कविता :- 20(74) , शनिवार , 31/07/2021 , अंक - 82 , Hindi - 7 , ENVS Project

साहित्य एक नज़र 🌅

कविता:- 20(74)
नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता :-  प्रेमचंद

हिन्द , हिन्दी से
आपका बड़ा सम्बन्ध है ,
साहित्य जगत में आपका
दिया हुआ सुगंध है ।
जनता की दुख दर्द लिखें
उनके लिए भी तो ठंड है ,
आज आपकी जन्मोत्सव
कलम के सिपाही आप
प्रेमचंद है ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(74)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
31/07/2021 ,  शनिवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 82
Sahitya Ek Nazar
31 July 2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
Part - 3 Exam
Roll no - 2117-61-0012 , Reg no - 117-1111-1018-17 , Roshan Kumar Jha
Hindi - 7
University of Calcutta
Surendranath Evening college , Kolkata

10 AM
77/R Mirpara Road Liluah Howrah Ashirbad Bhawan
छत पर सोये रहें 05:00 बजे उठे ।
प्रेमचंद
31 जुलाई 1880
Roll no - 2117-61-0012 , Roshan Kumar Jha , Registration no - 117-1111-1018-17

पानी लगा रहा लिलुआ गये तब गया 14:23 , में भेज दिए ईमेल पर ।
शर्बत पीएं , रात में खिचड़ी खाएं । रोटी , सब्जी बनाएं रहें  आलू परवर सब्जी बनाएं दिन में

लीला बाबा कल मर गये ।


[31/07, 22:37] +91 635 526: प्रणाम Sir ,plz btaye रचनाएँ प्रकाशित करने के लिए कैसे भेजे
[31/07, 22:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/336938744735575/?sfnsn=wiwspmo
[31/07, 22:38] Roshan Kumar Jha, रोशन: यहां भेजिए 🙏💐 कामेंट बाक्स में
[31/07, 22:39] Roshan Kumar Jha, रोशन: Follow this link to join my WhatsApp group: https://chat.whatsapp.com/D7fFPpnOiAU6idh3d7qthn


[30/07, 15:48] Mandlika College: Nitish kumar prasad kaun hai?
[30/07, 15:49] Mandlika College: Aapne galat mail par send kiya hai
[30/07, 15:49] Mandlika College: snechindih@gmail.com dhyan rakhiye
[30/07, 15:50] Nitish: Okk maam

[31/07, 11:38] Divya Ji हिन्दी: Ok
[31/07, 11:39] Divya Ji हिन्दी: Tumlog marks k anusar answers do
[31/07, 12:22] Rabi SNEC: 6th paper ka he maam
[31/07, 13:23] Divya Ji हिन्दी: 5,6 paper ka h
[31/07, 13:28] Divya Ji हिन्दी: तीन व्याख्या करना है
[31/07, 13:29] Divya Ji हिन्दी: खंड-ख में।
[31/07, 13:40] Rabi SNEC: Ok maam
[31/07, 14:03] 45502: Ok ma'am

[31/07, 11:38] Divya Ji हिन्दी: Ok
[31/07, 11:39] Divya Ji हिन्दी: Tumlog marks k anusar answers do
[31/07, 12:22] Rabi SNEC: 6th paper ka he maam
[31/07, 13:23] Divya Ji हिन्दी: 5,6 paper ka h
[31/07, 13:28] Divya Ji हिन्दी: तीन व्याख्या करना है
[31/07, 13:29] Divya Ji हिन्दी: खंड-ख में।
[31/07, 13:40] Rabi SNEC: Ok maam
[31/07, 14:03] : Ok ma'am
[31/07, 14:53] : Mam dekh kr bta dijiyega kiska kiska pdf gya....
[31/07, 19:43] Divya Ji हिन्दी: Ok
[31/07, 20:45] Divya Ji हिन्दी: Anil kumar das  ka pdf nhi aya h
[31/07, 20:48] Divya Ji हिन्दी: Personaly it's urgent
[31/07, 20:51] Rabi SNEC: Anil name ka koi nahi he sayad is group me?
[31/07, 20:53] Rabi Malik College: Hai bhai koi anil kumar das name ka
[31/07, 20:55] Rabi SNEC: To usko koi batao do jaldi
[31/07, 20:55] Rabi SNEC: Agar janta ho koi to
[31/07, 20:57] 63536: Ha bhai kisi ka future ka baat hai inform kr do
[31/07, 20:58] Rabi Malik College: Ya fir aisa ho skta h anil kumar das name  ka kisi email ID hoga
[31/07, 21:00] Divya Ji हिन्दी: 2117-61-0018 kishka roll no h
[31/07, 21:00] Divya Ji हिन्दी: Ees roll no ka pdf nhi aya h
[31/07, 21:01] Divya Ji हिन्दी: Contact me
[31/07, 21:01] Divya Ji हिन्दी: 😡
[31/07, 21:01] Divya Ji हिन्दी: 😡
[31/07, 21:01] Divya Ji हिन्दी: Call me it's urgent
[31/07, 21:01] +91 95863: Maa,m hum bol diye h wo vej rha h
[31/07, 21:03] Divya Ji हिन्दी: Aishe pdf except nhi hogga ushko boloo pahle humse bat karee. Ab time nhi h send karne ka.
[31/07, 21:03] Divya Ji हिन्दी: Hum absent kat de rhe h
[31/07, 21:03] Divya Ji हिन्दी: I can't do anything so don't take it easy .

