कविता :- 17(80) , 17(79) , हिन्दी

रोशन कुमार झा

कविता :- 17(80) , हिन्दी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 10/10/2020
दिवस :- शनिवार
विषय :- आह्लाद पुस्तिका
विधा :-  समीक्षा
प्रदाता :- आ. रविशंकर विद्यार्थी जी
विषय प्रवर्तन :-  आ. अर्चना पाण्डेय  जी

जैसे कि आप सभी साहित्य प्रेमियों जानते ही हैं साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली हमेशा नये नये कार्यक्रम करते रहते है , और आज के इस समय में साहित्य संगम संस्थान के कई इकाईयों का गठन माँ सरस्वती की कृपा , गुरुजनों सह देवियों की सहयोग से हुई है , और हम बात करते आह्लाद पत्रिका , यह पत्रिका साहित्य संगम संस्थान के उच्च कोटि की पुस्तिका है  , इस  पत्रिका में सभी शालाओं से आयें श्रेष्ठ रचनाओं को ही स्थान दिया जाता है , यह मासिक पत्रिका 42 पृष्ठ की है एवं इसमें लगभग  64 साहित्यकारों की रचनाओं को स्थान दिया गया है ,इस अंक में अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह मंत्र जी ,सबकी हिन्दी , सबका हिंद के समर्थक बहुत ही अच्छा बात बतलाएं है कि हिन्दी को सम्मान दिलाना भी एक कार्य है , इस पत्रिका में कविता, डायरी , गीत , ग़ज़ल , आलेख और भी विधा को सम्मलित किया गया है , अतः आप सभी साहित्य प्रेमियों व नव लेखकों से निवेदन है कि एक बार आप भी आह्लाद पुस्तिका को पढ़कर ज्ञान अर्जित करें ।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

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कविता :- 17(80) , हिन्दी
नमन 🙏 :-
तिथि :- 10/10/2020
दिवस :-  शनिवार
विषय :-  मेरी बात , पूजा आपकी वर्षगांठ
विधा :-  कविता

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी छात्रा व राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्य आदरणीया पूजा गुप्ता जी को जन्मदिन की ढेरों सारी शुभकामनाएं सह बधाई 💐💐💐💐🙏
दिनांक :- 10/10/2020   , शनिवार
Happy Birthday Puja Gupta Jii

   विषय :-  मेरी बात , पूजा आपकी वर्षगांठ

पूजा आप, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय
के रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी की छात्रा
व राष्ट्रीय सेवा योजना के सदस्य बनी हो ,
मधुबनी, मिथिला पेंटिंग बनाने में माहिर
आप तनु वक्ष स्थल से धनी हो ।
आपकी वर्षगांठ की ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं
आपकी जन्मदिन मनाने के लिए तैयार मधुबनी हो ,
आप का साथ देने के लिए हम रोशन क्या ?
आपका संग ईश्वर,खुदा, मसीहा
और देवों के देव शनि हो ।

हमेशा आपकी जीत , कभी न हार हो ,
भूत छोड़ो वर्तमान देखों
ताकि उज्जवल आपकी भविष्य काल हो ।।
संघर्ष आपकी साथी , खुशियां उस पार हो ,
हमेशा बढ़ते रहें आप , और आपकी यही विचार हो ।।

जिससे माता-पिता , भाई बहन के साथ
आपकी नाम हो ,
कभी न आपकी अंत की शाम हो ।
आप जब सीता तब प्रभु श्रीराम हो ,
और जब आप राधा तो प्रभु श्याम हो ,
अद्धभुत है आपकी मानवता भरी प्यार ,
आपकी यह स्नेह कभी न निलाम हो ।।

✍️ रोशन कुमार झा 
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716 ( कोलकाता )
# राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका , अंक - 27 व इंक़लाब न्यूज़ मुंबई में प्रकाशित कविता
अगला साल कविता :- 13(84) हिन्दी
Happy Birthday my Life,my jaan , my Babu, my sweetheart, puja
पूजा गुप्ता +91 70614 10453
Happy Birthday Puja jii

कविता :- 17(49) , बुधवार ,  09/09/2020
कविता :- 17(80)
नमन 🙏  :- संगम सवेरा
" संगम सवेरा"- मासिक ई पत्रिका नवंबर 2020 अंक हेतु
तिथि :- 10/10/2020
दिवस :- शनिवार
विधा :- कहानी
शीर्षक:-  कुछ सीखें बातों बातों से !

