कविता :- 19(17) - 19(21)


कविता :- 19(17) -  19(21)

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान तमिलनाडु इकाई
दिनांक :- 28/02/2021
दिवस :- रविवार
विषय :- साहित्य संगम संस्थान

माँ सरस्वती साहित्य संगम संस्थान , तमिलनाडु इकाई को नमन 🙏 करते हुए आप सभी सम्मानित साहित्य प्रेमियों को सादर प्रणाम , मैं रोशन कुमार झा , कोलकाता से अपनी स्वरचित रचना सुनाने जा रहा हूँ ।

हक़ीक़त है , ये हैं न जादू ,
करूँ हम रोशन साहित्य की सेवा बनकर साधु ।
साधु बनकर बदलाव ला दूँ ,
आज साहित्य संगम संस्थान पहुंच गये तमिलनाडु ।

करूं साहित्य की सेवा अभी उम्र भी नहीं हुए है आधा ,
लिखूं , लिखने से पहले पढूं ज़्यादा ।
आएं मेरी राह में बाधा पर से बाधा ,
उसका सामना करूं
यही बतलाकर गये है परदादा और दादा ।।

चलूं राह पर गिरूं बार - बार ,
जीत आऊं , या जाऊं हार ।
जब तक रहूँ , तब तक करूँ
साहित्य सेवा की श्रृंगार ।
बहुत कुछ सीखा रहे है
साहित्य संगम संस्थान
और दिखा रहें है भविष्य काल ।।

✍️  रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716,  कविता :- 19(21)
अगले साल जनेऊ का उधोग रहा ।
आज काम चालू रंगोली मोल पास खिलौना फैक्टरी में ।
Achal  ,puja 20:00 पढ़ाएं खिलौना पीटिंग घर  से ही
28 मिनट 12 सेकेंड
महाकवि आरसी प्रसाद सिंह जी
( Great poet Arsi Prasad Singh, )
विषय :- संजीवनी
कच और देवयानी की प्रेम कथा
वृहस्पति :- कच का पिता , देवताओं के गुरु
शुक्राचार्य :- देवयानी की पिता , राक्षसों के गुरु , कच का गुरु



महाकवि आरसी प्रसाद सिंह जी
( Great poet Arsi Prasad Singh, )
विषय :- संजीवनी
कच और देवयानी की प्रेम कथा
वृहस्पति :- कच का पिता , देवताओं के गुरु
शुक्राचार्य :- देवयानी की पिता , राक्षसों के गुरु , कच का गुरु

जन्म- 19 अगस्त, 1911 ई., बिहार
मृत्यु- 15 नवंबर, 1996

आरसी प्रसाद सिंह का जन्म 19 अगस्त, 1911 को बिहार के मिथिलांचल के समस्तीपुर जिला में रोसड़ा रेलवे स्टेशन से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित बागमती नदी के किनारे एक गाँव 'एरौत' (पूर्व नाम ऐरावत) में हुआ था। यह गाँव महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की जन्मभूमि और कर्मभूमि है, इसीलिए इस गाँव को "आरसी नगर एरौत" भी कहा जाता है।।
अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद आरसी प्रसाद सिंह की साहित्य लेखन की ओर रुचि बढ़ी। उनकी साहित्यिक रुचि एवं लेखन शैली से प्रभावित होकर कवि रामवृक्ष बेनीपुरी ने उन्हें "युवक" समाचार पत्र में अवसर प्रदान किया। बेनीपुरी जी उन दिनों 'युवक' के संपादक थे। 'युवक' में प्रकाशित रचनाओं में उन्होंने ऐसे क्रांतिकारी शब्दों का प्रयोग किया था कि तत्कालीन अंग्रेज़ हुकूमत ने उनके ख़िला़फ गिरफ़्तारी का वारंट जारी कर दिया था।
भारत के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और एकांकीकार थे। छायावाद के तृतीय उत्थान के कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने वाले और 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित आरसी प्रसाद सिंह को जीवन और यौवन का कवि कहा जाता है। बिहार के श्रेष्ठ कवियों में इन्हें गिना जाता है। आरसी प्रसाद सिंह हिन्दी और मैथिली भाषा के ऐसे प्रमुख हस्ताक्षर थे, जिनकी रचनाओं को पढ़ना हमेशा ही दिलचस्प रहा है। इस महाकवि ने हिन्दी साहित्य में बालकाव्य, कथाकाव्य, महाकाव्य, गीतकाव्य, रेडियो रूपक एवं कहानियों समेत कई रचनाएँ हिन्दी एवं मैथिली साहित्य को समर्पित की थीं। आरसी बाबू साहित्य से जुड़े रहने के अतिरिक्त राजनीतिक रूप से भी जागरूक एवं निर्भीक रहे। उन्होंने अपनी लेखनी से नेताओं पर कटाक्ष करने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। 15 नवंबर, 1996 में इनकी मृत्यु हो गई ।

प्रश्न :- संजीवनी (संजीविनी) की कथावस्तु का संक्षेप में वर्णन कीजिए ।
संजीविनी' खण्ड-काव्य की संक्षिप्त कथा प्रस्तुत कीजिए ।

संजीवनी (संजीविनी) एक खण्ड काव्य है । इसकी कथा नौ सर्गो में है । राष्ट्रीय भावना से भरा हुआ कविवर आरसी ने कच और देवयानी की पौराणिक कथा का आधार बनाकर आधुनिक भारत की समस्याओं का स्पर्श किया है । आज का हमारा अधिकांश युवकों प्यार के लिए सब कुछ कर सकता , पर प्यार को त्याग नहीं सकता ।

