कविता :- 18(27),18(26),18(25), 18(24),

कविता :- 18(27), 18(26), 18(25), 18(24) ,

दिनांक :- 27/11/2020
दिवस :- शुक्रवार

नहीं उसके पास हूँ ,
जिसका मैं ख़ास हूँ ।
जिसके पास हूँ ,
उसके लिए मैं
जिंदा लाश हूँ ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 18(27)

आज रानी को पढ़ाएं हिन्दी साहित्य काल विभाजन, नेहा को देखें वह भी देखी हमको ,
[26/11, 23:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: नमस्ते 🙏🙏💐 दीदी जी
[26/11, 23:05] Roshan Kumar Jha, रोशन: मैं रोशन कुमार झा , साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई से
[26/11, 23:08] Roshan Kumar Jha, रोशन: आपकी परिश्रम को नमन 🙏🙏💐🙏💐🙏
[27/11, 12:29] अर्चना जी साहित्य: 🙏, +91 90059 07066
[27/11, 12:29] अर्चना जी साहित्य: क्षमा कीजियेगा मैंने अभी देखा
[27/11, 13:07] Roshan Kumar Jha, रोशन: कोई बात नहीं दीदी जी 🙏💐
[27/11, 13:24] अर्चना जी साहित्य: आप क्या कैडेट है
[27/11, 13:25] अर्चना जी साहित्य: या पुलिस विभाग में
[27/11, 13:26] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां दीदी जी 🙏💐
[27/11, 13:27] अर्चना जी साहित्य: कहाँ पढ़ते है
[27/11, 13:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: कोलकाता में सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज में
[27/11, 13:27] Roshan Kumar Jha, रोशन: 31 st Bengal Bn Ncc Fort William
[27/11, 13:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: से एनसीसी करते है,
[27/11, 13:28] अर्चना जी साहित्य: Graduation कररहे है
[27/11, 13:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स
[27/11, 13:30] अर्चना जी साहित्य: बहुत अच्छा
[27/11, 13:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: 👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏💐

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
दिनांक :- 26/11/2020
दिवस :- वृहस्पतिवार

कैसे सुरक्षित रह पाऐगी भारत माँ की बेटियां
फिर हो रही है वही गलतियां, फिर हो रही है वही गलतियां ।।

न सेना , न बेटियां ,न आम आदमी के लिए सुरक्षा है ,
हे शासन करनें वालें शासकों
इनकी वज़ह से ही तुम्हारी रक्षा है ।
देखों क्या कह रही है एक वेश्या आखिर
उसकी क्या दशा है ,
तो सुनो
अब तो रो रो के एक वेश्या भी यही कह रही हैं
ऐसे सेको न सियासत की रोटियां
फिर से  वही गलतियां, फिर से वही गलतियां

हो वो गुलनाज या निर्भया
इन लोगों के साथ दरिंदों ने कर्म ऐसा किया कि एक वेश्या
भी शर्मा गई  ।।
चीख कर कह रही है वही अर्जिया , हां हां वही अर्जिया ,
फिर से हो रही है वही गलतियां , हां हां वही गलतियां ।।

बेटियों की हिफ़ाज़त तो अब न रही ,
तो सुनो झांसी वाली रानी भी आयी रही यही ।
फिर से आयेगी , देर हो सकता सही ,
हर वक़्त एक ही दम रहता नहीं ।।
सत्ता के ठीकेदारों ने फिर मकरो फ़रेब निकला
निकलकर बना रहीं हैं नयी नयी नीतियां ,
फिर से वही गलतियां , हां फिर से वही गलतियां

बेटा के लिए रोज़गार नहीं ,
बलात्कार न हुआ हो कोई ऐसा साल नहीं ।।
चूड़ी पहन कर बैठी है ये हमारी सरकार नहीं ,
योजना व नारों से क्या होगा ये
हमें स्वीकार नहीं ।।
बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ
बस नारों की बह रही है नदियां ,
बेटियां विद्यालय, महाविद्यालय तक पहुंच ही
नहीं पाती
क्योंकि रास्ते में ही हो जाते उनके साथ
बलात्कार जैसी गलतियां पर से गलतियां ।।

