कविता :- 16(80) हिन्दी
कविता :- 16(80)
02/07/2020 गुरुवार कविता :-10( 07)
साहित्य उत्थान के गुरु जी जो है हमारे विनय कुमार भक्ता ,
वे हम रोशन सह समस्त रचनाकारों को खुश ही रखता ।
गुरु जी को जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं
और क्या हम दे सकता ,
दिन दूनी रात चौगुनी बढ़े गुरु जी ,
इनका मेहनत तो हर दिन ही झलकता ।
Happy Birthday Vinay Sir ( 9582593779)
02/07/2020
विषय :- पिता
हम रोशन , आप पिता मेरे भगवान है ,
हमेशा आपकी सेवा करूं , यही हमारा ध्यान है ।
आपकी पूजा पाठ से ही , हमारा मान सम्मान है ,
हम पुत्र आपके धनुष तो पिता आप बाण है ।
साईकिल रिक्शा, रेल और विमान है ,
बढ़ता हुआ कला और विज्ञान है ,
आप ही मेरे आन - वान और शान है ।
आप ही बोये बीज तब हम आज चमकता हुआ धान है ।।
दुनिया तंग पर हम न परेशान है ,
ये पिता जी आपकी एहसान है ।
तब हमारे पास कुछ ज्ञान है ,
जिससे ज़िन्दगी जीने की अभियान है ।
बाद में रामायण, महाभारत, गीता, बाइबल और कुरान है ,
सच में पिता जी माँ के बाद आप ही मेरा भगवान है ।।
नाम :- रोशन कुमार झा
पिता :- श्रीष्टु झा
जन्मतिथि :- 13/06/1999
कार्य :- बी.ए की छात्र, एन.सी.सी, एन.एस.एस, सेंट जॉन एम्बुलेंस कोलकाता, विश्व साहित्य संस्थान ,भारत स्काउट एण्ड गाइड के सदस्य, विगत तीन वर्षों से 11 वीं व 12 वीं कक्षा के विज्ञान व वाणिज्य विभाग को हिन्दी एवं कला विभाग के छात्र - छात्राओं को समस्त विषयों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते आये है।
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716
ई - मेल :- Roshanjha9997@gmail. com
यह रचना हमारा मौलिक व स्वरचित है ।।
कविता :-10(007) हिन्दी
-: माँ सुन लो मेरी कविता !:-
माँ मैं लिखा हूं एक कविता , सुन लो मेरी कविता !
कैसे सुनू बेटा मैं तेरी कविता ,
भुखमरी, बेरोजगारी से जल रही है चिता ,
कैसे सुनूं बेटा मैं तेरी कविता !
जाओ कविता पापा को सुनाना ,
तब तक मैं बनाकर रख रहीं हूं खाना !
पापा-पापा मैं लिखा हूं एक कविता ,
बोल बेटा कहां से जीता !
जीता नहीं पापा मैं लिखा हूं एक कविता ,
कहां है अब राम और सीता ,
ना पापा राम-सीता नहीं , मैं लिखा हूं एक कविता !
अरे ! खाना जुटता ही नहीं , मैं कैसे शराब पीता ,
न-न पापा आप शराबी नहीं, मैं लिखा हूं एक कविता !
अच्छा कविता, सुनाओ वही सुनाना जो मेरे जीवन में बीता !
बस-बस पापा वैसा ही कविता !!
सूर्य के रोशन, चांद सितारों की शीतलता में आप
पर रहीं भुखमरी की ताप ,
उसके बावजूद भी बड़े स्नेह से हमें पाले पापा आप !
बड़े संघर्षमय से आपकी जिन्दगी बीता ,
हमें रहा नहीं गया, पापा बस आप पर लिख बैठे एक कविता !!
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
यह हमारी स्वरचित व मौलिक रचना है ।
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
02-01-2019 बुधवार 07:50
Intex मोबाइल से कविता:-10(007) होना चाहिए
:- 10(07) मां सुन लो मेरी कविता !
