कविता :- 17(41) , बंगाली
कविता :- 17(41) , बंगाली ,
दिनांक :- 01/09/2020 , दिवस :- मंगलवार
কবিতা:-১৭(৪১) বাংলা ✍️ ••• রোশন কুমার ঝা
তারিখ :- ০১/০৯/২০২০ , দিন :- মঙ্গলবার
বিষয় :- কবিতা , विधा :- कविता
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
নমষ্কার 🙏 :- সাহিত্য সংগম সংস্থান
भाषा :- बंगाली , कविता
ভাষা :- বাংলা , কবিতা
शीर्षक :- तुम मेरे पास आओ
শিরোনাম :- তুমি আসো আমার কাছে ।
তুমি আমার কাছে আসো ,
এই রকম আমি ভালোবাসি ,
সে রকমই তুমিও আমাকে ভালোবাসো ।
তুমি নিজের একা খাবার খাছো ,
ডাকলাম আমি তোমাকে
আর তুমি আমাকে ছেড়ে কোথায় জাচ্ছে ।।
তোমার জন্য আমি রোশন ঘুমিয়ে পারি না
জেখানে তুই ডাকলী আমি গেলাম
কিন্তু ওইতো তোর বাড়ি না ।।
আমি তোমাকে ভালোবাসি ,
তুমিও আমাকে ভালোবাসো অতটুকু তাড়াতাড়ি না ।
আসো তুমি , আপনি আমাকে নিজের
চোখে দিয়ে এখুন পর্যন্ত দেখতে পাড়ি না ।।
এখূন ন তুই একটূ পরে আসবি ,
জানী আমি তারপরো তুই আমাকে ভালোবাসবী ।।
✍️••• রোশন কুমার ঝা
✍️••• रोशन कुमार झा
ঠিকানা :- লিলুয়া , হাওড়া , কোলকাতা , পশ্চিমবঙ্গ :-
৭১১২০৪
पता :- लिलुआ , हावड़ा , कोलकाता , पश्चिम बंगाल :- 711204
মোবাইল নাম্বার :- ৬২৯০৬৪০৭১৬
मो :- 6290640716
________________________
तुमी आसो आमार काचे ।
तुमी आमार काचे आसो ,
ऐ रोकोम आमि भालो भासी ,
सेई रोकोम तूमीयो आमाके भालो भासौ ।
तूमी निजे एका खाबर खाचो ,
डाखलम आमी तोमाके
आर तूमी आमाके छेड़े कोथाई जाछो ।।
तोमार जनों आमि रोशन घूमिए पारी न ,
जेखाने तूई डाकरी आमी गेलाम
किंतु ओई ता तोर बाड़ी न ,
आमि तोमाके भालो भासी
तूमीयो आमाके भालोभासो ओतुक तालातारी न ।
आसो तूमी , आपनी आमाके निजेर छोखे दिए ऐखून पर्यन्तो
देखते पाड़ी न ।।
ऐखून न तूई एकतू पोले आसबी ,
जानि आमि तालफोरे तूई आमाके भालोभासबी ।।
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हिन्दी अनुवाद कविता -
शीर्षक :- तुम मेरे पास आओ
तुम मेरे पास आओ ,
जिस प्रकार मैं प्यार करता हूँ ,
उसी प्रकार तुम भी हमको प्यार करो ।।
तुम खुद अकेले ही खाना खाती हो ,
बुलाएं हम ,और तुम हमको छोड़कर कहां जाती हो ।।
तुम्हारे लिए हम रोशन सो न पाएं ,
जहां तुम बुलायी , हम गये किंतु वह तुम्हारा घर नहीं रहा ।
हम तुमसे प्यार करते हैं, तुम भी करो उतना हड़बड़ी नहीं है ,
आओ तुम , आप हमको अपने आंखों से अभी तक देख नहीं पाएं हैं ।
अभी नहीं , कुछ देर बाद आओगी ,
मैं जानता हूं , उसके बाद तुम भी प्यार करोगी ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/08/1740.html
कविता :- 17(41) , बंगाली ,
दिनांक :- 01/09/2020 , दिवस :- मंगलवार
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
-------------- मौलिकता प्रमाण पत्र --------------
मैं ___ रोशन कुमार झा ____ यह घोषणा करता हूँ , कि बोली विकाश मंच साहित्य संगम संस्थान द्वारा *आयोजित बोली संवर्धन ऑनलाइन वीडियो कार्यक्रम * की उपरोक्त नियमों को पालन करते हुए नीचे प्रेषित समस्त प्रविष्टि जानकारी सत्य है, असत्य पाएं जाने की दशा में, मैं स्वयं जिम्मेदार हूँ , साथ ही संस्थान के द्वारा सभी निर्णय स्वीकार है ।
आवेदक का नाम - __ रोशन कुमार झा ___
माता का नाम - __ श्रीमती पूनम देवी
पिता का नाम - __ श्री श्रीष्टु झा
जन्म तिथि - __ 13/06/1999
व्हाट्सऐप न: - __ 6290640716
ईमेल पता - __ roshanjha9997@gmail.com
विवाहित / अविवाहित - __ अविवाहित
शैक्षिक योग्यता - __ बी.ए हिन्दी आनर्स द्वितीय वर्ष अध्ययनरत
साहित्यिक उपलब्धियां :- तीन
(1) समीक्षाधीश सम्मान ( साहित्य संगम संस्थान )
(2) रामवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार
(3) "हिन्दी काव्य रत्न "
पूरा पता :- गांव - झोंझी , जिला :- मधुबनी , बिहार -847222
वर्तमान पता :- 77/ R मीरपाड़ा रोड़ आशीर्वाद भवन लिलुआ, हावड़ा, कोलकाता, 711204 , पश्चिम बंगाल
जन्म तिथि :- 13 जून 1999
आपकी कोई रचना समाचार में प्रकाशित हैं :- हाँ
कविता:- 16(21) मैथिली ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
06-05-2020 बुधवार 07:07
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 29/08/2020
दिवस :- शनिवार
भाषा :- मैथिली
-: 🙏 आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं ! 🙏:-
कविता:- 16(21) मैथिली ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
06-05-2020 बुधवार 07:07
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 29/08/2020
दिवस :- शनिवार
भाषा :- मैथिली
-: 🙏 आबूं नैई लेकिन कोरोना भगाबूं ! 🙏:-
घर सऽ बाहर नैई आबू ,
घर पर रैही कऽ कोरोना भगाबूं !
