कविता :-16(33) हिन्दी 6 रचना

कविता :-16(33) हिन्दी 6 रचना  रोशन कुमार झा

######  रोशन कुमार झा  ####  1

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 16-05-2020
दिवस :- शनिवार
विधा :- काव्य समीक्षा
विषय :-  संगम सवेरा वेबसाइट

-: संगम सवेरा वेबसाइट हमारे नज़र में । :-

वेबसाइट कहने से एक ऐसा भाव आता है, कि तालाब से सीधे समुद्र में चल जाना , जी हां ऐसा ही इसके नाम के शब्द में ही अर्थ छिपा हुआ है, वेब मतलब बड़ा, साइट मतलब स्थल , यानि बड़ा स्थल , देखा हूं हम रोशन और ऐसा किया भी हूं, अभी तक बहुत सारे रचनाकारों वेबसाइट तक पहुंच न पाए हैं, उनका मानना है, कि अपनी रचना दैनिक समाचार पत्र में ही प्रकाशित करवाये, इस कथन पर हमारा यह विचार है, कि अभी तक बहुत सारे समाचार पत्र रचना को वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं करते हैं, वे बस एक दिन के लिए काग़ज़ पर प्रकाशित कर देते हैं, कैसे उन सभी रचनाकारों को समझाऊं कि अभी आधुनिकता है , अभी सिर्फ समाचार पत्र पर प्रकाशित होने से काम नहीं चलने वाला है, अभी वेबसाइट पर जो संस्थाएं रचना प्रकाशित करते हैं, उनसे रचना को प्रकाशित करवाओ, आपकी रचनाएं प्रकाशित होंगे ही होंगे, साथ में आपका रचना का एक अपना लिंक हो जाएगा, तब जब चाहिए तब आप अपनी रचना को देख साझा यानि शेयर कर सकते हैं , ये सभी सुविधाएं हमारे संगम सवेरा वेबसाइट प्रदान कर रहे हैं, तब क्यों न उनसे मिलकर अपनी रचनाओं को वही प्रकाशित करवायें ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
मो :-6290640716 कविता :-16(32)

########  रोशन कुमार झा  ## 2

सुप्रभात सभी आदरणीयों,
नमन 🙏 :- " कलम ✍️  बोलती है " साहित्य समूह
क्रमांक :- 129
तिथि :- 16-05-2020
दिन :- शनिवार
आज का विषय :- हरियाली हो .. खुशहाली हो
विधा :- कविता

-: मेरी न नारी हो , पर हरियाली हो । :-

दुनिया के लिए हम रोशन उपकारी हो ।
जनसंख्या रोकूं , न ही शादी और न ही मेरी नारी हो ,
पुत्र के बदले एक पेड़ लगाऊं , जिससे
आज न कल हरियाली हो ,
हरियाली- हरियाली से मिलकर हर कहीं खुशहाली हो ‌।।

पेड़-पौधा से ही हमारा दोस्ती यारी हो ,
आज एक पेड़ लगा दूं, कल हमें भी जाने की बारी हो ।
वही लगा दूं, जहां जगह ख़ाली हो ,
इतना पेड़-पौधे लगा दूं, कि कभी न कोई बीमारी हो ।।

मुस्कुराये पर्यावरण कुछ न कुछ सहयोग हमारी हो ,
चल जाये कोरोना, कहीं न कोई रोग बीमारी हो ।
ईद, दुर्गा पूजा, काली पूजा और दिवाली हो ,
वातावरण हंसे हरियाली से, और हम मानव जाति का
हरियाली से खुशहाली हो ।।

बनूं न पिता पर किसी बाग़ का हम माली हो ,
बग़िया हरा - भरा करना कर्त्तव्य हमारी हो ।
जब तक हूं, तब तक पेड़-पौधा को लगाना
ये कार्य हमारा जारी हो ,
हर कहीं हरा - भरा , उस हरियाली से हर कहीं खुशहाली हो ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
मो :- 6290640716

########  रोशन कुमार झा  ## 3

नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 16-05-2020
दिवस :- शनिवार
विधा :- कविता
विषय :-  आत्मनिर्भरता

