कविता :- 17(67) , हिन्दी

कविता :- 16(67) , हिन्दी

नमन 🙏  :-
तिथि :- 27/09/2020
दिवस :- रविवार
विधा :- कविता
शीर्षक:- साहित्य संगम संस्थान , बिहार इकाई

आज हमारा मनाने को फिर से त्यौहार है ,
साहित्य संगम संस्थान का बिहार इकाई अब तैयार हैं ।
राजेन्द्र प्रसाद, दिनकर जिस माटी के लाल है ,
हम बिहारी साहित्य संगम संस्थान के आभार है ।।

✍️  रोशन कुमार झा
मधुबनी , बिहार
27/09/2020 , रविवार
आज रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी से 2000 लिए

कविता :- 11(37)

नमन 🙏  :- संगम सवेरा
" संगम सवेरा"- मासिक ई पत्रिका अक्टूबर 2020 अंक हेतु
तिथि :- 08/09/2020
दिवस :- मंगलवार
विधा :- कविता
शीर्षक:- भक्त हूँ वीर हनुमान का । :-

भूख है ज्ञान का ,
परवाह है न जान का ।
राह रोशन है , चिंता है ना मान और सम्मान का ,
हमेशा खुश रहता हूँ , क्योंकि मैं भक्त हूँ वीर हनुमान का ।।

नशा है न कनक , धतूरा, पान का ,
भूखा हूं मंगल गान का ।
कैसे न वर्णन करूं भगवान का ,
बड़ी सुख-सुविधा मिलती , सिर्फ जपता हूँ
राम भक्त नाम हनुमान का ।।

सहायक हूँ जवान का ,
दर्द जानता हूँ मजदूर किसान का ।
हवा में रहता हूँ , पर डर रखता हूँ तूफान का ,
समंदर की तरह अपने आप में बहता हूँ
क्योंकि मैं सेवक हूँ वीर पुत्र हनुमान का ।।

इंतजार रखता हूँ न संतान का ,
पत्नी तक स्वार्थी होती , धन - दौलत क्या करूंगा
आवश्यकता है मुझे दो मुट्ठी धान का ,
और नश्वरता की प्राण का ,
जब तक मैं जिंदा रहूँ , तब तक जपते रहूँ नाम
वीर हनुमान का ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,

मो :- 6290640716 कविता :- 11(37) पर 11(037)
02-04-2019 मंगलवार 12:47 (Intex :-1)
12 बाद मंगलवार व्रत कर रहे हैं राकेश भईया फैक्ट्री से
मां का किये रहें । Intex से
आज कविता :- 17(48) मंगलवार 08/09/2020
रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम
64 पर चयनित हुए

नारी तुझे सलाम ,साझा काव्य संग्रह के लिए कविता -

शीर्षक :- मैं एक नारी हूँ 

मैं एक नारी हूँ, जो घर और बाहर चलाती हूँ ,
काम करकें अपने बच्चों को पढ़ाती हूँ ।
सुबह से ही घर के पूजा पाठ में लग जाती हूँ ,
सभी को खिलाने के बाद ही खुद को खाती हूँ ,
क्योंकि मैं नारी , एक बेटी, एक बहन, एक माँ और
एक पत्नी की श्रेणी में आती हूँ ।।

दर्द खुद सहती हूँ , पर न बताती हूँ ,
दर्द सहने के बाद भी डाँट फटकार पाती हूँ ।
फिर भी घर परिवार का साथ निभाती हूँ
अंधेरा में रोशन करके घर परिवार चमकाती हूँ ।।

अपने घर से  , शादी के बाद जब पति के घर जाती हूँ ,
अपना घर-परिवार को भूलकर , ससुराल के घर सजाती हूँ ।
फिर क्या ज़्यादा से ज़्यादा काम में लग जाती हूँ ,
यही कहानी है हम नारी की ,
पर अपने लक्ष्य से न घबड़ाती हूँ ।।

✍️ पूजा गुप्ता

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
कविता :- 17(46) , कविता:- 16(21)   मैथिली 
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान,दिनांक :- 06/09/2020
दिवस :- रविवार, विधा :- कविता, विषय :- मैं एक नारी हूँ 
विषय प्रदाता :- आ. राज वीर सिंह मंत्र जी
विषय प्रवर्तन :- आ. स्नेहलता द्विवेदी जी
आज शनिवार ,12/09/2020, कविता :- 17(52)

कविता :- 17(53) , हिन्दी
नमन 🙏 :-
तिथि :- 13/09/2020
दिवस :- रविवार
विधा :-  कविता