बेटियों के इन चीख से रो देती भारत माँ की मिट्टियां ,
उसी चीख को दबाने के लिए
उसी मिट्टी पर छोड़ते हैं बड़े बड़े भाषण
इन सत्ता के ठीकेदारों ने
भाषण मारकर फिर से कर देते  वही गलतियां हां हां वही गलतियां

सत्ता में आने से पहले कहते हर एक के लिए है
सरकारी नौकरियां ,
सत्ता में आते ही नौकरियां गायब हो जाती और
कहती बेचों पकौड़ी उठा लो टोकरियां ‌‌।।

जनाब ...
टोकरियां उठाने के लिए ही पढ़ें रहें किताब ,
पढ़ लिखकर बेरोज़गार हूं ,
आज पढ़ लिखकर क्या हुआ लाभ ।।
बुलंदी पर आवाज़ उठाया हूँ , मारा नहीं हूँ चुटकियां ,
चाहिए इन सब शासकों से मुक्तियाँ ,
तब कहीं जाकर रूक सकती है गलतियां , हां हां गलतियां ।।

         ✍️   मो० एहतेशामुल हसन
सह
✍️ रोशन कुमार झा


✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 18(26)
रानी को पढ़ाने गये , 18:30

2117-46-0003
117-1111-1018-17
ROSHAN KUMAR JHA SHREESTU JHA HING HISG PLSG, General , Part :- 2 ,

2117-44-0004 117-1111-1018-17 ROSHAN KUMAR JHA SHREESTU JHA HINA HISG PLSG
Honours , Hindi , Part :- 2

8
2117-24-0008 117-1111-1018-17 ROSHAN KUMAR JHA SHREESTU Jha
2117-24-0008 117-1111-1018-17 ROSHAN KUMAR JHA SHREESTU JHA HISG PLSG


नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई

Happy Birthday Shristi jii

दिनांक :- 25/11/2020
दिवस :- बुधवार

शब्द शब्द से किया हूँ एक कविता की सृष्टि ,
जन्मदिन की ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं
तीव्र रहें तुम्हारी दृष्टि ।।

एक अलग रूप हो तुम्हारी
जहां लगी हो भीड़ ,
पूजा पाठ धर्म कर्म करके पाना मंजिल ।।
वहां तक जाने के लिए संघर्ष
करना जैसे करते भीड़ ,
हैप्पी बर्थडे सृष्टि हमेशा खुश रहना
तुम्हारी मंजिल जाएं मिल ।।

जिससे आप रहोगी प्रसन्न ,
काम आएं आपकी विद्या भरी धन ।।
यही कहने के लिए उत्प्रेरित
किया मेरा मन ,
जिससे आपकी वर्षगांठ पर रच
बैठे एक कविता मैं रोशन ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 18(25)
सृष्टि से रात में बात किए , काम जनून भाई पास लाइट साईकिल सब ,
Hasan bhiya Nss , R.K . College
+91 73524 51310 , poem

[25/11, 20:23] Hasan: कैसे सुरक्षित रह पाऐगी भारत माँ की बेटियां
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया

अब तो रो रो के एक वेसिया भी यही कह रही हैं
ऐसे सेको न सियासत की रोटियां
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया

हो वो गुलनाज या निर्भया
इनलोगो के साथ दरिंदों ने कर्म ऐसा किया कि एक वेसिया भी सरमा गई 
चीख कर कह रही है वही रजिया
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया

बेटियो की हिफाजत तो अब न रही
सत्ता के ठीकेदारों ने फिर मकरो फरेब निकला
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया
               हसन
[25/11, 20:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार रचना 👌👌👌👌
[25/11, 20:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: फिर हो रही है वही गलतियां ,फिर हो रही है वहीं गलतियां  ।
[25/11, 20:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: शायद अच्छा लगे ।
[25/11, 20:40] Roshan Kumar Jha, रोशन: शब्द भार समान रहने पर अच्छा लगता है।
[25/11, 20:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: सच में आप शानदार लिखें , नमन आपकी लेखनी को 👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏💐
[25/11, 20:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ
बस नारा की बह रही है नदियां ,
बेटी विद्यालय, महाविद्यालय तक पहुंच ही
नहीं पाती
क्योंकि रास्ते में ही हो जाते उनके साथ
बलात्कार जैसी गलतियां पर गलतियां ।।
[25/11, 20:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ
बस नारा की बह रही है नदियां ,


