कविता :- 17(47) , हिन्दी

कविता :- 17(47)

नमन 🙏 :- कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 199
दिनांक :- 07/09/2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- वर्ण पिरामिड
विषय :-   अनुशासन
संचालक :- आ. सुषमा शर्मा जी

यूं
हम
रोशन
पूजा पाठ
अनुशासन
से ग़म सहते
सहते , बूढ़ा हुए ,

तो
क्या
अभी ही
तो यूं किसी
से हम वैसे
अपने आप से
ही तो यूं जुदा हुए ।।

वे
नहीं
एकता
और दया
अनुशासन
से ही तो कोई भी
बड़े - बड़े योद्धा हुए ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

ग़म सहते - सहते , हम बूढ़ा हुए ,
तभी तो यूँ , तुम से जुदा हुए ।।
😭😭😭😭😭😭😭
साहित्य संगम संस्थान , राजस्थान, कविता : - 17(40)
नमन 🙏 :- राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका, अंक -24 के लिए रचना --
-: 19 वीं बंगाल बटालियन सी.ए. टी. सी-15 की रचना !:-
सितंबर माह की प्रथम लॉकडाउन बंगाल में , इंक़लाब न्यूज़
*शिक्षकों के सम्मान में साहित्य संगम संस्थान में ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन सम्पन्न* पूजा से गौतम बात करवाया , फोन पर शपथ देकर , मिंटू भाईया भी ,
आज लाइट हटाकर फेसबुक डाउनलोड किए, वीडियो , कविता:- 16(21)   मैथिली, इंक़लाब कुछ कर जाऊं, कविता  :-  14(89)  , नव वर्ष हमारा पर्व नहीं   !:-
आज लॉक डाउन में रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम में आएं अकेले ,
77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah



नमन 🙏 :-
दिनांक :- 07/09/2020
दिवस :- सोमवार

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान , राजस्थान
दिनांक :- 07/09/2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- कविता
विषय :-   शिक्षक राष्ट्र निर्माता है ।
विषय प्रदाता :- साहित्य संगम संस्थान , राजस्थान
विषय प्रवर्तन :- आ. रमन शर्मा जी

शिक्षा से शिक्षक , शिक्षक ही हमारी समाज की निर्माता है ,
हम रोशन क्या , ब्रह्मा विष्णु भी शिक्षक के गुण गाता है ।
भले ईश्वर हमें धरती पर दुनिया दिखाने के लिए लाता है ,
पर माता पिता के साथ गुरु ही राह पर चलना सीखाता है ।।

दोस्त यार साथ छोड़ देते पर गुरु साथ निभाता है ,
क्या सही , क्या ग़लत ये तो गुरुदेव ही बताता है ।
इसीलिए बढ़ चढ़कर मान सम्मान गुरु ही पाता है ,
क्योंकि मंजिल की ओर हम, पर रास्ता गुरु ही दिखाता है ।।

दान देने वाला नहीं , ज्ञान देने वाला सच्चा दाता हैं ,
शिष्य के कर्मों से ही गुरु नाम कमाता है ,
तब समाज में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर गुरु आता है ,
क्योंकि गुरु ही समाज की निर्माता है ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
कविता :- 17(40) , हिन्दी, दिनांक :- 31-08-2020
नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :-196 दिवस :- सोमवार

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1746.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1747.html
https://www.inkalabhindi.com/2020/09/blog-post_8.html?m=1
कविता :- 16(86), कविता :- 16(85)

नमन 🙏 :- कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 173
तिथि :- 08/07/2020
दिवस :- बुधवार
विषय :- झूला
विधा :- वर्ण पिरामिड

हे
कृष्ण
झूला है
राधा संग
झूल लो अभी
मज़ा आये तभी
कहे रोशन कवि


राधा
आप भी
झूलते वे
कृष्ण के साथ
बाँसुरी बजाते
बैठो अभी के अभी

हे
कान्हा
तुम भी
झूला पर
राधा के साथ
झूलों व झूलाओ
ताकि खुश हो सभी ।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

इंक़लाब न्यूज़, मुंबई                  रोशन कुमार झा
07/09/2020 , सोमवार
कोलकाता / पश्चिम बंगाल

