कविता :- 16(10) हिन्दी -: कोरोना तुम्हारे जाने की सुझाव पल पल बन रही है !
कविता :- 16(10) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳 -: कोरोना तुम्हारे जाने की सुझाव पल - पल बन रही है !:- क्या ? कहूं मैं रोशन लिखा हूं एक कविता अभी अवकाश में ही बीत रहें हैं घण्टा के घण्टा , कैसे बाहर जाऊं, अभी गाड़ी तो गाड़ी साईकिल पर भी पड़ रहें हैं पुलिस के डण्टा ! कोरोना से परेशान हैं जनता , चिंता मत कर कोरोना, केंद्र में तुम्हारे जाने की सुझाव पल पल है बनता ! तू जायेगा, सुझाव बनते- बनते घण्टा, दिन बीत रही है , अब न तुमसे चीन प्रीत रही है ! तू कोरोना हार और हमारी भारत जीत रही है , पल-पल कोरोना तू अब मिट रही है ! कोरोना तुम्हारे कारण ही कभी-कभी, कहीं-कहीं पुलिस और डॉक्टर को जनता पीट रही है , अब न गाने की अनमोल गीत रही है ! अभी घर में रहों भाई और बहनों , एकता अनुशासन ही अपना रीत रही है , देखो-देखो यारों कोरोना हार और हमारी भारत मां जीत रही है !! 🙏 धन्यवाद ! 💐🌹 ® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳 सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 30-04-2020 वृहस्पतिवार 13:20 मो:- 6290640716 রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha http://roshanjha9997.blogspot.co