कविता :- 20(84) , मंगलवार , 10/08/2021 , अंक - 92
कविता :- 20(84)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता :- कुछ नया करते हैं ,
आओ चलों कुछ नया करते है ,
बनें दयालु लोगों पर दया करते हैं ।
संघर्ष से लड़ते हैं ,
चलों कुछ नया रंग भरते हैं ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(84)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
10 अगस्त 2021 , मंगलवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 92
Sahitya Ek Nazar
10 August 2021 , Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साहित्य एक नज़र - 1100 हो गया 1.1 K
फेसबुक पब्लिक वाला पर
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
की प्रस्तुति -
वक्त की बातों में ना आना ( काव्य - संग्रह )
विमोचन कर्ता :-
आ. डॉ. अनिल शर्मा " अनिल " जी
संपादक - अभिव्यक्ति पत्रिका
विमोचन :- 11/08/2021 ,
बुधवार , शाम 06:00 बजे
संपादक - आ. राजीव भारती जी
सह संपादिका - आ. ज्योति सिन्हा जी
आ. दीप्ति प्रिया जी
कार्यकारी संपादिका - आ. सृष्टि मुखर्जी
संरक्षक - आ. सुधीर श्रीवास्तव जी
तकनीक निदेशक - आ. रोशन कुमार झा जी
वक्त की बातों में ना आना ।
साहित्य एक नज़र 🌅
संस्थापक / संपादक
आ. उमेश नागर जी
काठूवास , अलवर राजस्थान
15 भेजें Bank of India में
तीनों बैंक में पत्रिका का पैसा आ गया ।
[08/08, 20:12] डॉ अनिल जी, अभिव्यक्ति:
कुछ मुक्तक
वक्त
वक्त का यह सफर,
पल पल रहा गुजर।
पथ न अपना छोड़ना,
कदम बढ़ा,चुनी डगर।।
कभी सृजन,कभी कहर,
दिखाए यह अपना असर।
वक्त को पहचान ले,
यह न इससे बेखबर।।
वक्त तो गुजर रहा,
कभी न उम्र भर रहा।
कर तू इसका सामना,
वक्त से क्यों डर रहा?
निराशा भाव छोड़िए,
आशा मित्र जोड़िए।
वक्त की प्रतिकूलता,
हो तो उसको मोड़िए।।
वक्त के ही संग संग,
जीवन के विविध रंग।
इसके अनुरूप ढल तू,
जीत लेगा सभी जंग।।
वक्त वाली मार से,
वक्त के प्रहार से।
कोई भी न बच सका,
इसकी तेज धार से।।
एक सा रहे नहीं,
वक्त हैं सभी सही।
वक्त के बहाव संग,
बेखबर बहे नहीं।।
सतत गतिमान वक्त,
सफल शक्तिमान वक्त।
इसको पहचान तू,
सदा ही मेहमान वक्त।।
वक्त के प्रभाव में,
अपने ही स्वभाव में।
जिंदगी को जी सखे,
कभी नहीं अभाव में।।
लक्ष्य अपना ठानकर,
वक्त को पहचानकर।
कभी न इससे हो विमुख,
वक्त का सम्मान कर।।
✍️ डॉ.अनिल शर्मा 'अनिल'
धामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल-9719064630
[10/08, 17:39] डॉ अनिल जी, अभिव्यक्ति: भाई पेज 57 पर मेरे मुक्तक है
इसमें दूसरे मुक्तक की तीसरी पंक्ति संशोधन हो सके तो करा दीजिए
वक्त को पहचान ले,
[10/08, 17:44] डॉ अनिल जी, अभिव्यक्ति: कभी सृजन,कभी कहर,
दिखाए यह अपना असर।
वक्त को पहचान ले,
यह न इससे बेखबर।।
Dear Customer,
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Thank you,
Team Jio
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Please ensure your mobile data is ON, data roaming is set to ON/ Always. Data Limit and Data warning is OFF.
