काव्यांकुर पत्रिका में प्रकाशित :-

काव्यांकुर


(कवि-श्री रोशन कुमार झा)


 

श्री रोशन कुमार झा

परिचय

नाम-श्री रोशन कुमार झा

बचपन का नाम-गंगाराम

माता-श्रीमती पूनम देवी

पिता-श्री श्रीष्टू झा

जन्म स्थान-झोंझी,जनपद-मधुबनी, बिहार

जन्म तिथि-13/06/1999

मो :-6290640716

सेवा कर रहे हैं-31वीं बंगाल बटालियन एन०सी०सी० फोर्ट विलियम कोलकाता,राष्ट्रीय सेवा योजना एल०एन०एम०यू०,भारत स्काउट एंड गाइडस(VERIANG SCOUTS AND GULMARG GUIDES BAMANGACHI (BMG ) GROUP,EASTERN RAILWAY DISTRICT:-HOWRAH)।

साहित्यिक परिचय -विगत तीन वर्ष से 11 व 12 वीं कक्षा के (विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं को ” हिन्दी विषय ” व कला विभाग के समस्त विषयों को निःशुल्क पढ़ाते आ रहे हैं। 
आप जो भी रचते हैं,वह सब अपनी शैक्षणिक संस्थाओं से पाये अनुभव पर लिखते हैं और आज जो भी कविता लिखते हैं , वह आपने अपने गुरु अमिताभ सिंह (बच्चन सर) से सीखा है। 
वर्ष 2015 :-
10 वीं कक्षा में हिन्दी में सर्वाधिक अंक लाने पर सन्मार्ग समाचार पत्र के रामवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार से आपको सम्मानित किया गया। 
वर्ष 2017 :-
वही 12 वीं में मिथिला स्टूडेंट यूनियन पश्चिम बंगाल पुरुस्कार से आप सम्मानित हुए, और रचनात्मक क्षेत्र में (2017) हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में लिखें कविता से कलकत्ता विश्वविद्यालय व श्री शिक्षायतन कॉलेज से प्रमाण पत्र हासिल किये। और आप एन सी सी से संस्कृति कार्यक्रम में नाटक, कविता, व्यंग्य लेखनशैली हेतु पुरस्कृत हुए है ! आप पांच भाषा में कविताएं रचते हैं :- हिन्दी, मैथिली, बंगाली, भोजपुरी व अंग्रेजी में। आप रचनात्मक कार्य में तन-मन से लगे हैं।

प्रमुख रचनाएं

कृष्ण करो हम सभी पर उपकार


मां तुमसे ही है मेरी उत्पत्ति

कविता  :- 14(87)  हिन्दी  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-:  मां तुमसे ही है मेरी उत्पत्ति  !:-

मां तूने जन्म दी, पर गर्लफ्रेंड के बिना दिन कटी ,
हम रोशन हमें बनना है न किसी के पति !
बस इसी तरह बढ़ते रहे मेरी सफलता की गति ,
मां तूने मुझे उत्पन्न की और मैं तेरा पुत्र हर रोज़ करता
हूं एक कविता की उत्पत्ति !!

मां सुन लो मेरी कविता , अगले साल की कविता
पर लिखा हूं ये कविता ,
सुन लीजिए आप , पूजने योग्य है पिता !
लिखता हूं पूजा पाठ व करके योग कविता ,
हे ईश्वर,खुदा, मसीहा मत मेरे रोग मिटा ,
हे जिन्दगी तू हमें हरा , हमें न तू जीता !!

हार के आऊं हमें हार से है न आपत्ति ,
चाहे मुझ पर आये लाख विपत्ति !
रहें या न रहे मेरी आंख की गति ,
बस मां तुम्हारी दया बना रहे , जिससे मैं रोज़ करते
रहूं एक कविता की उत्पत्ति !!

सुख-दुख सबके जीवन में है सटी ,
कुछ बनना है , इसलिए सुनता हूं, करता हूं न
कभी किसी का बेइज्जती !
खुद को पहुंचता, पर पहुंचाता हूं न किसी को क्षति ,
हे माँ तुम्हारी दया बना रहे, मैं दुख में भी मुस्कुरा कर
करते रहूं हर रोज़ एक कविता की उत्पत्ति !!

                  🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
03-05-2020 रविवार  मो :-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
06-01-2020 सोमवार 12:10 का है यह
http://kavyaaprajita.in/काव्यांकुर/श्री-रोशन-कुमार-झा/
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1489-1503-1506-1492.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1611-1612.html
http://kalamlive.blogspot.com/2020/04/roshan-kumar-jha-jivan-prichay.html
(1)
https://allpoetry.com/Roshan_Kumar_jha
(2) रचनाकार :-
https://www.rachanakar.org/2020/04/blog-post_476.html
(3) अमर उजाला :-
https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/roshan-kumar-come-here-krishna-poem-written-by-roshan-kumar-jha
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1624-1488.html
दोहा  :-  16(11), कविता :- 16(12)  हिन्दी
कविता  :-  16(12) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-: कृष्ण करो हम सभी पर उपकार !:-

हटा दो कोरोना की दीवार  ,
कौन , आप ही नन्द, वसुदेव के लाल !
कोरोना से दूर करके दिखा दो अपनी चमत्कार ,
करो कान्हा फिर से एक बार हम मानव पर उपकार !!

तुम हो प्रेमियों के प्यार ,
कहां छिपे हो, गंगा की यमुना धार !
भेज रहा हूं, मीडिया आपकी वर्णन करेंगे अख़बार ,
तो आओ कृष्ण हम इंतजार करते-करते देख
रहे हैं कदम की डाल !

नहीं आओगे तो गिर जायेगा सरकार ,
कैसे गिरने दोगे ,प्रभु ये तो तुम्हीं बनाये हो संसार !
पता है हम मानव प्रकृति से किये है खिलवाड़ ,
आओ कान्हा तुम न करोगे तो कौन करेगा देखभाल !

अभी घर-घर का है एक ही सवाल ,
कोरोना.. कोरोना.. तो कोरोना से प्रभु करो उद्धार !
सुन लो प्रभु हम रोशन का पुकार ,
कोरोना से बचाकर करो कान्हा हम सब पर उपकार !

                             🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
01-05-2020 शुक्रवार 12:45 मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1611-1612.html

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