साहित्य एक नज़र 🌅 कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका , अंक - 647 , वर्ष - 1 , फाल्गुन कृष्ण 10 संवत 2079 , गुरुवार , 16 फरवरी 2023 , कविता - 26(39) Facebook ,मो - 6290640716 , 15/02/2023 पृष्ठ - संपादक - रोशन कुमार झा_, कविता - 26(27), नई दिल्ली - कबीर कोहिनूर सम्मान , फेसबुक,

साहित्य एक नज़र  🌅 कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका , अंक - 647 , वर्ष - 1 , फाल्गुन कृष्ण 10 संवत 2079 , गुरुवार   , 16 फरवरी 2023 , कविता - 26(39) Facebook ,मो - 6290640716     , 15/02/2023            पृष्ठ -                   संपादक - रोशन कुमार झा_, कविता - 26(27), नई दिल्ली - कबीर कोहिनूर सम्मान , फेसबुक,  











साहित्य एक नज़र  🌅 कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका , अंक - 647 , वर्ष - 1 , फाल्गुन कृष्ण 10 संवत 2079 , गुरुवार   , 16 फरवरी 2023 , कविता - 26(39) Facebook ,मो - 6290640716     , 15/02/2023            पृष्ठ -                   संपादक - रोशन कुमार झा_, कविता - 26(27), नई दिल्ली - कबीर कोहिनूर सम्मान , फेसबुक,  































समाचार :-
दिनांक :- 21/03/2021
दिवस :- रविवार

विश्व कविता दिवस के दिन हुई , साहित्य संगम संस्थान,
वाग्देवी मंच पर सचिव सम्मेलन ।

21 मार्च 2021, रविवार सुबह 11 बजे से , विश्व कविता दिवस के शुभ अवसर पर साहित्य संगम संस्थान, वाग्देवी मंच पर सचिवों का सम्मेलन रहा , इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह "मंत्र" जी, गुरूदेव आ. डॉ राकेश सक्सेना जी, आ. कुमार रोहित रोज़ जी , आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी , आ. भारत भूषण पाठक जी , शामिल हुए है ।
सर्वप्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह "मंत्र" जी
प्रांतीय इकाई सचिवों की बैठक में मंत्रोच्चारण किये ,

उनकी प्रस्तुति इन लिंक के माध्यम से सुन सकते हैं । :-

उसके बाद सह अध्यक्ष महोदय आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी
माननीय सचिवों के साथ महत्वपूर्ण परिचर्चा में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दें.. रखें ,जिसे आप इन लिंक के माध्यम से सुन सकते हैं । :-

सादर नमन मंच मैं मिथलेश सिंह मिलिंद सह अध्यक्ष साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली, साहित्य संगम संस्थान की प्रांतीय इकाइयों की मौजूदा कार्यप्रणाली व उनसे जुड़ी समस्याओं तथा उसके निवारण हेतु आपसी विचार विमर्श स्वरूप आप सभी प्रांतीय इकाइयों के माननीय सचिवों के सम्मुख मौजूद हुआ हूँ, जिसका दायित्व मुझे साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली द्वारा आज के लिए प्रदान किया गया है जिसका मैं हार्दिक आभारी हूँ 🙏 इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के महागुरुदेव आ. डॉ राकेश सक्सेना जी और संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष आ श्री राजवीर सिंह मंत्र जी व कार्यकारी अध्यक्ष आ कुमार रोहित रोज़ जी को मेरा सादर प्रणाम नमस्कार 🙏 साथ कार्यक्रम में उपस्थित सभी गुणीजन व सचिवों को मेरा नमस्कार प्रणाम करता हूँ 🙏
सबसे पहले आप सभी माननीय सचिवों को यह बताना चाहूँगा कि हम सचिवों का संस्थान के प्रति क्या दायित्व है, जिससे अभी तक लगभग ज्यादातर सचिव अनभिज्ञ हैं। सचिव का संक्षिप्त अर्थ यह होता है कि सचिव विभिन्न प्रशासनिक व लिपिक कर्तव्यों के माध्यम से संस्थान के सुचारू संचालन को बनाए रखने के साथ-साथ मासिक, षडमासिक व वार्षिक कार्ययोजना को सुनियोजित करने में सहभागिता दिखाए। ऐसे में हम सचिवों की भी जिम्मेदारी बनती है कि हम संस्थान के साहित्योन्नयन में सहभागी बनें (स्वेच्छा व स्वरुचि की स्वतंत्रता के साथ)

अब बात हम आज की परिचर्चा के अहम मुद्दों पर करेंगे, जिस पर आपके विचारों का स्वतंत्र रूप से स्वागत है...

1- जैसा कि हम सभी जानते हैं कि साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली आभासी साहित्यिक जगत का सबसे विस्तृत व सक्रिय संस्थान है, परंतु इस सक्रियता को पूर्ण विकसित करने हेतु हमें मूर्त रूप में धरातलीय पृष्ठभूमि की महती आवश्यक है क्योंकि संस्थान को मंचीय अवस्था में लाने से गांव-गांव व जन-जन तक इस साहित्योन्नयन का सहयोग प्राप्त होगा।

2- हर प्रदेश इकाई की कम से कम एक मासिक पत्रिका का संपादन अवश्य किया जाना चाहिए जिससे इकाई की लेखनी में सुधार आने के साथ-साथ लिखने की सक्रियता भी बढने की खासी उम्मीद रहती है।

3- सबसे अहम बात यह है कि हर प्रदेश इकाई की शाखा व उसकी पत्रिका पंजीकृत अवस्था में होनी चाहिए तभी हम अपनी इकाई की पत्रिका को जन-जन तक आसानी से मूर्त रूप में पहुंचा सकते हैं।

4- हर पंजीकृत इकाई का अपना एक बैंक खाता अवश्य होना चाहिए वह इसलिए क्योंकि संस्थान के बढते दायरे के मद्देनजर हर इकाई को साहित्योन्नयन हेतु अपने-अपने स्तर पर धरातलीय कार्यक्रम व पत्रिका प्रकाशन आदि कार्यों में स्वयं को सुदृढ़ करना होगा। जिससे संस्थान और इकाई के आपसी सहयोग द्वारा बड़े से बड़ा कार्य आसानी से सम्पन्न किया जा सकता है।

5- युवाओं व नवोदित साहित्यकारों को विशेष वरीयता प्रदान की जाए ताकि उनकी 21शवीं सदी की ऊर्जा का उपयोग संस्थान व साहित्योन्नयन हेतु किया जा सके। ऐसा इसलिए क्योंकि युवाओं में तकनीकी ज्ञान का नेतृत्व करने की पूरी क्षमता पहले से ही मौजूद है। तकनीकी का साहित्य में समावेश सच में ऐतिहासिक संगम होगा।

6- अंतिम कथन हर प्रदेश इकाई के द्वारा मंचीय व धरातलीय स्तर पर मासिक /षडमासिक काव्य गोष्ठी का भी प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि इस साहित्यिक कार्यों को मूर्त रूप में भी समाज के सम्मुख प्रस्तुत किया जा सके।

अंततः यह कहना चाहूंगा कि हमारा यह लक्ष्य बड़ा जरूर दिख रहा है मगर असंभव बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि कहा जाता है कि आपसी सहयोग से बडे़ से बड़ा कार्य भी छोटा लगने लगता है तो आइए हम सभी साहित्यिक एकता की एक मिसाल प्रस्तुत करें, जिसकी महती आवश्यकता हेतु हम सभी का आह्वान हमारी संस्थान ने किया है। तो आइए इन सभी मुद्दों पर आप सभी के विचारों की हार्दिक अपेक्षा है, जिस पर आपकी प्रतिक्रिया पूर्णतः स्वतंत्र रूप से अभिनंदनीय है आप सभी के विचारों का हार्दिक स्वागत है।

नमो नमः 🙏🌹

आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी सचिव, उत्तर प्रदेश इकाई
आ.प्रतिभा पाण्डेय जी ,सचिव उड़ीसा इकाई  ,आ. दीप्ति प्रिया जी बिहार इकाई सचिव, आ. मंजूषा किंजवडेकर जी
सचिव महाराष्ट्र इकाई , आ. सरोज सिंह ठाकुर जी
छत्तीसगढ़ इकाई , आ. सोनल ओमर जी गुजरात इकाई की सचिव, आ. बजरंग लाल केजड़ीवाल जी उप सचिव असम इकाई , आ. शैलेश कुमार जी , सचिव झारखंड इकाई, आ. जयश्रीकांत जी सचिव राजस्थान इकाई, आ. आशीष पाण्डेय जिद्दी जी सचिव, मध्यप्रदेश इकाई, आ. पंकज माहर जी पंजाब इकाई के सचिव , आ. अमित डोगरा जी सचिव
हिमाचल प्रदेश, आ.उज्जवल अग्रवाल जी तेलंगाना इकाई,
आ. मधुर वादिनी जी, उत्तराखंड इकाई सचिव, आ. भगत सिंह राणा हिमाद जी सचिव दिल्ली इकाई, आ0 आनंद कृष्णन जी तमिलनाडु इकाई सचिव व पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव रोशन कुमार झा शामिल हुए , सभी सचिवों अपने- अपने मत रखें ।

इस मीटिंग में बंगाल इकाई की सचिव अपनी कुछ निम्न माँग रखें :-

साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव की
माँ शारदे को नमन करते हुए , आप सभी सम्मानित गुरुजनों सह देवियों को साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव रोशन कुमार झा की ओर से सादर प्रणाम 🙏🙏🙏🙏💐💐🌹

विश्व कविता दिवस , World Poetry Day , বিশ্ব কবিতা দিবস , विश्व कविता दिवस की आप सभी सम्मानित साहित्य - प्रेमियों को ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं ।

साहित्य संगम संस्थान मंच को पाकर मैं बहुत खुश हूँ , यहां हमें साहित्य की सेवा करने का स्वतंत्र रूप से साहित्य की सेवा करने का मौक़ा प्रदान किया है , इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह "मंत्र", गुरूदेव आ. डॉ राकेश सक्सेना जी, आ. कुमार रोहित रोज़ जी , आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी , आ. भारत भूषण पाठक जी , बंगाल इकाई के अध्यक्षा आ. कलावती कर्वा दीदी एवं साहित्य संगम संस्थान के समस्त पदाधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ , जिन्होंने मुझे साहित्य सेवा करने के लिए प्रेरित किए ,

जिनकी प्रेरणा से हम साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई को अपना  यूट्यूब, ट्विटर , पर मंच तैयार करके सेवा कर रहे हैं ।

आज की इस वाग्देवी मंच पर हो रही मीटिंग में हमारी इकाई की कुछ निम्न माँग है :-

(1) हम ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी साहित्य संगम संस्थान को जिले स्तर पर मंच का गठन करना चाहता हूँ , पश्चिम बंगाल के अधिकांश जिलों के साहित्यकारों से हमारा जान - पहचान है ।

(2) प्रत्येक महीने साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई अपनी पत्रिका ऑनलाइन के साथ- साथ ऑफलाइन निकालना चाहता है।

(3) ऑनलाइन काव्य पाठ के साथ - साथ ऑफलाइन के माध्यम से जिले स्तर पर मासिक काव्य पाठ का आयोजन किया जाएं ताकि साहित्य संगम संस्थान जन- जन तक पहुंच सकें ।

क्योंकि आज भी कितने साहित्यकारों साहित्य की सेवा ऑफलाइन कर रहे हैं पर उनका ऑनलाइन से कुछ लगाव न इसके लिए साहित्य संगम संस्थान, पश्चिम बंगाल इकाई उन साहित्यकारों तक पहुंचने के लिए तैयार हैं ,

(4) इकाई व पत्रिका की पंजीकरण की प्रक्रिया क्या - क्या है ।

हमारी लक्ष्य कुछ बड़ी है , पर ये मेरे लिए कुछ नहीं है , देरी हो सकती है , पर मैं लक्ष्य से मुंह मोड़ने वाला नहीं हूँ , इन सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के धन की जरूरत है , अभी तो मैं छात्र हूँ , मैं 2015 में दसवीं कक्षा पास करने के बाद काम करके पढ़ रहा हूं , एनसीसी , एन.एस.एस , भारत स्काउट एंड गाइड , सेंट जॉन एम्बूलेंस से ट्रेनिंग करने के साथ साथ विगत चार वर्षों से नि: शुल्क में ग़रीब छात्र - छात्राओं को पढ़ा रहा हूँ , ग्यारहवीं व बारहवीं कला विभाग के साथ साथ मैं खुद हिन्दी से आनर्स कर रहा हूँ तृतीय वर्ष में हूँ और हिन्दी से आनर्स करने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ा भी रहा हूँ , उनमें से कुछ छात्र - छात्राओं हमसे ज़्यादा अंक भी लाएं हैं । इन सबकी प्राप्ति में
आप सभी सम्मानित गुरुजनों सह देवियों का आशीर्वादों है ।

मैं खुद काम करके पढ़ाई करता हूँ , कमाएं हुए पैसों को घर में नहीं बल्कि समाज सेवा में लगाता हूँ ,

अतः जितना हो सके मैं साहित्य सेवा के लिए साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई की उन्नति में मन के साथ धन लगाना चाहता हूँ , ताकि हमारी माँगे पूरी हो , बस आप सभी सम्मानित पदाधिकारियों आशीर्वाद देते हुए हमारा मार्गदर्शन करें ।

धन्यवाद सह सादर प्रणाम 🙏🙏🙏🙏💐

आपका अपना लड़का

रोशन कुमार झा
साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल इकाई (सचिव)
21/03/2021 , रविवार

जिकरा ड्युटी-2017
Roshan Kumar Jha
Narasinha Dutt college
31st Bengal bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047

मैथली कविता:-11(023)
21-03-2019 वृहस्पतिवार 07:50
*®• रोशन कुमार झा
-: होली मनावुँ! :-

भोला गौरी
बनाकर जोड़ी!
कृष्ण राधा
खेलैय छेतीन होली!

हम रोशन छोरा-छोरी
खेलैय छी होली!
मुन करैयेअ रंग जकअ हमहूँ दौड़ी
दिनकर दिनानाथ के पूजा डोरा बनेअ
लेर बनैये घर में मालपुआ पूड़ी!

रंग सअ सँजल प्रकृति के रूप देखकर
मुँह बोअ गेल मीठा
रंग सअ खेलैय छेतीन राम और सीता!
साधु संत रंग अबीर लगाकर पढ़ै़
छेतीन गीता
और कवि जी रंग पर रंग सअ लिखैय
छेतीन कविता!

बीत गेल बसंत पंचमी
रंग खेलैय लेर तैयार छेतीन विष्णु लक्ष्मी!
होली पर्व अैछ अपन सभ्यता पश्चिमी
तअ खेलु रंग अबीर गुलाल योअ की
अैछ कमी!

