कविता :- 16(47) हिमाचल साहित्य दर्पण
कविता :-16(47) हिन्दी
आप सभी को 194 वीं हिन्दी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 30 मई 1826 को विश्व का प्रथम हिंदी समाचार पत्र "उदन्त मार्त्तण्ड" कलकत्ता से प्रकाशित हुआ था, जिसका सम्पादन श्री जुगल किशोर शुक्ल जी कानपुर के द्वारा किया गया रहा,
नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :-141
दिनांक :- 30-05-2020
दिवस :- शनिवार
विषय :- उम्मीद का दामन थाम के
विधा :- कविता
प्रदाता :- आ . वन्दना सोलंकी जी
ज़रूरत है, आशीर्वाद और प्रणाम के ,
मूल्य है न आराम के ।
लक्ष्य पर रहो उम्मीद का दामन थाम के ,
अभी करो, मत कहो कि ये काम है शाम के ।।
वर्णन करो सीता पति राम के ,
राधा प्रिय श्याम के ।
और रोशन करो अपने नाम के ,
जो भी करना है वह करो
उम्मीद का दामन थाम के ।।
उज्जवल करो अपना घर परिवार और ग्राम के ,
पेड़ लगाओ , अमरूद और आम के ।
गरीबों का मदद करो, ज़रूरत है न काशी, मथुरा धाम के ,
यूं मंजिल तक चल जाओगे,
उम्मीद का दामन थाम के ।।
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
मो:-6290640716
नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 30-05-2020
दिवस :- शनिवार
विषय :- डॉ राकेश सक्सेना जी की कविता की समीक्षा
विधा :- समीक्षा
विषय प्रदाता :- साहित्य संगम संस्थान
सर्वप्रथम साहित्य संगम संस्थान व श्रीमान डॉ राकेश सक्सेना जी को हमारे तरफ से सादर प्रणाम, और आप सभी को 194 वीं हिन्दी पत्रकारिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 30 मई 1826 को विश्व का प्रथम हिंदी समाचार पत्र "उदन्त मार्त्तण्ड" कलकत्ता से प्रकाशित हुआ था, जिसका सम्पादन श्री जुगल किशोर शुक्ल जी कानपुर के द्वारा किया गया रहा ।
आज का विषय खूब सुन्दर है, जिसे हम रोशन व साहित्य संगम संस्थान के समस्त रचनाकारों को साहित्य संगम संस्थान के सक्रिय सदस्य आदरणीय डॉ राकेश सक्सेना जी की कविता की समीक्षा की विषय रचने के लिए रखें है,हम साहित्य संगम संस्थान के आभार है, जिन्होंने आज हमें ही नहीं बल्कि मंच के समस्त नया सदस्यों को पुराने सदस्यों से मिलने उनके कविता पढ़ने, लिखने की विधि सीखने का मौका प्रदान किये है, बहुत बहुत धन्यवाद साहित्य संगम संस्थान का,तब हम समीक्षा पर आते है, सक्सेना जी की बहुत सारी कविताएं हमने पढ़ें है, " घर में सुख चैन लाती है बेटियाँ " उसमें वह मिठास शब्द, मधुर स्वर , उमंग देखने को मिली की क्या बताऊं ,दिल गदगदा बैठी, इनकी कविताएं की भाषा सरल है, जिसे पाठकों आसानी से समझ सकते है ।
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
मो:-6290640716
नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 30-05-2020
दिवस :- शनिवार
विधा :- कविता
विषय :- प्रकृति का प्यार
मुख्य आयोजक :- श्रीमान निर्मेश त्यागी जी
सह आयोजक :- आदरणीय सुनीता सोनू जी
प्रकृति को हमसे और हमें प्रकृति से प्यार है ,
जब प्रकृति तब हम रोशन और आप सरकार है ।
दोस्त है यार है ,
प्रकृति पर हमें ख्याल है ।
पेड़ लगायेंगे ये हमारा उपकार है ,
इसके बिना बिगड़ा हुआ हाल है ।
प्रकृति की रक्षक बनने के लिए तैयार हैं ,
क्योंकि प्रकृति को हमसे और हमको प्रकृति से प्यार है ।
तब शहर बाज़ार हैं ,
प्रकृति पर अपना अधिकार है ।
जब प्रकृति तब मनाने के लिए त्यौहार है ,
प्रकृति की सेवा करो यही हमारा विचार है ।
® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
मो:-6290640716
मिली की बेटा हुआ आज, कल काजल बात की कुमार पाड़ा
Passport size photo (if any)
Aadhar no :- 7468 2043 19
Name :- ROSHAN KUMAR JHA
Nick name- Gangaram
Father's name- SHREESTU JHA
Address- 51/9 Kumar para lane Liluah Howrah 711204
Contact no.- 6290640716
Email id- roshanjha9997@gmail.com
Date of birth- 13/06/1999
Blood group- O positive
College :- Surendranath Evening College Kolkata
नीरज भईया
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हिमाचल साहित्य दर्पण :-14(89)
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