कविता :- 20(00) , रोशन कुमार झा , साहित्य एक नज़र अंक - 8 , मंगलवार , 18/05/2021, मिथिलाक्षर परिणाम , नेहा , रानी , ज्योति रिजल्ट , बेबी मीना फोटो , साहित्य संगम संस्थान सम्मान पत्र ।
कविता :- 20(00)
साहित्य एक नज़र , अंक - 8
डायरी - 20 वीं
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 18/05/2021
दिवस :- मंगलवार
विषय प्रदाता :- आ. अर्चना जायसवाल जी
विषय प्रवर्तक :- आ. सुनीता मुखर्जी ।
विषय :- ख़ौफ़ और विश्वास
विधा :- गीत
एक तरफ ख़ौफ़ और
दूसरे तरफ है विश्वास ,
संघर्ष करते रहूँ
जब तक है मेरी साँस ।।
करूँ वैसा कार्य ,
नाम लें समाज ।।
कल परसों नहीं
करना है आज ,
आज नहीं अब
लेकर नई अंदाज ।।
तब कैसे नुकसान पहुंचायेगी ये ख़ौफ़ ,
त्याग डर को , और ख़ौफ़ के जगह
विश्वास के बीज रोप ।
एक तरफ ख़ौफ़ और
दूसरे तरफ विश्वास ,
यही तो सीखाते
ये चलती हुई साँस ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 20(00)
18/05/2021 , मंगलवार
साहित्य एक नज़र 🌅 अंक - 7
मिथिलाक्षर परीक्षा दूसरी बार परीक्षा हो गयी ।
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
माँ , राहुल , चाचा , मुंबई में
वीडियो , फेसबुक -1
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=777551679800908&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo
YouTube :- कविता :- 20(00)
https://youtu.be/GCdTyK_PQJo
फेसबुक - 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=334577774760509&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo
पश्चिम बंगाल इकाई
https://m.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1919396331570595/?sfnsn=wiwspmo
सम्मान पत्र
पोस्ट - 1
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पोस्ट - 2
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1919928361517392/?sfnsn=wiwspmo
*समूह 48*
*बैच*:-169 (22 अप्रैल सँ 21 जुलाई 2021 तक)
*पं. अजय नाथ शास्त्री (संरक्षक)-संथापक*
*************************
*द्वितीय वर्ग मे सम्मिलित परिक्षार्थी एवं हुनकर प्राप्तांक*👇
*********************
*नाम* *प्राप्तांक*
1.रौशन कुमार--------- 75%
2. सुभाष दत्त झा ------ 78%
3. राहुल प्रसाद --------- 76%
4. सोमेश कुमार -------- 75%
*************************
*समस्त उतीर्ण परिक्षार्थी के हार्दिक अभिनंदन अहाँ सब मिथिलाक्षरकें उच्य वर्ग मे प्रवेश कएलहुँ*
*********************************
(मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश (रजि,) त्रैमासिक पत्रिका द्वारा संचालित " मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान")
मिथिलाक्षर भाग - 3
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html
मिथिलाक्षर भाग - 2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html
मिथिलाक्षर भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
साहित्य एक नज़र , अंक - 8
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/8-18052021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xbkh/
फेसबुक प्राईवेट -
https://m.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1117594132087473/
फेसबुक पब्लिक -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/291400239289426/?sfnsn=wiwspmo
कविता :- 20(00) , मंगलवार , 18/05/2021
कलकत्ता विश्वविद्यालय , B.A, B.sc , semester - 1,3,5 Results
https://exametc.com/univercity.php?id=32
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/05/2000-8-18052021.html
अंक - 7
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/7-17052021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/fwlk/ https://online.fliphtml5.com/axiwx/fwlk/#.YKJFU5FVC0M.whatsapp
https://online.fliphtml5.com/axiwx/fwlk/
अंक - 9
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/9-19052021.html
कविता :- 20(01)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/05/2001-19052024.html
साहित्य एक नज़र
फेसबुक , पब्लिक
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/291123782650405/?sfnsn=wiwspmo
फेसबुक , प्राईवेट
https://m.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1117343498779203/
16/05/2021, रविवार , कविता :- 19(98)
16/05/2020 , शनिवार , कविता :- 16(33)
16/05/2019 , वृहस्पतिवार , कविता :- 12(18)
https://youtu.be/IZxrdDEzz7w
2020
https://youtu.be/bJ4157paf00
Lnmu part - 1 http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/04/blog-post.html
B.A , Part -2 , CU http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/01/1873.html
_________
अंक - 6
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/6-16052021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/duny/
कविता :- 19(99)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/05/1999.html
अंक -5
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/5-15052021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/qcja/
अंक - 9
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/9-19052021.html
कविता :- 20(01)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/05/2001-19052024.html
अंक -3
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-13052021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ycqg/
अंक - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/4-14052021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/chzn/
अंक -2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2-12052021.html
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अंक -1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/1-11052021.html
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पोस्ट - 1
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पोस्ट - 2
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#नमन साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
#विषय प्रवर्तन
#दिनांक 17 /5 /21 - 18/05/2021
#विषय खौफ और विश्वास
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1919396331570595/?sfnsn=wiwspmo
आज दिनांक - १७-५-२०२१ को विषय प्रवर्तन हो चुका है।
१. उड़ीसा
२. तेलंगाना
३. झारखंड
४. पश्चिम बंगाल
५.
६.
७.
८.
९.
१०.