सितंबर माह की प्रथम लॉकडाउन बंगाल में

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण सितंबर माह की प्रथम लॉकडाउन बंगाल में आज सोमवार को लॉकडाउन किया गया है  , कोलकाता व हावड़ा की व्यस्त सड़कों में से एक ग्रांड ट्रंक रोड (जी.टी रोड) है, जो दक्षिण एशिया की सबसे पुरानी और सबसे लंबी प्रमुख सड़कों में से एक है, यह भी सड़क सुनसान सा दिखता रहा , कहीं गाड़ी नज़र ही नहीं , यहां तक की आदमी भी नहीं ,जगह जगह पुलिस कर्मियों ही नज़र आते रहे, रवीन्द्र सेतु , हावड़ा ब्रीज पर भी कड़ी शासन रहा, आपातकालीन स्थिति में ही किसी को आने जाने देता रहा, इस तरह पूरे बंगाल में  लॉकडाउन की स्थिति देखने को मिलता रहा ,

https://misternkdaduka.blogspot.com/2020/09/23.html?m=1

आज सोमवार , कविता :- 17(47) , 07/09/2020
कविता :- 9(19) हिन्दी :-19 Bn Ncc
कविता :-14(61) :-3 Bn Ncc
28-11-2018 बुधवार 00:19 (Intex)
10-05-2020 रविवार कविता :-16(27)

नमन 🙏 :- राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका, अंक -24 के लिए रचना --

कविता ------

-: 19 वीं बंगाल बटालियन सी.ए. टी. सी-15 की रचना !:-

मैं 31 एकतीसवीं बंगाल बटालियन एनसीसी कैडेट
रोशन कुमार झा किया टुकबन्दी भरी रचना ,
इसमें है उन्नीसवीं बंगाल बटालियन एन.सी.सी कैम्प
सी.ए. टी. सी-15 पन्द्रह में उपस्थित साहबों की संरचना !!

तो सुनिये ध्यान से ,
ज़िन्दगी है , संघर्ष करना सीखिये कला और विज्ञान से !!

गुरुजनों का नाम ले रहा हूं, छुटेंगी नहीं पाप कभी ,
कृपया ग़लती माफ़ कर दीजियेगा आप सभी !!

हंसाने-मुस्कुराने के लिए करते विभिन्न प्रकार के आईटिंग ,
वह है अपना मेहनती साहब कर्नल टी.के.सिंह !
है इनके पास बेहतर ज्ञान ,
कुछ बातों से एक नई राह दिखा दिये, सचमुच साहब
है आधुनिक भगवान !!

चलने नहीं देती किसी की मर्जी ,
हर पल,हर राहों पर सही की साथ देती अपना लेफ्टिनेंट
कर्नल मैडम (तनु श्री) टी बनर्जी !!

मस्त है अपना साहब (BHM) आर.बी. थापा सर जी ,
सभी के साथ समान व्यवहार करते,चाहे किसान हो या दर्जी !!

धीर-वीर गम्भीर तरीकों से करते समस्या हल ,
वह साहब जी है ,नरद मनी राय , सूबेदार मेजर (SM) !!

ना घोड़ा ,न गाड़ी, ना चाहिए कार ,
साहब जैसे मज़ाकी मिले नहीं, घूम लिये सारे बाज़ार !!

मस्त है अपना साहब सेना पुलिस सतीश कुमार ,
उत्तर इनके मुंह पर है, चाहे पूछो कहीं से सवाल !!

हंसाने-मुस्कुराने के लिए लेते मस्त उदाहरण ,
कभी राम बनते तो कभी बन जाते करण !!

हंसाते-हंसाते दे देते सज़ा ,
साहब के बातों में तो है एक अलग ही मज़ा !!

लम्बी चेहरा, मुस्कुराता हुआ गाल ,
वह है अपना साहब सेना पुलिस मोहना कुमार !!

उपचार के बारे में सही तरीकों से समझाये आर्मी
मेडिकल कोर के साहब एस.के.वर्मा ,
इन्होंने सीखाए किसी के उपचार धीर-वीर गम्भीर तरीकों
से करना, जैसे होते सूर्य,चन्द्रमा की परिक्रमा !!

कैम्प के दौरान हुआ हमें जबरदस्त नफ़ा ,
उस लाभदायक स्थल पर ले जाने में तन-मन से
साथ दिये साहब सी.बी.थप्पा !!

हंसके मुस्कुरा के ,
लिखने के लिए बार-बार प्रेरित किये बेण्ड
जैसी सज़ा दिखा के !!

हूं हिन्दुस्तान की संतान, भारत मेरी माई ,
देखें हो आप लोग नहीं न ,तो सुन लो बड़े सज्जन है साहब
सी.के .भाई !!