रंग सअ भरल़ रेहै झोली
आजुक दिन रंग सअ मुँह खोली!
मरूँ पर सेना जकअ खाकर गोली
पर जन्मों-जन्मों तक मिथिला मातृभुमी
पर मनावा आवी होली!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(023)
21-03-2019 वृहस्पतिवार 07:50
गंगाराम कुमार झा झोझी मधुबनी बिहार
IGNOU-BPP-2840 क्ष्री जैन विधालय
E.no-191081735
सलकिया विक्रम विधालय
Ncc,Pmkvy,E.Rly,Scouts
N.D.College st John Ambulance


मैथली कविता:-11(023)
21-03-2019 वृहस्पतिवार 07:50
*®• रोशन कुमार झा
-: होली मनावुँ! :-

भोला गौरी
बनाकर जोड़ी!
कृष्ण राधा
खेलैय छेतीन होली!

हम रोशन छोरा-छोरी
खेलैय छी होली!
मुन करैयेअ रंग जकअ हमहूँ दौड़ी
दिनकर दिनानाथ के पूजा डोरा बनेअ
लेर बनैये घर में मालपुआ पूड़ी!

रंग सअ सँजल प्रकृति के रूप देखकर
मुँह बोअ गेल मीठा
रंग सअ खेलैय छेतीन राम और सीता!
साधु संत रंग अबीर लगाकर पढ़ै़
छेतीन गीता
और कवि जी रंग पर रंग सअ लिखैय
छेतीन कविता!

बीत गेल बसंत पंचमी
रंग खेलैय लेर तैयार छेतीन विष्णु लक्ष्मी!
होली पर्व अैछ अपन सभ्यता पश्चिमी
तअ खेलु रंग अबीर गुलाल योअ की
अैछ कमी!

रंग सअ भरल़ रेहै झोली
आजुक दिन रंग सअ मुँह खोली!
मरूँ पर सेना जकअ खाकर गोली
पर जन्मों-जन्मों तक मिथिला मातृभुमी
पर मनावा आवी होली!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(023)
21-03-2019 वृहस्पतिवार 07:50
गंगाराम कुमार झा झोझी मधुबनी बिहार
IGNOU-BPP-2840 क्ष्री जैन विधालय
E.no-191081735
सलकिया विक्रम विधालय
Ncc,Pmkvy,E.Rly,Scouts
N.D.College st John Ambulance

हिन्दी कविता:-11(021)
20-03-2019 बुधवार 16:20
*®• रोशन कुमार झा
-: विंग कमांडर अभिनंदन भरी होली !:-

रंगों की त्योहार होली सुगंधता
की पेड़ चंदन है,
राह रोशन हुँआ भारत माँ से
जन्मों-जन्मों का बंधन है!
सिर्फ मेरा नही वह जनधन है,
वह जनधन कहलाने वाले भारत माँ की
वीर सपुत्र विंग कमांडर अभिनंदन है!

भरे आनंद से मनाते रहे होली पर इस साल
की अलग ही विचार है,
पुलवामा में गँवाये हुए जवानों की ख्याल है!
जख्म तो है फिर भी मनाने के लिए होली
की त्योहार है,
और सबसे बड़ी खुशी तो यह है कि हमारा
भारत माँ की वीर पुत्र अभिनदंन बदला लेने
के लिए अभी भी तैयार है!

उसी वजह से गजब सी प्रकृति
की हाल है,
रंग छायी हुई है जहॉ-तहॉ रंग
अबीर गुलाल है,
तब होली पर आपका क्या विचार है,
प्रकट कीजिए प्रस्तुत करना ही तो नव
निर्माण ज्ञान की प्रचार है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(021)
20-03-2019 बुधवार 16:20
The Bharat scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Ncc,Pmkvy,N.D.College St John
Ambulance कल कॉलेज हम नितेश
ज्ञ-(ज+ञ)से सर विवेक

हिन्दी कविता:-11(022)
21-03-2019 वृहस्पतिवार 00:05
*®• रोशन कुमार झा
-:सँघर्ष भरी होली की कविता!  :-!

लाया हूँ रंग की कविता,यानि
होली की गीत,
सुन लो मेरे भाई और बहनों और
सुन लो मेरे मित्र,
आते है जाते है पर कब रूके है
बसंत वर्षा शीत,
आगे बढ़ना बढ़ते रहना कब पुन: आये
है जो वक्त गया बीत!

उसी में कई महान आये विधापति सूर
तुलसी आदि कबीर,
तो यारो आज तो खेल लो
रंग गुलाल अबीर!
राह रोशन हो भले मैं जाऊँ गिर,
गिरकर उठुँ खेलुँ रंग-अबीर शायद मैं
कल रहुँ या ना रहुँ फिर!

हम भाग्यशाली है जो है आज
आपलोगो के संग,
अंग-अंग से निकले प्रेम की रंग
उस रंग में जाऊँ मैं रंग,
और क्या कुछ नही मैं सीख लुँ आदर्श
जिन्दगी जीने का ढंग!

हँसते-मुस्कुराते जीना सीख लो
तुम हमारे मित्र,
जो-जो सँघर्ष की रंग में रंगा उसी की
हुई जीत,
तो अपने आप पर मेहनत की रंग
लगाओं नित्य!
तुम्ही विजेता बनोंगे
सँघर्ष भरी कविता लाया हूँ या कहो इसे
होली का गीत!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(022)
21-03-2019 वृहस्पतिवार 00:05
कल scouts में सुनाये!बोले हम दीदी

कविता :- 19(31) - 19(35)

भारत माँ को चाहिए , मोदी जी जैसा सरकार ,  गीत,
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা

नमन 🙏 - साथियों
दिनांक - 14/03/2021
दिवस - रविवार
विषय :- भारत माँ को चाहिए , मोदी जी जैसा सरकार ,
विधा :-  गीत

भारत माँ को चाहिए ,
आपके जैसा सरकार ,
जय हो मोदी ‌जी ।
एक दो बार नहीं ,
चाहिए बारम्बार ।
बोलो भईया मोदी की जय
मोदी की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।।

आठ नवंबर दो हज़ार सोलह को
किये नोटबंदी आठ बजे रातों रात ,
जय हो ।
जी.एस. टी (G.S.T ) लगाकर
बिगाड़े  पूंजीपति की बात ।
हाय हो ऐसी सरकार ,
जो जाने
अपना कर्त्तव्य और अधिकार ।

आप ही के समय में  आप पर भी
एक मुसीबत आएं दुनिया में ,
वह है कोविड-19, कोरोना काल ।
फिर भी आप घबड़ाएं नहीं -2
लिए भारत को संभाल ।
बोलो भईया भारत माता की जय ,
भारत माता की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।

भले मैं रोशन हूँ बेरोज़गार ,
आपने तो संघर्ष करना सिखाया ,
तब कैसे मान लूँ हार ।
बोलो भईया मोदी की सरकार ,
जो एक दो बार नहीं
चाहिए बारम्बार ।
बोलो भईया मोदी की जय
मोदी की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 19(35)

जय माँ सरस्वती माँ
सारी जिस पर भी हो जाई , वाल्मिकी और तुलसी बनकर राम के गुण को गाय । बोलो भईया रामे राम ।
रामे राम सीता राम मेरे होंठों पर मईया मुस्कान दें ।

हिन्दी कविता:-11(021)
20-03-2019 बुधवार 16:20
*®• रोशन कुमार झा
-: विंग कमांडर अभिनंदन भरी होली !:-

रंगों की त्योहार होली सुगंधता
की पेड़ चंदन है,
राह रोशन हुँआ भारत माँ से
जन्मों-जन्मों का बंधन है!
सिर्फ मेरा नही वह जनधन है,
वह जनधन कहलाने वाले भारत माँ की
वीर सपुत्र विंग कमांडर अभिनंदन है!

भरे आनंद से मनाते रहे होली पर इस साल
की अलग ही विचार है,
पुलवामा में गँवाये हुए जवानों की ख्याल है!
जख्म तो है फिर भी मनाने के लिए होली
की त्योहार है,
और सबसे बड़ी खुशी तो यह है कि हमारा
भारत माँ की वीर पुत्र अभिनदंन बदला लेने
के लिए अभी भी तैयार है!

उसी वजह से गजब सी प्रकृति
की हाल है,
रंग छायी हुई है जहॉ-तहॉ रंग
अबीर गुलाल है,
तब होली पर आपका क्या विचार है,
प्रकट कीजिए प्रस्तुत करना ही तो नव
निर्माण ज्ञान की प्रचार है!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(021)
20-03-2019 बुधवार 16:20
The Bharat scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Ncc,Pmkvy,N.D.College St John
Ambulance कल कॉलेज हम नितेश
ज्ञ-(ज+ञ)से सर विवेक

कविता :- 19(31) - 19(35)

भारत माँ को चाहिए , मोदी जी जैसा सरकार ,  गीत,
✍️ रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা

नमन 🙏 - साथियों
दिनांक - 14/03/2021
दिवस - रविवार
विषय :- भारत माँ को चाहिए , मोदी जी जैसा सरकार ,
विधा :-  गीत

भारत माँ को चाहिए ,
आपके जैसा सरकार ,
जय हो मोदी ‌जी ।
एक दो बार नहीं ,
चाहिए बारम्बार ।
बोलो भईया मोदी की जय
मोदी की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।।

आठ नवंबर दो हज़ार सोलह को
किये नोटबंदी आठ बजे रातों रात ,
जय हो ।
जी.एस. टी (G.S.T ) लगाकर
बिगाड़े  पूंजीपति की बात ।
हाय हो ऐसी सरकार ,
जो जाने
अपना कर्त्तव्य और अधिकार ।

आप ही के समय में  आप पर भी
एक मुसीबत आएं दुनिया में ,
वह है कोविड-19, कोरोना काल ।
फिर भी आप घबड़ाएं नहीं -2
लिए भारत को संभाल ।
बोलो भईया भारत माता की जय ,
भारत माता की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।

भले मैं रोशन हूँ बेरोज़गार ,
आपने तो संघर्ष करना सिखाया ,
तब कैसे मान लूँ हार ।
बोलो भईया मोदी की सरकार ,
जो एक दो बार नहीं
चाहिए बारम्बार ।
बोलो भईया मोदी की जय
मोदी की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉल
भोजपुरी कविता:-11(020)
19-03-2019 मंगलवार 09:35
*®• रोशन कुमार झा
-: हम सोहर गैनी :-

रास्तवा में गैनी,
खुब हँसैनी,
जैसन-तैसन सोहर सुनैनी,
और कहॉ बिना पानी के हम नैहैनी!

थाल कादा में सोहर गैनी,
बनाकर खैनी!
मुँह में दलनी,
और कहॉ कदवा में चलनी!

बासी-कोसी हम खैनी,
ओकर के तअ खुब नचैनी!
औऊ खातीर हम ठगैनी!
फिर क्या ओकरा के तअ दूर भगैनी!

लेकिन सोहरा सुनैनी,
ओकरा पीछा हमहुँ गैनी,
हम कहॉ कुछ औकरा से लैनी,
लेबे के जगह औकरा सअ हम खुब ठगैनी!

हम सोचनी सोहरा सुनैव तअ ऊ हो
जाई हमर,
घुमाईव ओकरा के मधुबनी कलकता
दिल्ली मुम्बई शहर,
मिले खातीर खेतवा जाईत रही विहान
शाम दोपहर,
केहुँ और से माँग सजाकर चल गईल
रोशन के पीया देलक जहर!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(020)
19-03-2019 मंगलवार 09:35
Roshan Kumar Jha (31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
The Bharat scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Narasinha Dutt College st John
Ambulance WB
IGNOU-BPP:-2840
गंगाराम कुमार झा झोझी मधुबनी बिहार

शीर्षककविता:-11(019)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-11(019)
19-03-2019 मंगलवार 07:05
*®• रोशन कुमार झा
-:नदी कुआँ की बात!:-

नदी पूछी कुआँ से तेरी क्या औकात
कुआँ मुस्कुरा कर बोली सच है
बहन तेरी बात!
हम युँ स्थिर तु जाती रंग-बिरंगी घाट
प्यास बुझाना हम दोनों का मकसद है
और यही है अपना जात!

नदी चुप तु है छोटी
कुआँ हाँ दीदी मैं हूँ छोटी अगल आपके
जगह मैं होती!
तो आप क्या होती
यानि ये रूप खोती!

तब बहती नही
स्थिर रहती सही!
मैं भी रहती कही ना नही
यही रूप मिली है कही और
नही यही-यही!

तब बहन इस रूप पर क्या गुमान
काम है समान!
तब काम पर दो ध्यान
ताकि हो एक नव निर्माण!

तु प्यास बुझाने ऊपर से नीचे जाती
और मेरे पास प्यासा आती!
यही हैं अंतर पर हमारे-तुम्हारे
नीचे है माटी
मिट्टी पर ही रहना फिर गुमान किसका
रोशन सबको बना लो साथी!

नदी क्षमा कर दो बहन अब हमें हुँआ भान
तु छोटी होकर भी हमें दी नई जान!
अब करूँगा ना इस रूप पर अभिमान
कुआँ तुम्हारी तरह ही मैं भी करूँगी
लोक कल्याण!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(019)
19-03-2019 मंगलवार 07:05
Ncc,Pmkvy,st John Ambulance

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान काव्य मंच
दिनांक :- 18/03/2021
दिवस :- वृहस्पतिवार
विषय :- आपकी वर्षगांठ
विधा :- कविता

जय हिन्दी , जय हिन्द ,
गंगा , यमुना और सिंध ।
आशीर्वाद दें माँ सरस्वती और इन्द्र ,
जन्मदिन की ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं
स्वीकार कीजिए गुरु जी मिथलेश सिंह जी मिलिंद ।।

आपका आज का ये दिन ख़ास हो ,
जीत की जय , आपकी हार की नाश हो ।
जितना हुई है उससे कहीं ज़्यादा विकास हो ,
संघर्ष आपका, मंजिल आपके पास हो ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 19(38)

नमन 🙏 - साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक - 13/03/2021
दिवस - शनिवार
विषय :- छंदशाला
विधा :- समीक्षा
विषय प्रदाता :- आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी
विषय प्रवर्तक :- आ . कुमार रोहित रोज़ जी

साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली फेसबुक पर छंदशाला मंच का भी निर्माण किया है, जहाँ साहित्यकारों को नि: शुल्क में छंद सीखाये जाते हैं । छंद विधा की अभ्यास भी साहित्यकारों से करवाये जाते हैं । आज के दौड़ में पढ़ने वाले से ज़्यादा लिखने वाले हैं और लिखने वाले साहित्यकार से ज़्यादा मंच है पर इन सभी से मुक्त साहित्य संगम संस्थान है जो नि:स्वार्थ भाव से साहित्य की सेवा कर रहे हैं जहां नव लेखकों को नि: शुल्क में प्रशिक्षण करवाते हैं , उनसे दैनिक रचना करवाते है अलग अलग विषय अलग - अलग विधा में , दोहा , छंद , गीत आदि सीखने व सीखाने के लिए दोहा शाला , छंदशाला का निर्माण किया गया है ।

सीखें लिखना , काव्य रचना और नारा ,
साहित्य संगम संस्थान मंच है हमारा ,
है हम नव लेखकों का सहारा ।
फेसबुक पर हैं इसके दोहा शाला और छंदशाला ,

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 19(34)

हिन्दी कविता:-11(018)
18-03-2019 सोमवार 10:38
*®• रोशन कुमार झा
-:चलो करे रक्तदान! :-

रक्तदान
जीवन दान!
आऔ मिलकर बढ़ाये इस योजना का मान
राह रोशन हुँआ लिये है ठान!
तो जरूर करेंगे रक्तदान!

