कविता :- 17(99), 17(98),17(97),17(96) , हिन्दी
कविता :- 17(99), 17(98), 17(97), 17(96), हिन्दी
नमन 🙏:- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 30/10/2020
दिवस :- शुक्रवार
विषय :- कश्ती
विधा :- स्वैच्छिक
विषय प्रदाता :- आ.कुमार रोहित रोज़ जी
विषय प्रवर्तक :- आ. स्वाति पाण्डेय जी
दिल तोड़ी , आज फिर क्यों हंसती है ,
मेरे अंदर झांक कर तो देख ,
हमेशा तू ही बसती है ।।
पता है अब न मेरे जीवन में
मस्ती है ,
डूबा नहीं पार करने
वाला मेरा कश्ती है ।।
जिससे
पार किया हूँ ,
तुम्हारे तरह मैं न
हर एक दिल पर राज
किया हूँ ।।
दिल क्या
दिमाग़ का भी
इलाज किया हूं ।।
पता न मैं रोशन
आज क्या हूँ ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता,
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में काम, आज कोजगरा रहा, गये घर 77/R Mirpara Road Liluah Howrah
D.k , मोनू मिला लिलुआ में 18000 का फोन बात किया , नहीं देते 100 रुपया , फोन उठा लेते , जन्मदिन के लिए फोन किए रहें, फिर चल दिए ,
कविता :- 17(99)
साहित्य संगम संस्थान इसीलिए अनूठा संस्थान है कि यहां विविध कौशलों से युक्त स्वयंसेवी साहित्यकारों का संगम हो रहा है। अनुज रोशन जी द्वारा पहली बार ब्लॉग पर दैनिक रचनाओं का संकलन किया जा रहा है। हमारे साहित्य को एक और मंच मिला। अनुज रोशन को इस पुनीत कार्य के लिए कोटि-कोटि बधाई।, आ. राजवीर सिंह मंत्र जी
नमन 🙏 :-
दिनांक :- 29/10/2020
दिवस :- गुरुवार , कविता :- 17(98)
विषय :- पिता ,
विषय प्रदाता :- रोशन कुमार झा
विषय प्रवर्तन :- आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी
जो बीता सो बीता ,
पाल पोस बड़ा किए मेरे पिता ।।
आप के आशीर्वाद से ही जीता ,
तब यह जीवन है मीठा मीठा ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता,
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
सम्मान पत्र
[28/10, 19:24] स्वाति पाण्डेय दीदी: बेटियां श्रेष्ठ टिप्पणीकार : कलावती कर्वा जी
श्रेष्ठ रचनाकार:1 डाॅ रामकुमार झा जी , 24547
2 सुरेश मीणा जी 24548
3 श्वेता गुप्ता जी 24549
[29/10, 09:28] स्वाति पाण्डेय दीदी: 28/10/2020
गौ माता विषय
श्रेष्ठ रचनाकार
1) कुमार रोहित 'रोज़' 24551
2)सुखमिला अग्रवाल , 24552
3)राजीव रंजन वर्मा ,24553
श्रेष्ठ टिप्पणीकार:
रोशन कुमार झा , 24554
1)कलावती कर्वा जी
दो दिन है न
1)बेटियाँ वाले दिन: स्वाति जैसलमेरीया जी , 24550
2) गौरा माता वाले में रोशन भाई का नाम
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
विषय :- पिता
विधा :- कविता
हम रोशन , आप पिता मेरे भगवान है ,
हमेशा आपकी सेवा करूं , यही हमारा ध्यान है ।
आपकी पूजा पाठ से ही , हमारा मान सम्मान है ,
हम पुत्र आपके धनुष तो पिता आप बाण है ।
साईकिल रिक्शा, रेल और विमान है ,
बढ़ता हुआ कला और विज्ञान है ,
आप ही मेरे आन - वान और शान है ।
आप ही बोये बीज तब हम आज चमकता हुआ धान है ।।
दुनिया तंग पर हम न परेशान है ,
ये पिता जी आपकी एहसान है ।
तब हमारे पास कुछ ज्ञान है ,
जिससे ज़िन्दगी जीने की अभियान है ।
बाद में रामायण, महाभारत, गीता, बाइबल और कुरान है ,
सच में पिता जी माँ के बाद आप ही मेरा भगवान है ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता,
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
29/10/2020, गुरुवार,
02/07/2020 गुरुवार कविता :- 16(80)
