कविता :- 16(67) हिन्दी , लघुकथा दिवस आज
कविता :- 16(67)
नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :-158
दिनांक :- 19-06-2020
दिवस :- शुक्रवार
विषय :- शहीदों की शहादत
विधा :- कविता
संचालक :- आ. स्नेहलता द्विवेदी जी
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान इकाई उत्तर प्रदेश
नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
दिनांक :- 19-06-2020
दिवस :- शुक्रवार
विषय :- देश- प्रेम
विधा :- मुक्तक
मुख्य आयोजक :- श्रीमान निर्मेश त्यागी जी
सह आयोजक :- आदरणीया सुनीता सोनू जी
जब कोई सैनिक सीमा पर जाते है । :-
जब कोई सैनिक सीमा पर जाते है ,
कभी आते है, तो कभी वह घर लौट कर नहीं आते है ।
बड़ा मन घबड़ाते है ,
जब कोई सैनिक सीमा पर हमेशा के लिए सो जाते है ।।
मरने के बाद आते है , तिरंगा में आते है ,
उनके अस्थियां भी नदी गंगा में जातें है ।
मैं देशभक्त कवि रोशन महसूस कर चुका हूं, सब दिखावा है
बाज़ार करने लोग सिंगापुर, दरभंगा जाते है ,
बोलो सेना के आलावा कौन सीमा के ढंगा में जाते है ।
कोई नहीं , सब घर बैठे काली पूजा, ईद, दिवाली मनाते है ,
फल फूल से घर द्वार, बाड़ी सजाते है ।
और सीमा पर सैनिक देश सेवा के लिए गोली खाते जाते है ,
कमाते है, वे कमाई के लिए नहीं,
बल्कि देश सेवा के लिए मरे जाते है ।।
जब कोई स्त्री अपनी पति ,
कोई माँ बाप अपने पुत्र को खोने लगते है ,
हम क्या ? प्रकृति भी रोने लगते है ।
देशभर में हलचल होने लगते है ,
कब ? जब कोई सैनिक हमेशा के लिए सोने लगते है ।।
🙏✍️ धन्यवाद
® ✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
नमन 🙏 :- भारतीय लघुकथा विकास मंच
तिथि :- 19-6-2020
दिवस :- शुक्रवार
विषय :- अधूरी बात
विधा :- संस्मरण
विषय प्रदाता :- आ. शिवानी शुक्ला जी
नमन 🙏 :- भारतीय लघुकथा विकास मंच
तिथि :- 19-6-2020
दिवस :- शुक्रवार
विधा :- लघुकथा
नेहा , अणु, और जूली में ऐसी मित्रता थी कि पूछो मत , पूजा पाठ में माहिर पर कर्म में नहीं, और वह रोशन लला ज्ञानी होते हुए भी अज्ञानी वह कैसे तो आईए बताते है, लला की बारहवीं की परीक्षा और उन तीनों की ग्यारहवीं की, वह बेचारा अपना परीक्षा को महत्व न देकर अपनी प्रिय की परीक्षा की तैयारी में लग गये दोनों का राजनीति शास्त्र का ही परीक्षा रहा,फिर क्या लला तीनों को दिन रात पढ़ाये , परिणाम आया वह तीनों तो सफल हुई, लला भी प्रथम श्रेणी से बारहवीं पास हुआ, और यही सच्चा प्यार झलकने लगता है, कि राजनीति विज्ञान में ही लला का सबसे अधिक अंक आया, फिर क्या वह तीनों लला से ही बारहवीं कक्षा तक पढ़ी , वे लोग भी अच्छे अंक बारहवीं में प्राप्त की,तब तक लला का उतना मान सम्मान करती रही कि पूछो मत , आज वही लला को देखकर तीनों के तीनों मुंह घुमा लेती हैं .तो क्या लला का मान सम्मान घट गया नहीं,वह परिश्रम से अपने हर कामयाबी को पाते गया, यहाँ वक्त के साथ सब बदल जाते हैं, आप लोग दरियादिल रहीम को जानते ही होंगे, उनके साथ भी ऐसे ही हुआ, ये दुनिया " फूल तोड़ लेते और कांटे छोड़ देते " । किसी विद्वान ने ठीक ही कहें है -
" वे रहीम अब बिरह कहँ ,जिनकर छाँह गंभीर ,
बागन बिच - बिच देखित सेहुड़ कुटज करीर । ।
® ✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
मो:-6290640716
नमस्ते 🙏 :- मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य मंच,
विषय :- हसीन सपने
दिनांक :- 19/06/2020
दिवस :- शुक्रवार
बूढ़ापा में भी जोश । :-
उगते पल के साथ अरमान जागने लगे ,
बूढ़ापे में लोक - लाज भागने लगे ।
अभी तो बस देखें है डिजिटल इण्डिया के सपना ,
क्यों न मैं बूढ़ापे में बन जाऊं , उन संस्था का अपना ।
जियो (JIo ) ने दी है नि: शुल्क का तोफा ,
इसलिए मैंने अपना बूढ़ापा जियो पर ही सौंपा ।
चल रही है फेसबुक , व्हाट्सएप की दौड़ ,
क्यों न मैं बूढ़ापे में जाऊं उनमें जोड़ ।
स्मार्टफ़ोन बिना थे हम लंगड़ा ,
आज एहसास हो रही है, मेरा जवानी अभी भी है तगड़ा ।
बूढ़ापे में भी कई कॉमेंट आ गये ,
क्या कहूं मैं भी कितने के प्रोफल फाइल पर छा गये ।
✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
कलकत्ता विश्वविद्यालय
कोलकाता, भारत
14-09-2017 वृहस्पतिवार 17:21 (158)
डायरी :- 2 काफी लम्बा वाला
मो :- 6290640716
आज 13-05-2020 बुधवार कविता :-16(30)
यह कविता श्रीमान डॉ अशोक कुमार
सिंह सर पर लिखें ,महाशय 14-08-2020 हिन्दी
दिवस के दिन लिए रहें ! उन्हीं पर लिखें रहें,
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/6.html
आज 13-05-2020 बुधवार कविता :-16(30)
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https://kalamlive.blogspot.com/2020/06/blog-post_18.html
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आज लघुकथा दिवस