कविता :- 17(44) , हिन्दी

कविता :- 17(44) , हिन्दी , 2016 , समज्ञा

नमन 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :-  198
तिथि :- 04/09/2020
दिन :- शुक्रवार
विधा :- कविता
विषय :- हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व
संचालक :- आ . कुसुम लता "कुसुम" जी

जीवन है रेलगाड़ी रूकना मत ,
जितना हो कर मेहनत ।।
सारा आशीर्वाद है तुम्हारे निकट ,
तब जान जाओ रोशन
गुरु का महत्व ।।

गुरु है तब ज्ञान है ,
गुरु ही बतलाने वाले
वैसे पता न कौन भगवान है ।
हम सभी शिष्यों पर गुरु का ध्यान है ,
दुनिया में कहीं नहीं ,वह इज़्ज़त
जो गुरु का मान सम्मान है ।।

क्योंकि सबके जीवन में गुरु का योगदान है ,
लोग अपने लिए , पर गुरु शिष्यों की भलाई के लिए
परेशान हैं ।
सच में गुरु आत्मा महान है ,
शिक्षा निर्माता गुरु , गुरु ही भगवान है ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/08/10.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/09/1743.html

04/09/2020 , शुक्रवार , कविता :- 17(44)
नमन 🙏  :- संगम सवेरा
" संगम सवेरा"- मासिक ई पत्रिका सितंबर 2020 अंक हेतु स्वरचित लघुकथा
दिनांक :- 09/08/2020
दिवस :- रविवार
विषय :- दादी माँ की अस्तित्व
विधा :- लघुकथा

क्या बताऊं , हम उस दादी माँ की अस्तित्व बताने जा रहा हूं जो माँ की अस्तित्व ले ली । दो बहन और एक भाई के बाद दुनिया में आई आनंदनी , वही आनंदनी आनंद का बहन,उसी झोंझीफूलदाई दादी माँ की बात है, आनंदनी के जन्म लेते ही उसकी जीवन रोशन से अंधकार हो गया, वह कैसे ? तो जानिए जन्म लेते ही दो वर्ष की उम्र में ही दिल्ली में आनंदनी की माँ सुधा की मृत्यु हो गई, पिता अरुण दिल्ली में कमाने के लिए रह गया, और दादी अपने बेटे अरूण को छोड़कर अपनी पोती आनंदनी को लेकर गांव आ गई, आनंदनी जन्म से ही विकलांग या उपचार न होने के कारण कमज़ोर हो गई रही , माथा बड़ा पर हाथ पांव पतला पतला , आस-पास के लोग न चलने के कारण उसे लोटिया ,लोटिया कहने लगे यहां तक कि अब ये जिन्दा न रह पायेगी ,मर जायेगी और भी कुछ , ये सब सुनने के बाद भी दादी माँ हार नहीं मानी ।  तनु वक्ष स्थल से धन्यवाद उस दादी माँ को देना चाहता हूँ , जो वृद्धावस्था में भी आनंदनी को बिना दवा दिए, खुद के मेहनत सरसों तेल से मालिश कर करके आनंदनी को चलाने की प्रयास में लगी रही, और एक दिन ऐसा आया वह चलने फिरने लगी और अपने आसपास के लोगों के काम में वह बेचारी आनंदनी हाथ बढ़ाने लगी, इस तरह आनंदनी अपने गांव में बिना माँ की ही दादी माँ की सहयोग से अपनी अस्तित्व बना ली जो कि अधिकांश बच्चे माँ के रहते हुए भी वह अस्तित्व नहीं बना पाते ।

      रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग  कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
कविता :- 16(84) दिनांक :- 06/07/2020 सोमवार
साहित्य उत्थान के लिए
09/08/2020 रविवार कविता :-17(18)
Roshan Kumar Jha, রোশন কুমার ঝা

🏅*"राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान"*🏅

*********शिक्षक दिवस*********
5 सितम्बर शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर सभी सम्मानित साहित्यकारों-बुद्धिजीवियों को सूचित किया जा रहा है संस्था ऑनलाइन विशेष कवि सम्मेलन करवाने जा रहा है जिसमे इच्क्षुक बंधुओं अपना नाम जोड़ दे ताकी समय से अपनी प्रस्तुति दे सके !

