कविता :- 16(74), इंक़लाब ऑनलाइन पत्रिका

कविता :- 16(74)

तिथि :- 26-06-2020
दिवस :- शुक्रवार
विषय :- परिवार
विधा :- कविता

हम रोशन है ,
यूं ही प्रसन्न है ।
कर्म, व मीठी वचन है ,
पूजा पाठ के बिना कहां ईश्वर के दर्शन है ।

जिसका जो लक्षण है ,
जीवन ही कुछ क्षण है,
कम नहीं, कमाना ज्यादा धन है,
पता न किसका कैसा तन मन है ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता  भारत
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
मो:-6290640716


नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान  :-

मौन हूँ अनभिज्ञ नहीं  !:-

मौन हूँ , तो मैं अनजान नहीं ,
चुप हूँ, तो क्या मेरा पहचान नहीं ।
कोरोना तेरे कारण खुला हुआ बाज़ार 
और दुकान नहीं ,
तू कोरोना जायेगा, तुम से डरने वाला 
हमारा हिन्दुस्तान नहीं ।

प्रेम है , अभिमान नहीं ,
व्यर्थ हमारा ज्ञान नहीं ।
पीछे हटा मेरा कला और विज्ञान नहीं ,
तू जायेगा कोरोना 
इसलिए मौन हूं , पर अज्ञान नहीं ।

हूं हम रोशन बेरोज़गार पर चीन तुम्हारे जैसा 
हम भारतीय बेईमान नहीं ,
मार - काट करने पर हमारा ध्यान नहीं ,
तू क्या समझा कोरोना , 
तुम्हारे भगाने के लिए कोई विद्वान नहीं ।।

बन रही है सुझाव चुपके से , अभी कहीं भान नहीं ,
इसलिए मौन हूं , तो क्या मेरे होंठों पर मुस्कान नहीं ।
बंद है भारत दुनिया के साथ तो क्या हुआ 
तू कोरोना महान नहीं ,
कष्ट दूर करेंगे प्रभु , तू क्या समझा हम मानव के 
लिए भगवान नहीं ।

              रोशन कुमार झा    
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार

यह रचना हमारा मौलिक व स्वरचित है, और इसे साहित्य संगम संस्थान से आयोजित ई - पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति देता हूँ ।।

नमन 🙏 :- कलम बोलती है साहित्य समूह
तिथि :- 26-06-2020
दिवस :- शुक्रवार
विषय :- परिवार
विधा :- कविता
संचालक :- आ. कुसुम त्रिवेदी जी

-: हमारा घर परिवार । :-

जो है सो हमारा घर परिवार है ,
तब हमारे लिए गांव शहर बाज़ार हैं ।
तब जनता और सरकार है ,
क्योंकि हर से बोध करवाने वाला घर परिवार है !

परिवार ही पास - पड़ोस से करवाया परिचय ,
तब कही हटा हम रोशन से भय
फिर दिखाये विद्यालय,
तब विद्यालय से देखें हम कॉलेज व विश्वविद्यालय ।।

घर परिवार से बेहद प्यार है ,
घर-परिवार के बाद ही हमें कुछ स्वीकार है ।
तब कहीं दोस्त यार है ,
स्वर्ग से भी सुन्दर अपना घर परिवार है  ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता  भारत
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
मो:-6290640716
89 पर चयनित जून के लिए :-102 में 26/05/2020
कविता :- 16(43) मंगलवार

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान  :-

कोरोना चालिसा।   

जय कोरोना जब तोहर वृहान में जन्म खून जागल ,
जय दो हजार बीस , उन्नीस के असर बीस में 
विश्व लोक के लागल !

चीन दूत कोरोना धामा ,
चाईना पुत्र कोविड-19 नामा !

सर्दी जुखाम क्रम-क्रम रंगी ,
समझ जाओ ये है कोरोना के संगी !

लक्षण मरण समाज में ऐसा,
दिन रात न यह बढ़े हमेशा !

हाथ ब्रज , मिथिला, मथुरा भारत में थाली बाजे ,
करें ब्रहामण जनेऊ से प्रार्थना कहीं न ये कोरोना
महामारी बीमारी विराजे ! 

