कविता :- 16(88) हिन्दी

कविता :- 16(88)
नमन 🙏 :- कलम बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 174
तिथि :- 10/07/2020
दिवस :- शुक्रवार
विषय :- कमल
विधा :-  कविता

जहां जल ,
वही कीचड़ ।
और वही रहता फूल कमल ,
जिसे लाते अपना घर ,
लाकर चमकाते गांव घर शहर  ,

काम आते आज न कल ,
कौन फूल कमल ।।

कौन ? , लाते माली
हम रोशन और आप सभी कमल से
सजाते घर द्वार बाड़ी ।
पूजा करते कमल से पुजारी ,
कमल पर लिखने की विधि किया हूं आज जारी ।।

रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

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आज पंचमी रहा , पूजा जो पैसा दी उसके घर वाले को पता चला, खीर लाये 77/R mirpara road ashirbad bawan Liluah से राहुल मुम्बई में, चाचा गांव में ।

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हर कहीं घी ही घी
क्या बताऊं जी 🙏💐💐💐🙏
81205060691 अर्पणा तिवारी

https://kalamlive.blogspot.com/2020/07/rashtriy-anchalik-sahitya-snsthan.html
https://kalamlive.blogspot.com/2020/07/jal-sanchay.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/07/1687.html

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निःशुल्क संकलन में प्रकाशित होने के इच्छुक साहित्यकारों के लिए सुनहरा अवसर

इस संकलन मे 100 साहित्य प्रेमियों को अपनी मौलिक रचना छपवाने का अवसर दिया जाएगा।

कृपया नियम ध्यानपूर्वक पढ़ लें।

01. प्रत्येक कवि को संकलन में एक पन्ना दिया जाएगा।

02. बॉयोडाटा में सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी फोटो के साथ अपना नाम, पता और मोबाइल नंबर भेजें।

03.कविता, गीत 16 पंक्तियों से ज़्यादा न हो। ग़ज़ल 7 शेयरों  से अधिक न हो। रचना टाइप करके ही भेजें।

04. रचना भेजने की अंतिम तिथि 15-7-2020 है।(पहले आने वाली 100 रचनाएँ ही शामिल की जाएंगी)

05. आप अपनी रचना  what's app या मेल भी कर सकते हैं। इसका पूरा विवरण नीचे दिया जा रहा है।

# विशेष -  इसके लिए किसी से कोई भी सहयोग राशि नहीं ली जाएगी एवं पुस्तक ख़रीदना भी अनिवार्य नहीं होगा।

#  किसी भी प्रतिभागी लेखक को पुस्तक निःशुल्क नहीं दी जाएगी।

#  इच्छुक प्रतिभागी 250/रुपये में वह संकलन प्राप्त कर सकता है जिसमें डाक खर्च भी शामिल होगा। जो साहित्यकार संकलन ख़रीद कर साहित्य की सेवा में अपना योगदान देंगे उन्हें साहित्य कलश द्वारा डिजिटल सम्मान पत्र देकर शुक्रिया के रूप में सम्मानित भी किया जाएगा।

कृपा रचना इस प्रकार भेजें -
01 संकलन का नाम ‘बूँद बूँद सागर ‘ रचना के ऊपर ज़रूर लिखें
02 रचना
03 रचना के नीचे नाम, पता और मोबाइल नंबर
04 अलग से फोटो........
धन्यवाद।

सम्पादक
मनु वैश्य 
मोबाइल न.9780288100
manunipu @gmail .com

मुख्य सम्पादक : सागर सूद

प्रकाशक
साहित्य कलश पब्लिकेशन
पटियाला (पंजाब)

‘बूँद बूँद सागर ‘ के लिए रचना :-

-: जानने से पहले ही इंकार कर दी ।

जानने से पहले ही इंकार कर दी ,
वही इंकार तो मेरे ज़िन्दगी में बवाल कर दी ।
फिर क्या नव जीवन की सवाल कर दी ,
हम रोशन नहीं, वही तो ऐसी हाल कर दी ।।