कोरोना काल से दस साल पहले दो हज़ार नौ , दस की बात है
, जब गंगाराम अपने गाँव झोंझी के राजकीय प्राथमिक विद्यालय से पाँचवी पढ़कर बग़ल के गांव के राजकीय मध्य विद्यालय नरही में छठवीं कक्षा में नामांकन करवाया रहा, वह अपने दोस्त व भानजा मुकेश के साथ अपने अपने साईकिल से विद्यालय एक साथ ही आते  जाते ,श्री सच्चिदानंद झा जी उस वक़्त उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर रहें  , नाटा होने के कारण लोग उन्हें भुतवा सर कहकर पुकारते , उस समय टिफ़िन के समय विद्यार्थियों अपने अपने बस्ता लेकर घर चलें जाते फिर खाना खाकर आते, कितने तो टिफ़िन के बाद आते ही नहीं, और जो आते नहीं उनका मार्ग रोशन से अंधकार हो जाते, और जब वह अगले दिन विद्यालय आते या तो प्रधानाध्यापक जी नहीं तो कक्षा अध्यापक महफूज सर जी वह इलाज़ करते की, फिर से टिफ़िन के बाद आना ही आना पड़ता , दुर्गा पूजा की छुट्टी से पहले एक दिन अर्चना  टिफ़िन के समय गंगाराम के सामने आकर ऊँगली दिखाकर पूछी कि तुम्हारा ,, टाईटल क्या है, यूँ मैथिली भाषा में पूछी रही ... कि तोहर टाईटल की छोअ , गंगाराम को लगा कि हमसे पूछ रही है कि मेरी प्रेमिका कौन है, गंगाराम क्या खुश हो गया नदी के निर्मल जल से सागर की ओर एक ही बार में चला गया , फिर उत्तर दिया ,कीछो नैय मतलब कोई न ।  आरती , चाँदनी, छोटी , ज्योति, पूजा ,दीक्षा, दीप्ती, श्वेता, बबली , मिली, मनीषा व अपने सहेलियों के साथ अर्चना विद्यालय के बगल वाले आम के बग़ीचे में खेलने चली गई , और गंगाराम अपने मित्र मुकेश के पास आया और बोला, जानैय छीही अर्चुआ हमरा स्अ पूछलक कि तोहर टाईटल की छोउ, हम कहलियै कीयो नैय ,तब मुकेश हँसते हुए बोला अरे तोहरा सऽ पूछलको तोहर जाति की छोअ , गंगाराम बोला अच्छा भाई उसे यह पता न जब कक्षा में हाज़िरी होता है 93 ( तिरानवे ) के बाद क्रमांक 94 ( चौरानवे ) जो झा है तो उसे पता न कि हम ब्राह्मण हैं हद है , तब से गंगाराम को जब भी टाईटल की बात याद आते तो उसे अपने दोस्त मुकेश और चमकीले आँखों वाली अर्चना की याद आ जाते, ये सीख उन्हें इन्हीं दोनों के सहयोग से प्राप्त हुआ रहा, जब भी कोई रचना लिखने से पहले रचना का शीर्षक गंगाराम देता है तो वह अपने आप को शर्मिंदा महसूस करता हैं, कि एक वक्त पता न था कि टाईटल , शीर्षक क्या होता है और आज प्रत्येक दिन ही कोई न कोई शीर्षक पर कुछ न कुछ यूँ ही लिख लेते हैं, सब माँ सरस्वती की दया प्रेम और आशीर्वाद है, और उसे वह अनमोल पल याद आ जाता है, जब अर्चना पूछी रही तुम्हारा टाईटल ( Title ) क्या है, क्या वह ज़िन्दगी थी  ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,

[10/10, 07:54] R: शुभ प्रभात गुरु जी 🙏💐💐💐💐💐💐💐
[10/10, 07:54] sagar2: सुप्रभात
[10/10, 07:55] R: शिष्य का एक सुझाव क्यों न सभी प्रतिभागियों नारियों को सहभागिता प्रमाण से सम्मानित किया जाएं
[10/10, 07:55] sagar2: आपको भी इंक़लाब संपादकीय परिवार में सम्मिलित किया गया है
[10/10, 07:56] R: सादर आभार 🙏
[10/10, 07:57] R: एक आप प्रमाण पत्र भेजिए हम काम करेंगे और सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे , जैसी आपकी आज्ञा गुरु जी 🙏
[10/10, 07:57] sagar2: नहीं सिर्फ 3 रचनाकारों को ही प्रदान किये जायेंगे तो बाकी रचनाकार कड़ी मेहनत करके लिखेंगे
[10/10, 07:57] R: वह भी सही गुरु जी 🙏💐💐💐💐💐💐
[10/10, 07:58] sagar2: ये इनकी प्रतिभा को और निखारेगा
[10/10, 07:58] sagar2: हमें हर मंचो से कुछ अलग करना है
[10/10, 07:59] R: ठीक है गुरु जी 🙏💐💐💐💐💐💐 हम आपके विचारों से पूर्ण सहमत हूं
[10/10, 07:59] R: हां, उसके लिए आपका शिष्य रोशन हमेशा तैयार हैं
[10/10, 08:00] R: सादर आभार 🙏💐💐💐💐 गुरु जी
[10/10, 08:03] sagar2: अपना हस्ताक्षर भेजें
[10/10, 08:04] sagar2: Ok
[10/10, 08:06] R: ह्रदय तल से धन्यवाद 🙏 गुरु जी
10:06  भोली आयी साईकिल रखी , राजनगर