हम करेंगे आप करेंगे
दो बूँद खुन देने से थोड़ी मरेंगे!
हरी साग-सब्जि खाकर दिये हुए
रक्त पुरी करेंगे
पर रक्त देने के लिए कदम
मिलाकर चलेंगे!2

चलकर करेंगे रक्तदान
हम मालिक विधार्थी सैनिक मजदूर
शिक्षक डॉक्टर आदि किसान!
किसी से लड़कर रक्त बहाना है ना
मेरा निशान
लड़ने से बेहतर है कि मै भी
करूँ रक्तदान!

जिससे हो एक नव समाज का निर्माण,
मरूँ पर मरने से पहले करके
जाऊँ रक्तदान!
जिससे हो आम जनता का कल्याण
धन दोलत दान करने से बेहतर है कि मैं
रक्त देकर बचा लुँ मानवता की प्राण!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(018)
18-03-2019 सोमवार 10:38
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
2 bn Blood Donations रहा नही
गये,D.K मोनु संघ्या सुन्दरी पढ़ाये
कल पीसा st John
Ambulance सदर,सफाई विडियो
बर्फ गिरा वारिश



हिन्दी कविता:-11(017)
17-03-2019 रविवार 11:52
*®• रोशन कुमार झा
-:इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविधालय! :-

राह रोशन हुँआ इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय
मुक्त विश्वविधालय के बारे में बतलाता हूँ,
बड़ी सुख-सुविधा संग में बड़ी-बड़ी
डिग्री पाता हूँ,
प्रतिदिन जाने की जरूरत नही सप्ताह में
एक ही दिन जाता हूँ,
बाकी दिन करते काम कमाई रोजगार के
बाद भी इग्नू की वजह से अपना जीवन
स्तर को बढाता हूँ!

जिला राज्य नही सार्क के अन्दर आता है,
अनगिनत डिग्री की विधाता है!
उम्र की कोई बात नही जिसके अन्दर
जग जाती इच्छा वह भी पढ़ने जाता है,
सच में इग्नू वैश्वीकरण के एक नया
रूप दर्शाता है!

इग्नू भरी सरस्वती की आलय,
इसके अन्दर हैं कई संस्था
और महाविधालय
उसी में से एक हैं हावड़ा के
क्ष्री जैन विधालय,
धन्य है अपना इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय
मुक्त विश्वविधालय!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(000)
17-03-2019 रविवार 11:52
IGNOU-BPP:-2840 क्ष्री जैन विधालय
E.no:-191081735 पहला दिन
N.D.college
st John Ambulance
2 किताब,लिये केक मनीषा कल
Ncc,Pmkvy

हिन्दी कविता:-11(016)
16-03-2019 शनिवार 08:05
*®• रोशन कुमार झा
-: कैसे दुँ कलम!  :-

कैसे दुँ कलम,
हॉ हम!
होगी नही कम,
फिर भी दे नही सकते ये कलम!

कलम मेरी हाथो की लकीर है,
वह दिमाग तो मैं दिल है!
सच में कलम के अलावा कोई नही
मेरा वीर है!
सँघर्ष से लड़ना सीखाया सफलता फिर है!

कैसे दुँ यह कलम दो-चार भाव है,
ले लो बाजार से इसका बडा प्रभाव है!
रोशन किया मार्ग अँधकार की अभाव है,
सच में कलम ही मेरा शहर और गाँव है!

जिसके पास रहता हूँ,
और क्या कलम के रंग के साथ बहता हूँ!
पन्नो पर लिखकर कहता हूँ,
कलम दे नही सकता हूँ भले मैं दुख
दर्द सहता हूँ!

सहकर कलम को अपने पास रखता हूँ,
और क्या कुछ भी सही पर लिखता हूँ!
नही मैं पत्रकार नही मैं वक्ता हूँ,
कलम जब मेरे साथ है तब मैं क्या नही
कर सकता हूँ!

नीरस हूँ पर सकता हूँ खिल,
खिलकर बन सकता हूँ अमीर!
कलम दे नही सकता हूँ फिर,
कलम जिसके हाथ है वही तो है
असली वीर!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(016)
16-03-2019 शनिवार 08:05
मॉ गॉव से आई 9 फरवरी,28 मुम्बई राहुल
D.k मोनु तुलसीदास

नमन 🙏 - साथियों
दिनांक - 14/03/2021
दिवस - रविवार
विषय :- भारत माँ को चाहिए , मोदी जी जैसा सरकार ,
विधा :-  गीत

भारत माँ को चाहिए ,
आपके जैसा सरकार ,
जय हो मोदी ‌जी ।
एक दो बार नहीं ,
चाहिए बारम्बार ।
बोलो भईया मोदी की जय
मोदी की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।।

आठ नवंबर दो हज़ार सोलह को
किये नोटबंदी आठ बजे रातों रात ,
जय हो ।
जी.एस. टी (G.S.T ) लगाकर
बिगाड़े  पूंजीपति की बात ।
हाय हो ऐसी सरकार ,
जो जाने
अपना कर्त्तव्य और अधिकार ।

आप ही के समय में  आप पर भी
एक मुसीबत आएं दुनिया में ,
वह है कोविड-19, कोरोना काल ।
फिर भी आप घबड़ाएं नहीं -2
लिए भारत को संभाल ।
बोलो भईया भारत माता की जय ,
भारत माता की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।

भले मैं रोशन हूँ बेरोज़गार ,
आपने तो संघर्ष करना सिखाया ,
तब कैसे मान लूँ हार ।
बोलो भईया मोदी की सरकार ,
जो एक दो बार नहीं
चाहिए बारम्बार ।
बोलो भईया मोदी की जय
मोदी की जय ,
हो हम जनता की भलाई ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 19(35)

जय माँ सरस्वती माँ
सारी जिस पर भी हो जाई , वाल्मिकी और तुलसी बनकर राम के गुण को गाय । बोलो भईया रामे राम ।
रामे राम सीता राम मेरे होंठों पर मईया मुस्कान दें ।

विश्व साहित्य संस्थान के पदाधिकारियों की नाम

1.आ. रोबीन कुमार झा जी     ( अध्यक्ष )
2.आ. आशीष कुमार झा जी  ( संस्थापक )
3. आ. ज्योति झा जी ( संस्थापिका )
4. आ. प्रवीण झा जी ( सचिव )
5. आ.पूजा गुप्ता (उप सचिव)
6. नेहा भगत (उपाध्यक्ष)
7. आ. रोशन कुमार झा जी ( अलंकरण कर्ता )
हिन्दी कविता:-11(015)
15-03-2019 शुक्रवार 18:47
*®• रोशन कुमार झा
-: कहलाना रहा काबिल :-!

खुद बढ़ते रहे छोड़ते रहे तीर,
देखते रहे नदी तालाब झील!
अँधकार में रोशन हुँआ फिर,
और क्या कहलाना रहा काबिल!

कितने से हम गिरे कितने
गया हमसे गिर,
गिरे गिरकर भी उठे फिर,
उठने के बाद नई राह गयी मिल,
चलना तो हमें रहा और चलकर
कहलाना रहा काबिल!

राह में पेड़ पौधा मिलते रहा
चूहा का बिल,
दिमाग कहा बढ़ो रूकने के लिए
ईशारा किया दिल,
बढ़े बढ़ते ही क्रम में गयी सफलता की
कलियॉ खिल,
खिलते ही कई भौंरे हमें सम्बोधित किया
कि मैं हूँ काबिल!

जानते हो किया हुँआ फिर,
अाँख के अॉशू बन गया नीर!
अॉशू के बूँद बूँद से मेरी असफलता
गया हिल,
और क्या सफल हुए हम और हमहीं
कहलाये काबिल!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(015)
15-03-2019 शुक्रवार 18:47
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
Narasinha Dutt college st
John Ambulance
E.Rly, Scouts,Howrah
Dk मोनु को 12 हिन्दी पढ़ाये!कबीर
रितिक-2 कॉफी,कविता-14,8,9,11,15

हाइकु लिखना सीखें । Haiku , Japan. Poem , India
हाइकु , जापान , जापानी , भारत , कविता
साहित्य , हिन्दी , मैथिली , बंगाली , भोजपुरी , अंग्रेजी , English , বাংলা

________________________________

हाइकु जापानी कविता है। "हाइकु का जन्म जापानी संस्कृति की परम्परा,  सौन्दर्य चेतना में हुआ है।

Haiku is a type of short form poetry originally from Japan. 

हाइकु कविता तीन पंक्तियों में लिखी जाती है। हिन्दी हाइकु के लिए पहली पंक्ति में ५ (5) अक्षर, दूसरी में ७ (7) अक्षर और तीसरी पंक्ति में ५ (5) अक्षर, इस प्रकार कुल मिलाकर १७ (17) अक्षर की कविता है। हाइकु अनेक भाषाओं में लिखे जाते हैं ।

उदाहरण :-

पिता हमारा  ( पि + ता ) ( ह + मा + रा )
                    (1 + 1= 2) + (1+1+1=3) , 3+2= 5

वही जीवन दाता ( व + ही ) (जी + व + न ) ( दा + ता )
                    (1 + 1= 2) + (1+1+1=3) + (1 + 1= 2)
                      2+3+2= 7

पिता व माता    ( पि + ता ) + ( व ) + ( मा + ता )
                         ( 1 + 1 =2 ) + ( 1 ) + ( 1+1 = 2 )
                          ( 2+1+2 = 5 )

पहली पंक्ति में अक्षर की संख्या = 5
दुसरी  पंक्ति में अक्षर की संख्या = 7
तीसरी पंक्ति में अक्षर की संख्या = 5
                                    ___________
                                             = 17

उपयुक्त उदाहरण समझाने के लिए है , पहली पंक्ति में कुछ भी शब्द हो लेकिन अक्षरों की संख्या पाँच होनी चाहिए । दूसरी में
कुछ भी शब्द हो पर अक्षरों की संख्या पाँच होनी चाहिए और तीसरी पंक्ति में भी कुछ भी शब्द हो पर अक्षरों की संख्या पाँच होनी चाहिए ।

जैसे एक और उदाहरण :-

रेलगाड़ी से
देहरादून तक
का टिकट है ।

रेलगाड़ी से
( 1+1+1+1) + (1) = 5
देहरादून तक
( 1+1+1+1+1) + (1+1) = 5+2 =7
का टिकट है ।
(1) + (1+1+1) +(1) = 1+3+1=5

आप खुद हमारी इस हाइकु की समीक्षा कर सकते हैं । :-

( पिता हमारा 
वही जीवन दाता
पिता व माता )

तब ही खाता
जब ही हम आता
पिता कमाता

हमारा गाथा
आपको भी सुनाता
जीवन दाता

रोशन पर
न कल दुख आता
कमाने जाता

कमाकर वे
आते लाते राशन
तब बासन

चूल्हा पर
बनाती माता खाना
पेट में दाना
                                                           
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
मो :- 6290640716
कविता :-16(36) हिन्दी हाइकु पहला व 4 रचनाएं
साहित्य लाइव में 15(06) हम सब अतिथि हैं
तुम्हारी यादें पहला डायरी की
#####  रोशन कुमार झा  ####  1

सुप्रभात सभी आदरणीयों,
नमन 🙏 :- " कलम ✍️  बोलती है " साहित्य समूह
क्रमांक :- 131
तिथि :- 19-05-2020
दिन :- मंगलवार
आज का विषय :-  पिता
विधा :- हाइकु
प्रदाता :- आ. प्रीति शर्मा जी
-: पिता । :-

হাইকু হল জাপানি বড় কবিতার ক্ষুদ্রতম রূপ! প্রাথমিক পর্যায়ে ৫-৭-৫ অক্ষরের সিলেবল 'হক্কু'(hokku) নামে লেখা হয়!

हाइकु लिखना सीखें ?
Haiku , Japan. Poem , India
हाइकु , जापान , जापानी , भारत , कविता
साहित्य , हिन्दी , मैथिली , बंगाली , भोजपुरी , अंग्रेजी , English , বাংলা ,কবিতা , হাইকু
#Haiku  #Japan #Poem , #India
#हाइकु , #जापान , #जापानी , #भारत , #कविता
#साहित्य , #हिन्दी , #मैथिली , #बंगाली , #भोजपुरी , #अंग्रेजी , #English , #বাংলা #কবিতা , #হাইকু

आज रविवार , 14/03/2021 , कविता :-19(35)

रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
साहित्य संगम संस्थान  , पश्चिम बंगाल इकाई (सचिव)
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7

___________________________  
Roshan Kumar Jha
Narasinha Dutt College Howrah
St John Ambulance

#Narasinha #Dutt #College #Howrah
#St #John #Ambulance
     ___________________________  

              Yours faithfully.
    CDT Roshan Kumar Jha
WB17SDA112047
Coy no :- 5 ,
N.D.College , Howrah
31 st Bengal Bn Ncc Fort William
Group :- Kolkata-B (Kol-B )
Directorate :- West Bengal & Sikkim , Kolkata

आपका आज्ञाकारी
कैडेट रोशन कुमार झा
WB17SDA112047
कम्पनी :- पांचवीं
एन.डी. कॉलेज , हावड़ा
31 वीं बंगाल बटालियन एनसीसी फोर्ट विलियम
ग्रुप :- कोलकाता - बी  ( कोल - बी )
निदेशालय :- पश्चिम बंगाल एवं सिक्किम , कोलकाता

___________________________  

Roshan Kumar Jha
Narasinha Dutt College Howrah
St John Ambulance Brigade

___________________________  
THE BHARAT SCOUT & GUIDES
BAMANGACHI VERINAG SCOUT & GULMARG GUIDE GROUP
EASTERN RAILWAY , HOWRAH DISTRICT

___________________________  

National Service Scheme (NSS)
राष्ट्रीय सेवा योजना ( रा.से.यो ) (एनएसएस)
रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा

पूजा
बहोत रोका इस Ɗiし💓 को 😍 लेकिन ,
कहाँ तक~रोकता
मोहब्बत बढ़ती — ही गई ☺
तेरे नखरों👉🏼की तरह ❤❤❤
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह.. 😊☺☺
style में DASHING , जिगर में DARING , दिल में CARING , बस अब एक ऐसा लड़का  चाहिए जो कर सके हम से MATCHING😂😂😂😂

हिन्दी कविता:-11(014)
14-03-2019 वृहस्पतिवार 17:55
*®• रोशन कुमार झा
-:ब्लेड का कर्म!:-

जानता है मुझे ठाकुर हज्जाम
दो तीन ज्याद नही है मेरा दाम!
छुआछूट से लेकर शुभ काल तक
आता हुँ काम
चुप क्युँ हो दुनिया भाई रोशन सबके यहॉ
काम आने वाला हूँ मैं ब्लेड और
यही है मेरा नाम!

