ऐइ मातुभुमी!
ऐई जीवोन भालो कोरे पुर्ण कोरो,
कीछु मुने राखो कीछु बोलो!
तुमी सोवाई काचे घुरते जाऊँ,
वीजा बोरगद नइय देशेर कातला ही खॉऊ!
तोमार कोटी-कोटी बन्धु होई भालो
थाको तुमी,
आमी ऐकरा ही भालो आमी ऐकरा ही घुमी!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-(6290640715,whatshap)
8902940747
सलकिया विक्रम विधालय मेन
क्ष्री हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कुल घुसड़ी
टिकियापाड़ा क्ष्री नेहरू शिक्षा सदन
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah WB India
Chandan institute Bamangachi
Roshan kumar jha
Surendranath evening college kolkata
(Narasinha dutt college Howrah
St john Ambulance )
Ncc:-31 St bn ncc Fortwilliam kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Donbosco spoken English
Mirpara Bhatonager Howrah
Pmkvy, Electri

शीर्षककविता:-6(096)मै,विषय सामग्री:मैथली कविता रोशन कुमार झा 6(096)
नेहा:-6(096)02 अठारहवी वर्षगाठ के
हार्दिक शुभकामना दैछी नेहा!
11जुलाई 2018 वुधवार
(17-05-2018 गुरूवार 19:15 (L br)
होसैत मुस्कुरैत जीवैत रहुँ!?

वर्षा बेलैय हँसु मुस्कान भरूँ नेहा रास सह
कीछ तह कहुँ,
सुर्य के रोशन चॉद के शीतलता अविरान
बाग अैछ हमेशा हँसु चॉहे कतोऊ रहुऊ!
हर दिन होसैत मुस्कुरैत सँघर्ष राह पर चलुँ,
जीतु या हारूँ मगर सँघर्ष सह नै डरूँ!
आधा जिन्दगी बीत गेल वर्षगाठ आई
अैछ अठारह,
सफलता के दिशा में चलुँ नै देखु राहुल
अरुण मंगल वुध ग्रह!
जीत कअ आऊँ,
आइयो आइ के बादो समाज सह
सम्मान पाऊँ!
जिन्दगी आनंद खुशहाली सह भरल अैछ,
मार्ग रोशन करूँ राज्य के राजन हो या
भिक्षु ककरो सह कीछ लियह नै पैछ!
सुबह में जल्दी उठुँ ताकि प्राची सह
उषा हँसेअ,
विजय कोअ कअ अपन गुण के विश्व स्तर
पर लोअ जाऊँ ताकि दुनिया अँहा के गुण
सह फँसेअ!
बस दुँ शब्द सह दैछी वर्षगाठ के हार्दिक
बधाई,
दुनिया के भरोसा अैछ, दुनिया के खिलाऊँ
अपन सफलता सह अर्जीत नेहा भरी लाइ!
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
सलकिया विक्रम विधालय मेन
मो:-6290640716
Ncc,Pmkvy,E.Rly.Scouts
9-7

शीर्षकPoem:-6(095) Eg,विषय सामग्री:English Roshan kumar jha poem
6(095)01
All year smile and happy birthday

Roshan i say all time earth and
Sunlight to bright,your eighteen
birthday
Oh dear friends Neha muskan
Varasha smile your mouth
everyday.
do you birthday raninig
save life do hard traning.
your compare me train a pen
after the written give me life
time golden chain.
oh dear friend you are notOnly
happy but also kind
did you green garden do not sand.
Oh friend all time smile or happy
to your birthday
remeber that world your face and
Quility everyday.
oh Neha friends do you sunlight
on the life all time smile and
happy all day and night.
Thanks God
my friends see me susecful road.
I childreen then student teacher
soilder honest road go to write
the poem
Read the poem that some love
My friends and give me some?
०Roshan kumar jha
Surendranath evening college
Kolkata india
Mob:-6290640716 onthe Liluah
Bridge18:47thursday 17 may2018
Ncc pmkvy,E Rly Scout
31 bn ncc Fortwilliam kolkata- B
Reg no:-WB17SDA112047
St john Amb

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=139062463649836&id=100026382485434









रोशन कुमार झा



Popular posts from this blog

कविता :- 19(89)

कविता :- 16(77), 16(75),:- 16(76)

कविता :- 18(61),18(60), 18(59) ,18(58)