हम Anil Das का Admit card भेज दिए । माँगा रहा ।
[31/07, 21:11] Divya Ji हिन्दी: I have told you to do something . Then why you not doing?
[31/07, 21:13] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏🙏💐 क्षमा चाहता हूँ मेम जी 🙏💐
[31/07, 21:14] Divya Ji हिन्दी: I have sent that msg to anil das. Don't worry.
[31/07, 21:15] Divya Ji हिन्दी: Problem has been shout out. Ok thanks to all for responding me.❤️🌹

[31/07, 12:52] राजेश जी: लेख प्रकाशित कीजियेगा आदरणीय
[31/07, 12:58] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏
[31/07, 17:19] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏

[31/07, 16:25] Roshan Kumar Jha, रोशन: जी 🙏💐
[31/07, 16:25] +91  44355: रोशन जी
आ. रीता झा जी
आई ई कविता के प्रकाशित क सकै छियै?
[31/07, 16:27] +91  44355: Monthly Fee
[31/07, 16:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: हां दीदी जी 🙏💐 जरुर
[31/07, 16:29] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद दीदी जी 🙏💐
[31/07, 16:34] Roshan Kumar Jha, रोशन: फोटो भेजब दीदी जी 🙏💐
[31/07, 17:12] Roshan Kumar Jha, रोशन: धन्यवाद दीदी जी 🙏
[31/07, 22:28] Roshan Kumar Jha, रोशन: https://online.fliphtml5.com/axiwx/hgir/

[30/07, 23:32] +91  77136: 👆🏻Abrar Request please inform all aspirants of C Cert the following:
( a) All to reach North Point by 0830 h on 08 Aug
( b ) They should register in Digital Forum & Twitter if not done earlier.
( c) They should bring along an article on any of the above topic in Hindi / English / Bengali neatly written with their personal NCC details.
[31/07, 17:07] Ano N. d College: *B Cert Exams will be held   on 9 Aug 21 at North point senior secondary Boarding School*
All Affected Cadets to be prepared to take on the exams on 09 Aug 21.
All cadets are advised to Visit n check the location well before the exams date to be able to reach there on time  . Time to report is 0830 hrs.

http://www.surendranatheveningcollege.com/email-ids-for-submission-of-answerscript-for-semester-246-and-part-iii-students

http://www.surendranatheveningcollege.com/notice-for-admit-card-of-b-a-b-sc-b-com-hons-general-male-female-examination-2021/

[31/07, 11:39] Nitish: Kon sa ka ha
[31/07, 11:44] Roshan Kumar Jha, रोशन: 5 का
[31/07, 11:44] Nitish: 4 ka do
[31/07, 11:45] Roshan Kumar Jha, रोशन: 4 का नहीं पता देख रहे है
[31/07, 11:47] Nitish: 1 .2
[31/07, 11:48] Roshan Kumar Jha, रोशन: स्वा सेर गेहूं वाले है
[31/07, 11:50] Nitish: Tere pass ha to bhej na

आप सभी के समक्ष आज मुझे काफी हर्ष अनुभूति हो रही है यह व्यक्त करते हुए कि मैंने अपनी कविताओं को एक संग्रह स्थान दिया ।

https://www.facebook.com/100011091361778/posts/1497200613992970/
इसमें मेरे साहित्यिक परिवार का बहुत सहयोग रहा जिन्होंने मुझे हर पल पर तैयार होकर चलने के लिए प्रेरित किया और मेरा मार्गदर्शन किया और उस उपरांत मैंने इतने बड़े कार्य को संपादित किया ।
हमारी पुस्तक बिहार बोधी साहित्य का एक  काव्य संग्रह है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के साहित्यकारों ने अपनी साहित्यिक विधा को एक सुंदर सुसंस्कृत और सभ्य रूप प्रदान किया ।
इसके लिए मैं आदरणीय श्रीमती ज्योति सिन्हा दीदी का और भैया राजीव जी का तथा मेरी अनुजा दीप्ति प्रिया और रोशन भाई को कोटिशः धन्यवाद देना चाहती हूंँ🙏🙏🙏🙏🙏
आपका साथ अगर मुझे ना मिलता तो शायद मैं इतने लंबे सफर पर ना निकल पाती आशा करती हूं कि आप सभी मुझे इसी प्रकार  अपना आशीष और प्रेम प्रदान करेंगे कि मैं कुछ और भी अच्छा करूं और अपने एक उचित गंतव्य को प्राप्त कर सकूं ।

