कविता :- 17(73) , हिन्दी

रोशन कुमार झा

कविता :- 17(73) , हिन्दी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 03/10/2020
दिवस :- शनिवार
विषय :- आ. सोनू सूद  कोरोना काल के भगवान
सोनू सूद जी
विधा :-  समीक्षा
प्रदाता :- आ. भारत भूषण पाठक जी
विषय प्रवर्तन :-  आ. अर्चना वर्मा जी

साहित्य संगम संस्थान, नई दिल्ली द्वारा दी गई समीक्षा आज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है , इस विषय से हम साहित्य प्रेमियों सच्चे समाजसेवी के बारे में जान सकते हैं ,
इस कोविड-19 कोरोना काल में पुलिस, डॉक्टर, एनसीसी, एनएसएस, भारत स्काउट गाइड, सेंट जॉन एम्बूलेंस कैडेट्स द्वारा उठाए गए कदम बहुत ही मूल्यवान है ,इस विपत्ति में 30 जुलाई 1973, मोगा, पंजाब में जन्में सोनू सूद जी ने अहम भूमिका निभाये, इनकी द्वार किये गए कर्म को कभी भूलाया नहीं जा सकता,  जहां सरकार चाह कर भी कुछ न कर पायी रही , वही सोनू सूद जी ने घोषणा कर दिए कि मेरे प्यारे श्रमिकों भाइयों और बहनों, अगर आप मुंबई में हैं और आप अपने घर जाना चाहते हैं, तो कृपया इस नंबर पर कॉल करें- 18001213711 या अपना नाम और पता व्हाट्स एप करें , सच में सोनू सूद जी भगवान से कम नहीं सहयोग किये इस कोरोना काल में , जहां बड़े-बड़े उद्योगपतियों अपने मजदूरों को सहायता करने में असमर्थ रहा , वही सोनू सूद जी आगे बढ़कर मजदूरों भाईयों और बहनों की भरपूर सेवा किए,
भारत माँ को सोनू सूद जैसे संतानों पर गर्व है ।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

इंक़लाब न्यूज़ , मुंबई ,       रोशन कुमार झा
कोलकाता / पश्चिम बंगाल
03/10/2020, शनिवार

साहित्य संगम संस्थान बोली विकास मंच द्वारा आयोजित
क्षेत्रीय बोली कवि सम्मेलन 4 अक्टूबर को

साहित्य संगम संस्थान, बोली विकास मंच द्वारा आयोजित बोली संवर्धन  वीडियो कवि सम्मेलन में , आ. किरण प्रभा अग्रहरि जी ,बुलंदशहर उत्तर प्रदेश से अवधी में ,आ. निशी भदौरिया जी ग्वालियर, मध्य प्रदेश से ब्रजभाषा में , आ. सुनीता रानी राठौर जी ग्रेटर नोएडा उत्तर प्रदेश गृह नगर -पटना से मागधी भाषा में, आ.सीताराम राय सरल जी टीकमगढ मध्यप्रदेश से क्षेत्रीय बोली बुन्देली, आ. श्रीकान्त दुदपुडी जी कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड से गढ़वाली बोली में , आ. प्रज्ञा शर्मा जी प्रयागराज उत्तर प्रदेश से खड़ी बोली में ,आ. जयहिंद सिंह हिंद जी, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से भोजपुरी सजल में , और आ.अतुल द्विवेदी अंजाना जी, रीवा मध्यप्रदेश क्षेत्रीय बोली बघेली भाषा में 4 अक्टूबर 2020 , रविवार शाम 07 बजे से 09 बजे तक के बीच काव्य पाठ करने के लिए आमंत्रित हैं ‌। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि आ. डॉ मीना भट्ट जी , पूर्व न्यायाधीशा जबलपुर , आ. बाबा कल्पनेश जी संतकवि प्रयागराज, एवं मुख्य अतिथि साहित्य संगम संस्थान के अध्यक्ष आ. राजवीर सिंह मंत्र जी है , प्रचार निर्देशक आ. नवीन कुमार भट्ट नीर जी  , कार्यक्रम संचालक आ. विनोद कुमार वर्मा दुर्गेश जी है , अतः आप सभी साहित्य प्रेमियों व पाठकों फेसबुक पर साहित्य संगम संस्थान बोली विकास मंच पर आमंत्रित हैं ।

अग्रसर हिंदी साहित्य मंच के क्षेत्रीय मातृभाषा/बोली विकास कार्यक्रम में *आपणी बोली आपणी मातृभाषा*

17  रोशन कुमार झा  , कोलकाता , बोली बंगाली
कविता :- 17(70) , बुधवार , 30/09/2020
ऑडियो :- 01:43,

नमन 🙏 :- अग्रसर हिंदी साहित्य मंच
मातृभाषा/बोली विकास कार्यक्रम
* आपणी बोली आपणी मातृभाषा*
क्रमांक:- 17
रोशन कुमार झा