हमसे काटते बाल और नाखून,
प्रेमी-प्रेमिका का भी काम आती हूँ
जब निकालते खुन,
स्वंय काटकर हमें ठहराते अवगुण!
क्या दोष मेरा मैं तो काटने का काम करता
हूँ यही तो है मेरा सद़्गुण!

कही भी समा जाता हूँ हूँ ना भारी,
मुझे व्यवहार करते नर और नारी!
बड़ी रूप में कहलाता हूँ आरी
मानव काटने के बाद हमें फेक देते
फिर भी थोड़ा बहुत काटने की सिलसिला
मेरे अन्दर रहती जारी!

मेरा बनावटी अलग है बीच में रहता छेद
नही किसी से शिकायत ना ही
किसी प्रकार भेद!
जो छेड़कानी करता हमसे उसको
पहुँचाता हूँ खेद!
धर्म-कर्म से साथ निभाता हूँ मैं ब्लेड!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(014)
14-03-2019 वृहस्पतिवार 17:55
गंगाराम कुमार झा झोझी मधुबनी बिहार
N.D.College st John Ambulance
Ncc

हिन्दी कविता:-11(013)
13-03-2019 बुधवार 19:56
*®• रोशन कुमार झा
-: संसद का सवाल!:-

हमसे एक सवाल हो गया,
संसद में बुरा हाल हो गया!
सब मंत्रियों के लिए कमाल हो गया,
पर लाट जुता हम खाये मेरा हरा-भरा
चेहरा लाल हो गया!

लेकिन सिंहनाद वाला वेश हो गया,
मेरा सवाल संसद के बाहर पेश हो गया!
थाना में नही सर्वोच्च न्यायालय में जाकर
मेरे प्रति केस हो गया!
खुश हूँ मैं न्याय देने वाला अपना
देश हो गया!

हमसे निकला हुँआ सवाल,
राह रोशन करते-करते ले लिया भयंकर
आकार!
फँसे तो हम मेरे पीछे बिछ गया जाल,
जब मरना ही है तो क्युँ ना जनसेवा में
हो जाऊँ हलाल!

मरूँ पर मेरी समस्या का समाधान हो,
मरने के बाद भी जान हो,
संसद और न्यायालय मेरी भगवान हो,
सँजा हमें दे पर जन-जन को न्यायालय
पर ध्यान हो!

हमसे निकला हुँआ सवाल,
कहॉ से कहॉ ले गया यार!
राह में चोर डकैत मिलते रहा दरार,
सबसे बचते-बचते पहुँच गये संसद में
करने देशसेवा पर विचार!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(013)
13-03-2019 बुधवार 19:56
Ncc,Pmkvy,E.Rly,Scouts
N.D.college St John Ambulance

सुता कट गया बदल गया पतंग,
रूप वही है बदल गया रंग!
कल मेरे साथ आज किसी और के है संग,
शिकायत मुझे अपने आप से है हम
क्युँ ना बदले जीने का ढंग,

thank you so much Roshan Jha ji Ye kavita likh ne ke liye pura mere upar hai Ye kavita 5 line Ki kavita kya kha gi

नमन 🙏 - साहित्य संगम संस्थान पश्चिम बंगाल इकाई
दिनांक - 13/03/2021
दिवस - शनिवार
विषय :- छंदशाला
विधा :- समीक्षा
विषय प्रदाता :- आ. मिथलेश सिंह मिलिंद जी
विषय प्रवर्तक :- आ . कुमार रोहित रोज़ जी

साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली फेसबुक पर छंदशाला मंच का भी निर्माण किया है, जहाँ साहित्यकारों को नि: शुल्क में छंद सीखाये जाते हैं । छंद विधा की अभ्यास भी साहित्यकारों से करवाये जाते हैं । आज के दौड़ में पढ़ने वाले से ज़्यादा लिखने वाले हैं और लिखने वाले साहित्यकार से ज़्यादा मंच है पर इन सभी से मुक्त साहित्य संगम संस्थान है जो नि:स्वार्थ भाव से साहित्य की सेवा कर रहे हैं जहां नव लेखकों को नि: शुल्क में प्रशिक्षण करवाते हैं , उनसे दैनिक रचना करवाते है अलग अलग विषय अलग - अलग विधा में , दोहा , छंद , गीत आदि सीखने व सीखाने के लिए दोहा शाला , छंदशाला का निर्माण किया गया है ।

सीखें लिखना , काव्य रचना और नारा ,
साहित्य संगम संस्थान मंच है हमारा ,
है हम नव लेखकों का सहारा ।
फेसबुक पर हैं इसके दोहा शाला और छंदशाला ,

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716, कविता :- 19(34)
खिलौना फैक्टरी काम भोला भईया सनोवर भईया पास वोट बगान
40 no पास

गंगा नदी , हुगली नदी , कोलकाता , हावड़ा
Ganga River , Hooghly River , Kolkata , Howrah

হুগলি নদী, গঙ্গা নদী , কোলকাতা , হাওড়া

शीर्षककविता:-10(012)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-11(012)
12-03-2019 मंगलवार 20:35
*®• रोशन कुमार झा
-:  रंग भरी पतंग:-!

सुता कट गया बदल गया पतंग,
रूप वही है बदल गया रंग!
कल मेरे साथ आज किसी और के है संग,
शिकायत मुझे अपने आप से है हम
क्युँ ना बदले जीने का ढंग,

पतंग वही रंग बदला है,
सच में मैनै लड़ा है,
ऐहसास अब हुँआ कि हम फुटा घड़ा हैं,
नकामी रोशन किस काम आऊँ दोस्ती में
इसलिए मैं नई ओर चला है!

कुमकुम की शैली में दोषी हम ठहरा है,
टुटता कहॉ मित्रता बहुत गहरा है!
हरियाली की लहर है फिर उदासी चेहरा है,
सब खोज-खबर रखता हूँ मै नही बेहरा है!

मुसीबत आये ना कभी मेरे दोस्त यार पर,
कुछ लिख कर जाना है मुझे इस दीवार पर!
भुलना मत दोस्ती की ख्याल कर,
दुर हूँ पर जिंदा हूँ दुर होकर भी
घड़ी की तरह प्यार कर!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
बी.ए:-द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स
क्रमांक:-9(sec:-H4)
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(012)
12-03-2019 मंगलवार 20:35
1000(169+149+150+35+50)
कुमकुम घड़ी 100 कॉलेज गये पहला
दुर्गेस काका बेटा मुंडन आज,नया
सर विवेक कल्याणी विश्वविधालय हिन्दी
साहित्य (High पापा

हिन्दी कविता:-11(011)
11-03-2019  सोमवार 15:46
*®• रोशन कुमार झा
-:  तुम्हारी वर्षगाठ :-!

कब के बिछुड़े पर भुले नही बात,
अकेला ही रहे पकड़े नही किसी के हाथ!
दुनिया बदल गये पर वही है रात,
शुभ-शुभ हो तुम्हारी वर्षगाठ,

मैं मोनु मेरा भाग्य की रेखा तु प्रिंयका,
मेरी प्यार की चिराग जलते रहे जैसे जली
रही लंका,
दुर रहुँ पर करूँ ना शंका,
चिरकाल तक मेरी प्यार से गुँजे डंका!

फूल से महकता डाली हो,
चिड़या से चहकता वाड़ी हो!
तुम जैसी पवित्र नारी हो,
जन्मों-जन्मों तक तेरे लिए मेरे दिल में
जगह खाली हो!

मैं कॉटा तु बनकर रहना फूल,
दुर चली गयी क्या रहा मेरा कसुर!
मैं पेड़ तु चिड़िया बनकर उड़,
सैर करके आ जा फिर भी नही
जाऊँगा तुझे भुल!

मार्ग रोशन हो,
तुम सिवा कोई सा ना धन हो!
पर पवित्र तन-मन हो,
बोलो तुम प्रसन्न हो!

हँसते रहो मुस्कुराते रहो,
जिन्दगी की सफल में जाते रहो!
कुछ कुमकुम भरी प्रेम स्वर गाते रहो,
और क्या कुछ भी नही
हकीकत नही सपना में ही सही आते रहो,

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(011)
11-03-2019 सोमवार 15:46
Toto p


शीर्षककविता:-11(011)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-11(011)
11-03-2019  सोमवार 15:46
*®• रोशन कुमार झा
-:  तुम्हारी वर्षगाठ :-!

कब के बिछुड़े पर भुले नही बात,
अकेला ही रहे पकड़े नही किसी के हाथ!
दुनिया बदल गये पर वही है रात,
शुभ-शुभ हो तुम्हारी वर्षगाठ,

मैं मोनु मेरा भाग्य की रेखा तु प्रिंयका,
मेरी प्यार की चिराग जलते रहे जैसे जली
रही लंका,
दुर रहुँ पर करूँ ना शंका,
चिरकाल तक मेरी प्यार से गुँजे डंका!

फूल से महकता डाली हो,
चिड़या से चहकता वाड़ी हो!
तुम जैसी पवित्र नारी हो,
जन्मों-जन्मों तक तेरे लिए मेरे दिल में
जगह खाली हो!

मैं कॉटा तु बनकर रहना फूल,
दुर चली गयी क्या रहा मेरा कसुर!
मैं पेड़ तु चिड़िया बनकर उड़,
सैर करके आ जा फिर भी नही
जाऊँगा तुझे भुल!

मार्ग रोशन हो,
तुम सिवा कोई सा ना धन हो!
पर पवित्र तन-मन हो,
बोलो तुम प्रसन्न हो!

हँसते रहो मुस्कुराते रहो,
जिन्दगी की सफल में जाते रहो!
कुछ कुमकुम भरी प्रेम स्वर गाते रहो,
और क्या कुछ भी नही
हकीकत नही सपना में ही सही आते रहो,

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(011)
11-03-2019 सोमवार 15:46
Toto p

हिन्दी कविता:-11(010)
10-03-2019 रविवार 22:30
*®• रोशन कुमार झा
-: एन.सी.सी. बी परीक्षा :-

देकर आये परीक्षा
मिला बहुत शिक्षा!
कही ऊपर तो कही बने नीचा
राह रोशन हुँआ अभी भी मॉग रहा हूँ
ग्यान की भिक्षा!

कुछ प्रश्न आसान रहा
लिखने का पहचान रहा!
देश सेवा इतिहास भुगोल की बखान रहा
कैसे ना लिखते नम्बर की मान रहा!

नम्बर का भान हुँआ जब
तब बहुत रहम किये साहब!
जो भी आता नही रहा वह भी आसान
हो गया तब!
हुँआ दुर डर जीवन खिल उठा नव!

दिये परीक्षा लिखित हथियार खोलना
और जोड़ना
सीख लिये गिरना और दोड़ना!
फिर क्या बोलना
गिरते रहना पर अपनी लक्ष्य को
मत छोड़ना!

मस्त गया एन.सी.सी की बी परीक्षा
मिलेगी अल्पा बीटा जैसी हिस्सा!
फिर जाना रहेगी सी की दिशा
यही तो है शिक्षा!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(010)
10-03-2019 रविवार 22:30
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
IGNOU-BPP
E.no-191081735
B-Ncc Theory exeam-350
Sunday class बेबी Ncc सहेली
IGNOUअमन रोशन मार हम D K
सुभाष भईया गला मिले,कविता कल

National Poet Ramdhari Singh Dinkar Biography.
राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की परिचय :-

जन्म :- 23 सितंबर , 1908 ई. में बिहार राज्य के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव ।

1933 में रजिस्ट्रार के पद पर ।

भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति :- 1947-65

पोलैण्ड की राजधानी बारसा में हुए अंतरराष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में भारतीय कवियों का प्रतिनिधित्व :- 1955

पद्मभूषण" सम्मान से सम्मानित :- 1959
ज्ञानपीठ पुरस्कार :- 1972 (संस्कृति के चार अध्याय')
मृत्यु :- 24 अप्रैल 1974  (65 पैंसेठ वर्ष की आयु में)

आधुनिक हिन्दी कविता के राष्ट्र कवि श्रीरामधारी सिंह दिनकर जी का जन्म 23 सितंबर , 1908 ई. में बिहार राज्य के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में हुआ था  । हाई स्कूल की शिक्षा मोकामा में और कॉलेज की शिक्षा पटना विश्वविद्यालय में पूरी की । एक शिक्षक के रूप में आजीविका प्रारंभ की परन्तु वे बाद में वे सरकारी सेवाओं में लगे रहें । 1933 में रजिस्ट्रार के पद पर , 1943 से 45 तक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक पद पर रहे , कुछ दिनों के लिए मुजफ्फरपुर में हिन्दी के प्रोफेसर भी बनें । 1947-65 तक भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे । दिनकर जी भारत सरकार के हिन्दी सलाहकार के पद को भी सुशोभित किया है । दिनकर जी ने देश - विदेश की अनेक यात्राएं भी की है । 1955 में पोलैण्ड की राजधानी बारसा में हुए अंतरराष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में भारतीय कवियों का प्रतिनिधित्व भी किया ।
इनकी विशिष्ट कृतियों के लिए 1959 में भारत सरकार ने इन्हें "पद्मभूषण" सम्मान से सम्मानित किए । भागलपुर विश्वविद्यालय ने इन्हें डी.लिट. की मानद उपाधि दी । "कुरुक्षेत्र" के लिए इन्हें कई संस्थाओं ने पुरस्कृत किया । उर्वशी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2500 रुपए और 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार ने एक लाख की राशि प्रदान की । साहित्य अकादमी पुरस्कार भी इन्हें 'संस्कृति के चार अध्याय' पर मिला ।

बेगूसराय जिले के बरौनी के नज़दीक राजेंद्र पुल , सिमरिया घाट स्थित दिनकर ग्राम सिमरिया रेलवे स्टेशन भी दिनकर जी के नाम पर है ।

दिनकर जी 24 अप्रैल 1974 को 65 पैंसेठ वर्ष की आयु में दुनिया छोड़ चले ।

#National #Poet #Ramdhari #Singh #Dinkar #Biography.
#राष्ट्र #कवि #रामधारी #सिंह #दिनकर #जी की #परिचय :-

हिन्दी साहित्य
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Hindi sahitya

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#india #poet #Indian poet
#Kavi  #jii
_______________________________
रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता , कलकत्ता विश्वविद्यालय
तृतीय वर्ष हिन्दी आनर्स
साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल इकाई ( सचिव )
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7
10/03/2021 , बुधवार , कविता :- 19(31)

09-03-2020 monday,sanjay uncle gaya,
ratim,bhagwana puja,kesh visharjan,(10-03-2020) holy


National Poet Ramdhari Singh Dinkar Biography.
राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की परिचय :-