[31/07, 20:13] Prabin Bhaiya: ★अजगुत शवयात्रा ★
परहुआ कक्का चली बसला आई
सगरो गाम में शोर भ गेल,
हुनक शवयात्रा में छलउ
दुनु -परानी हमहूँ गेल।
मुदा इ की?
सब घरवारी मुदित  छैथ,
किनको नै छैन
कक्का के कमिक आभाष।
गाजा -बाजा बाजी रहल अछि,
धिया-पुता नाची रहल अछि।
पान-गुटका दकरैत सब शवयात्री ,
पहुँचल बुरिहिया गाछी।
एम्हर अचिया सजी रहल छल,
उम्हर तासक चौकड़ी जमी रहल छल।
किछ गोटा ऐगो कोन में,
मदिरा सेहो परैस रहल छल।
हँसी -ठिठोली सा सगरो बुरिहिया गाछी
गुइंज रहल छल चहुओर,
देखिका गिरैत मानवता के
आँखि सँ बहए लागल नोर।
जानवरों सा बत्तर बनल इंसान!
देखु-देखु हे भगवान!!
✍प्रवीण झा
[31/07, 20:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: फोटो देब काईल के अंक में प्रकाशित कोअ देब , , बहुत नीक भाई जी एई समय के शानदार प्रदर्शन केनोऊ हेअ भाई जी 🙏💐
[31/07, 20:15] Prabin Bhaiya: 🤗🙏
[31/07, 20:15] Roshan Kumar Jha, रोशन: आब लोक पार्टी मना लैय छैय
[31/07, 20:16] Prabin Bhaiya: जी
[31/07, 20:16] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏💐
[31/07, 20:16] Prabin Bhaiya: आँखिक देखल घटना आइछ
[31/07, 20:16] Prabin Bhaiya: ओकरे शब्दक रूप देबाक प्रयास छल
[31/07, 20:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: ओह
[31/07, 20:20] Roshan Kumar Jha, रोशन: बहुत नीक फोटो भाई जी 🙏💐
[31/07, 20:20] Prabin Bhaiya: 🤭😁🙏
[31/07, 21:59] Roshan Kumar Jha, रोशन: 🙏🙏🙏🙏💐





अंक - 82
जय माँ सरस्वती
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने वाली दैनिक पत्रिका
साहित्य एक नज़र अंक - 82 पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें -
https://imojo.in/Ap84Nz

https://online.fliphtml5.com/axiwx/hgir/


मात्र - 15 रुपये

अंक - 80 , 81 , 82 , 83 , 84 , 85 , 86
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/336938744735575/?sfnsn=wiwspmo

अंक - 82
31 जुलाई  2021
शनिवार
श्रावण कृष्ण 8
संवत 2078
पृष्ठ -   1
प्रमाण - पत्र -  7 - 8
कुल पृष्ठ - 9

सहयोगी रचनाकार  व साहित्य समाचार -

1.  आ. साहित्य एक नज़र 🌅
2.  आ. यथार्थ गीता उर्दू भाषा मे प्रकाशित टीका भेँट की -
3. आ. मुंशी प्रेमचंद - कलम के सिपाही।
गरीबों के साहित्यकार।  - आ. ज्योति सिन्हा जी ‌।
4. आ.  साप्ताहिक काव्य आयोजन में विदेशी रचनाकारों ने की सहभागिता* आ. राजेश पुरोहित जी , भवानीमंडी
5. आ.  लेख - मानव मूल्यों की महत्ता - आ. राजेश पुरोहित जी
6. आ. रीता झा जी , कटक,ओड़िशा , मुंशी प्रेमचंद
7.आ. Portrait sketch by शिवशंकर लोध राजपूत जी (दिल्ली), व्हाट्सप्प no.7217618716
Portrait of :उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद
8. आ.  भीम कुमार जी , गांवा, गिरिडीह, झारखंड
9. आ. रोशन कुमार झा
10. आ.सीमा रंगा जी , हरियाणा
11. आ.केशरी सिंह रघुवंशी ' हंस' जी
अशोक नगर मध्य प्रदेश
12. आ. राजीव डोगरा 'विमल' जी
13. आ. सुनिधि श्रीवास्तव जी , शुभ जन्मदिन
14. शुभ जन्मदिन , Happy Birthday , শুভ জন্মদিন
🎁🎈🍰🎂🎉🎁 🌹🙏💐🎈

आदरणीय प्रेमचंद जी
31 जुलाई 1880
141 वें जन्मोत्सव

🏆 🌅 साहित्य एक नज़र रत्न 🌅 🏆
144. आ. राजीव डोगरा 'विमल'
युवा कवि एवं लेखक, भाषा अध्यापक)
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा , कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
अंक - 82 , 31/07/2021

अंक - 80 , 81 , 82 , 83 , 84 , 85 , 86
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/336938744735575/?sfnsn=wiwspmo


अंक - 70 , 71 , 72 , 73 , 74 , 75
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 79 -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo

फेसबुक - 1

https://www.facebook.com/groups/1113114372535449/permalink/1164956207351265/

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=822033792019363&id=100026382485434&sfnsn=wiwspmo

फेसबुक - 2
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=380411576843795&id=100046248675018&sfnsn=wiwspmo

https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/339069181189198/?sfnsn=wiwspmo


