कविता :- 17(17) हिन्दी

कविता :- 17(17)

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 08/08/2020
दिवस :- शनिवार
विषय :-  दोहा संगम पत्रिका
विधा :- पुस्तक समीक्षा
विषय प्रदाता :- साहित्य संगम संस्थान
आ. अर्चना पांडेय जी
विषय प्रवर्तन :- प्रधान संपादक दोहा संगम

साहित्य संगम संस्थान द्वारा प्रकाशित दोहा संगम है, आ. अर्चना पांडेय जी प्रधान संपादक व आ. विनय कुमार बुद्ध जी संपादक हैं , इस पत्रिका में 28 रचनाकारों की रचना है, अध्यक्ष महोदय आ. राज वीर सिंह जी बताएं है यह दोहा संगम ई मासिक पत्रिका दोहाशाला में सीखें व सिखाएं गए दोहे पर आधारित है ,शिव प्रार्थना ब्रह्माणी वीणा जी द्वारा रचित रचना है जिसमें महादेव की सुंदर रूप का वर्णन किया गया है, धारते निवारते अति सुन्दर शिव प्रार्थना है, इसके साथ ही आ. उषा सैठी जी की प्रार्थना झुका रहें चरणों में शीश,आ. प्रेम सिंह राजावत प्रेम जी भक्ति पर आधारित दोहे की ओर ले गए हैं , अध्यक्ष महोदय आ. राज वीर सिंह जी की भ्रष्टाचार पर आधारित दोहे बहुत ही सीख देने वाली दोहा है जिसमें सिंह जी बतलाए है कि भ्रष्टाचार रूकने वाला नहीं है ये हर कहीं लगा हुआ है, हिमालय पर आधारित दोहा गीत आ.रामगोपाल प्रयास जी ,आ. अशोक जी की सावन , आ. वन्दना नामदेव जी द्वारा रचित दोहा प्रेम की डोर ,आ. अर्चना जी की स्मृति दोहा गीत, आ. विनय कुमार बुद्ध जी की ग्रहण पर आधारित दोहा बहुत ही लाभदायक है, अतः पाठकों के पढ़ने व सीखने योग्य है दोहा संगम पत्रिका ।
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/08/1716.html

https://www.inkalabhindi.com/2020/08/upsc.html?m=1
Name-Ripu thakur
Father name-Raju thakur
Regimental no-WBSD/2014/147691.
Rank-SGT.
Vill+p.o-Amta chandni Ghosh para.
Dist-Howrah. Pin 711401.
E-mail address-riputhakur77186@gmai.com
Mobile no-7718609031
WhatsApp no-7718609031
Occupation-unemploymeny.
Marital status-unmarried.
Sex-male.
Nationality-hindu
Durga devi

आंखों से मेरे आंसू बहने दो ,
मत रहो मेरे पास, बस अपनी यादें रहने दो ।

चांदनी रातें में जो बांटे थे सुख ,   वे रहने दो ,
अंधेरी रात में जो दुख देकर गयी वे अब सहने दो ।

पार्क , बाग़ में बैठकर किये थे, जो बातें,
अब उस बातें को रहने दो ,
जो पूरा नहीं हुआ चाहत , उन चाहत को रहने दो ।

तुम्हारे आने की जो आगाज़ थी , उस पल को रहने दो ,
तुम्हारे जाने से जो हम रोशन को गम मिला,
अब उस गम को सहने दो ।

तुम्हारी जो घुँघरू की आवाज थी, उस आवाज को सुनने दो,
जो तुम्हारे लिए रखें थे प्रेम की बातें ,
अब उन बातों को कहने दो ।

तुम्हारी जो आने की मार्ग थी, उस मार्ग को निखारते रहने दो,
तुम आओ या मत आओ , बस हमारी इंतजार जारी रहने दो ।

पतझड़ में दी थी होंठों पर मुस्कान, उस मजे को रहने दो ,
भरी बंसत में जो देकर गयी सजा , उस सजे को सहने दो ।

