कविता :- 17(34) हिन्दी

कविता :- 17(34) हिन्दी
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 25/08/2020
दिन :- मंगलवार
विधा :- छंद
विषय :- जागरूकता
विषय प्रदाता :- आ. मनोज बथ्रे जी
विषय प्रवर्तन :- आ. आशुतोष त्रिपाठी जी

जब नई अभियान उठता ,
आस - पास के लोग जुटता ।
रूके काम भी न रूकता ,
वही तो है जागरूकता ।।

खुद अर्थ समझता ,
नव निर्माण रचता ।
हर कहीं सजता ,
यही है जागरूकता ।।

दूसरे के धन जो लुटता ,
उसी का क़िस्मत फुटता ।
देखा हूं हम रोशन जीते जी ही उसका प्राण सुखता ,
कब ? जब हर कहीं लोग  होने लगते जागरूकता ।।

रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

नमन 🙏 :- हिन्दी काव्य कोश
तिथि :- 25/08/2020
दिन :- मंगलवार
विषय :-  कोरोना
विधा :- कविता

कोरोना भगाने में असफल रहा कला और विज्ञान ,
तब हम निर्धन रोशन का पुकार सुनिए भगवान !
आइए आप ही पवनपुत्र वीर हनुमान ,
और तोड़िए ये दुष्ट कोरोना की गुमान !!

साईकिल से हवाई जहाज तक बनायें इंसान ,
पर आज कोरोना जैसी मुसीबत में
व्यर्थ रहा हम मानव के ज्ञान !
कोरोना भगाने के लिए लगाकर आयें अनुमान ,
तब अब जल्दी आईयें रामभक्त वीर हनुमान !!

वह शक्ति दो घर पर रहकर सरकार के नीति नियम लूं मान ,
बंद पड़े हैं, हाट, बाज़ार , दुकान !
पर्वत लिए उठा , आप में है परम शक्ति हनुमान ,
तब कोरोना से दूर करों प्रभु ! ताकि हम भारतीय
फिर से नव जीवन पाकर करूं भारत मां की चुमान !!

मां सरस्वती की दया से लिखा हूं कविता,भले ही मैं
रोशन कोरोना में हो जाऊं कुर्बान ,
पर हे!  राम अपने भक्त हनुमान के माध्यम से
लौटा दे धरती की मुस्कान !
ये सिर्फ हमारी नहीं, समस्त मानव जाति की है ज़ुबान ,
तब कोरोना भगाने के लिए सिर्फ एक बार आ जाओ
पवनपुत्र हनुमान !!

रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
कविता :-  16(08) 

http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/08/1733.html
https://www.inkalabhindi.com/2020/08/blog-post_506.html?m=1

भोर भयो, बिन शोर,
मन मोर, भयो विभोर,
रग-रग है रंगा, नीला
भूरा श्याम सुहाना, मनमोहक, मोर निराला।
रंग है, पर राग नहीं,
विराग का विश्वास यही,
न चाह, न वाह, न आह,
गूँजे घर-घर आज भी गान,

कविता :- बूंद सागर हेतु ----

सुवासित पत्रिका सितंबर माह के लिए , कविता

   कुछ अपने बारे में

कुछ शब्दों के इशारे में ,
बता रहा हूं मैं मिंटू अपने बारे में ।

तो सुनो जो हूं आप सभी के समक्ष हूँ
रामकृष्ण महाविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष हूँ ।
किसी के उम्मीद तो किसी की लक्ष्य हूँ ,
इसलिए हार और जीत दोनों के पक्ष हूँ ।।

अंधकार से राह हुआ रोशन , पर अंधकार को न भूला हूँ ,
करता हूँ समाज सेवा, इसलिए राष्ट्रीय सेवा
योजना जैसी संस्था से जुड़ा हूँ  ।
किसी के दम पर न , अपने संघर्ष से उड़ा हूँ ,
मेहनत करता हूँ , और करने के लिए तैयार मैं पूरा हूँ ।

दया प्रेम है , पर रखा हूँ न भय ,
स्थिर रहकर कुछ करता हूँ , जैसे है सदियों
से स्थिर हिन्दुस्तान के हिमालय ।
हो हमारा जीवन इसी तरह मंगलमय ,
हम मिंटू कुमार यादव का यही है लघु परिचय ।।

      मिंटू कुमार यादव
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष पता :- ग्राम+पोस्ट-बेला, थाना जयनगर जिला मधुबनी , बिहार - 847226
मो :-  6203405241