हार्दिक शुभकामनाएं सह बधाई 🙏💐
रोशन कुमार झा
संस्थापक / संपादक
मो - 6290640716
साहित्य एक नज़र  , मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक पत्रिका ( मासिक ) - मंगलवार
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी - गुरुवार
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 82
Sahitya Ek Nazar
31 July ,  2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर / विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी

-----------------

आ. ज्योति झा जी
     संपादिका
साहित्य एक नज़र 🌅 मधुबनी इकाई
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
साप्ताहिक - मासिक पत्रिका

आ. डॉ . पल्लवी कुमारी "पाम "  जी
          संपादिका
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका )
साहित्य एक नज़र 🌅
कोलकाता से प्रकाशित होने
वाली दैनिक पत्रिका का इकाई


















अंक - 76
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/76-25072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/fnfv/

https://imojo.in/9omWaQ

अंक - 77
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/77-26072021.html

https://online.fliphtml5.com/axiwx/bxwm/

https://imojo.in/4o5AEs

कविता :- 20(69)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2069-26072021-77.html

अंक - 78

http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/78-27072021.html

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/650850/-78-27-2021-

https://online.fliphtml5.com/axiwx/xpkh/

http://www.surendranatheveningcollege.com/notice-for-admit-card-of-b-a-b-sc-b-com-hons-general-male-female-examination-2021/

कविता :- 20(70)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2070-27072021-78.html

अंक - 79
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/79-28072021.html

https://imojo.in/3WR4wv

https://online.fliphtml5.com/axiwx/sufi/

कविता :- 20(71)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2071-28072021-79.html

अंक - 80
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/80-29072021.html

https://imojo.in/7gM8tb

https://online.fliphtml5.com/axiwx/ftgf/

Hindi - 5
https://online.fliphtml5.com/axiwx/jkdc/

https://imojo.in/ieVZS

कविता :- 20(72)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2072-29072021-80.html

अंक - 81
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/81-30072021.html

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/818428/-81-30-2021-

https://online.fliphtml5.com/axiwx/clca/

Roll no - 2117-61-0012 , Reg no - 117-1111-1018-17 , Roshan Kumar Jha
Hindi - 6
https://online.fliphtml5.com/axiwx/pypl/

https://roshanjha1301.myinstamojo.com/product/844373/roll-no-2117-61-0012-reg-no-117-1111-1018-17-49288

University of Calcutta
Surendranath Evening college Kolkata

कविता :- 20(73)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2073-30072021-81.html

अंक - 82
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/83-31072021.html

कविता :- 20(74)

http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2074-31072021-82.html

अंक - 83

http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/83-01-2021.html

कविता - 20(75)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2075-01082021-83.html

अंक - 84
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-02-2021-146.html

कविता :- 20(76)
http://roshanjha9997.blogspot.com/2021/07/2076-02082021-84.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 1
http://vishnews2.blogspot.com/2021/04/blog-post_95.html
मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 2

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/2.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 3

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/3-2000-18052021-8.html

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान, भाग - 4
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/4-03072021-54-2046.html

सम्मान पत्र
http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/079.html

सम्मान पत्र
प्रमाण पत्र संख्या - 146

http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-2-2021-146.html


विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी , अंक - 3
https://online.fliphtml5.com/axiwx/xdai/

अंक - 59
Thanks you
https://online.fliphtml5.com/axiwx/hsua/

जय माँ सरस्वती
अंक - 70 , 71 , 72 , 73 , 74 , 75
के लिए रचनाएं व अन्य कलाओं सादर आमंत्रित -
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/330630155366434/?sfnsn=wiwspmo

सम्मान पत्र - 1 - 80
https://www.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/295588932203890/?sfnsn=wiwspmo

http://vishnews2.blogspot.com/2021/05/blog-post_24.html

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/36-15062021.html , अंक - 36

79 - 
https://m.facebook.com/groups/287638899665560/permalink/308994277530022/?sfnsn=wiwspmo
सम्मान पत्र - 79 - 145

http://vishnews2.blogspot.com/2021/06/079.html

सम्मान पत्र , प्रमाण पत्र संख्या - 146
अंक - 84 , महाकाल काव्य संग्रह
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-02-2021-146.html

, 02/08/2021 सोमवार
http://vishnews2.blogspot.com/2021/07/84-2-2021-146.html

दिनांक :- 29 जुलाई 2021 से 04 अगस्त 2021 तक
गुरुवार से बुधवार तक
16 - 20 पंक्ति से अधिक रचनाएं व बिना मतलब के स्पेस ( अंतराल ) वाली रचनाओं को स्वीकृति नहीं किया जायेगा ।
शब्द सीमा - 300 - 350
सूचना - साहित्य एक नज़र 🌅 पत्रिका में प्रकाशित करवाने हेतु सहयोग राशि -
एक रचना 16 - 20 पंक्ति अन्य विधा शब्द सीमा - ( 300 - 350 )  -  15 रुपये
एक महीना में दस अंक में दस रचनाएं
प्रकाशित करवाये मात्र - 120 रुपये में
आप किसी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भी पत्रिका के माध्यम से दे सकते है ।

