कविता :-16(42) हिन्दी , हाइकु:-4

कविता  :- 16(42), हाइकु :-4
हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
शुभ प्रभात आदरणीयों
नमस्ते 🙏 :- कलम ✍️ बोलती है साहित्य समूह
विषय क्रमांक :-136
दिनांक :- 25-05-2020
दिवस :- सोमवार
विषय :- चित्र- लेखन
प्रदाता :- आ. कुसुम त्रिवेदी जी

-:   वह बेटियां नारी है  !:-

तुम्हारा और मेरा न, यह बेटियां हमारी है ,
पूजा करने योग्य सरस्वती, दुर्गा वही काली है !
कल भी , आज भी और भविष्य की भी वही लाली है ,
तो हे ! दुनिया वालों सहयोग करो ,वह बेटियां नारी है !

पढ़ने दो , बढ़ने दो जब तक वह कुँवारी है ,
जब-जब आपद आई है , तब-तब बेटियां ही संभाली है !
भंयकर रूप धारी है !
रानी लक्ष्मीबाई बनकर, बेटियां ही दुष्ट को मारी है ,
गर्व है हमें हर एक बेटियां पर ,
वह तेरी मेरी नहीं , वह बेटियां हमारी हैं !!

उसे स्वतंत्र रहने दो , उसी के लिए धरती की हरियाली है ,
बेटियां से ही सुख-सुविधा सारी है !
वह बिहारी न बंगाली वह दुनिया वाली है ,
इज़्ज़त करो यारों , वह बेटियां नारी है !!

बेटियां ही लक्ष्मी उसी से होली,ईद और दीवाली है ,
अभी जो कोरोना जैसी महामारी है !
उससे भी लड़ने के लिए बेटियां तैयारी है ,
हम रोशन बेटियां की रक्षा के लिए,
आप सभी पाठकों के समक्ष बनें भिखारी है ,
मेरी भिक्षा यही है , कि बेटियां की इज़्ज़त करो
वह तेरी मेरी नहीं वह बेटियां हमारी हैं !!

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता  भारत
मो:-6290640716

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 25-05-2020
दिवस :- सोमवार
विषय :- अम्फान
विधा :- मुक्त ( कविता )
विषय प्रदाता :-  आ. डॉ कुमुद श्रीवास्तव कुमुदिनी जी

-: अम्फान आया । :-

21 मई 2020 को उड़ीसा, बंगाल में जो तूफान आया ,
काल पर से काल सो अम्फान कहलाया ।
भंयकर रूप दिखलाया ,
खूब जोरों का वारिश करवाया ।।

आज हम रोशन कोलकाता से लिखा हूं हमें भगवान बचाया ,
हुई इंटरनेट की समस्या ,हम भी काफी नुकसान खाया ।
रेलगाड़ी बांधा , पर न मानव के प्राण बचाया ,
और वही सरकार महान कहलाया ।

नदी की ममता भी न जान पाया ,
समंदर की माया ।
डरे नदी अपने आप को बचाया ,
कब ? जब अम्फान आया ।

वर्षा संग में हवा लाया ,
कितने पेड़-पौधों को गिराया ,
एक बहुत बड़ा मुसीबत से जन - जन को मिलाया ,
वही कोरोना के साथी तूफान अम्फान कहलाया ।।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता  भारत
मो:-6290640716

नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 25-05-2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- कविता
विषय :- भाईचारा
मुख्य आयोजक :- श्रीमान निर्मेश त्यागी जी
सह आयोजक :- आदरणीय सुनीता सोनू जी

-:  हमारा भाईचारा । :-

हार से न हारा ,
न्यारा - प्यारा
है दोस्ती हमारा ,
वही तो भाईचारा ।

दुख में हटाया दुख सारा
मेरे लिए खोल कर रख दिया ताला ,
ग़लत से सही की ओर किया इशारा ,
यही तो है भाई भाईचारा ।।

खुद भूखे रहकर भूख मिटाया हमारा ,
गिरते वक्त दिया हम रोशन को सहारा ।
बनें न पर दिखलाया तारा ,
आगे बढ़ने को कहते रहा  , है न्यारा प्यारा
भाईचारा हमारा ।।

✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता  भारत
मो:-6290640716
जरा सुनो
कोई दूर न दूर जाना पड़ता
वही दूर जाता है जो चलता है
और वही कर्ता है ‌।
रोशन कुमार झा

मेरी जिन्दगी की पहली रैप
डायरी :- 2

हाय यह मेरी ज़िन्दगी । :-

आई मेरी ज़िन्दगी में ऐसी बाधा ,
बिछुड़ गयी मेरी ज़िन्दगी की पूजा पाठ व राधा ।

अब कैसे होगी मेरी गुज़ारा , हां मेरी गुज़ारा ,
अब कौन मुझको देगा अपना सहारा , हाँ अपना सहारा ।

ऐसा हाल होता इश्क में मैंने जाना ही नहीं ,
अब मैं क्या करूं , वह लड़की मुझे पहचाना ही नहीं ।

जिस पर लुटाये हम इतना प्यार ,
अब वह रखती है किसी और की ख्याल ।

अब मौत की हालात दिखती है , हमें रेल लाइन पर ,
हां लाइन ,
क्या करूं वहां जाने पर भी लगेगी फाइन, हां फाइन ।

मौत होगी मेरी देखेगी ज़हान ,
कब नेहा आयेगी मेरी मौत की वर्षा आंधी , तूफान ।

आ जा मेरी मौत , मैं तुझको पुकारा , हां पुकारा ,
अब मैं तेरे ही साथ करूंगा गुजारा , हां गुज़ारा ।