बेटी विद्यालय, महाविद्यालय तक पहुंच ही
नहीं पाती
क्योंकि रास्ते में ही हो जाते उनके साथ
बलात्कार जैसी गलतियां पर गलतियां ।।
[25/11, 20:52] Roshan Kumar Jha, रोशन: शब्द भार ज्यादा है पर हकीकत है , जोश में कीजिएगा तो शानदार राग उत्पन्न होगी
[25/11, 20:52] Roshan Kumar Jha, रोशन: और हम सजाने का कोशिश कर रहे हैं ।
[25/11, 20:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार रचना 👌👌👌👌👌
[25/11, 21:17] Hasan: 👌👍❤️
[25/11, 21:17] Hasan: आपको जो अच्छा लगे मेरे भाई🙏🏻
[25/11, 21:17] Hasan: 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
[25/11, 21:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: और वाक्य सब उत्पन्न हुए सब मिलाकर हम शानदार लिखकर भेज देंगे ,
[25/11, 21:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: 👌👌👌👌🙏💐
[25/11, 21:29] Hasan: Ok मेरे भाई बेसब्री से इन्तेजार रहेगा
[25/11, 22:06] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां भईया जी 🙏🙏🙏🙏🙏
[25/11, 22:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: कैसे सुरक्षित रह पाऐगी भारत माँ की बेटियां
फिर हो रही है वही गलतियां, फिर हो रही है वही गलतियां ।।

अब तो रो रो के एक वेश्या भी यही कह रही हैं
ऐसे सेको न सियासत की रोटियां
फिर से  वही गलतिया फिर से वही गलतिया

हो वो गुलनाज या निर्भया
इन लोगों के साथ दरिंदों ने कर्म ऐसा किया कि एक वेश्या
भी शर्मा गई 
चीख कर कह रही है वही रजिया , हां हां वही रजिया
फिर से हो रही है वही गलतियां , हां हां वही गलतियां ।।

बेटियों की हिफ़ाज़त तो अब न रही
सत्ता के ठीकेदारों ने फिर मकरो फ़रेब निकला
फिर वही गलतियां , फिर वही गलतियां

बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ
बस नारों की बह रही है नदियां ,
बेटियां विद्यालय, महाविद्यालय तक पहुंच ही
नहीं पाती
क्योंकि रास्ते में ही हो जाते उनके साथ
बलात्कार जैसी गलतियां पर से गलतियां ।।

बेटियों के इन चीख से रो देती भारत माँ की मिट्टियां ,
उसी मिट्टी को चुप कराने के लिए
उसी मिट्टी पर मारते बड़े-बड़े भाषण
भाषण मारकर फिर से कर देते वही गलतियां ,
हां हां वही गलतियां ।।

सत्ता में आने से पहले कहते हर एक के लिए है
सरकारी नौकरियां ,
सत्ता में आते ही नौकरियां गायब हो जाती और
कहती बेचों पकौड़ी उठा लो टोकरियां ‌‌।।
[25/11, 22:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: एक बार पढ़िए
[25/11, 22:35] Roshan Kumar Jha, रोशन: उसके बाद फाइनल भेज दें रहे हैं ।
[25/11, 22:36] Roshan Kumar Jha, रोशन: आपका दिया हुआ रजिया वाला लाईन भी देखिएगा
[25/11, 22:37] Hasan: Ok mere bhai abhi padhta hu
[25/11, 22:37] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद सादर आभार भाई जी 🙏 आपका इस तरह की जोश जगाने के लिए
[25/11, 22:38] Hasan: Sorry mere bhai waha रजिया नही अर्जिया होगा
[25/11, 22:39] Hasan: 🙏🏻❤️
[25/11, 22:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: कोई बात न, हमलोग हिन्दी में पढ़ें रहें रजिया नाम की व्यंग्य
[25/11, 22:40] Hasan: Wah
[25/11, 22:41] Hasan: Mere bhai🙏🏻❤️
[25/11, 22:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद 🙏 भाई जी
[25/11, 22:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है भाई जी 🙏💐💐💐💐
[25/11, 22:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: बुलंदी पर आवाज़ उठाया हूँ , मारा नहीं हूँ चुटकियां ,
चाहिए इन सब शासकों से मुक्तियाँ ,
तब कहीं जाकर रूक सकती है गलतियां , हां हां गलतियां ।।
[25/11, 22:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: समाप्त में ये अच्छा लगेगा ।
[25/11, 22:51] Roshan Kumar Jha, रोशन:

