कविता :- 16(61) , प्रमाण पत्र इंक़लाब ऑनलाइन पत्रिका से
कविता :- 16(61) ,प्रमाण पत्र :- 314 " सत्य सारथी " आज 13/06/2020 शनिवार
इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका में सत्य का दर्पण साझा लघुकथा संग्रह में प्रकाशित लघुकथा के लिए
✍️ • রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
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#💐💐💐 ##🙏🙏🙏# (1)
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 13-06-2020
दिवस :- शनिवार
विषय :- माँ - संस्मरण
विधा :- समीक्षा
विषय प्रदाता :- साहित्य संगम संस्थान
माँ वही माता जीवन दाता, किसे प्यारा नहीं है मानव से लेकर जीव जंतु पेड़ पौधे तक, क्योंकि जीवन माँ से ही
शुरू होती, कुछ शब्दों में माँ की वर्णन मैं इस प्रकार किया हूँ :-
माँ क्या करूँ और कहाँ से कहाँ तक करूँ तेरी वर्णन ,
हम रोशन पुत्र , तू माता तेरे से ही है यह मेरी जीवन ।।
आज हम जो भी हूँ, कितना बड़ा क्यों न हूँ, पर माँ की नज़र में बच्चा ही हूँ । कोई भी कुछ भी पेट से नहीं सीख के आते, सब यही सीखते है, सीखने की प्रक्रिया माँ से ही शुरूआत होती, इसीलिए कहा गया है माँ को धरती और पिता को आकाश जिसके छाया में बच्चे पढ़ते लिखते कुछ बनते, सच में जीवन में माँ की बहुत बड़ा सहयोग है ,इसे चुकाने पर भी चुक नहीं सकता ।।
® ✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार ,
मो :- 6290640716
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, बिहार
#💐💐💐 ##🙏🙏🙏# (2)
कविता :-16(61)
-: है हमारा पंजीकृत वर्षगांठ । :-
आज 13 जून, आज है हमारा पंजीकृत वर्षगांठ,
पर जन्म लिए रहें एक अक्टूबर की प्रभात ।
इक्कीस, तेईस मिला राज्य का राजन, मिली प्रजा एक साथ ,
आज हम रोशन जो भी हूँ, उसमें है गुरुजनों
ईश्वर, खुदा, मसीहा का हाथ ।।
पूजा किया हूं जनेऊ,फल - फूल निर्मल, सुधा जल से
अभी है जेठ आषाढ़
असली जन्मदिन तो है अश्विन में, गणेश पूजा बाद ।
किया हूं पिताजी श्रीष्टु , माता पूनम ,भाई राहुल,राजन को याद ,
सच में तनु वक्ष स्थल से आनंद होकर ले रहा हूँ
जीवन की स्वाद ।
चाहिए न कुछ ,पर चाहिए , चाहिए आप सभी का आशीर्वाद,
रहें आप सभी भाई बहनों और मित्रों का प्रेम याद ।
भले मैं हो जाऊँ, पर करूँ न किसी को बर्बाद ,
कुछ ऐसा कर जाऊं कि याद रहूँ, मैं मरने के बाद ।।
® ✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार ,
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, बिहार
मो :- 6290640716, [: ২১ বছর
13/06/2020 शनिवार , 21 साल, 21 year
13/06/1999 रविवार, ( 01-10-1997 बुधवार )
अगला साल मिली शादी पर कविता :-12(49)
12/06/2019 बुधवार part:-2 PLSG-2
अगला साल घुसड़ी श्याम मंदिर से computer from
इंक़लाब में रचना भेजें :-16(49) प्रकाशित:-16(57)
आज प्रमाण पत्र :- 314, " सत्य सारथी " आज 13/06/2020 शनिवार
इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका में सत्य का दर्पण साझा लघुकथा संग्रह में प्रकाशित लघुकथा के लिए