अंक्ल जन माक्स लगाकर हुए चाची के बंधन,
तेज प्रताप से कोरोना कर रहे हैं विश्व को खण्डन !

विद्यावान मुनि,कवि, विज्ञान अति बहादुर ,
करें न कोई राहुल,अरूण नेता ऐसी भूल !

चलें समाचार सुनने प्रधानमंत्री मोदी जी न्यूज
पर अमेरिका रसिया,
कोरोना तो हर कहीं हो चुके है बसिया !  

छप्पन इंच छाती बड़ा काज दिखावा ,
अमेरिका के धमकी से न, मानवता के कारण दिये दावा !

भीम रूप कलि, फूल सहारे ,
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा देकर नमस्ते
ट्रम्प के काज संवारे !  

लाया सा दवा उससे भारत विश्व जियावे ,
तब जग भारत पर फूल बरसावे !

हिन्दुस्तान की गति बहुत बड़ाई ,
तुम चीन सच में दुष्ट है भाई !

सार्क के देश तुम्हारे विरोध में आवें ,
विश्व अंदाज किये है अब तुम्हारे अंत लगावे !

आज़ादी, गांधीवादी पर चले हमारी दिशा ,
पर अब तुम विश्व सम्मेलन में लेना न मित्र हिस्सा !

तुम्हारे यम कोरोना काल जहां ते ,
हम जनता घर में कर्फ्यू लगे वहां थे ! 

तुम हम भारतीयों का उपकार कभी न चिन्हा ,
तुम दुष्ट चीन हमेशा दुख ही दिन्हा !

तुम्हारे मंत्र हम क्या ?  विश्व न माना ,
हम हमारी भारतीयों के कर्मों से विश्व गुरु कहे जमाना !

तब तुम्हें हम कैसे अपना मानूं ,
तबाह है सभी मुख्यमंत्री ममता, नीतीश कुमार
भगाना है कोरोना ये विचार मैं भी ठानू !

पायें न कोई सुख राही ,
क्योंकि कोरोना रूकने पर तैयार नाहीं !

दुख भरी काज तुम जगत के देते ,
कौन ? तुम दुष्ट चीन के बेटे ! 

राम सहारे हम भारतीय दिया जलाकर किये और
करें विश्व के रखवाले ,
हे दुष्ट चीन तू अभी कमा रे ! 

हम तो हम तुम्हें भी है मरना ,
अपनाया तो सनातन धर्म तुम्हें भी है जलना !

तुम्हारे कारण विश्व तापें ,
तुम पर मंडरा रही है सारी पापे !

दुष्ट कोरोना अब निकट न आवे ,
कब ? जब भारत अपना लांकडाउन हटावे !

हंसे मुस्कुराये गांव घर और सब जिला ,
करेंगे भारत मां की पूजा चढ़ायेंगे फल फूल निर्मल
जल और खीरा ! 

विश्व से संकट घड़ी भारत हटावे ,
जब कोई भारत के चरण में आवे !

आदर्श राजन मोदी राजा ,
खूब ठीक तनु वक्ष स्थल से योगी अंदाजा ! 

और दुख जो कोई लावे ,
उसे भारत मां के भारत स्काउट गाइड, सेंट जांन एम्बूलेंस,
एन.सी.सी, और एन.एस.एस के पुत्र ही मिटावे !

हे चीन संकट फैलाना कर्म तुम्हारा ,
है दुनिया को बचाना धर्म हमारा ! 

साधु संत के हम रखवाले ,
तुम्हारे तो सोच ही है काले !

दुख दिया मिटेंगे विधाता ,
हंस-हंस कर दर्द सहे है हमारी भारत माता !

कौन ? रखेंगे तुम पर आशा ,
छल कपट से बढ़ा तू चीन यही है तुम्हारी परिभाषा !

तुम्हारे कर्म विश्व को पावे ,
विश्व सोचा अब तुम्हें हटावे ! 

अंत काल तू (UNO)  यूं.एन.ओ पुर जाई ,
वहां कोई साथ देंगे न ए चीनी भाई !

