कविता :- 17(70) , 17(69) , हिन्दी

रोशन कुमार झा

कविता :- 17(70) , 17(69) , हिन्दी

नमन 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 209
तिथि :- 30/09/2020
दिवस :- बुधवार
विषय :-  चित्र लेखन
संचालक :- आ. ज्योति सिन्हा जी

यह जीवन है हरा भरा ,
उससे लोग जीने चला ।
सभी के पास है कुछ
न कुछ कला ,
बिना कुछ किये
जीता कौन भला ।।

कोई रचता , तो
कोई करता चित्रकला ,
वही करता जो कभी
रहता उसमें हरा ।।
बैठकर तो होकर खड़ा ,
सबके सब अपनी कला
से ज़िन्दगी जीने चला ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,

नमन 🙏 :-  साहित्य संगम संस्थान
दिनांक :- 30/09/2020
दिवस :- बुधवार
विषय :- परोपकार
विधा : कविता, 
प्रदाता :-  आ. कलावती कर्वा जी
विषय प्रवर्तन :-  आ. ऐश्वर्या सिन्हा जी

काँटा और फूल दोनों करते हमारा परोपकार ,
दर्द देते काँटा ,
सुगंध फैला कर ही तो करते फूल हमारा उपकार ।
तब हम रोशन प्रस्तुत किया हूं , दोनों पर अपना विचार  ,
फूल तो फूल ,
कांटा का भी तो ज़रूरत है इस जीवन में यार ।।

जब दर्द मिलेगी काँटों से , होगी कुछ न कुछ उपचार ,
क्षणिक है वह फूल, जिस पर चढ़े है रंग लाल ।
आज ताजी फूल है, कर बासी होते ही उसका भी होगा तिरस्कार ,
यही तो जीवन है यारों  ,
फूल से बेहद है हमें काँटों से प्यार ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716, कविता :- 16(70)
22/06/2020  , सोमवार

नमन 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 208
तिथि :- 29/09/2020
दिवस :- मंगलवार
विषय :-  रंगो के नाम पर हास्य गीत
संचालक :- आ. शंभू सिंह रघुवंशी "अज्ञेय" जी

रंग हरा,  पीला , नीला ,
हमें और प्रकृति को मिला ।।
जिस पर काला , लाल रंग गिरा ,
पहचान देते नाम , गांव संग जिला ।।

हरा से हरियाली ,
रंग लगाये हम नर और नारी ।
हरा से प्यार करते माली ,
तब न करते बाग़ की रखवाली ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

अग्रसर हिंदी साहित्य मंच के क्षेत्रीय मातृभाषा/बोली विकास कार्यक्रम में *आपणी बोली आपणी मातृभाषा*

17  रोशन कुमार झा  , कोलकाता , बोली बंगाली
कविता :- 17(70) , बुधवार , 30/09/2020
ऑडियो :- 01:43,

नमन 🙏 :- अग्रसर हिंदी साहित्य मंच
मातृभाषा/बोली विकास कार्यक्रम
* आपणी बोली आपणी मातृभाषा*
क्रमांक:- 17
रोशन कुमार झा

भाषा :- बंगाली , कविता :-
ভাষা :- বাংলা , কবিতা

शीर्षक :- तुम मेरे पास आओ
শিরোনাম :- তুমি আসো আমার কাছে ।

তুমি আমার কাছে আসো ,
এই রকম আমি ভালোবাসি ,
সে রকমই তুমিও আমাকে ভালোবাসো ।
তুমি নিজের একা খাবার খাছো ,
ডাকলাম আমি তোমাকে
আর তুমি আমাকে ছেড়ে
কোথায় জাচ্ছে ।।

তোমার জন্য আমি রোশন ঘুমিয়ে পারি না
জেখানে তুই ডাকলী,
আমি গেলাম ,
কিন্তু ওইতো তোর বাড়ি না ।।
আমি তোমাকে ভালোবাসি ,
তুমিও আমাকে ভালোবাসো
অতটুকু তাড়াতাড়ি না ।
আসো তুমি , আপনি আমাকে নিজের
চোখে দিয়ে এখুন পর্যন্ত
দেখতে পাড়ি না ।।

এখূন ন তুই একটূ পরে আসবি ,
জানী আমি তারপরো
তুই আমাকে ভালোবাসবী ।।

      ✍️•••  রোশন কুমার ঝা
       ✍️•••    रोशन कुमार झा

ঠিকানা :- লিলুয়া , হাওড়া , কোলকাতা , পশ্চিমবঙ্গ :-
৭১১২০৪
पता :- लिलुआ , हावड़ा , कोलकाता , पश्चिम बंगाल :- 711204

মোবাইল নাম্বার :- ৬২৯০৬৪০৭১৬
मो :- 6290640716

______________________

तुमी आसो आमार काचे ।
तुमी आमार काचे आसो ,
ऐ रोकोम आमि भालो भासी ,
सेई रोकोम तूमीयो  आमाके भालो भासौ ।
तूमी निजे एका खाबर खाचो ,
डाखलम आमी तोमाके
आर तूमी आमाके छेड़े कोथाई जाछो ।।

तोमार जनों आमि रोशन घूमिए पारी न ,
जेखाने तूई डाकरी आमी गेलाम
किंतु ओई ता तोर बाड़ी न ,
आमि तोमाके भालो भासी
तूमीयो आमाके भालोभासो ओतुक तालातारी न ।
आसो तूमी , आपनी आमाके निजेर छोखे दिए ऐखून पर्यन्तो
देखते पाड़ी न ।।

ऐखून न तूई एकतू पोले आसबी ,
जानि आमि तालफोरे तूई आमाके भालोभासबी ।।

________________________
हिन्दी अनुवाद कविता -

शीर्षक :- तुम मेरे पास आओ

तुम मेरे पास आओ ,
जिस प्रकार मैं प्यार करता हूँ ,
उसी प्रकार तुम भी हमको प्यार करो ।।
तुम खुद अकेले ही खाना खाती हो ,
बुलाएं हम ,और तुम हमको छोड़कर कहां जाती हो ।।

तुम्हारे लिए हम रोशन सो न पाएं ,
जहां तुम बुलायी , हम गये किंतु वह तुम्हारा घर नहीं रहा ।
हम तुमसे प्यार करते हैं, तुम भी करो उतना हड़बड़ी नहीं है ,
आओ तुम , आप हमको अपने आंखों से अभी तक देख नहीं पाएं हैं ।

अभी नहीं , कुछ देर बाद आओगी ,
मैं जानता हूं , उसके बाद तुम भी प्यार करोगी ।।

✍️       रोशन कुमार झा
कविता :- 17(41) , बंगाली ,
दिनांक :- 01/09/2020 , दिवस :- मंगलवार

पहल किताब , आज बुधवार से रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में दीपक सब साथ खाना , आज बिट्टू भईया पत्नी और बेटी आई रही ,
Roshan Kumar Jha
77/ R mirpara road Liluah Howrah -711204
West Bengal
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