State Bank of India
Account Number :- 20357163357
IFSC code : SBIN0000144
Name :- Roshan Kumar Jha
सहयोग राशि जमा कर स्कीन शार्ट व रसीद 6290640716 पर भेजें ।

आपका अपना -
✍️ रोशन कुमार झा
मो - 6290640716
संपादक / संस्थापक
साहित्य एक नज़र 🌅
मधुबनी इकाई - মিথি LITERATURE ,
मिथि लिट्रेचर साप्ताहिक - मासिक पत्रिका ( मंगलवार ),
विश्‍व साहित्य संस्थान वाणी
( साप्ताहिक पत्रिका - मासिक पत्रिका )

-----------------
कलम के सिपाही।
गरीबों के साहित्यकार।
चित्रांश शिरोमणि ।
धनपत राय श्रीवास्तव ...
जो मुंशी प्रेमचंद के नाम से जाने जाते हैं ।
   उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस के लमही नामक गांव में हुआ था।  उनकी पत्नी का नाम शिवरानी देवी जिनसे उनका विवाह 1906 में हुआ था। मुंशी प्रेमचंद और शिवरानी देवी के तीन संताने हुई ।बड़ा बेटा अमृतराय । दूसरा बेटा श्रीपतराय । और सबसे छोटी बेटी कमला देवी। मात्र 30 वर्षों के वैवाहिक जीवन व्यतीत के बाद मुंशी प्रेमचंद की धर्मपत्नी शिवरानी देवी जी का देहांत हो गया और वह 1936 में स्वर्ग गति को प्राप्त हुई। धनपत राय श्रीवास्तव मुंशी प्रेमचंद बहुत ही लोकप्रिय कहानीकार विचारक और  उपन्यासकार हुए। वे हिंदी और उर्दू के बहुत अच्छे जानकार थे।   कहते हैं उनकी माता आनंदी देवी और पिता मुंशी अजायब राय जो लमही के स्थानीय निवासी थे। उन दोनों से ही मुंशी प्रेमचंद जी को हिंदी और उर्दू की अच्छी शिक्षा मिली और आगे चलकर उन्होंने अच्छी स्कूली शिक्षा भी हासिल की। उस जमाने में भी उन्हें सेंट्रल स्कूल में पढ़ने का मौका मिला था। लेकिन फिर भी मुंशी प्रेमचंद के लेखन में हमेशा भूख , दरिद्रता,  गरीबी , दुख , आदी पढ़ने को ज्यादा मिलता है। गुलाम देश में पैदा होना और अंग्रेजों की गुलामी वाले माहौल में रहना उनके लेखन पर इसकी अमिट छाप दिखती है। मुंशी प्रेमचंद उच्च कोटि के मानव थे ।जिन्हें अपने गांव से बहुत ज्यादा प्यार था। ग्रामीण जीवन के हितेषी मुंशी प्रेमचंद ऐसी कहानीयां लिखे हैं , जिनमें गांव की जीवन उभर कर आई है। और सिर्फ पढ़ कर ही गांव दर्शन कराती है।
हमारे कलम के सिपाही की मुख्य उल्लेखनीय कार्य गोदान , कर्मभूमि , रंगभूमि , सेवा सदन , निर्मला , नमक का दरोगा आदि रहे हैं। उनकी कई उपन्यास पर भारतीय फिल्में भी बनी है। जो मुख्यत: सदगती ,  हीरा मोती , मजदूर, शतरंज के खिलाड़ी ,गोदान , बाजार ए हुस्न ,  गबन , सेवासदन , गुल्ली डंडा ,  पंच परमेश्वर आदि रहे हैं। कहते हैं कि ,1898 में ही मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद जब वह एक स्थानीय स्कूल में अध्यापक हो गये, तब 1910 में वह इंटर और 1919 में बीए की परीक्षा दे पाए। इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के बाद उन्हें स्कूलों के डिप्टी सब इंस्पेक्टर नियूक्त कर दिया गया। जहां उन्हें हिंदी सेवा करने का अच्छा वक्त मिला। इसी हिंदी की चाह में वह हिंदी के करीब चलते चले गए और एक से बढ़कर एक रचनाएं गढ़ते चले गए। नमक का दरोगा ,बेताल पच्चीसी, वतन प्रेम ,  पंच परमेश्वर, शब्द सुमन और  बाल साहित्य में कुत्ते की कहानी , जंगल के किस्से कहानी उनके द्वारा दी गई हमारे लिए अमूल्य धरोहर है। एक चित्रांश होने के नाते हमें गर्व है, गरीबों के लेखक , कलम के सिपाही , सुप्रसिद्ध विचारक लेखक उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद हम साहित्यकारों लेखकों के लिए प्रेरणा है।