पीटी ड्रिल में ज़बरदस्त दिखाये आईटिंग ,
वह दिखाने वाले साहब रहे शिवाजी सिंह !!

बताने जा रहा हूं अब ,एस. एन.बोके साहब जी की वाणी ,
कभी तेज आवाज में तो कभी शांत होकर मस्त ज़बरदस्त
बताते है कहानी !!

मस्त है अपना साहब डी. बी.गुरूंग ,
इनके हर एक बात को गुलाब की तरह सूंघ !!

बनना सुगंध भरी फूल ,
हर राहों में साथ देने के लिए तैयार है साहब हवलदार
धन बहादुर !!

ज़िन्दगी में जो करना लेकर वफ़ा ,
इसके समर्थक हैं अपना साहब तेज बहादुर थप्पा !

मस्त है अपना हंसता मुस्कुराता हुआ
साहब डेन बदर मगर,
इनके जैसा कहीं नहीं मिलेंगे, घूम लो दिल्ली, मुम्बई,
कलकत्ता नगर !!

सुन ले ध्यान से, जो भी करना है खुद कर लें ,
इसके समर्थक हैं अपना साहब वीर बहादुर गले !!

साहब आनंद सर सभी को सही समय पर खिलाये खाना ,
सही तरीकों से एकत्रा -अनुशासन के पाठ ,साहब डी.बी .राना !!

एकता अनुशासन में रहकर, कैम्प के दौरान सीख लिए
आदर्श जिन्दगी जीने का ढंग ,
सीखाने वाले साहब रहे ,मंजन तमंग !!

ए. एन. ओ. साहब सुमतरा मित्रा है मस्त ,
दो-चार ही क्लास करवाये , समझाने का सुझाव है
इनका ज़बरदस्त !!

बीता दिये शांत, प्रशांत कैडेट कल्याण से कैम्प के सारे दिन ,
मस्त, ज़बरदस्त व्यवहार किये, कैम्प सीनियर स्वरूप,प्रिंस
,आदि रथीन !!

आभारी हूं तन-मन-धन से शिविर यानि कैम्प में साथ
दिये कैडेट्स, सीनियर, और भी साहब ,
चलो टुकबंदी कविता खत्म करते हैं अब !

✍️   रोशन कुमार झा
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी , कम्पनी - पांचवीं , नरसिंह दत्त कॉलेज , पंजीकृत संख्या :- WB17SDA112047
पश्चिम बंगाल और सिक्किम, निदेशालय
Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা ,

, कम्प
( Reg no :- WB17SDA112047 )
28-11-2018 बुधवार 00:19 (Intex) उत्तरपाड़ा
कविता:-9(19)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1598.html

कविता:- 16(21)   मैथिली  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
06-05-2020  बुधवार 07:07 , आज कविता :- 17(46)
06/09/2020 रविवार

माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान बोली विकास मंच को नमन 🙏 करते हुए , आप सभी गुरुजनों सह देवियों को सादर प्रणाम 🙏 , मैं रोशन कुमार झा , मधुबनी से अपनी स्वरचित कविता सुनाने जा रहें हैं, कविता मैथिली भाषा में वर्णित है, मैथिली भाषा उत्तर बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है । आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं  मेरा कविता का शीर्षक है ।

-: 🙏   आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं  !  🙏:-

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 06/09/2020

दिवस :- रविवार
भाषा :- मैथिली
-: 🙏   आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं  !  🙏:-

घर सऽ बाहर नैई आबू  ,
घर पर रैही कऽ कोरोना भगाबूं !
हम रोशन के विनीत अछि कि माधव के गुण गाबूं  ,
अखन घोरे पर रहूं अहाँ सभ भैया आर बाबू !

मिल कऽ सोब गोटा बदलाव लाबूं ,
एखन घोरे पर रहि कऽ , नैइ कमाबू !
एक नीक आदमी के फ़र्ज़ निभाबूं ,
कोरोना मुक्त मिथिला के साथ  कोरोना मुक्त भारत बनाबूं !!

केतक अछि अहाँ के क़ाबू ,
ओऽ सऽ अहाँ कोरोना भगाबूं !
घोरे पर रहि कऽ इअ महीना बीताबू ,
कोरोना के हरा कऽ अपन भारत जीताबू !!

दुख तक़लीफ़ सैह कऽ नीक दिन लाबू ,
केअ अपने लोगेन भईया आर बाबू !
बाहर जेअ के जे इच्छा अछि होअ दबाबू ,
कोरोना भगा कऽ फेर सँ ओहि दिन के सुख पाबू !!