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5000+2500 आज + 12500 + 5500+ 200+50)
घर :- 800 + भाड़ा + 50 +  40 मजा + 20 पानी , भाड़ा :- 50, 17000 हुआ, हम पूजा को बोले 200 भोली को दे देने , घड़ी 4 में से एक पूजा , एक भोली ,एक गुड़िया प्रीति, एक छोटकी, छोटकी और गुड़िया के लिए दो बड़ा वाला कैटबेरी
Cadbury, बोले दो सौ भोली को देने ,सब , दीदी गांव पर ही रहे 8+4 चंद्रकाला लिए :- 250 हम समोसा खाएं ,Cadbury, Bluetooth -500 वाला भोली दी 100 कैटवेरी ,
पूजा मिथिला पेंटिंग वाला मास्क दी , फ्रेम भी , गुड़िया मास्क , Bluetooth ले ली, part - 2 का Guess paper दी , एक गुलाबी रंग का शर्ट :- 567 का ,
दीदी गांव से आते वक्त नहर पर कुटी पर प्रसाद लिए , फिर सौरभ मिला आये परौल तक आये 10 रुपया लिया चाय पीया
दीदी , दादी को भी बताएं , पूजा बारें में

🇮🇳 भारत
USA 🇺🇸 से प्रकाशित समाचार👆👏
राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका
http://humhindustaniusa.com/epaper/edition/245/09-10-2020/page/2
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/10/1779.html
https://misternkdaduka.blogspot.com/2020/10/27.html?m=1

https://misternkdaduka.blogspot.com/2020/08/20.html?m=1


कविता :- 17(79) , हिन्दी

नमन 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
तिथि :- 09/10/2020
विषय क्रमांक :- 213
दिवस :- शनिवार
विषय :-  आनंद
विधा :-  कविता
संचालक :- आ. डॉ अवधेश तिवारी भावुक जी

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 11/10/2020
दिवस :- रविवार
विषय :- आनंद
विधा :-  कविता
विषय प्रवर्तन :- आ. विनोद वर्मा जी
विषय प्रदाता :- आ. सीताराम राय जी

ये ज़िन्दगी शब्द
और छंद है ,
कहीं राह खुला तो
कहीं बंद है ।।
गति तीव्र तो कहीं मंद है ,
सुख दुख साथी ,
आज के समय में
जो है सो आनंद है ।।

जीने की सुगंध है ,
तब जीवन के कई खंड है ,
जैसे गर्म और ठंड है ।।
सम्मान और दण्ड हैं ,
सच में जीवन में
आनंद ही आनंद है ।।

✍️       रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
09/10/2020 का
🇮🇳 भारत
USA 🇺🇸 से प्रकाशित समाचार👆👏
राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका
लोहा गये साईकिल बनाये :- 235, 4 चंद्रकाला लिए , रहिका गये गौतम नहीं रहें ।
फेसबुक पर
Kalawati Karwa जी 🙏 नमस्ते दीदी जी आप यदि अपना सहयोग देंगे तो अपना पश्चिम बंगाल राज्य में भी साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई का गठन हो सकता है, इस विषय में गुरुदेव आ. मिथिलेश सिंह मिलिंद जी से बात किए हैं , अपनी विचार प्रकट करें दीदी जी 🙏💐💐💐💐
Roshan Kumar Jha जी आदरणीय पश्चिम बंगाल का इकाई समुह बन गया है। संस्थान के अध्यक्ष आदरणीय राजवीर भैया जी ने बना दिया है अभी उद्धाटन नहीं हुआ है। मैं अपनी तरफ से जितना सम्भव पूरा सहयोग करने का प्रयास करूँगी, माँ सरस्वती का मंदिर साहित्य संगम संस्थान के प्रति मेरी पूरी आस्था है साहित्य सेवा करके मुझे खुशी होगी, आप हुकुम करे मेरे योग्य सेवा के लिए । बहुत-बहुत धन्यवाद आपने मुझे इस योग्य समझा आभारी हूँ आपकी 🙏
इंक़लाब नारीशक्ति मंच दैनिक चित्रकाव्य समारोह -1

+91 70614 10453 पूजा
[10/10, 00:05] R: Happy Birthday my Life,my jaan , my Babu, my sweetheart, puja
[10/10, 00:06] Babu: Thanku jaan
[10/10, 00:06] R: Welcome babu
[10/10, 00:10] Babu: Thanku bol dijyega
[10/10, 00:16] R: Ok babu
[10/10, 00:22] R: Wahh
[10/10, 00:22] R: Nice
[10/10, 00:22] R: Very nice
[10/10, 00:22] R: Happy Birthday
[10/10, 00:26] Babu: Thanku babu di ki taraf se
[10/10, 06:21] R: Good morning babu
[10/10, 06:23] Babu: Good morning jaan