Please reset APN to default and restart your handset if you still face issues with internet.
Watch the video for details: https://www.youtube.com/watch?v=o18LboDi1ho
Thank you,
Team Jio
[10/08, 22:51] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/xtbe/
[11/08, 06:43] Roshan Kumar Jha, रोशन: Good morning Babu
Link of Bihar bodhi
[11/08, 00:36] ज्योति दीदी जी: यह फाइनल
21 लोगों वाला
बैक पेज
[11/08, 00:37] ज्योति दीदी जी: रोशन
जागे हो कि सो गए
[11/08, 00:42] आ दीप्ति जी: जागे हुए हैं भाई
[11/08, 00:42] आ दीप्ति जी: बोलो तो सही..
[11/08, 06:41] Roshan Kumar Jha, रोशन: सो गये थे दीदी जी 🙏 क्षमा चाहता हूँ । शुभ प्रभात
[11/08, 06:42] Roshan Kumar Jha, रोशन: शानदार दीदी जी
आ. आचार्य सुरेश शर्मा जी
[10/08, 23:01] +91 14330: महोदय, हमारी रचना कब प्रकाशित करवा रहे हैं आप ❓
[10/08, 23:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/xtbe/
[10/08, 23:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: हो गई है
[11/08, 04:43] +91 14330: 🙏🙏🙏
[11/08, 06:49] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐
अंक - 92
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र अंक - 92 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -
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अंक - 80 - 92
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/336938744735575/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 92
10 अगस्त 2021
मंगलवार
श्रावण शुक्ल 2
संवत 2078
पृष्ठ -
प्रमाण - पत्र - 5 - 6
कुल पृष्ठ - 7
सहयोगी रचनाकार व साहित्य समाचार -
1. आ. साहित्य एक नज़र 🌅
वक्त की बातों में ना आना - विमोचन
2. आ. आचार्य सुरेश शर्मा भारद्वाज जी , शिमला, हिमाचल प्रदेश
3. आ. भीम कुमार जी , गांवा, गिरिडीह, झारखंड
4. आ. रामकरण साहू "सजल" जी , बबेरू (बाँदा) उ०प्र०
5. आ. डॉ. अनिता बरगूर्जर जी , सीहोर , मध्य प्रदेश
6. आ. संगम सुवास नारी मंच द्वारा हरियाली उत्सव मनाया गया - आ. राजेश पुरोहित जी , भवानीमंडी
7. आ. शिव स्तुति का विमोचन सम्पन्न - आ. राजेश पुरोहित जी ,भवानीमंडी
8. आ. पंकज सेन जी
9. आ. रोशन कुमार झा
10. आ. उमेश नागर जी
काठूवास , अलवर राजस्थान
🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
176. आ.आचार्य सुरेश शर्मा भारद्वाज जी , शिमला, हिमाचल प्रदेश , अंक - 92 , 10/08/2021
177. आ. उमेश नागर जी
काठूवास , अलवर राजस्थान
अंक - 93 , 11/08/2021
फेसबुक - 1
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=828274684728607&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/345514513877998/?sfnsn=wiwspmo
फेसबुक - 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=386738616211091&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo
सम्मान पत्र - 147 -
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/341046604324789/?sfnsn=wiwspmo
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/92-10082021.html
सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo
सम्मान पत्र - 79 - 146
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo
अंक - 70 - 75
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हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्व साहित्य संस्थान वाणी - गुरुवार
साहित्य एक नज़र 🌅 , अंक - 92
Sahitya Ek Nazar
10 August , 2021 , Tuesday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्व साहित्य संस्थान वाणी
-----------------
आ. ज्योति झा जी
संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका
आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम " जी
संपादिका
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई
आ. ज्योति सिन्हा जी
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आ. अमित गुप्ता जी
https://imojo.in/16TNybt
https://online.fliphtml5.com/axiwx/ufsi/
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=732383350887800&id=100023484264613&sfnsn=wiwspmo
https://m.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1168911946955691/
कविता :- 20(80)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2080-06082021-89.html
अंक - 88
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/88-06082021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/dkmx/
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https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/343340124095437/?sfnsn=wiwspmo
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=732516597541142&id=100023484264613&sfnsn=wiwspmo
अंक - 89
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/89-07082021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/jqzh/
https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/1411719/-89-07-2021-
कविता :- 20(81)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2081-07082021-89.html
कविता :- 20(82)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2082-08082021-90.html
अंक - 90
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/90-08082021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/bzvp/
अंक - 91
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/91-09082021.html
https://online.fliphtml5.com/axiwx/dvir/
कविता :- 20(83)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2083-09082021-91.html
अंक - 92
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/92-10082021.html
कविता :- 20(84)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2084-10082021-92.html
कविता :- 20(85)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2085-11082021-93-3.html
अंक - 93
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/93-11082021-3.html
कविता :- 20(86)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2086-12082021-94.html
अंक - 94
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/94-12082021.html
कविता :- 20(87)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/08/2086-12082021-94.html
अंक - 95
http://vishnews2.blogspot.com/2021/08/95-13082021.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3
http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html
सम्मान पत्र
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/079.html
सम्मान पत्र
प्रमाण पत्र संख्या - 146
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-2-2021-146.html
विश्व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xdai/
सम्मान पत्र - 1 - 80
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http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/36-15062021.html , अंक - 36
सम्मान पत्र - 79 - 145
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/079.html
सम्मान पत्र , प्रमाण पत्र संख्या - 146
अंक - 84 , महाकाल काव्य संग्रह
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-02-2021-146.html
, 02/08/2021 सोमवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-2-2021-146.html
दिनांक :- 29 जुलाई 2021 से 04 अगस्त 2021 तक
गुरुवार से बुधवार तक
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं व बिना मतलब के स्पेस ( अंतराल ) वाली रचनाओं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350