जन्म :- 23 सितंबर , 1908 ई. में बिहार राज्य के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव ।

1933 में रजिस्ट्रार के पद पर ।

भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति :- 1947-65

पोलैण्ड की राजधानी बारसा में हुए अंतरराष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में भारतीय कवियों का प्रतिनिधित्व :- 1955

पद्मभूषण" सम्मान से सम्मानित :- 1959
ज्ञानपीठ पुरस्कार :- 1972 (संस्कृति के चार अध्याय')
मृत्यु :- 24 अप्रैल 1974  (65 पैंसेठ वर्ष की आयु में)

आधुनिक हिन्दी कविता के राष्ट्र कवि श्रीरामधारी सिंह दिनकर जी का जन्म 23 सितंबर , 1908 ई. में बिहार राज्य के बेगूसराय जिले के सिमरिया गांव में हुआ था  । हाई स्कूल की शिक्षा मोकामा में और कॉलेज की शिक्षा पटना विश्वविद्यालय में पूरी की । एक शिक्षक के रूप में आजीविका प्रारंभ की परन्तु वे बाद में वे सरकारी सेवाओं में लगे रहें । 1933 में रजिस्ट्रार के पद पर , 1943 से 45 तक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक पद पर रहे , कुछ दिनों के लिए मुजफ्फरपुर में हिन्दी के प्रोफेसर भी बनें । 1947-65 तक भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे । दिनकर जी भारत सरकार के हिन्दी सलाहकार के पद को भी सुशोभित किया है । दिनकर जी ने देश - विदेश की अनेक यात्राएं भी की है । 1955 में पोलैण्ड की राजधानी बारसा में हुए अंतरराष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में भारतीय कवियों का प्रतिनिधित्व भी किया ।
इनकी विशिष्ट कृतियों के लिए 1959 में भारत सरकार ने इन्हें "पद्मभूषण" सम्मान से सम्मानित किए । भागलपुर विश्वविद्यालय ने इन्हें डी.लिट. की मानद उपाधि दी । "कुरुक्षेत्र" के लिए इन्हें कई संस्थाओं ने पुरस्कृत किया । उर्वशी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2500 रुपए और 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार ने एक लाख की राशि प्रदान की । साहित्य

हिन्दी विश्वविद्यालय , हावड़ा , पश्चिम बंगाल
Hindi University , Howrah , West Bengal
হিন্দি বিশ্ববিদ্যালয় , হাওড়া , পশ্চিমবঙ্গ
हिन्दी यूनिवर्सिटी
HU , हिवि , হিবি , हियू

नमस्ते 🙏 साथियों , आज हम बात करेंगे , पश्चिम बंगाल के प्रथम हिन्दी विश्वविद्यालय की , हिन्दी विश्वविद्यालय , हावड़ा , पश्चिम बंगाल हम हिन्दी भाषा- भाषियों का उपलब्धि है , जैसे कि हम सभी जानते है कि पश्चिम बंगाल मध्य शिक्षा परिषद् (WBBSE)  पहले आठवीं तक हिन्दी में  उसके बाद नवीं एवं दसवीं की परीक्षा अंग्रेजी व बंगाली भाषा में लेते रहे , हम हिन्दी भाषा- भाषियों की संख्या बढ़ते गया , आंदोलन पर से आंदोलन करते गये तब नवीं एवं दसवीं की परीक्षा की प्रश्न पत्र अंग्रेजी में आने लगी , फिर हमारी मांगे बढ़ी तो प्रश्न पत्र भी हिन्दी में आने लगे , उसके बाद हम पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद्  (WBCHSE) का सामना किया , दसवीं के बाद फिर से वही समस्या अंग्रेजी व बंगाली में ही प्रश्न पत्र और उसी भाषा में उत्तर भी देना पड़ता रहा , फिर हम हिन्दी भाषा भाषियों माँग किये तब अंग्रेजी , बंगाली में प्रश्न पत्र आने लगा उत्तर हिन्दी में देने लगे , फिर भी समस्याएं थी, अधिकांश प्रश्नों का उत्तर पता होने के बाद भी छात्र - छात्राओं उत्तर नहीं दे पा रहे थे क्योंकि प्रश्न अंग्रेजी व बंगाली में रहते थे , सन् 2018 से ग्यारहवीं व बारहवीं की भी प्रश्न पत्र हिन्दी में आने लगी ।
उसके बाद वही समस्याएं महाविद्यालय ,(कॉलेज) में होने लगी , जिसके कारण हम हिन्दी भाषा -भाषियों स्नातक स्तर पर हिन्दी माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने की मांग की , पर वह मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है , बल्कि हिन्दी विश्वविद्यालय का निर्माण किया गया है जिसमें स्नातक स्तर की नहीं बल्कि
द्वि-वर्षीय स्नातकोत्तर की शिक्षा दी जा रही है साथ ही अन्य विषयों में भी हिन्दी माध्यम से भविष्य में पढ़ाई की परिकल्पना है ।

विश्वविद्यालय ने दो पाठ्यक्रमों के साथ काम करना शुरू किया -

1. हिन्दी से एम.ए

2. अनुवाद साहित्य (अनुवाद अध्ययन), वर्तमान शैक्षणिक सत्र, 2020 से एमए - 21

वर्तमान में हिन्दी विश्वविद्यालय हावड़ा के टिकियापाड़ा के नरसिंह दत्त कॉलेज (एन.डी कॉलेज ) में 2021-22
129 , बेललियस रोड़ , हावड़ा - 711101 , पश्चिम बंगाल में कार्यालय है ।

Present Address :-
Narasinha Dutta College
129, Belilious Road,
West Bengal, Howrah 711101

16 दिसंबर 2020 को हिंदी विश्वविद्यालय (हियू) के प्रथम कुलपति के पद पर  आ.दामोदर मिश्रा जी को मनोनीत किया गया ।

Vice- Chancellor ( VC ), कुलपति ,উপাচার্য
आ.दामोदर मिश्रा  ,
वाइस - चांसलर , हिंदी विश्वविद्यालय
Website :- Www.hindiuniv.org.in
Hindi university contact no :- 8274 991 949
लिंक :- http://www.hindiuniv.org.in/
विश्वविद्यालय सम्पर्क सूत्र :- 8274 991 949

पश्चिम बंगाल के कोलकाता के नज़दीक हावड़ा में हिन्दी विश्वविद्यालय खोलने के प्रस्ताव को सर्वप्रथम मुख्यमंत्री आदरणीया ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव 2019 के समय में रखें रहें । पूर्व रेलवे हावड़ा व दक्षिण पूर्व रेलवे के दासनगर रेलवे स्टेशन दासनगर थाना क्षेत्र के आरुपाड़ा में 6 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने  राज्य के पहले हिंदी विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी किया था। यहां तीन एकड़ जमीन पर यह विश्वविद्यालय स्थापित होगा। उस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि आसनसोल और उत्तर बंगाल में भी इस हिंदी विश्वविद्यालय की शाखाएं होंगी यानि इस विश्वविद्यालय से अधिकृत महाविद्यालय , कॉलेज ,राज्य में बड़ी संख्या में हिंदीभाषी रहते हैं। हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना से उन्हें काफी लाभ होगा। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब हिंदी विवि के लिए अधिगृहित की गई जमीन पर निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत हिंदी विश्वविद्यालय बिल पर अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ राज्यपाल ने ‘वेस्ट बंगाल लिफ्ट्स, एस्केलेटर और ट्रैवलर्स बिल 2019’ को भी मंजूरी दे दी है।

6 सितम्बर 2019 को पश्चिम बंगाल विधानसभा से द हिंदी यूनिवर्सिटी, वेस्ट बंगाल बिल 2019 पारित हुआ था और इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। बिल पारित होने के मौके पर ममता ने कहा था कि यह हिंदी विश्वविद्यालय नई राह दिखाएगा और एकता व सद्भाव की मिसाल बनेगा।

______________________________________

हिन्दी विश्वविद्यालय , हावड़ा , पश्चिम बंगाल
Hindi University , Howrah , West Bengal
হিন্দি বিশ্ববিদ্যালয় , হাওড়া , পশ্চিমবঙ্গ
हिन्दी यूनिवर्सिटी
HU , हिवि , হিবি , हियू

हिन्दी विश्वविद्यालय , हावड़ा , पश्चिम बंगाल
हिन्दीविश्वविद्यालयहावड़ापश्चिमबंगाल
#হিন্দি #বিশ্ববিদ্যালয় , #হাওড়া , #পশ্চিমবঙ্গ
#হিন্দিবিশ্ববিদ্যালয়হাওড়াপশ্চিমবঙ্গ
#Hindi #University , #Howrah , #West Bengal
#HindiUniversityHowrahWest Bengal
#HU #हिवि #হিবি #हियू #हिन्दीयूनिवर्सिटी

लिंक :-

_______________________________
रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज कोलकाता , कलकत्ता विश्वविद्यालय
तृतीय वर्ष हिन्दी आनर्स
साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल इकाई ( सचिव )
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7

रविवार , 07/03/2021 , कविता :- 19(28)
___________________________
LNNU , B.A,B.SC,B.COM , Non-Hindi ( Part - 2 )
पाषाणी , गंगावतरण , भगीरथ , हिन्दी
Pashani , Gangavataran , Bhagiratha

गंगावतरण का कथासार संक्षेप में प्रस्तुत करें ।

गंगावतरण की कथा पौराणिक है। देवराज इन्द्र की प्ररेणा से भगीरथ के पूर्वजों ने मुनिश्रेष्ठ कपिल को अपमानित करना चाहा किन्तु महर्षि कपिल के तपोबल के ताप में उनका अस्तित्व ही दग्ध (जल गया)  हो गया और आश्चर्य यह कि भागीरथ के पूर्वजों का भस्मावशेष (राख के रूप में बचा अंश)
शीतल ही नहीं हो पा रहा था । भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार करने के लिए तप का सहारा लिया ‌। उनकी तपोनिष्ठा ( तप करने की भाव ) के परिणामस्वरूप ही स्वर्ग की गंगा पृथ्वी पर उतरी । इस विषय में किसी ने ठीक ही कहा है :-

भगीरथ को अपने पूर्वजों को करना रहा उद्धार ,
तब किया उन्होंने तप विद्या को स्वीकार  ।
लगा रहा तप में, छोड़ कर ये सुख, सुविधा, संसार ,
तब पूर्वजों को उद्धार की और बनी गंगा 
पावन देश धरती की हार ।।

गंगावतरण भगीरथ की तपोनिष्ठा के यश:कल्प की कथा गाथा है । उनके यश की यह गाथा तीन दृश्यों में बांटा है । प्रथम दृश्य भागीरथ के उग्रतप के निश्चय से होता है । पितरों के उद्धारार्थ तप के अतिरिक्त ( अलाव ) उनके समक्ष (सामने) कोई दूसरा विकल्प नहीं है ‌। अतः उनका निश्चय है -

मैं करूँगा तप , महातप मौन -
ऊर्ध्व बाहु , कनिष्ठिका भर टेक-
भूमि पर , कंपित न हूंगा नेक !

अपने पूर्व निश्चय को वह गंगोत्री के पुण्य-तीर्थ में कर्मणा चरितार्थ है । निराहार तपस्या में वह निरत है । भगीरथ के तप की ख्याति चतुर्दिक ( चारों तरफ ) फैली हुई है ‌। भगीरथ के तप से सूर्य , चन्द्र, नक्षत्र सभी प्रकंपित है । इन्द्र को यह सूचना नारद से उपलब्ध होती है। इन्द्र भगीरथ के उग्रतप से अत्यंत चिन्तित हो उठते हैं । परन्तु उन्हें उर्वशी, रंभा जैसी अप्सराओं का भरोसा है । वह अतः उर्वशी और रंभा को भगीरथ की तपस्या के स्खलनार्थ पृथ्वी पर भेजते हैं । यह दृश्य अपनी प्रस्तावना में भगीरथ की चारित्रिक- दृढ़ता एवं इन्द्र के षड्यंत्र निश्चय से संपृक्त है ।

द्वितीय दृश्य का सूत्रपात अत्यंत मादक वातावरण से होता है ‌। आधी रात का समय है , दूध की धोयी चांदनी दिक् - दिगन्त में छितराई है । उन्मादक वायु का शीतल प्रवाह वातावरण में तंद्रिलता बिखेर रहा है । नीरव शांति का सन्नाटा चतुर्दिक व्याप्त है । ऐसे कामोद्दीपक वातावरण में भी वह स्तूपवत् खड़े हैं । वे वातावरण में सर्वथा अलिप्त हैं । तपस्या में निर्बाध निरत भगीरथ संकल्प-दृढ़ता के उत्कर्ष में अधीष्ठित है ‌। इसीलिए अप्सराओं सम्मोहन भी उनके लिए निरर्थक ही सिद्ध होता है । रंभा और उर्वशी के सम्मोहन से भगीरथ छले नहीं जाते । वे अपनी तपस्या में शान्त भाव से लीन हैं । अप्सराओं के समक्ष भगीरथ की तपस्या विचलित नहीं होती । अप्सराओं का कामोद्दीपन भगीरथ को थोड़ा भी प्रभावित नहीं कर पाता । वे निष्काम ही बने रहते हैं । धरती की तप : साधना के समक्ष देवलोक का दंभ धूमिल हो जाता है ।

भगीरथ की तृप्तकाम निष्कामता तृतीय दृश्य में पुरस्कृत होती है । अनेक वर्ष बीत गए किन्तु तपोनिष्ट भगीरथ का मस्तक विचलित नहीं हुआ ‌ । तन शिराओं का बन गया, पर मनोरथ इष्ट-सिद्धि के पूर्व कभी क्लान्त नहीं हुआ। उनके प्रबल संकल्प के सामने ब्रह्मा का कमलासन हिल उठता है । वे 'ब्रह्मब्रूहि' के आश्वासन के साथ भगीरथ के समक्ष प्रस्तुत होते है । वे भगीरथ को स्वर्ग का प्रलोभन देते है किन्तु स्वर्ग - सुख के प्रलोभन से वह छले नहीं जाते। अपने पूर्वजों के उद्धारार्थ वह पृथ्वी पर गंगाअवतरण की याचना करते है । ब्रह्मा कर्मफल की दुहाई देते हुए यह प्रस्तावित करते है कि भगीरथ के पुण्यकर्म उनके पितरों के उद्धार में तो असम्भावना ही व्यक्त करते हैं। भगीरथ ब्रह्मा के कर्मज संस्कार को निरर्थक सिद्ध करते है। कहते हैं -

मैं उतारूँ पार औरों को न जो ,
धिक् तपस्या , नियम ! तब सब ढोंग तो ।

भगीरथ के अनुसार सूर्य की व्यापकता केवल उसी तक सीमित नहीं रहती , वह सभी को प्रकाश देती है । कर्म का शीतल प्रभाव चाँदनी के रूप में सबको स्निग्धता में डुबो देता है। फिर भगीरथ की तपस्या पितरों को भी प्रभावित नहीं कर सकेंगी क्या ? अतः उनकी कामना है -