और चीन अब चिंता मत करिए ,
दुनिया को मारे अब आप भी मरिये !

लांकडाउन हटें मिटे सब पीरा ,
कष्ट से तड़फे न कोई राज्य और जिला !

जय-जय कोरोना कसाई ,
लाट मार कर अब विश्व तुम्हें भगाई !

जो सट कर बात करें न कोई,. 
हटी इमरजेंसी,छुटी लांकडाउन, विश्व में महासुख होई !

जो यह जब जब पढ़ें कोरोना चालिसा ,
तब तब चीन को मिलें गाली जैसी भिक्षा !

तुलसीदास सदा गुरु , हम रोशन कुमार उनका चेला ,
कोरोना को दूर कीजो नाथ , यही है ह्रदय से विनती मेरा !
  

              रोशन कुमार झा    
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
नाम :-   रोशन कुमार झा
जन्मतिथि :- 13/06/1999
कार्य :- बी.ए की छात्र, एन.सी.सी, एन.एस.एस, सेंट जॉन एम्बुलेंस, भारत स्काउट गाइड के सदस्य ।
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
ई - मेल :- Roshanjha9997@gmail. com

यह रचना हमारा मौलिक व स्वरचित है, और इसे साहित्य संगम संस्थान से आयोजित ई - पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति देता हूँ ।।:-15(85)

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिनांक :- 25/06/2020
दिवस :- गरूवार
विधा :- कविता :- 16(73)
भाषा :- हिन्दी
विषय :- विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1,  2020 प्रकाशित :-

गुरु अमिताभ, आशीष, ज्योति सह समस्त रचनाकारों, पाठकों के साथ हम रोशन का हुआ जीत ,
गुरूदेव की पूजा करते आज का दिन गये बीत  ।
तब कैसे हो आप सभी, पढ़ लेना मेरे प्यारे मित्र ,
क्योंकि आज विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1,  2020 हो चुके है प्रकाशित

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1,  2020

जय माँ सरस्वती,      ऊँ श्री हनुमते नमः,     श्री गणेशाय नमः

                              विषय सूची

क्रमांक             नाम                                       पृष्ठ संख्या
1.           अमिताभ सिंह ( गुरु जी )               4,   4(C)
2.           आशीष कुमार झा                          4,  4(B)
3.            रोबीन कुमार झा                            4      (A)
4.           ज्योति झा                                      5
5.            पूजा गुप्ता                                     9
6.            रोशन झा                                       10
7.           प्रवीण झा                                       11
8.          मृत्युंजय एम झा                                13
9.         चुनचुन गिरि                                      14
10.       উজ্জল পন্ডিত ,                              15
             उज्जल पण्डित ,Ujjal Pandit          16            
11.         अभिषेक भूपेश झा                          17
12          रोशन कुमार झा                              18

             प्रकाशित :- 25/06/2020 ,गुरूवार

मुख्य संचालक :- अमिताभ सिंह ( गुरु जी )
आशीष कुमार झा , ज्योति झा

सह संचालक :- सेवक - रोशन कुमार झा

                                        पृष्ठ :- 3(A)

------------------------------------------------------------------

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान

विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1,  2020

जय माँ सरस्वती,      ऊँ श्री हनुमते नमः,     श्री गणेशाय नमः

                                 मुख्य - संचालक :-
                           अमिताभ सिंह, ( गुरु जी )
                             आशीष कुमार झा,
                               ज्योति झा
सह संचालक :-
सेवक :- रोशन कुमार झा

हर कहीं आपके साथ है :-
                        विश्व साहित्य संस्थान की बात है ।

instagram., WhatsApp, Facebook , Twitter,
Blogger, पर अपना मंच :-

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/blog-post.html

Gmail :- vishshahity20@gmail.com

कुल  पृष्ठ :- 32                                       पृष्ठ :- 26
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1673-nss-1.html
https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn/#p=5
https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn/