दिनांक - 4 सितम्बर 2020
समय - दिन मे 2:00 बजे से !
विषय - शिक्षक दिवस
          
       *मात्र ओडियो मे*

साथ मे अपना फोटो भी डालें !

नोट - वही साहित्यकार नाम डाले जो अपनी ओडियो तैयार रखे है एवं समय से पटल पर उपस्थित रहे !
1.राम शरण सेठ, मिर्जापुर,उत्तर प्रदेश...
2.मनीष वर्मा नवागढ़ बेमेतरा
3.राजश्री रतावा, भीलवाड़ा राजस्थान
4.रीतु प्रज्ञा
दरभंगा, बिहार
5.रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)
6.विशाल चतुर्वेदी " उमेश " जबलपुर
7. महेत्तर लाल देवांगन बिलाईगढ़ छ ग
8. शैलेन्द्र पयासी कटनी मध्यप्रदेश
9. प्रतिभा स्मृति, दरभंगा, बिहार
11 डिंपल सारस्वत, दरभंगा, बिहार
12. गोपाल साहु, दरभंगा, बिहार
13-ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम कानपुर नगर
14- सीमांचल त्रिपाठी, सूरजपुर, छत्तीसगढ़
15- रोशन कुमार झा , कोलकाता

राष्ट्रीय अध्यक्ष - नवलपाल प्रभाकर "दिनकर"
राष्ट्रीय महासचिव - रुपेश कुमार
राष्ट्रीय संचालिका -

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कविता :- 17(44)
नमन 🙏 :- 🏅*"राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान"*🏅
दिनांक :- 04/09/2020
दिवस :- शुक्रवार
कविता :- शिक्षक राष्ट्र निर्माता है ।

शिक्षा से शिक्षक , शिक्षक ही हमारी समाज की निर्माता है ,
हम रोशन क्या , ब्रह्मा विष्णु भी शिक्षक के गुण गाता है ।
भले ईश्वर हमें धरती पर दुनिया दिखाने के लिए लाता है ,
पर माता पिता के साथ गुरु ही राह पर चलना सीखाता है ।।

दोस्त यार साथ छोड़ देते पर गुरु साथ निभाता है ,
क्या सही , क्या ग़लत ये तो गुरुदेव ही बताता है ।
इसीलिए बढ़ चढ़कर मान सम्मान गुरु ही पाता है ,
क्योंकि मंजिल की ओर हम, पर रास्ता गुरु ही दिखाता है ।।

दान देने वाला नहीं , ज्ञान देने वाला सच्चा दाता हैं ,
शिष्य के कर्मों से ही गुरु नाम कमाता है ,
तब समाज में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर गुरु आता है ,
क्योंकि गुरु ही समाज की निर्माता है ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
कविता :- 17(40) , हिन्दी
नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :-196, सोमवार , 31-08-2020
विधा :- कविता , विषय :- शिक्षा , शिक्षक
संचालक :- प्रीति शर्मा पूर्णिमा जी,
आज शुक्रवार 04/09/2020 🏅*"राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान"*🏅 समय :- 14:00, मेरा :- 14:56
ऑडियो :- 1:42, 15- रोशन कुमार झा , कोलकाता
सुबह 06:15 छत पर 77/R मीरपाड़ा रोड़ आशीर्वाद भवन लिलुआ , हावड़ा, रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में
[04/09, 14:58] +91 93512 97613: जय जय स्काउट
[04/09, 14:59] +91 89488 92433: अरे वाह आप भी स्काउट से हैं
[04/09, 14:59] +91 89488 92433: 😍👌
[04/09, 14:59] +91 90304 41516: जानदार है जी
👌👌👌👌💐💐💐💐

77/R mirpara road Liluah Howrah
51/9 Kumar para lane Liluah

###### समज्ञा समाचार पत्र #####
कविता :- 17(44) , हिन्दी
तिथि :- 04/09/2020 , दिन :- शुक्रवार

कोलकाता समाज्ञा  समाचार पत्र में प्रकाशित (रविवार
4 सितम्बर, 2016 हमारी पहली कविता व (प्रभात खबर में प्रकाशित मेरी पहली रचना) :--