माहेश्वरी मंच
https://www.facebook.com/groups/4211258332252257/permalink/4275038215874268/?sfnsn=wiwspmo
https://www.facebook.com/groups/4211258332252257/permalink/4275064085871681/?sfnsn=wiwspmo
साहित्य रत्न
https://www.facebook.com/groups/4211258332252257/permalink/4275064149205008/?sfnsn=wiwspmo
माँ वीणापाणि रत्न
https://www.facebook.com/groups/4211258332252257/permalink/4275064159205007/?sfnsn=wiwspmo
समाज सेवा रत्न
https://www.facebook.com/groups/4211258332252257/permalink/4275072202537536/?sfnsn=wiwspmo
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई को नमन 🙏 करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को सादर प्रणाम । आज दैनिक लेखन का परिणाम रख रहें है ।
11 अप्रैल 2021 से 16 मई 2021 तक का परिणाम है ।
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
🏆 टिप्पणीकार 🏆
11/04/21
विषय - स्वैच्छिक ( दोहा )
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. रंजना बिनानी जी , 22986
आ. स्वाति जैसालमेरिया जी , 22987
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. कलावती कर्वा जी , 22988
12 से 14 अप्रैल , 2021
विषय - गाँव की मिट्टी
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. कलावती कर्वा जी , 22989
आ. एम. एस .अंसारी शिक्षक जी , 22990
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. सुनीता मुखर्जी जी , 22991
15 से 17 अप्रैल
विषय बंगला नव वर्ष
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. स्वाति ओझा जी , 22992
आ. रजनी हरीश जी , 22993
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. रोशन कुमार झा जी , 22994
18/04/21
विषय नवरात्रा
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. रोशन कुमार झा जी , 22995
आ. सुनीता मुखर्जी जी , 22996
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. रंजना बिनानी जी , 22997
19 से 21 अप्रैल
विषय रामनवमी
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. कलावती कर्वा जी , 22998
आ. स्वाति सरु जैसलमेरिया जी , 22999
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. सुनीता मुखर्जी जी , 23000
22 से 24 अप्रैल
विषय- लाचारी और उम्मीद
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. रोशन कुमार झा जी , 23001
आ. स्वर्णलता टंडन जी , 23002
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. कलावती कर्वा जी , 23003
25/04/21
विषय हौसला
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. रोशन कुमार झा जी , 23004
आ. रंजना बिनानी जी , 23005
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया जी , 23006
26 से 28 अप्रैल 2021
विषय - लापरवाही और सावधानी
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. अजय कुमार झा तिरहुतिया जी , 23007
आ. रोशन कुमार झा जी , 23027
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. रजनी हरीश जी , 23008
29 अप्रैल से 1 मई , 2021
विषय- यह वक्त भी गुजर जाएगा
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. अर्चना जायसवाल जी , 23009
आ. रोशन कुमार झा जी , 23010
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. रजनी हरीश जी , 23011
02/05/21
हाल चाल पूछें
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया जी , 23012
आ. कलावती कर्वा जी , 23013
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. रंजना बिनानी जी , 23014
3 से 5 मई
विषय सितारों से आगे
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. कुंजल पुरोहित जी , 23015
आ. रोशन कुमार झा जी , 23016
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. सुनीता मुखर्जी जी , 23017
6 से 8 मई , 2021
विषय- परिधान ही पहचान
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. अजय कुमार झा तिहुतिया जी , 23018
आ. अर्चना जायसवाल जी , 23019
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. मीना गर्ग जी , 23020
09/05/21
विषय- स्वैच्छिक ( कुंडलियाँ )
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. हर्षिता पुरोहित जी , 23021
आ. जगत भूषण राज जी , 23022
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. रजनी हरीश जी , 23023
दिनांक - 10 से 12 मई ,2021
विषय आशा के दीप
🏆 श्रेष्ठ रचनाकार 🏆
आ. सुनीता मुखर्जी जी , 23024
आ. राजीव भारती जी , 23025
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. रंजना बिनानी जी , 23026
13/05/2021
अक्षय तृतीया , छंद
🏆 टिप्पणीकार 🏆
आ. मनोज कुमार पुरोहित जी , 23028
16/05/21
(एक दिवसीय विशेष आयोजन)
साहित्य में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का प्रभाव
आ. रोहित मिश्रा जी , 23029
आ. स्वाति जैसालमेरिया जी , 23030
आ. रंजना बिनानी जी , 23031
टिप्पणीकार
आ. रोशन कुमार झा जी , 23032
आप सभी सम्मानित साहित्यकारों को हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
आप इसी तरह जय हिन्द और जय हिन्दी की सेवा करते रहिए ।
सूचना :- 13/05/2021 के श्रेष्ठ रचनाकार की सम्मान पत्र इसमें नहीं है ।
जय हिंद , जय हिंदी ।
आपका अपना
रोशन कुमार झा
मंगलवार , 18/05/2021
पोस्ट - 1
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1919927658184129/?sfnsn=wiwspmo
पोस्ट - 2
https://www.facebook.com/groups/1719257041584526/permalink/1919928361517392/?sfnsn=wiwspmo
--
[18/05, 5:33 AM] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: वाहहहहहहहह मुझे इतने सारे मिले है...
मुझे व्यक्तिगत भेजने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद भाई..
[18/05, 6:16 AM] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏 दीदी जी , शुभ प्रभात , अप टू डेट हो गया ।
[18/05, 8:39 AM] कलावती कर्वा दीदी जी 🙏: तुम्हारी मेहनत, लगन से यह काम इतनी जल्दी संपन्न हुआ है... तुम्हारी सेवा, सक्रियता वंदनीय है... बहुत-बहुत धन्यवाद भाई...
तुम हमेशा अपने मकसद में कामयाब रहो तुम्हारी हर मनोकामना पूर्ण हो यही प्रभु से प्रार्थना करती हूँ..
[18/05, 8:55 AM] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां दीदी जी 🙏💐 , धन्यवाद सह सादर आभार 🙏💐
__________
[18/05, 6:46 AM] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: https://www.facebook.com/groups/3207654099246929/permalink/4236113059734356/
[18/05, 6:46 AM] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: https://www.facebook.com/groups/3207654099246929/permalink/4236121916400137/
[18/05, 6:47 AM] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: https://www.facebook.com/groups/3207654099246929/permalink/4236301083048887/
[18/05, 6:47 AM] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: 🙏🏻🙏🏻इसको कल के पेपर में निकलवा दीजिएगा🙏🏻
[18/05, 6:50 AM] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है दीदी जी 🙏💐
[18/05, 6:50 AM] संगीता मिश्रा जी सा. स. स: 🙏🏻🙏🏻
[18/05, 6:51 AM] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐
रोशन कुमार झा
फेसबुक - 1.