✍️ ज्योति सिन्हा
मुजफ्फरपुर , बिहार


साप्ताहिक काव्य आयोजन में विदेशी रचनाकारों ने की सहभागिता*

- राजेश पुरोहित,भवानीमंडी
डिब्रुगढ़(असम):-हिन्ददेश परिवार की प्रयागराज इकाई में आयोजित साप्ताहिक काव्य आयोजन "प्रार्थना में शक्ति है" में bosnia-herzegovina के युवा कवि आ. Amb Maid Corbic ने अपनी रचना भेज कर  भाग लिया। युवा कवि Corbic अत्यन्त प्रसन्न और उत्साहित हैं।  प्रयागराज इकाई के अध्यक्ष श्री हंसराज सिंह "हंस" जी ने बताया कि Corbic हिंदी नहीं जानते हैं। इसलिए उन्होंने अपनी रचना अंग्रेजी में लिखा है। उनकी रचना निम्नलिखित है -
#Respectfull Naman Manch
#Hind Country Family Prayagraj Unit
#Topic: The Power Of Prayer
#Date: 10/07/2021 - 12/07/2021
#Title: Prayer For Everyone
___________________________

I would like to meet people
Who share happiness always
And sadness remove ince again
For all of their life!

I want to meet new people
Whi have feelings to touch
Soul cultivated once again
And last time to have changes

Across the globe, once again
People will be connected always
When you least expected
I am proud to myself once again

Pray for everyone and my prayers
Will keep last time when I die
People will celebrate my happiness
And my happiness is always presented!
              हिंददेश परिवार की अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं संस्थापिका  डॉ. अर्चना पाण्डेय "अर्चि " जी एवं प्रयागराज इकाई के अध्यक्ष श्री हंसराज सिंह "हंस" के संयुक्त हस्ताक्षरों से निर्गत सम्मान पत्र प्रदान कर श्री Corbic को सम्मानित किया गया। श्री Corbic  ने मैसेंजर के माध्यम से बताया कि वह भविष्य में भी नियमित रूप से साहित्यिक आयोजनों में भाग लेते रहेंगे।

मुंशी प्रेमचंद

शुभ दिन था वो इक्कतीस
जुलाई स्थान थी लमही, उत्तर प्रदेश,
डाक मुंशी अजायब राय के घर
पैदा होकर आया एक रत्न।
बालक था कुशाग्र बुद्धि व
परिचय बनाया मानो है सरस्वती पुत्र।
माता आनंदी देवी का साया सिर से उठा ,
उम्र थी जब महज सात।
पिताजी ने विवाह करवा दिया
बेटे का जब उम्र थी पंद्रह साल।
साया सिर से पिता का भी
उठ गया जैसे ही किया सोलह पार।।
संघर्षमय बहुत रहा प्रारंभिक
जीवन पैनी की जिसने कलम की धार!
धनपत राय श्रीवास्तव उर्दू व
फारसी से आ पहुंचे हिंदी पर।
अध्यापन से बढ़ते बढ़ते बन
गए डिप्टी सब इंस्पेक्टर।
हिंदी प्रेम ने साथ न छोड़ा
लिखते गए कथा अनेक प्रकार।
नाम मुंशी प्रेमचंद अपनाकर,
उपन्यास जगत में लाए क्रांति अपार।
'सेवासदन' से पहुँचे
'प्रेमाश्रम', दिलाया 'निर्मला' को सम्मान।
'गबन' करने वाले संग
'रंगभूमि' पहुंचे, कर डाला 'गोदान'।
लेखनी ने जब कहना शुरू किया
लिखे कहानी एक से बढ़कर एक।
'आँसुओं की होली' खेलकर
'आहुति' अपने 'अभिलाषा' की दी।
'अमावस्या की रात्रि' को
'इज्जत का खून' होता देखा।
'अमृत' सम उपदेश दिया उद्धार
'घरजमाई' का करके 'जादू' चलाया।
'ईदगाह' से निकल कर सबको
'ठाकुर के कुआँ ' का पानी पिलाया।
'पंच परमेश्वर' का न्याय दिया,
मूल्य 'कर्मों के फल' का बताया।
'नैराश्य', 'पछतावा', 'प्रतिशोध'
हम दुर्गुण दिखाए 'पाप का अग्निकुंड'।
उपन्यास सम्राट प्रेमचंद जी
साहित्य व संसार को
१९३६ में अलविदा कह गए।

✍️ रीता झा
कटक,ओड़िशा

इंतजार प्रेमचंद के जन्मदिवस का

बेसब्री से इंतजार था 31 जुलाई का
पावन दिवस वो जन्मदिन प्रेमचंद का।
लेखनी के जादूगर थे, थे
वो कलम के सिपाही
बनारस में जन्म हुआ,
गांव था उनका लमही।
शोषित, पीड़ित,
दलित जनों को जगाया
अंधविश्वास , पाखंड के विरुद्ध उठाई
कलम की छड़ी।
स्वर्णिम दिन था आज की घड़ी
एक अध्याय उसमें और जुड़ी।
सभागार था गिरिडीह सर जे सी बोस का
बैठ कक्ष में सभी हो रहे थे बेकरार
कुछ ही क्षण में हुआ आगमन
डी.ओ.,डी.एस.ई.,जनप्रतिनिधि साथ में
बंटा नियुक्ति पत्र नवनियुक्त
हिंदी शिक्षकों को हाथों ही हाथ में।
इधर सभी हिन्दी साहित्य सम्राट को
कर रहे थे याद
खत्म हुआ भीम इन्तजार की घड़ी
मिली सभी को खुशियों की सौगात ।