   ये है आत्मनिर्भरता ।:-

किसी से न किसी का जीवन चलता ,
गिरता यूं संभलता ।
सुख-दुख किसके जीवन में न पड़ता ,
उसमें खुशी-खुशी जो जीता वही तो है आत्मनिर्भरता ।।

न हम रोशन किसी को डराता और नहीं डरता ,
जितना होता उतना समाज का भलाई करता ।
है मंजिल दूर थका हूं, फिर भी चलता ,
जो चल रहे हैं वहीं तो है आत्मनिर्भरता ।।

कोई खेती करता ,
उस पर कितना मेहनत पड़ता ।
कोई कुछ बनने के लिए दिन रात पढ़ता ,
पीछे नहीं आगे बढ़ता ।।

आगे बढ़ने से पहले सूर्य की तरह जलता ,
वही एक दिन आई. पी.एस ,
आई. ए. एस अफसर बनकर घर से निकलता ।
तब उनके पीछे-पीछे हज़ारों चलता ,
मंजिल तक पहुंचना भी तो है आत्मनिर्भरता ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता

########  रोशन कुमार झा  ## 4

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
तिथि :- 15-05-2020
दिवस :- शुक्रवार
विधा :- परिचर्चा
विषय :-  साहित्य सेवा के लिए फेसबुक मंच अधिक उपयोगी है या व्हाट्सएप मंच ।

-: व्हाट्सएप प्यारी , पर फेसबुक ही बनाता खिलाड़ी । :-

व्हाट्सएप मंच है प्यारी , पर फेसबुक ही बनाता हर क्षेत्र में हर एक को खिलाड़ी जी हां , साहित्य सेवा के लिए भी फेसबुक मंच ही अधिक उपयोगी है, हम व्हाट्सएप समूह पर अपनी रचना को डालते हैं ,भले ही वहां एक-दो , चार-पांच टिप्पणी आ जाते, वाह वाह क्या बात है, क्या लिखें हो , ये लेख यही तक रह जाता , पर यदि हम उसी रचना को फेसबुक मंच पर रखते हैं, भले वहां टिप्पणी न आए, और कैसे न आएंगे कॉमेंट
आएंगे ही, और यहां जो टिप्पणियां, करते हैं वह हमेशा के लिए रहते हैं, हम रोशन अनुभव किये है, और कर रहे हैं,
व्हाट्सएप में आप रचना को ज्यादा दिनों तक नहीं रख सकते,अगल रखतें हैं तो आपके मोबाइल सही सलामत काम नहीं कर पाते, जिसके कारण हम व्हाट्सएप को एक समय पर  रिफ्रेश यानि खाली करना पड़ता है, वही अगल आप फेसबुक मंच पर अपनी रचना रखते हैं, वह कहीं भी और कभी भी अपनी रचना को देख सकते हैं, अतः हम साहित्य सेवा के लिए फेसबुक मंच को हम अधिक उपयोगी मानते है या व्हाट्सएप मंच को नहीं ।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
कविता :-16(32) मो :- 6290640716

########  रोशन कुमार झा  ## 5

कविता :- 15(04) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

लेखक एक सदी का और सरकार पांच सरकार का  !:-

मैं एक सदी के कवि , आप पांच साल के सरकार है ,
आपका प्रशंसा क्यों करूं , आपका वर्णन करने का
मेरा न विचार है !
आदत से आप लाचार है ,
कहते ही नहीं , आप दिखाते भी हो कि हम सरकार है !

आज सरकार मोदी और नीतीश कुमार है ,
अगला पांच साल में कोई और आने के लिए तैयार हैं !
पांच दो बार बने तो दस , उतना ही साल का अख्तियार है ,
हम रोशन एक सदी के लेखक हमें मानवता से ही प्यार है !!

आपका चुनाव प्रचार है ,
बेरोजगारी से शहर, गांव बीमार है !
क्यों ? और कैसे आपकी बड़ाई करूं, आप तो
सिर्फ पांच साल के सरकार है ,
हम एक सदी के कवि हमें रचना करके समाज को सुमार्ग
पर ले जाना ही मेरी त्यौहार है !!

आपका पीछे हवलदार है ,
हम गरीब आपका शिकार हैं !
मैं रोशन क्यों, आपका वर्णन करूं, आप तो सिर्फ
पांच साल के सरकार है ,
वर्णन करूं या न करूं सरकार का , बताओ मेरे
प्यारे पाठको आज आप सभी से मेरा यही सवाल है !!