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=777782359777840&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo
फेसबुक - 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=334819408069679&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo
अंक - 10, वृहस्पतिवार , 20/05/2021
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/10-20052021.html
कविता :- 20(02), वृहस्पतिवार , 20/05/2021
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/05/2002-20052021.html
115-1211-0655-20
Candidate Name
TANU SINGH
Father's/Guardian's Name
INDRADEO SINGH
201115-11-0030
Stream
B.COM.
Category
HONOURS
Gender
Female
Semester
SEMESTER - I
Date of Birth *
25/09/2001
Rani singh , reg no :- 144-1211-0132-20 , roll no :- 202144-11-0062,
Roshan Kumar Jha
Reg no:-117-1111-1018-17
Jyoti
221-1211-0132-19 JYOTI Sem -3 , 192221110075
NEHA
University of Calcutta
B.A / B.Sc Semester-I ( Honours / General / Major ) Examination ( Under CBCS) , 2018
brought to you by National Informatics Centre
Roll No 182144110126 Registration No 144-1211-0557-18 Name NEHA SINGH
अंक - 8
साहित्य एक नज़र
( कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका )
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
Sahitya Eak Nazar
18 May , 2021 , Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
अंक - 8
18 मई 2021
मंगलवार
वैशाख शुक्ल 6 संवत 2078
पृष्ठ - 1
कुल पृष्ठ - 9
कलकत्ता विश्वविद्यालय ( यूनिवर्सिटी) ने सीबीसीएस के तहत ऑनर्स/जनरल/मेजर परीक्षा 2020 का बी.ए, बी.एस.सी ओड सेमेस्टर सेमेस्टर- I/III/V का रिजल्ट सोमवार 17 मई 2021 को ज़ारी कर दिया। जिन परीक्षार्थियों ने एग्जाम दिया था, वह अपना परिणाम https://www.exametc.com/ पर जाकर जांच कर सकते हैं। यदि किसी छात्र - छात्राओं के रिज़ल्ट में ( एबसेंट ) अनुपस्थित दिख रहा है तो वह अपने कॉलेज के पदाधिकारियों से संपर्क करें व अपने रिज़ल्ट से असंतुष्ट विद्यार्थी पन्द्रह दिनों के भीतर यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर रीचेकिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।
__________________________________
पश्चिम बंगाल के वर्तमान राज्यपाल आ. जगदीप धनखड़ जी का जन्म 18 मई 1951 को हुआ रहा । आज उनका 70 वें जन्मोत्सव है ।
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पूजा कुमारी
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी , बिहार
राष्ट्रीय सेवा योजना
दोहा रत्नाकर सम्मान से सम्मानित किए साहित्य संगम संस्थान दोहा शाला ।
साहित्य एक नज़र 🌅 , मंगलवार , 18/05/2021
साहित्य संगम संस्थान दोहा शाला में मंगलवार 18 मई 2021 को संयोजिका आ. संगीता मिश्रा जी के करकमलों से राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय राजवीर सिंह मंत्र जी को , सह अध्यक्ष आ . मिथलेश सिंह मिलिंद जी को , कार्यकारी अध्यक्ष आ. कुमार रोहित रोज़ जी को, आ. नेतराम जी को , आ. जय श्री बहन जी को एवं आ. अनिता जी को दोहा रत्नाकर सम्मान से सम्मानित किया गया । महागुरुदेव डॉ राकेश सक्सेना जी , पश्चिम बंगाल इकाई अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा जी , राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी व पश्चिम बंगाल इकाई सचिव रोशन कुमार झा , आ. स्वाति पाण्डेय 'भारती' जी ,आ. अर्चना जायसवाल जी , अलंकरण कर्ता आ. स्वाति जैसलमेरिया जी, आ. मनोज कुमार पुरोहित जी,आ. रजनी हरीश , आ. रंजना बिनानी जी, आ. सुनीता मुखर्जी , आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी , आ. रीतु गुलाटी जी ,आ. भारत भूषण पाठक जी , आ. अर्चना तिवारी जी , संगम सवेरा के संपादक आ. नवल किशोर सिंह जी , वंदना नामदेव जी, आ. सुनीता मुखर्जी समस्त सम्मानित पदाधिकारियों व साहित्यकारों हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई दिए ।
__________________________________
माहेश्वरी साहित्यकार मंच से सम्मानित हुए देशभर के साहित्यकार ।
साहित्य एक नज़र 🌅 , मंगलवार , 18/05/2021
माँ शारदे को आत्मिक वंदन, भगवान महेश की अनुकंपा से हिंदू संस्कृति के विशिष्ट पर्व आखातीज़ के शुभ अवसर पर तारीख 14 मई 2021, शुक्रवार को माहेश्वरी साहित्यकार सोशल मीडिया के फ़ेसबुक मंच पर मनाया अपना उद्घाटन समारोह, अपने मन के भावों के उपवन को खूब सुन्दर सजाऐं, माहेश्वरी साहित्यकार फेसबुक के पटल को महकाऐं।