[10/10, 06:22] +91 91409 00145
संदीप शर्मा पत्रकार: Happy birthday
[10/10, 06:24] R: धन्यवाद भाई जी,

[09/10, 21:39] Pritika Jha: +91 96612 33604
So gye
[09/10, 21:42] R: Nhi bahan
[09/10, 21:44] Pritika Jha: Tumhare pass rk college ka koi friend ha kya
[09/10, 21:44] Pritika Jha: Part 2 ka geography  honurs ka practical ka roll no vala rutting dekhna tha
[09/10, 22:02] R: Ye group hai Rk college ka dakho 7 bja hi aa gaya tha
[09/10, 22:14] Pritika Jha: Thanku bhai thank u so much
[09/10, 22:15] R: Welcome bahan jii 💐
[09/10, 22:15] R: Nind aa raha hai
[09/10, 22:15] R: Par soo nhi skte
[09/10, 22:15] Pritika Jha: Tum parso aaoge kya finnel btao na plzz
[09/10, 22:15] R: Wise karna hai
[09/10, 22:15] R: Wah hmko 12 bja ki rahi
[09/10, 22:16] Pritika Jha: Kya
[09/10, 22:16] Pritika Jha: Kyu
[09/10, 22:16] R: Parso Kolkata
[09/10, 22:16] R: Birthday hai
[09/10, 22:16] R: Puja ki
[09/10, 22:16] Pritika Jha: Morning me aajana yha
[09/10, 22:17] R: Par morning me wah chij nhi milaga jo meri bahan ko pasand hai
[09/10, 22:17] R: Samaj jawoo
[09/10, 22:17] R: Aaj 4 laya tha
[09/10, 22:17] R: Hmm , dadi , anand, anandani khayee
[09/10, 22:17] Pritika Jha: Oho
[09/10, 22:18] Pritika Jha: Mere tarf se bol dena
[09/10, 22:18] R: Bolo kya hai wah chijj
[09/10, 22:18] R: Ok
[09/10, 22:20] Pritika Jha: Koi baat nhi tum esa hi Aajana
[09/10, 22:20] Pritika Jha: Chandrkala 😊
[09/10, 22:21] Pritika Jha: Byy
[09/10, 22:21] Pritika Jha: Good night
[09/10, 22:24] R: Thank you bahan jii
[09/10, 22:25] R: Aiyaga
[09/10, 22:25] R: Good night bahan

धन्यवाद सादर प्रणाम 🙏 सह सादर आभार आ. सागर यादव जख्मी जी,  इंक़लाब संपादकीय परिवार में सम्मिलित करने के लिए इंक़लाब परिवार का हम आभार 🙏 है ।
[प्रस्तुति सुबह 10 बजे से  शाम 6 बजे तक )
24 घंटे तक]

कविता :- 17(50) , वृहस्पतिवार , 10/09/2020
कविता :- 17(80)
नमन 🙏  :- राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका
" राष्ट्रीय अग्रसर पत्रिका अंक-28 हेतु
तिथि :- 10/10/2020
दिवस :- शनिवार
विधा :- कहानी
शीर्षक :- बहन से आख़िरी बात