देवासुर (देवता और राक्षस) संग्राम की कथा बहुत प्राचीन है । देवता और दानवों में हमेशा संघर्ष होता रहा है । देवताओं ने बार - बार दानवों (राक्षसों) को हराया , पर दानव हारकर भी पुनः दुगना शक्ति से  युद्ध में लग जाते । कारण यह था कि राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य को संजीविनी विद्या का ज्ञान था और उसी शक्ति से वे राक्षसों को पुनः जीवित कर देते थे । देवराज इन्द्र चिन्तित थे। देवताओं के समक्ष (सामने) एक गम्भीर समस्या उपस्थित थीं । सभा में सभी देवता मौन थे । उनकेे गुरु वृहस्पति ने उनकी समस्या का समाधान किया कि यदि कोई देव-पुत्र राक्षसों के गुरु शुक्राचार्य को प्रसन्न कर ले और उनसे संजीविनी विद्या का ज्ञान प्राप्त कर लें तभी कुशल (अच्छा) है । पर राक्षसों के राज्य में जाने के लिए कोई तैयार नहीं था । तभी वृहस्पति का तेजवान पुत्र कच खड़ा हुआ - सारी कठिनाइयों और आपत्तियों को झेल कर शुक्राचार्य से विद्या प्राप्त करने के लिए मैं जाऊंगा । कच को प्रस्तुत देखकर इन्द्र चौंक पड़े और बोले 'सौम्य ! यहां यम , कुबेर आदि दिकपाल जैसे वीर शिरोमणि खड़े हैं , फिर भला तुम क्यों उस आग की लपटों में जाओगे ? उसने बड़े उत्साह से कहा कि 'पूज्य पिता का आशीर्वाद हो , सुर - संसद की कृपा हो तो मैं गुरु-सेवा में आत्मसमर्पण कर दूंगा , संजीविनी सीख कर आऊंगा और औरों को सिखलाऊंगा । वृहस्पति बोले - जाओ तात् ! (बेटा) गुरु- प्रसाद से ही विद्या प्राप्त होती है । इस प्रकार देवलोक से गुरु-जनों का आशीष ग्रहण कर कच ने प्रस्थान किया ।
नगर के कोलाहल से दूर शान्त तमसातट पर तपोवन के एक एकान्त आश्रम में शुक्राचार्य रहते थे । जब कच वहां पहुंचा तो उस समय उनकी पुत्री देवयानी से उसकी भेंट हुई । कच ने गुरु से भेंट करने की प्रार्थना की तथा अपना प्रयोजन भी बतलाया । देवयानी के हृदय में उसके प्रति प्रेम उत्पन्न हुआ। उसनेे समुचित सत्कार किया तथा कच को आश्वासन दिया कि उसका मनोरथ अवश्य ही पूर्ण होगा । कच गुरु शुक्राचार्य के चरणों पर विनीत हुआ तथा उनका शिष्य बनने की चाह प्रकट की । कच की भक्ति से प्रभावित होकर शुक्राचार्य संतुष्ट हुए । उन्होंने उसे आशीर्वाद दिया और अपना शिष्य बना लिया। दस - शत वर्षों तक ब्रह्राचर्य-व्रत का संकल्प लेकर कच उनका शिष्य बन गया और एक योग्य , कुशल शिष्य की तरह गुरु के चरणों का आशीर्वाद तथा निश्छल हृदय देवयानी का स्नेह पाकर अपनी साधना में जुट गया । वह कठोर श्रम करता - गुरु की आज्ञा और साधना की धूप से न तो वह विचलित होता और न देवयानी के प्रेम की चाँदनी से चंचल ही होता । साधना के पथ पर अविचलित , अविश्रान्त भाव से वह गतिशील था ।

इधर कच के प्रति राक्षसों में कौतूहल जगा । गुरु शुक्राचार्य के भय से वे प्रत्यक्षत: कुछ कर नहीं पाते थे ‌। उनके हृदय में घृणा और विद्वेष का दावानल दहक रहा था । एक दिन एकान्त पाकर दनुज के बालकों ने स्नेह का छल बिछाकर कच से सारी बातें जान ली । निष्कपट कच कुछ छिपा नहीं पाया , और तब दुष्ट-दानव बालकों ने उसे मार डाला । संध्या हो जाने पर भी जब कच आश्रम नहीं लौटा तब देवयानी का हृदय शंका और त्रास से भर उठा ‌ उसके हृदय में कच के प्रति निश्छल प्यार पनप चुका था । वह विफल होकर अपने पिता के पास पहुंची और अत्यन्त आतुर भाव से अपने भय का निवेदन किया ‌ । शुक्राचार्य अपनी पुत्री को अत्यधिक प्यार करते थे ‌। उन्होंने दिव्य मंत्रोच्चार किया तथा कच का आह्वान किया । दूर दूर तक उनका स्वर प्रतिध्वनित हो उठा और उत्तर के रूप में सुदूर देश में कच की आवाज़ सुनाई पड़ी। कच पुनरुज्जीवित होकर संदेह उपस्थित हो गया । देवयानी के अश्रु पुरित नैन खुशी से नाच उठे । कच से पूरी कहानी सुनकर शुक्राचार्य ने उसे सावधानी से रहने की सीख दी । देवयानी ने संकल्प किया कि
वह भविष्य में कच को अकेले वन में नहीं जाने देगी । साधना का रथ फिर बढ़ चला । पर राक्षसों के बीच खलबली मच गई थी । उनका द्वेष बढ़ता गया और वे किसी उपयुक्त अवसर की खोज में थे । कच पूजा हेतु जब मधुबन से फूल चुन रहा था राक्षसों ने उसे पुनः मार डाला और अस्थि - मांस को पीस कर जल की धारा में विसर्जित कर दिया । एक बार फिर देवयानी के आकुल अंतर को , स्नेह - शिथिल हृदय को शांति तथा उल्लास देने हेतु गुरु शुक्राचार्य ने कच को जीवित कर दिया ।