इस कार्यक्रम में आ. श्यामसुंदर माहेश्वरी जी,आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी , आ. कलावती कर्वा जी , आ. स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया जी, आ. सतीश लाखोटिया जी उपस्थित रहें , देश-भर के साहित्यकारों ने अपनी काव्य पाठ वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किए रहें ।
सोमवार , 17 मई 2021 को शाम पांच बजे जय माँ शारदे को साहित्य रत्न से सम्मानित करते हुए , आ. कलावती कर्वा जी , आ. स्वाति 'सरु' जैसलमेरिया जी , आ. रंजना बिनानी जी आ. मधु भूतड़ा जी , आ. स्वेता धूत जी , आ. सतीश लाखोटिया जी एवं कार्यक्रम में काव्य पाठ करने वाले समस्त सम्मानित साहित्यकारों को साहित्य रत्न से विभूषित किया गया । आ. सुनीता माहेश्वरी जी को माँ वीणापाणि रत्न से सम्मानित किया गया , आ. डॉ अशोक सोडाणी जी को समाज सेवा रत्न से आ. मधु भूतड़ा 'अक्षरा' जी की । आ. रोशन कुमार झा जी मीडिया सम्बंधित कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु माहेश्वरी साहित्यकार मंच की ओर से साहित्य सौरभ सम्मान से सम्मानित किया गया ।
विषय :- ख़ौफ़ और विश्वास
विधा :- गीत
एक तरफ ख़ौफ़ और
दूसरे तरफ है विश्वास ,
संघर्ष करते रहूँ
जब तक है मेरी साँस ।।
करूँ वैसा कार्य ,
नाम लें समाज ।।
कल परसों नहीं
करना है आज ,
आज नहीं अब
लेकर नई अंदाज ।।
तब कैसे नुकसान पहुंचायेगी ये ख़ौफ़ ,
त्याग डर को , और ख़ौफ़ के जगह
विश्वास के बीज रोप ।
एक तरफ ख़ौफ़ और
दूसरे तरफ विश्वास ,
यही तो सीखाते
ये चलती हुई साँस ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(00)
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 8
Sahitya Eak Nazar
18 May , 2021 , Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
सरिता तो अनवरत बहती है।
पानी के थपेड़े तो,
वो चट्टान ही सहती है।
नदी के क्षीर में,
मुद्दतों से बैठी चट्टान
उफ तक नहीं करती।
धर्य रख अविरल,
नीर का कहर सहती हैं।
सरिता तो--------------
पुष्प की ख़ुशबू,
उपवन में बहती हैं।
कांटों का दर्द तो,
वो पुष्प गुच्छ ही सहती हैं।
सरिता तो-------------
पवन की पुरवाई मन को,
आनंदित करती हैं।
पवन के थपेड़े तो,
वो पर्वत श्रृंखला ही सहती है।
सरिता तो------------
माँ की ममता बच्चों के लीये,
अनवरत ही बहती हैं।
बच्चों के दिये कष्टों को,
वो चट्टान सी सहती हैं।
सरिता तो-----------
✍️ प्रमोद ठाकुर
ग्वालियर
मध्यप्रदेश
सिमटते दायरे
मकान छोटे हो गये
जो घर दालान थे
वे फ्लैट हो गये
कभी परिवार हुआ
करते थे
अब हम तुम हो गये
एक ही संतान रिश्ते
सब खत्म हो गये
पहले पड़ोसीयो के आंगन
उधार मांगा करते थे
अब फ्लैट के सिंगल रूम
ज्यादा लगते हैं
हर चीज सिमट गई है
रिश्ते, परिवार, घर, मकान
और अपने दायरे भी
✍️ अर्चना जोशी
भोपाल मध्यप्रदेश
मेंगलुरु के सुराथकल तट के निकट तूफान "ताऊ ते " की वजह से कल रात 16 मई 2021 से उठ रही ऊंची समुद्री लहरों के कारण विनाश की आशंका पर एक मुक्तक :--
ताऊ ते नाम का देखो,
भीषण तूफान आया है ।
दिशा बदला है उसने तो,
भयानक खौफ छाया है ।।
टकराएगा गोवा और दमन दीव के तट से वो,
आशंका में है देश सारा,
मॉनव भी घबराया है ।।
"द्वारकाधीश रक्षा करो "
✍️ प्रणय श्रीवास्तव "अश्क "
हेलो।
फेफडे जी, ।
सबके अंदर रहते हो।
खूब फलते फूलते हो।
सब तुम पर नाज करके।
सौ बरस तक जीते हो।
दिल टुटता था, यह तो सुना था।
पर आज फेफडेजी, तुम भी।
बेवफाई पर उतर आए।
यह क्या, और क्यू कर रहे हो।
माना कोई वायरस तुम तक आता है।
तुम्हारे दर मे अपना घर बनाता है।
पर उससे ऐसी ,कैसी मित्रता
कि वह तुम्हे खाए जाता है।
और तुम अपने ही मालिक को।
यूं मारने पर उतारू हो रहे हो।
सोचो तुम फेफडे हो, तुम्हारा काम।
स्वच्छ रहकर रहना है,
आक्सीजन की मात्रा बराबर।
बतलाना है।
आओं फेफडे भाई, तुम थोडी सी।
सबपर मेहरबानी करो।
ताकि तुम तक पहुचते ही वायरस मर जाए
और तुम रह पाओं ताकि यह मानव की सांसे रह पाएं।
✍️ ममता वैरागी तिरला धार
मेरी नई रचना
जिंदगी से तकरार
जिंदगी क्या मिला तुझे मुझसे तकरार करके।
हमको दिल के हुजरे से बेजार करके।।
इतनी गलतफहमियां ना पाला कर जिंदगी।
गिरवी रखा अपनी अना खुद को तेरा हकदार करके।।
हुस्नो जमाल बेमानी है बेमानी रहेगा तेरा।
सुकून तो मिल रहा होगा मेरा इंतजार करके।।
आंखें खुश्क हुई दिल बेतहाशा चाक- चाक।
शायद अब खुश है मेरे हसरतों को खाक करके।।
दिल रोता है इश्क में तिजारत और अदावत देख।
बहुत रोया बहुत रुलाया तेरा एतमाद करके।।
एक तेरे बदलने से जिंदगी आबाद हो जाती ।
कुछ वसूल बना लिया होता ऊंचा मेयार करके।।
खुशफहमियों के गुलाब नहीं खिलते अब तो ।
खुदा से खुशियां मांग लेंगे ऊपर हाथ करके।।
✍️ रेखा शाह आरबी
जिला बलिया उत्तर प्रदेश
सर नमस्कार!!
