कविता :- 16(68) हिन्दी, विश्व साहित्य संस्थान

कविता :- 16(68) विश्व साहित्य संस्थान

नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
सर्वप्रथम " विश्व साहित्य संस्थान मंच को नमन करते हुए, गुरु जी अमिताभ सिंह जी , आदरणीय आशीष झा जी सह  ज्योति झा जी को सादर प्रणाम 🙏 और बहुत बहुत धन्यवाद, जिन्होंने अपनी सहयोग से हमें नई ऊर्जा प्रदान किये है ,

जय हिन्द जय ,                             जय हिन्दी
जय विश्व साहित्य संस्थान  ,             जय भारत

विषय :- विश्व साहित्य संस्थान  ( अपना संस्थान के बारे में )
विधा :- कविता
तिथि :- 20-06-2020
दिवस :- शनिवार  , कविता :- 16(68)

आपका अपना विश्व साहित्य संस्थान है ,
गुरु अमिताभ ,आशीष जी हमारे श्रीमान है ।
संग में साहित्य सेवा करने में ज्योति झा जी की ध्यान है ।।
ये संस्थान आपका और हम रोशन का प्राण है ,
सेवा करो , जो भी जिसके पास जो ज्ञान है ।।

कला और विज्ञान है ,
इस संस्था में सबका महत्त्व समान है ।
जगे है जगाने की अभियान है ,
यहीं पूजा करूं, हमारे लिए तो यही भगवान है ।।

सुन्दर प्रकृति , नीला आसमान है ,
किसी का भी वर्णन करो ,
वर्णन करना ही हमारी और आपकी शान है ।
माँ सरस्वती की हम सब खान है ।
उन्हीं से चल रहा है और चलने वाला , हमारा
ये विश्व साहित्य संस्थान है ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 20-06-2020
दिवस :- शनिवार
विषय :- आहुति निशुल्क पुस्तकमाला
विधा :- समीक्षा

सर्वप्रथम साहित्य संगम संस्थान परिवार को सादर प्रणाम । आज के विषय " आहुति निशुल्क पुस्तकमाला " पर समीक्षा करने के लिए हम रोशन व समस्त रचनाकारों के तरफ से मंच को बहुत-बहुत धन्यवाद । सजीव को जीने के लिए में जिस प्रकार जल और भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार समाज को शिक्षित बनाने में गुरु के साथ पुस्तक का योगदान होता है । भले आधा पेट खाना मिले ठीक है, पर अधूरा ज्ञान ज्ञान लेना ठीक नहीं । इसलिए समाज में निशुल्क पुस्तकालय होना अति आवश्यक है, और पुस्तकालय है भी इस की संख्या हमें बढ़ाना होगा, और सब मिलकर बढ़ायेंगे ।
पुस्तक हजार दोस्त के समान होते है, दोस्त तो छोड़कर जा सकता पर पुस्तक नहीं ।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :-159
दिनांक :- 20-06-2020
दिवस :-  शनिवार
विषय :-  जीत ही जायेंगे हम
विधा :- चित्र - लेखन
संचालक :- आ. निकली शर्मा जी

तय किये है दूरियां , अब दूरी ही है कम ,
जब हम रोशन चले हैं, तब जीत ही जायेंगे हम ।।
चलें है राह पर पाये खुशियां और पाये ग़म ,
बढ़े हैं , और बढ़ते रहे मेरी सफलता हरदम ।।

है ईश्वर,खुदा, मसीहा के रहम ,
वरना क्या कर पाते हम ।
चलें है तन मन से जिंदा है दम ,
जब दम ही जिंदा है,
तब जीत के क्यों न आयेंगे हम ।।

कुछ करना है, ये है जीवन की क़सम ,
कहीं सम ,
तो कहीं है विषम ,
जब राह पर चले ही है,
तो जीत के ही आयेंगे हम ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716





नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 20-06-2020
दिन :- शनिवार
विषय :-  पिता
विधा :- कविता
मुख्य आयोजक :- श्रीमान निर्मेश त्यागी जी
सह आयोजक :- आदरणीया सुनीता सोनू जी

-: पापा सुन लो मेरी कविता !:-

मां मैं लिखा हूं एक कविता ,
सुन लो मेरी कविता !
कैसे सुनू बेटा मैं तेरी कविता ,
भुखमरी, बेरोजगारी से जल रही है चिता ,
कैसे सुनूं बेटा मैं तेरी कविता !

जाओ कविता पापा को सुनाना ,
तब तक मैं बनाकर रख रहीं हूं खाना !

पापा-पापा मैं लिखा हूं एक कविता ,
बोल बेटा कहां से जीता !
जीता नहीं पापा मैं लिखा हूं एक कविता ,

कहां है अब राम और सीता ,
ना पापा राम-सीता नहीं , मैं लिखा हूं एक कविता !

अरे ! खाना जुटता ही नहीं , मैं कैसे शराब पीता ,
न-न पापा आप शराबी नहीं, मैं लिखा हूं एक कविता !

अच्छा कविता,
सुनाओ वही सुनाना जो मेरे जीवन में बीता !
बस-बस पापा वैसा ही कविता !!

सूर्य के रोशन, चांद सितारों की शीतलता में आप
पर रहीं भुखमरी की ताप ,
उसके बावजूद भी बड़े स्नेह से हमें पाले पापा आप !

बड़े संघर्षमय से आपकी जिन्दगी बीता ,
हमें रहा नहीं गया, पापा
बस आप पर लिख बैठे एक कविता !!