एक दिन राजभवन के किसी उत्सव में गुरु और देवयानी दोनों गये हुए थे । कच आश्रम में अकेले था । राक्षसों ने छल का सहारा लिया । कच को लगा मानो आश्रम की गाय बाहर भय से चिल्ला रही हो । वह अस्त्र लेकर गौ रक्षा के लिए बाहर निकला । राक्षसों को अवसर मिला । उन्होंने उसे मार डाला तथा अस्थि - मांस को जलाकर गुरु के पेय में मिला दिया । बिना किसी आशंका की कल्पना किए हुए गुरु उसे पी गये ।

रात में जब शुक्राचार्य और देवयानी आश्रम आये तो कच का कहीं पता नहीं था । एक अज्ञात भय से देवयानी सिहर उठी । मन की समस्त पीड़ाओं को वाणी देकर , वह पिता के समक्ष (सामने) गिड़गिड़ाने लगी । उसकी कातर वेदना-युक्त आग्रह ने एक बार पुनः शुक्राचार्य को कच को जीवित करने के लिए विवश कर दिया । उन्होंने फिर मंत्रोच्चारण किया। पर गुरु के उदर में स्थित कच बाहर निकलने के विषय में धर्म संकट में पड़ा हुआ था। ( लोक लाज)  गुरु का पेट चीर कर निकलने का अर्थ होता गुरु की मृत्यु और कच को यह सोचना भी अभीष्ट नहीं था। अन्त में देवयानी का अत्याधिक अग्रह देखकर गुरु ने कच को वहीं ( पेट के अंदर ही ) संजीविनी विद्या का ज्ञान दिया । कच बाहर निकला और फिर उसी मंत्र के सहारे गुरू को भी जीवित कर दिया । साधना की सिद्धि के अवसर पर कच ने गुरु के चरणों पर सिर रख दिया । स्नेह - शिथिल गुरु ने उसे अपने पुत्र की समकक्षता दी तथा उसे जी भर आशीर्वाद दिया ।

उद्देश्य - पूर्ति के पश्चात जब एक बार कच ने देवलोक जाने का निश्चय किया तो देवयानी ( गुरु की पुत्री ) ने उस पर प्रेम प्रकट करके उससे रुक जाने की प्रार्थना की । कच ने अपने कर्त्तव्य पालन की बात कहकर देवयानी की प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया , साथ ही यह बात भी स्पष्ट कर दी कि भगिनी के रूप में गुरु- सुता ( गुरु की पुत्री ) से वह विवाह की बात भी नहीं सोच सकता । अन्त में निराश होकर देवयानी ने कच को शाप दे दिया कि संजीविनी ( संजीवनी) विद्या कच के काम नहीं आएगी । कच ने भी देवयानी के क्रोध को अनुचित बताकर उसे किसी क्षत्रिय की पत्नी बनने का शाप दे दिया । तदोपरान्त कच ने देवलोक जाकर संजीवनी विद्या का प्रसार कर देवताओं में उत्साह भर दिया और देवताओं ने धर्म- युद्ध में तत्पर होकर दानवों को परास्त कर दिया , स्वर्ग लोक में सुख और शांति छा गई । 'संजीविनी का यही कथानक है ।

#महाकवि #आरसी #प्रसाद #सिंह  
( #Great #poet #Arsi #Prasad #Singh, )
विषय :- #संजीवनी
#कच और #देवयानी
#शुक्राचार्य :- #देवयानी की #पिता , #राक्षसों के #गुरु , कच का गुरु
#वृहस्पति :- कच का पिता , #देवताओं का गुरु

28/02/2021 , रविवार , कविता :- 19(21)

रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य संगम संस्थान  , पश्चिम बंगाल इकाई (सचिव)
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7
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पूरी कथा :-
http://vishnews20.blogspot.com/2021/02/great-poet-arsi-prasad-singh.html

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=731828484373228&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo

https://twitter.com/Vishnews1K/status/1366060463612522500?s=19

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CUSU
Calcutta University Students' Unity
#University of #Calcutta #CU
University of Calcutta , Maulana Azad College
semester 1 resulte solve
48 Students

विश्व न्यूज़ , कोलकाता
28/02/2021 , रविवार
University of Calcutta , Maulana Azad College
College semester 1 resulte solve


मौलाना आज़ाद कॉलेज के प्रथम सेमेस्टर छात्र छात्राओं की रिजल्ट में हुई सुधार

कलकत्ता विश्वविद्यालय के मौलाना आज़ाद कॉलेज के प्रथम सेमेस्टर छात्र छात्राओं की रिजल्ट में हुई सुधार , परिणाम आने के बाद 52 छात्र- छात्राओं के परिणाम में समस्याएं थी , किसी को रिजल्ट में अब्सेंट तो किसी के रिजल्ट में नॉट फाउंड । वे सारी समस्याओं का समाधान कलकत्ता यूनिवर्सिटी  स्टूडेंट्स यूनिटी (CUSU) के सहयोग से कलकत्ता विश्वविद्यालय 48 छात्राओं का समस्याओं का समाधान कर दिया । बाकी चार छात्रों का समस्या का भी बहुत जल्दी ही समाधान किया जाएगा ।