77/R mirpara Road Liluah
Intex :-1 Hightension duty अगला साल रहते रहे बंटी भईया मामा बाड़ी में 33/99 बेलगछिया रोड
#💐💐💐 ##🙏🙏🙏# (3)
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान उत्तर प्रदेश इकाई
विषय :- स्व परिचय
विधा :- छंद
दिनांक :-13/06/2020
दिवस :- शनिवार
शाण्डिल्य गोत्र, नाम झा रोशन कुमार ,
काम से हूँ एक छोटा मोटा रचनाकार ।
हूँ कोलकाता में छोड़कर आया हूँ मिथिला,बिहार ,
हम ही गंगाराम, मधुबनी जिला गांव झोंझी की लाल ।
पढ़ाई के साथ राष्ट्रीय कैडेट कोर,संस्था किया हूँ स्वीकार ,
राष्ट्रीय सेवा योजना, भारत स्काउट गाइड से करता हूँ प्रचार ,
सीखा हूँ सेंट जॉन एम्बुलेंस से, करता हूँ प्राथमिक उपचार ,
संग में नि:शुल्क में पढ़ाकर मिलजुल कर मनाता हूँ त्यौहार ।।
® ✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार ,
मो :- 6290640716
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, बिहार
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#💐💐💐 ##🙏🙏🙏# (4)
कविता :- 16(07) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय :- कृष्ण तेरी बाँसुरी में क्या है ।
विषय क्रमांक :- 153
विधा :- कविता
दिनांक :- 13/06/2020
दिवस :- शनिवार
संचालक :- आ. मीना तिवारी जी
-: प्रभु! बुला रही है राधा,आकर दूर करो कोरोना भरी बाधा !:-
सुन राधा,सुन ,
कृष्ण-कृष्ण कहते बची ही है तेरी आधा खून !
वह कैसे स्थिर रह सकते, तीनों लोक चलाते,
उनमें है ज्यादा गुण ,
हम क्या कहूं रोशन प्रभु के बारे में सुन राधा सुन !
कहीं बजाते होंगे बाँसुरी ,
भक्तों से मिलने के लिए कम करते होंगे दूरी !
हे राधा क्यों कहती हो कि मेरी भाग्य में विधाता प्रेम ही
लिखें होंगे अधूरी ,
न, न .. राधा ! , आयेंगे प्रभु और तुम्हारी इच्छा होंगे पूरी !
आते ही होंगे राह में मिल गये होंगे भक्तगण और गोपियां ,
और मिलें होंगे नारद मुखिया !
धर्म-कर्म पूजा पाठ व सबके खुशी में ही है प्रभु की खुशियां !
आप से मिलने प्रभु आते ही होंगे
क्यों समझती हो राधा अपने आप को दुखिया ,
आपकी ही नहीं दुनिया को करते आनंद और हटाते हैं पीड़ा ,
अध्दभुत है आपका प्रभु की लीला ,
हम रोशन क्या ? कहें भक्त विद्यापति,सुर और मीरा !
तो प्रभु आओ और हटाओ दुनिया से कोरोना , क्योंकि
तड़प रहें हैं गांव,घर और जिला !
🙏 धन्यवाद ! 💐🌹
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार, कविता :-16(07)
27-04-2020 सोमवार 17:45 मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
#💐💐💐 ##🙏🙏🙏# (5)
कविता :-16(61) शनिवार 13/06/2020
नमस्ते 🙏 :- मेरी कलम मेरी पूजा कीर्तिमान साहित्य मंच,
विषय :- मेरी हसरत
दिनांक :- 12/06/2020
दिवस :- शुक्रवार
हम चाह रहे थे जिसे
वह किसी और से वफ़ा निभा रहे थें .
हम उनके साथ का सपना सजा रहे थे ,
वह किसी के साथ सपनो को हक़ीक़त बना रहे थे .
हम अभी प्यार की धुन ही बना रहे थे ,
वह किसी के साथ प्यार का गीत गा रहे थे .
हम इजहार -ए- इश्क़ चाह रहे थे ,
वह किसी के साथ बहारे - ए - इश्क़ लुटा रहे थे .