कोरोना काल से दस साल पहले दो हज़ार दस , कार्तिक मास
काली पूजा, छठ पूजा के बाद की बात है , गंगाराम, तोताराम, अंतिमराम तीनों भाई के बाद तीन पर से एक फ्री बहन तनु की बात करते हैं, रोशन , राहुल, राजन और तनु भाई बहनों में वह प्रेम था कि क्या वर्णन करूँ , मिथिलांचल में मैथिली भाषा में कहें जाते है, ठेठर बेटा आग लगाबेए, तेतर बेटी राज लगाबेए , मतलब तीन बेटियां के बाद जो बेटा होता है वह राज्य को नष्ट कर देता है, और तीन बेटों के बाद जो बेटी होती है वह राज्य को लगाती है, 20 नवम्बर 2003 गुरुवार को जन्मी तनु राजकीय प्राथमिक विद्यालय झोंझी के दूसरी कक्षा के छात्रा अपने जन्मदिन और 20 नवंबर 1999 को जन्मा मझला भाई राहुल , दोनों के वर्षगांठ एक ही दिन पड़ता , उससे पहले निर्मल दीदी की बेटी गुड़िया बहन की जन्मदिन चौदह नवंबर चाचा नेहरू जी के बाल दिवस के दिन ही पड़ता , राजन का पाँच मई आनंद का 28 मई , रोशन तो एक अक्टूबर 1997 जन्मा पर वर्षगांठ एक अक्टूबर न 1999  के तेरह जून को ही हर वर्ष मनाते हैं, पर तनु बहन अपनी सातवीं वर्षगांठ मनाने से दो दिन पहले ही वृहस्पतिवार 18 नवंबर 2010 को ही दुनिया छोड़कर चली गई, यूं तो जॉन्डिस के शिकार से , अन्तिम वक्त माँ अपने गांव पचदही , राजनगर , रामपट्टी , कैथाही के भैरव स्थान भी गई, जहाँ माँ की हर एक मनोकामना पूरी हो जाती वहां के पुजारी बाबा भी बता दिए कि अब आपकी बेटी नहीं बच पायेगी, कोई नज़र लगा दिया है , धन्यवाद उस माँ की जो घर परिवार से ये बात छिपाते हुए अपनी संतान की इलाज़ करवाने में लग गई , उसके बावजूद भी तनु बहन नहीं बच पायी , और देवउठनी एकादशी के सुबह लगभग आठ बजे अन्तिम सांस लेते हुए चल पड़ी , उस वक्त गंगाराम राजकीय मध्य विद्यालय नरही में पढ़ता रहा , वह मिली मनीषा आठवीं , कंचन नौवीं  , गंगाराम सातवीं कक्षा में एक ही साथ अपने अपने साईकिल से लोहा के अवधेश सर के न्यू एक्टिव कोचिंग सेंटर में  सुबह को पढ़ने जाते , छठ पूजा के बाद जब बहन तनु की हालत बहुत ख़राब हो गई , रात के दो बजे से ही तड़पने लगी, भूख , भूख करती रही , जोंडिस होने के कारण दादी माँ चावल में पानी और नमक मिलाकर देती रही और वह खाती रही, कहती रही हमको और भूख लगा है , पानी पर से पानी पीती रहीं, बोलती ही रह गयी छठ पूजा के प्रसाद दो , पर तबीयत खराब होने के कारण उसे प्रसाद तक नहीं दिया गया, कुछ दिन पहले हुई भरदुतिया में निर्मल दीदी के बेटा मुकेश भईया , रूबी दीदी की ऋषि सब भाईयों के साथ गंगाराम भी प्रीति गुड़िया , खुशी बहन  राजेश चाचा आंगन में और  मुनचुन अमिषा, मिली मनीषा , नीषा मौसी व बहनों के साथ तो भरदुतिया पर्व मनाया पर अपनी बहन तनु अपने भाईयों के माथे पर तिलक नहीं कर पायी रही ,  जिसका कारण रहा लीवर कटाने उसे पिता साईकिल पर बैठकर सप्ता मधुबनी ले गया रहा , आते वक्त साईकिल के रिम में पांव फंसने के कारण कुछ ज़्यादा ही पांव कट गया रहा, जिसके चलते गंगाराम बहन तनु को साईकिल पर बैठाकर पैदल ही माँ पापा के साथ ले लोहा तक ले गया, गंगाराम को कोचिंग जाने का मन नहीं रहा, जिसके चलते वह बार बार बहन को जो तो कहता रहा मैथिली में नीक सऽ बैठ , मतलब ठीक से बैठों, शायद बहन जानती रही की अब तो हम रहेंगे ही नहीं , सब सुनती रही , जहां जहां मंदिर आते माँ बोलती बेटी हनुमान जी, काली जी को प्रणाम कर लो , वह बेचारी ज़ोर ज़बरदस्ती करती रही, कहा जाता है नीलकंठ के दर्शन से हर काम बन जाता फाटक नरही जाने की मोड़ के बाद परौल के तरफ ईंट भट्टा के तरफ माँ की नज़र उस नीलकंठ भगवान पर पड़े , फिर माँ बोली बेटी प्रणाम कर लो वह फिर प्रणाम कर ली शायद यह सफ़र उसका झोंझी गांव से अंतिम सफ़र रहा , गंगाराम बार बार कहता रहा कोचिंग का देरी हो जाएगा , इस तरह टोलवा , नहर पार करने के बाद लोहा के मुख्य सड़क पर जाने से पहले माँ बोली गंगाराम से तनु को पापा गोदी में ले लेते हैं और तुम कोचिंग चले जाओ ,गंगाराम भारी मन से बहन को उतार दिया और साईकिल चलाकर आगे बढ़ गया, कोचिंग जाने का मन तो रहा नहीं तो वह बलईन के रास्ते नहर से वह कुछ समय इधर उधर करके घर चला गया , वह स्थान बड़े पक्का के हो गए हैं पर याददाश्त आज भी है , जब गंगाराम उस स्थान से गुजरते है तो अपनी बहन की याद आ जाते हैं , जहाँ वह अपनी बहन से दूर हुए रहें , बेचारी न तो काली पूजा की मेला देखी और न ही छठ पूजा और देवउठनी एकादशी के प्रात: ही दुनिया छोड़कर चली गई, एकादशी के रात में फूस वाले घर में माँ काली भगवती के पास बड़े भाई गंगाराम अपनी बहन की रक्षा के लिए धूप अगरबत्ती जलाते रहे, माँ पूनम , पिता श्रीष्टु तनु के साथ अस्पताल में ही रहें , और दादी माँ और माँ एकादशी की व्रत रही , जिसके कारण लड्डु दीदी, के घर में ही बने खाना खाकर व्रत तोड़कर फूल देवी अपने पोती से मिलने मधुबनी गयी , दादी मधुबनी जैसे ही पहुंची , तब तक तनु , पिता और माँ के साथ लाश बनकर भगवान जी के जीप में आयी, जीप वाला ज़्यादा रुपये नहीं लिए क्योंकि विजय मिश्रा मौसा जी बात किये रहें ,  लोहा हाट में भगवान जी के जीप को शुभ माना जाता था,पर कब कौन किसके लिए शुभ हो जाएं और कौन कब किसके लिए अशुभ हो जाएं , कौन जानता है , बड़े भाई उस वक्त गोलू दीपक झा के छत पर विनोद भईया के बेटी रीतू को दी हुई बीस रुपया मांग रहे थे कि हम आज बहन से मिलने जाएंगे, तभी अचानक गंगाराम की नज़र जीप पर तो पड़ी ही पड़ी पर पिता जो साईकिल से गये रहे , वह साईकिल जीप के ऊपर रहा उसका नज़र साईकिल पर पड़ा और वह खुश होकर आया कि बहन आ गयी , जैसे ही जीप के पास से रोने की आवाज़ आयी रोशन दिल से टूट पड़ा , यहां तक की बहन को बाड़ी में ही धूल कंकड़ के पास ही रख दिया गया , ललन काका जानते हुए भी बिना बताएं दादी को मोटरसाइकिल पर बैठाकर लाएं, आते ही दादी घर परिवार के साथ रोने लगी, अंतिम संस्कार के यात्रा में ललन काका उसे कंधे पर रखकर ब्रह्मा स्थान के ठीक सामना सामनी वाले आम के बग़ीचे जो उसकी माँ अपनी ज़ेवर सब बंधक में लगाकर सुटू काका से खरीदें रहें, उस आम बाग़ान के प्रवेश द्वार पर मालदह आम के पास तनु की लाश को रख दिया , भाई गंगाराम अपनी बहन को बार बार देखता रहा , जहाँ से खून चढ़ाया गया रहा , वह चींटी लगा रहा उसे वह बार बार साफ करता रहा , अंतिम संस्कार में अपने घर से सिर्फ बड़े भाई ही आया रहा , सभी गंगाराम से पूछा कहां अंतिम संस्कार किया जाएं , तो भाई गंगाराम दिगम्बर भईया और बैजू चाचा के बग़ीचे के कोने वाले स्थान को उपयुक्त माना और वहीं तनु बहन को गंगाराम अग्निदान देकर दाह संस्कार किया , और ब्रह्मा स्थान के पोखर तालाब में ही स्नान करते हुए घर आएं, दाह संस्कार वाले गंगाराम उस स्थान को उपयुक्त इसलिए माना , क्योंकि जब एक साथ ही बीस आम के पेड़ लगाया गया रहा , सब पेड़ बड़े हो गए पर उस कोने वाला पेड़ बढ़ ही नहीं रहा था , जिसके चलते फिर से दो साल पहले दुर्गेश चाचा के और अपने पिता के साथ गंगाराम मिथिलांचल नर्सरी से तीन आम के पेड़ लाया रहा , दो बाड़ी में और एक पेड़ आम बाग़ान में लगाया , पर बहन की मृत्यु के बाद वह कोने वाला पेड़ भी और जो नया लगाया गया रहा वह भी सुख पड़ा , यहां तक कि जिस पेड़ के लकड़ी से जलाया गया रहा वह आम के पेड़ आज तक रोता हुआ महसूस करता है वह पेड़ भी एक कोने में था पर वह पेड़ गुणों से भरपूर था आम बड़े छोटा होता था पर वह मिठास की क्या बताऊं, उस बग़ीचे के सबसे लंबे पेड़ भी वही थे , पर अपने बहन तनु के न रहने पर भाई गंगाराम रक्षाबंधन पर अपने कलाई को खाली ही रखतें हैं , जबकि जो जो बहन पहले राखी बांधती वह आज भी भेजती है पर गंगाराम  वह राखी पुस्तकों में लगा लेते पर खुद नहीं पहनते , और न ही भरदुतिया के पर्व मनाते , चार साल बाद गंगाराम की चाची ,राखी ,आनंद वही अंशू , रूपम , आनंदनी ,की माँ , अरूण चाचा के जीवनसाथी सुधा भी दिल्ली में ही दुनिया छोड़कर चली गई, उस वक़्त गंगाराम कोलकाता में टिकियापाड़ा श्री नेहरू शिक्षा सदन, हावड़ा हिन्दी हाई स्कूल के बाद, घुसड़ी हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ता रहा , उसके बाद से चाचा के लड़का - लड़की गाँव पर रहने लगे , गंगाराम पेड़ पौधे लगाने के शौक़ीन थे साथ साथ राहुल,  राजन, बहन तनु भी अपने अपने बाड़ी में ही बाड़ी बनाकर पेड़ पौधे लगातें और कहते ये मेरा कोलम है , मैथिली में बाग़ बग़ीचा को कोलम कहा जाता है, भले आज वहां वह कुछ पेड़ है कुछ पक्के घर बनने के कारण नहीं है , पर वह पर आज भी जिंदा है जो आंखों में हमेशा बसा हुआ है , बहन की मृत्यु के बाद हम तीनों भाइयों माँ पापा के साथ दो हज़ार ग्यारह से पश्चिम बंगाल हावड़ा के फकीर बगान पीलखाना में छोटा घर फिर फूल बाबू चाचा यहां , फिर बामनगाछी दिलीप दत्तो बाड़ी झील रोड़ , उसके बाद कमलेश अंक्ल के यहां , फिर शिशु विद्यापीठ के पास वेलगछिया रोड़ में दो तल्ला दो हज़ार चौदह में , फिर दीपक भईया झील रोड़ के बाद 51/9 कुमार पाड़ा लेन लिलुआ सुभाष दा बाड़ी नीचे फिर ऊपर उसके बाद बंटी भईया मामा यहां वेलगछिया रोड़ सुभाष भईया पास के बाद अभी मीरपाड़ा रोड़ आशीर्वाद भवन लिलुआ में रहकर बहन की याद करते हुए ज़िन्दगी की सफ़र कर रहे हैं गंगाराम, कोलकाता में स्थान दिलाने में , काली भईया , राजू चाचा पापा के मित्र, पापा के मामा सब बहुत योगदान दिए, प्रकाश भईया , मंटू भईया भी अपने साड़ी फैक्टरी से साड़ी के धागा काटने का काम दिए , उन लोगों का योगदान से ही गंगाराम आगे बढ़ रहा है ,चाची की मृत्यु के बाद दो तीन साल बाद राखी बहन की शादी रोशन से रामनगर में हो गई, उस वक्त गंगाराम बारहवीं ,कला से सलकिया विक्रम विद्यालय से पढ़ता रहा , राहुल हावड़ा जनता आदर्श विद्यालय से दसवीं पास किया,  अमीर हसन सकुर अहमद