#Calcutta #University #Students' #Unity

CUSU
Calcutta University Students' Unity
#CUSU
✍️ रोशन कुमार झा
Roshan Kumar jha
রোশন কুমার ঝা

http://vishnews20.blogspot.com/2021/02/university-of-calcutta-maulana-azad.html

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=731787061044037&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo

https://youtu.be/kvoxlftfo34


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नमन 🙏 :-
दिनांक :- 27/02/2021
दिवस :- शनिवार

दिनकर , कबीर ,
है साहित्य की दिल ।
अभी साहित्य में लगी है भीड़ ,
उसमें हम रोशन भी गये है मिल ।।

कुछ सीखें है ,
तब न लिखें है ‌।
तब कहीं किताबों
के पन्नों में दिखें है ,
गर्व है हमें ,
हमारी कलमें किसी
के हाथों न बिके है ।।

महाकवि आरसी प्रसाद सिंह जी
संजीवनी लिखा हुआ ,
कच और देवयानी की प्रेम कथा से सीखा हुआ ।
वृहस्पति,  कच का पिता , देवताओं के गुरु से दिखा हुआ ,
शुक्राचार्य  देवयानी की पिता , राक्षसों के गुरु , कच का गुरु
किसी से न बिका हुआ ।।

✍️  रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716,  कविता :- 19(20)
रंगोली मोल पास काम दीपक भईया पूजा रहा फिर से शुरू
भाभी आयी 100 दी , 500 भेजी पूजा ।

कवि  कबीरदास जी की साखी -

" ग्यान प्रकासा गुरु मिला, सों जिनि बीसरिं जाइ ।
जब गोविंद कृपा करी, तब गुरु मिलिया आई ।।

का अर्थ ।

हिन्दी साहित्य

कवि कबीर , कबीरदास जी

कबीर की साखी :-

" ग्यान प्रकासा गुरु मिला, सों जिनि बीसरिं जाइ ।
जब गोविंद कृपा करी, तब गुरु मिलिया आई ।।

का अर्थ ।



प्रस्तुत पंक्ति में कबीरदास जी सद्गुरु की प्राप्ति के बारे में कहें हैं । यदि जीवन में सच्चा गुरु मिल जाएं तो उन्हें भूलना नहीं चाहिए , सच्चा गुरु की प्राप्ति करना इतना आसान नहीं है , जीवन में तो कितने गुरु आते पर कुछ ही सच्चा गुरु बन पाते हैं ।  जब ईश्वर (गोविंद) की कृपा होती है तब ही सच्चा गुरु की प्राप्ति होती है , इसलिए सच्चा गुरु (सद्गुरु) को कभी नहीं भूलना चाहिए ।

साखी :- प्रमाणित आधारित दोहे को साखी कहते हैं ।

लिंक पर जाएं :-
http://vishnews20.blogspot.com/2021/02/blog-post_26.html

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#साखी

#हिन्दी #साहित्य

#कवि #कबीर , #कबीरदास #जी
Hindi sahitya
Shakhi  , Saakhi
Kavi kabir kavir kavirdash jii

#Hindi #sahitya
#Shakhi  #Saakhi

#india #poet #Indian poet
#Kavi #kabir #kavir #kavirdash #jii

Show Description
विवरण देखें ।

https://youtu.be/0hq5DNG1oiQ

27/02/2021 , शनिवार

कविता :-15(41)  हिन्दी *® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
26-02-2020 बुधवार 20:59 (मो:- 6290640716)
Roshan Kumar Jha ® ✍️ রোশন কুমার ঝা 🇮🇳

        -:🙏  एक भारत श्रेष्ठ भारत  -🎂  !

हम रोशन भगवती घर जनेऊ में आये,
रामकृष्ण महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना में आज
पहली बार आये !
वहां आकर एक भारत श्रेष्ठ भारत जैसे पवित्र पर्व मनायें !
पूजा पाठ भी नहीं हुआ पर राहुल मनहर गुरु जी
के वज़ह से बहुत कुछ पाये, 

बंगाल में रहकर बिहारी बनकर प्रमाण पत्र पायें,
क्यों , .. क्योंकि क्विज़ प्रतियोगिता में त्रिपुरा व
मिजोरम की संस्कृति-सभ्यता के गुण गायें !
इसी तरह गुरु जनों दया प्रेम दर्शायें ,।   
आज कुछ नहीं पर कल हम भी कुछ कहलाये !  

मोदी जी द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल जी के
वर्षगांठ पर चलायें है,
वह योजना एक भारत श्रेष्ठ भारत कहलाये है !
हम भी इस संस्था में आयें है ,
कुछ सही,कुछ ग़लत उत्तर देकर हम भी प्रमाण पत्र पायें है !