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/blog-post.html

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/2.html

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/3.html

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/4.html

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/5.html

मौलिकता प्रमाण पत्र :- यह हमारी स्वरचित कविता है, इसे इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका सागर यादव ज़ख़्मी जी के संपादन में भारत के प्रतिभाशाली कवि एवं कवियत्री साझा काव्य संग्रह ई - बुक प्रकाशन में प्रकाशित करवाने के लिए प्रस्तुत किये है ।:-
नमन 🙏 :- इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका
विषय :- स्वदेशी
विधा :- कविता :-16(74)
आज :- शुक्रवार , 26/06/2020

-:  विदेशी वस्तु हमें स्वीकार नहीं  :-

कौन कहा हम भारतीय होशियार नहीं ,
करना हमें देशी की बहिष्कार नहीं ।
विदेशी वस्तु हमें स्वीकार नहीं ,
ऐसा मत कहो कि हम रोशन को दुनिया से प्यार नहीं ।।

चांदी हो या सोना ,
ईद, दिवाली ,काली पूजा तो है ही होना ‌।
उसमें बच्चों के लिए लेंगे अपना देश की बनी हुई
मिट्टी की खिलौना ,
क्योंकि विदेश से ही आये है ये विदेशी बीमारी कोरोना ।।

हो गया सवेरा, अब चाहिए अंधकार नहीं ,
जो गया अंधेरा, उसका अब हमें इंतजार नहीं ।
हाई, हेलो जो करते है उसके कहने के लिए
क्या नमस्कार नहीं ,
सच कहो तो हमें विदेशी वस्तु स्वीकार नहीं ।।

जिस पर हमारे मजदूरों भाईयों का कोई अधिकार नहीं ,
उस समान को लेना हमारा संस्कार नहीं ।।
रखें है  " शीर्षक स्वदेशी अगल न लिखते तो हम एक सच्चा रचनाकार नहीं,
अपनाना है स्वदेशी, विदेशी वस्तु हमें स्वीकार नहीं ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो :-6290640716 कविता :-16(32)
15/05/2020

विधा :-  कविता
भाषा :- हिन्दी
शीर्षक :-  संपादक

चला हूं हम रोशन और चलाया हूं वह पथ ,
साहित्य सेवा करने से , ज़्यादा
साहित्य सेवा करवाने में है दिक्क़त ।
जिनके रचना प्रकाशित करो , वे करेंगे इज़्ज़त ,
कुछ गलतियों के कारण रचना न करो प्रकाशित
तो वही रचनाकार कह बैठते वह संपादक ही है ग़लत ।।

बहुत कठिन है , जो काम करते संपादक ,
कर्म करते सेठ न , बनकर सेवक  ।
बिना पूजा पाठ के ही बनाते छोटे से बड़े लेखक ,
वही बेचारा संपादक कभी मीठी-मीठी बातें
तो कभी गाली सुनता बेशक ।।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
24/06/2020 बुधवार :-16(72)
25/06/2020 गुरुवार कविता :- 16(73)

परिचय -

अपना नाम :- रोशन कुमार झा
जन्म तिथि :- 13/06/1999, मोबाइल नम्बर :- 6290640716
पिता :- श्री श्रीष्टु झा , पता :- ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार :- 847222
ईमेल :- Roshanjha9997@gmail. com.

कार्य :-
विगत तीन वर्ष से 11 व 12 वीं कक्षा के (विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं को "हिन्दी विषय" व कला विभाग के समस्त
विषयों को निःशुल्क पढ़ाते आ रहे हैं ,संग - संग 31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ,कम्पनी -5,
पंजीकृत संख्या - WB17SDA112047, विश्व साहित्य संस्थान, सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय,
नरसिंहा दत्त कॉलेज सेंट जॉन एम्बुलेंस , ( प्राथमिक उपचार ) द भारत स्काउट और गाइड ,पूर्व रेलवे हावड़ा जिला वेरियांग स्काउट और गुलमर्ग गाइड बामनगाछी समूह,रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा ।

प्रकाशित रचनाएँ :- कविताएँ,नाटक,संस्मरण,हाइकु,ग़ज़ल, आलेख,गीत,यात्रा वृत्तांत आदि ,विभिन्न पत्र पत्रिका, में  हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली, भोजपुरी, मैथिली भाषा  में प्रकाशित ।