हम रोशन के विनीत अछि कि माधव के गुण गाबूं ,
अखन घोरे पर रहूं अहाँ सभ भैया आर बाबू !
मिल कऽ सोब गोटा बदलाव लाबूं ,
एखन घोरे पर रहि कऽ , नैइ कमाबू !
एक नीक आदमी के फ़र्ज़ निभाबूं ,
कोरोना मुक्त मिथिला के साथ कोरोना मुक्त भारत बनाबूं !!
केतक अछि अहाँ के क़ाबू ,
ओऽ सऽ अहाँ कोरोना भगाबूं !
घोरे पर रहि कऽ इअ महीना बीताबू ,
कोरोना के हरा कऽ अपन भारत जीताबू !!
दुख तक़लीफ़ सैह कऽ नीक दिन लाबू ,
केअ अपने लोगेन भईया आर बाबू !
बाहर जेअ के जे इच्छा अछि होअ दबाबू ,
कोरोना भगा कऽ फेर सँ ओहि दिन के सुख पाबू !!
✍️ रोशन कुमार झा
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
मो :- 6290640716
यह रचना मैथिली भाषा में रचित स्वरचित, मौलिक कविता है,
कविता :- 17(41) , बंगाली , आज चयनित - 10 पर
दिनांक :- 01/09/2020 , दिवस :- मंगलवार
रोशन कुमार झा 🇮🇳 Roshan Kumar Jha,
भाषा :- बंगाली , कविता
ভাষা :- বাংলা , কবিতা
शीर्षक :- तुम मेरे पास आओ
শিরোনাম :- তুমি আসো আমার কাছে ।
✍️••• রোশন কুমার ঝা
✍️••• रोशन कुमार झा
ঠিকানা :- লিলুয়া , হাওড়া , কোলকাতা , পশ্চিমবঙ্গ :-
৭১১২০৪
पता :- लिलुआ , हावड़ा , कोलकाता , पश्चिम बंगाल :- 711204
মোবাইল নাম্বার :- ৬২৯০৬৪০৭১৬
मो :- 6290640716
धन्यवाद सादर प्रणाम सह सादर आभार 🙏💐💐💐 साहित्य संगम संस्थान बोली मंच का जिन्होंने आज महीना की शुरुआत में ही खुशियां प्रदान किए,
तुम्हीं आमार काचे आसो ,
जे रोकोम आमि भालो भासी ,
ओई रोकोम तूमी भालो भासौ ।
तूमी निजे एका खाबर खाचो ,
डाखलम आमी तोमाके
आर तूमी आमाके छेड़े कोथाई जाछो ।।
तोमार जनों आमि रोशन घूमिए पारी न ,
जेखाने तूई डाकरी आमी गेलेम
किंतु ओई ता तोर बाड़ी न ,
आमि तोमाके भालो भासी
तूमीयो आमाके भालोभासो ओतो तालातारी न ।
आसो तूमी , तूमी आमाके निजेर छोखे मूदे देखते पाड़ी न ।।
ऐखून न तूई एकतू पोले आसबी ,
जानि आमि तालफोरे तूई आमाके भालोभासबी ।।
এখূন ন তুই একটূ পরে আসবি ,
জানী আমি তারপরো তুই আমাকে ভালোবাসবী ।।
http://vishshahity20.blogspot.com/2020/08/10.html
सभी रचनाकार अपना अपना फ़ोटो भेज दे बाद में किसी प्रकार की फ़ोटो नही लगाई जाएगी।
वे रचनाकार जो केवल शिक्षक हैं अपना नाम सूची में दर्ज करें।
1 मोनिका महाजन मणि
2 प्रेमलता चौधरी
3 मास्टर भूताराम जाखल
4 मधु तिवारी
5 भूपसिंह भारती
6. बिप्लव कुमार सिंह
7. खेमराज साहू "राजन" दुर्ग,
छत्तीसगढ़
8 रिखब चन्द राँका 'कल्पेश' जयपुर
9.किरण बाला
10. डॉ चन्द्र दत्त शर्मा रोहतक
11. आकाश महेशपुरी
12. डॉ मीना कुमारी'परिहार'
13. पवन सोलंकी।पाली राजस्थान।। 14-गीतांजली वार्ष्णेय 'सूर्यान्जली'
15. दीपक अनंत राव अंशुमान, केरल ।
16 . रोशन कुमार झा , कोलकाता
रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में मनीष झा आया बात किया आज