कविता :- 17(48) , हिन्दी

कविता :- 17(48) हिन्दी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 08/09/2020
दिवस :- मंगलवार
विधा :- छंद
विषय :- स्वदेशी
विषय प्रदाता :- आ. निरुपमा जी
विषय प्रवर्तन :- आ. ज्योति मिश्रा जी

आत्मनिर्भर भारत बनने की चल रही है तैयारी ,
साथ देंगे हम नर और नारी ,
भारतीय मिट्टी के ही बनें दीया से मनाएंगे
काली पूजा और दिवाली ।
स्वदेशी अपनाना है , अपनाने की विधि है जारी ।।

अंधकार में रोशन हो ,है ये विचार हमारी ,
विदेशी वस्तु का बहिष्कार करेंगे ,
क्योंकि बाहर से ही तो आया ये कोरोना बीमारी ।।
हर वक़्त आराम के बाद काम करेंगे , रहेंगे न खाली ,
स्वदेशी अपनाओ ये है हम सब की ज़िम्मेदारी ।।

बाद में कोई , पहले खुद की है बारी ,
अपनाओ यारों विदेशी न , स्वदेशी गाड़ी ।।
ताकि खिलता हुआ नज़र आएं हर कहीं हरियाली ,
तब स्वदेशी अपनाकर दिखाओं यारों
अपनी - अपनी समझदारी ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716
आज 500 लिए 75 देना है एक दिन -150 लिए रहें , 2 duty रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में ,
कविता :- 11(37) , शीर्षक:- भक्त हूँ वीर हनुमान का । :-
" संगम सवेरा"- मासिक ई पत्रिका अक्टूबर 2020 अंक
77/R मीरपाड़ा रोड़ आशीर्वाद भवन लिलुआ हावड़ा

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1747.html
https://www.inkalabhindi.com/2020/09/blog-post_63.html?m=1
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1748.html

कविता :- 11(37)

नमन 🙏  :- संगम सवेरा
" संगम सवेरा"- मासिक ई पत्रिका अक्टूबर 2020 अंक हेतु
तिथि :- 08/09/2020
दिवस :- मंगलवार
विधा :- कविता
शीर्षक:- भक्त हूँ वीर हनुमान का । :-

भूख है ज्ञान का ,
परवाह है न जान का ।
राह रोशन है , चिंता है ना मान और सम्मान का ,
हमेशा खुश रहता हूँ , क्योंकि मैं भक्त हूँ वीर हनुमान का ।।

नशा है न कनक , धतूरा, पान का ,
भूखा हूं मंगल गान का ।
कैसे न वर्णन करूं भगवान का ,
बड़ी सुख-सुविधा मिलती , सिर्फ जपता हूँ
राम भक्त नाम हनुमान का ।।

सहायक हूँ जवान का ,
दर्द जानता हूँ मजदूर किसान का ।
हवा में रहता हूँ , पर डर रखता हूँ तूफान का ,
समंदर की तरह अपने आप में बहता हूँ
क्योंकि मैं सेवक हूँ वीर पुत्र हनुमान का ।।

इंतजार रखता हूँ न संतान का ,
पत्नी तक स्वार्थी होती , धन - दौलत क्या करूंगा
आवश्यकता है मुझे दो मुट्ठी धान का ,
और नश्वरता की प्राण का ,
जब तक मैं जिंदा रहूँ , तब तक जपते रहूँ नाम
वीर हनुमान का ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,

मो :- 6290640716 कविता :- 11(37) पर 11(037)
02-04-2019 मंगलवार 12:47 (Intex :-1)
12 बाद मंगलवार व्रत कर रहे हैं राकेश भईया फैक्ट्री से
मां का किये रहें । Intex से
आज कविता :- 17(48) मंगलवार 08/09/2020
रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम





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