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716
कविता :-10(007) हिन्दी
-: मां सुन लो मेरी कविता !:-

नमन 🙏 :- बदलाव मंच

-: भक्त हूं वीर हनुमान का । :-

भूख है ज्ञान का ,
परवाह है न जान का ।
राह रोशन है , चिंता है ना मान और सम्मान का ,
हमेशा खुश रहता हूं , क्योंकि मैं भक्त हूं वीर हनुमान का ।।

नशा है न कनक , धतूरा, पान का ,
भूखा हूं मंगल गान का ।
कैसे वर्णन करूं भगवान का ,
बड़ी सुख-सुविधा मिलती , सिर्फ जपता हूं
राम भक्त नाम हनुमान का ।।

सहायक हूं जवान का ,
दर्द जानता हूं मजदूर किसान का ।
हवा में रहता हूं, पर डर रखता हूं तूफान का ,
समंदर की तरह अपने आप में बहता हूं
क्योंकि मैं सेवक हूं वीर पुत्र हनुमान का ।।

इंतजार रखता हूं न संतान का ,
पत्नी तक स्वार्थी होती , धन - दौलत क्या करूंगा
आवश्यकता है मुझे दो मुट्ठी धान का ,
और नश्वरता की प्राण का ,
जब तक मैं जिंदा रहूं , तब तक जपते रहूं नाम
वीर हनुमान का ।।

* ® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

कविता :- 11(37) पर 11(037)
02-04-2019 मंगलवार 12:47 (Intex :-1)
12 बाद मंगलवार व्रत कर रहे हैं राकेश भईया फैक्ट्री से
मां का किये रहें । Intex से
आज कविता :- 16(43) मंगलवार 26-05-2020

परिचय -

अपना नाम :- रोशन कुमार झा
जन्म तिथि :- 13/06/1999, मोबाइल नम्बर :- 6290640716
पिता :- श्री श्रीष्टु झा , पता :- ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार :- 847222
ईमेल :- Roshanjha9997@gmail. com.

कार्य :-
विगत तीन वर्ष से 11 व 12 वीं कक्षा के (विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं को " हिन्दी विषय " व कला विभाग के समस्त विषयों को निःशुल्क पढ़ाते आ रहे हैं , संग - संग 31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ,कम्पनी -5,
पंजीकृत संख्या - WB17SDA112047, नरसिंहा दत्त कॉलेज सेंट जॉन एम्बुलेंस , ( प्राथमिक उपचार ) द भारत स्काउट और गाइड ,पूर्व रेलवे हावड़ा जिला वेरियांग स्काउट और गुलमर्ग गाइड बामनगाछी समूह,रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा ।

प्रकाशित रचनाएँ :- कविताएँ,नाटक,संस्मरण,हाइकु,ग़ज़ल, आलेख,गीत,यात्रा वृत्तांत आदि प्रभात खबर, भारत एक नज़र,
समज्ञा,रचनाकार,अमर उजाला,साहित्य संगम संस्थान,
देवभूमि,प्रणाम साहित्य,कलम बोलती है,साहित्य उत्थान,कलम लाइव पत्रिका से आयोजित मजदूर की व्याथा ई - पुस्तक में प्रकाशित कविता, साहित्य उत्थान से करुणा साझा काव्य संग्रह में प्रकाशित रचना,साहित्य लाइव,संगम सवेरा, स्वैच्छिक दुनिया , काव्यांकुर, न्यूज़ ऑफ बंगाल ,हिमाचल साहित्य दर्पण,श्री नर्मदा प्रकाशन ,कलम बोलती है , विभिन्न पत्र पत्रिका, में  हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली, भोजपुरी, मैथिली भाषा  में प्रकाशित ।

प्राप्त सम्मान :-

2015 :- हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कूल घुसड़ी से 10 वीं कक्षा में हिन्दी में सर्वाधिक अंक लाने पर सन्मार्ग समाचार पत्र के रामवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार से हमें सम्मानित किया गया, 2017 :- वही सलकिया विक्रम विद्यालय से 12 वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन पश्चिम बंगाल पुरुस्कार से सम्मानित हुए,पीएमकेवीवाई, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना,से प्राप्त प्रमाण पत्र , वही रचनात्मक क्षेत्र में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से कविता लिखकर कलकत्ता विश्वविद्यालय व श्री शिक्षायतन कॉलेज से प्रमाण पत्र हासिल किये , (2020) वर्तमान अंकुर, साहित्य संगम संस्थान, रचनाकर के रूप में प्रमाण पत्र हासिल किये है । दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन साहित्य संगम संस्थान उत्तर प्रदेश इकाई से प्राप्त काव्य साधक सम्मान पत्र,मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य से आयोजित विषय सैनिक पर बेहतरीन काव्य सृजन के लिए कीर्तिमान साहित्य से सम्मानित किया गया, इंक़लाब ऑनलाइन पत्रिका में सत्य का दर्पण लघुकथा प्रकाशित होने पर 'सत्य सारथी सम्मान पत्र से सम्मानित हुए,ऑल पोएट्री से गोल्ड मेंबर की उपाधि प्राप्त किये, काव्य तरंग साझा काव्य संग्रह ई - बुक  में सैनिक पर कविता प्रकाशित होने पर हिन्दी काव्य रत्न सम्मान प्राप्त किये , तब से आज तक साहित्य की सेवा तन-मन से कर रहे है, और करते रहेंगे ।


मौलिकता प्रमाण पत्र :- यह हमारी स्वरचित कविता है, इसे इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका सागर यादव ज़ख़्मी जी के संपादन में काव्य तरंग साझा काव्य संग्रह ई - बुक प्रकाशन में प्रकाशित करवाने के लिए प्रस्तुत किये है ।:-


विश्व साहित्य संस्थान आज ही ईमेल
Vishshahity20@gmail.com
P:- Roshan20,
http://vishshahity20.blogspot.com/2020/06/blog-post.html   आज ही

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आज Roshan शनिवार 20/06/20 password
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