✍️    रोशन कुमार झा
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
मो :- 6290640716
यह रचना मैथिली भाषा में रचित स्वरचित, मौलिक कविता है,
4 महीने पहले की कविता, वीडियो :- 2:15
77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah

इंक़लाब न्यूज़, मुंबई                  रोशन कुमार झा
08/09/2020 , मंगलवार

*शिक्षकों के सम्मान में साहित्य संगम संस्थान में ऑनलाइन वीडियो कवि सम्मेलन सम्पन्न*

नवीन कुमार भट्ट नीर - साहित्य संगम संस्थान दिल्ली के तत्वाधान में आयोजित शिक्षकों के सम्मान में 06/09/2020 को दोपहर 1 बजे से गूगल मीट पर ऑनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें आमंत्रित कवियों में पूणे महाराष्ट्र से आद० सोनी गौतम जी,बरेली उत्तर प्रदेश से आद० डॉ दीपा संजय दीप जी, लखनऊ उत्तर प्रदेश से डॉ० अर्चना वर्मा जी, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से आद० जयहिंद सिंह हिंद जी, जबलपुर मध्यप्रदेश से आद० छाया सक्सेना जी, भिवानी हरियाणा से आद० विनोद वर्मा जी, भिंड मध्यप्रदेश से मनोरमा जैन पाखी जी,मेदनीनगर झारखंड से आद० राम प्रवेश पंडित जी की उपस्थित हुए,प्रमोद पाण्डेय जी अयोध्या‌ से, असम से आद सुचि संदीप सुचिता जी नेटवर्क न रहने के कारण उपस्थित नहीं हो पाये। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आद० तेजराम नायक तेज जी रायगढ़ छत्तीसगढ़, विशिष्ट अतिथि आद० डॉ राकेश सक्सेना जी एटा उत्तर प्रदेश, कार्यक्रम के अध्यक्ष आद०राजवीर सिंह जी थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन आद० विनोद वर्मा दुर्गेश जी ने  बहुत ही बेहतरीन ढंग से किया। कार्यक्रम के शुभारंभ में मां वीणा वादिनी मां सरस्वती की वंदना डॉ अर्चना वर्मा के द्वारा सम्पन्न हुआ।  डॉ वर्मा ने आज के शिक्षकों के सम्मान में  काव्य पाठ पर मुक्तक के माध्यम से शुरुआत की जीवन के हैं वो दर्श दिखाये, शिक्षा से वो जाग्रति लाये।बने कुम्हार सांचे गढ़कर- शिष्यों को है दिशा दिखाये।आद डॉ दीपा संजय दीप नें अपनी पंक्ति "जब लक्ष्य दृष्टिगत हो जाए जब सम्यक मार्ग नज़र आए" ,राम प्रवेश पंडित ने बिना गुरु के जीवन क्या बिना नाव पतवार। पड़ा जीव मझधार में तू ही खेवनहार।अपनी प्रस्तुति दी,आद मनोरमा जैन पाखी ने अपनी पंक्तियों में "क्या लिखूँ उनके लिए ,जिन्होंने मुझे लिखा।आचरण से जिनके मुझे सदा नया पथ ही दिखा" आद जय हिन्द सिंह हिंद ने शिक्षकों के सम्मान पर काव्य पाठ कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए "गुरु की महिमा अनन्त है, करें कितना बखान ।बिन  गुरु  से  ज्ञान मिले, होता  नहीं  उत्थान ।।"आद छाया सक्सेना ने कुंडलिया के माध्यम से शिक्षकों के सम्मान में काव्य पाठ की गुरु उपकारों का  नहीं, होता कोई मोल ।मात पिता शिक्षक त्रयी, ये सब हैं  अनमोल ।। आद सोनी गौतम ने अपनी पंक्तियां निवेदित करते हुये कहा कि जिसका दूजा नाम समर्पण, शिक्षक वो कहलाते हैं।आद विनोद वर्मा दुर्गेश ने अपनी प्रस्तुति गुरू बिना जग में नहीं इक सच्चा खेवनहार जीवन-तरणी पार लगाए बनकर इक पतवार। आद राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि आज का कार्यक्रम बहुत ही अच्छा रहा।एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से मन आनंदित हुआ और ज्ञानवर्धन भी हुआ।आदरणीय नवीन भाई जी को धन्यवाद कहता हूं कि इस तरह के कार्यक्रम कराते ही रहते हैं।इनकी ये ऊर्जा माता शारदा हमेशा बनाए रखें।बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाइयां।,मैं  इस कार्यक्रम के संयोजक के कुशल नेतृत्व होने का अहो भाग्य मानता हूं की हिंदी के संस्थान पर शिक्षकों के सम्मान पर आज यह कवि सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें विभिन्न प्रांतों के कवियों के द्वारा काव्य पाठ किया गया,इस कार्यक्रम के  विशिष्ट अतिथि डॉ राकेश सक्सेना जी, मुख्य अतिथि तेजराम नायक तेज जी, कार्यक्रम के अध्यक्ष आद राजवीर सिंह की उपस्थिति में यह कार्यक्रम सफल पूर्वक सम्पन्न हुआ, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आद तेजराम नायक तेज ने कहा कि साहित्य संगम संस्थान का यह अभिनव पहल जिसमें शिक्षकों के सम्मान पर ऑनलाइन कार्यक्रम रखा गया निश्चित तौर पर बहुत ही अच्छा और सराहनीय कार्यक्रम रहा।