सूचना - साहित्य एक नज़र 🌅 पत्रिका में प्रकाशित करवाने हेतु सहयोग राशि -
एक रचना 16 - 20 पंक्ति अन्य विधा शब्द सीमा - ( 300 - 350 ) - 15 रुपये
एक महीना में दस अंक में दस रचनाएं
प्रकाशित करवाये मात्र - 120 रुपये में
आप किसी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी पत्रिका के माध्यम से दे सकते है ।
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IFSC code : SBIN0000144
Name :- Roshan Kumar Jha
सहयोग राशि जमा कर स्कीन शार्ट व रसीद 6290640716 पर भेजें ।
आपका अपना -
✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संपादक / संस्थापक
साहित्य एक नज़र 🌅
मधुबनी इकाई - মিথি LITERATURE ,
मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक - मासिक पत्रिका ( मंगलवार ),
विश्व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका - मासिक पत्रिका )
-----------------
खुशखबरी ! खुशखबरी ! खुशखबरी
🌅 साहित्य एक नज़र 🌅
( कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका )
की प्रस्तुति
संपादिका - सृष्टि मुखर्जी
शिक्षिका / लेखिका
दरभंगा , बिहार
साहित्य शक्ति और राष्ट्र शक्ति महाकाव्य संग्रह में आपकी दो से पाँच रचनाएं सादर आमंत्रित है ।
साहित्य शक्ति और राष्ट्र शक्ति विषय पर दो से पाँच रचनाएं और एक फोटो भेजें ।
पद्य 16 - 20 पंक्ति व गद्य विधा ( 250 - 300 शब्दों में होनी चाहिए )
साहित्य शक्ति और राष्ट्र शक्ति महाकाव्य संग्रह का आपको पीडीएफ फाइल व पुस्तक की लिंक दिए जायेंगे ।
आप अपनी रचनाओं का पाठ करते हुए वीडियो भेजकर साहित्य एक नज़र 🌅 के यूट्यूब चैनल पर अपलोड करा सकते है ।
इस पुस्तक को ऑनलाईन वेबसाईट पर उपलब्ध कराये जायेंगे ।
इस महाकाव्य संग्रह में सम्मिलित होने के लिए 100 रुपये का सहयोग करना होगा ।
सहयोग राशि जमा कर स्कीन शार्ट व रसीद
यहीं पर भेजें ।
JYOTI SINHA ,
UCO BANK, CLUB ROAD, MUZAFFARPUR, A/C NUMBER- 05750110054185,
IFSC- UCBA0000575
साहित्य शक्ति और राष्ट्र शक्ति महाकाव्य संग्रह में सम्मिलित सभी सम्मानित साहित्यकारों को " प्रमाण पत्र " दिया जायेगा ।
रचना भेजने का अंतिम तिथि - 25 अगस्त 2021
प्रकाशित होने की दिनांक - 30 अगस्त 2021 ,
साहित्य शक्ति और राष्ट्र शक्ति महाकाव्य संग्रह में सम्मिलित होने के लिए
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साहित्य एक नज़र - 1100 हो गया 1.1 K
फेसबुक पब्लिक वाला पर
चोट दुखने लगी,इक नज़र से तेरी
सांस रुकने लगी,इक नजर से तेरी
जब मोहब्बत को मेरी इशारा मिला
वो बहकने लगी,इक नजर से तेरी
थी अतिशुष्क ये दिल की बंजर ज़मी
तर-बतर हो गयी,इक नज़र से तेरी
प्यार की बूंद तक,मुझको हासिल न थी
दिल समंदर हुआ एक नज़र से तेरी
प्रेम से थी परे एक पाषाण में
अब अहिलय्या हुई इक नज़र से तेरी
बांस की बांसुरी बेसुरी थी प्रभु
सुर में गाने लगी इक नजर से तेरी ।
✍️ पंकज सेन
मौत से मुलाक़ात -
जिंदगी के उस हसीन मोड़ पर
एक अजीब सी घटना घटित हो गई,
जब जा रहा था मैं अपने पथ पर
तब मौत से मेरी मुलाकात हो गई।।
देखते ही मौत को इस कदर दौड़ा
मैं अपने पथ पर,
जैसे बैठे हो श्रीकृष्ण अपने
हाँके हुए रथ पर।।
अल्पसमय में ही दौड़ते हुए मैं
हाँफते हाँफते रुक गया,
मौत थी मेरे सामने और मैं
चारों तरफ से फँस गया।।
मौत ने मुझसे पूछा-क्यों भागे तुम
मैं तो तुम्हारी अंतिम छवि हूँ ,
हाँफते हुए मैंने कहा माफ़ कर दे
हे मातृ मैं तो एक मामूली सा कवि हूँ।।
देखकर मेरी तरफ बोली कि तुम
व्यक्ति तो मुझे सच्चे लगते हो,
मुझसे डर इस कदर रहे,मुझे तो
दिल के भी कच्चे लगते हो।।
मैंने कहा मुझे डर नही लगता मुझे
तो अपनी जिंदगी से प्यार है,
और तुम कुछ दिन बाद आना
क्योंकि यमराज मेरा यार है।
आयी कुछ दिन बाद वो बोली
कि अब तो तू तैयार है,
मैंने कहा ले चल अपने साथ मुझे,
तेरा कब से मुझे इंतज़ार है।।
✍🏻उमेश नागर
काठूवास , अलवर राजस्थान
वो सागर हूँ... जिसका किनारा नहीं -
सोचा था क्या ? क्या से क्या हो गया ?