एक ग़ज़ल आपकी सेवा में प्रस्तुत है।
जब भी छपे बताइएगा जरूर।दोस्तों को बताना होता है।
अँधेरे वहम के छाने लगे हैं चिराग़ जलाओ
मेरे अपने ही बेगाने लगे हैं चिराग़ जलाओ।
सदियों से रहते आये हैं एक दूजे के दिल में हम
वो दीवार कोई उठाने लगे हैं चिराग जलाओ।
मुखौटों में भी रहते हैं असल चेहरे ये अक्सर
ये ऐय्यार मुस्कुराने लगे हैं चिराग़ जलाओ।
दिलों के उजाले की अब जरूरत बड़ी शिद्दत से है
कि वो रूठ के यूँ जाने लगे हैं चिराग़ जलाओ।
कभी लुट न जाये ये कारवाँ भी मेरा यूँ राही
नकाबों में अब वो आने लगे हैं चिराग़ जलाओ।
✍️ राजेन्द्र कुमार टेलर राही
नीमका थाना जिला सीकर राजस्थान
**** आँखें नम क्यों है ****
***********************
**** 222 222 22 ****
***********************
जन जन की आँखें नम क्यों है,
मन मे गहराया गम क्यों है।
पग पग में काँटे ही काँटे,
मुरझाया सा आलम क्यों हैं।
मुख पर फैला कैसा साया,
दरवाजे पर मातम क्यों है।
कब होगा सूरज का आना,
दिन में भी आतप कम क्यों है।
ना खुल कर कर पाए बातें,
पल पल पर घुटता दम क्यों है।
मनसीरत दुख सुख का साथी,
फिर घबराता हमदम क्यों है।
************************
✍️ सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)
शीर्षक -- बदलते_भारत_में_नारी----------
आज बदलते भारत की तस्वीर दिखाने आया हूँ।
मैं रणबांकुरों को गहन स्वप्न से जगाने आया हूँ।।
बिलख रही है भारत माँ नारी अत्याचारों से।
बेबस है आज पिता कलयुगी दुराचारों से।।
बेटी आज महफूज नही महल, किले, दरबारों में।
आजाद घूम रहे हैं कातिल कानूनी गलियारों में।।
जाति, मजहब, रसूखदारी खूब दिखाई पड़ता है।
मानवता के चेहरे पर कालिख दिखाई पड़ता है।।
आज जरूरत रानी झाँसी, हाड़ा और भवानी की।
अबला भी सबला बन जाए ऐसी वीर जवानी की।।
बन्द करो ये कोरे वादे,मजहबी दुकानों के पकवान।
खूब सहा है अब तो रोको माँ, बेटियों का अपमान।।
✍️ पी के सैनी
लेखक,
इंग्लिश भाषा एक्पर्ट
शिक्षा विभाग
राजस्थान सरकार
अगर इंसान को कोई बात इंसान बनाती है...
कहो कौन सी बात है जो मानवता कहलाती है....
एक हृदय में करुणा की लहरों का आतेजाते हलचल कर दें
देख दर्द किसी का ह्रदय में पीर
उसकी भर दें...
निस्वार्थ हृदय से उसके दुःख को
अपना समझ सकें...
अपना और पराया कैसा अंतर में ना ये भेद हो....
पीड़ा और दर्द देख कर निष्ठुर ना बन जायें हम..
द्रवित हृदय से जग के आँसू कुछ तो कम कर पायें हम....
दुःख सुख समझें और संवेदना से अपनाये हम....
यह जग है दरिया दुःख का थोड़ा तो हाथ बढ़ाएं हम...
टीस और सिसकियों को सुन कदम हमारे रुक जाएँ....
बाँट लें हम मानवता की खातिर
दर्द भरे दुःख के साये...
कितनी तड़प भरी आहों का क्रंदन
घुला है इन हवाओं में....
लहर दर्द की बिखर रही है आते जाते झोंके में...
रोता है दिल देख कर दौर बुरा ये
कैसा है...
नहीं समेटा जाता मन के अंदर घायल दिल हो आया है...
करुणा प्रेम और सेवा से निस्वार्थ कर्तव्य निभा जायें....
चलो किसी सिसकी का आज सम्बल बन जायें
✍️ श्रीमती पूजा नबीरा
काटोल
नागपुर , महाराष्ट्र
सुन लो पुकार (मुक्तक)
**********************************
दुष्ट मेघनाथ चीन ने, कोरोना रूपी बरछी चलाई है
आज लक्ष्मन मानव को बहुत गंभीर मुर्छा आई है
अधीर, किंकर्तव्यविमूढ़ सा खड़ा सकल समाज
बाला जी लाओ संजीवनी अर्ज चरणों में लगाई है
************************************
✍️ डॉ सतीश चंदाना
विज्ञान ने विषाक्त बना दिया
*****************************
विज्ञान ने विषाक्त बना दिया,
कुदरत ने कोरोना का आक्रमण,
यूं ही नहीं किया है,
कुपित हो गई है,
कुदरत मानव के घमंड से,
कहीं ना कहीं अपमान किया हैं,
प्रकृति का हमनें,
खुद को भगवान समझ बैठा,
तभी तो दिया है झटका,
भले हमें पैदा अपने मां-बाप ने किया पर पाला तो हमको प्रकृति ने,
प्रकृति पर निर्भर हैं,
हमारा भरण-पोषण और संचालन,
विज्ञान पद्धति से,
उन्नत बीजों से बढ़ा तो ली हैं,
अनाज की मात्रा,
अंग्रेजी खाद-कीटनाशक दवाओं से हमनें बना दिया हैं विषाक्त ,
विज्ञान ने ही बना दिया हैं,
प्रकृति को जहरीला,
माना की विज्ञान ने बढ़ा दी हैं,
इंसान की उम्र ,
विज्ञान ने हर चीज बना दी हैं, जहरीली,
विज्ञान ने बना दिया हैं,
जहर दूध को,
बच्चों को यह दूध पिलाकर,
रोग-निरोधक क्षमता सुरक्षित रहेगी,
आने वाली संतानों के,
भविष्य छीना जा रहा हैं,
कल-कारखानों की मार ने,
जहरीला वातावरण बना दिया हैं,
हवाएं जहरीली बना दी,
नदियों को भी विषाक्त बना दिया,
माना कि.........,
विज्ञान ने सब पैदा कर दिया हैं,
हर असंभव को संभव बना दिया है ,
पर.......,
वह विषधर,
विष पी कर,
जो शिव नीलकंठ हो गए,
शायद वह,
नीलकंठ शिव को नहीं बना पाए,
रोज-रोज कुरेदते हैं,
कुदरत के शरीर को,
क्या वो सहन कर पायेगी,
तभी तो कोरोना जैसी महामारी,
को दुनियां में फैलाया हैं,
क्या माफ करेगी कुदरत हमको ?