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
03-05-2020 रविवार मो:-6290640716
कविता :-14(92) भोजपुरी ✍️••• रोशन कुमार झा 🇮🇳
परिचय -
अपना नाम :- रोशन कुमार झा
जन्म तिथि :- 13/06/1999, मोबाइल नम्बर :- 6290640716
पिता :- श्री श्रीष्टु झा , पता :- ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार :- 847222
ईमेल :- Roshanjha9997@gmail. com.
कार्य :-
विगत तीन वर्षों से 11 व 12 वीं कक्षा के (विज्ञान व वाणिज्य के छात्र-छात्राओं को "हिन्दी विषय" व कला विभाग के समस्त
विषयों को निःशुल्क पढ़ाते आ रहे हैं ,संग - संग 31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम कोलकाता-बी ,कम्पनी -5,
पंजीकृत संख्या - WB17SDA112047, विश्व साहित्य संस्थान, सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय,
नरसिंहा दत्त कॉलेज सेंट जॉन एम्बुलेंस , ( प्राथमिक उपचार ) द भारत स्काउट और गाइड ,पूर्व रेलवे हावड़ा जिला वेरियांग स्काउट और गुलमर्ग गाइड बामनगाछी समूह,रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना ,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा ।
प्रकाशित रचनाएँ :- कविताएँ,नाटक,संस्मरण,हाइकु,ग़ज़ल, आलेख,गीत,यात्रा वृत्तांत आदि ,विभिन्न पत्र पत्रिका, में हिन्दी, अंग्रेजी, बंगाली, भोजपुरी, मैथिली भाषा में प्रकाशित ।
प्राप्त सम्मान :-
2015 :- हनुमान जुट मिल हिन्दी हाई स्कूल घुसड़ी से 10 वीं कक्षा में हिन्दी में सर्वाधिक अंक लाने पर सन्मार्ग समाचार पत्र के रामवतार गुप्त प्रतिभा पुरस्कार से हमें सम्मानित किया गया, 2017 :- वही सलकिया विक्रम विद्यालय से 12 वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन पश्चिम बंगाल पुरुस्कार से सम्मानित हुए,पीएमकेवीवाई, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना,से प्राप्त प्रमाण पत्र , वही रचनात्मक क्षेत्र में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज से कविता लिखकर कलकत्ता विश्वविद्यालय व श्री शिक्षायतन कॉलेज से प्रमाण पत्र हासिल किये , (2020) वर्तमान अंकुर, साहित्य संगम संस्थान, विश्व साहित्य संस्थान से रचनाकर के रूप में प्रमाण पत्र हासिल किये है । दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन साहित्य संगम संस्थान उत्तर प्रदेश इकाई से प्राप्त काव्य साधक सम्मान पत्र,मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य से आयोजित विषय सैनिक पर बेहतरीन काव्य सृजन के लिए कीर्तिमान साहित्य से सम्मानित किया गया, इंक़लाब ऑनलाइन पत्रिका में सत्य का दर्पण लघुकथा प्रकाशित होने पर 'सत्य सारथी, "हिन्दी काव्य रत्न " सम्मान पत्र से सम्मानित हुए,ऑल पोएट्री से गोल्ड मेंबर की उपाधि प्राप्त किये ,तब से आज तक साहित्य की सेवा तन-मन से कर रहे है, और करते रहेंगे ।
*जल्दी आओ* *रिकॉर्ड बनाओ*
*दूसरा मौका* *लगाओ चौका*
*खुशखबरी खुशखबरी खुशखबरी*
*जल्दी आकर रिकॉर्ड बनाओ*।