था ख्वाबों में जो वो जुदा हो गया
किसी का भी अब तो सहारा नहीं
वो सागर हूँ जिसका किनारा नहीं
किया जिक्र जब भी है जग में तेरा
तब गिरेबाँ ही पकड़ा सभी ने मेरा
किसी का भी मैं अब तो प्यारा नहीं
वो सागर हूँ जिसका किनारा नहीं
हसरतें जिसने लिखी, लिखी आरज़ू
ख्वाब पहले लिखे फिर लिखी जुस्तजू
साथ उसने दिया फिर हमारा नहीं
वो सागर हूँ जिसका किनारा नहीं
जुदाई गम ए दिल ये सहता गया
समन्दर इन आँखों से बहता गया
रही आँसुओं की अब धारा नहीं
वो सागर हूँ जिसका किनारा नहीं
था ख्वाबों में जो अब तलक खो गया
ये ज़मीं खो गई वो फलक़ खो गया
कोई भी रहा अब सितारा नहीं
वो सागर हूँ जिसका किनारा नहीं
✍️ आचार्य सुरेश शर्मा भारद्वाज
शिमला, हिमाचल प्रदेश
सावन आयो रे ! ...
रिम-झिम,रिम-झिम बूंद बरसते
मनभावन सावन आयो रे।
नजर जिधर भी जाये उधर
हरी-हरी हरियाली नजर आयो रे।
खन-खन चूड़ी कंगना बोले
परदेश गए हैं पिया हमारे।
सावन के झूले उन्हें बुलाते
याद पिया की आयो रे।
सन-सन-सनन हवा सनकती
मीठी-मीठी याद दिलाते ।
दादुर बोले, झींगुर बोले
दिल में शोर मचायो रे ।
कल-कल नदियां कलरव करती
पीपल के नीचे बैठ राह निहारयो रे।
कहता भीम लौट के आजा ओ परदेशी
गांव की खुश्बू और पावन मिट्टी,
सावन में तुम्हें बुलायो रे ।
✍️ भीम कुमार
गांवा, गिरिडीह, झारखंड
एक सावनी गीत ।
झुलुवा तो
पड़ गयओ
अमवा कि डाल मा री ।
कूँकय हाँ
कोयलिया नित
सरगम कि ताल मा री ।।
दादुर की पुकार जारै मोरा अब मनवा ,
विरह की अग्नि जलावय सारा तनवा ,
कागा सुनावय बोली मोरे अंगनवा ,
छायो परदेश सखी अपना सजनवा ,
पीव - पीव
बोल गयओ
पपिहा भि ताल मा री ।
झुलुवा तो
पड़ गयओ
अमवा कि डाल मा री ।।
नयन रसीले दोनों बहें दिन - रात हो ,
मानें कभी ना वह अब मोरी बात हो ,
सिसकै सजनिया सिसकै सारा गात हो ,
नैनन निहारे पथ पूँछत आवत जात हो ,
पिया - पिया
कह गयओ
कुआँ अरु ताल मा री ।
झुलुवा तो
पड़ गयओ
अमवा कि डाल मा री ।।
✍️ रामकरण साहू "सजल"
बबेरू (बाँदा) उ०प्र०
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परम् आदरणीय भाई साहब सादर यह गीत प्रकाशन हेतु आपकी सेवा में सादर प्रेषित है।
हिन्द की शान
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
हर मज़हब है हिन्द की जान।
यहां राम रमजान में रहता है
अली दिवाली में बसता है।
यही है हिन्द शान
महाराणा, पृथ्वी के शौर्य के यहां गीत
अशफाक उल्ला खान का हौसला ।
भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव के
बलिदान की यहां चर्चे
इकबाल चिश्ती का पैगाम ऐ हक।
यही है हिन्द शान
सोने की चादर ओढ़े मां वसुंधरा
यहां हिमालय गगन चूमे खड़ा।
अपने योवन पर इठलाती नदिया
महलों से झांकता इतिहास।
यही है हिन्द शान
यहां हिन्दू दरगाह में मत्था टेकते
मुस्लिम मंदिर में करे भक्ति।