✍️ चेतन दास वैष्णव
गामड़ी नारायण
बाँसवाड़ा , राजस्थान
*यादें बचपन की*
खो जाता हूं मैं जब आती है यादें बचपन की की
भर आती है नैन मेरे जब आती है यादें बचपन की।
छोटी-छोटी बातों में
लड़ना भाई बहनों से
खाकर मम्मी के तमाचे फिर
निर बहाना नैनों से,
चुप कराने फिर बहन का आना
चुप ना होने पर साथ-साथ का रोना,
खो गई कहां प्यार वो आदितीय, भाई-बहन की
भर आती है नैन जब आती है यादें बचपन की ।
काली अंधियारी रातों में
उलझे रहना दादी की बातों में,
मीठी मीठी दादी की वाणी
वह अंधे राजा रानी की कहानी,
सुनते सुनते फिर सो जाना
ढूंढ लाना फिर सुनने का कोई बहाना,
जचती थी खूब वो बदमाशी लड़कपन की
भर आती है नैन जब आती है यादें बचपन की ।
स्कूल की भाई बातें छोड़ो
पढ़ने का किसको फिकर था,
अपनी यारी खूब थी
यारों का सफर था,
चोरी-चोरी स्कूल से निकलना
बिस्तर को खिड़कियों से टकराना,
जाकर बगल के बागों में खेलना, शोर मचाना,
व स्कूलों की यारी ना जाने कहां दफन हो गई
आती है नहीं जब आती है यादें बचपन की।
✍️ संजीत कुमार निगम
अररिया (बिहार)
मोबाइल: 7070773306
इन दिनों अजीब सी बेबसी है
न जाने किसकी नज़र लग गई है,
अपनों से आंखें फेर कर,
अनदेखा कर देना
एक आम सी बात हो गई है
रात की गहरी चुप्पीयों में
जैसे सभी अपनी बची सांसें गिन रहे हो
फटी बुझी बेबस आंखें बस
कुछ पुछती रहतीं हैं
सिसकियां सुनकर मुंह फेर लेना
एक आम सी बात हो गई है
टटोलने लगता हूं चेहरे को अपने
फिर गाने लगता हूं कोई गीत,
ये सोचकर चलो अभी तो मैं हूं ना....
पर उम्मीदों की खिड़कियां खोल के रक्खों
भर जायेगा ये भी ...... कभी न भर पाने वाला जख्म.....
✍️ महाराज पी के
साहित्य सिलसिला के नये अंक में संपादक अजय शर्मा ने जो उपहार दिया वह है -कमरा नम्बर 909 "जो उनका नया उपन्यास है । पंजाब की रचना भूभि उपन्यास लेखन से सदा उर्वर रही है । चाहे उपेंद्र नाथ अश्क हों या रवींद्र कालिया या फिर निर्मल वर्मा सभी इसी उर्वर भूभि की आबो-हवा से ऊर्जा पाकर उपन्यास लिखते रहे । आजकल यह मोर्चा डाॅ अजय शर्मा ने संभाल रखा है । बसरा की गलियों से चलते चलते मेरा यह मित्र कमरा नम्बर 909 तक आ पहुंचा है ।
हम सब एक नाजुक दौर से गुजर रहे हैं बल्कि कहूं कि भयावह दौर जिसे कोरोना काल कहा जा रहा है । इसका ड॔सा पानी नहीं मांगता। यह हमें पहचान न ले , इसलिए हम माॅस्क लगाये रहते हैं लेकिन हमारा यह मित्र इसकी पकड़ में आया सपरिवार लेकिन अपनी हिम्मत और जिजीविषा के चलते इसकी गिरफ्त से सकुशल बाहर निकल आया और हमें मिला उपन्यास -कमरा नम्बर 909 ,,,
डाॅ अजय को इसी वर्ष दो महत्तवपूर्ण पुरस्कार भी मिले जो इनके श्रेष्ठ लेखन के प्रमाण हैं , किसी जुगाड़ का प्रमाण नहीं । निरंतर लेखन ही इसका मंत्र है और यह मंत्र ही कुछ और बड़े उपन्यासों की रचना करवायेगा ।
उपन्यास में डाॅ अजय शर्मा ने अपने अनुभवों से कोरोना की भयावहता व्यक्त करने की कोशिश की है । कितने अकेले कर दिया हम लोगों को इस कोरोना ने कि सगी बहन अब भाई को राखी बांधते भी भयभीत है कि कहीं ,,,? इसी प्रकार जो संत महात्मा मृत्यु से न डरने के उपदेश और जीवन जीने की कला सिखा कर लाखों करोड़ों कमा रहे हैं और बड़े बड़े पांच सितारा आश्रम बनाये बैठे हैं , वे भी कितने डरे हुए हैं यह जानना बहुत रोचक है और इनकी पोल खोलने में सफल रहे हैं । इसके बावजूद समाजसेवी या कलम के प्रहरियों का सम्मान कितना है कि एक सज्जन नायक को उपचार का सारा पैसा अर्पित करता है । कितने रंग और कितने चेहरे दिखाये एक छोटे से उपन्यास में । फिर भी जिजीविषा जीती और लेखन ने संबल दिया ।
इतना ही कह सकता हूं कि अल्लाह करे ज़ोरे कलम और ज्यादा । बड़ी बात कि अजय ने नाटककार और पत्रकार होने के अनुभव का भी पूरा उपयोग उपन्यास लेखन में किया है ।
बहुत बहुत बधाई, मेरे छोटे भाई। जब जब तुम्हें पुरस्कार /सम्मान मिलते हैं तब तब ऐसा लगता है जैसे मुझे ही मिले हैं ,,,बहुत बहुत बधाई ,,,जियो और लिखते रहो ।
✍️ कमलेश भारतीय
पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।
9416047075
मैंने प्रेम को जितना परखा
वो मेरे हाथों से उतना ही सरका,
किसी ने मुझसे भी प्रेम किया होगा
किसी से मैंने भी प्रेम किया,
वो दोनों इंसान एक भी हो सकते हैं
और पृथक भी,
प्रेम करने वाले और प्रेम पाने वाले में
संबंध में प्रगाढ़ता कितनी होगी
ये विचारों की परिपक्वता के साथ - साथ
बाहरी परिवेश के घटकों की
उर्जा पर भी निर्भर करती है,
इस सांसारिक जगत में
दर्शन से अधिक प्रेम
प्रदर्शन को प्राप्त हैं,
हवन कुंड में प्रेम की दी गई आहुति से
प्राप्त ऊर्जा में मैंने बस इतना पाया की
किसी व्यक्ति से की गई प्रेम की तुलना में
किसी के व्यक्तित्व से की गई प्रेम की
आयु अधिक होती है।
✍️ ~ आलोक पराशर
अंक - 6
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अंक - 7
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कविता :- 19(99)
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अंक -5
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/5-15052021.html
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अंक - 8