मेरे पितर क्या ? भस्म ही उनका अरे , अब शेष ,
उनके बहाने हो हमारा पतित पावन देश ।

पूर्वजों का उद्धार तो एक बहाना है ‌ । भगीरथ की कामना सम्पूर्ण देश की पावनता से संपृक्त है । ब्रह्मा भगीरथ की इस मूल्यजीविता पर ही रीझते है। प्रसन्नता के आह्लाद में वह कहते है-

कुल कमल राजा भगीरथ धन्य
स्वार्थ - साधक स्वजन होते अन्य ।।
मानता , जग कर्म-त़त्र - प्रधान ,
पर भगीरथ असामान्य महान् ।
लोक-मंगल के लिए प्रण ठान -
तप इन्होंने है किया , यह मान-
हम, इन्हें देंगे अतुल वरदान ,
ये मनुज उत्थान के प्रतिमान ।

ब्रह्मा की धारणा में भगीरथ 'मनुज उत्थान के प्रतिमान' की सिद्धि अर्जित करते है । उनकी कामना है कि कीर्ति-गाथा गगन चढ़े ऊपर, सबसे ऊपर फहरे , लहरे । इस क्षण देवाधिदेव शंकर का आशीष ( आशीर्वाद ) भी भगीरथ को सुलभ होता है। भगीरथ का शिवधर्मातप तृप्तकाम होता है। स्वर्ग की गंगा धरती पर अवतरित होती है ।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा , बिहार
बी.ए, बी.एस.सी , बी.कॉम , नोन हिन्दी , द्वितीय वर्ष

Lalit Narayan Mithila University
Darbhanga, Bihar

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#LNMU , #B.A,B.SC,#B.COM , #Non-Hindi ( #Part - #2 )
#पाषाणी , #गंगावतरण , #भगीरथ , #हिन्दी #साहित्य
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#मुनिश्रेष्ठ #कपिल #गंगा #इन्द्र #देवराज #शंकर

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हिन्दी साहित्य , #हिन्दी #साहित्य
#Lalit #Narayan #Mithila #University
#Darbhanga, #Bihar

धरती की हार , जीत और हार नहीं जैसे सोने की हार , चांदी का हार
पाषाणी :- पत्थर

संजीवनी :- आरसी प्रसाद सिंह जी

__________

03/03/2021 , बुधवार , कविता :- 19(24)

रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
साहित्य संगम संस्थान  , पश्चिम बंगाल इकाई (सचिव)
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7
हिन्दी कविता:-11(009)
09-03-2019 शनिवार 19:57
*®• रोशन कुमार झा

-: कामयाबी की असर!:-

राह में युँ हर कोई चलते पर कुछ ही
बनते खास,
बनना ना बनना मेरा सवाल नही पर मुक़ाम
तक पहुँचने के लिए तैयार हूँ मैं सुभाष!

कोन कहता किस्मत लिखा हुँआ हैं किस्मत
तो हाथों में होता,
नजरिया बदल दो कोई भी व्यापार नही
होता बड़ा और छोटा,

सच है उतर में प्रसिध्द है पूरी समोसा,
इसलिए बेहतर व्यवस्था रखा हूँ
दक्षिण वाला इडली डोसा!

इसके अलावा भी समाज में करना है
नई-नई व्यापार,
सोचा हूँ बैंक ए.टी.एम लगा दूँ जो सोच
रहा हूँ फिलहाल!

इनकी मेहनत कामयाबी से हूँ प्रसन्न,
रहा नही गया बस युँ इनके बारे में कुछ
लिख बैठा हूँ मैं रोशन!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(009)
09-03-2019 शनिवार 19:57
Roshan Kumar Jha (31st Bengal
bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no:-WB17SDA112047
B Exeam 37(81=123)5 practical
L.M.G,S.L.R(आ़ये अभीक सदा
म,शायरी,ब र-दुर में N.D.college-4
,हम,रूदो,-17 मनीष,अमित दुसरा
Scouts दीदी फोन
कल IGNOU-BPP message
कल ने हा रिजु जिओ


नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल
दिनांक :- 07/03/2021
दिवस :- रविवार
विषय :- बड़े सुन्दर ढंग से शासन मोदी की है  ।

बड़े सुन्दर ढंग से शासन मोदी की है
हां कोविंद ,शाह,धनखड़ ,योगी की है ।
ये तो सरकार अपना डॉ॰ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और
अटल जी की बी.जे.पी की है ।

ओह .. विश्व स्तर पर
भारत नाम की है, हाँ , हां
नाम की है ,
अयोध्या में बन ही गये मंदिर राम लला की,
ये भूमि राम की है ।

अबकी बार चुनाव बंगाल की हाँ हाँ बंगाल की है ,
खेला होवे (খেলা হবে)
कहकर ममता दीदी बेकार की सवाल की है ।

बंगाल में खिलेगी कमल , ओह
हम भी इसका इंतजार की है , हाँ हाँ इंतजार की है ।
ये तो भावना हम जनता और रोशन कुमार की है ।

जिस संस्कृति की पूजा करते हैं दुनिया
ज़रूरत उस साहित्य , सभ्यता और संस्कार की है , हाँ
सही शिक्षा और रोज़गार की है ।
अच्छे दिन लाकर दिखायेंगे ये लक्ष्य
हमारा मोदी जी की सरकार की है ।

कोलकाता आएं रहें मोदी जी ,ओह -2
कविता सात मार्च रविवार की है , हाँ हाँ रविवार की है ,
ये तो वर्ष भी कोरोना काल के बाद,
दो हज़ार इक्कीस साल की है ।

✍️  रोशन कुमार झा 
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716
रविवार , 07/03/2021 , कविता :- 19(28)
#khelahobe #खेलाहोवे #খেলাহবে

LNNU , B.A,B.SC,B.COM , Non-Hindi ( Part - 2 )
पाषाणी , गंगावतरण , भगीरथ , हिन्दी
Pashani , Gangavataran , Bhagiratha

गंगावतरण का कथासार संक्षेप में प्रस्तुत करें ।

गंगावतरण की कथा पौराणिक है। देवराज इन्द्र की प्ररेणा से भगीरथ के पूर्वजों ने मुनिश्रेष्ठ कपिल को अपमानित करना चाहा किन्तु महर्षि कपिल के तपोबल के ताप में उनका अस्तित्व ही दग्ध (जल गया)  हो गया और आश्चर्य यह कि भागीरथ के पूर्वजों का भस्मावशेष (राख के रूप में बचा अंश)
शीतल ही नहीं हो पा रहा था । भगीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार करने के लिए तप का सहारा लिया ‌। उनकी तपोनिष्ठा ( तप करने की भाव ) के परिणामस्वरूप ही स्वर्ग की गंगा पृथ्वी पर उतरी । इस विषय में किसी ने ठीक ही कहा है :-

भगीरथ को अपने पूर्वजों को करना रहा उद्धार ,
तब किया उन्होंने तप विद्या को स्वीकार  ।
लगा रहा तप में, छोड़ कर ये सुख, सुविधा, संसार ,
तब पूर्वजों को उद्धार की और बनी गंगा 
पावन देश धरती की हार ।।

गंगावतरण भगीरथ की तपोनिष्ठा के यश:कल्प की कथा गाथा है । उनके यश की यह गाथा तीन दृश्यों में बांटा है । प्रथम दृश्य भागीरथ के उग्रतप के निश्चय से होता है । पितरों के उद्धारार्थ तप के अतिरिक्त ( अलाव ) उनके समक्ष (सामने) कोई दूसरा विकल्प नहीं है ‌। अतः उनका निश्चय है -

मैं करूँगा तप , महातप मौन -
ऊर्ध्व बाहु , कनिष्ठिका भर टेक-
भूमि पर , कंपित न हूंगा नेक !

अपने पूर्व निश्चय को वह गंगोत्री के पुण्य-तीर्थ में कर्मणा चरितार्थ है । निराहार तपस्या में वह निरत है । भगीरथ के तप की ख्याति चतुर्दिक ( चारों तरफ ) फैली हुई है ‌। भगीरथ के तप से सूर्य , चन्द्र, नक्षत्र सभी प्रकंपित है । इन्द्र को यह सूचना नारद से उपलब्ध होती है। इन्द्र भगीरथ के उग्रतप से अत्यंत चिन्तित हो उठते हैं । परन्तु उन्हें उर्वशी, रंभा जैसी अप्सराओं का भरोसा है । वह अतः उर्वशी और रंभा को भगीरथ की तपस्या के स्खलनार्थ पृथ्वी पर भेजते हैं । यह दृश्य अपनी प्रस्तावना में भगीरथ की चारित्रिक- दृढ़ता एवं इन्द्र के षड्यंत्र निश्चय से संपृक्त है ।

द्वितीय दृश्य का सूत्रपात अत्यंत मादक वातावरण से होता है ‌। आधी रात का समय है , दूध की धोयी चांदनी दिक् - दिगन्त में छितराई है । उन्मादक वायु का शीतल प्रवाह वातावरण में तंद्रिलता बिखेर रहा है । नीरव शांति का सन्नाटा चतुर्दिक व्याप्त है । ऐसे कामोद्दीपक वातावरण में भी वह स्तूपवत् खड़े हैं । वे वातावरण में सर्वथा अलिप्त हैं । तपस्या में निर्बाध निरत भगीरथ संकल्प-दृढ़ता के उत्कर्ष में अधीष्ठित है ‌। इसीलिए अप्सराओं सम्मोहन भी उनके लिए निरर्थक ही सिद्ध होता है । रंभा और उर्वशी के सम्मोहन से भगीरथ छले नहीं जाते । वे अपनी तपस्या में शान्त भाव से लीन हैं । अप्सराओं के समक्ष भगीरथ की तपस्या विचलित नहीं होती । अप्सराओं का कामोद्दीपन भगीरथ को थोड़ा भी प्रभावित नहीं कर पाता । वे निष्काम ही बने रहते हैं । धरती की तप : साधना के समक्ष देवलोक का दंभ धूमिल हो जाता है ।

भगीरथ की तृप्तकाम निष्कामता तृतीय दृश्य में पुरस्कृत होती है । अनेक वर्ष बीत गए किन्तु तपोनिष्ट भगीरथ का मस्तक विचलित नहीं हुआ ‌ । तन शिराओं का बन गया, पर मनोरथ इष्ट-सिद्धि के पूर्व कभी क्लान्त नहीं हुआ। उनके प्रबल संकल्प के सामने ब्रह्मा का कमलासन हिल उठता है । वे 'ब्रह्मब्रूहि' के आश्वासन के साथ भगीरथ के समक्ष प्रस्तुत होते है । वे भगीरथ को स्वर्ग का प्रलोभन देते है किन्तु स्वर्ग - सुख के प्रलोभन से वह छले नहीं जाते। अपने पूर्वजों के उद्धारार्थ वह पृथ्वी पर गंगाअवतरण की याचना करते है । ब्रह्मा कर्मफल की दुहाई देते हुए यह प्रस्तावित करते है कि भगीरथ के पुण्यकर्म उनके पितरों के उद्धार में तो असम्भावना ही व्यक्त करते हैं। भगीरथ ब्रह्मा के कर्मज संस्कार को निरर्थक सिद्ध करते है। कहते हैं -

मैं उतारूँ पार औरों को न जो ,
धिक् तपस्या , नियम ! तब सब ढोंग तो ।

भगीरथ के अनुसार सूर्य की व्यापकता केवल उसी तक सीमित नहीं रहती , वह सभी को प्रकाश देती है । कर्म का शीतल प्रभाव चाँदनी के रूप में सबको स्निग्धता में डुबो देता है। फिर भगीरथ की तपस्या पितरों को भी प्रभावित नहीं कर सकेंगी क्या ? अतः उनकी कामना है -

मेरे पितर क्या ? भस्म ही उनका अरे , अब शेष ,
उनके बहाने हो हमारा पतित पावन देश ।

पूर्वजों का उद्धार तो एक बहाना है ‌ । भगीरथ की कामना सम्पूर्ण देश की पावनता से संपृक्त है । ब्रह्मा भगीरथ की इस मूल्यजीविता पर ही रीझते है। प्रसन्नता के आह्लाद में वह कहते है-

कुल कमल राजा भगीरथ धन्य
स्वार्थ - साधक स्वजन होते अन्य ।।
मानता , जग कर्म-त़त्र - प्रधान ,
पर भगीरथ असामान्य महान् ।
लोक-मंगल के लिए प्रण ठान -
तप इन्होंने है किया , यह मान-
हम, इन्हें देंगे अतुल वरदान ,
ये मनुज उत्थान के प्रतिमान ।

ब्रह्मा की धारणा में भगीरथ 'मनुज उत्थान के प्रतिमान' की सिद्धि अर्जित करते है । उनकी कामना है कि कीर्ति-गाथा गगन चढ़े ऊपर, सबसे ऊपर फहरे , लहरे । इस क्षण देवाधिदेव शंकर का आशीष ( आशीर्वाद ) भी भगीरथ को सुलभ होता है। भगीरथ का शिवधर्मातप तृप्तकाम होता है। स्वर्ग की गंगा धरती पर अवतरित होती है ।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा , बिहार
बी.ए, बी.एस.सी , बी.कॉम , नोन हिन्दी , द्वितीय वर्ष

Lalit Narayan Mithila University
Darbhanga, Bihar

_____________
#LNMU , #B.A,B.SC,#B.COM , #Non-Hindi ( #Part - #2 )
#पाषाणी , #गंगावतरण , #भगीरथ , #हिन्दी #साहित्य
#Pashani , #Gangavataran , #Bhagiratha
#मुनिश्रेष्ठ #कपिल #गंगा #इन्द्र #देवराज #शंकर

#ललित #नारायण #मिथिला #विश्वविद्यालय #दरभंगा , #बिहार
#बी.ए, #बी.एस.सी , #बी.#कॉम , #नोन #हिन्दी , #द्वितीय #वर्ष
हिन्दी साहित्य , #हिन्दी #साहित्य
#Lalit #Narayan #Mithila #University
#Darbhanga, #Bihar

धरती की हार , जीत और हार नहीं जैसे सोने की हार , चांदी का हार
पाषाणी :- पत्थर

संजीवनी :- आरसी प्रसाद सिंह जी

https://youtu.be/nOezgLN4Rvg
03/03/2021 , बुधवार , कविता :- 19(24)

रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
रामकृष्ण महाविद्यालय , मधुबनी , बिहार
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार
साहित्य संगम संस्थान  , पश्चिम बंगाल इकाई (सचिव)
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7

हिन्दी कविता-11(008)
08-03-2019 शुक्रवार  07:34
*®•रोशन कुमार झा

-:मुसीबत कहॉ छोड़ा:-

ना हम नही मुसीबत हमें छोड़ा
राह रोशन करके सफलता की कदम खोला!
ना वह नही हम मुँह मोड़ा
नुकसान तो पहुँचाया पर मुसीबत के बारे
में हम कब बुरा बोला!

