कविता :-16(15) हिन्दी -: कोरोना अब चल जा जा ! :-

कविता  :-  16(15) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳

-:   कोरोना अब चल जा  !:-।

घर बैठे अमीर खाये उसको क्या है हर्जा ,
आंख से देख रहा हूं हम रोशन, हो तो रहें हैं
यहां गरीब का कर्जा !
मिल गई है कोरोना तुझको इतिहास की पन्नो पर दर्जा ,
लोगों को आनंद करके कोरोना अब तू चल जा !!

परसों जायेगा सो तू कल जा ,
चल ही नहीं ,तू अमर हो गया अब मर जा !
मरते ही तू जल जा ,
क्योंकि परेशान हैं तुम से राज्य के राजन और प्रजा !!

सूखे पत्तों की तरह तू दुनिया से झड़ जा ,
जल-थल-वायु से तू बिखर जा !
अगले जन्म के लिए भगवान से तू डर जा ,
कहीं के नहीं रहेंगे हम ग़रीब , इतिहास बन गया कोरोना
अब तू चल जा !!

                  🙏 धन्यवाद ! 💐🌹

® ✍️ रोशन कुमार झा 🇮🇳
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता 
03-05-2020 रविवार 17:05 मो:-6290640716
রোশন কুমার ঝা, Roshan Kumar Jha
कविता  :-  14(89)  हिन्दी 15(03), 15(06),
कविता :-14(92) भोजपुरी  ,14(87),10(07)
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