*दूसरा मौका अब मत गवाओ* ।
जो पहले चूक गए थे मौका वो जरूर भाग ले।
आपके पास केवल 7 दिन का समय है।
*रचनाएँ आमंत्रित है 21 जून से 28 जून तक...............*
आपको बताते हुए हर्ष हो रहा हैं कि अग्रसर हिंदी साहित्य मंच एवं मीन साहित्य संस्कृति मंच *पिता विषय पर रचनाओं का "वर्ल्ड रिकॉर्ड" साझा संकलन* निकाल रहा है।
प्रत्येक रचनाकार को किताब की एक प्रति दी जाएगी ।
आपको *दो* आकर्षक सम्मान पत्र दिये जायेंगे।
इसके लिए प्रत्येक रचनाकार को 400रुपये/- शुल्क देना होगा।
*पिता पर लिखित आपको 2 रचनाएं भेजनी होगी।*
1. रचना के साथ आपको एक पहचान का दस्तावेज भी भेजना होगा।
2 कोई भी रचना कम से कम 16 पंक्तियां और 20 पंक्तियों से अधिक नही होनी चाहिए।
3 रचना स्वरचित, मौलिक,अप्रकाशित व अप्रसारित होनी चाहिए।
पुस्तक Isbn नम्बर द्वारा विश्व पटल पर प्रकाशित होगी।
पुस्तक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मिलेगी।
फ्लिपकार्ट ,अमेज़ॉन, गूगल प्ले स्टोर पर भी उपलब्ध होगी।
शुल्क आप फोन पे ,गूगल पे या बैंक खाते के द्वारा जमा करवा सकते हो ।
*गूगल पे/फोन पे नम्बर*
*जयप्रकाश :- 9672172698*
बैंक खाताधारक का नाम :- जयप्रकाश
बैंक खाता संख्या :- 9672172698
IFSC कोड :- AIRP0000001
या पेटीयम ,गूगल पे , फोन पे नम्बर
9079116300
A/C : 919079116300
IFCE CODE : PYTM0123456
NAME : NARSI KUMAWAT
कृपया पेमेंट करने के बाद उसका स्क्रीनशॉट जरूर भेजें।
*मोबाइल नंबर :- 6378046460*
संपादक मंडल
ऐंन के सरस्वती "नरसी"
डॉ. मीना कुमारी सोलंकी
जयप्रकाश चौहान "अजनबी"
संपर्क सूत्र- 6378046460
नमन 🙏 :- हिन्दी रक्षक मंच
प्रतियोगिता हेतु रचना :-
विषय :- विरह वेदना
पंक्तियां :- 10
शीर्षक :- बसे मेरे मन में
दिल में आग लगाकर चल गई वह सावन में ,
कैसे न जाती, एक दो न उसकी प्रिय है बावन में
छोड़ गई अंधेरा न , रोशन में
ऐसे भी कोई बदलते, वह बदल गई कुछ ही क्षण में ।
आग लगाई तन मन में ,
आज भी चर्चा है मेरे प्यार की जन जन में ।
कह गई कि तू चले जाओ वन में ,
सही कही क्योंकि देवों के देव ,महादेव के
पूजा करना रहा सावन में ।।
आज भी वह बसती है मेरे कण - कण में ,
यही दुआ करूँगा, जब भी वह दिखे,
दिखे वह हमें प्रसन्न में ।।
नाम :- रोशन कुमार झा
पिता :- श्रीष्टु झा
जन्मतिथि :- 13/06/1999
कार्य :- बी.ए की छात्र, एन.सी.सी, एन.एस.एस, सेंट जॉन एम्बुलेंस कोलकाता, विश्व साहित्य संस्थान ,भारत स्काउट एण्ड गाइड के सदस्य, विगत तीन वर्षों से 11 वीं व 12 वीं कक्षा के विज्ञान व वाणिज्य विभाग को हिन्दी एवं कला विभाग के छात्र - छात्राओं को समस्त विषयों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते आये है।
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716
ई - मेल :- Roshanjha9997@gmail. com
यह रचना हमारा मौलिक व स्वरचित है ।।
http://badlavmanch.blogspot.com/2020/06/blog-post_36.html कविता :-16(64)
दिनांक : 16-06-2020 मंगलवार