✍️   भीम कुमार
गांवा, गिरिडीह, झारखंड

Portrait sketch by शिवशंकर लोध राजपूत (दिल्ली), व्हाट्सप्प no.7217618716
Portrait of :उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद

वाराणसी में जन्में धनपतराय ,मुंशी प्रेमचंद की आज जयंती है। उपन्यास सम्राट, कहानीकार, व नवाब राय को शत शत नमन है।🙏🙏

हिंदी

प्राचीन से भी प्राचीन है
हमें जिस पर नाज है
बोले जिसको बच्चा ,बूढ़ा ,जवान
विदेशों तक जिसका डंका बाजे
वह हमारी भाषा हिंदी है
प्राचीन से भी प्राचीन है
समाया है जिसने अपने
अंदर प्यार सबके लिए
अंग्रेजी ,उर्दू फारसी ,
अरबी सभी को मिला लेती है
मां की ममता सी प्यारी है
प्राचीन से भी प्राचीन है
संस्कृत,मैथिली सब को
अपने अंदर समाया है
संस्कृत के कठिन शब्दों को
हिंदी में लाकर आसान बनाया है
प्राचीन से भी प्राचीन है
तभी 14 सितंबर को ,हिंदी
दिवस मनाया जाता
चीन ,अमेरिका ,रूस ,जर्मनी में
धूम मचाई है प्राचीन से भी प्राचीन है

✍️ सीमा रंगा
हरियाणा

कुछ इस तरह

हम बिखरगे
कुछ इस तरह
कि तुम संभाल
भी न पाओगे।
हम टूटेंगे
कुछ इस तरह
तुम जोड़ भी न पाओगे।
हम लिखेंगे
कुछ इस तरह
कि तुम समझ
भी न पाओगे।
हम सुनाएंगे दास्तां
कुछ इस तरह
कि तुम कुछ कह कर भी
न कह पाओगे।
हम जाएंगे इस जहां से
कुछ इस तरह
कि तुम्हारे बुलाने पर भी
कभी लौटकर न आएंगे।

✍️ राजीव डोगरा 'विमल'
युवा कवि एवं लेखक
(भाषा अध्यापक)
गवर्नमेंट हाई स्कूल ठाकुरद्वारा
कांगड़ा हिमाचल प्रदेश
9876777233
rajivdogra1@gmail.com

मौलिकता प्रमाण पत्र
मेरे द्वारा भेजी रचना मौलिक तथा स्वयं रचित है जो कहीं से भी कॉपी पेस्ट नहीं है।


नमन 🙏 :- साहित्य एक नज़र 🌅
कविता :-  प्रेमचंद

हिन्द , हिन्दी से
आपका बड़ा सम्बन्ध है ,
साहित्य जगत में आपका
दिया हुआ सुगंध है ।
जनता की दुख दर्द लिखें
उनके लिए भी तो ठंड है ,
आज आपकी जन्मोत्सव
कलम के सिपाही आप
प्रेमचंद है ।।

✍️  रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज,कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :- 6290640716, कविता :- 20(74)
रामकृष्ण महाविद्यालय, मधुबनी , बिहार
31/07/2021 ,  शनिवार
, Roshan Kumar Jha ,
রোশন কুমার ঝা
साहित्य एक नज़र  🌅 , अंक - 82
Sahitya Ek Nazar
31 July 2021 ,  Saturday
Kolkata , India
সাহিত্য এক নজর
विश्‍व साहित्य संस्थान / साहित्य एक नज़र 🌅
মিথি LITERATURE , मिथि लिट्रेचर
Part - 3 Exam
Roll no - 2117-61-0012 , Reg no - 117-1111-1018-17 , Roshan Kumar Jha
Hindi - 7
University of Calcutta
Surendranath Evening college , Kolkata