नारी तुझे सलाम ,साझा काव्य संग्रह के लिए कविता -
विषय :-  हम नारी की शक्ति अपरंपार है ।

हम नारी , हमें नारी शक्ति स्वीकार है ,
तनु वक्ष स्थल से रानी बनने की विचार है ,
पूजा पाठ, धर्म कर्म की ख़्याल है ,
जहाँ ज्योति वहां रोशन ही रोशन
कहीं न अंधकार है ,
अंधकार दूर करने वालें हम नारी , और
हमारी शक्ति अपरम्पार है ।।

प्रकाश फैलाने वाले हैं हम दीपक ,
तब हम नारी के लिए अख़बार है ।।
परिवार का जन्मदिन ही हमारी त्योहार है ,
तब हम नारियों पर टिका हुआ
बिहार न बंगाल, यह संसार है ,
सच में हम नारियों की शक्ति अपरंपार है ।।

दया, प्रेम ही हमारी व्यवहार है ,
हम नारी , तब ये घर परिवार है ।
प्रमाण तो हज़ार है ,
घर परिवार की भार है ,
तब भी हमेशा मुस्कुराते रहते ,
यही हमारी अर्जित किया हुआ संस्कार है ,
आज हर क्षेत्र में हम नारी,
इसीलिए तो हम नारियों की शक्ति अपरंपार ।

✍️  पूजा गुप्ता

नारी तुझे सलाम ,साझा काव्य संग्रह के लिए कविता -

शीर्षक :- स्वदेशी

आत्मनिर्भर भारत बनने की चल रही है तैयारी ,
साथ देंगे हम नर और नारी ,
भारतीय मिट्टी के ही बनें दीया से मनाएंगे
काली पूजा और दिवाली ।
स्वदेशी अपनाना है , अपनाने की विधि है जारी ।।

अंधकार में रोशन हो ,है ये विचार हमारी ,
विदेशी वस्तु का बहिष्कार करेंगे ,
क्योंकि बाहर से ही तो आया ये कोरोना बीमारी ।।
हर वक़्त आराम के बाद काम करेंगे , रहेंगे न खाली ,
स्वदेशी अपनाओ ये है हम सब की ज़िम्मेदारी ।।

बाद में कोई , पहले खुद की है बारी ,
अपनाओ यारों विदेशी न , स्वदेशी गाड़ी ।।
ताकि खिलता हुआ नज़र आएं हर कहीं हरियाली ,
तब स्वदेशी अपनाकर दिखाओं यारों
अपनी - अपनी समझदारी ।।

✍️  पूजा गुप्ता

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 17(48) हिन्दी

परिचय

नाम :- पूजा गुप्ता
पिता का नाम :- परमेश्वर गुप्ता
गाँव - राजनगर, मधुबनी, बिहार - 847235
मो :- 7061410453
अन्य नाम :- तनीष्का गुप्ता ,

शिक्षा :- बी. कॉम में अध्ययनरत , ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा, रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी के राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रा , मिथिला, मधुबनी पेंटिंग बनाने व मेहँदी लगाने की शौक़ीन, विश्व साहित्य संस्थान के सदस्य ,
झोंझी मधुबनी के व कोलकाता में रहने वाले रोशन कुमार झा जी के द्वारा रचित नाटक जाना-पहचाना जानकर भी मारना बहाना में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के , आर.के . कॉलेज, राष्ट्रीय सेवा योजना से आयोजित 2.0 स्वच्छ भारत समर इंटर्शिप कैम्प शिविर 2019 कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक डॉ अनिल कुमार मंडल जी, एन.एस.एस यूनिट -1 के कार्यक्रम अधिकारी डॉ अशोक कुमार सर जी,
,एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी , जिला नोडल पदाधिकारी सह 34 वीं बिहार बटालियन एनसीसी के ए.एन. ओ साहब सर डॉ राहुल मनहर जी के सहयोग से कैवल्य ग्रुप से 09 अगस्त 2019 शुक्रवार  को नाटक में लड़की की पात्र की भूमिका निभाई , ।।

कविता :- 17(59) , हिन्दी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 19/09/2020
दिवस :- शनिवार
विषय :-  डॉ कुलवंत जी का गीत
विधा :-  समीक्षा
प्रदाता :- आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
विषय प्रवर्तन :-  आ. नवल किशोर सिंह जी