पास रहो या मत रहो ,
बस मेरी आंखों से आंसू बहने दो ।।

✍️ सोनू कुमार झा
को भेजें ।

[08/08, 11:34] Sonu Rk: Name _Sonu Kumar jha
Father's name _premkant jha
Date of birth _27-07-1999
Address-village khoir,post pariharpur ,block rajnagar,district_ madhubani
Pin code_847235 ,mobile number-8340502972
Aadhar card-983812898147
Blood group-o+
Bike number_BR32AD1829
Mother's name- smt.Anakalita Devi
[08/08, 11:57] R: Mast
[08/08, 11:57] Sonu Rk: ठीक है ना पिक
[08/08, 11:57] R: Ha
[08/08, 11:57] R: Bhej de
[08/08, 11:57] Sonu Rk: भेज दीजिए उसको भी हम भेज दिए
[08/08, 11:57] Sonu Rk: Sin KR liye sir
[08/08, 11:58] R: Ok
[08/08, 11:58] Sonu Rk: 👍🏻
[08/08, 11:58] Sonu Rk: Age ka kmm apka hai or sampadikye or Paisa ke liye bhi dekh लीजिएगा
[08/08, 12:00] R: Ok
[08/08, 12:05] Sonu Rk: Identify card dak se ayega Kya ya net se niklawana prega
[08/08, 12:05] Sonu Rk: Net*
[08/08, 12:08] Sonu Rk: Ago best poem bheju naa jae aha likhenne houyai or katao share nhi Kane hoiyai ek jagah bhejna hai
[08/08, 12:11] R: Ok
[08/08, 12:12] R: विधा :- ग़ज़ल    विषय :- फसाना

मंजिल दूर राह पर जाना है
हार नहीं तो जीत कर ही आना है ।

फंसे हम तो क्या पर हमें  किसी को
कभी भी कहीं भी नहीं फसाना है ।

फंसाने से सही किसी घर परिवार
को एक ही समाज में बसाना है ।

अंधकार में रोशन हो बस ऐसा
ही दया प्रेम के दीप जलाना है ।।
[08/08, 12:13] R: कल लिखें शेयर नहीं किये है
[08/08, 12:14] R: राम मंदिर भूमि पूजन

हुई होते रहेंगे राम की पूजा ,
हो रही है भूमि पूजन ,
चौदह साल तो सही पाँच सौ
साल बाद आई है ये चमन ,
राम नाम जप रहे है  मोदी, योगी ,
कोविंद और जन जन ,
रघुकुल रीत सदा से आई,
प्राण जाई पर जाई न वचन ।
है राम अपना आदर्श राजन ,
तब मिथिला पुत्री सीता, सीता पति
राम को सादर नमन ,

पांच अगस्त दो हजार बीस
बुधवार की है ये वर्णन ।
है कहां ममता अब है न वह क्षण ,
अगला साल उन्नीस में 370 वीं धारा हटाकर
किये मोदी जी सभी को प्रसन्न ,
कोरोना काल में ही सही अयोध्या में
राम लला मंदिर की हुई भूमि पूजन ,
जिसमें उपस्थित हुए हैं भाई और बहन ।
घर में ही फल फूल,  निर्मल जल से
पूजा करकें किये है भजन ,
[08/08, 12:14] R: राम मंदिर पर
[08/08, 12:40] Sonu Rk: Ekdo or bhejiye acha wala
[08/08, 12:40] Sonu Rk: Yebhi rhne dijiye
[08/08, 12:41] Sonu Rk: ?
[08/08, 12:52] R: Net se
[08/08, 13:01] Sonu Rk: Okk
[08/08, 13:22] R: विषय :- राखी न बहन की प्यार है

रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस जैसी त्योहार है ।
रोशन राह ,अब न अंधकार है ,
घर में रहकर ही मनाने की विचार है ,
क्योंकि ये कोरोना का ही साल है ।।

बहन भाई की प्यार है
जो जहां है वहीं रहें
यही हमें स्वीकार है ।
हमारी जीत कोरोना की हार है ,
दुआ ही करना बहन
यही तुम्हारी श्रृंगार है ।।