प्राप्त सम्मान :-

2015 :- हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कूल घुसड़ी से 10 वीं कक्षा में हिन्दी में सर्वाधिक अंक लाने पर सन्मार्ग समाचार पत्र के रामवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार से हमें सम्मानित किया गया, 2017 :- वही सलकिया विक्रम विद्यालय से 12 वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन पश्चिम बंगाल पुरुस्कार से सम्मानित हुए,पीएमकेवीवाई, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना,से प्राप्त प्रमाण पत्र , वही रचनात्मक क्षेत्र में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से कविता लिखकर कलकत्ता विश्वविद्यालय व श्री शिक्षायतन कॉलेज से प्रमाण पत्र हासिल किये , (2020) वर्तमान अंकुर, साहित्य संगम संस्थान, विश्व साहित्य संस्थान से रचनाकर के रूप में प्रमाण पत्र हासिल किये है । दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन साहित्य संगम संस्थान उत्तर प्रदेश इकाई से प्राप्त काव्य साधक सम्मान पत्र,मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य से आयोजित विषय सैनिक पर बेहतरीन काव्य सृजन के लिए कीर्तिमान साहित्य से सम्मानित किया गया, इंक़लाब ऑनलाइन पत्रिका में सत्य का दर्पण लघुकथा प्रकाशित होने पर 'सत्य सारथी, "हिन्दी काव्य रत्न " सम्मान पत्र से सम्मानित हुए,ऑल पोएट्री से गोल्ड मेंबर की उपाधि प्राप्त किये ,तब से आज तक साहित्य की सेवा तन-मन से कर रहे है, और करते रहेंगे ।
Scouts फोटो चयनित हुए 26/06/2020

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिवस :- बुधवार , की रचनाएं  :-
http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/5.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1672.html

साईकिल ताला 75 में आज Nss मीटिंग रहा
श्रीमान जी को सादर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐 प्रणाम सह शुभप्रभात ।
रोशन कुमार झा
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, राष्ट्रीय सेवा योजना, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा,
Roshan Kumar Jha
Ramakrishna College Madhubani, NSS, LNMU
Officer :- Dr Rahul Manhal sir आज Zoom पर मीटिंग रहा, 11:00 से

आज गुरुवार 25/06/2020
https://www.instagram.com/p/CB2LKKenTTA/?igshid=mk6r3l9oa1fj
विश्व साहित्य संस्थान इंस्टाग्राम 6290640716
P:- Roshan 20
सर ग्रुप छोड़ दिए, हम लिखें रहें :- फिर हम छोड़े
[25/06, 21:02] R: गुरु जी अमिताभ सिंह जी से प्रार्थना है कि वे मंच पर आकर विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1,  2020, को प्रकाशित करें । धन्यवाद सह सादर प्रणाम गुरु जी को 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
[25/06, 21:05] R: उसके बाद आशीष जी सह ज्योति जी से निवेदन है कि वे ई बुक आते ही फेसबुक मंच पर प्रकाशित करें ।
[25/06, 21:09] R: हो गया प्रकाशित विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1,  2020, ज्योति जी को बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने पृष्ठ - 2(A) व (B) तैयार करके दी बहुत बहुत धन्यवाद ज्योति जी 🙏

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान, क्रमांक :- 6
दिनांक :- 25/06/2020 , दिवस :- वृहस्पतिवार
विश्व साहित्य संस्थान , ई - पुस्तिका ,जून अंक :-1,  2020
प्रकाशित :-
विश्व साहित्य संस्थान
http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/6.html
https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn/
https://online.fliphtml5.com/szppo/gfsn/#p=5
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1673-nss-1.html
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान  :-

कोरोना चालिसा।   

जय कोरोना जब तोहर वृहान में जन्म खून जागल ,
जय दो हजार बीस , उन्नीस के असर बीस में 
विश्व लोक के लागल !

चीन दूत कोरोना धामा ,
चाईना पुत्र कोविड-19 नामा !

सर्दी जुखाम क्रम-क्रम रंगी ,
समझ जाओ ये है कोरोना के संगी !