कैसे सुरक्षित रह पाऐगी भारत माँ की बेटियां
फिर हो रही है वही गलतियां, फिर हो रही है वही गलतियां ।।

अब तो रो रो के एक वेश्या भी यही कह रही हैं
ऐसे सेको न सियासत की रोटियां
फिर से  वही गलतिया फिर से वही गलतिया

हो वो गुलनाज या निर्भया
इन लोगों के साथ दरिंदों ने कर्म ऐसा किया कि एक वेश्या
भी शर्मा गई 
चीख कर कह रही है वही अर्जिया , हां हां वही अर्जिया ,
फिर से हो रही है वही गलतियां , हां हां वही गलतियां ।।

बेटियों की हिफ़ाज़त तो अब न रही
सत्ता के ठीकेदारों ने फिर मकरो फ़रेब निकला
फिर वही गलतियां , फिर वही गलतियां

बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ
बस नारों की बह रही है नदियां ,
बेटियां विद्यालय, महाविद्यालय तक पहुंच ही
नहीं पाती
क्योंकि रास्ते में ही हो जाते उनके साथ
बलात्कार जैसी गलतियां पर से गलतियां ।।

बेटियों के इन चीख से रो देती भारत माँ की मिट्टियां ,
उसी मिट्टी को चुप कराने के लिए
उसी मिट्टी पर मारते बड़े-बड़े भाषण
भाषण मारकर फिर से कर देते वही गलतियां ,
हां हां वही गलतियां ।।

सत्ता में आने से पहले कहते हर एक के लिए है
सरकारी नौकरियां ,
सत्ता में आते ही नौकरियां गायब हो जाती और
कहती बेचों पकौड़ी उठा लो टोकरियां ‌‌।।

बुलंदी पर आवाज़ उठाया हूँ , मारा नहीं हूँ चुटकियां ,
चाहिए इन सब शासकों से मुक्तियाँ ,
तब कहीं जाकर रूक सकती है गलतियां , हां हां गलतियां ।।

         ✍️   मो० एहतेशामुल हसन
सह
✍️ रोशन कुमार झा

On the occasion of 71st anniversary year of the adoption of the Indian Constitution by the Constituent Assembly, *National Service Scheme* in collaboration with *1/34COY N.C.C* *R.K.College, Madhubani* conducts a speech competition on *26th November,2020*.

विधा :- संक्षिप्त भाषण प्रतियोगिता
विषय :- "भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखने में नागरिकों की भूमिका"
(Role of citizens in upholding sovereignty,unity and integrity of India)

मार्गदर्शन :- RECORDED AUDIO के माध्यम से भाषण
समय सीमा :- अधिकतम 3 मिनट
प्रतियोगिता तिथि :- 26 November, 2020
निर्देश :-
1. प्रतिभागी भाषण के पहले आपका नाम, सम्बंधित संगठन एवं कॉलेज का नाम अवश्य बोलें।
2. प्रतिभागी भाषण प्रतियोगिता के लिए ऑडियो रिकॉर्ड किया गया भाषण  *9431325287*  Whatsapp Numbers पर 26 नवंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही भेजें।

*नोट:*
1. तीन शीर्ष विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
2. प्रतिभागी निश्चित रूप से उपर्युक्त निर्देशों का पालन करेंगे।
3. किसी भी जानकारी के लिए 9155546763 पर संपर्क करें।