भाषा :- बंगाली , कविता :-
ভাষা :- বাংলা , কবিতা

शीर्षक :- तुम मेरे पास आओ
শিরোনাম :- তুমি আসো আমার কাছে ।

তুমি আমার কাছে আসো ,
এই রকম আমি ভালোবাসি ,
সে রকমই তুমিও আমাকে ভালোবাসো ।
তুমি নিজের একা খাবার খাছো ,
ডাকলাম আমি তোমাকে
আর তুমি আমাকে ছেড়ে
কোথায় জাচ্ছে ।।

তোমার জন্য আমি রোশন ঘুমিয়ে পারি না
জেখানে তুই ডাকলী,
আমি গেলাম ,
কিন্তু ওইতো তোর বাড়ি না ।।
আমি তোমাকে ভালোবাসি ,
তুমিও আমাকে ভালোবাসো
অতটুকু তাড়াতাড়ি না ।
আসো তুমি , আপনি আমাকে নিজের
চোখে দিয়ে এখুন পর্যন্ত
দেখতে পাড়ি না ।।

এখূন ন তুই একটূ পরে আসবি ,
জানী আমি তারপরো
তুই আমাকে ভালোবাসবী ।।

      ✍️•••  রোশন কুমার ঝা
       ✍️•••    रोशन कुमार झा

ঠিকানা :- লিলুয়া , হাওড়া , কোলকাতা , পশ্চিমবঙ্গ :-
৭১১২০৪
पता :- लिलुआ , हावड़ा , कोलकाता , पश्चिम बंगाल :- 711204

মোবাইল নাম্বার :- ৬২৯০৬৪০৭১৬
मो :- 6290640716

______________________

तुमी आसो आमार काचे ।
तुमी आमार काचे आसो ,
ऐ रोकोम आमि भालो भासी ,
सेई रोकोम तूमीयो  आमाके भालो भासौ ।
तूमी निजे एका खाबर खाचो ,
डाखलम आमी तोमाके
आर तूमी आमाके छेड़े कोथाई जाछो ।।

तोमार जनों आमि रोशन घूमिए पारी न ,
जेखाने तूई डाकरी आमी गेलाम
किंतु ओई ता तोर बाड़ी न ,
आमि तोमाके भालो भासी
तूमीयो आमाके भालोभासो ओतुक तालातारी न ।
आसो तूमी , आपनी आमाके निजेर छोखे दिए ऐखून पर्यन्तो
देखते पाड़ी न ।।

ऐखून न तूई एकतू पोले आसबी ,
जानि आमि तालफोरे तूई आमाके भालोभासबी ।।

________________________
हिन्दी अनुवाद कविता -

शीर्षक :- तुम मेरे पास आओ

तुम मेरे पास आओ ,
जिस प्रकार मैं प्यार करता हूँ ,
उसी प्रकार तुम भी हमको प्यार करो ।।
तुम खुद अकेले ही खाना खाती हो ,
बुलाएं हम ,और तुम हमको छोड़कर कहां जाती हो ।।

तुम्हारे लिए हम रोशन सो न पाएं ,
जहां तुम बुलायी , हम गये किंतु वह तुम्हारा घर नहीं रहा ।
हम तुमसे प्यार करते हैं, तुम भी करो उतना हड़बड़ी नहीं है ,
आओ तुम , आप हमको अपने आंखों से अभी तक देख नहीं पाएं हैं ।

अभी नहीं , कुछ देर बाद आओगी ,
मैं जानता हूं , उसके बाद तुम भी प्यार करोगी ।।

✍️       रोशन कुमार झा
कविता :- 17(41) , बंगाली ,
दिनांक :- 01/09/2020 , दिवस :- मंगलवार

Roshan Kumar Jha
77/ R mirpara road Liluah Howrah -711204
West Bengal

स्वर्णा आभा  समाचार पत्र में  प्रकाशित । संपादक महोदय का बहुत-बहुत धन्यवाद🙏
रोशन कुमार झा कोलकाता बंगाली भाषा में स्वरचित कविता प्रस्तुत किये रहें ।

आज पापा बैग ला दिए काला रंग ,

कल 2500 पूजा भेजी , आज शनिवार PNB से 2000 निकाले, बचा 788, रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में आएं नया में बिट्टू भईया रहें मशीन वाला में , बोले गांव कब जा रहे हैं, हम बोले 7 को बोले हम पैसा 12 तक दें देंगे , हम बोले ठीक है जाने लगे बोले 2 हजार लेते जाओ, बोले हम दो
हजार और दिए हैं, बाकी अभिषेक को एकाउंट नंबर दे देना हम बोले आप 75 पाते हैं , और हम चाय का 215 बोले अभिषेक से लेकर हमको 75 दें जाओ, 10 का चाय पिला दो , फिर अभिषेक भईया बोले इधर भी ला दे, 20 का चाय ला दिये,235 हुआ फिर 75 दिए 160 बचा , 100 दिए खाने का तीन बार का , 28 का अण्डा लाये रहें ,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1771.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/10/1773.html
http://www.inkalabhindi.com/2020/10/4.html




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