क्या बताऊँ ऐ मुसीबत तुझे अपना हाल
तु तो बिछाया बड़े-बड़े जाल!
निकाला भी तुही रखा भी हैं मेरा ख्याल
धन्य हूँ मैं जो पाया हूँ मुसीबत तुम्हारा
जैसा यार!

मुसीबत तु तो आया दिन रात में
मुझे दिखा तु हर एक बात में!
हल भी लाया साथ में
कैसे लडुँ मुसीबत तुझसे लड़ना तो
है मेरे हाथ में!

लडुँ फिर भी तु आते रहना मुसीबत
मैं देखते रहुँगा तेरा पथ!
तुमसे लडुँ हो मेरा हिम्मत
तुम्हें भगाऊँ ना मै देकर कीमत!

भले मेरी बहे रक्त
तु मत जाना हट!
तुही तो है एक साथी मुसीबत
जन्मों-जन्मों तक मैं बनकर रहुँ
तुम्हारा भक्त!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389कविता-11-008
08-03-2019 शुक्रवार 07:34
कल गुरूदेव बोले वाड़ी वाला कविता-7
मेरे पर भी गजल लिखो,33|91 वेलगछिया
रोड लिलुआ(मुस्कान सपना)Ncc
Pmkvy,E.Rly scouts
Riju-6289764745 jio


हिन्दी कविता:-11(007)
07-03-2019 वृहस्पतिवार 00:45
*®• रोशन कुमार झा
-:  केला का पेड़ !:-

प्राकृतिक से लगाव पर परिवेशों से
झमेला है
यह शब्द क्या तेरा और मेरा है!
सुख-शान्ती तो किस्मत का खेला है,
इन सबसे मुक्त पेड़ केला है!

मार्ग रोशन है, सारी सुख-सुविधा पास है,
पेड़ बचाओ नही तो सृष्टि का नाश है,
पीपल नीम तुलसी की तरह यह भी खास है,
क्योंकि केला के पेड़ पर ही भगवान विष्णु
का आवास है!

दर्जनो में फल देती एक ही बार,
पर पेड़ो की संख्या बढ़ती रहती लगातार!
केला पता पूजन के काम आते कैसी है
चमत्कार
बस वैसे ही दो शब्द केला पर प्रकट
किया हूँ यार!

केला पेड़ से सँजी खेत बाड़ी,
लगे न्यारी-प्यारी!
जिसे वृहस्पतिवार के दिन पूजे
दुनिया सारी
फल और सब्ज़ी के उपयोग लाये
नर और नारी!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
बी.ए हिन्दी आनर्स द्वितीय वर्ष
Sec:-H4(क्रमांक:-9)
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(007)
07-03-2019  वृहस्पतिवार 07:07
कल 1year spli परीक्षा 520,Nifa
Duty ले लो पॉच सौ खुरी,(520)
पर कर दो सपरी पुरी म-कवि हो कल
का विडियो कॉलेज
33|91 वेलगछिया रोड लिलुआ
06-03-2020 friday poem:-15(41) upnain
07-03-2020 saturday poem:-15(41) yag dai pisha

हिन्दी कविता:-11(006)
06-03-2019 बुधवार 17:01
*®• रोशन कुमार झा
-: दूर की मँजिल:-

जब मँजिल है पहाड़,
तब क्या बताऊँ यार अपना हाल!
नकामी में गुजार दिये कुछ करने के लिए
अब बचा है कुछ ही साल,
तो मैं सोचा हूँ प्रकृति ने हमें बहुत कुछ
दिया तो मैं क्युँ ना देकर जाऊँ कुछ उपहार!

राह रोशन करूँ हटाकर अँधकार,
मैं भी हूँ इसी मातृभूमि के लाल!
इसकी रक्षा में मैं हो जाऊँ हलाल,
पर उज्जवल रहे भविष्य काल!

मँजिल मेरा तालाब नदी नही संमदर हो,
उसमें डुबता हुँआ मेरा घर हो,
हम नीचे मेरा ऊपर जल हो,
पर दर्द सहने की हिम्मत मेरे अन्दर हो,

ऐसा ही हो मेरा मँजिल,
मैं बार-बार गिरू गिरने के बाद उठुँ फिर!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
बी.ए.:-द्वितीय वर्ष हिन्दी आनर्स
क्रमांक:-9 Sec:-H4
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(006)
06-03-2019 बुधवार 17:01
Ncc,St John Ambulance
E.Rly, Scouts
IGNOU-BPP:-2840
E.no:-191081735
सलकिया विक्रम विधालय
गंगाराम कुमार झा झोझी मधुबनी बिहार
कल प्रथम वर्ष result E-24,H-31
Agrasen com ,Duty:-सु लिलुआ
520 आज कॉलेज परीक्षा रा-3000

विश्व न्यूज़
दिनांक :- 04/03/2021
दिवस :- वृहस्पतिवार

Calcutta University Students' Unity
#CUSU #University of Calcutta
#University of #Calcutta #CU

Calcutta University Students' Unity
Demand B.A, B.Sc ,B.com part 3 exam March 2021 , University of Calcutta.

कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी यूनियन (CUSU) विश्वविद्यालय के समक्ष रखी आज फिर मांग ।

04 मार्च 2021, वृहस्पतिवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) कलकत्ता विश्वविद्यालय के समक्ष रखी  , तृतीय वर्ष ( 1+1+1 ) प्रणाली की परीक्षा मार्च महीने में होने की मांग ,
प्रथम व द्वितीय वर्ष की वार्षिक परीक्षा 2020 दिसंबर में हुई थी , जिसका परिणाम 12 जनवरी 2021 को घोषित किया गया , कितने छात्र छात्राओं के तो परिणाम ही नहीं आएं कितनों का आएं तो वह आधा अधूरा दो विषय में अंक दिए हैं तो कुछ विषयों में अनुपस्थित ही कर दिए , इसका समाधान के लिए कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) विश्वविद्यालय से बार बार प्रस्ताव रखें है । उसके बाद कई कॉलेजों सूचना तो कई कॉलेजों अभी तक कुछ नहीं किए हैं , इससे पहले कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) जनवरी माह में कलकत्ता विश्वविद्यालय की कुलपति आ. सोनाली चक्रवर्ती बनर्जी के समक्ष समस्या रखें , उसके बाद विश्वविद्यालय समस्या समाधान करने के लिए 14 दिनों की मांग की , पर अभी तक समस्या न हल होने के कारण फिर से  22 फरवरी 2021 सोमवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) प्रत्येक छात्र छात्राओं को कॉलेज स्क्वायर के पास फार्म दिए फॉर्म भराकर और छात्र छात्राओं के परीक्षा दिए हुए काग़ज़ात को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति के पास कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) के दो पदाधिकारी पहुंचे पर वी सी के नहीं रहने के कारण विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों के हाथों में  दिया गया ,  विश्वविद्यालय अपनी निर्णय लेने के लिए और पाँच दिनों का समय दिया है , विश्वविद्यालय में वी .सी जान बुझकर नहीं आएं क्योंकि समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी थी कि सोमवार को कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU)  विश्वविद्यालय आने वाला है , उसी दिन कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) की दूसरी माँग भी रखीं कि प्रत्येक वर्ष तृतीय वर्ष की परीक्षा मार्च महीने में ही होती रही है , पिछले वर्ष कोरोनावायरस के चलते ये परीक्षा अचानक से अक्टूबर 2020 में लिया गया , कितने छात्र छात्राओं के पास तो नोटिस भी नहीं गया , जिसके चलते उन सभी छात्र छात्राओं का एक वर्ष व्यर्थ गया , इसी के चलते
तृतीय वर्ष की परीक्षा मार्च महीने में होनी चाहिए इस माँग को भी कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) विश्वविद्यालय के समक्ष रखा ।
विश्वविद्यालय के मुख्य दरवाजा की मरम्मत होने के कारण चादर से बंद किया गया रहा , जबकि दूसरी दरभंगा बिल्डिंग वाली गेट खुला रहा , लेकिन बिना अनुमति के कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) विश्वविद्यालय के अंदर प्रवेश नहीं किया , सुबह दस बजे से दो बजे तक कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) इंतजार किया , विश्वविद्यालय के  वी .सी को कई बार फोन किया गया परन्तु उन्होंने बात नहीं किए , यहां तक कि व्हाट्सएप पर मैसेज करने के बाद उन्होंने जवाब दिया आज विश्वविद्यालय में कोई पदाधिकारियों नहीं है इसलिए कल आने के लिए कहा ।

उसके बाद क्या ? , जो कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU)  शांति भाव से कार्य कर रहे थे , लगभग दो बजे विश्वविद्यालय के सामने कॉलेज स्क्वायर रोड़ पर बैठ गए फिर कोलकाता पुलिस रोड़ को बंद किए , उसके बाद   वी .सी  का जवाब आया कि हम तो नहीं है पर अन्य पदाधिकारियों है , वहां फॉर्म जमा कर दें । तब कलकत्ता विश्वविद्यालय विद्यार्थी संघ (CUSU) के दो पदाधिकारी पहुंचे विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के हाथों में फॉर्म दिया गया , विश्वविद्यालय इस समस्या को समाधान करने के लिए पाँच दिनों का समय लिए रहें  है पर समाधान अभी तक नहीं हुआ ?

उसके बाद Calcutta University Students Unity
(CUSU) कलकत्ता यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनिटी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से छात्र - छात्राओं से फॉर्म ऑनलाइन भराएं फिर आज वृहस्पतिवार 4 मार्च 2021 को आने के लिए प्रेरित किए और ये भी पहले से ही तय किया गया कि इस बार अपनी मांग विश्वविद्यालय के प्रांगन में ही रखेंगे  , जिसके लिए सभी छात्र - छात्राओं को बताया गया कोई दल बनाकर नहीं जायेगा , दल देखकर सिक्योरिटी गार्ड विश्वविद्यालय के अंदर प्रवेश नहीं करने देगा , उसी आदेशानुसार छात्र - छात्राओं एक एक करके विश्वविद्यालय के अंदर गये , उसके बाद अपनी मांग वहीं पर रखें ।

Calcutta University Students' Unity
#Calcutta #University #Students' #Unity
University of Calcutta
#University #of #Calcutta

✍️ रोशन कुमार झा
04/03/2021, वृहस्पतिवार , कविता :- 19(25)
22/02/2021 का वीडियो
हिन्दी कविता रोशन कुमार झा 2(004)
मन में है ईश्वर!?

क्या कपलेश्वर,क्या तारकेश्वर,
मन जहॉ शान्ती है वही है परमेश्वर!
भुखे-प्यासे निर्जन पर्वत पहाड़ पर करते
है जाप,
पेट में भरकर रखे है सागरो पाप!
छल-कपट से राह रोशन करके हासील
किये है जीत,
दिखाबा करते है कि हम गाते है भगवान
के गीत,
करते है भक्ति मुख पर रखे है हँसी,
प्राणदान के जगह हत्या करते है हम कँसी!
करते है मन साधना से योग,
भोतकी संस्कुती की स्वतंत्र रूप से
करते है उपभोग!
निकम्भा रहेंगा हमारा यह भक्ति,
नही पा सकते हैं हम ईश्वर के शक्ति!
भक्ति की कुछ अलग ही ऐहसास है,
सुख-सुविधा के बिना जीना ही तो भक्ति
की प्रयाश है!
कर दो आज से ही भोतिकी संस्कुती
की त्याग,
ईश्वर मन में है पाने के लिए नही जाना
पड़ेगा काशी मथुरा प्रयाग!?
०रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716(कविता:-डायरी:-2(004)
04-09-2017  सोमवार 13:38
सलकिया विक्रम विधालय मेन
Ncc,:-31st bn ncc Fortwilliam
kolkata-B Reg no:-WB17SDA112047
Roshan kumar jha
Eastern Railways Scouts Bamangachi Howrah
St john Ambulance (Howrah
Narasinha dutt college)2(004)

हिन्दी कविता-11(005)
05-03-2019 मंगलवार 00:30
*®• रोशन कुमार झा
-:सुनकर चुप हूँ!:-

नही मैं घर में और नही मैं थाना में
मैं तो युँ बदनाम हो गया इस जमाना में!
खॉ लिए जॉच भी नही किये क्या मिला
रहा खाना में
दुनिया हमें खूब लुटा अब बहाना मारना
सीख लिया हूँ रहता हूँ लिलुआ में तो
कहता हूँ मैं हूँ अभी पीलखाना में!

प्यार भी पायें हम जुर्माना में
दुनिया क्या जानें कितनी जख्म भरी
है मेरी अफ़साना में!
देरी हो गई सफल-ए-राह की रवाना में
मँजिल तक जा बैठूँगा भरोसा है
मुझे इस जमाना में!

क्या बेल क्या जेल
आगे बढ़ना सीखा हूँ जैसे बढ़ते रेल!
क्युँ लगाऊँ किसी को तेल
थोड़ा मुसीबत में फँसे तो दुनिया कर
दिया हेर-फेर!

कब और कोन हमें थाना में डाला
कुछ लोगो ने हमें घोषित किये हैं आवारा!
कुतों का शिकार करते नही तो कुछ
लोगों ने समझ लिए है कि मैं उनसे हारा
पर सच पुछो तो हम उन्हें और उनकी
स्नेह को सँभाला!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(005)
05-03-2019 मंगलवार 00:30
Ncc,E.Rly,Scouts,Pmkvy
N.D.college St John Ambulance
जु ली अजि तेश बोल जेल

हिन्दी कविता 02-01-2019 बुध
*० रोशन कुमार झा

०माँ सुन लो मेरी कविता!०

माँ मैं लिखा हूँ एक कविता
सुन लो मेरी कविता
कैसे सुनुँ बेटा मैं तेरी कविता
भुखमरी बेरोजगारी से जल रही है चिता
कैसे सुनुँ बेटा मैं तेरी कविता!

जाओ कविता पापा को सुनाना
तब तक मैं बनाकर रख रही हूँ खाना!

पापा-पापा मैं लिखा हूँ एक कविता
बोल बेटा कहॉ से जीता
जीता नही पापा मैं लिखा हूँ एक कविता!

कहॉ है अब राम और सीता
ना पापा राम सीता नही मैं लिखा
हूँ एक कविता!

अरे खाना जुटता ही नही मैं
कैसे शराब पीता
ना ना पापा आप शराबी नही मैं लिखा
हूँ एक कविता!

अच्छा कविता
सुना वही सुनाना जो मेरे जीवन में बीता
बस-बस पापा वैसा ही कविता!

सुर्य के रोशन चॉद सितारो की शीतलता
में आप पर रही भुखमरी की ताप
उसके बावजुद भी बड़े स्नेह से हमें
पाले पापा आप!
बड़े सँघर्षमय से आपकी जिन्दगी बीता
हमें रहा नही गया पापा बस आप पर
लिख बैठे एक कविता!

० रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
02-01-2019 बुधवार 07:50
Roshan Kumar Jha (31St Bengal
bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B)
Reg no:-WB17SDA112047 (कविता:-10-007)

शीर्षककविता:-11(004)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता-11(004)
04-03-2019 सोमवार 09:34
®*• रोशन कुमार झा
-:मैं करूँ शिवरात्रि ! :-

मार्ग रोशन हुँआ अँधकार मिटा कर आती,
कहो तो सुख शान्ती नव जीवन लाती!
हो हमारा स्नेह महादेव पार्वती की भॉति,
मैं मर मिट जाऊँ फिर भी मनाने आऊँ
शिवरात्री!

हो हमारा वचन सत्य,
मैं लेकर आऊँ फूल और बेलपत्र,
दूध दही गंगाजल चढ़त,
वह भी जुटे ना हमसे तो मैं कर लुँ व्रत!

पर छोडुँ ना शिवरात्रि,
खास करके हम भारती!
जैसे ही हो उठती अर्धरात्रि,
गुँजने लगती चारों ओर ओम नम: शिवाय
और आरती!

भले जख्म भरी किरण से मैं तपता,
शिव धन क्या है वह है हमें पता,
मरूँ पर मरते दम तक ओम नम: शिवाय
राम नाम जपता!
जन्मों-जन्मों तक करूँ शिव भक्ति और
बनूँ दयालुता की वक्ता
महादेव की दया नही होता तो आज हम
आप सभी के सामने यह विचार नही रखता!

देवो के देव,
धन्य है सृष्टि निर्माता महादेव!
आज चढ़ा दो बेर भांग और सेब,
दिन दोगुना रात चोगुना भरते रहेगा अाँचल
और जेब!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता:-11(004)
04-03-2019 सोमवार 09:34
Ncc,E.Rly.Scouts,N.D.College st
John Ambulanc

हिन्दी कविता 15-02-2019
शुक्रवार*®•रोशन कुमार झा
-:पुलवामा की हमला:-

मैं नकामी रोशन मेरा मकसद नही
पीछे हटना,
व्यर्थ जाने नही दुँगा पुलवामा की घटना!
बीयारीस जवानो के बदले पकिस्तान को
पड़ेगा उड़तना,
जला दुँगा तुझे ए पाक याद रखना!

सुबह तो सुबह हमें करना भी
आता है शाम,
हम भारतीय के मुत्राशय पर ही तुम्हारा
पाकिस्तान हो जायेगा तमाम!
तब क्या लाहौर में भी बनवाना चॉहते हो
शिव के धाम,
देखना कही पुरे पाकिस्तान में गुँजने ना
लगे नाम जय क्ष्री राम,जय क्ष्री राम!

पाक में मस्जिद तो रहेगा,
कब तक हम भारतीय दुख सहेगा,
जिस दिन संयुक्त राष्ट्र संघ खुद फैसला करने
के लिए हम भारतीय को कहेगा,
मिटा दुँगा तुझे ऐ आतंकवादी पहले रक्त
फिर पाक में गंगा बहेगा!(2)

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
15-02-2019 शुक्रवार 12:52
IGNOU-BPP-2840,Pmkvy
E.no-191081735(कविता-10-055
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
Bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg no-WB17SDA112047
The Bharat Scouts & Guides
E.Rly.Howrah Bamangachi
N.D.College, St john Ambulance
गंगाराम कुमार झा#झोझी मधुबनी बिहार

शीर्षककविता:-11(003)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता-11(003)
03-02-2019 रविवार 00:15
®*• रोशन कुमार झा

-:थूक की मोल !:-

जब लगती प्यास
करते पानी की तलाश!
नदी तो नदी समंदर भी जाता सूख
तब अपने आप निकल पड़ता
यह थूक!(2)

क्युँ जाऊँ किसी के सम्मुख
मिटाने को भुख!
दाना तो देगा पर बोलेगा रुक
खाना से बेहतर है पीकर रह जाऊँ थूक!

मैं क्युँ जाऊँ किसी के सम्मुख
देखने को मुख!
राह रोशन है फिर क्युँ जाऊँ झुक
बढ़ने की उम्मीद है मेरी सँघर्षो
पर दिया है आग फूँक!
बुझा लुँगा वह आग का गोला पर
पहुचाऊँगा ना किसी को दुख
तुम्हे क्या लगा मैं आऊँगा तुमसे
मॉगने को सुख!

मिटा लो ऐसी भुख
भले मदिरा की नदी जाती सूख!
उस शराब से बेहतर है मेरा थूक
कम से कम बड़बड़ाते-बड़बड़ाते तो बना
देता कविता का तुक!

फिर क्या
वह कविता बन जाता बंदूक
जिसकी शब्द चिकना नही रहता रूख!
रेल की तरह मुँह के अन्दर
करता छुक-छुक!
वही तो है एक जीवन साथी
जो है थूक!

®*• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
03-03-2019 रविवार 00:15
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(003)
The Bharat scouts & Guides
Eastern Railway Howrah
Bamangachi
Ncc,St John Ambulance

शीर्षककविता:-11(002)ह,विषय सामग्री:हिन्दी कविता:-11(002)
02-03-2019 शनिवार 00:02
*®• रोशन कुमार झा
-:बगल में पुलिस स्टेशन है!:-

बगल में रेलवे
बगल में ही पुलिस स्टेशन है
फिर भी बड़ा टेंशन है
चोरों की चोरी की अपरेशन है
मेरे दिल में इन्फेक्शन है!

बगल में हावड़ा जंक्शन है
भाषा की इलेक्शन है!
मालुम नही मेरी दर्द रोकने के लिए किस
भाषा में लिखी इन्जेक्शन है
कहॉ भर्ती हूँ अस्पताल में तो लिखी
विभन्न प्रकार के सेक्सन है!

थल,जल,वायु सेना की तरह कमांडो है
पुलिस स्टेशन जाता हूँ वहॉ पर भी भाई
की तरह पाण्डव है!
संग में मोटरगाड़ी है हेलमेट घर पे पड़ा है
चौराहों पर पुलिस पकड़ने के लिए खड़ा है!
पकड़े हुए आदमी डरा है
लगे जुर्माना हजार का चल गये जुडवा
पॉच सौ का छोटा नोट जो अभी चला है!

चोरो के पास चाकु पुलिसों के पास गन हैं
मेरे ही तरह ड़रे हुए मेरे आस-पास
के जन है!
रोशन है घर अँधकार की टेंशन है
भुखे मर रहा हूँ पर मरने के बाद पेंशन है!

अपना संसद भी हद है,
डुब रही भाषा और यही मेरा पध है!

®० रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
मो:-6290640716,(8420128328)
9433966389(कविता-11(002)
02-03-2019 शनिवार 00:02
Ncc,E.Rly,scouts

नमन 🙏 :- साहित्य संगम संस्थान
दिनांक :- 01/03/2021
दिवस :- सोमवार
विषय :- गुरु जी आपकी वर्षगांठ

साहित्य संगम संस्थान के अध्यक्ष महोदय आ. राजवीर सिंह 'मंत्र' जी के 45 वीं वर्षगांठ की ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं ।
जन्मदिन की ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं
मैथिली :- अहाँ के जन्मदिनक ढ़ेरो सारी शुभकामनाएं अछि ।
Happy Birthday 🎁🍫🍫🎂🙏💐
Bengali  ( বাংলা ) :- শুভ জন্মদিন
निवेदक :- साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल इकाई

लाएं कितने साहित्यकारों के जीवन में बसंत ,
निकालते मीठी वाणी आपका वह सुंदर सा कंठ ।
सालों - सालों तक आपकी वर्षगांठ हो ,
आपके प्रति मेरी प्रेम का कभी हो न अंत ,
जन्मदिन की ढ़ेरों सारी शुभकामनाएं ,
ये  शुभकामनाएं स्वीकार कीजिए
गुरु आ. राजवीर सिंह जी मंत्र ।।

हो आपका शुभ-शुभ वर्षगांठ ,
मेरी साहित्य की सेवा में
आपका भी है बहुत बड़ा हाथ ।
इसी तरह साहित्य की सेवा करने में
लगे रहें हम साथ साथ ,
दिन दुनी रात चौगुनी बढ़े आप गुरु जी ,
यही है हम रोशन का शुभकामनाएं भरी बात ।।

✍️  रोशन कुमार झा 
साहित्य संगम संस्थान , पश्चिम बंगाल इकाई ,(सचिव)
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
There were sixteen of Mahajanapadas or Great Kingdoms in India :-
16 महाजनपद के नाम , राज्य , राजधानी

राज्य   

1. काशी 
2. कोशल
3. अंग
4. मगध

5. वज्जि 
6. मल्ल 
7. चेदि
8. वत्स

9. कुरु
10. पांचाल 
11. मत्स्य
12. सूरसेन

13. अश्मक
14. अवन्ति
15. गांधार
16. कम्बोज

   राज्य   ↔️ राजधानी

1. काशी ↔️ वाराणसी
2. कोशल ↔️ श्रावस्ती
3. अंग ↔️ चम्पा
4. मगध ↔️ गिरिव्रज - राजगृह

5. वज्जि ↔️ वैशाली
6. मल्ल ↔️ कुशीनगर, पावा
7. चेदि ↔️ शक्तिमती
8. वत्स ↔️ कौशाम्बी

9. कुरु ↔️ इंद्रप्रस्थ
10. पांचाल ↔️ अहिच्छत्र, काम्पिल्य
11. मत्स्य ↔️  विराटनगर
12. सूरसेन ↔️ मथुरा

13. अश्मक ↔️  पैठान/प्रतिष्ठान/पोतन/पोटिल (दक्षिण भारत )
14. अवन्ति ↔️ उज्जैन, महिष्मति
15. गांधार ↔️ तक्षशिला
16. कम्बोज ↔️  हाटक/राजपुर

____________________________

There were sixteen of Mahajanapadas or Great Kingdoms in India :-

1. Kasi,
2. Kosala,
3. Anga,
4. Magadha,

5. Vajji,
6.Malla,
7. Chedi,
8. Vatsa,

9. Kuru,
10. Panchala,
11. Machcha, (Matsya)
12. Surasena,

13. Assaka,
14. Avanti,
15. Gandhara
16. Kamboja.

There were #sixteen of #Mahajanapadas or Great Kingdoms in #India :-

#Kasi,
#Kosala,
#Anga,
#Magadha,

#Vajji,
#Malla,
#Chedi,
#Vatsa,

#Kuru,
#Panchala,
#Machcha,
#Surasena,

#Assaka,
#Avanti,
#Gandhara
#Kamboja.

___________________________

#राज्य    #राजधानी

#काशी #वाराणसी
#कोशल #श्रावस्ती
#अंग #चम्पा
#मगध #गिरिव्रज - #राजगृह

#वज्जि  #वैशाली
#मल्ल #कुशीनगर, #पावा
#चेदि #शक्तिमती
#वत्स #कौशाम्बी

#कुरु #इंद्रप्रस्थ
#पांचाल #अहिच्छत्र, #काम्पिल्य
#मत्स्य #विराटनगर
#सूरसेन #मथुरा

#अश्मक #पैठान #प्रतिष्ठान/ #पोतन #पोटिल #दक्षिण #भारत
#अवन्ति  #उज्जैन, #महिष्मति
#गांधार #तक्षशिला
#कम्बोज #हाटक #राजपुर
इतिहास #इतिहास #महाजनपदों #महाजनपद
History #History
State # State , Capital # Capital

_____________________________________
01/03/2021 , सोमवार , कविता :- 19(22)

रोशन कुमार झा , Roshan Kumar Jha , রোশন কুমার ঝা
साहित्य संगम संस्थान  , पश्चिम बंगाल इकाई (सचिव)
मोबाइल / व्हाट्सएप , Mobile & WhatsApp no :- 6290640716
roshanjha9997@gmail.com
Service :- 24×7
सेवा :- 24×7
------------------------------------------------------
हिन्दी कविता-11(001)
01-03-2019 शुक्रवार 00:09
®*• रोशन कुमार झा
-:भाई नही बनना पड़ेगा कसाई!:-

देखे हैं दिन बदलते बदलते इंसान को
मजदूर जनता किसान को!
छुट मिली है जवान को
दुर्गति आ गई है अब पाकिस्तान को!

पूछ लो इनकी आखिरी ख्वाब
अब देना है इन्हें हर एक हमले का जवाब!
बहुत बना नवाब
चल दे पुरा हिसाब!

नही तो मिटा दूँगा नाम वेश-भूषा
अब आने तो दे गुस्सा!
आ गई है तेरी पतन की उषा
अभी तो एयरफोर्स ही तो घुँसा!

उसी में हो गया चुप
कहॉ गया तेरा आतंकी रूप!
और कहॉ छिपा तेरा सहायक
चालन और सूप,
बोल सामने आने जला दूँगा खिल चुँका है
हिन्दुस्तान का धूप!

राह रोशन करते-करते आ रहा हूँ तुझे
करने अँधकार
ऐ पाक कब तक बनाये रखेगा
कुता वाला हाल!
प्रशंसा नही निंदा कर रही है यह संसार
देख खतरो से भरा हुँआ है तेरा
भविष्य काल!

*®• रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ ईवनिंग कॉलेज कोलकाता भारत
01-03-2019 शुक्रवार 00:09
मो:-6290640716,8420128328
9433966389(कविता-11(001
Roshan Kumar Jha(31st Bengal
bn Ncc Fortwilliam Kolkata-B
Reg No-WB17SDA112047
The Bharat scouts & Guides
E.Rly,Howrah
Narsinha Dutt College St John
Ambulance

अंक - 651
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/651-1-15-2079-20-2023-6290640716.html
अंक - 650
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अंक - 649
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/649-1-13-2079-18-2023-6290640716.html
अंक - 648
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/648-1-12-2079-17-2023-6290640716.html
अंक - 647
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/647-1-11-2079-16-2023-6290640716.html
अंक - 646
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/646-1-10-2079-15-2023-6290640716.html
अंक - 645
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/645-1-9-2079-14-2023-6290640716.html
अंक - 644
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/644-1-8-2079-13-2023-6290640716.html
अंक - 643
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/643-1-1-2079-12-2023-6290640716.html
अंक - 642
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/642-1-1-2079-11-2023-6290640716.html
अंक - 641
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/641-1-1-2079-09-2023-6290640716.html
अंक - 640
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/640-1-1-2079-09-2023-6290640716.html
अंक - 639
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/639-1-1-2079-08-2023-6290640716.html
अंक - 638
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/637-1-14-2079-05-2023-6290640716.html
अंक - 637
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/02/637-1-14-2079-06-2023-6290640716.html
अंक - 636
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/01/636-1-15-2079-05-2023-6290640716.html




अंक - 636,
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/01/636-1-15-2079-05-2023-6290640716.html
अंक - 636
http://sahityaeknazarkolkata.blogspot.com/2023/01/636-1-15-2079-05-2023-6290640716.html
अंक - 635
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अंक - 634
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अंक - 633
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अंंक - 632
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कविता :- 19(89)

कविता :- 16(77), 16(75),:- 16(76)

कविता :- 18(61),18(60), 18(59) ,18(58)