                      🙏✍️धन्यवाद 🌻🌷 कविता:-15(41)                                                     
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
कलकत्ता विश्वविद्यालय Reg no:-117-1111-1018-17
मो:-6290640716,(8420128328) 9433966389,
(7980860387) 26-02-2020 बुधवार 20:59
सलकिया विक्रम विद्यालय #PMKVY कविता:-15(41)
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी :-LNMU
Ramakrishna college Madhubani :-NSS
गंगाराम कुमार झा झोंझी मधुबनी बिहार
31St Bengal Bn Ncc Fort William Kolkata-B
(Reg no:-WB17SDA112047 ) Coy no:-5
Narasinha Dutt college St John Ambulance
Veriang scouts & Gulmarg Guides
The Bharat Scouts & Guides, Eastern Railway
Howrah District, Group:- Bamangachi (BMG)
IGNOU:-BPP-(191081735) श्री जैन विद्यालय हावड़ा
बाली अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVF)
77/R Mirpara Road Liluah Ashirbad bhawan
सोये हम रोशन, राहुल,राजन, आनंद ललन काका के ऊपर वाला घर में,एक भारत श्रेष्ठ भारत, प्रधानाध्यापक और एक सर आये,कोई खड़ा नहीं हुआ, बोले,5 जन Nss सर पूछें SAARC हम बोले South Asian Association for Regional Cooperation. 1985,NCC C Exam वालों से पूछते रहे, हमको बोले तुम्हारा B हैं या C हम बोले C Exam दे दियें है  ict room , 19:57 आज के क्विज प्रतियोगिता में भाग लिए रौश


नमन 🙏 :-
दिनांक :- 26/02/2021
दिवस :- शुक्रवार

शीतला माँ की स्नान यात्रा
है अपना हावड़ा जिले का त्योहार है ।
हम रोशन हमें स्वीकार है ।

✍️  रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716,  कविता :- 19(19)
पीसा आज दिल्ली गये ।
16/02/2020 रविवार के बाद 26/02/2021 , एक साल दस नहीं ग्यारह दिनों बाद एनसीसी ग्रुप मुख्यालय फोर्ट विलियम कोल - बी , कोलकाता बी में प्रवेश

16/02/2020  से  26/02/2021 = एक साल दस दिन
लेकिन 2020 , अधिवर्ष , लीप वर्ष रहा न ।

हावड़ा जिले में मनाने जाने वाले त्यौहार शीतला माता स्नान यात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं , माँ आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करेगी । जय माँ शीतला
26/02/2021 शुक्रवार

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक :- 25/02/2021 से 27/02/2021
दिवस :- वृहस्पतिवार से शनिवार
विषय :- घड़ियाली आँसू
विधा :- गद्य
विषय प्रदाता :- आ. कलावती कर्वा जी
विषय प्रवर्तन :- रोशन कुमार झा

माँ सरस्वती, साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई को नमन करते हुए, आप सभी सम्मानित साहित्य प्रेमियों को सादर प्रणाम, आज का विषय " घड़ियाली आँसू " बहुत ही रोचक विषय है , इसके लिए विषय प्रदाता आ. कलावती कर्वा दीदी जी को बहुत बहुत धन्यवाद ।

सर्वप्रथम हम घड़ियाली आँसू के बारे में बताते हैं ,
नकली आँसू , झूठ-मूठ का दुख ,  बनावटी करुणा , मगरमच्छ की आँसू  ये घड़ियाली आँसू की अन्य नाम है । इस तरह की आँसू दिखानें वाले आपको बहुत मिलेंगे ,वे झूठ-मूठ का दुख   व्यक्त कर मगरमच्छ की आँसू गिरा कर अपना काम बनाना चाहेंगे , कितने तो घड़ियाली आँसू की माया में आकर सहायता भी कर देते हैं जब उनको हकीक़त का पता चलता है तब पछतावा करते हैं , सहायता करना चाहिए पर घड़ियाली आँसू बहाने वालों को नहीं । अतः आप सभी से आग्रह है कि घड़ियाली आँसू की माया से जितना हो सके उतना बचे , अपनी इसी विचार के साथ आप सभी सम्मानीय रचनाकारों से अनुरोध है, घड़ियाली आँसू पर आधारित शानदार रचना इसी कमेंट बॉक्स में प्रेषित करें व अन्य रचनाओं पर भी अपनी प्रतिक्रिया अवश्य व्यक्त करें ।
हैश टैग का अवश्य प्रयोग करें)

आपका अपना
✍️  रोशन कुमार झा
#साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल

कविता :- 19(18)
बुल बुल बच्चा पूजा बहन
ये हैं आज की रहन ।
जमीन , अमीन
पक्षी चिन्ह ।

[25/02, 20:26] +91 96744 60550: Jo C nahi de paye previous year ko And apna application submit kia tha
Lekin avi woh cancel kar.dia hain...  HQ se order hain jo
Baccha exam dena chata hain woh kal 10.00 baje k andar NCC office main jaye
And proper document k sath jo valid hain(medical certificates, exam admit card) plz share this mssg to ur SD SW's so they can be able to come
[25/02, 20:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Fort William jana hai kya
[25/02, 20:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: Senior
[25/02, 20:29] +91 96744 60550: Haan
[25/02, 20:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: Kall to 10 bja
[25/02, 20:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: Uniform me kya
[25/02, 20:30] +91 96744 60550: No civil main
[25/02, 20:30] Roshan Kumar Jha, रोशन: Ok senior thank you jai hind senior

प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) फर्स्ट ऐड
फर्स्ट ऐडर , प्राथमिक चिकित्सक  (First aider)
N. D. College, St John Ambulance

प्राथमिक चिकित्सा  (First Aid) फर्स्ट ऐड
फर्स्ट ऐडर , प्राथमिक चिकित्सक  (First aider)
Narasinha Dutt College, Howrah , West Bengal
India 🇮🇳
St John Ambulance , Indian red cross society

प्रश्न :- 1.  प्राथमिक चिकित्सा  (First Aid) फर्स्ट ऐड किसे कहते हैं ?