कविता :- 16(50) नमन 🙏 :- संगम सवेरा
" संगम सवेरा"- मासिक ई पत्रिका जुलाई 2020 अंक हेतु स्वरचित लघुकथा ।
नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :- 169
दिनांक :- 02-07-2020
दिवस :- गुरुवार
विधा :- लघुकथा
विषय :- हिम्मत
संचालक :- आ. उमा वैष्णव जी
-: बेटियाँ ऐसी हो । :-
झोंझीकुमारपुर में तनु , नेहा, पूजा, मुस्कान और वर्षा एक ही कक्षा में पढ़ने वाली पाँच सहेली रहती रही,सब के सब धनी पर तनु ग़रीब होते हुए भी मन से धनी, भले अपने खाती या न खाती पर अपने गाँव में दूसरे को भूखा नहीं रहने देती, सब तो ट्यूशन पढ़ती पर तनु नहीं , माँ सरस्वती की दया उस पर रही, एक समय ऐसा आया कि उनकी चारों सहेलीयाँ भी उसी से पढ़ने लगी, और कहती यार तू इस तरह समझाती हो क्या बताऊं,सब सहेलीयाँ दुर्गा पूजा में नई नई कपड़ा लेती , पर तनु अपनी पढ़ाकर कमाई हुई पैसों से ग़रीबों की राह रोशन करती,अपने गांव के आसपास के गांवों के ग़रीब बच्चों को मुफ़्त में पढ़ाती,एक दिन जब तनु बच्चों को पढ़ाती रही तभी नेहा आकर बोली बहन तुम पढ़ाती रहो, हम तुम्हारी व पढ़ते हुए बच्चों की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर समाजसेवी नाम से डाल देंगे, फिर क्या तुम बहुत दूर तक चली जाओगी, इतने में तनु बोल उठी , न बहन हमें दूर तक नहीं जाना,एक ग़रीब का दर्द दूसरा ग़रीब ही जानते,छवि खींचाकर ग़रीबी का मज़ाक नहीं उड़ा सकती, अगर धनी होती तो अपने पैसों से कई विद्यालय खोल देती,पर नहीं हूं, पर मेरी जो भी ज्ञान है उसे तो बाँट ही सकती हूं, गर्व है हमें तनु जैसी बेटियाँ पर, हे ईश्वर हर कहीं तनु जैसी बेटियाँ हो ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :-6290640716
लघुकथा बेटियां ऐसी हो :-16(50) (52) मंगलवार
02-06-2020 आज कविता :-16(64)
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आलेख :- 16(23) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 02/07/2020
दिवस :- गुरुवार
विषय :- भ्रष्टाचार
विधा :- व्यंग्य
विषय प्रदाता :- आ. कलावती दीदी जी
-: देख लिए जी पुलिस के सहयोग !
आज बुद्ध पूर्णिमा आज ही के दिन गौतम बुद्ध का जन्म और महान कवि, नाटककार,राष्ट्रगान निर्माता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का भी जन्म हुआ था, उन्हीं से जुड़ी हुई बात है,रवीन्द्र सेतु की,इस महामारी कोरोना में देख लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग , कितना करता है सहायता , यह कोई कहानी नहीं, और नहीं सुनी हुई बात, यह हकीक़त है, बात कोलकाता की हावड़ा ब्रिज की है , कोलकाता न हावड़ा पुलिस की है ! बैंक के अधिकारी को जाने देते पर बैंक के ग्राहकों को नहीं, तो मेरा कहना है बंद करवा दो अभी बैंक, लेकिन कैसे करवायेंगे, अभी तो बिना खड़े हुए ही तो उनको बैंक से पैसा मिल जाते है, माना कि ऊपर डीएम,सीएम, पीएम से आदेश है ,पर व्यवस्था कहां है, अरे ! मैं जानता हूं कितना कठिन है ऑर्डर को पूरा करना, क्योंकि