कॉलेज, वाणिज्य से ग्यारहवीं कक्षा तक पढ़ा , उसके बाद अपनी माँ की बड़ी दीदी बरहारा वाली दीदी के बेटा आशीष मामा के कारखानों मुंबई में काम करके जीवन यापन करने लगा , अपना मामा संजय मुंबई में ड्यूटी के दौरान जान गंवाए रहें, और एक मामा बिकन को किसी से मतलब ही नहीं , एक बार तनु बहन दुर्गा पूजा समय में कोलकाता अपने भाई राजन और माँ के साथ पिता जी के पास आया रहा कुछ दिन बड़ा बाज़ार में उसके बाद राजन व तनु अपने गांव के तरफ से चाचा और नानी गांव के तरफ से नाना, क्योंकि माँ की छोटी बुआ के पति भविन्द्र फूफा के पास बेहरा कालीघाट में रहने लगे, भाई राजन और बहन तनु की फोटो आज भी है एक साथ , और एक फोटो में माँ और पापा है , एक ही महीना में भविन्द्र चाचा व नाना राजन व तनु को दोस्त दोस्त कहने लगे, वही तनु की छोटा भाई राजन नेहरू के बाद सलकिया विक्रम विद्यालय में नौवीं , आनंद आठवीं में पढ़ता है, इस साल दो हजार बीस में हुए चारों भाइयों के जनेऊ व दादी की एकादशी यज्ञ से एक दिन पहले कुमरम दिन पाँच मार्च को अपने आम के बग़ीचे में जाकर गंगाराम अपनी बहन तनु को याद करके रोये , फिर नमन करके घर वापस आ गए , उससे एक दिन पहले वाली रात में जब बलिदान के लिए परीक्षा नहीं लेता रहा तो गंगाराम अपनी बहन तनु , चाची सुधा और अपने बाबा स्वर्गीय श्री केदार नाथ को याद किए , तभी ही छागल परीक्षा लिया, इस जनेऊ में गंगाराम का आचार्य मंगनू चाचा , गुरु पीसा भोगेन्द्र ,दादी माँ बाल ली , राहुल का आचार्य भविन्द्र नाना वही चाचा , गुरु दिल्ली से आएं कुमर छोटा नाना , कपसिया वाली मौसी बाल ली, राजन का आचार्य श्रीष्टु अपने ही पिता , गुरु राखी की ससुर , निर्मल दीदी केश ली , और आनंद का आचार्य अपने ही पिता गंगाराम का चाचा अरुण , गुरु राखी बहन की पति रोशन जीजा , नानी कुमदिन देवी बाल ली , दादी की आचार्य गंगाराम के गुरु , और गुरु रहें आनंद के गुरु इस तरह जनेऊ का कार्यक्रम हुआ , दादी की यज्ञ में नारियल न होने के कारण बड़े भाई मुकेश के सहयोग से बाँस लगाकर नारियल तोड़ा यह नारियल का पेड़ भी बंगाल का ही है जब एक बार माँ गंगाराम और राहुल साथ कोलकाता गये रहे बड़ा बाज़ार घर के बग़ल में एक बंगाली कन्हैया जी रहते थे वही दो नारियल के पेड़ दिए रहें एक तो छोटा में ही सुख गए और एक आज भी हरा भरा है , यज्ञ के दौरान सब सोया पर गंगाराम दादी की यज्ञ के अंत तक जगा रहा , फिर चाचा साथ गाय लाने विनोद भईया पास गया और लाया प्रकृति भी अपनी आशीर्वाद वर्षा के माध्यम से वर्षायी , दस मार्च को होली का पर्व भी रहा , इस जनेऊ में कोलकाता लिलुआ से बलिया वाला संजय अंक्ल और आंटी भी आयी रही उन्हें भी खेत , आम के बग़ीचे दिखाने ले गए , इसी सब दुख के कारण गंगाराम विगत तीन वर्षों से 11 व 12 वीं कक्षा के विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं को हिन्दी विषय व कला विभाग के समस्त विषयों को निःशुल्क पढ़ाते आ रहे हैं ,इस सेवा के लिए 2020 में साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली से बृहस्पति सम्मान, राष्ट्रीय अग्रसर हिन्दी साहित्य मंच से डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन साहित्य सम्मान  , प्रतिध्वनि साहित्य से प्रतिध्वनि आदर्श शिक्षक सम्मान से सम्मानित हुए , संग - संग 31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी
,कम्पनी -5, पंजीकृत संख्या - WB17SDA112047, चंदन शिक्षा संस्थान , अपने गुरु अमिताभ सिंह बच्चन सर की सेवा करते हुए विश्व साहित्य संस्थान के एक रचनाकार ,  कलकत्ता विश्वविद्यालय , सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, श्री शिक्षायतन कॉलेज , दमदम सरोजिनी नायडू कॉलेज फॉर वुमेन, (2020) 74 वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर बंगवासी मॉर्निंग कॉलेज के द्वारा की गई हिंदी ज्ञान प्रतियोगिता में उच्च अंक पाने व अपनी रचनाओं के लिए प्रमाण पत्र हासिल किए, नरसिंहा दत्त कॉलेज सेंट जॉन एम्बुलेंस , प्राथमिक उपचार , द भारत स्काउट और गाइड ,पूर्व रेलवे हावड़ा जिला वेरियांग स्काउट और गुलमर्ग गाइड बामनगाछी समूह , रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा , महिला सुरक्षा संगठन बंगाल, बिहार युवा विकास मंच मधुबनी जिला उप मीडिया प्रभारी, ब्रिगेड ऑफ एक्स कैडेट्स , ( बीओसी ) पश्चिम बंगाल और सिक्किम, कोलकाता एन.एन.बी एंड जी .एस संस्था राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंक़लाब न्यूज़ मुंबई, पश्चिम बंगाल राज्य स्तरीय पत्रकार होकर वह तनु की भाई गंगाराम साहित्य सेवा के साथ साथ लोकसेवा करते आ रहें हैं , और अपनी बहन की पुण्यतिथि पर हर एक वर्ष उसकी छवि व चाची की छवि को याद करते हुए आँसू के साथ एक नव रचना कर बैठते हैं, अमर है वह भाई बहन और अमर है यह बहन से आख़िरी बात कहानी ।