प्रश्न :- 2. फर्स्ट ऐडर , प्राथमिक चिकित्सक  (First aider)  किसे कहते हैं ?

प्रश्न :- 3. प्राथमिक चिकित्सा (सहायता) के लक्ष्य क्या-क्या  है ?

              उत्तर :-

1) प्राथमिक चिकित्सा  (First Aid) फर्स्ट ऐड :-

प्राथमिक चिकित्सा वह उपचार या सहायता है, जो किसी भी प्रकार की दुर्घटना, चोट या अचानक होने वाली बीमारी के समय , एम्बुलेंस अथवा पैरामेडिकल या मेडिकल चिकित्सक के पहुंचने से पहले जो उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक उपचार कहते हैं ।

2) फर्स्ट ऐडर , प्राथमिक चिकित्सक  (First aider)

वह व्यक्ति है , जिसने किसी अधिकृत प्रशिक्षण संस्थान से प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया हो , सेंट जॉन एम्बूलेंस एसोसिएशन अथवा इण्डियन रेड क्रॉस सोसाइटी (Indian red cross society) द्वारा जारी प्राथमिक उपचार प्रमाण-पत्र उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है , जिन्होंने सैद्धांतिक तथा प्रायोगिक कार्य के पाठ्यक्रम में भाग लिया हो एवं किसी विशेषज्ञ की निगरानी में प्राथमिक सहायता की परीक्षा उत्तीर्ण किया हो ।

3. प्राथमिक चिकित्सा (सहायता) के लक्ष्य :-

1. जीवन की सुरक्षा करना ।
2. व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति को बिगड़ने से बचाना ।
3. स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा देना ।
4. नज़दीकी स्वास्थ्य सुविधा तक सुरक्षित परिवहन का
इंतज़ाम करना , आदि ।

जानकारी के लिए लिंक पर जाएं :-
http://vishnews20.blogspot.com/2021/02/first-aid-first-aider-n-d-college-st.html

https://youtu.be/0hq5DNG1oiQ

___________________________  
Roshan Kumar Jha
Narasinha Dutt College Howrah
St John Ambulance

#Narasinha #Dutt #College #Howrah
#St #John #Ambulance
     ___________________________  

              Yours faithfully.
    CDT Roshan Kumar Jha
WB17SDA112047
Coy no :- 5 ,
N.D.College , Howrah
31 st Bengal Bn Ncc Fort William
Group :- Kolkata-B (Kol-B )
Directorate :- West Bengal & Sikkim , Kolkata

आपका आज्ञाकारी
कैडेट रोशन कुमार झा
WB17SDA112047
कम्पनी :- पांचवीं
एन.डी. कॉलेज , हावड़ा
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम
ग्रुप :- कोलकाता - बी  ( कोल - बी )
निदेशालय :- पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम , कोलकाता

#Ncc #एनसीसी #राष्ट्रीय #कैडेट #कोर
#राकैको
#WB17SDA112047
Coy no :- 5 ,
#N.D.College , #Howrah
#31 st #Bengal #Bn #Ncc #FortWilliam
Group :- #Kolkata-B #Kol-B
#Directorate :- #West Bengal & #Sikkim , #Kolkata

___________________________  

___________________________  

Roshan Kumar Jha
Narasinha Dutt College Howrah
St John Ambulance

#Narasinha #Dutt #College #Howrah
#St #John #Ambulance
___________________________  
THE BHARAT SCOUT & GUIDES
BAMANGACHI VERINAG SCOUT & GULMARG GUIDE GROUP
EASTERN RAILWAY , HOWRAH DISTRICT

#THE #BHARAT #SCOUT & #GUIDES
#BAMANGACHI #VERINAG #SCOUT & #GULMARG #GUIDE #GROUP
#EASTERN #RAILWAY , #HOWRAH #DISTRICT

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National Service Scheme (NSS)
राष्ट्रीय सेवा योजना ( रा.से.यो ) (एनएसएस)
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा

#National #Service #Scheme #NSS
#राष्ट्रीय #सेवा #योजना #रा.से.यो  #एनएसएस


रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता , कलकत्ता विश्वविद्यालय
तृतीय वर्ष हिन्दी आनर्स
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7

वृहस्पतिवार , 25/02/2021 , कविता :- 19(18)
------------------------------------------------------

#फर्स्ट #ऐड #First #Aid

#इण्डियन #रेड #क्रॉस #सोसाइटी #Indian #Red #cross #society 🇮🇳
चिकित्सा #चिकित्सा 

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*सभी आध्यात्मिक आर्थिक एवं सनातनी भक्तों को सादर प्रणाम।*

*ज्ञानोदय साहित्य संस्था कर्नाटक*

🙏 ।। *हे मेरे राम* ।।🙏

पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचंद्र जी पर एक काव्य संकलन निकालने जा रहे हैं जिसमें आप सादर आमंत्रित हैं।

*नियम:-*

1. आप श्रीरामचंद्र जी पर भक्ति गीत, प्रार्थना, आरती या कविता भेज सकते हैं।

2.संपादक मंडल द्वारा सिर्फ श्रेष्ठ रचनाओं का ही चयन किया जाएगा।

3.आपकी रचना सिर्फ 20 पंक्तियों के भीतर ही होनी चाहिए एवं  टाइप  शुद्ध व त्रुटि रहित रचना भेजनी होगी।