"माताओं से जन्म मिलता,
पिता रखते सुरक्षा का ध्यान।
पर सत्य धर्म पर चलने का,
गुरु ही देते हैं हमको ज्ञान।।
गुरु की महत्ता है महान।"

गुरु की महत्ता को शब्दों में बखान कर पाना सम्भव न है पर गुरु के सम्मान में अपने भाव पुष्प मुक्त कंठ से साहित्य संगम संस्थान के सदस्यों द्वारा समर्पित किया गया। इस हेतु मैं सभी को बधाई प्रेषित करता हूँ। इस अभिनव पहल के लिये आ0 अनुज नवीन कुमार भट्ट नीर जी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं साधुवाद......, विशिष्ट अतिथि आद डॉ सक्सेना ने कहा कि श्रेष्ठ समाज तथा राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की सदैव से अहम् भूमिका रही है क्योंकि शिक्षक न केवल शिक्षण का कार्य करता है अपितु अपने आचरण व व्यवहार से समाज को दिशा देने का कार्य करता है ।
गुरु- सद्गुरु या फिर कहूँ,
      शिक्षक या आचार्य ।
भिन्न तत्व पर एक हैं,
       चारों ही के कार्य ।।
- डॉ0 राकेश सक्सेना
,,,,, अध्यक्ष महोदय जी द्वारा कार्यक्रम की सफलता कामना करते हुए आयोजन, संचालन,एवं विभिन्न प्रांतों के संस्थान द्वारा  ऐसे आयोजन होते रहें यह कार्यक्रम का विशेष धन्यवाद नीर को साथ ही साथ ही उपस्थित विभिन्न प्रांतों के कवियों कवित्रियों एव  ,आद विनोद वर्मा दुर्गेश जी का इस कार्यक्रम की तरफ से सादर आभार वंदन आप का परस्पर सहयोग से ही यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है,सभी को एक डोर में बांधकर एकता की मिसाल पेस की,एकता की भावना जागृत होती है गुरूयो के द्वारा नई नई शिक्षा प्रदत्त की जाति है,सबको एक समान व्यवहार रखना गुरू का ध्येय होता है,उनके लिये कोई छोटा बड़ा नहीं होता समान शिक्षा समान आचरण सूत्र अपनाकर अग्रणी होते है।इस भव्य कवि सम्मेलन  शिक्षकों के सम्मान में एक से एक प्रस्तुति आई।इस कार्यक्रम में उपस्थित विद्व मनीषियों में मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ भावना दीक्षित जबलपुर,संगीता जैन असम आदि थे।

[06/09, 19:32] साहित्य संस्थान बोली मंच: हम भेजते हैं
[06/09, 19:32] साहित्य संस्थान बोली मंच: आप शायद फेसबुक लाईट का ऐप् रखें होगे , +91 76973 25028
[07/09, 15:43] R: ओह
[07/09, 16:38] R: आपका बहुत बहुत धन्यवाद सह सादर आभार 🙏 आप हमारा मार्गदर्शन करवाये , हां पहले लाईट ही था , अब फेसबुक डाउनलोड कर लिए
[07/09, 17:44] साहित्य संस्थान बोली मंच: जी
[07/09, 18:31] R: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
[07/09, 18:32] R: इंक़लाब न्यूज़ में प्रकाशित करवां दे क्या
[07/09, 18:48] साहित्य संस्थान बोली मंच: जी, जहां तक पहुंचा सकें
[07/09, 18:58] R: ठीक है श्रीमान जी 🙏
आज लाइट हटाकर फेसबुक डाउनलोड किए, आज लॉक डाउन में रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम में आएं अकेले ,