लक्षण मरण समाज में ऐसा,
दिन रात न यह बढ़े हमेशा !

हाथ ब्रज , मिथिला, मथुरा भारत में थाली बाजे ,
करें ब्रहामण जनेऊ से प्रार्थना कहीं न ये कोरोना
महामारी बीमारी विराजे ! 

अंक्ल जन माक्स लगाकर हुए चाची के बंधन,
तेज प्रताप से कोरोना कर रहे हैं विश्व को खण्डन !

विद्यावान मुनि,कवि, विज्ञान अति बहादुर ,
करें न कोई राहुल,अरूण नेता ऐसी भूल !

चलें समाचार सुनने प्रधानमंत्री मोदी जी न्यूज
पर अमेरिका रसिया,
कोरोना तो हर कहीं हो चुके है बसिया !  

छप्पन इंच छाती बड़ा काज दिखावा ,
अमेरिका के धमकी से न, मानवता के कारण दिये दावा !

भीम रूप कलि, फूल सहारे ,
हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा देकर नमस्ते
ट्रम्प के काज संवारे !  

लाया सा दवा उससे भारत विश्व जियावे ,
तब जग भारत पर फूल बरसावे !

हिन्दुस्तान की गति बहुत बड़ाई ,
तुम चीन सच में दुष्ट है भाई !

सार्क के देश तुम्हारे विरोध में आवें ,
विश्व अंदाज किये है अब तुम्हारे अंत लगावे !

आज़ादी, गांधीवादी पर चले हमारी दिशा ,
पर अब तुम विश्व सम्मेलन में लेना न मित्र हिस्सा !

तुम्हारे यम कोरोना काल जहां ते ,
हम जनता घर में कर्फ्यू लगे वहां थे ! 

तुम हम भारतीयों का उपकार कभी न चिन्हा ,
तुम दुष्ट चीन हमेशा दुख ही दिन्हा !

तुम्हारे मंत्र हम क्या ?  विश्व न माना ,
हम हमारी भारतीयों के कर्मों से विश्व गुरु कहे जमाना !

तब तुम्हें हम कैसे अपना मानूं ,
तबाह है सभी मुख्यमंत्री ममता, नीतीश कुमार
भगाना है कोरोना ये विचार मैं भी ठानू !

पायें न कोई सुख राही ,
क्योंकि कोरोना रूकने पर तैयार नाहीं !

दुख भरी काज तुम जगत के देते ,
कौन ? तुम दुष्ट चीन के बेटे ! 

राम सहारे हम भारतीय दिया जलाकर किये और
करें विश्व के रखवाले ,
हे दुष्ट चीन तू अभी कमा रे ! 

हम तो हम तुम्हें भी है मरना ,
अपनाया तो सनातन धर्म तुम्हें भी है जलना !

तुम्हारे कारण विश्व तापें ,
तुम पर मंडरा रही है सारी पापे !

दुष्ट कोरोना अब निकट न आवे ,
कब ? जब भारत अपना लांकडाउन हटावे !

हंसे मुस्कुराये गांव घर और सब जिला ,
करेंगे भारत मां की पूजा चढ़ायेंगे फल फूल निर्मल
जल और खीरा ! 

विश्व से संकट घड़ी भारत हटावे ,
जब कोई भारत के चरण में आवे !

आदर्श राजन मोदी राजा ,
खूब ठीक तनु वक्ष स्थल से योगी अंदाजा ! 

और दुख जो कोई लावे ,
उसे भारत मां के भारत स्काउट गाइड, सेंट जांन एम्बूलेंस,
एन.सी.सी, और एन.एस.एस के पुत्र ही मिटावे !

हे चीन संकट फैलाना कर्म तुम्हारा ,
है दुनिया को बचाना धर्म हमारा ! 

साधु संत के हम रखवाले ,
तुम्हारे तो सोच ही है काले !

दुख दिया मिटेंगे विधाता ,
हंस-हंस कर दर्द सहे है हमारी भारत माता !

कौन ? रखेंगे तुम पर आशा ,
छल कपट से बढ़ा तू चीन यही है तुम्हारी परिभाषा !