4.नाम-पता और मोबाइल नंबर अवश्य भेजना है।

5.अपनी एक साफ एवं सुंदर फोटो भेजनी है।

6.यह संकलन पहले ई बुक के रूप में प्रकाशित होगी उसके बाद कोई सज्जन प्रकाशक के सहयोग से प्रकाशित की जाएगी। कोई प्रकाशक ना मिलने पर सहयोगी राशि के आधार पर प्रकाशित की जाएगी।

7. लोकार्पण के साथ सभी सहयोगी प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा।

8.आपकी रचना, आपका नाम, पता, मोबाइल नंबर एवं फोटो सिर्फ ईमेल के माध्यम से ही भेजना अनिवार्य।
व्हाट्सएप पर या व्यक्तिगत रूप से भेजने से अस्वीकार्य की जाएगी।

9. सभी सूचनाएं *हे मेरे राम* इसी व्हाट्सएप पटल पर ही दी जाएगी।

10. इस आध्यात्मिक उन्नति के पवित्र पावन कर्म में आपका पूर्ण रुप से सहयोग चाहते हैं। कृपया सिर्फ आध्यात्मिक क्षेत्र के आस्तिक रचनाकार ही इसमें जुड़िए।

रचना भेजने की ई-मेल आईडी👇
hemereram79@gmail.com

अंतिम दिनांक:-
*_28-02-2021_*

*संपादक*
डॉ. सुनील कुमार परीट
बेलगांव कर्नाटक
वरिष्ठ हिंदी अध्यापक
अध्यक्ष ज्ञानोदय साहित्य संस्था कर्नाटक
मो.9480006858

डॉ. वसुधा कामत
मो.6361636059

https://chat.whatsapp.com/Hv7A70sDblpH019LcEZmFX

विषय :- राम , लक्ष्मण , जानकी

राम , लक्ष्मण , जानकी ,
सब महिमा हनुमान की ‌‌।।
कृपा है भगवान की ,
तब क्यों न हम रोशन
कर्म करें इंसान की  ।।

भूख हो ज्ञान की ,
कला और विज्ञान की ‌।
बात है सम्मान की ,
सब देख रहें हैं प्रभु
राम , लक्ष्मण , मिथिला पुत्री जानकी ,

मूल्य होता दान की ,
शांति मिलता प्राण की ।
पूजा होते ज्ञानी और विद्वान की ,
सभी के साथ है
अयोध्या पुत्र राम , लक्ष्मण , जानकी ।।

विश्व में हासिल एक अलग स्थान की ,
तू तो गया ही कोरोना वुहान की ।
मोदी , योगी राज्य में बन गये राम मंदिर
भगवान की ,
वहाँ सदियों सदियों तक विराजमान
रहेंगे राम , लक्ष्मण , जानकी ।

✍️    रोशन कुमार झा
पिता :- श्री श्रीष्टु झा
जन्मतिथि :- 13/06/1999
जन्म स्थान :-  ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
पता :- 51/9 कुमार पाड़ा लेन, लिलुआ , हावड़ा , कोलकाता
पश्चिम बंगाल
पिन कोड :- 711204
शिक्षा :- बी.ए. द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कलकत्ता विश्वविद्यालय

कार्य :- बी.ए की छात्र, एन.सी.सी, 31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता - बी , पंजीकृत संख्या - WB17SDA112047, कम्पनी पांचवीं, नरसिंहा दत्त कॉलेज
सेंट जॉन एम्बुलेंस कोलकाता, विश्व साहित्य संस्थान ,द भारत स्काउट और गाइड ,पूर्व रेलवे हावड़ा जिला वेरियांग स्काउट और गुलमर्ग गाइड बामनगाछी समूह,रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के सदस्य, विगत तीन वर्षों से 11 वीं व 12 वीं कक्षा के विज्ञान व वाणिज्य विभाग को हिन्दी एवं कला विभाग के छात्र - छात्राओं को समस्त विषयों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते आये है, बिहार युवा विकास मंच मधुबनी के जिला उप मीडिया प्रभारी, इंक़लाब न्यूज़ पश्चिम बंगाल राज्य स्तरीय रिपोर्टर , साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव

मो :-6290640716

______________________

नमन 🙏 :-
दिनांक :- 24/02/2021
दिवस :- बुधवार
विषय :- हिन्दी हमारा महान है ।

हिन्दी हम हमारा यह हिन्दुस्तान है ,
हिन्दी से ही अर्जित किया हुआ ज्ञान है ।
तब हिन्दी की सेवा करने पर हमारा ध्यान है ,
हिन्दी कला ही नहीं , कला के साथ विज्ञान है ।।

जो बदलाव लाता ,
बदलाव लाने वाले साहित्यकार
वह भी एक इंसान हैं ,
हिन्दी बोलने , लिखने , सीखने
वाले सबके सब महान है ,
तब न विश्व स्तर पर अपना हिन्दी
भाषा का स्थान है ।
गर्व है हमें हम हिन्दुस्तानी
हम हिन्दी का ही संतान है ।।

तब हिन्दी की रक्षा करने
में ही मेरा सम्मान है ,
रक्षा करना हमारी शान है ।
हिन्दी से ही हमें बनना
साहित्यकार और विद्वान है ,
सच में अपना हिन्दी भाषा महान है ।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716,  कविता :- 19(17)