हम रोशन भी मान सम्मान जानते हैं वर्दी की. राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना, भारत स्काउट गाइड, सेंट जांन एम्बूलेंस आदि से सेवा कर रहा हूं वर्दी में ही ! पर मैं पुलिस प्रशासन से कहना चाहता हूं कि आप जब पुलिस में भर्ती लेते हैं तो क्या आप गाली का ही प्रशिक्षण करवाते हैं, पता न उन मजदूर, गरीब पर क्या बीता होगा ,मारा भी ऊपर से बोकाछोदा जैसी बंगाली में गाली दिया रहा वह पुलिस.., और यही कारण है कि लोग कानून को हाथ में लेते हुए पुलिस पर टूट पड़ते हैं, और फिलहाल इसी हावड़ा के टिकियापाड़ा में हुआ भी रहा ,जो कि ऐसा नहीं होना चाहिए , कितना आदमी बर्दाश्त करेगा ! अब आप पूछोगे कि लॉकडाउन में आप कहां गए, जी हां क्या कहूं गैस सिलेंडर भरवाने के लिए एक दिन न पांच दिन गए, फिर भी असफल रहे ,तीन दिन में सिर्फ खाली सिलेंडर दे आये, देकर जब पुल पर आ रहे थे, तब पुलिस से हमको न पर साईकिल पर डंडा मार ही दिया ,चौथा और पांचवां दिन भरा सिलेंडर को लाने की कोशिश किये ,पर कुछ न हुआ, यहां तो पुलिस पैसों लेकर ब्रिज पार करवाते हैं, तब हम इन्हें न देकर सिलेंडर वाले को ही कुछ ज्यादा पैसा देना ही उचित माना , हम ब्रीज के पास इंतजार करते रहे तब बेचारा कंधा पर गैस वाला वर्दी में ही
लेकर सिलेंडर लाया, पसीना, पसीना हो गया रहा, वह भी कोई दूसरा रहता नहीं दे जाता, वह तो अपना बिहार अपना मधुबनी के रहें तो दे गये ! इस तरह हमारी समस्या का हल हुआ, पर उनका क्या जो बैंक जा रहें थे, जाने नहीं दिया और भी कई इस प्रकार की समस्या रहा, जाने वाले को तो बिना कुछ लिए जानें ही नहीं देते, और जो काम करके लौटते हैं,उनको भी डंडा मारते है , कोलकाता में कुछ कारवाई न पर यहां इतना, क्या देख लिया बंगाल पुलिस ने, क्या मोदी जी
यही आपका शासन है , और ममता दीदी आप बात ही हटाये, क्या यही गांधी जी के रामराज्य है, क्या भारत के धरती मां तुम्हारी यही सपना थी, अब समझ गये धन्य है तू कोरोना ,जो तू आया सब को ले जा , हमको भी, छोड़ मत किसी को,सबके सब पापी है, इन पापों से भारत मां को मुक्ति दिलवा, हे राम फिर आ और अपना रामराज्य बसाओ, रामराज्य की ही जरूरत है ! अब बात करते अगल हम उस स्थान पर होते, तो लोगों के दुख जरूर दूर करते,अगल नियम रहता ब्रिज कोई पार न करें तो हम करने भी नहीं देते, पर उन सभी के जरुरत पूरा करवाते , वहां दलाल पुलिस को नहीं,बल्कि राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना, सेंट जांन एम्बूलेंस, भारत स्काउट गाइड जैसे निस्वार्थ भावना से काम करने वाले को रखते,
और सेवा करवाते, अगल भविष्य में कभी इस तरह की संकट आये, तो मैं यह कदम पार करके दिखाऊंगा !!
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज ,कोलकाता
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 02/07/2020
दिवस :- गुरुवार
विषय :- भ्रष्टाचार
विधा :- व्यंग्य
विषय प्रदाता :- आ. कलावती दीदी जी
-: देख लिए जी पुलिस के सहयोग !