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/8-18052021.html
कविता :- 20(00) , मंगलवार , 18/05/2021
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YouTube :- कविता :- 20(00)
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कोलफील्ड मिरर आसनसोल , 18/05/2021
मंगलवार , कविता :- 20(00)
साहित्य एक नज़र दैनिक पत्रिका साहित्य जगत में दें रहें है योगदान ।
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साहित्य एक नज़र 🌅
अंक - 1
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अंक -2
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अंक -3
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अंक - 4
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अंक - 8
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कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका साहित्य एक नज़र साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली , इंकलाब मंच मुंबई , हिंददेश परिवार , विश्व साहित्य संस्थान , विश्व न्यूज़ , विश्व साहित्य सेवा संस्थान एवं अन्य मंचों का साहित्य समाचार प्रकाशित करके साहित्य की सेवा कर रहें हैं , इस पत्रिका में रोशन कुमार झा के साथ ग्वालियर के सम्मानित , लोकप्रिय साहित्यकार आ. प्रमोद ठाकुर जी अहम योगदान दें रहें है । इस पत्रिका का शुभारंभ 11 मई 2021 मंगलवार को हुआ रहा केवल एक सप्ताह में ही यह पत्रिका सोशल मीडिया पर छा गया । इस पत्रिका में साहित्यकारों के रचनाओं , पेंटिंग ( चित्र ) को निशुल्क में प्रकाशित किया जाता है , आशा है भविष्य में भी साहित्य एक नज़र पत्रिका इसी तरह साहित्य की सेवा करते रहें ।
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अंक -2
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अंक -1
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माहेश्वरी मंच
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साहित्य रत्न
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माँ वीणापाणि रत्न
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समाज सेवा रत्न
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आ. रोशन कुमार झा जी मीडिया सम्बंधित कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु माहेश्वरी साहित्यकार मंच की ओर से सम्मानित करते हुए हम अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे।
यूँ ही आपकी सेवाओं से सदा हम लाभान्वित होते रहे ।
#maheshwari #sahityakar
माहेश्वरी साहित्यकार
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दोहा शाला साहित्य संगम संस्थान
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माहेश्वरी साहित्यकार
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*साहित्य भवन संस्थान ने किया कवि सम्मेलन का आयोजन*
*साहित्य भवन संस्थान के संस्थापक कवि राकेश सुधाकर की उपस्थिति में संपन्न हुआ कवि सम्मेलन*
कल साहित्य भवन संस्थान द्वारा साहित्य भवन संस्थान के फेसबुक पेज पर भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें संस्कार भारती नोएडा के अध्यक्ष कवि जय प्रकाश रावत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की एवं नोएडा के वरिष्ठ कवि एवं संचालक श्री विनय विक्रम सिंह ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया इस कार्यक्रम की शुरुआत कवि जय प्रकाश रावत ने साहित्य भवन संस्थान के संस्थापक एवं अध्यक्ष नैनीताल उत्तराखंड के युवा कवि राकेश सुधाकर की उपस्थिति में सरस्वती वंदना से की ।कार्यक्रम में मध्य प्रदेश से कवि राजीव खरे, हरियाणा से कवि विनोद कुमार शकुचंद्र, महाराष्ट्र से कवि मनोज सुभाष जोशी एवं उत्तराखंड से कवि कृष्णानंद नौटियाल ने शानदार काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण साहित्य भवन संस्थान की फेसबुक ग्रुप समेत अन्य बहुत सारे साहित्यिक समूहों में किया गया जिसमें श्रोताओं ने टिप्पणियों के माध्यम से कवियों का उत्साहवर्धन किया साहित्य भवन संस्थान साहित्य के प्रति समर्पित संस्था है जो समय-समय पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन एकल काव्य पाठ आदि माध्यम से नवांकुरों को बड़े कवियों के बीच मंच प्रदान करती है तथा समय-समय पर साझा काव्य संग्रह पत्रिका आदि भी प्रकाशित करती है। वर्तमान में संस्थान द्वारा साझा काव्य संग्रह आसमान की ओर का प्रकाशन किया जा रहा है। जिसका संपादन संस्थान के संस्थापक नैनीताल उत्तराखंड के युवा कवि राकेश सुधाकर द्वारा किया जा रहा है।
"ख़ामोश हैं"-
कंठ, तालू, मूर्धा, की गर्जना ख़ामोश है !
स्वर सृजन का गान करते ,व्यंजना ख़ामोश है!
क्यो अधर जीव्हा समेटे ,भावना को रोकते हैं
शब्द भी टंकारते, पर चेतना ख़ामोश है!
इक अलग ही जिजीविषा, थी हमारे गांव में
पर शहर की सादगी ,संवेदना ख़ामोश हैं!
हर तरफ पीढ़ाओ से,सरिता उगलती लाश जब
वेद भूमि चीखती, पर वेदना ख़ामोश हैं!
इस लहर और उस लहर में फ़र्क ही इतना रहा
जोर जबरन लूट थी, अब लूटना खामोश है!