हुआ जो हकीकत से सामना ,
दिल मुझे अपना पड़ा धामना .
उनके बागों में फूल खिले ,
हमारी बागियों में कॉटो के सिल सिले .
अंधेरे रातो में भी उनके चेहरों पर उज्जवलता ,
कड़ी धूपो में भी हमारी चेहरों अंधकारो से भरी हुई .
पतझड़ में भी उनके होंठों पर मुस्कुराहट आयी ,
भरी बंसत में हमारी आंखें डब - डबाई .
क्यो उम्मीद टुटती नहीं प्यार पाने की ,
दर्द सहनी पड़ती है, दूर जाने की .
उसके आने से हर रोज हम रोशन को एक आस जागती रही ,
उसके जाने से हर रोज़ एक-एक निराशा बढ़ती रही .
® ✍️ रोशन कुमार झा
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी, बिहार
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
मो:-6290640716 पहला डायरी की
भारत एक नज़र में प्रकाशित
फोटो :- Ncc वाला 77/R mirpara road Liluah
Microsoft से
इंक़लाब में
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1649.html
प्रकाशित हुआ
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/06/1657.html
सत्य का दर्पण: साझा लघुकथा संग्रह (Hindi Edition) by संपादक दीपक क... https://www.amazon.in/dp/B089T8HLMD/ref=cm_sw_r_wa_awdo_t1_SsW3EbHCTMXF8
पृष्ठ :-117-120 क्रमांक :-32 Rs :- 226
SNEC college code :- 117
https://play.google.com/store/books/details/%E0%A4%A6_%E0%A4%AA%E0%A4%95_%E0%A4%95_%E0%A4%B0_%E0%A4%A4_%E0%A4%B8%E0%A4%A4_%E0%A4%AF_%E0%A4%95_%E0%A4%A6%E0%A4%B0_%E0%A4%AA%E0%A4%A3?id=uNDpDwAAQBAJ
प्रमाण पत्र :- 314 " सत्य सारथी " आज 13/06/2020 शनिवार
इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका में सत्य का दर्पण साझा लघुकथा संग्रह में प्रकाशित लघुकथा के लिए
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नमन 🙏 :- इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका
मौलिकता प्रमाण पत्र :- यह हमारी स्वरचित कविता है, इसे इंक़लाब ऑनलाइन हिंदी पत्रिका सागर यादव ज़ख़्मी जी के संपादन में काव्य तरंग साझा काव्य संग्रह ई - बुक प्रकाशन में प्रकाशित करवाने के लिए प्रस्तुत किये है ।:- कविता :- 13(59), 7(09)
श्री नर्मदा प्रकाशन परिचय
https://www.facebook.com/100034651185552/posts/312491326582571/?flite=scwspnss&extid=r41rflbXC1LqKnr7
करुणा आज कविता :-16(61)पृष्ठ:-15, शनिवार 13/06/2020
कविता :- 16(42),
नमन 🙏 :- साहित्य उत्थान कोश
साप्ताहिक प्रतियोगिता :-
दिनांक :-25-05-2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- कविता
विषय :- करुणा
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी जिला:- मधुबनी बिहार
मो :-6290640716
-: करुणा हो । :-
आसान हो जाये जोड़, घटाव गुणा
हकीकत है मत कहो सुना ।
है नमूना
कर करुणा ।
किसी को फटकार दूं ना
दया प्रेम के अलावा कुछ रखूं ना ।।
दया प्रेम से करूं प्रयास ,
करूं तो करूं अंहकार की नाश ।
प्रेम बोऊ आस पास ,
बार-बार करूं अभ्यास ।।
लूं सांस ,
कब जब बुझाऊं किसी के प्यास ।।
हर कहीं मीठी-मीठी वाणी हो ,
कुछ सपनों तो कुछ कहानी हो ।
दया प्रेम के दानी हो ,
कहीं न कोई अज्ञानी हो ।।
सबके सब ठानी हो ,
करुणा को सब अपना मानी हो
बराबर राजा , प्रजा रानी हो ।।
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