कविता :-16(34) हिन्दी 6 रचना
कविता :-16(34) हिन्दी 6 रचना ✍️ रोशन कुमार झा
###### रोशन कुमार झा #### 1
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 17-05-2020
दिवस :- आदित्यवार रविवार
विषय :- शिक्षकों के सम्मान में
विधा :- आलेख
विषय प्रदाता :- साहित्य संगम संस्थान
समीक्षक :-
(1) आ. प्रज्ञा शर्मा जी
(2) आ. प्रणाली कदम जी
-: गुरु की महिमा । :-
मात-पिता के बाद अगल किसी का जगह है तो वह है गुरु का,
वैसे जीवन में हर एक के तीन पिता होते हैं, जो ये हैं, जो जन्म दिए पहला, दूसरे जो शिक्षा दिए यानी गुरु और तीसरे जिससे आपके शादी होंगे उसके पिता, पर इन पिता में सबसे बड़ा योगदान दूसरे वाले पिता अर्थात् गुरु की है, भले पिता जन्म देते , पर रास्ता शिक्षक ही दिखाते है. सफलता असफलता दोनों से मिलाते है, और हार के बाद भी जीतना सीखाते है,
हम रोशन.. हमें सद्गुरु को कभी नहीं भूलना चाहिए, सच्चा गुरु के सम्बंध में कबीरदास जी ने ठीक ही कहें हैं :-
" ग्यान प्रकासा गुरु मिला, सों जिनि बीसरिं जाइ ।
जब गोविंद कृपा करी, तब गुरु मिलिया आई ।।
मतलब अगर हमें सच्चा गुरु की प्राप्ति हो जाती है, तो हमें उन सद्गुरु को नहीं भूलना चाहिए, सच्चा गुरु की प्राप्ति ईश्वर की कृपा से ही होती है, शिक्षकों ही गांव, घर , शहर को शिक्षित करते हैं, इनका स्थान समाज में सबसे ऊपर है । किसी भी क्षेत्र में , कला, विज्ञान, साहित्य या कुछ और भी में, जो भी जो किया है उसमें उसके माता-पिता, शिक्षकों का बड़ा योगदान रहा है । जिसका कहीं न सीमा है , वह है गुरु की महिमा ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो :- 6290640716
###### रोशन कुमार झा #### 2
नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 17-05-2020
दिवस :- रविवार
विधा :- आलेख
विषय :- घर तक का सफर
-: रोज़गार नहीं, पर भूखे रखता न जन्मभूमि !:-
बात हम अभी का कर रहा हूं, यही कोरोना से संबंधित है, लोग पहले गांव अपना घर जाना पसंद नहीं करते, कहते रहते रोजगार कहां गांव में, सही में रोज़गार नहीं, इससे हम रोशन भी सहमत हूं, पर अभी जो मुसीबत आयी हुई है, उसमें कितने ऐसे भी हैं जिनका पालन पोषण शहर में ही हुआ है,वह आज तक गांव के मुंह भी नहीं देखें रहें कि कहां से उनका गांव शुरूआत और कहां ख़त्म है, आज वे भी बिना गाड़ी घोड़ा के ही चल पड़े हैं, अपनी गांव, घर की सफर में, दिन रात चलते जा रहें हैं, क्यों तो इसका एक ही कारण है ,भले रोज़गार न लेकिन अपना गांव घर किसी को भूखे रहने नहीं देगा ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
मो :-6290640716 कविता :-16(34)
###### रोशन कुमार झा #### 3
कविता :- डायरी :- 1
-: तुम्हारी यादें !:-
आंखों से मेरे आंसू बहने दो ,
मत रहो मेरे पास, बस अपनी यादें रहने दो ।
चांदनी रातें में जो बांटे थे सुख , वे रहने दो ,
अंधेरी रात में जो दुख देकर गयी वे अब सहने दो ।
पार्क , बाग़ में बैठकर किये थे, जो बातें,
अब उस बातें को रहने दो ,
जो पूरा नहीं हुआ चाहत , उन चाहत को रहने दो ।
तुम्हारे आने की जो आगाज़ थी , उस पल को रहने दो ,
तुम्हारे जाने से जो हम रोशन को गम मिला,
अब उस गम को सहने दो ।
तुम्हारी जो घुँघरू की आवाज थी, उस आवाज को सुनने दो,
जो तुम्हारे लिए रखें थे प्रेम की बातें ,
अब उन बातों को कहने दो ।
तुम्हारी जो आने की मार्ग थी, उस मार्ग को निखारते रहने दो,
तुम आओ या मत आओ , बस हमारी इंतजार जारी रहने दो ।
पतझड़ में दी थी होंठों पर मुस्कान, उस मजे को रहने दो ,