नमन 🙏 :- बूँद बूँद सागर ‘ के लिए रचना ---
दिनांक :-09/08/2020  दिवस :- रविवार

सुवासित पत्रिका सितंबर माह के लिए , अपनी स्वरचित कविता

शीर्षक :- राम मंदिर भूमि पूजन

हुई होते रहेंगे राम की पूजा ,
हो रही है भूमि पूजन ,
चौदह साल तो सही पाँच सौ
साल बाद आई है ये चमन ,
राम नाम जप रहे है  मोदी, योगी ,
कोविंद और जन जन ,
रघुकुल रीत सदा से आई,
प्राण जाई पर जाई न वचन ।
है राम अपना आदर्श राजन ,
तब मिथिला पुत्री सीता, सीता पति
राम को सादर नमन ,

पांच अगस्त दो हजार बीस
बुधवार की है ये वर्णन ।
है कहां ममता अब है न वह क्षण ,
अगला साल उन्नीस में 370 वीं धारा हटाकर
किये मोदी जी सभी को प्रसन्न ,
कोरोना काल में ही सही अयोध्या में
राम लला मंदिर की हुई भूमि पूजन ,
जिसमें उपस्थित हुए हैं भाई और बहन ।
घर में ही फल फूल,  निर्मल जल से
पूजा करकें किये है भजन ,
खूब आनंद मिला राम नाम जपे हुआ राह रोशन ।।

✍️ पूजा गुप्ता
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी
गांव :- राजनगर, मधुबनी , बिहार

मो :- 7061410453

बूँद सागर ‘ के लिए रचना
09/08/2020 

सुवासित पत्रिका सितंबर माह के लिए ,
कविता -

तुम्हारी यादें !:-

आंखों से मेरे आंसू बहने दो ,
मत रहो मेरे पास, बस अपनी यादें रहने दो ।

चांदनी रातें में जो बांटे थे सुख ,   वे रहने दो ,
अंधेरी रात में जो दुख देकर गयी वे अब सहने दो ।

पार्क , बाग़ में बैठकर किये थे, जो बातें,
अब उस बातें को रहने दो ,
जो पूरा नहीं हुआ चाहत , उन चाहत को रहने दो ।

तुम्हारे आने की जो आगाज़ थी , उस पल को रहने दो ,
तुम्हारे जाने से जो हम कोमल को गम मिला,
अब उस गम को सहने दो ।

तुम्हारी जो घुँघरू की आवाज थी, उस आवाज को सुनने दो,
जो तुम्हारे लिए रखें थे प्रेम की बातें ,
अब उन बातों को कहने दो ।

तुम्हारी जो आने की मार्ग थी, उस मार्ग को निखारते रहने दो,
तुम आओ या मत आओ , बस हमारी इंतजार जारी रहने दो ।

पतझड़ में दी थी होंठों पर मुस्कान, उस मजे को रहने दो ,
भरी बंसत में जो देकर गयी सजा , उस सजे को सहने दो ।

पास रहो या मत रहो ,
बस मेरी आंखों से आंसू बहने दो ।।

✍️ कोमल पाण्डेय
लिलुआ , हावड़ा , पश्चिम बंगाल

मो :-  7998543051

सितंबर माह , सुवासित पत्रिका के लिए कविता
-: मेहरबानी । :-

राजा है और रानी है
हैं हम प्रजा की कहानी  ।
कहो मिलकर कि हम हैं हिन्दुस्तानी ,ओ हम है हिन्दुस्तानी ।।

प्यासे रहकर प्यासो को देते हैं हम पानी ,
सोचे न समझे न कि मेरी होगी कोई हानी ,
क्योंकि हम करते हैं मेहरबानी, हां ... हम करते हैं मेहरबानी ।।

यही एक से एक  बढ़कर हैं ज्ञानी ,
हम लिखें है गीत हैं माँ सरस्वती की वाणी....
तब लिखें जब की है मां मुझ पर मेहरबानी ,
कहो हम है हिन्दुस्तानी , हां हां हम है हिन्दुस्तानी ।।

बन रहें हैं और यही से बने हैं एक से एक विज्ञानी ,
लेते न देते हैं हम कहलाते हैं हम दानी ।
यही हैं हमारी मेहरबानी , हां हां यही है मेरी मेहरबानी ।
तब कहलाते हैं हम हिन्दुस्तानी , ओ हम... है हिन्दुस्तानी ।।

     रानी सिंह
51/9 कुमार पाड़ा लेन, लिलुआ, हावड़ा

नमन --------   सुवासित पत्रिका
सितंबर माह के लिए कविता __

विषय :- पिता

हम बेबी , आप पिता मेरे भगवान है ,
हमेशा आपकी सेवा करूं , यही हमारा ध्यान है ।
आपकी पूजा पाठ से ही , हमारा मान सम्मान है ,
हम पुत्र आपके धनुष तो पिता आप बाण है ।

साईकिल रिक्शा, रेल और विमान है ,
बढ़ता हुआ कला और विज्ञान है ,
आप ही मेरे आन - वान और शान है ‌।
आप ही बोये बीज तब हम आज चमकता हुआ धान है ।।