         रेलगाड़ी की उचित व्यवहार

कितनी प्यारी , कितनी सुहावनी है रेलगाड़ी ,
जब आती स्टेशन पर ,
रूक - रूक कर यात्री चढ़ते जाते ।
कितनी भी भीड़ होती, वह नहीं पछताती , न ही उदास होती

अपने समान वेग से प्रतिदिन की भागती जाती ।
हरी बत्ती का सिग्नल पाते ही
स्टेशन पर सीटी देकर चल पड़ती ।
नहीं किसी के लिए रूकती , न किसी का इंतजार करती

अपनी रास्ते से चलती जाती ,
पटरी पार करते समय, जो नहीं देते ध्यान
सभी को देते समान न्याय
न किसी से दोस्ती , न किसी से दुश्मनी

नदी- तालाब जंगल , पेड़-पौधे  सभी को पार करती जाती
नहीं रूकती अपनी मनमानी से .
लाल बत्ती पाकर रूक जाती , करती थोड़ा आराम
फिर हरी बत्ती के ईशारा पाते ही

सीटी देकर आगे निकल जाती ।
हमें भी रेलगाड़ी की तरह आगे बढ़ना चाहिए
न किसी से दोस्ती , न किसी से दुश्मनी ।
सभी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए ।

        रोशन कुमार झा
कक्षा - 12, विभाग- आट्रर्स
           विद्यालय :
सलकिया विक्रम विद्यालय (मेन )

यह पहली कविता है , 29 अगस्त 2016, विक्रम विद्यालय में रिपोर्ट करने आएं रहें समज्ञा समाचार पत्र से ,
घर को बनाये प्राथमिक शिक्षा का केंद्र " यह मेरी पहली रचना  प्रभात खबर में 07-12-2015 सोमवार को प्रकाशित हुआ,
उसके बाद समज्ञा समाचार पत्र में मेरा पहला कविता
" रेलगाड़ी की उचित व्यवहार " 04-09-2016 रविवार
को प्रकाशित हुआ, फिर भारत एक नज़र समाचार पत्र में
नदी की जीवन, प्रदुषण मुक्त करता साईकिल, कविताएं
77/R mirpara road Liluah Howrah अभी
51/9 Kumar para lane Liluah पहले नीचे वाले
5 सितंबर 2016 फिल्टर लेकर दमदम गये रहे , अकेले पापा वाला





[04/09, 21:30] Mintu Jii: Ye Pooja koun
[04/09, 21:30] R: Nss ki hai
[04/09, 21:30] R: Bhaiya jii
[04/09, 21:31] Mintu Jii: Koun nhi samjhe
+91 6203 405 241 mintu bhiya
Ye ya dusri puja ya tisri puja
[04/09, 21:31] Mintu Jii: 3 puja hai nss me
[04/09, 21:32] R: Ye hiii
[04/09, 21:32] Mintu Jii: Axha thik hai..hm bhi kuch bnwa lege en se..ye to meri Bahn hai ..pucho en se mere bare me
[04/09, 21:33] R: Ohh
[04/09, 21:33] Mintu Jii: Bahut achi ladki hai sab kuch me
[04/09, 21:33] Mintu Jii: Achi hai
[04/09, 21:33] R: Ye hmko di rahi
[04/09, 21:34] Mintu Jii: Perfect
[04/09, 21:34] R: Ha bhiya
[04/09, 21:34] Mintu Jii: Hmm
[04/09, 21:34] R: Pura santh aur sidhi hai
[04/09, 21:40] Mintu Jii: I know very well
[04/09, 21:41] R: Ohh
[04/09, 21:42] R: इंसान गुण व अपने कर्म से ही जानें जाते हैं ।
[04/09, 21:43] Mintu Jii: JEE bilkul..tbhi to usko apni Bahn bna liye hai
[04/09, 21:43] R: Wahhh bhiya aap Great hai 🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
पूजा :-+917061410453
गौतम सोनू को 3rd rank वाला प्रमाण पत्र दिया
गौतम :-+916202199909
सोनू :-+918340502972
उज्जवल पंडित :- +918389828147
4 बंगाली कविता का Pdf बना दिए ,गाड़ी स्कूटर से G.t.Road तक बिट्टु भईया लाये ।






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