भरी बंसत में जो देकर गयी सजा , उस सजे को सहने दो ।
पास रहो या मत रहो ,
बस मेरी आंखों से आंसू बहने दो ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो :-6290640716 कविता :- 16(34)
17-05-2020 रविवार
✍️ रोशन कुमार झा (Pagal) Neha singh
24-09-2016 शनिवार 16:25
कक्षा :- 12 वीं क्रमांक :-11
विभाग :- आर्ट्रस (कला )
विद्यालय :- सलकिया विक्रम विद्यालय ( मेन )
मो :-8481 933873
51/9 Kumar para lane,अभी 77/R mirpara road
डायरी नहीं एक मोटा रजिस्टर रहा, जो पिताजी अपने कार्यकाल से लाये रहे, उसमें हिसाब किताब हुआ रहा ,
###### रोशन कुमार झा #### 4
समाचार :- बिहार के मोतिहारी में आज 16 मई 2020 जिले के डीएम शीर्षत अशोक कपिल और एसपी नवीन चंद्र झा सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक ये सभी एक क्वॉरेंटाइन सेंटर का निरीक्षण करने के लिए जा रहे थे. कोटवा के कदम चौक के पास यह हादसा हुआ है. हादसे में डीएम और एसपी को हल्की चोट लगी है. साथ-साथ स्कॉट में शामिल पुलिस के तीन जवान भी घायल बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया है. हालांकि हादसे के पीछे क्या वजह थी यह पता नहीं चल पा रहा है.कुछ लोगों का कहना है कि अचानक से ब्रेक लेने की वजह से पीछे की गाड़ियों ने एक के बाद एक टक्कर मार दी जिसके बाद यह हादसा हुआ है. स्कॉट पार्टी का ड्राइवर और दो जवान को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हम रोशन ईश्वर से प्रार्थना करते हैं जल्दी ही सभी व डीएम शीर्षत अशोक कपिल सर के चोट ठीक हो जाएं, सर हमारे मधुबनी जिला के डीएम रह चुके हैं,
✍️ रोशन कुमार झा
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी ( राष्ट्रीय सेवा योजना )
साहित्य संगम संस्थान कल वाला संगम सवेरा वेबसाइट
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1109435022760899/?flite=scwspnss&extid=u3jWFfEVYFupsLL2 46(19)
वर्तमान अंकुर से प्रशस्ति पत्र :- 15-05-2020
प्रकृति की प्रवृत्ति :- https://www.facebook.com/groups/1783264965056444/permalink/2934805609902368/?flite=scwspnss&extid=LUZf5TbLEuKDxKIa
जरा सुनो ,
मन के हारे हार है मन के जीते जीत,हार जीत तो है हर एक के मित्र । रोशन कुमार झा
कविता से मोहब्बत हुआ :-16(04) आज साहित्य उत्थान कोश :- https://www.facebook.com/groups/2657731651105972/permalink/2682736665272137/?flite=scwspnss&extid=YdU47e2NZJIZGGJZ
कविता :-16(04)
https://www.facebook.com/groups/2657731651105972/permalink/2682680841944386/?flite=scwspnss&extid=ObZN6DWjwWUZOf6Q
2 certificate आज Who and Delhi से 10 प्रश्र
रहा quiz competition रहा सोनू झा R.k.college
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1633-6.html
https://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1598.html?m=1
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1108632789507789/?flite=scwspnss&extid=GLRMIqt72WCFhIdk
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1633-6.html
http://kalamlive.blogspot.com/2020/05/sarkar-panch-varsh-ka.html?m=1
https://swaikshikduniya.page/article/hai-prakrti-kee-pravrtti/BmbSN5.html
कलम बोलती है साहित्य समूह :-
कविता :- 16(04) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
-: 🙏 कविता से मोहब्बत हुआ ! 🙏 :-
दुख दर्द चिंता से जब निकट हुआ ,
पूजा पाठ धर्म-कर्म से न ,
जब अपने से दिक्क़त हुआ !