तुम्हारे कर्म विश्व को पावे ,
विश्व सोचा अब तुम्हें हटावे ! 

अंत काल तू (UNO)  यूं.एन.ओ पुर जाई ,
वहां कोई साथ देंगे न ए चीनी भाई !

और चीन अब चिंता मत करिए ,
दुनिया को मारे अब आप भी मरिये !

लांकडाउन हटें मिटे सब पीरा ,
कष्ट से तड़फे न कोई राज्य और जिला !

जय-जय कोरोना कसाई ,
लाट मार कर अब विश्व तुम्हें भगाई !

जो सट कर बात करें न कोई,. 
हटी इमरजेंसी,छुटी लांकडाउन, विश्व में महासुख होई !

जो यह जब जब पढ़ें कोरोना चालिसा ,
तब तब चीन को मिलें गाली जैसी भिक्षा !

तुलसीदास सदा गुरु , हम रोशन कुमार उनका चेला ,
कोरोना को दूर कीजो नाथ , यही है ह्रदय से विनती मेरा !
  

              रोशन कुमार झा    
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
नाम :-   रोशन कुमार झा
जन्मतिथि :- 13/06/1999
कार्य :- बी.ए की छात्र, एन.सी.सी, एन.एस.एस, सेंट जॉन एम्बुलेंस, भारत स्काउट गाइड के सदस्य ।
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
ई - मेल :- Roshanjha9997@gmail. com

यह रचना हमारा मौलिक व स्वरचित है, और इसे साहित्य संगम संस्थान से आयोजित ई - पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति देता हूँ ।। :- 15(85)

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान  :-


कोरोना चालिसा।   


जय कोरोना जब तोहर वृहान में जन्म खून जागल ,

जय दो हजार बीस , उन्नीस के असर बीस में 

विश्व लोक के लागल !


चीन दूत कोरोना धामा ,

चाईना पुत्र कोविड-19 नामा !


सर्दी जुखाम क्रम-क्रम रंगी ,

समझ जाओ ये है कोरोना के संगी !


लक्षण मरण समाज में ऐसा,

दिन रात न यह बढ़े हमेशा !


हाथ ब्रज , मिथिला, मथुरा भारत में थाली बाजे ,

करें ब्रहामण जनेऊ से प्रार्थना कहीं न ये कोरोना

महामारी बीमारी विराजे ! 


विद्यावान मुनि,कवि, विज्ञान अति बहादुर ,

करें न कोई राहुल,अरूण नेता ऐसी भूल !


चलें समाचार सुनने प्रधानमंत्री मोदी जी न्यूज

पर अमेरिका रसिया,

कोरोना तो हर कहीं हो चुके है बसिया !  


छप्पन इंच छाती बड़ा काज दिखावा ,

अमेरिका के धमकी से न, मानवता के कारण दिये दावा !


भीम रूप कलि, फूल सहारे ,

हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा देकर नमस्ते

ट्रम्प के काज संवारे !  


हंसे मुस्कुराये गांव घर और सब जिला ,

करेंगे भारत मां की पूजा चढ़ायेंगे फल फूल निर्मल

जल और खीरा ! 


आदर्श राजन मोदी राजा ,

खूब ठीक तनु वक्ष स्थल से योगी अंदाजा ! 


और दुख जो कोई लावे ,

उसे भारत मां के भारत स्काउट गाइड, सेंट जांन एम्बूलेंस,

एन.सी.सी, और एन.एस.एस के पुत्र ही मिटावे !


तुलसीदास सदा गुरु , हम रोशन कुमार उनका चेला ,

कोरोना को दूर कीजो नाथ , यही है ह्रदय से विनती मेरा !

  


              रोशन कुमार झा    

पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार


यह रचना हमारा मौलिक व स्वरचित है, और इसे साहित्य संगम संस्थान से आयोजित ई - पुस्तिका में प्रकाशित करने का अनुमति देता हूँ ।।

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/6.html


Popular posts from this blog

कविता :- 19(89)

कविता :- 16(77), 16(75),:- 16(76)

कविता :- 18(61),18(60), 18(59) ,18(58)