बिना पूजा पाठ के ही सीमा रेखा पार कर दी ,
जीते , जब वह हार कर दी ।
पैदल चलने वाले को कार कर दी ,
मैं अभी भी वही हूँ, कहाँ मेरे लिए कुछ सरकार कर दी,

नाम तो मेरा अख़बार कर दी ,
मेरी रचनाओं को प्रचार कर दी ।
आज गूगल पर भी हूँ, न जाने वह क्यों इंकार कर दी ,
मेरे से पहले भी ,
मेरे बाद भी वह किसी और से प्यार कर दी ।।

रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716
आज शुक्रवार 10/07/2020 कविता :-16(88)
07-06-2020 रविवार  कविता :- 16(55)

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*वॉइस ऑफ हार्ट(Voice Of Heart)*
*ऑनलाइन पाक्षिक प्रतियोगिता(27 जून से 12 जुलाई)*

*➡️केवल मौलिक सकारात्मक गद्य/पद्य रचनाये आमंत्रित है।*
*➡️ध्यान रहें, आप अपनी मौलिक रचनाये ही प्रेषित करें, यदि आपकी रचना कही से कॉपी या चोरी की हुई मिलती है तो आपको हमारी या हमसे सम्बंधित सभी प्रतियोगिताओं के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।*
*➡️उक्त प्रतियोगिता में आई हुई सभी रचनाओ का एक साझा संकलन 25 अगस्त को प्रकाशित होगा।*

*सहयोग शुल्क- ₹40*

*रचना भेजने का माध्यम-*
व्हाट्सएप- 9782898531

*सहयोग शुल्क भेजने का माध्यम-*
फोन पे नंबर :- 9782898531
गूगल पे नंबर:- 9782898531
पेटीएम नंबर:- 9782898531
*बैंक विवरण :-*
*खाता संख्या-* 745010110002835
*आईएफएससी-* BKID0007450(BKID के बाद तीन शून्य है।)
*बैंक का नाम-* बैंक ऑफ इंडिया
*शाखा-* विराटनगर
*खाता धारक-* कृष्ण कुमार सैनी

*परिणाम- 15 जुलाई*

https://chat.whatsapp.com/H90ktwXHm8pG0N2dHe0QfK

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*ऑनलाइन पाक्षिक प्रतियोगिता(27 जून से 12 जुलाई)*
       कविता :-

-: भक्त हूं वीर हनुमान का । :-

भूख है ज्ञान का ,
परवाह है न जान का ।
राह रोशन है , चिंता है ना मान और सम्मान का ,
हमेशा खुश रहता हूं , क्योंकि मैं भक्त हूं वीर हनुमान का ।।

नशा है न कनक , धतूरा, पान का ,
भूखा हूं मंगल गान का ।
कैसे वर्णन करूं भगवान का ,
बड़ी सुख-सुविधा मिलती , सिर्फ जपता हूं
राम भक्त नाम हनुमान का ।।

सहायक हूं जवान का ,
दर्द जानता हूं मजदूर किसान का ।
हवा में रहता हूं, पर डर रखता हूं तूफान का ,
समंदर की तरह अपने आप में बहता हूं
क्योंकि मैं सेवक हूं वीर पुत्र हनुमान का ।।

इंतजार रखता हूं न संतान का ,
पत्नी तक स्वार्थी होती , धन - दौलत क्या करूंगा
आवश्यकता है मुझे दो मुट्ठी धान का ,
और नश्वरता की प्राण का ,
जब तक मैं जिंदा रहूं , तब तक जपते रहूं नाम
वीर हनुमान का ।।

* ® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716

कविता :- 11(37) पर 11(037)
02-04-2019 मंगलवार 12:47 (Intex :-1)12 बाद मंगलवार व्रत कर रहे हैं राकेश भईया फैक्ट्री से मां का किये रहें । Intex से कविता :- 16(43) मंगलवार 26-05-2020 आज शुक्रवार 10/07/2020 कविता :- 16(88)


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