यहां अलग अलग मजहब,वेश और बोली
फ़िर भी एक स्वर।
यही है हिन्द शान
यहा सावन के झूले,होली के रंग सबके संग
दीवाली के दीए , ईद का चांद।
बैसाखी के लंगर,लोहड़ी के गीत
क्रिसमस के गिफ्ट।
यही है हिन्द शान
✍️ डॉ. अनिता बरगूर्जर
सीहोर , मध्य प्रदेश
संगम सुवास नारी मंच द्वारा हरियाली उत्सव मनाया गया -
✍️ राजेश पुरोहित,भवानीमंडी
दिल्ली:- साहित्य संगम संस्थान दिल्ली के संगम सुवास नारी मंच द्वारा रविवार को हरियाली उत्सव मनाया गया । जिसमें मुख्य अतिथि डॉ राजेश शर्मा पुरोहित, विशिष्ठ अतिथि- डॉ राजलक्ष्मी शिवहरे, सरिता श्रीवास्तव रहे।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुसुमलता जी ने की। सावन की फुहारों के साथ - साथ हरियाली बढ़ाओ के संदेश को मुखरित करती हुई वीडियो प्रस्तुतियों से सामाजिक चेतना के जनजागरण का कार्य भी बखूबी सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम की संयोजिका छाया सक्सेना प्रभु ने बताया कि इसमें 100 से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया । सरस्वती वंदना गीता गुप्ता मन ,स्वागत गीत वंदना नामदेव व धन्यवाद ज्ञापन डॉ कुमुद श्रीवास्तव कुमुदिनी द्वारा किया गया।
शिव स्तुति का विमोचन सम्पन्न -
✍️ राजेश पुरोहित,भवानीमंडी
पटना :- सावन के पवित्र माह में 'गूँज कलम की ' साहित्य परिवार नें अपनी पहली ई- पुस्तक' 'शिव स्तुति' का लोकार्पण आज सादे समारोह में किया। यह पुस्तक भक्ति रस में सराबोर अनेक रचनाओं का एक सुंदर संकलन है। इसका संपादन गूँज कलम की की संस्थापिका और अध्यक्ष डॉ स्नेहलता द्विवेदी 'आर्या' जी के अगुआई में हुआ। इसे सुश्री रुचिका रॉय, डॉ. अर्चना वर्मा ने मिलकर मूर्त रूप दिया है।
संकलित रचनाओं में सुरेश चंद्रा, कैलाश चंद्र साहू, ममता कुमारी, शिवशंकर लोध राजपूत, कुलदीप सिंह रुहेला, शिव सान्याल, नीलम पटेल, अनुज वर्मा, लवली वर्मा, लाता शर्मा , सुशील शर्मा, धीरज कुमार, रिपुदमन झा, डॉ. राम कुमार झा, नरेश चन्द्र उनियाल, बेलीराम कांशवाल, बन्दना सिंह, आराधना प्रियदर्शिनी, नवनीत कमल, दिलीप कुमार झा, राजीव भारती, श्वेता बिष्ट, संगीत चौवे 'पंखुड़ी', प्रवीणा, डॉ. देशबन्धु भट्ट, डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ कन्हैयालाल , मीना वैष्णव,साक्षी जैन, डॉ. ज्योति सिंह वेदी , येशु, राहुल मिश्रा, प्रशांत कुमार पुरुषोत्तम, सुधा चतुर्वेदी, बालूलाल वर्मा, चंद्रभूषण निर्भय, मनोज कुमार चंद्रवंशी, ज्योति भगत, किरण पांडेय, डॉ. आशा सिंह, नीलम द्विवेदी, तारकिशोर परिहार, नंद कुमार, जगत भूषण, अमृता गुप्ता, नंदिनी लहजा, नरेंद्र श्रीवात्री स्नेह इत्यादि की रचनायें प्रमुख है। यह काव्य संकलन पठनीय और रोचक है । इसमें कविता की विभिन्न विधाओं में छंदबद्ध और लयबद्ध रचनायें आनंद के रस घोलतीं है।