कविता :- 16(72) हिन्दी,

कविता :- 16(72)

#############        क्रमांक :- 06

नमन🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिनांक :- 24/06/2020
दिवस :- बुधवार
विधा :-  कविता
भाषा :- हिन्दी
शीर्षक :-  संपादक

चला हूं हम रोशन और चलाया हूं वह पथ ,
साहित्य सेवा करने से , ज़्यादा
साहित्य सेवा करवाने में है दिक्क़त ।
जिनके रचना प्रकाशित करो , वे करेंगे इज़्ज़त ,
कुछ गलतियों के कारण रचना न करो प्रकाशित
तो वही रचनाकार कह बैठते वह संपादक ही है ग़लत ।।

बहुत कठिन है , जो काम करते संपादक ,
कर्म करते सेठ न , बनकर सेवक  ।
बिना पूजा पाठ के ही बनाते छोटे से बड़े लेखक ,
वही बेचारा संपादक कभी मीठी-मीठी बातें
तो कभी गाली सुनता बेशक ।।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716 कविता :-16( 72)

नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 162
दिनांक :- 24-06-2020
दिवस :-  बुधवार
विषय :- वृक्ष
विधा :- गीत
संचालक :- आ. सुरेश चन्द्रा जी

-: एक पेड़ लगाओ  । :-

आओ जी आओ
हरियाली लाओ
एक पेड़ लगाओ ।
है पर्यावरण अपना
इसे बचाओ ‌।।

फल खाओ ,
जल लाओ ।
जल देकर पेड़ बचाओ ।
और अपना ये वातावरण हंसाओ ।।

हम रोशन और आप मिलकर
बदलाव लाओ ,
अपने जन्मदिन के दिन
हर वर्ष एक पेड़ लगाओ ।
हरी भरी पेड़ पौधे से घर द्वार बाड़ी चमकाओ ,
एक पेड़ लगाकर इस कविता को गाओ ।।

आओ जी आओ ,
पड़े ज़मीन में हल चलाओ ।
कोई पेड़ , तो कोई जल लाओ ।
पेड़ लगाकर  " वृक्षारोपण " की विधि दर्शाओ ।।

अपने करो घर परिवार और समाज से करवाओ ,
वृक्षारोपण की अभियान चलाओ ।
आज लगाओ कल सुख पाओ ,
आओ जी आओ, एक पेड़ लगाओ ।।

वृक्ष की महत्त्व खुद समझो और दूसरों को समझाओ ,
न समझे तो बार - बार बतलाओ ।
बतलाकर खुद भी और उससे भी एक पेड़ लगाओ ,
और क्या आप भी पर्यावरण रक्षक कहलाओ ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

कविता :-16(64)
नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 16-06-2020
दिवस :- मंगलवार
विषय :-  उम्मीदों की धारा
विधा :- कविता
मुख्य आयोजक :- श्रीमान निर्मेश त्यागी जी
सह आयोजक :- आदरणीया सुनीता सोनू जी

नमस्ते 🙏 :-  मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य मंच,
विषय :- राही और मंजिल
दिनांक :- 23/06/2020
दिवस :- मंगलवार

ज़रूरत है, आशीर्वाद और प्रणाम के ,
मूल्य है न आराम के  ।
लक्ष्य पर रहो उम्मीद का दामन थाम के ,
अभी करो, मत कहो कि ये काम है शाम के ।।

वर्णन करो सीता पति राम के ,
राधा प्रिय श्याम के ।
और रोशन करो अपने नाम के ,
जो भी करना है वह करो
उम्मीद का दामन थाम के ।।

उज्जवल करो अपना घर परिवार और ग्राम के ,
पेड़ लगाओ , अमरूद और आम के ।
गरीबों का मदद करो, ज़रूरत है न काशी, मथुरा धाम के ,
यूं मंजिल तक चल जाओगे,
उम्मीद का दामन थाम के ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/04/1598.html
https://www.inkalabhindi.com/2020/06/blog-post_545.html?m=1

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
दिवस :- बुधवार , की रचनाएं  :-
http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/5.html
दिनांक :- 24/06/2020
दिवस :- बुधवार , की रचनाएं
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1671.html
साईकिल ताला तोड़े , विकास पाठक पास काम, कल वे घर लिए, खाना 51 दिये । निमंत्रण रहा
परोपकार :- 16(70)

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