    *डॉ राहुल मनहर*
*रा. से. यो. कार्यक्रम पदाधिकारी / NCC ऑफिसर*
*आर. के. कॉलेज , मधुबनी ।*

कैसे सुरक्षित रह पाऐगी भारत माँ की बेटियां
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया

अब तो रो रो के एक वेसिया भी यही कह रही हैं
ऐसे सेको न सियासत की रोटियां
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया

हो वो गुलनाज या निर्भया
इनलोगो के साथ दरिंदों ने कर्म ऐसा किया कि एक वेसिया भी सरमा गई 
चीख कर कह रही है वही रजिया
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया

बेटियो की हिफाजत तो अब न रही
सत्ता के ठीकेदारों ने फिर मकरो फरेब निकला
फिर वही गलतिया फिर वही गलतिया
               हसन

Dear Customer,The Balance for account XXXXXXXXXXXX5401 : INR 3334.0. SMS PNB PROD to 5607040 for detailed product list.UPDATE YOUR EMAILID IN ACCOUNT
पूजा 3000 भेजी आज ,
http://sahityasangamwb.blogspot.com/2020/11/blog-post_76.html
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 13/11/2020
विषय :- धनतेरस

श्रेष्ठ रचनाकार

आ. कलावती कर्वा जी , 24667
आ. एम •एस•अंसारी जी , 24668
आ.रंजना बिनानी जी , 24669

श्रेष्ठ टिप्पणीकार

आ. रोशन कुमार झा जी , 24670

आप सभी सम्मानित रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 💐💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏🙏

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 24/11/2020
दिवस :- मंगलवार
विषय :- अपनों से बढ़ती दूरियां
विषय प्रवर्तन :- आ. सुधीर श्रीवास्तव जी

अपनों से बढ़ती दूरियां ,
कहो बचाव या कहो है मजबूरियां ।।

कोरोना बिगाड़ दिया अर्थव्यवस्था ,
कहां विद्यालय जाना आना
घर पर ही पड़ी है बस्ता ।।
इससे भी बढ़ी है दुरियां ,
कितने बेटा अपने पिता
कितने पत्नी अपने पति को खोकर
कोरोना के कारण उतारी है चूड़ियां ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 18(24)

8115285921 सुधीर श्रीवास्तव जी

13/11/2020 को 750 आया धनतेरस दिन जमीन लिए रहें , SBI से 1000 निकाले, पैदल गये , BOI से 2000, मैनेजर झा है,
मोनू को 3000 आज दिए , कल 2000 Total :- 5000
SBI Ac no
20357163357
IFSC Code :- SBIN0000144
BOI , Ac no
400010110006294
Ifsc code :- BKID0004000

PNB
0300001700035401
IFSC code :- PUNB0030000

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/11/1806.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/08/1739.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1753.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1754.html

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :-  11/11/2020
दिवस :-   बुधवार
विषय :-   अजन्मी

श्रेष्ठ रचनाकार
स्वाति "सरु" जैसलमेरिया जी ,
आ. स्वाति "सरू" जैसलमेरिया जी ,
आ. एम •एस•अंसारी जी ,
आ. रोशन कुमार झा जी ,

श्रेष्ठ टिप्पणीकार

आ. सुशील शर्मा जी ,

सभी सम्मानित रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं 💐 🙏 सह बधाई 💐💐💐💐💐🙏

http://sahityasangamwb.blogspot.com/2020/11/blog-post_7.html

सभी चयनित रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 💐🙏  , मेरी रचना को चयन करने के लिए पंच परमेश्वर का धन्यवाद , सादर प्रणाम सह सादर आभार  ।।

दिनांक :- 10/11/2020

विषय :- वाणी का महत्व

श्रेष्ठ रचनाकार

आ. कलावती कर्वा जी ,
आ. गौतम सिंह 'अनजान' जी ,
आ. दिलीप कुमार झा जी ,

श्रेष्ठ टिप्पणीकार

आ. आदित्य गुप्त पदयात्री जी ,

आप सभी सम्मानित रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 💐💐💐💐💐🙏




रोशन कुमार झा


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