कविता :- 16(18) हिन्दी व प्रभात खबर में प्रकाशित मेरी पहली रचना !:-
कविता :- 16(18) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
यह कविता हम अपने छोटा भाई राजन के वर्षगांठ पर लिखें है ! (Happy Birthday Rajan ) 💐🎂
जन्मदिन की देर सारी शुभकामनाएं राजन !
-: मत मनाएं अभी वर्षगांठ ! !:-
यह जिंदगी रहता न स्थिर ,
कोई राज्य का राजन बनता तो कोई बनता वीर !
सब को अपने वर्षगांठ मनाने का करता दिल ,
कहें मैं रोशन अभी जिसका-जिसका जन्मदिन है,
अभी मनायें न अभी मनाना है मुश्किल !
क्योंकि कोरोना गई है पर्यावरण में मिल ,
उससे बचो ,जब ज़िन्दगी रहें फिर ,
हंसता-मुस्कुराता रहे ये शरीर ,
तब जन्मदिन मनाना यारों , लगाकर भीड़ !!
घर पर रहकर कोरोना से मुक़ाबला करों ,
मत पार करों घर की लकीर ,
घर पर ही बिना केक के वर्षगांठ मना लो, जाओ
न नदी किनारे और झील !
यही कविता से हम " कलम लाइव पत्रिका " के साथ
और किये है मोदी जी आप सभी से अपील ,
तो बाहर न निकलें , क्योंकि ये कोरोना की समस्या है जटिल !
🙏 धन्यवाद ! 💐🌹
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
05-05-2020 मंगलवार 17:45 मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
यह कविता रामकृष्ण महाविद्यालय के छात्र व राष्ट्रीय सेवा योजना के आदित्य भईया,व राहुल भईया एवं हम अपने छोटे भाई के वर्षगांठ पर संयुक्त कविता लिखें है ,जो आज ही " कलम लाइव पत्रिका" में प्रकाशित हुआ है ! धन्यवाद !
R: वह तीन दोस्त Teen dosto ki kahani >> http://kalamlive.blogspot.com/2020/05/teen-dosto-ki-kahani.html
R: घर को बनायें प्राथमिक शिक्षा का केंद्र ghar ko banaye prathmik shiksha ka kendr >> https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/ghar-ko-banaye-prathmik-shiksha-ka-kendr.html
[ R: मत मनाएं अभी वर्षगांठ Abhi mat manao varshganth >> https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/abhi-mat-manao-varshganth.html
R: रहें नहीं श्री नथुनी साह जी >> http://kalamlive.blogspot.com/2020/05/blog-post_5.html
हमारी पहली रचना जो ( प्रभात खबर) में प्रकाशित हुआ !
कविता :- 15(17) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
आलेख :- हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा
-: घर को बनायें प्राथमिक शिक्षा का केंद्र ! :-
बदलते परिवेश में शिक्षा प्रणाली, परिपाटी व परंपरा भी
बदलती जा रही है. आज अभिभावक दो वर्षीय बच्चे
को प्ले स्कूल में डाल कर कर्त्तव्य की शुरुआत कर देते
हैं, बच्चें को जल्द ही समझदार बनाना अपनी जिम्मेदारी
समझते हैं, लेकिन अनजाने में वे अपने बच्चों को समाज
और परिवार से दूर करने का भी काम करते हैं.
बच्चे का प्राथमिक स्कूल घर, परिवार और समाज ही है ,
जो नैतिकता, सामाजिकता व भाईचारे का पाठ पढ़ाता
है. बालक माता-पिता, दादा-दादी , भाई-बहन,
रिश्तेदारों आदि से मातृभाषा सीखता है, इससे संस्कार
भी मिलता है, लेकिन कच्ची उम्र में ही स्कूलों के दरवाज़े
तक पहुंचा देने पर वे व्यावहारिक ज्ञान से अछूत रह जाते
हैं, इसलिए जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को स्कूल
भेजने के पहले घर को ही प्राथमिक शिक्षा का केंद्र बनाएं,
🙏 धन्यवाद ! 💐🌹
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
04-05-2020 सोमवार मो :-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
• रोशन कुमार, हावड़ा
05-12-2015 शनिवार लिखकर ईमेल किये
लिलुआ से 07-12-2015 सोमवार को प्रभात खबर
में प्रकाशित हुआ ! यह मेरी पहली रचना है !
कोलकाता सोमवार 7, दिसंबर,2015 मार्ग शीर्ष
कृष्ण 11 संवत 2072 ( फ्लैग डे )
सशस्त्र सेना झंडा दिवस !