[07/09, 08:40] Mintu Jii: Hi , +91 6203 405 241
[07/09, 17:23] Mintu Jii: Hi
[07/09, 18:32] R: Boliy bhajhi
[07/09, 18:38] Mintu Jii: Kaha rahte ho aajkal
[07/09, 18:58] R: काम में
[07/09, 18:58] R: आप कैसे हैं
[07/09, 18:59] Mintu Jii: Thik hi
[07/09, 18:59] Mintu Jii: Ghar kab jate
[07/09, 19:08] R: Lockdown hai
[07/09, 19:08] R
: Avi factory me hi rahte hai bhaiya jii ,

गौतम बात करवाया , फोन पर शपथ देकर

कविता  :-  14(89)
✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-:  नव वर्ष हमारा पर्व नहीं   !:-

मैं रोशन मुझे अपने घर गर्व नहीं ,
मनाने की सब्र नहीं !
नव वर्ष पर मेरा कोई संदर्भ नहीं ,
क्योंकि ये अपना पर्व नहीं !!

चल रही है ठंडी-ठंडी है गर्म हवा नहीं ,
सूर्य बिना खिली हुई फूल सूर्यमुखी जवा नहीं !
मानव तो मानव जीव-जंतु भी दबे हैं , ठंड से
बचने के लिए कोई दवा नहीं ,
तब कैसे मनाऊं नव वर्ष, नया साल मनाने के लिए लगी
हुई कहीं सभा नहीं !!

पुरानी पत्ती ,अभी खिला सा वन नहीं ,
पौष माघ अभी बसंत और सावन नहीं !
आग नहीं तो बिस्तर, उसके बाहर मां बहन नहीं ,
क्यों मनाऊं, मनाने की मन नहीं ,
क्योंकि ये नव वर्ष अपना पावन नहीं !!

घर से निकलने वाली शाम नहीं ,
घर के अंदर कोई काम नहीं !
पेट के लिए निकलना ही होगा , ठंड से विश्राम नहीं ,
सच में नव वर्ष को मेरी ओर से प्रणाम नहीं !!

अभी जाने दो समय की गति ,
नव वर्ष मनाएंगे अभी नहीं , खिलने दो नव पत्ती !
आने दो बसंत , लेकर आ रही है मां सरस्वती ,
तब मनाएंगे नव वर्ष जलाकर दिया और मोमबत्ती !!

नव वर्ष मनाएंगे पहले चलें ,तो जाये ठंड की
पकवान चौखा लिट्टी !!
केक नहीं बनाएंगे जलेबी वह भी मीठी-मीठी ,
है अपना ये हिन्दुस्तान ,विद्यापति, कबीर,दिनकर की मिट्टी,
उस पर नव वर्ष मनाएंगे, अभी नहीं, आने दो अपना तिथि !!

अभी काफी ठंड है , ठंड की कोई दण्ड नहीं ,
पूजा पाठ करने के लिए कैसे नहाऊ ,गर्म जल की प्रबंध नहीं !
बढ़ते ही जाते ठंड, ठंड की गति मंद नहीं ,
कैसे मनाऊं नव वर्ष, नव वर्ष मनाने की कोई सुगंध नहीं !!

ठंड में यानि आज नहीं ,
कोयल की मीठी आवाज नहीं !
शीत के कारण समय कैसे बीती अंदाज नहीं ,
तब कैसे मनाऊं नव वर्ष,ये हमारा रीति रिवाज नहीं !!

कुहासा में नया साल मनाना ,अपनी कर्त्तव्य नहीं ,
वह भी अब नहीं !
नव वर्ष पर हमें गर्व नहीं ,
है अपना ये पर्व नहीं !!

                  🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
08-01-2020 बुधवार 08:47 मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
03-05-2020 रविवार कविता:-16(15)
आज सोमवार , कविता :- 17(47) , 07/09/2020

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पहल पुस्तक फोटो भेजें , पृष्ठ :- 40,आ. गजेन्द्र सिंह जी
+91 86908 27101
कविता :-16(29) मौन हूं अनभिज्ञ नहीं ,
कविता :- 15(04) लेखक एक सदी
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कविता :- 16(64) व्यायाम
कविता :- 14(89) नव वर्ष हमारा पर्व नहीं



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