सिर्फ़ खाकी ही खड़ी चौराहे पर दम साद के
हा तभी तो मौत की प्रताड़ना ख़ामोश हैं!
ईद पर मिलता नहीं चिमटा किसी हामिद को
मां के जलते हाथ की परवाह भी ना खामोश है!
एक चेहरे की कसक खलती रही आंखो तले
बोलती परछाइयां, पर आइना खामोश है!
सुस्त है सूरज, सबेरे की उमंगे चित्त है
क्या तिमिर के तेज की, उत्तेजना ख़ामोश हैं!
नीरज- (क़लम प्रहरी)
कुंभराज, गुना (म. प्र.)
उड़ता पंजाब
धुँए का उड़ता गुबार,
ये नहीं है अपना पंजाब,
युवाओं का खोता ख्वाब,
ये है उड़ता पंजाब,
नशे का है सब संसार,
ये है उड़ता पंजाब,
खो गए हैं अब सारे ख्वाब,
ये है उड़ता पंजाब,
मौत को गले लगाता किसान
ये नहीं है अपना पंजाब,
विदेशो में बसता सरदार
ये है उड़ता पंजाब,,
हमको है अब भी आस,
फिर आगे होगा पंजाब,
ना होगा फिर कोई बेकार,
ये है उड़ता पंजाब
✍️ अमूल्य रत्न त्रिपाठी
🙏 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏
*बहुत जल्दी चले गए : योगेन्द्र मौदगिल्य*
पानीपत, हरियाणा में साहित्यिक गतिविधियों के केन्द्र, बेहतरीन कवि, ग़ज़लगो, पत्रकार और मंच संचालक योगेन्द्र मौदगल्य का निधन बहुत दुःखी कर गया। एक सशक्त रचनाकार को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।
कविता
"मन बावरा"
उसे भाता है
प्रेमिल एकांत
जिसमें
करते हुए गलबहियां
बतियाता है जी भर
रचता है
खूबसूरत स्वप्न संसार
और कभी
स्याह अशआर
मखमली चादरों की
सलवटें ठीक करता
निकल जाता है
नदी , खेत , पहाड़
और बगीचों की सैर पर
फिर नहाने लगता
झरने के नीचे
कभी उड़ाता पतंग और
खेलता टन्न से कंचों से
कभी बनाता
कागज के जहाज
कभी गलियों में घूमता
कभी ओढ़कर सो जाता
चांदनी की दूधिया चादर
कभी गिनता समंदर की लहरें
और कभी जा बैठता
किसी को लेकर
नदी के घाट
बैठ खरारी खाट
सुराही का मृदु जल पीते हुए
गिद्ध और बाजों से बचते हुए
सुनने लगता
कोयल की कूक
बहा ले जाता मुझे
दूर बहुत दूर
अपने साथ मेरा
मन बावरा!
✍️ डॉ रश्मि चौधरी
राम
राम ही
हैं
पूर्ण सत्य
संस्कार
मर्यादा की
परिभाषा
एक
गुरूकुल
सम्पूर्ण
महाकाव्य भी
पूर्ण शिक्षा
संस्कृति के
अनुपम प्रहरी
देवत्व के रक्षक
सांसारिक
रिश्तो की पवित्रता
के नायक
आदर्श
गृहस्थी भी
सच है यही
आप ही है
पुरुषोत्तम भी
और
परमात्मा भी
लोको के रक्षक
स्वामी भी और
तारक भी
आदि भी
अन्त भी
आरम्भ
भी.........
✍️ डा0 प्रमोद शर्मा प्रेम
नजीबाबाद बिजनौर यू. पी.
विषय- घर पर रहें सुरक्षित रहें
विधा-- कविता
"घर पर रहें ,सुरक्षित रहें"
ये कोरोना की दूसरी, लहर जो आई है,
हर और ,तबाही छाई है.....।
जिस घर में ,यह घुस जाता है.....,
शायद ही, कोई बच पाता है....।
वृद्धों के साथ-साथ.....,
अब युवाओं को इसने घेरा है,.....।
कब किसका नंबर लग जाए,
इस खौफ में, हर कोई जी रहा है...।
आज इसकी तो, कल उसकी...,
हर दिन कोई न कोई ,खबर आ जाती है।
जो हर इंसान के ,रोंगटे खड़े कर जाती है,
घर पर दरवाजे में बंद रहो भैया ,
तभी सुरक्षित रह पाओगे.....।
मास्क ओर सैनेटाइजर को भी, सब कोई अपनाओगे,
सावधानिंयां रखते रखते भी ,ना जाने कोरोना की चपेट में कब आ जाओगे।
बच सको जितना ,सब कोई बचा लो एक दूजे को....,
सम्बल दे सको जितना, देते रहो एक दूसरे को.....।
इस भयावह महामारी से ,हम सबको भैया उबरना है,
जल्दी ही जीत लेंगे हम ,इस आशा पर ही चलना है।
✍️ रंजना बिनानी" काव्या"
गोलाघाट असम
क्षणिकाएं........
1.....
जिस दिन से मुझे तुमने
"तुम" से "आप " कर दिया
एक अजनबी की तरह
बडा सवाल कर दिया
तुम्हारा होना
अब न होने की तरह है
तुम अकेले हो ये तुम जानते हो
हम भी कबसे तन्हां है
ये तुम कहां मानते हो
चलों अच्छा है पूछने को
अब कोई सवाल नही........
2......
ये कौन सी चांदनी है
जो आती है चली जाती है
उठती गिरती लहरों की तरह
बेवजह फासले बढ़ाती है
एक बात है तुम्हारे होने से
रात कभी उदास नहीं होती थी
उन तंग गलियों में
जहां तुम गुंजती थी..
अब वो राहें सुनीं सुनीं हो गई है
वो बादलों को देखने
सितारों पर चली गई है.....
✍️ पुष्प कुमार महाराज,
गोरखपुर
रोशन कुमार झा
फेसबुक - 1.
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फेसबुक - 2
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अंक - 10, वृहस्पतिवार , 20/05/2021
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/10-20052021.html
कविता :- 20(02), वृहस्पतिवार , 20/05/2021
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/05/2002-20052021.html