लेख - मानव मूल्यों की महत्ता -

   मानव सृष्टि का सबसे खूबसूरत विकसित मस्तिष्क वाला जीव ईश्वर की अनमोल कृति है। जो सोचता है बोलता है गति करता है नित नये विकास की ओर बढ़ता हैं। वह परिश्रम कर सफलता प्राप्त करता है  विज्ञान और तकनीकी के इस युग मे मनुष्य ने अपनी नई पहचान बनाई है। आज का मनुष्य भौतिकता की अंधी दौड़ में लगा है। वह भौतिक विलासिता के अधिक से अधिक साधनों को जुटाने में लगा है  लेकिन मानव मूल्यों को भूलता जा रहा है  धन येन केन प्रकारेण एकत्रित करने के लिए वह इंसानियत की हद को पार कर हैवानियत पर उतर आता है।
  मर्यादा त्याग समर्पण दया सहयोग सहानुभूति करुणा सेवा जैसे मानव मूल्य शने शने समाप्त होते जा रहे हैं। मनुध्य खुदगर्ज़ हो गया। अपनी मतलबपरस्ती में मस्त रहने लगा है  अनर्गल गतिविधयों में खुद को व्यस्त कर दुनिया के सामने झूँठी व्यस्तता के मायावी जाल में फंस कर रह गया है  हमारे मानव मूल्यों का हास चिंताजनक है। सब कुछ पा लेने का अर्थ धन दौलत बटोटना तो नहीं होता है न।  हम देखते हैं परिवारों में रिश्तों के भीतर अब पहले जैसा अपनत्व नहीं मिलता। घरों में दीवारें बनने लगी है। नफरत की इन दीवारों को बनने से रोकना होगा। तभी घर मन्दिर सा लगेगा।
  मूल्य हमें परिवार में बुजुर्गों से मिलते हैं। उनके द्वारा प्रदत्त शिक्षाओं को ही हम जीवन मे अंगीकार करते हैं। किसी भी व्यक्ति का कार्य व व्यवहार मानव मूल्यों पर आधारित होता है।बचपन से घर परिवार का वातावरण संस्कार ही मानव मूल्य सिखाता है।बचपन से माता पिता शिक्षक मानव मूल्य सिखाते हैं। अच्छे मां मूल्य रखने वाले मनुष्य को विश्वसनीय माना जाता है। समाज मे उसका सम्मान होता है  लोग उसे अपना आदर्श मानने लगते हैं।मनुध्य के चरित्र व व्यक्तित्व के विकास में मानव मूल्यों का होना आवश्यक है।
  मानव मूल्य व्यक्ति के व्यवहार स्वभाव और जीवन का आईना है। व्यक्ति की सकारात्मक सोच तभी। अच्छी होती है जब उसमें मानवीय मूल्य हो। जो औरों के कल्याण की सोचता हो। ऐसे व्यक्ति प्रेम से रहते हैं उनके जीवन मे खुशहाली व आनंद की वृष्टि होती है। ऐसे व्यक्ति आर्मविश्वासी होते हैं। सबको एकता में बांधे रखते हैं।

✍️ डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित
कवि,साहित्यकार
98,पुरोहित कुटी,श्रीराम कॉलोनी
भवानीमंडी, जिला झालावाड
राजस्थान



गीत -आँसू

हेमाद्री  की शापित धरती ,नारी आंँसू  का ढेला है।
दारुण विरहा महा ताप को, नारी  ने ही झेला है।।
यशोधरा का आंँगन सूना, गौतम बुद्ध गए तप  को ,
बिना बताए घर से निकले, अंतस ज्योति जलाने को,
पत्नी सुत को छोड़ अकेले, खुद अपनी देह तपाने को,
विरह वेदना  नारी सहती, छोड़ी  रीत निभाने को,
सदियों से अब तक  ऐसा ही, चलता आया रेला है।
दारुण विरहा महा ताप को ,नारी ने ही झेला है।।
नर- मादा के संयोजन से, परंपरा आगे बढ़ती,
पीढ़ी- दर -पीढ़ी चलती  है नूतन देह ढला करती,
सृष्टि- सेतु! अवरोधक बनकर, स्वामी सुख क्या पाओगे,
आसक्ति नही!प्राण वल्लभा, कितना मुझे रुलाओगे,
इतर सोचता है हर प्राणी, अदभुत जग का मेला है।
दारुण विरहा महा ताप को,नारी ने ही झेला है।।
जिस धारा मेंआप बहे है, मैं भी उसमें बह जाऊंँगी,
झंगाअरु कौपीन पहनकर,भगवन!  ध्यान लगाऊंँगी,
शौणित राहुल का बैरागी,  शादी न करने  दूँगी,
क्रंदन पीड़ा तिरस्कार सहा, आंँसू नहीं  बहाउंँगी,
निर्णय लेने की क्षमता दो,बडी़ कठिन प्रभु वेला है।
दारुण विरहा महा ताप को, नारी ने ही झेला है।।

✍️ केशरी सिंह रघुवंशी ' हंस'
अशोक नगर मध्य प्रदेश

*यथार्थ गीता उर्दू भाषा मे प्रकाशित टीका भेँट की*

भवानीमंडी:- राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भेसानी जिला झालावाड राजस्थान के शिक्षक  मदार अली मन्सूरी के सेवानिवृति पर उन्हें राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के लोलड़ा के प्रधानाध्यापक जगदीश चन्द्र शर्मा ने परमहंस स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज द्वारा लिखित यथार्थ गीता की उर्दू भाषा मे प्रकाशित टीका भेंट की। मानव धर्म शास्त्र यथार्थ गीता एकता भाईचारा को बढ़ाती है। यह मानव धर्म शास्त्र है जिसे विश्व धर्म संसद द्वारा पारित है।
   इस अवसर पर पी ई ई ओ राजकुमार विक्रम गोविंद टेलर सहित भेसानी पी ई ई ओ के सभी विद्यालयों के शिक्षक शिक्षकाएँ मौजूद रही।




रोशन कुमार झा




Popular posts from this blog

कविता :- 19(89)

कविता :- 16(77), 16(75),:- 16(76)

कविता :- 18(61),18(60), 18(59) ,18(58)