दुनिया तंग पर हम न परेशान है ,
ये पिता जी आपकी एहसान है ।
तब हमारे पास कुछ ज्ञान है ,
जिससे ज़िन्दगी जीने की अभियान है ।

बाद में रामायण, महाभारत, गीता, बाइबल और कुरान है ,
सच में पिता जी माँ के बाद आप ही मेरा भगवान है ।।

     ******* बेबी साह
पता :- पचनतल्ला, लिलुआ, हावड़ा ,711204

सुवासित पत्रिका सितंबर माह के लिए
कविता :-  
शीर्षक :-  मन की कुछ शब्द

मैं कुछ न मेरे लिए सिर्फ तुम हो ,
जानती हो , फिर क्यों गुम हो ।।

चाहता हूँ पर कुछ कहने से डरता हूँ ,
अभी तो सिर्फ सपने सजाकर ही चलता हूँ ।।

मैं गौतम , दुनिया की चाह नैना, तुझ में भरी है कला ,
सिर्फ नबंर ही तो मांगे तू क्यों गयी घबड़ा ।

हैं लम्बा सफ़र रही कई वर्षों की इंतज़ार ,
तू कब मिलोगी , कब आएगी वह साल ।।
जब भी आएं , मैं हूँ साथ निभाने के लिए तैयार ,
क्या और कैसे वर्णन करूँ ,पता तो हमें
है कि मैं कितना करता हूँ तुमसे प्यार ।।

पर बताने में मैं असमर्थ हैं ,
क्यों तड़फा रही हो , 
क्या यही प्रेम का अर्थ है ।।
तुम्हें पाना ये मेरी शर्त है ,
न पाएं तो
तुम्हारे बिना मेरा ये जीवन व्यर्थ हैं ।।

          गौतम भारद्वाज
रहिका , मधुबनी , बिहार

[25/08, 14:06] +91 91555 46763: आपने किस विधा में पार्टिसिपेट किया है।
[25/08, 14:07] Shiv Shankar Bhiya: 🤔
[25/08, 14:07] R: कविता, नारा,
[25/08, 14:07] R: निबंध
[25/08, 14:08] Shiv Shankar Bhiya: ok...Thanks...All the Best 😍
[25/08, 14:08] R: Thank you 💐
[25/08, 14:09] R: आप किस किस प्रतियोगिता में भाग लिए है
[25/08, 14:09] Shiv Shankar Bhiya: Actually...sir ne mjhe...Sbhi ka name note krne k liye kaha hai...so
[25/08, 14:10] R: ठीक है,
[25/08, 14:10] Shiv Shankar Bhiya: 👍💐
[25/08, 14:10] R: https://misternkdaduka.blogspot.com/2020/08/21.html?m=1
[25/08, 14:11] R: प्रतियोगिता के लिए ही लिखें है प्रकाशित भी हुआ है, हमारा मार्गदर्शन करें
[25/08, 14:13] Shiv Shankar Bhiya: 👏too good
[25/08, 14:13] R: धन्यवाद 🙏💐
[25/08, 14:15] Shiv Shankar Bhiya: बहुत अच्छे रोशन जी....आप ऐसे ही लिखते रहे।😍 मां शारदे आपको बहुत आगे ले जाए।🤩
[25/08, 14:16] R: आप सभी का आशीर्वाद बना रहे 🙏🙏🙏🙏🙏💐👌
[25/08, 14:17] Shiv Shankar Bhiya: 🙏🤗
[25/08, 14:17] R: 💐💐💐💐🙏

https://kalamlive.blogspot.com/2020/08/2020-vaishvik-karyo-me-yuvao-ki.html

Rohit bhiya, +91 90383 46242
[25/08, 19:38] R: नमस्ते 🙏🙏🙏🙏💐
[25/08, 19:45] R: बहुत सारे किताब में भी अपना रचनाएं प्रकाशित हुई है
[25/08, 19:47] R: https://books.google.co.in/books?id=nfD0DwAAQBAJ&pg=PA112&lpg=PA112&dq=%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80+%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%80+%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80+%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%9D%E0%A4%BE+%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF&source=bl&ots=erA9uf5m8C&sig=ACfU3U1YTTL5Hqf67Qv3WFpdOQzEVq77Xg&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwj3yJbOxbbrAhVWX30KHSDYAaYQ6AEwEHoECAUQAQ#v=onepage&q=%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80%20%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%9D%E0%A4%BE%20%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF&f=false
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4, Ballav Das Street, Machuabazar, Ballav Das St, Raja Katra, Machuabazar, Kolkata, West Bengal 700007

[25/08, 20:18] Ujalk: Thanks bhai
Pdf बना दिए फोन किया रहा उज्जवल , Ujjal pandit
[25/08, 20:21] R: Welcome
+91 83898 28147 


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