आज बुद्ध पूर्णिमा आज ही के दिन गौतम बुद्ध का जन्म और महान कवि, नाटककार,राष्ट्रगान निर्माता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का भी जन्म हुआ था, उन्हीं से जुड़ी हुई बात है,रवीन्द्र सेतु की,इस महामारी कोरोना में देख लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग , कितना करता है सहायता , यह कोई कहानी नहीं, और नहीं सुनी हुई बात, यह हकीक़त है, बात कोलकाता की हावड़ा ब्रिज की है , कोलकाता न हावड़ा पुलिस की है ! बैंक के अधिकारी को जाने देते पर बैंक के ग्राहकों को नहीं, तो मेरा कहना है बंद करवा दो अभी बैंक, लेकिन कैसे करवायेंगे, अभी तो बिना खड़े हुए ही तो उनको बैंक से पैसा मिल जाते है, माना कि ऊपर डीएम,सीएम, पीएम से आदेश है ,पर व्यवस्था कहां है, अरे ! मैं जानता हूं कितना कठिन है ऑर्डर को पूरा करना, क्योंकि हम रोशन भी मान सम्मान जानते हैं वर्दी की. राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना, भारत स्काउट गाइड, सेंट जांन एम्बूलेंस आदि से सेवा कर रहा हूं वर्दी में ही ! पर मैं पुलिस प्रशासन से कहना चाहता हूं कि आप जब पुलिस में भर्ती लेते हैं तो क्या आप गाली का ही प्रशिक्षण करवाते हैं, पता न उन मजदूर, गरीब पर क्या बीता होगा ,मारा भी ऊपर से बोकाछोदा जैसी बंगाली में गाली दिया रहा वह पुलिस.., और यही कारण है कि लोग कानून को हाथ में लेते हुए पुलिस पर टूट पड़ते हैं, और फिलहाल इसी हावड़ा के टिकियापाड़ा में हुआ भी रहा ,जो कि ऐसा नहीं होना चाहिए , कितना आदमी बर्दाश्त करेगा ! अब आप पूछोगे कि लॉकडाउन में आप कहां गए, जी हां क्या कहूं गैस सिलेंडर भरवाने के लिए एक दिन न पांच दिन गए, फिर भी असफल रहे ,तीन दिन में सिर्फ खाली सिलेंडर दे आये, देकर जब पुल पर आ रहे थे, तब पुलिस से हमको न पर साईकिल पर डंडा मार ही दिया ,चौथा और पांचवां दिन भरा सिलेंडर को लाने की कोशिश किये ,पर कुछ न हुआ, यहां तो पुलिस पैसों लेकर ब्रिज पार करवाते हैं, तब हम इन्हें न देकर सिलेंडर वाले को ही कुछ ज्यादा पैसा देना ही उचित माना , हम ब्रीज के पास इंतजार करते रहे तब बेचारा कंधा पर गैस वाला वर्दी में ही
लेकर सिलेंडर लाया, पसीना, पसीना हो गया रहा, पृष्ठ :-1
✍️ रोशन कुमार झा
पृष्ठ :-2
पसीना, पसीना हो गया रहा, वह भी कोई दूसरा रहता नहीं दे जाता, वह तो अपना बिहार अपना मधुबनी के रहें तो दे गये ! इस तरह हमारी समस्या का हल हुआ, पर उनका क्या जो बैंक जा रहें थे, जाने नहीं दिया और भी कई इस प्रकार की समस्या रहा, जाने वाले को तो बिना कुछ लिए जानें ही नहीं देते, और जो काम करके लौटते हैं,उनको भी डंडा मारते है , कोलकाता में कुछ कारवाई न पर यहां इतना, क्या देख लिया बंगाल पुलिस ने, क्या मोदी जी
यही आपका शासन है , और ममता दीदी आप बात ही हटाये, क्या यही गांधी जी के रामराज्य है, क्या भारत के धरती मां तुम्हारी यही सपना थी, अब समझ गये धन्य है तू कोरोना ,जो तू आया सब को ले जा , हमको भी, छोड़ मत किसी को,सबके सब पापी है, इन पापों से भारत मां को मुक्ति दिलवा, हे राम फिर आ और अपना रामराज्य बसाओ, रामराज्य की ही जरूरत है ! अब बात करते अगल हम उस स्थान पर होते, तो लोगों के दुख जरूर दूर करते,अगल नियम रहता ब्रिज कोई पार न करें तो हम करने भी नहीं देते, पर उन सभी के जरुरत पूरा करवाते , वहां दलाल पुलिस को नहीं,बल्कि राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना, सेंट जांन एम्बूलेंस, भारत स्काउट गाइड जैसे निस्वार्थ भावना से काम करने वाले को रखते,
और सेवा करवाते, अगल भविष्य में कभी इस तरह की संकट आये, तो मैं यह कदम पार करके दिखाऊंगा !!