मेरी होंठों की मुस्कान को वह लड़की उजाला, हां उजाला ,

हाय ! मैं अपनी ज़िन्दगी को क्या कर लिया ,
बेवफ़ाई की दुनिया में अपने को जला लिया ।

मेरी आधी मौत में हो रही है दर्द ,
उस लड़की को कहां रहा , मेरे ऊपर कद्र हां कद्र ।

हाय । यह ज़िन्दगी मेरे साथ क्या हुआ ,
मेरी जोड़ी बिछुड़ने में किसकी लगी दुआ ।

उसके अलावा मैं किससे करूं प्यार ,
इस निकम्मे ज़िन्दगी में रोशन को छोड़ दिया, अपना
दोस्त यार, हां दोस्त यार ।

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
25-05-2020  सोमवार  मो:-6290640716
23-08-2017 बुधवार 17:25 ( 198 )
जब सीमा मेम विद्यापति के पद पढ़ाती रही ,

नमन 🙏 :- साहित्य उत्थान कोश
साप्ताहिक प्रतियोगिता :-
दिनांक :-25-05-2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- हाइकु
विषय :- करुणा
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी जिला:- मधुबनी बिहार
मो :-6290640716

-: करुणा ।

ये नफ़रत
नहीं, दिखा करुणा
सबके सब

ये अंहकार
कर मत स्वीकार
दिखाओ दया

प्रेम के भार
रोशन जीत हार
करुणा दिखा

करना माफ़
मुस्कराये शहर
घर परिवार

कर लो यह
उपवास रखना
करुणा वास

अपने पास
से निकालना दया
बनना ख़ास

हो न निराश
गंगा यमुना पास
कर स्वीकार

करुणा दिखा
दया करना सीखा
हाइकु लिखा

हाइकु :-4

नमन 🙏 :- साहित्य उत्थान कोश
साप्ताहिक प्रतियोगिता :-
दिनांक :-25-05-2020
दिवस :- सोमवार
विधा :- कविता
विषय :- करुणा
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
ग्राम :- झोंझी जिला:- मधुबनी बिहार
मो :-6290640716

-: करुणा हो । :-

आसान हो जाये जोड़, घटाव गुणा
हकीकत है मत कहो सुना ।
है नमूना
कर करुणा ।
किसी को फटकार दूं ना
दया प्रेम के अलावा कुछ रखूं ना ।।

दया प्रेम से करूं प्रयास ,
करूं तो करूं अंहकार की नाश ।
प्रेम बोऊ आस पास ,
बार-बार करूं अभ्यास ।।
लूं सांस ,
कब जब बुझाऊं किसी के प्यास ।।

हर कहीं मीठी-मीठी वाणी हो ,
कुछ सपनों तो कुछ कहानी हो ।
दया प्रेम के दानी हो ,
कहीं न कोई अज्ञानी हो ।।
सबके सब ठानी हो ,
करुणा को सब अपना मानी हो
बराबर राजा , प्रजा रानी हो ।।

कविता :- 16(38)  हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

       -: 🙏 देख लो  ! 🙏  :-

जा सकते हो तो जाकर देखों रेलवे स्टेशन ,
ऐसा लग रहा है कि हुआ है उसका आपरेशन !
और अस्पताल में भर्ती है जिसे कहते रहे जंक्शन
पटरी पर रूकी रेलगाड़ी भी पा रही हैं पेंशन !

कोरोना से हुआ है दुनिया की सत्यानाश ,
प्रिय-प्रियतम के बिना बाग़ सुना है लग ही नहीं रहा है
कि अभी है वैशाख की मास !
घर बैठे मानव बनें है जिन्दा लाश ,
अब पता चल रहा है क़ैद ज़िन्दगी होती है कितनी बकवास !

अब जाकर देखो अदालत ,
अदालत तो अदालत उससे भी ज्यादा बिगड़ी है
वकील की हालत !
इसलिए हम रोशन प्रस्तुत किया हूं अपना मत ,
क्योंकि कोरोना के कारण दुनिया के साथ बंद पड़े हैं भारत !

                            🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
21-05-2020  वृहस्पतिवार 09:05  मो:-6290640716

कविता :-16(41) हिन्दी     ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
Happy Brother's Day

-: भाई हमारा । :-

खुद छोड़ दिया हमें कहा कर पढ़ाई ,
भाई राहुल खुद करने लगा कमाई ।
प्यारा है हमारा राजन, आनंद भाई ,
हम रोशन दिये है अपनी इच्छा बतलाई ।

दुख दर्द सहूं ,
नदी की तरह बहू ।
हम रहूं या न रहूं ,
है आज भाई का दिन
भाई के बारे में हम क्या कहूं ।।

दिखा रहा हूं एक इशारा ,
बढ़े भाई हमारा ,
है न्यारा प्यारा ।
हारा पर हार से न हारा ,

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता भारत
मो :-6290640716
24-05-2020 रविवार 19:15
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी राष्ट्रीय सेवा योजना
कविता:-15(91) मैथिली  ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
14-04-2020 अमर उजाला में प्रकाशित 21-05-2020
https://www.amarujala.com/kavya/mere-alfaz/roshan-kumar-new-year-of-north-bihar-mithilanchal-poem-written-by-roshan-kumar-jha
कविता :-8(42) मोदी कथा
https://kalamlive.blogspot.com/2020/05/modi-ki-katha.html
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1641.html


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