तब हम रोशन को राह पर चलने का हिम्मत हुआ,
क्योंकि उसी वक्त हमें कविता से मोहब्बत हुआ !
हार हुआ जीत कहीं कभी इज़्ज़त हुआ ,
कविता के प्रति तभी क़ीमत हुआ !
तब देर सारी कविता का लिखा हुआ पत्र हुआ ,
कब ? जब कविता से मुझे मोहब्बत हुआ !
तब आस-पास में हमारी कहावत हुआ ,
तो कभी राजनीतिक,तो कभी
प्रकृति चित्रण पर हमारी लिखावट हुआ !
इस तरह हमारी अपना साहित्य में एक तट हुआ ,
कोई छोड़कर गयी, पर कविता से हमें अनेक
मोहब्बत हुआ !
न मिलने के वक्त भी मिलने की मुहूर्त हुआ ,
दिन दुपहरिया जब तब कविता के लिए नई- नई
शब्द की निर्गत हुआ !
जो हुआ हकीक़त हुआ ,
क्या बताऊं इतनी गहराई से हमें कविता से
मोहब्बत हुआ !
बाल-बच्चा नहीं, उसके जगह , कविता पर पाठकों से
आये कथनों से मैं सहमत हुआ ,
कि यही मेरा बूढ़ापा का साथी, अभी तक न मेरा
जीवन दुर्गत हुआ !
दुर्गत के जगह मेरा जीवन कुपंथ से सुपथ हुआ ,
कब ? जब हमें कविता से बेधड़क मोहब्बत हुआ !
रात में भी बिस्तर पर प्रियतम की तरह कविता के
शब्द प्रकट हुआ ,
डूबे रहे कविता में, घर परिवार के प्रति प्रेम सख़्त हुआ !
कविता के कारण ही डर हटा, और सही के लिए
लड़ने का ताक़त हुआ ,
इस तरह यारों हमें कविता से मोहब्बत हुआ !
🙏 धन्यवाद ! 💐🌹
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
24-04-2020 शुक्रवार 10:05 मो:-6290640716,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1604.html
https://youtu.be/fE9FbXjYScw :-11(020)
16(03) https://youtu.be/VY7D_OTn1CA
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1603.html
https://allpoetry.com/Roshan_Kumar_jha
https://youtu.be/l_MGqTb1C1o :-14(81)
https://youtu.be/hi2f8ZptyzE :- 12(82)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1603.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1598.html सभी कविता:-16(01 )
नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 15-05-2020
दिवस :- शुक्रवार
विधा :- कविता
विषय :- प्रकृति की प्रवृत्ति
-: है प्रकृति की प्रवृत्ति ।:-
कौन कहता कि प्रकृति की प्रवृत्ति नहीं ,
आज है कल चल जाएगा इस लिए हमारा कोई नीति नहीं ।
हम रोशन खुश ही खुश हूं, खुशी कभी बीती नहीं ,
खुशहाली में प्रकृति की हाथ है, कौन कहा
प्रकृति की प्रवृत्ति नहीं ।।
प्रकृति की प्रवृत्ति भी बदलता है ,
नहीं वह किसी के आदेश से चलता है ।
थोड़ा सा भी न किसी से डरता है ,
वही तो प्रकृति है जो कमी को भरता है ।।
प्रकृति की प्रवृत्ति है ,
उसी में हमारा एक छोटा सा आकृति है ।
करने को कृति है ,
सच में हमारी प्रकृति मीठी है ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
मो :- 6290640716
कविता :-16( 32) हम
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1107786912925710/?flite=scwspnss&extid=sd2tSh2OjEKZuUjp
जरा सुनो ,
मन के हारे हार है मन के जीते जीत,हार जीत तो है हर एक के मित्र । रोशन कुमार झा