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज ,कोलकाता
पता :- ग्राम :- झोंझी , मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716
आलेख :- 16(23) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
08-05-2020 शुक्रवार 14:19 (मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
लघुकथा बेटियां ऐसी हो :-16(50) (52) मंगलवार
02-06-2020 आज कविता :-16(64)
*विषय पिता विश्व रिकॉर्ड पुस्तक में शामिल होने वाले रचनाकारों की सूची*
1.रामचंद्र स्वामी
2. डॉ चंद्रदत्त शर्मा
3 .कुमार नीरज
4.जोगिंदर कुमार
5. डॉ लाली लक्षिता
6. डॉ मीना परिहार
7. वर्षा जैन खंडवा
8. मुइनुद्दीन गोरी नाचीज
9. सुरेखा सिसोदिया
10. सरला कुमारी
11 . गोपाल कोड़ेचा बायतु
12. रेखा पारंगी
13. बिहारी साहू सेलोकर
14.विनोद सिल्ला
15. अभिमन्यु पाराशर
16. खेमराज साहू 'राजन'
17.वीरांगना मीणा
18. अभय चौरे
19 आमिल कुरेशी
20. कपिल दुबे
21. गीता पांडे बेबी जबलपुर
22.डॉ नरेश कुमार 'सागर ' हापुड़
23. लोधी बी.के. 'राज'
24. वृंदावन राय 'सरल 'सागर
25. डॉ गुलाब चंद पटेल
26. सुशीला वसिटा 'दामिनी'
27. वैष्णो खत्री 'वेदिका'
28. नईम रयान
29. कमल कालू दहिया
30 .डॉ नेहा इलाहाबादी
31. डॉ उषा पांडे
32. परमानंद निषाद निठोरा
33. दयाराम धोरावत
34. कुंवर प्रताप बेचैन
35. प्रतिभा इंदु,भिवाड़ी
36. दुर्गेश नंदिनी, हैदराबाद
37. इंजी. बी के रंजेश राय
38. शकुंतला पावनी ,चंडीगढ़
39. डॉ दत्तात्रय दशरथ पटेल
40. प्रियदर्शिनी तिवारी
41. गोपाल सिंह राजपुरोहित
42 सुधा उपाध्याय
43. दिग्विजय सिंह टेंगसे
44. जयरूप पटेल जेपी
45. सुशीला जोशी' विधोतमा'
46. एस ए काविश अकबराबादी
47. रमा मीणा, करौली
48. पूरणमल बोहरा
49. सुरेंद्र मेवाड़ा
50. विमल तिवारी
51. इशिका गोयल
52. काव्यांश तृप्ति गोस्वामी
53. कवि जसवंत लाल खटीक
54. सुमन सोनी
55 जितेंद्र विजय श्री
56. हरिश्चंद्र त्रिपाठी
57. डॉ नीना छिब्बर
58. राकेश कैत'राज'
59. राज कुमार सैनी "एक शायर राज"
60 डॉक्टर विजय लक्ष्मी
61बोधी राम शाहू 'सोनल'
62. अरसद मिर्जा
63. निकेश साहू
64.मनोज कुमार शर्मा
65. रोशन कुमार झा
भविन्द्र बाबा फोटो सब भेजें महादेव पूजा वाला
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/07/1679-3.html