✍️          रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

वंदना दीदी +91 80060 33592 , सागर यादव जख्मी जी दिए ,


विशेष सूचना -

इंक़लाब नारीशक्ति मंच दैनिक चित्रकाव्य समारोह -1 में आप सभी नारीशक्तियों का स्वागत है। आप निम्न नियमों का अनुसरण करते हुए प्रतियोगिता में भाग लें।

1.*कृपया रचना के साथ कोई चित्र न लगाएँ*

2.*नीचे दिये गये चित्र या उसके किसी भाग को देखकर
आपके मन में जो भाव उत्पन्न होते हैं, उन्हें काव्य की किसी भी विधा में व्यक्त करें। सभी काव्य  विधाओं में आपकी रचना का स्वागत है।

3.*एक रचनाकार सिर्फ एक ही रचना पोस्ट करें। दूसरी रचना पर विचार नहीं किया जाएगा।

4. *प्रतियोगिता में शामिल 3 सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।विजेताओं की घोषणा कल की जाएगी*

5*.आप अपनी रचनाएँ लिखित रूप में ही प्रस्तुत करें।*

6. रचना इंक़लाब नारीशक्ति मंच  को संबोधित होनी चाहिए।

7.*अपनी सारस्वत टिप्पणियों से एक दूसरे का उत्साहवर्धन करते रहें।*

प्रतियोगिता में भाग लेने की इच्छुक कवयित्रियाँ अविलंब निम्न लिंक पर क्लिक करके इंक़लाब नारीशक्ति मंच से जुड़ें।

आयोजक - सागर यादव 'जख़्मी एवं  'आराध्या 'अरु'।

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