साहित्य संगम संस्थान को नमन करते हुए  , विषय प्रदाता , अध्यक्ष महोदय आदरणीय राजवीर सिंह मंत्र जी , विषय प्रवर्तक , संगम सवेरा के प्रधान संपादक आ. नवल किशोर सिंह जी सह गीतकार डॉ. वाचस्पति कुलवंत जी को सादर नमन ,  कुलवंत जी की गीत की एक अलग ही अस्तित्व है , इनके गीत में निराशा में भी आशा की किरण झलकती है ,कुलवंत जी अपने गीत में क्या वर्णन किए हैं , जिसे पढ़कर दुनिया से हारा हुआ आदमी भी अपनी राह पर फिर से चल सकते है । क्यों जीवन से हार मान लूं , उनका ये गीत बहुत ही सुन्दर रूप दर्शाता है ।

माना मिला सदा धोखा पर, क्यों अपनी गैर मान लूँ ,


माना सचमुच टूट चुका पर , जीवन से क्यों हार मान लूँ ।

सुख जो संग मेरे खेले , झूले बार - बार मेरे बाहों में ,


टूटी नौका देख सभी वे , तैर गए तट की राहों में ।

, सच में  कुलवंत जी की गीत की एक अलग ही पहचान है , जिसे हम पाठकों आसानी से समझ सकते है , और कुलवंत जी की गीत हम सभी में एक अलग ही जोश उत्पन्न करता है ।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
IGNOU:-BPP-श्री जैन विद्यालय हावड़ा -191081735)
परीक्षा :- 19/09/2020 , PCO , BPP
05/10/2020, OSS-101, Control Number :- 6203058225, Exam centre code :- 2840D
मोनू से बैग लिए , calculator लिए , Ignou commerce वाला परीक्षा , किताब में - 400 मिला ,D.k से भी मिले ।
Room no :- 306 में 14:00 हम 15:30, सर बोले झा जी हैं , उसके बाद आते वक्त बोले सही सही किए न , क्योंकि इस साल Last ही है । श्री जैन विद्यालय, 50 प्रश्न चार में से एक लिखना भी और गोल बनाना भी रहा, एक लाईन में एक अंक
पैदल ही गये और आये ।
77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah
51/9 कुमार पाड़ा लेन लिलुआ हावड़ा
33/91 बेलगछिया रोड़ , लिलुआ , दिए
इंक़लाब न्यूज़, मुंबई  ,      रोशन कुमार झा
हावड़ा , कोलकाता , पश्चिम बंगाल
दिनांक :- 19/09/2020
दिन :- शनिवार

शिक्षा व्यवस्था उतर पड़े अपनी राह पर

कोरोना काल कोविड - 19 के बाद अब कहीं शिक्षा व्यवस्था उतर पड़े अपनी राह पर , ( इग्नू ) इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली , क्षेत्रीय केंद्र कोलकाता के परीक्षा केंद्र हावड़ा श्री जैन विद्यालय में आज शनिवार 19 सितंबर को‌ कोरोना के कारण सैनिटाइजर करने व सभी परीक्षार्थियों को मास्क देने के बाद ही परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में जाने दिया गया , परीक्षा दो पारी में की गई , सुबह दस बजे से और दोपहर दो बजे से परीक्षा कोरोना को ध्यान में रखते हुए दूरी बनाकर की गई ।

30 परीक्षार्थी, Room no :- 306
Recipient name :- Rajan Kumar Jha
Father name :- Shreestu jha
77/ R , Mirpara Road,  Ashirbad bawan , Liluah
Howrah - 711204 , West Bengal
Mob no :- 9875332928

https://play.google.com/store/books/details/%E0%A4%B8_%E0%A4%AA_%E0%A4%A6%E0%A4%95_%E0%A4%B8_%E0%A4%97%E0%A4%B0_%E0%A4%AF_%E0%A4%A6%E0%A4%B5_%E0%A4%9C%E0%A5%99_%E0%A4%AE_%E0%A4%A8_%E0%A4%B0_%E0%A4%A4_%E0%A4%9D_%E0%A4%B8%E0%A4%B2_%E0%A4%AE?id=G3v_DwAAQBAJ
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1767.html

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1666.html



रोशन कुमार झा


आज हमारा मनाने को फिर से त्यौहार है ,
साहित्य संगम संस्थान का बिहार इकाई अब तैयार हैं ।
राजेन्द्र प्रसाद, दिनकर जिस माटी के लाल है ,
हम बिहारी साहित्य संगम संस्थान के आभार है ।।

✍️  रोशन कुमार झा
मधुबनी , बिहार 
27/09/2020 , रविवार

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