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
22-01-2020 बुधवार 22:01
मो :-6290640716
आज 16-05-2020 शनिवार का कविता:-16(33)
कलम लाइव पत्रिका में

########  रोशन कुमार झा  ## 6

नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 15-05-2020
दिवस :- शुक्रवार
विधा :- कविता
विषय :-  प्रकृति की प्रवृत्ति

-: है प्रकृति की प्रवृत्ति  ।:-

कौन कहता कि प्रकृति की प्रवृत्ति नहीं ,
आज है कल चल जाएगा इस लिए हमारा कोई नीति नहीं ।
हम रोशन खुश ही खुश हूं, खुशी कभी बीती नहीं ,
खुशहाली में प्रकृति की हाथ है, कौन कहा
प्रकृति की प्रवृत्ति नहीं ।।

प्रकृति की प्रवृत्ति भी बदलता है ,
नहीं वह किसी के आदेश से चलता है ।
थोड़ा सा भी न किसी से डरता है ,
वही तो प्रकृति है जो कमी को भरता है ।।

प्रकृति की प्रवृत्ति है ,
उसी में हमारा एक छोटा सा आकृति है ।
करने को कृति है ,
सच में हमारी प्रकृति मीठी है ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता

########  रोशन कुमार झा  ##

कल वाला साहित्य संगम संस्थान परिचर्चा
36 पर हमारा :-
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1108632789507789/?flite=scwspnss&extid=GLRMIqt72WCFhIdk
कलम लाइव पत्रिका में प्रकाशित कविता:-15(04)
लेखक एक सदी का , सरकार पांच साल का
http://kalamlive.blogspot.com/2020/05/sarkar-panch-varsh-ka.html?m=1
स्वैच्छिक दुनिया कानपुर में प्रकाशित
https://swaikshikduniya.page/article/hai-prakrti-kee-pravrtti/BmbSN5.html

आज का कलम बोलती है -
: मेरी न नारी हो , पर हरियाली हो । :-
https://www.facebook.com/groups/1340182259483836/permalink/1521087404726653/?app=fbl

-: संगम सवेरा वेबसाइट हमारे नज़र में । :-आज का
https://www.facebook.com/groups/sahityasangamsansthan/permalink/1108503516187383/?flite=scwspnss&extid=RO8WSdqBMeeThKXU
वर्तमान अंकुर आज का :- आत्मनिर्भरता
https://www.facebook.com/groups/1783264965056444/permalink/2932332320149697/?flite=scwspnss&extid=3rFcftQTiR5Pgs3N

आज ही तब All poetry
https://allpoetry.com/home/level/Roshan%20Kumar%20jha पर Level 3 "topaz horse"
हुआ Level 2 "emerald cat" से कविता :-16(33) हिन्दी
16-05-2020 शनिवार all poetry
http://roshanjha9997.blogspot.com/2020/05/1632-ncc.html  कल वाला

नमन 🙏 :- वर्तमान अंकुर मंच
तिथि :- 15-05-2020
दिवस :- शुक्रवार
विधा :- कविता
विषय :-  दोस्ती यारी

-: ये दोस्ती यारी ।:-

ये दोस्ती यारी ,
है हमारी ।
न्यारी प्यारी ,
याद करें दुनिया सारी ,

तुम्हारा रोग हो, पर हम रोशन की हो बीमारी ,
तुम्हारे लिए दोस्त हम बन जाऊं भिखारी ।
भिखारी बनकर भी निभाऊं यारी ,
क्योंकि ये दोस्ती है हमारी तुम्हारी ।।

✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
https://www.facebook.com/groups/1783264965056444/permalink/2930059300376999/?flite=scwspnss&extid=ui9uscXZLTJZbhzj

15-05-2020 वर्तमान अंकुर जरा सुनो :-
काग़ज़ है कलम है, खुशी और गम है, व्यक्त कर दो व्यक्त करना ही मरहम है । रोशन कुमार झा
https://www.facebook.com/groups/2266476293450983/permalink/2813950672036873/?flite=scwspnss&extid=1aJ55sYGoHXdrPHW


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