कविता :- 17(01) हिन्दी


कविता :- 17(01) , विधा :- कविता
जन्म दिन की ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं सह बधाई 💐💐🙏
जन्मदिन के ढ़ेर सारी शुभकामनाएं अछि
Happy Birthday Ashish jii ,
শুভ জন্মদিন আশীষ ভাই
दिनांक :- 23/07/2020, दिवस :- वृहस्पतिवार

चन्द्रशेखर ,बाल गंगाधर
तिलक गुरु, और मित्र आशीष ,
आज इनकी वर्षगांठ हुए
जुलाई तेइस दो हजार बीस ।।

सिध्दांत है कल क्या रहेंगे पता न ,
इनका उम्र हो लम्बा सफ़र घटा न ।
असफलता को हटा न ,
कहें मैं रोशन मित्र आशीष
आज तो कुछ बता न ।।

बढ़े आगे झुकाऊं शीश  ,
कुछ कर दिखायेंगे मेरे प्यारे
विश्व साहित्य संस्थान के संस्थापक
मित्र आशीष ।।

         रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

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প্রণাম :-🙏বিশ্ব সাহিত্য সংস্থা
তারিখ :-23/07/2020
বার:- বৃহস্পতিবার
ভাষা :-বাংলা
শিরোনাম :-সুরধ্বনি গঙ্গা
🙏.................................................🙏
কেন গো বৃষ্টি তুমি পড়ছো মিষ্টি মিষ্টি?
ঝিরি ঝিরি পড়ে তুমি কি ঘটাবে বন্যা সৃষ্টি।
সৃষ্টির স্থিতিতে তুমি জগতের  প্রলয়ের অধিকারী।
জগতে তারিণী  গঙ্গা তুমি জোটায় বিরাজ কারি
বিরাজিত তুমি মাগো স্বর্গ মর্ত্য পাতালে
গাঙ্গুর এর পারে বাস যেমন বৈকুণ্ঠে বাস করে
দেব দেবী করে বাস মানুষ বসতি তোলে গড়ে।
মর্ত্যে গঙ্গার প্রচার শঙ্খ ধ্বনি দিয়ে ভগিরথ করে।
সুরধ্বনি ভাগিরতি তুমি মা গঙ্গা
তোমার জলে পূজিত শিব কৃষ্ণ ব্রহ্মা।
অপবিত্র কে পবিত্র করো দেহ করো শুদ্ধি।
তোমায় যে প্রণাম করে সে ব্যাধি থেকে মুক্তি।
তোমায় মাগো প্রণাম জানাই লহ লহ শতকোটি।
করোনা মুক্ত করো মাগো জটায় বিরাজ কারি
এই আমার শেষ নিবেদন মাগো তোমারি চরণে।
করোনা মুক্ত হোক ভাগীরথী গঙ্গা স্মরণে।

   ✍️উজ্জল পন্ডিত
গ্রাম :-ছত্রশাল /হুগলি।
মোবাইল নাম্বার:-8389828147


https://kalamlive.blogspot.com/2020/07/blog-post_23.html
https://www.inkalabhindi.com/2020/07/blog-post_874.html?m=1
https://www.inkalabhindi.com/2020/07/31.html?m=1

समाचार       गुरुवार               23/07/2020
http://biharyuvamadhubani.blogspot.com/2020/07/blog-post_22.html

बिहार युवा विकास मंच, मधुबनी के जिला महामंत्री आदरणीय गौरव जी फेसबुक पर लाइव हुए, महामंत्री जी ने कहें आने वाले तीन चार सालों में बिहार युवा विकास मंच, मधुबनी के तरफ से चुनाव लड़ेगे और अपना समाज की सेवा करेंगे,उनका कहना है हम शिक्षा , स्वास्थ, रोज़गार विषय को लेकर जनता के बीच जाएंगे और उन्हें ये पुरा कर दिखायेंगे ।
  जय हिन्द , जय भारत

         रोशन कुमार झा
बिहार युवा विकास मंच , मधुबनी जिला उप मीडिया प्रभारी

नियुक्त सदस्य       गुरुवार               23/07/2020

आदरणीय गौतम भारद्वाज जी को 9 जुलाई 2020 को ही जिला प्रभारी मधुबनी पद पर नियुक्ति किया गया रहा, जिला प्रभारी महोदय जी ने पन्द्रह दिन के अंदर ही जिला स्तर , प्रखंड स्तर और पंचायत स्तर पर टीम खड़ा करके , बिहार युवा विकास मंच को मजबूती प्रदान किए हैं, हम  संगठन अध्यक्ष आदरणीय गौतम भारद्वाज जी , की उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं ।


धन्यवाद। 

रोशन कुमार झा 

बिहार युवा विकास मंच, मधुबनी जिला उप मीडिया प्रभारी
बिहार युवा विकास मंच , मधुबनी