विषय :- पिता
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
विषय :- गौ माता
विधा :- कविता
गौ हमारी माता हम उनके संतान ,
यही तो है हम हिन्दुस्तानियों का पहचान ।
गौ माता में है विभिन्न देवी देवताओं का स्थान ,
करों गाय की पूजा , बढ़ाओं गौ माता की मान ।।
गाय की सेवा करों , जैसे करते किसान ,
गाय को पूजने वाला ये देश है हिन्दुस्तान ।।
गाय ही लक्ष्मी रूप करूं इनकी बखान ,
चलों गाय माता की सेवा पर करते हैं ध्यान ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता,
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
मो :- 6290640716, कविता:- 17(97)
बुधवार , 28/10/2020
मां सरस्वती आप सभी गुरुजनों, देवियों का आशीर्वाद, अपना प्रमाण पत्र पर भी अपना हस्ताक्षर
दिनांक :- 27/10/2020
दिवस :- मंगलवार
कुछ पाया कुछ गंवाया ,
तब ही तो मैं आया ।।
मुझे ईश्वर ने बनाया ,
राह पर तब चले , जब
पिता जी चलाना सिखाया ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार, कविता :- 17(96)
मो :- 6290640716
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 27/10/2020
दिवस :- मंगलवार
विषय :- बेटियाँ
विषय प्रदाता :- आ. कलावती कर्वा जी
विषय प्रवर्तक :- आ. कुमार रोहित रोज़ जी
तुम्हारा और मेरा न, यह बेटियां हमारी है ,
पूजा करने योग्य सरस्वती, दुर्गा वही काली है !
कल भी , आज भी और भविष्य की भी वही लाली है ,
तो हे ! दुनिया वालों सहयोग करो ,वह बेटियां नारी है !
पढ़ने दो , बढ़ने दो जब तक वह कुँवारी है ,
जब-जब आपद आई है , तब-तब बेटियां ही संभाली है !
भंयकर रूप धारी है !
रानी लक्ष्मीबाई बनकर, बेटियां ही दुष्ट को मारी है ,
गर्व है हमें हर एक बेटियां पर ,
वह तेरी मेरी नहीं , वह बेटियां हमारी हैं !!
उसे स्वतंत्र रहने दो , उसी के लिए धरती की हरियाली है ,
बेटियां से ही सुख-सुविधा सारी है !
वह बिहारी न बंगाली वह दुनिया वाली है ,
इज़्ज़त करो यारों , वह बेटियां नारी है !!
बेटियां ही लक्ष्मी उसी से होली,ईद और दीवाली है ,
अभी जो कोरोना जैसी महामारी है !
उससे भी लड़ने के लिए बेटियां तैयारी है ,
हम रोशन बेटियां की रक्षा के लिए,
आप सभी पाठकों के समक्ष बनें भिखारी है ,
मेरी भिक्षा यही है , कि बेटियां की इज़्ज़त करो
वह तेरी मेरी नहीं वह बेटियां हमारी हैं !!
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
कविता :- 16(49) आज कविता :-16(82) शनिवार
04/07/2020
नमन 🙏 :- काव्य कलश मंच
शब्द सुगंध क्रमांक :- 9
तिथि :- 01-06-2020
दिवस :- सोमवार
विषय :- बेटियाँ
विधा :- कविता
-: वह बेटियां नारी है !:-
+919455684868 कुमुद श्रीवास्तव जी क्रमांक
[27/10, 21:01] R: नमस्ते 🙏 , मैं रोशन कुमार झा साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव, हमें सम्मान पत्र के लिए क्रमांक चाहिए बंगाल इकाई के लिए
[27/10, 21:12] अविचल: जी दे रही
[27/10, 21:14] अविचल: आप 24,5001 to 25000 tk ले लीजिए🌹🌹🌹
[27/10, 21:14] R: ठीक है 👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏
[27/10, 21:16] R: 24501
[27/10, 21:16] अविचल: 24501 to 25000 tk🌹🌹🌹, ये सही है 👍
[27/10, 21:16] अविचल: हां 🙏
[27/10, 21:16] R: ठीक है 👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏
विश्व साहित्य संस्थान
दिनांक :- 28/10/2020
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