[27/02, 23:17] साहित्य संगम संस्थान समीक्षा: आदरणीय जी आपकी इकाई से स्वाति पाण्डेय जी की फोटो यथाशीघ्र चाहिए हिंदी पखवाड़ा हेतु
[27/02, 23:17] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है गुरु जी
[27/02, 23:18] साहित्य संगम संस्थान समीक्षा: हिन्दी पखवाड़ा वाली रचना संकलित हो रही है
[27/02, 23:18] साहित्य संगम संस्थान समीक्षा: आपकी भी थी क्या,मिली नहीं काॅपी मार कर दीजिए अपनी रचना भी
[27/02, 23:18] साहित्य संगम संस्थान समीक्षा: आभार
[27/02, 23:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वागतम् 🙏💐
[27/02, 23:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: नहीं गुरु जी
[27/02, 23:20] साहित्य संगम संस्थान समीक्षा: 🙏🌹🙏
[27/02, 23:21] साहित्य संगम संस्थान समीक्षा: आप कल सुबह तक एक रचना अवश्य दें हिन्दी भाषा विशेष,आपकी रचना आनी ही चाहिए
[27/02, 23:22] Roshan Kumar Jha, रोशन: ठीक है गुरु जी 🙏🙏🙏🙏🙏💐 सादर आभार
[27/02, 23:23] साहित्य संगम संस्थान समीक्षा: 🙏🌹🙏
+91 99343 58195

उचाट उपन्यास , मैथिली साहित्य,
उचाट उपन्यास लेखिकाक साहित्यिक परिचय-  आशा मिश्रा जी
Uchhat Upniyash lekhika parichai

#उचाट #उपन्यास #मैथिली #साहित्य
#Uchhat #Upniyash #Maithili
उचाट उपन्यास ,  मैथिली साहित्य ,
उचाट उपन्यास लेखिकाक साहित्यिक परिचय :-
Uchhat Upniyash lekhika parichai

✍️ श्रीमती आशा मिश्रा जी
जन्म :- 6 जुलाई 1950
उचाट उपन्यास प्रकाशित :- 2010
उचाटक प्रकाशक अछि  :- तुलिका प्रकाशन , लालवाग , दरभंगा
उचाट उपन्यास लेल इनका साहित्य अकादमी
 पुरस्कार सऽ सम्मानित :- 2014

उचाट उपन्यास लेखिकाक साहित्यिक परिचय दिअ ‌।


उचाट उपन्यास लेखिका श्रीमती आशा मिश्र जी मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार छैथ। इनकर जन्म 6 जुलाई 1950 केँ भेलनि । लेखिका स्वनामधन्य डॉ गणपति मिश्रक धर्मपत्नि  आ दरभंगा लक्ष्मीसागर में बास करैत छथि।
भागलपुर विश्वविद्यालय सँ 1969 ई ० में हिन्दी साहित्य आ दर्शनशास्त्र सऽ स्नातक के डिग्री लेलकिन  । 1989 सँ मैथिली आऽ हिन्दी में लेखन कार्य प्रारम्भ कैलनि । ई कथा , निबन्ध, जीवनी , साक्षात्कार आदि में एक प्रोढ साहित्यकारक रूपमे स्थापित भेल छथि । एखन धरि सभसँ पैघ विजय, थाहैत स्वप्न कथा संग्रह प्रकाशित भेल अछि , हिनकर सभसँ पैघ विशेषता अछि जे प्राय: सभ रचना अप्पन परम्परा, अप्पन संस्कार के संग संग नव नव भाव - भूमिका रचना करबामे सिद्धहस्त छथि , इनकर सभ रचना में नीज भावनाक दर्शन भेटैत छथि ।
उपन्यास लेखिकाक आकाशवाणी दरभंगा सँ कतेक कथाक प्रसारण भ चुकल अछि ।
  हिन्दी जगतमे हिनकर योगदान सराहनीय अछि । हिन्दी पत्रिका नवनीत आ मनोरमामे सेहो हिनकर कथा प्रकाशित अछि । 

इनकर उचाट उपन्यास तुलिका प्रकाशन , लालवाग , दरभंगा सऽ 2010 ई. में प्रकाशित भेल , इनकर द्वारा लिखल 
उपन्‍यास उचाट के लेल  इनका सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कारसँ  सम्मानित कैल गेलन ।

_________________________________

किछु प्रश्न :-

#उचाट की थिक -
उत्तर :- उपन्यास

#उचाटक लेखिका के नाम लिखू ।
उत्तर :- आशा मिश्र
#उचाटक प्रथम संकरण प्रकाशित भेल --
उत्तर :- 2010 ई. में

#उचाटक उपन्यासक समीक्षात्मक टिप्पणी लिखने छथि -
उत्तर :- पंडित गोविन्द झा

# उचाटक प्रकाशक अछि
उत्तर :- तुलिका प्रकाशन , लालवाग , दरभंगा

http://vishnews20.blogspot.com/2021/02/uchhat-upniyash-lekhika-parichai.html

https://youtu.be/0hq5DNG1oiQ
दिनांक :- 24/02/2021 , बुधवार

रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई (सचिव )
मोबाइल / व्हाट्सएप :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
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#Ncc #एनसीसी #राष्ट्रीय कैडेट कोर

Ncc एनसीसी राष्ट्रीय कैडेट कोर
Ncc :- National Cadet Corps
एनसीसी :- राष्ट्रीय कैडेट कॉर्प्स


रोशन कुमार झा
मोबाइल / व्हाट्सएप :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
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रोशन कुमार झा




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