संकट में इस पल संसार है ,
इस साल नहीं , अगला साल ही सही
उसी पल का इंतज़ार है ,
हमेशा बांधी रहेगी तुम्हारी
राखी यही मेरी पुकार है ,
बहन की राखी पर ही
उज्ज्वल वर्तमान और भविष्य काल है ।।
[08/08, 13:36] Sonu Rk: Ek aisa poem bhejiye jisse ke best kr ske
[08/08, 13:36] Sonu Rk: Waise ye bhi mast hai
[08/08, 13:36] Sonu Rk: Call busy bta rha apka
[08/08, 14:04] R: आंखों से मेरे आंसू बहने दो ,
मत रहो मेरे पास, बस अपनी यादें रहने दो ।

चांदनी रातें में जो बांटे थे सुख ,   वे रहने दो ,
अंधेरी रात में जो दुख देकर गयी वे अब सहने दो ।

पार्क , बाग़ में बैठकर किये थे, जो बातें,
अब उस बातें को रहने दो ,
जो पूरा नहीं हुआ चाहत , उन चाहत को रहने दो ।

तुम्हारे आने की जो आगाज़ थी , उस पल को रहने दो ,
तुम्हारे जाने से जो हम रोशन को गम मिला,
अब उस गम को सहने दो ।

तुम्हारी जो घुँघरू की आवाज थी, उस आवाज को सुनने दो,
जो तुम्हारे लिए रखें थे प्रेम की बातें ,
अब उन बातों को कहने दो ।

तुम्हारी जो आने की मार्ग थी, उस मार्ग को निखारते रहने दो,
तुम आओ या मत आओ , बस हमारी इंतजार जारी रहने दो ।

पतझड़ में दी थी होंठों पर मुस्कान, उस मजे को रहने दो ,
भरी बंसत में जो देकर गयी सजा , उस सजे को सहने दो ।

पास रहो या मत रहो ,
बस मेरी आंखों से आंसू बहने दो ।।
[08/08, 16:30] Sonu Rk: Mstt
[08/08, 16:31] Sonu Rk: Personal प्रचार कर रहा वो ब्रिगेड of x candidate ka
[08/08, 18:03] R: आंखों से मेरे आंसू बहने दो ,
मत रहो मेरे पास, बस अपनी यादें रहने दो ।

चांदनी रातें में जो बांटे थे सुख ,   वे रहने दो ,
अंधेरी रात में जो दुख देकर गयी वे अब सहने दो ।

पार्क , बाग़ में बैठकर किये थे, जो बातें,
अब उस बातें को रहने दो ,
जो पूरा नहीं हुआ चाहत , उन चाहत को रहने दो ।

तुम्हारे आने की जो आगाज़ थी , उस पल को रहने दो ,
तुम्हारे जाने से जो हम रोशन को गम मिला,
अब उस गम को सहने दो ।

तुम्हारी जो घुँघरू की आवाज थी, उस आवाज को सुनने दो,
जो तुम्हारे लिए रखें थे प्रेम की बातें ,
अब उन बातों को कहने दो ।

तुम्हारी जो आने की मार्ग थी, उस मार्ग को निखारते रहने दो,
तुम आओ या मत आओ , बस हमारी इंतजार जारी रहने दो ।

पतझड़ में दी थी होंठों पर मुस्कान, उस मजे को रहने दो ,
भरी बंसत में जो देकर गयी सजा , उस सजे को सहने दो ।

पास रहो या मत रहो ,
बस मेरी आंखों से आंसू बहने दो ।।

✍️ सोनू कुमार झा
[08/08, 19:37] Sonu Rk: 👍🏻NYC
[08/08, 20:30] Sonu Rk: Gautam किसका संवाददाता है अभी न्यूज भेजा है pdhiye ना
[08/08, 20:31] Sonu Rk: 😀
[08/08, 20:58] R: संवाददाता मतलब ई हुई छैय कि जे संवाद दैय छैय
[08/08, 21:47] Sonu Rk: देखिए धमकी
[08/08, 21:47] Sonu Rk: Bejiye उनको
https://www.inkalabhindi.com/2020/08/upsc.html?m=1
आज लॉकडाउन रहा, सोनू 500 दिया ,50 देकर प्रतियोगिता में +91 8340 502 972


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