नियुक्त सदस्य       गुरुवार               23/07/2020
http://biharyuvamadhubani.blogspot.com/2020/07/blog-post_22.html

 नियुक्त सदस्य       गुरुवार               23/07/2020


आदरणीय ज्ञानी कुमार जी को जिला सचिव पद पर नियुक्ति किये मधुबनी संगठन अध्यक्ष आदरणीय गौतम भारद्वाज जी , ज्ञानी जी को जिला टीम कि ओर से शुभकामनाएं।

आशा नहीं पूर्ण विश्वास है कि ये अपने पद पर अपना कार्यभार संभालेंगे और संगठन को मजबूत बनाने में अपना अहम योगदान देंगे।

धन्यवाद।
बिहार युवा विकास मंच , मधुबनी



कविता :- 16(97)

नमन 🙏 :- मंच
अंक 17 के लिए रचना

दिनांक :- 23/07/2020 
दिवस :- गुरुवार
विषय :- बचपना भारत की मिथिला भूमि पर
विधा : - लघुकथा

बात उन दिनों की है जब ,झोंझी गांव से प्रियंका,दीपक,रीचा , दो बहन एक भाई साथ रोशन और मनीषा बग़ल के गांव लोहा में डॉ. देवेन्द्र विद्यालय में एक साथ पढ़ने जाते थे,सभी का एक अलग अलग या घर से दिया हुआ नाम इस प्रकार रहा ,प्रियंका नाम जुनजुन ,दीपक नाम गोलू , रीचा नाम बिट्टू, रोशन नाम गंगाराम वही मनीषा नाम मिली, वह बचपना का उमंग,क्या बताऊं, विद्यालय गर्मी के दिनों में सुबह की हो जाती, और गर्मी के बाद डे की, तो बात गर्मी की है अर्थात्
मॉर्निंग शिफ्ट यानि विद्यालय सुबह पाली की थी, सभी एक साथ ही विद्यालय जाते, एक दिन गंगाराम उन लोगों के साथ न जाकर मंटू भईया के साईकिल पर जाने वाला रहा, और मंटू भईया को कॉलेज जाना रहा, उस गांव से लोहा जाने के लिए दो रास्ते थे एक फाटक पर से यानि मुख्य सड़क होते हुए तो दूसरी पैदल जाने वालों के लिए खेतों खेतों के बीच से ईंटा भट्ठा के तरफ जाने वाले रास्ता का नाम थरहा रहा,लोग मैथिली भाषा में कहते भी  " थरहा दअ कऽ जेएबेए तअ जल्दी पहुँच जेबै " मतलब मुख्य रास्ता से न जाकर इस रास्ते से जाने पर समय बहुत ही कम लगता, थरहा और जो मुख्य सड़क जहां लोहा के रास्ते में मिलते, गंगाराम तो साईकिल पर रहा बाकी सब थरहा के रास्ते से उस मोड़ पर पहुंचने वाले रहें, और गंगाराम और बाक़ी की भेंट होने से पहले ही चिल्लाने लगता है , वह अज्ञानता देखने को मिलता है कि क्या बताऊं, वह इस प्रकार चिल्लाता है , जो मैथिली भाषा में वर्णित है :-
मंटू भईया जल्दी - जल्दी चलूं ,
देरी भोअ जेएत , साईकिल में हवा नैई छैय ,
मतलब गंगाराम साईकिल के आगे बैठे रहे, कहीं कोई पीछे न बैठ जाएं, वह इसलिए बोला , सच में बचपना में हमें सही का ज्ञान नहीं रहता ,और जब बचपना बीत जाते तो हम उस पल को याद करते, याद करके दुख ही मिलता, फिर भी बचपना के  वह सुनहरे दिन याद आ ही जाते, वर्तमान में सभी अपने अपने लक्ष्य पाते हुए जीवन की सफ़र कर रहे है, कोई साहित्य सेवा तो कोई समाज सेवा करके , वही गोलू आज दीपक झा मैथिली गायक के रूप में प्रसिद्ध है ।
सच में भारत माँ की मिथिला की भूमि हीरा उपजाती है, मिथिलांचल वही है जहां माँ सीता जन्म ली , विद्यापति जैसे भक्त , महाकवि का जन्म स्थान, जिन्हें सेवा करने स्वंय महादेव उगना बनकर आये,बाबा नागार्जुन जैसे कवि यही जन्में, धन्य है यह भारत माँ की मिथिला की भूमि जहां भगवान राम तक आये.

रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716

अंक 17 के लिए आमंत्रित है रचनाएँ

किसी भी प्रकार की साहित्य खबर फ्री में छपवाए ( जैसे कोई सम्मान समारोह ,प्रतियोगिता, या विशेष पुरूस्कार प्राप्त या अन्य प्रकार की खबरे)

शायरी एक बार मे केवल 2 फ्री  छपवाए

किसी रचनाकार के जन्म , मृत्यु सम्बंधित खबरे मात्र 50 रु के शुल्क पर छपवाए।

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👉👉 संपादक मंडल
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प्रधान संपादक :- ऐंन के सरस्वती ( जयपुर)
संपादक :- डॉ मीना कुमारी सोलंकी (बहादुरगढ़)
सलाहकार :- डॉ संदीप कुमार शर्मा (दिल्ली)
साहित्य संपादक :-  एल आर सेजु थोब प्रिन्स (जोधपुर)
एडिटर /डिज़ाइनर :- रोहित कुमार वर्मा ( नांगल चौधरी , हरियाणा)

विषय :- नल नहीं पर जल ही जल है
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/07/1700.html

विश्व साहित्य संस्थान , क्रमांक :- 9

"रक्षा कवच पुरूषों की"
===============
                ~ज्योति झा
____________________________

एक तो मानव योनी में जन्म ही
बड़ी मुश्किल से मिलता है।

उस पर भी पुरूष का जन्म...
बाप! रे, बाप!
पुछो ही मत...
इनका जन्म कितना अनमोल है।

जन्म लेने से पहले ही
कितने पुजा-पाठ कर
ईश्वर से इन्हे वरदान स्वरूप मांगा जाता है।
फिर दुनिया में आने के बाद ही
इनके प्राणों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के
जीवन रक्षा कवच की अवश्यकता पड़ती है_

अपने लाडलों के प्राणों की रक्षा के लिए
माताओं का जितिया करना
बहनों द्वारा भईयों की कलाई पर बांध कर राखी
उनकी लम्बी उम्र की कामना करना।

केवल इतना ही नहीं_

पत्नी की मांग में सिन्दुर
हाथों में चुड़ी, पैरों में बिछिया
और गले में मंगलसूत्र
ये सब भी बहुत जरूरी है
पति के प्राणों की रक्षा के खातिर
और करवा चौथ, तीज भी...

स्त्रीयों का क्या है?

बिन मांगे मिल जाती है।
फिर बिना किसी विशेष खाद के
खुद ही खिल जाती है।

ना इनके लिए किसी
व्रत की जरूरत
और ना ही जरूरत
किसी विशेष कवच कुंडल की

स्त्रीयां तो जन्म से ही
ईश्वर से ले विशेष वरदान
इस धरती पर आती है।

~ज्योति झा

___________________________
: প্রণাম :-🙏বিশ্ব সাহিত্য সংস্থা
তারিখ :-22/07/2020
বার :-বুধবার
ভাষা :-বাংলা
শিরোনাম :-করোনা
🙏........................................🙏
বিশ্বের কাছে লকডাউন হয়েছে আজ বোঝার পাহাড়।
বিশ্বে বুঝি বিষাক্ত হয়েছে করোনা হয়েছে কার?
মৃত্যু এসে হাত বাড়িয়েছে করোনা তুমি স্পর্শ
স্পর্শ  করলে তোমার জীবন যেতে পারে স্বর্গ। 
ছোঁয়া ছুঁয়ি একি খেলা? ছুঁয়িব না আর।
ছুঁয়ে  দিলে মহামারী ছড়াবে করোনার
করোনা  আজ বিষের চেও বিষাক্ত হলো স্পর্শ
কাতর রোগ।
করোনা কখন শরীর গ্রাস করেছে মন রাখে না তার খবর।
খবরে কাগজ  দেখছে  চোখ দুটি আমার।
কাগজের মধ্যে করোনা এলো না তো আবার।
আবার হাত ধুতে হবে হ্যান্ড ওয়াশ দিয়ে।
করোনা যাতে করে আর ছড়িয়ে না পড়ে।

✍️  উজ্জল পন্ডিত
গ্রাম :-ছত্রশাল/ হুগলি

........................................
नमन 🙏 :- विश्व साहित्य संस्थान
कविता :- 17(00)
विधा :- कविता
दिनांक :- 22/07/2020
दिवस :- बुधवार

विषय :- नल नहीं पर जल ही जल है

आज की नहीं ये बाढ़ कई सालों पुरानी समस्या है ,
समस्या गंगा उस पार की,
इस पार तो राजधानी पटना और गया है ।।
क्या कहूं हम रोशन , सरकार कहती हम नया है ,
नया होकर पुरान हो जाते,
हर साल ग़रीब , मजदूर बाढ़ के शिकार बन जाते
कहां सरकार को दया है ।।

नल नहीं पर जल ही जल , अब करनी है नेता से दंगा ,
कब तक दर्द सहती रहेंगी , मिथिला भूमि मधुबनी और दरभंगा ।।

रोशन कुमार झा

विश्व साहित्य संस्थान , क्रमांक :- 9

http://vishshahity20.blogspot.com/2020/07/9.html




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